धौलपुर जिले का संपूर्ण विवरण
धौलपुर जिला राजस्थान का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जिला है, जिसे “लाल पत्थर की नगरी” भी कहा जाता है। यह जिला अपने प्राचीन किलों, महलों और प्राकृतिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
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भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 26.70° N, 77.90° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 3,033 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में उत्तर प्रदेश (आगरा जिला)
- दक्षिण में करौली जिला
- पूर्व में मध्य प्रदेश (मुरैना जिला)
- पश्चिम में भरतपुर जिला
- जलवायु:
- गर्मियों में तापमान 48°C तक और सर्दियों में 4°C तक गिर सकता है।
प्रशासनिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- स्थापना: तोमर वंशीय राजा धवलदेव द्वारा
- जिला गठन: 15 अप्रैल 1982 (राजस्थान का 27वां जिला)
- उपनाम:
- सूर्योदय की नगरी
- धवलपुरी
- रेड डायमंड सिटी
- कोठी
- शुभंकर: पंचीरा
- आकृति: बत्तख के समान
- भौगोलिक विशेषता:
- राजस्थान का सबसे पूर्वी जिला
- चंबल नदी के किनारे स्थित
- पतझड़ वनस्पति पाई जाती है
परिवहन एवं जल संसाधन
- राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-23, NH-123, NH-44
- प्रमुख नदियाँ:
- उंटगन नदी
- चंबल नदी (स्थानीय नाम: डाँग)
- परवन नदी
ऐतिहासिक स्थल एवं स्मारक
- धौलपुर दुर्ग:
- परवन नदी के किनारे स्थित
- राव मालदेव द्वारा निर्मित
- शेरशाह सूरी द्वारा जीर्णोद्धार
- शेरगढ़ किला:
- जोधपुर के राजा मालदेव द्वारा निर्मित
- शेरशाह सूरी द्वारा पुनर्निर्माण (1540 ई.)
- धौलपुर के प्रथम राजा कीरत सिंह की राजधानी
- खानपुर महल (1622 ई.):
- जहाँगीर के मनसबदार सुलेह खाँ द्वारा शाहजहाँ के लिए निर्मित
- तालाब-ए-शाही झील के निकट
- घंटाघर (निहाल टॉवर):
- 8 मंजिला विशिष्ट संरचना
- 1880-1910 के बीच निर्मित
- 600 किग्रा भारी घंटा (इंग्लैंड निर्मित)
धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थल
- मचकुण्ड:
- “तीर्थ स्थलों का भाँजा” के नाम से प्रसिद्ध
- गुरु हरगोविंद सिंह द्वारा शेर शिकार स्थल
- शेर शिकार गुरुद्वारा स्थित
- वन विहार एवं रामसागर अभयारण्य:
- रीछ, हिरण, नीलगाय, बारहसिंघा आदि वन्यजीव
- चंबल राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य:
- राजस्थान, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना
आर्थिक एवं औद्योगिक महत्व
- धौलपुर स्टोन:
- विश्व प्रसिद्ध लाल पत्थर
- राष्ट्रपति भवन सहित कई मुगलकालीन इमारतों में प्रयुक्त
- काँच उद्योग:
- द हाईटेक प्रिसीजन ग्लास फैक्ट्री (राज्य की पहली)
- धौलपुर ग्लास फैक्ट्री (निजी क्षेत्र)
- खनिज संसाधन:
- लौह अयस्क
- बालू पत्थर
सांस्कृतिक विरासत
- लोक कला:
- भेंट ख्याल
- हेला ख्याल
- कन्हैया लाल लोकनाट्य
- प्रमुख व्यक्तित्व:
- नारायण सिंह बैगनियाँ (24 इंच कद के लोक संगीतज्ञ)
- कन्हैया लाल गोयल (“शेर-ए-धौलपुर”)
- टीकाराम पालीवाल (राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री)
शैक्षणिक संस्थान
- सैनिक स्कूल:
- 1962 में स्थापित
- तत्कालीन रक्षा मंत्री वी.के. कृष्ण मैनन द्वारा नींव रखी गई
विशेष तथ्य
- राजनीतिक इतिहास:
- धौलपुर रियासत भारतीय संघ में शामिल होने वाली अंतिम रियासत
- 1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका (27 अक्टूबर 1857)
- सिक्के:
- तमंचाशाही सिक्कों का प्रचलन
- पर्यटन सर्किट:
- राष्ट्रीय राजधानी सर्किट
- ब्रज भूमि सर्किट में शामिल
- वनस्पति:
- बाबरनामा में वर्णित कमल के फूलों का बाग
धौलपुर जिला अपनी ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक संपदा और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का लाल पत्थर, ऐतिहासिक किले और चंबल नदी का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के मुख्य आकर्षण हैं। राजस्थान में सूर्योदय का प्रथम साक्षी बनने का गौरव और काँच उद्योग में विशिष्ट स्थान रखने के कारण यह जिला राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। साथ ही, गुरु हरगोविंद सिंह और शेरशाह सूरी से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएँ इसकी गौरवशाली परंपरा को दर्शाती हैं।