उदयपुर जिले का संपूर्ण विवरण
उदयपुर, जिसे “झीलों की नगरी” और “पूर्व का वेनिस” कहा जाता है, राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह अपनी खूबसूरत झीलों, महलों, ऐतिहासिक धरोहरों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
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जिले का पुनर्गठन
- सलूंबर जिला बनने के बाद उदयपुर जिले का पुनर्गठन हुआ। अब उदयपुर जिले में 11 उपखंड और 16 तहसीलें शामिल हैं।
- उपखंड: गिर्वा, बड़गाँव, कोटड़ा, गोगुंदा, झाड़ोल, मावली, ऋषभदेव, वल्लभनगर, भींडर, खैरवाड़ा, नयागाँव।
- तहसील: गिर्वा, कुराबड़, बड़गाँव, कोटड़ा, गोगुंदा, सायरा, झाड़ोल, फलासिया, मावली, घासा, ऋषभदेव, वल्लभनगर, भींडर, कानोड़, खैरवाड़ा, नयागाँव।
भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 24.5854° N, 73.7125° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 11,724 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में राजसमंद
- पूर्व में चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़
- दक्षिण में बांसवाड़ा और डूंगरपुर
- पश्चिम में सिरोही और पाली
- जलवायु:
- गर्मी में तापमान 42°C तक और सर्दियों में 5°C तक गिर सकता है।
उदयपुर के उपनाम
- पूर्व का वेनिस: झीलों और पानी के नज़ारों के कारण।
- राजस्थान का कश्मीर: प्राकृतिक सुंदरता के लिए।
- झीलों की नगरी: कई प्रसिद्ध झीलों के कारण।
- लैक ऑफ सिटी: झीलों से घिरे शहर के रूप में।
- सैलानियों का स्वर्ग: पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र।
- फाउंटेन एवं माउंटेन सिटी: पहाड़ियों और फव्वारों के लिए।
- व्हाइट सिटी: सफेद संगमरमर की इमारतों के कारण।
राष्ट्रीय राजमार्ग
- उदयपुर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग:
- राष्ट्रीय राजमार्ग 27: रुद्रपुर (उत्तराखंड) से पोरबंदर (गुजरात) तक।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 48: बेंगलुरु (कर्नाटक) से दिल्ली तक।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 58: दिल्ली से मुंबई तक।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 76ए: पिंडवाड़ा (राजस्थान) से अहमदाबाद (गुजरात) तक।
मुख्य नदियाँ
- साबरमती: उदयपुर जिले की पदराड़ा की पहाड़ियों से निकलती है।
- सोम: बीछामेड़ा की पहाड़ियों से निकलती है, उदयपुर और डूंगरपुर के बीच सीमा बनाती है।
- आयड़ (बेड़च): गोगुंदा की पहाड़ियों से निकलती है।
उदयपुर जिले के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र
भोराठ का पठार
- स्थान: उदयपुर के कुंभलगढ़ और गोगुंदा के मध्य स्थित पठारी भाग।
- विशेषता: यह पठार अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र पहाड़ियों और घाटियों से घिरा हुआ है, जो इसे एक विशिष्ट भूगोल प्रदान करता है।
गिरवा
- स्थान: उदयपुर शहर के चारों ओर की पहाड़ियाँ।
- विशेषता: उदयपुर की आकृति एक तश्तरीनुमा बेसिन जैसी है, जिसे स्थानीय भाषा में गिरवा कहा जाता है। यह पहाड़ियाँ शहर को प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करती हैं और इसकी सुंदरता को बढ़ाती हैं।
देशहरो
- स्थान: उदयपुर में जरगा और रागी पहाड़ियों के बीच का क्षेत्र।
- विशेषता: यह क्षेत्र सदा हरा-भरा रहने के कारण देशहरो कहलाता है। यहाँ की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य इसे एक आकर्षक स्थल बनाते हैं।
मगरा
- स्थान: उदयपुर का उत्तरी-पश्चिमी पर्वतीय भाग।
- विशेषता: यह क्षेत्र अपने ऊबड़-खाबड़ और पहाड़ी भूभाग के लिए जाना जाता है। इसे मगरा कहा जाता है और यह उदयपुर के प्राकृतिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रमुख तथ्य
- सर्वाधिक नदियों के उद्गम वाला संभाग: उदयपुर संभाग में कई नदियों का उद्गम स्थल है।
- अरावली पर्वतमाला का सर्वाधिक विस्तार: उदयपुर जिले में अरावली पर्वतमाला का सबसे बड़ा हिस्सा है।
- उदयपुर जिले का शुभंकर: बिज्जु (एक पक्षी)।
- राज्य में सर्वाधिक वन क्षेत्र: उदयपुर जिले में राजस्थान का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है।
- 1559 में स्थापना: महाराणा उदयसिंह ने उदयपुर शहर की स्थापना की।
- राजस्थान के एकीकरण में भूमिका: 18 अप्रैल 1948 को उदयपुर को संयुक्त राजस्थान की राजधानी बनाया गया।
- मेवाड़: राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासत, जिसकी राजधानी उदयपुर थी।
प्रमुख स्थल
- पिछोला झील:
- राणा लाखा के शासनकाल में निर्मित।
- झील में जगनिवास महल और जगमंदिर महल स्थित हैं।
- शाहजहाँ ने विद्रोह के दौरान जगमंदिर महल में शरण ली थी।
- झील के किनारे दूध तलाई तालाब स्थित है।
- शिल्पग्राम:
- फतहसागर झील के पास स्थित एक कृत्रिम गाँव।
- यहाँ विभिन्न राज्यों की कला और संस्कृति का प्रदर्शन होता है।
- नागदा:
- यहाँ सास बहू का मंदिर स्थित है, जो अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
- आहड़:
- बनास और आहड़ नदियों की घाटियों में सिंधु सभ्यता के समकालीन अवशेष मिले हैं।
- केसरियानाथजी का मंदिर, एकलिंगजी का मंदिर, सहेलियों की बाड़ी:
- ये स्थल उदयपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।
सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व
- राजस्थान साहित्य अकादमी:
- 1958 में स्थापित, यह संस्था साहित्य के विकास और प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है।
- फुलवारी की नाल अभयारण्य:
- यहाँ से मानसी-वाकल जल सुरंग निकलती है, जो जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण है।
- राज्यगीत: केसरिया बालम:
- इस गीत को सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई द्वारा गाया गया था।
- स्वामी दयानंद सरस्वती:
- उदयपुर में सज्जनगढ़ पैलेस में बैठकर उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश और वेद भाष्य जैसे ग्रंथों की रचना की।
- मोहनलाल सुखाड़िया:
- उदयपुर को उनकी कर्मस्थली माना जाता है। वे चार बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे और आधुनिक राजस्थान के निर्माता कहलाते हैं।
- डॉ. दौलतसिंह कोठारी:
- प्रसिद्ध शिक्षाविद और वैज्ञानिक, जिन्होंने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- माणिक्यलाल वर्मा:
- उन्हें मेवाड़ का गाँधी कहा जाता है। उन्होंने मेवाड़ का वर्तमान शासन पुस्तक लिखी और पंछीड़ा गीत की रचना की।
मंदिर एवं धार्मिक स्थल
- एकलिंग जी का मंदिर:
- 734 ई. में बप्पा रावल द्वारा निर्मित।
- मेवाड़ के राजा एकलिंगजी को अपना इष्टदेव मानते थे।
- ऋषभदेव मंदिर:
- जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ जी का मंदिर।
- काले पत्थर की मूर्ति के कारण इसे कालाजी भी कहा जाता है।
- जगदीश मंदिर:
- जगतसिंह प्रथम द्वारा निर्मित, सपनों में बना मंदिर कहलाता है।
- यह मंदिर 50 खंभों पर स्थित है।
- ईडाणा माता मंदिर:
- बंबोरा, उदयपुर में स्थित, यह मंदिर अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है।
ऐतिहासिक महल एवं संरचनाएँ
- सिटी पैलेस:
- महाराणा उदयसिंह द्वारा निर्मित, यह पिछोला झील के किनारे स्थित है।
- इतिहासकार फर्ग्यूसन ने इसे राजस्थान के विंडसर महल की संज्ञा दी।
- सज्जनगढ़ पैलेस:
- 1884 में महाराणा सज्जन सिंह द्वारा निर्मित, इसे मानसून पैलेस भी कहा जाता है।
- यह एक प्रसिद्ध सन-सेट पॉइंट है।
- बागोर की हवेली:
- 18वीं सदी में निर्मित, यहाँ विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी रखी हुई है।
- यह हवेली पिछोला झील के किनारे स्थित है।
- जगमंदिर पैलेस:
- कर्णसिंह द्वारा आरंभ और जगतसिंह प्रथम द्वारा पूर्ण किया गया।
शिक्षा एवं अनुसंधान
- मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय:
- 1962 में स्थापित, यह राजस्थान का पहला विश्वविद्यालय है जहाँ यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया।
- महाराणा प्रताप कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय:
- 1962 में स्थापित, यह कृषि अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध है।
- राज्य की पहली जनजाति बालक हॉकी अकादमी:
- उदयपुर में स्थापित, यह जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करती है।
- ज्वार अनुसंधान शोध केन्द्र:
- उदयपुर में स्थित, यह ज्वार की नई किस्मों के विकास पर कार्य करता है।
वन्यजीव एवं प्रकृति
- सज्जनगढ़ अभयारण्य:
- 1987 में स्थापित, यह राजस्थान का दूसरा छोटा वन्यजीव अभयारण्य है।
- यहाँ 12 अप्रैल 2015 को राज्य का प्रथम जैविक उद्यान स्थापित किया गया।
- उदयपुर जंतुआलय:
- 1878 में स्थापित, यह जंतुआलय विभिन्न प्रजातियों के जानवरों का घर है।
- तितली पार्क:
- राजस्थान का प्रथम बटरफ्लाई पार्क, जहाँ तितलियों की 100 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- जैव विविधता पार्क:
- गमधर वन क्षेत्र में स्थित, यह पार्क जैव विविधता के संरक्षण के लिए समर्पित है।
प्राचीन शिलालेख एवं प्रशस्तियाँ
- जगन्नाथ राय प्रशस्ति (1652 ई.):
- यह प्रशस्ति उदयपुर के जगन्नाथराय (जगदीश) मंदिर में उत्कीर्ण है।
- इसमें इसके रचयिता कृष्ण भट्ट का उल्लेख है।
- त्रिमुखी बावड़ी की प्रशस्ति (1675 ई.):
- यह प्रशस्ति उदयपुर के पास देबारी स्थित त्रिमुखी बावड़ी पर उत्कीर्ण है।
- सारणेश्वर प्रशस्ति (953 ई.):
- यह प्रशस्ति उदयपुर के सारणेश्वर शिवालय में संस्कृत भाषा और नागरी लिपि में उत्कीर्ण की गई है।
- इसमें केवल छ: पंक्तियाँ हैं।
- नाथ प्रशस्ति (971 ई.):
- यह लेख उदयपुर के लकुलीश मंदिर से प्राप्त हुआ है।
- अपराजित का शिलालेख (661 ई.):
- यह लेख नागदा गाँव के निकटवर्ती कुंडेश्वर मंदिर की दीवार पर उत्कीर्ण था।
- वर्तमान में यह उदयपुर के विक्टोरिया हॉल संग्रहालय में स्थित है।
- सांमोली शिलालेख (646 ई.):
- यह शिलालेख मेवाड़ के दक्षिण में स्थित तहसील सांमोली गाँव (उदयपुर) से प्राप्त हुआ है।
- चीरवा का अभिलेख (1273 ई.):
- यह शिलालेख उदयपुर के चीरवा गाँव में एक मंदिर के बाहरी द्वार पर नगरी लिपि में उत्कीर्ण है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- मेवाड़ चित्रशैली:
- राजस्थान चित्रकला की जननी, इस शैली का प्रथम चित्रित ग्रंथ श्रावक प्रतिकर्मण सूत्र चूर्णि है।
- नागदा:
- मेवाड़ के राजाओं की प्राचीन राजधानी, यहाँ सास बहू का मंदिर स्थित है।
- गोगुन्दा:
- महाराणा प्रताप का प्रथम राज्याभिषेक यहाँ हुआ था।
- यह मेवाड़ के महाराणाओं की आपातकालीन राजधानी रहा है।
- जावर:
- सीसा-जस्ता और चाँदी का उत्पादन होता है।
- राणा लाखा के समय यहाँ चाँदी की खान प्राप्त हुई थी।
- राजस्थान की प्रथम कमर्शियल बॉयोडीजल रिफाइनरी:
- झामर कोटड़ा, उदयपुर में स्थित।
प्रमुख व्यक्तित्व
- मोतीलाल तेजावत:
- आदिवासियों के मसीहा, उन्होंने वनवासी संघ की स्थापना की।
- सुहानी शाह:
- देश की प्रथम महिला जादूगर, जो मनोविज्ञान की ट्रिक्स से माइंड रीडिंग करती है।
- भक्ति शर्मा:
- इंग्लिश चैनल पार करने वाली राजस्थानी महिला, जिसे जलपरी के नाम से जाना जाता है।
- लिंबाराम:
- तीन बार ओलम्पियन और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित, उदयपुर जिले की झाड़ोल तहसील के रहने वाले।
उदयपुर जिला: अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य
खनिज संपदा
- एस्बेस्टोस: ऋषभदेव, खेरवाड़ा, और सलूंबर से प्राप्त होता है।
- रॉक फॉस्फेट: झामर कोटड़ा से उत्पादित होता है।
- हरे रंग का संगमरमर: उदयपुर जिले से प्राप्त होता है।
प्राकृतिक विविधता
- शाखा युक्त खजूर: झाड़ोल तहसील में पाए जाते हैं।
- पीला पलाश: झाड़ोल तहसील में पाया जाता है। पलाश अपने लाल सुर्ख फूलों के लिए प्रसिद्ध है, जिसे जंगल की ज्वाला भी कहा जाता है।
ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व
- राजमहलों की सुंदरता: प्रसिद्ध इतिहासकार प्रदूषण ने उदयपुर के राजमहलों को विंडसर महलों की संज्ञा दी है।
- उदयपुर की आकृति: ऑस्ट्रेलिया के समान है।
प्रौद्योगिकी एवं नवाचार
- सौर ऊर्जा से संचालित नाव: सितंबर 1997 में पिछोला झील में चलाई गई, जो विश्व में पहली बार थी।
- सौर दूरबीन वैद्यशाला: भारत की सबसे बड़ी सौर दूरबीन उदयपुर जिले में स्थित है।
- डिजिटल मैप: देश का पहला डिजिटल मैप उदयपुर जिले का बनेगा।
- ह्यूमन एनाटॉमी पार्क: देश का पहला ह्यूमन एनाटॉमी पार्क उदयपुर जिले में है।
- मार्शल आर्ट विश्वविद्यालय: देश और राजस्थान का पहला मार्शल आर्ट विश्वविद्यालय उदयपुर जिले में है।
जल संसाधन
- जयसमंद झील: विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक है।
- मानसी वाकल जल सुरंग: राजस्थान की सबसे बड़ी जल सुरंग, जो उदयपुर नगर की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करती है।
संग्रहालय एवं विरासत
- विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी: बागोर की हवेली में स्थित संग्रहालय में रखी गई है।
- शिल्पग्राम: राजस्थान का पहला शिल्पग्राम हवाला गाँव, उदयपुर में स्थित है।
शिक्षा एवं अनुसंधान
- राजीव गांधी ट्राईबल यूनिवर्सिटी: जलगांव (उदयपुर) में स्थित है।
- राजस्थान साहित्य अकादमी: 28 जनवरी 1958 को स्थापित, जो मासिक पत्रिका मधुमति का प्रकाशन करती है और मीरा पुरस्कार प्रदान करती है।
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद: उदयपुर जिले में मुख्यालय।
- माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान: उदयपुर जिले में स्थित।
- राजस्थान राज्य खान एवं खनिज विकास निगम: उदयपुर जिले में स्थित।
उद्योग एवं व्यापार
- हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड: 10 जनवरी 1966 को भारत सरकार द्वारा ब्रिटेन के सहयोग से उदयपुर के देबारी गाँव में स्थापित।
- उदयपुर कॉटन मिल्स: 1961 में स्थापित, 2006 में बंद कर दी गई।
- उदयपुर शुगर मिल: 1976 में स्थापित, एक निजी क्षेत्र की चीनी मिल।
- जिंक स्मेल्टर कारखाना: उदयपुर के देबारी गाँव में स्थित।
- जेके सीमेंट का कारखाना: 1970 में उदयपुर के डबोक में स्थापित।
- हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड: उदयपुर में स्थापित।
कृषि एवं पशुपालन
- भैंस प्रजनन केंद्र: वल्लभनगर (उदयपुर) में महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित।
सांस्कृतिक उत्सव
- मेवाड़ महोत्सव: वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है।
राजस्थान में उदयपुर जिले की प्रथमता
- पहला तार घर: 22 फरवरी 1895 में उदयपुर जिले में स्थापित।
- पहली महिला कोर बैंकिंग बैंक: उदयपुर जिले में स्थापित।
- पहली डेंटल कॉलेज, मत्स्य अभयारण्य, दुग्ध डेयरी महाविद्यालय, योग कॉलेज, डे केयर सेंटर: उदयपुर जिले में स्थित।
- पहला डिजिटल विश्वविद्यालय: महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्थापित।
- पहली हेल्दी फूड स्ट्रीम: देश और राजस्थान की पहली हेल्दी फूड स्ट्रीम उदयपुर जिले में।
- पहली एनसीसी अकैडमी: डबोक (उदयपुर) में स्थापित।
राजस्थान में उदयपुर जिले की सर्वाधिकता
- सर्वाधिक वन क्षेत्र: उदयपुर जिला।
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजातियों की संख्या: उदयपुर जिला।
- सर्वाधिक बायोगैस संयंत्र: उदयपुर जिला।
- सर्वाधिक पंचायत समितियाँ: उदयपुर जिला।
- सर्वाधिक नगरीय साक्षरता प्रतिशत: उदयपुर जिला।
- सर्वाधिक अभयारण्य: उदयपुर जिला।
- सर्वाधिक ग्राम पंचायत: उदयपुर जिला।
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