भारत की भौगोलिक अवस्थिति एवं भौतिक स्वरुप (India : Geographical Location and Physical Nature)

By: LM GYAN

On: 5 September 2025

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भारत की भौगोलिक अवस्थिति एवं भौतिक स्वरुप

भारत की भौगोलिक अवस्थिति एवं भौतिक स्वरुप—भारत, जिसे प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, अपनी अनूठी भौगोलिक स्थिति और विविध भौतिक स्वरूप के लिए विश्व भर में जाना जाता है। यह देश न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी भौगोलिक विविधता, प्राकृतिक सीमाएँ, और जलवायु विविधता ने इसे विश्व के सबसे अनूठे और आकर्षक देशों में से एक बनाया है। इस लेख में, हम भारत के नामकरण, भौगोलिक स्थिति, क्षेत्रफल, आकृति, जलवायु, प्राकृतिक सीमाओं, और इसके राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों का विस्तृत और रोचक विवरण प्रस्तुत करेंगे।

भारत के नामकरण की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कहानी

भारत का नामकरण इसकी प्राचीन सभ्यता और विभिन्न सांस्कृतिक प्रभावों का परिणाम है। इस देश के विभिन्न नाम इसके ऐतिहासिक विकास और बाहरी प्रभावों को दर्शाते हैं, जो इसे एक समृद्ध सांस्कृतिक पहचान प्रदान करते हैं।

  • भारत: प्राचीन काल में, मध्य एशिया से आए आर्यों की एक शाखा ने भरत नामक शासक के नेतृत्व में इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित किया था। उनके नाम पर इस देश को “भारतवर्ष” या “भारत” कहा गया। प्राचीन भारतीय ग्रंथ विष्णु पुराण के अनुसार, उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में हिंद महासागर तक फैला यह भू-भाग भारतवर्ष कहलाता है। यह नाम न केवल भौगोलिक, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का भी प्रतीक है।
  • हिंदुस्तान: यह नाम प्राचीन ईरानियों द्वारा दिया गया, क्योंकि हिंदूकुश पर्वतमाला भारत और प्राचीन फारस (वर्तमान ईरान) के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाती थी। हिंदूकुश से शुरू होने वाले इस क्षेत्र को “हिंदुस्तान” कहा गया, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और भौगोलिक विशिष्टता को दर्शाता है।
  • इंडिया (India): यूनानियों ने सिन्धु नदी को “Indus” के नाम से जाना, और इस नदी के आसपास के क्षेत्र को “India” कहा। यह नाम आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पर्याय है और विश्व भर में इसका उपयोग किया जाता है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद-1 में भारत को “इंडिया, दैट इज़ भारत” के रूप में परिभाषित किया गया है, जो इस देश की एकता में विविधता की भावना को रेखांकित करता है। यह परिभाषा भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक एकता को मजबूती प्रदान करती है।

भारत की भौगोलिक अवस्थिति एवं भौतिक स्वरुप

भारत की भौगोलिक स्थिति इसे एक उपमहाद्वीप का दर्जा देती है। इसके पड़ोसी देशों में पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार, और बांग्लादेश शामिल हैं, जो इसे दक्षिण एशिया का एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक केंद्र बनाते हैं। भारत की भौगोलिक स्थिति निम्नलिखित है:

  • उत्तर: विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखला, जो इसे ठंडी हवाओं और आक्रमणों से बचाने का प्राकृतिक अवरोध बनाती है।
  • दक्षिण-पूर्व: बंगाल की खाड़ी, जो भारत को दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों से जोड़ती है।
  • दक्षिण-पश्चिम: अरब सागर, जो प्राचीन काल से व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र रहा है।
  • दक्षिण: मन्नार की खाड़ी और हिंद महासागर, जिसे प्राचीन काल में “रत्नाकर” कहा जाता था, क्योंकि यह व्यापार और समृद्धि का स्रोत था।

भारत का अक्षांशीय विस्तार 8°4’ उत्तरी अक्षांश से 37°6’ उत्तरी अक्षांश तक है, और यह पूरी तरह से उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। इसका दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, 6°45’ उत्तरी अक्षांश) और उत्तरी बिंदु इंदिरा कॉल (लद्दाख, गिलगित) है। मुख्य भूमि का दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी (तमिलनाडु) है, जो तीन समुद्रों—अरब सागर, बंगाल की खाड़ी, और हिंद महासागर—के संगम पर स्थित है।

देशांतर विस्तार 68°7’ पूर्वी देशांतर से 97°25’ पूर्वी देशांतर तक है। इसका पूर्वी बिंदु किबिथू (अरुणाचल प्रदेश) और पश्चिमी बिंदु गोहरमाता (कच्छ, गुजरात) है। भारत की मानक समय रेखा 82°30’ पूर्वी देशांतर है, जो उत्तर प्रदेश के नैनी (प्रयागराज) से होकर गुजरती है और पांच राज्यों—उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश—को पार करती है। इस रेखा के आधार पर भारतीय मानक समय (IST) निर्धारित होता है।

भारत की आकृति और क्षेत्रफल

भारत की आकृति पूर्णतः त्रिभुजाकार न होकर चतुष्कोणीय है। प्राचीन यूनानी भूगोलवेत्ता स्ट्रेबो ने भारत की आकृति को पतंग के समान बताया था, जो इसकी अनूठी भौगोलिक बनावट को दर्शाता है। भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी (लगभग 12,69,219 वर्ग मील) है, जो विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.42% है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है। विश्व के सबसे बड़े देश इस क्रम में हैं:

  1. रूस
  2. कनाडा
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका
  4. चीन
  5. ब्राजील
  6. ऑस्ट्रेलिया
  7. भारत
  8. अर्जेंटीना

भारत की उत्तर-दक्षिण लंबाई 3,214 किमी और पूर्व-पश्चिम लंबाई 2,933 किमी है, जिसमें 281 किमी का अंतर है। यह विस्तार भारत को विविध जलवायु और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध बनाता है।

कर्क रेखा और जलवायु विविधता

कर्क रेखा (23.5° उत्तरी अक्षांश) भारत को दो जलवायु क्षेत्रों में विभाजित करती है। इसका दक्षिणी भाग उष्ण कटिबंध में और उत्तरी भाग उपोष्ण/शीतोष्ण कटिबंध में स्थित है। यह रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है:

  1. गुजरात
  2. राजस्थान
  3. मध्य प्रदेश
  4. छत्तीसगढ़
  5. झारखंड
  6. पश्चिम बंगाल
  7. त्रिपुरा
  8. मिजोरम

कर्क रेखा की सबसे अधिक लंबाई मध्य प्रदेश में और सबसे कम राजस्थान में है। इस रेखा के निकटतम शहरों में गांधीनगर, उज्जैन, रांची, भोपाल, और अगरतला शामिल हैं। यह जलवायु विविधता भारत को उष्णकटिबंधीय मानसून से लेकर शीतोष्ण हिमालयी जलवायु तक का अनुभव प्रदान करती है।

भारत की सीमाएँ: स्थलीय और जलीय

भारत की सीमाएँ प्राकृतिक और ऐतिहासिक रूप से निर्धारित हैं, जो इसे पड़ोसी देशों और समुद्रों से जोड़ती हैं।

स्थलीय सीमाएँ

भारत की कुल स्थलीय सीमा की लंबाई 15,200 किमी है। यह सात देशों के साथ सीमा साझा करता है:

  1. बांग्लादेश: 4,096.7 किमी (सर्वाधिक: पश्चिम बंगाल, न्यूनतम: असम)
  2. चीन: 3,488 किमी (सर्वाधिक: लद्दाख, न्यूनतम: सिक्किम)
  3. पाकिस्तान: 3,323 किमी (सर्वाधिक: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, न्यूनतम: पंजाब)
  4. नेपाल: 1,751 किमी (सर्वाधिक: उत्तर प्रदेश, न्यूनतम: पश्चिम बंगाल)
  5. म्यांमार: 1,643 किमी (सर्वाधिक: अरुणाचल प्रदेश, न्यूनतम: नागालैंड)
  6. भूटान: 699 किमी (सर्वाधिक: असम, न्यूनतम: सिक्किम)
  7. अफगानिस्तान: 106 किमी (लद्दाख, वाखन गलियारा)

प्रमुख सीमा रेखाएँ:

  • मैकमोहन रेखा (1914): भारत-चीन सीमा, सर हेनरी मैकमोहन द्वारा निर्धारित।
  • रेडक्लिफ रेखा (1947): भारत-पाकिस्तान सीमा, सर साइरिल रेडक्लिफ द्वारा निर्धारित।
  • डूरंड रेखा (1893): भारत-अफगानिस्तान सीमा, सर मोर्टिमर डूरंड द्वारा निर्धारित (अब पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा)।

जलीय सीमाएँ

भारत की मुख्य भूमि की तटीय सीमा 6,100 किमी है, और अंडमान-निकोबार व लक्षद्वीप को मिलाकर कुल तटीय सीमा 7,516.6 किमी है। सबसे लंबी तटीय सीमा वाले क्षेत्र हैं:

  • अंडमान-निकोबार: 1,962 किमी
  • गुजरात: 1,214.7 किमी
  • आंध्र प्रदेश: 973.7 किमी

न्यूनतम तटीय सीमा वाले राज्य गोवा और कर्नाटक हैं। भारत के 16 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ और 9 राज्य समुद्री सीमाएँ बनाते हैं।

प्रमुख जलीय सीमाएँ:

  • 6° चैनल: सुमात्रा और ग्रेट निकोबार के बीच।
  • 8° चैनल: मालदीव और मिनीकॉय के बीच।
  • 9° चैनल: मिनीकॉय और लक्षद्वीप के बीच।
  • 10° चैनल: लिटिल अंडमान और कार निकोबार के बीच।
  • पाक जलसंधि: भारत और श्रीलंका के बीच, मन्नार की खाड़ी को बंगाल की खाड़ी से जोड़ती है। यहाँ रामसेतु (आदम ब्रिज) स्थित है, जो धनुष्कोडी (भारत) से तलाईमन्नार (श्रीलंका) तक फैला है।
  • सेतुसमुद्रम परियोजना: मन्नार की खाड़ी को पाक की खाड़ी से जोड़ने वाली परियोजना।
  • डंकन पास: लघु अंडमान और दक्षिण अंडमान के बीच।
  • कोको चैनल: लैंडफॉल द्वीप (उत्तरी अंडमान) और कोको द्वीप (म्यांमार) के बीच।

भारत के राज्य और केंद्रशासित प्रदेश

वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान (3,42,239 वर्ग किमी) सबसे बड़ा और गोवा (3,702 वर्ग किमी) सबसे छोटा राज्य है। जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश (19.95 करोड़) सबसे बड़ा और सिक्किम (6.11 लाख) सबसे छोटा राज्य है।

केंद्रशासित प्रदेश:

  1. जम्मू-कश्मीर: 2,22,236 वर्ग किमी, राजधानी: जम्मू (सर्दियों), श्रीनगर (गर्मियों)
  2. लद्दाख: राजधानी: लेह
  3. अंडमान-निकोबार: 8,249 वर्ग किमी, राजधानी: पोर्ट ब्लेयर
  4. दिल्ली: 1,483 वर्ग किमी, राजधानी: नई दिल्ली
  5. पुडुचेरी: 479 वर्ग किमी, राजधानी: पुडुचेरी
  6. दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव: 603 वर्ग किमी, राजधानी: सिलवास
  7. चंडीगढ़: 114 वर्ग किमी, राजधानी: चंडीगढ़
  8. लक्षद्वीप: 32 वर्ग किमी, राजधानी: कवरत्ती

प्रमुख राज्य और उनकी राजधानियाँ:

  • हिमाचल प्रदेश: शिमला (गर्मियों), धर्मशाला (सर्दियों)
  • पंजाब और हरियाणा: चंडीगढ़
  • राजस्थान: जयपुर
  • गुजरात: गांधीनगर
  • महाराष्ट्र: मुंबई
  • उत्तराखंड: देहरादून (सर्दियों), गैरसैंण (गर्मियों)
  • उत्तर प्रदेश: लखनऊ
  • मध्य प्रदेश: भोपाल
  • आंध्र प्रदेश: अमरावती (प्रस्तावित तीन राजधानियाँ: अमरावती, कुर्नूल, विशाखापत्तनम)
  • कर्नाटक: बेंगलुरु
  • तमिलनाडु: चेन्नई
  • पश्चिम बंगाल: कोलकाता
  • सिक्किम: गंगटोक
  • असम: दिसपुर
  • मेघालय: शिलांग
  • त्रिपुरा: अगरतला
  • मिजोरम: आइजोल
  • मणिपुर: इम्फाल
  • नागालैंड: कोहिमा
  • अरुणाचल प्रदेश: ईटानगर

क्षेत्रफल और जनसंख्या के आधार पर विशेष तथ्य:

  • सबसे बड़ा जिला: कच्छ (गुजरात, 45,652 वर्ग किमी)
  • सबसे छोटा जिला: माहे (पुडुचेरी, 9 वर्ग किमी)
  • विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेश: जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, और पुडुचेरी
  • ऐतिहासिक तथ्य: दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव, और गोवा पुर्तगाली उपनिवेश थे, जबकि चंद्रनगर, पुडुचेरी, कराईकल, माहे, और यनम फ्रांसीसी उपनिवेश थे।

भारत की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विशेषताएँ

भारत की भौगोलिक स्थिति इसे प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधता का एक अनूठा संगम बनाती है। हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, सह्याद्रि की हरी-भरी पहाड़ियाँ, थार का रेगिस्तान, और गंगा-यमुना जैसी विशाल नदियाँ भारत की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाती हैं। 16° उत्तरी अक्षांश सह्याद्रि पर्वतमाला को दो बराबर भागों में बाँटती है, जो भारत की दूसरी सबसे लंबी पर्वत शृंखला (1,600 किमी) है। 24° उत्तरी अक्षांश पर भारत-पाकिस्तान के बीच सरक्रीक सीमा विवाद है, जो इस क्षेत्र की भू-राजनीतिक जटिलता को दर्शाता है।

भारत की सांस्कृतिक विविधता भी इसकी भौगोलिक विविधता के समान है। विभिन्न भाषाएँ, धर्म, और परंपराएँ भारत को एक जीवंत सांस्कृतिक मोज़ेक बनाती हैं। प्राचीन ग्रंथों से लेकर आधुनिक संविधान तक, भारत ने अपनी एकता और विविधता को संतुलित रखा है।

निष्कर्ष

भारत की भौगोलिक स्थिति और भौतिक स्वरूप इसे विश्व के सबसे अनूठे और विविध देशों में से एक बनाते हैं। हिमालय की ऊँची चोटियों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक, और अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक, भारत का भौगोलिक विस्तार इसकी सांस्कृतिक और प्राकृतिक समृद्धि का प्रतीक है। इसकी प्राकृतिक सीमाएँ, ऐतिहासिक रेखाएँ, और जलवायु विविधता इसे विश्व के सबसे आकर्षक और गतिशील देशों में से एक बनाती हैं। भारत का यह भौगोलिक और सांस्कृतिक वैभव न केवल इसके इतिहास को समृद्ध करता है, बल्कि इसके भविष्य को भी उज्ज्वल बनाता है।

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