सिरोही जिले का संपूर्ण विवरण
सिरोही जिला राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित है और यह माउंट आबू, देलवाड़ा जैन मंदिरों और अचलगढ़ किले के लिए प्रसिद्ध है। यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू का घर भी है।
भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 24.88° N, 72.86° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 5,136 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में पाली जिला
- दक्षिण में गुजरात राज्य
- पूर्व में उदयपुर जिला
- पश्चिम में जालोर जिला
- जलवायु:
- यह राजस्थान के सबसे ठंडे जिलों में से एक है।
- गर्मियों में तापमान 35°C तक और सर्दियों में 2°C तक गिर सकता है।
- भूभाग:
- सिरोही जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला का दक्षिणी भाग स्थित है।
- यहाँ राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू स्थित है।
स्थापना एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- प्राचीन नाम: शिवपुरी, चन्द्रावती, अर्युदांचल
- संस्थापक: सहसमल चौहान (425 ई. में सिरोही नगर की स्थापना)
- शासक वंश:
- परमार वंश (प्रारंभिक शासक, राजधानी चन्द्रावती)
- देवड़ा चौहान वंश (लुम्बा चौहान द्वारा 311 ई. में स्थापित)
- महत्वपूर्ण तिथियाँ:
- 1823: शिवसिंह देवड़ा ने अंग्रेजों के साथ सहायक संधि की (राजस्थान की अंतिम रियासत)
- 1950: देलवाड़ा व आबूरोड का गुजरात में विलय
- 1956: फजल अली आयोग की सिफारिश पर पुनः राजस्थान में शामिल
भौगोलिक विशेषताएँ
- शुभंकर: जंगली मुर्गा
- राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-27, NH-62, NH-168
- नदियाँ: जवाई, पश्चिमी बनास (नया सानवरा से उद्गम)
- पर्वत व पठार:
- गुरुशिखर (1722 मीटर) – अरावली की सर्वोच्च चोटी
- सेर (1597 मीटर)
- उड़िया का पठार (1360 मीटर) – राजस्थान का सबसे ऊँचा पठार
- आबू का पठार (1295 मीटर)
- जलवायु:
- माउंट आबू – राजस्थान का सबसे ठंडा व आर्द्र स्थान (“राजस्थान का शिमला”)
- सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र
प्रमुख धार्मिक स्थल
(क) जैन मंदिर (देलवाड़ा)
- विमल वसही मंदिर:
- निर्माण: 1031 ई. में विमलशाह द्वारा
- समर्पित: आदिनाथ
- विशेषता: कर्नल टॉड ने “ताजमहल के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ” कहा
- लूण वसही मंदिर:
- निर्माण: वास्तुपाल-तेजपाल द्वारा
- समर्पित: नेमिनाथ
- भीमाशाह मंदिर:
- 108 मण पीतल की प्रतिमा
- आदिनाथ को समर्पित
(ख) अन्य धार्मिक स्थल
- अर्बुदा देवी मंदिर: “राजस्थान की वैष्णो देवी”
- कुआंरी कन्या मंदिर: रसिया बालम से संबंधित
- तिरुपति बालाजी धाम: राजस्थान का पहला तिरुपति मंदिर
- सूर्य मंदिर (वरमाण): 8वीं शताब्दी का संरक्षित स्मारक
ऐतिहासिक दुर्ग एवं महल
- अचलगढ़ दुर्ग:
- परमार राजाओं द्वारा 9वीं शताब्दी में निर्मित
- महाराणा कुंभा द्वारा पुनर्निर्मित
- “भंवरा थल” के रूप में प्रसिद्ध (मधुमक्खियों की कथा)
- बसंतगढ़ दुर्ग: महाराणा कुंभा द्वारा निर्मित
- केसर निवास महल: महारावल केसरीसिंह द्वारा
- स्वरूप निवास महल: महाराजा स्वरूपसिंह द्वारा
प्राकृतिक आकर्षण
- नक्की झील:
- माउंट आबू में स्थित
- टॉड रॉक व नन रॉक प्रसिद्ध
- माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य (1960):
- जंगली मुर्गों के लिए प्रसिद्ध
- राजस्थान का पहला इको-सेंसेटिव जोन (2009)
सांस्कृतिक विरासत
- लोकगीत: ढोला-मारू (प्रसिद्ध प्रेम कथा)
- नृत्य: वालर नृत्य (गरासिया जनजाति)
- मेले:
- सारणेश्वर पशु मेला (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से दशमी)
- गौतमेश्वर बाबा का मेला
- ग्रीष्म व शरद महोत्सव (माउंट आबू)
प्रमुख व्यक्तित्व
- डॉ. गौरीशंकर हीराचंद ओझा:
- “राजस्थान का ग्रिबन”
- प्रमुख ग्रंथ: “सिरोही का इतिहास”
- गोकुलभाई भट्ट:
- “राजस्थान का गांधी”
- सिरोही प्रजामंडल (1939) के संस्थापक
आर्थिक गतिविधियाँ
- कृषि:
- सौंफ व चीकू का सर्वाधिक उत्पादन
- खनिज:
- टंगस्टन (वाल्दा में खनन)
- हस्तशिल्प:
- तलवार निर्माण के लिए प्रसिद्ध
वैज्ञानिक संस्थान
- अवरक्त वेधशाला (माउंट आबू):
- 1.2 मीटर इन्फ्रारेड टेलीस्कोप
- खगोलीय शोध के लिए महत्वपूर्ण
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- भर्तृहरि की गुफा: अचलगढ़ दुर्ग में स्थित
- बसंतगढ़ अभिलेख (625 ई.): पश्चिमी राजस्थान के प्राचीनतम अभिलेखों में से एक
- चन्द्रावती: प्रमुख पुरातात्विक स्थल
सिरोही जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। माउंट आबू की हरी-भरी पहाड़ियाँ, देलवाड़ा के जैन मंदिर और अरावली की सर्वोच्च चोटियाँ इसकी पहचान हैं। शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं के क्षेत्र में भी जिले ने उल्लेखनीय योगदान दिया है।