🇮🇳 केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission – CIC): पारदर्शिता की दिशा में भारत का प्रहरी 📜
🔷 परिचय (Introduction)
- 🏛️ केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) भारत का एक सांविधिक (Statutory) और स्वतंत्र आयोग है।
- इसकी स्थापना 12 अक्टूबर 2005 को की गई थी।
- यह आयोग सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 12(1) के तहत केंद्र सरकार द्वारा गठित किया गया।
- इसका उद्देश्य सरकार के कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सहभागिता को सुनिश्चित करना है।
🎯 उद्देश्य (Objective)
- भारत के नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत प्राप्त अधिकारों को सुगम, प्रभावी और पारदर्शी तरीके से लागू करवाना।
- सरकारी कार्यालयों और विभागों से सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाना।
- सूचना के प्रति नागरिकों की सुगम्यता और उत्तरदायित्व बढ़ाना।
🧩 संरचना (Structure)
- सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 12(2) के अनुसार आयोग में अधिकतम 11 सदस्य हो सकते हैं —
- (I) मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner – CIC) – 1
- (II) केंद्रीय सूचना आयुक्त (Central Information Commissioners – ICs) – 10 तक
🧑⚖️ नियुक्ति (Appointment)
- धारा 12(3) के अनुसार, आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है।
- यह चयन समिति निम्न सदस्यों से मिलकर बनती है 👇
- प्रधानमंत्री – अध्यक्ष
- लोकसभा में विपक्ष के नेता
- प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री (कैबिनेट स्तर का)
🕊️ शपथ (Oath)
- आयोग के प्रत्येक सदस्य को राष्ट्रपति द्वारा शपथ दिलाई जाती है।
⏳ कार्यकाल (Tenure)
- पहले कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता था (जो भी पहले हो)।
- 🔄 लेकिन 2019 संशोधन के बाद अब कार्यकाल 3 वर्ष कर दिया गया है।
- कार्यकाल समाप्ति के बाद पुनर्नियुक्ति नहीं की जा सकती।
💰 वेतन (Salary)
- वेतन और भत्तों का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
- 2019 संशोधन के अनुसार –
- मुख्य सूचना आयुक्त का वेतन 💸 ₹2,50,000 प्रति माह
- अन्य सूचना आयुक्त का वेतन 💸 ₹2,25,000 प्रति माह
- पहले आयोग के सदस्यों को निर्वाचन आयोग के सदस्यों के समान वेतन मिलता था।
🎓 योग्यता (Qualification)
- सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 12(5) के अनुसार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य वे व्यक्ति होंगे जिनके पास विधि, विज्ञान, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क, प्रशासन या शासन का व्यापक ज्ञान और अनुभव हो।
🚫 अयोग्यता (Disqualification)
- (I) संसद के सदस्य (MP)
- (II) राज्य विधानमंडल के सदस्य (MLA/MLC)
- (III) जो किसी लाभ के पद पर कार्यरत हो।
⚖️ पद से हटाने की प्रक्रिया (Removal Process)
- अधिनियम की धारा 14 के तहत आयोग के सदस्य को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को है।
- हटाने के दो आधार हैं 👇
1️⃣ सर्वोच्च न्यायालय की जांच के बाद हटाना (कदाचार या अक्षमता पर)
- यदि सदस्य पर सिद्ध कदाचार या अक्षमता का आरोप साबित हो जाए।
2️⃣ अन्य आधारों पर (बिना जांच के)
- दिवालिया घोषित होना।
- किसी अपराध में दोष सिद्ध होना।
- लाभ के पद धारण करना।
- मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम होना।
- ऐसा कोई कार्य जिससे निष्पक्षता प्रभावित हो।
🚫 पुनर्नियुक्ति (Reappointment)
- सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आयोग के किसी सदस्य या अध्यक्ष को पुनर्नियुक्त नहीं किया जा सकता।
🧰 आयोग के प्रमुख कार्य (Functions of CIC)
- 📩 नागरिकों से शिकायतें प्राप्त करना और जांच करना।
- 🕓 यदि किसी व्यक्ति को निर्धारित समय में सूचना न दी जाए तो कार्रवाई करना।
- 💵 यदि सूचना देने में अनुचित शुल्क लिया गया हो तो सुधारात्मक आदेश देना।
- ⚠️ झूठी या भ्रामक जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश।
- 📜 सूचना प्रदान करने वाले अधिकारियों (PIOs) के कार्यों की समीक्षा करना।
- 🧾 विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, PSU और वित्तीय संस्थाओं के कार्यों की निगरानी करना।
- ⚖️ द्वितीय अपीलों (Second Appeals) का निपटारा करना।
- 📈 वार्षिक रिपोर्ट तैयार कर उसे केंद्र सरकार को प्रस्तुत करना।
- 🧠 आयोग के पास सिविल न्यायालय जैसी शक्तियाँ हैं – समन जारी करना, शपथ पर बयान लेना, दस्तावेजों की जांच, गवाहों को बुलाना।
🏢 मुख्यालय (Headquarters)
- केंद्रीय सूचना आयोग का मुख्यालय 📍 नई दिल्ली में स्थित है।
- आवश्यकता पड़ने पर केंद्र सरकार की अनुमति से आयोग अन्य स्थानों पर भी अपना कार्यालय स्थापित कर सकता है।
🧑⚖️ वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त और अन्य आयुक्त (As of 2025)
| क्रमांक | नाम | पदनाम |
|---|
| 1 | श्री हीरालाल सामरिया | मुख्य सूचना आयुक्त |
| 2 | सुश्री सरोज पुनहानी | सूचना आयुक्त |
| 3 | श्री उदय माहुरकर | सूचना आयुक्त |
| 4 | श्री सुरेश चन्द्र | सूचना आयुक्त |
| 5 | श्री वाई. के. सिन्हा | सूचना आयुक्त (पूर्व CIC) |
🔸 वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त (CIC): श्री हीरालाल सामरिया (Heeralal Samariya)
नियुक्ति: 6 नवम्बर 2023
स्रोत: cic.gov.in
🧾 भारत के अब तक के सभी मुख्य सूचना आयुक्तों की सूची (2005–2025)
| क्रमांक | नाम | कार्यकाल प्रारंभ | कार्यकाल समाप्त / वर्तमान तक |
|---|
| 1 | वजाहत हबीबुल्लाह | 26 अक्टूबर 2005 | 19 सितम्बर 2010 |
| 2 | ए. एन. तिवारी | 30 सितम्बर 2010 | 18 दिसम्बर 2010 |
| 3 | सत्यनंद मिश्रा | 19 दिसम्बर 2010 | 04 सितम्बर 2013 |
| 4 | दीपक संधू | 05 सितम्बर 2013 | 18 दिसम्बर 2013 |
| 5 | सुषमा सिंह | 19 दिसम्बर 2013 | 21 मई 2014 |
| 6 | राजीव माथुर | 22 मई 2014 | 22 अगस्त 2014 |
| 7 | विजय शर्मा | 10 जून 2015 | 01 दिसम्बर 2015 |
| 8 | राधा कृष्ण माथुर | 04 जनवरी 2016 | 24 नवम्बर 2018 |
| 9 | सुधीर भार्गव | 01 जनवरी 2019 | 11 जनवरी 2020 |
| 10 | बिमल जुल्का | 06 मार्च 2020 | 26 अगस्त 2020 |
| 11 | यशवर्धन कुमार सिन्हा | 07 नवम्बर 2020 | 03 अक्टूबर 2023 |
| 12 | हीरालाल सामरिया | 06 नवम्बर 2023 | वर्तमान तक |
🌍 अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)
- 🇸🇪 स्वीडन विश्व का पहला देश है जिसने 1766 में सूचना का अधिकार लागू किया।
- ⚖️ भारत में पहली बार 1982 में एस.पी. गुप्ता बनाम भारत संघ मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सूचना के अधिकार की आवश्यकता पर बल दिया।
- 🧑🤝🧑 भारत में RTI आंदोलन की शुरुआत अरुणा रॉय के नेतृत्व में 6 अप्रैल 1995 को मजदूर किसान शक्ति संगठन (MKSS) द्वारा की गई।
- 📍 भारत में RTI लागू करने वाला पहला राज्य – तमिलनाडु (1996); दूसरा – गोवा (1997); तीसरा – राजस्थान (2000 → लागू 26 जनवरी 2001)।
- ⚖️ भारत का मुख्य न्यायाधीश (CJI) का कार्यालय भी अब RTI के दायरे में है।
- 📄 सूचना उपलब्ध कराने का दायित्व PIO (Public Information Officer) पर होता है।
- ❌ गलत, भ्रामक या विलंबित सूचना देने वाले PIO के खिलाफ शिकायत राज्य सूचना आयोग या केंद्रीय सूचना आयोग में की जाती है।
🔗 महत्वपूर्ण लिंक (Important Links)
📚 स्रोत: CIC.gov.in | IndiaCode | PIB | PRSIndia | Wikipedia | JagranJosh | UPSC Notes