दौसा का जिले के रूप में निमाण- 29वें जिले के रूप में 10 अप्रैल 1991 को हुआ।
1137 ई. में दुल्हेराय ने ढूंढाड़ में कच्छ्वाह वंश की स्थापना की और दौसा को अपनी राजधानी बनाया।
- दूढाड़ क्षेत्र की प्रथम राजधानी- दौसा।
- दौसा जिले का शुभंकर – खरगोश।
- दौसा जिला पू्वी मैदानी भाग का हिस्सा है।
- बासडी बोरोदा क्षेत्र (सोने व यूरेनियम के भण्डार)
- दौसा जिले की आकृति – धनुषाकार
- बसवा – (महाराणा सांगा का मृत्यु स्थल)
- आभानेरी (৪-9वीं सदी की कलात्मक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध)
- टीकाराम पालीवाल : इनका जन्म मण्डावर (दौसा) में हुआ। यह राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मृख्यमंत्री थे । इनका निर्वाचन 3 मार्च 1952 को हुआ था।
- बंजारों की छत्तरियां : लालसोट (दौसा)
- हेला ख्याल : लालसोट (दौसा)
- पीपलाज माता का मेला : दौसा
- राजस्थान में सर्वप्रथम रेलगाडी का संचालन अप्रैल 1974 ई. को बांदीकुई (दौसा) से आगरा फोर्ट (उ.प्र. ) तक चलाई गई थी।
- नीमला-राईसेला : दौसा में लौह अयस्क के उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है।
- मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (दौसा) N.H.-21 पर स्थित है।
- हर्षद माता मन्दिर (दौसा)- यह मन्दिर आभानेरी, दौसा में स्थित है।
- बिजासनी माता मन्दिर (दौसा)- यह मन्दिर खोहरा गाँव, लालसोट (दौसा) में स्थित है। यहाँ चैत्र पूर्णिमा को मेला लगता है।
- ब्राह्मणी माता मन्दिर- यह मण्डावरी गाँव, लालसोट (दौसा) में स्थित है।
- संत सुन्दरदास जी का स्मारक- गोटेलाव /गेटोलाव, दौसा
- राणा सांगा का स्मारक- धूपतलाई, बसवा (दौसा)
- हजरत शेख शाह जमाल बाबा पीर की दरगाह- लालसोट, दौसा
- दौसा का किला/माधोराजपुरा का किला : निर्माण- बड़गुर्जरों शासकों के द्वारा । यह किला देवगिरी की पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ पर रामचन्द्र जी का मन्दिर, दुर्गामाता मन्दिर, जैन मंदिर, राजाजी का कृआँ, 4 मंजिला बावड़ी आदि स्थित हैं।
- आभानेरी महोत्सव (दौसा)- प्रतिवर्ष-सितम्बर माह में आयोजित होता है।
- आभानेरी चाँद बावड़ी (आभानेरी – दौसा) : निर्माण- राजा चांद /मिहिर भोज द्वारा। प्रतिहार कालीन महामारू शैली में निर्मित। इसे भूलभूलैया बावड़ी भी कहा जाता है।
- भण्डारेज की बावड़ियाँ (भण्डारेज-दौसा) : यह 5 मंजिला बावड़ी है। इन्हें कुम्भारणी बावड़ी भी कहा जाता है।
- बुबानिया कुण्ड/बावड़ी- आलूदा- दौसा
- मांगरेज की बावड़ी- दौसा
- काला खौह बांध (दौसा)- यह बाध बाण गंगा नदी पर निर्मित है। यह दौसा जिले का सबसे बड़ा बांध है ।
- मोरेल नदी : यह नदी चैनपुरा गाँव, जयपुर ग्रामीण से निकलती है। इस नदी पर लालसोट (दौसा) में मोरेल बांध बना हुआ है। यह नदी बनास नदी की सहायक नदी है।
- बाणगंगा नदी : उपनाम- अर्जुन की गंगा, रूण्डित नदी।
- आलूदा गाँव (दौसा): यहाँ की ‘”खादी” प्रसिद्ध है।