- स्थापना- तोमर वंशीय राजपूत राजा धवलदेव द्वारा की गई।
- राष्ट्रीय राजमार्ग- 23, 123, 44
- मुख्य नदी – उंटगन नदी, चंबल नदी
- गठन- राजस्थान के 27वें जिले के रूप में 15 अप्रैल 1982 को किया गया।
- यह रियासत स्वतंत्रता के बाद मत्स्य संघ में शामिल हो गयी थी। यह राजस्थान का सबसे पूर्वी जिला है।
- उपनाम – सूर्योदय की नगरी, धवलपुरी, रेड डायमण्ड सिटी,कोठी ।
- धौलपुर जिले का शुभंकर- पंचीरा
- धौलपुर जिले की आकृति – बत्तख के समान।
- धौलपुर जिला चम्बल नदी के किनारे स्थित है।
- धौलपुर जिले में पतझड़ वनस्पति पाई जाती है।
- सबसे पूर्वी जिला होने के कारण राजस्थान में यहाँ सूर्योदय व सूर्यास्त सबसे पहले होता है।
- धौलपुर जिले में बाड़ी तहसील के निकट तालाबशाही झील स्थित है जहाँ पर मुगल सम्राट जहाँगीर के शहजादे शाहजहाँ के लिए उसके मनसबदार शाले खाँ ने यहाँ 1622 ई. में एक महल बनवाया था।
- धौलपुर जिले में चम्बल नदी क्षेत्र को स्थानीय भाषा में किस नाम से जाना जाता है- डाँग।
- धौलपुर में स्थित घंटाघर को निहाल टॉवर (N.T.) भी कहा जाता है। इसका निर्माण कार्य राजा निहाल सिंह के समय 1880 ई. में शुरू हुआ तथा 1910 ई. में राजा मानसिंह के जमाने में पूरा हुआ। 8 मंजिला यह टॉवर विशेष ऊँचाई पर स्थित होने के कारण देशभर में अनोखा है। इसके घंटे का वजन 600 किग्रा. है। घंटे का पेण्डुलम 100 किग्रा., इस घंटे तथा घड़ी का निर्माण इंग्लैंड की मेसर्स जिलेट जॉनसन क्रोपड्रोर्न नामक कंपनी ने किया था।
- धौलपुर जिले में स्थित मचकुण्ड को तीर्थ स्थलों का भाँजा कहा जाता है।
- मचकुण्ड। यहाँ पर गुरु हरगोविंद सिंह ने (1662 ई.) तलवार के एक ही वार से शेर का शिकार किया था। उनकी स्मृति में यहाँ शेर शिकार गुरुद्वारा बना हुआ है।
- वन विहार तथा रामसागर अभयारण्य जिनमें रीछ, हिरण, नीलगाय, बारहसिंघा, जरख और भेड़िया आदि वन्य जीव पाये जाते हैं, धौलपुर जिले में स्थित है।
- धौलपुर जिले में स्थित शेरगढ़ के किले का निर्माण जोधपुर के राजा मालदेव ने करवाया था। शेरशाह सूरी ने 1540 ई. में इसका पुनर्निमाण करवाया। उन्हीं के नाम के आधार पर इसका नाम शेरगढ़ पड़ गया। धौलपुर के प्रथम राजा कीरत सिंह की राजधानी भी यही किला रहा है।
- चम्बल राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य राजस्थान, उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश की सीमाओं में होने के कारण संयुक्त रूप से संचालित है।
- विश्व प्रसिद्ध धौलपुर स्टोन, लाल पत्थर है। जिसका प्रयोग मुगलकालीन इमारतों में बहुतायत में किया गया था।
- कुमट का दुर्ग- धौलपुर में स्थित है।
- भेंट ख्याल धौलपुर की प्रसिद्ध है।
- धौलपुर राष्ट्रीय राजधानी सर्किट एवं ब्रज भूमि सर्किट में शामिल है।
- भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत सीनेटर डेनियन मोनिहन की पत्नी ने 1978 ई. में खोजपूर्ण शोध में यह रहस्योद्घाटन किया था कि प्रथम मुगल बादशाह बाबर की आत्मकथा तुजुक- ए-बाबरी (बाबरनामा) में जिस कमल के फूल का वर्णन है, वह धौलपुर के कमल के फूल का बाग है।
- धौलपुर दुर्ग- यह दुर्ग परवन नदी के किनारे स्थित है। निर्माण- राव मालदेव द्वारा और जीर्णोद्वार शेरशाह सूरी द्वारा।
- खानपुर महल- निर्माण: 1622 ई. में जहाँगीर के मनसबदार सुलेह खाँ ने शाहजहाँ हेतु करवाया था। इस महल के पास ही तालाब-ए-शाही झील स्थित है।
- धौलपुर प्रजामण्डल- संस्थापक कृष्णदत्त पालीवाल व ज्वालाप्रसाद जिज्ञासु
- नोट: आर्य समाज के प्रमुख स्वामी श्रद्धानन्द ने वर्ष 1918 में धौलपुर के निरंकुश शासन व्यवस्था के विरूद्ध आवाज उठाई थी।
- धौलपुर रियासत भारतीय संघ में शामिल होने वाली अंतिम रियासत थी।
- लम्बी बावड़ी- यह 7 मंजिला बावड़ी है, जिसकी बनावट एक समान है।
- दी हाइटेक प्रिसीजन ग्लास फैक्ट्री, धौलपुर- यह राजस्थान का पहला ग्लास बनाने का कारखाना है। (सार्वजनिक क्षेत्र)
- धौलपुर ग्लास फैक्ट्री (निजी क्षेत्र) – धौलपुर
- नोट: धौलपुर काँच उद्योग के लिए जाना जाता है। है।
- धौलपुर में हेला ख्याल व कन्हैया लाल लोकनाट्य प्रसिद्ध हैं।
- सैनिक स्कूल (धौलपुर)- स्थापना वर्ष 1962 में निर्माण- तत्कालीन रक्षा मंत्री वी.के. कृष्ण मैनन द्वारा।
- धौलपुर में प्रचलित सिक्कों को ‘तमंचाशाही’ कहा जाता था।
- धौलपुर में विद्रोह- धौलपुर में विद्रोह की शुरुआत 27 अक्टूबर 1857 को ‘देवा’ के समर्थन में हुई।
- बाड़ी/बांडी का युद्ध- 1518 (धौलपुर)
- राष्ट्रपति भवन का निर्माण धौलपुर के लाल पत्थरों से किया गया है।
- नारायण सिंह बैगनियाँ- यह राजस्थान के सबसे छोटे कद (24 इंच) के कलाकार है। यह धौलपुर निवासी है, जो एक प्रसिद्ध लोक संगीतज्ञ है।
- कन्हैया लाल गोयल- यह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे इन्हें पं. जवाहरलाल नेहरू ने शेर-ए-धौलपुर कहा था।
धौलपुर (Dhaulpur) जिला दर्शन
By LM GYAN
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