भक्ति आंदोलन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सामाजिक आंदोलन था, जिसने मध्यकाल में हिंदू धर्म को सरलता और समन्वय की भावना प्रदान की। यह आंदोलन विभिन्न सम्प्रदायों, संतों, और उनके दार्शनिक विचारों के माध्यम से भारत के सामाजिक-धार्मिक ढांचे को पुनर्जनन प्रदान करने में सफल रहा। नीचे भक्ति आंदोलन की उत्पत्ति, कारण, स्वरूप, प्रमुख संत, उनके ग्रंथ, और सम्प्रदायों का विस्तृत वर्णन है। 🌟
भक्ति की उत्पत्ति 📜 प्रथम उल्लेख : श्वेताश्वेतर उपनिषद् में भक्ति का प्रारंभिक उल्लेख। 📖विस्तृत उल्लेख : श्रीमद्भगवद्गीता में भक्ति को मोक्ष प्राप्ति का प्रमुख साधन बताया गया। 🕉️मोक्ष के तीन मार्ग (प्राचीन दर्शन):ज्ञान मार्ग : उपनिषद् और वेदों पर आधारित। 📚कर्म मार्ग : कर्मकांड और यज्ञ। 🔥भक्ति मार्ग : निर्गुण और सगुण भक्ति। 🙏भक्ति आंदोलन के प्रमुख कारण 🌍 भक्ति मार्ग की सरलता : प्राचीन हिंदू धर्म में कर्मकांड जटिल थे, जो आम जनता के लिए कठिन थे। भक्ति मार्ग ने सरल और हृदयस्पर्शी उपासना प्रदान की। 🌈मुस्लिम आक्रमण : मध्यकाल में मुस्लिम आक्रांताओं ने हिंदू मंदिरों को तोड़ा और लूटा, जिससे भक्ति मार्ग को अपनाने की प्रेरणा मिली। 🕌जटिल वर्ण व्यवस्था : समाज में अस्पृश्यता और वर्ण असमानता थी, जिसके विरोध में भक्ति आंदोलन ने सभी को समानता का संदेश दिया। 👪समन्वय की भावना : हिंदू और मुस्लिम समुदायों में आपसी समन्वय की भावना जागृत हुई। डॉ. ताराचंद और युसुफ हुसैन ने इस विचार का समर्थन किया। 🤝भक्ति आंदोलन का स्वरूप 🌟 निर्गुण भक्ति : निराकार ईश्वर की उपासना। प्रमुख संत:कबीर : एकेश्वरवाद और सामाजिक सुधार। 🙏गुरु नानक : सिख धर्म के संस्थापक। 🕍सगुण भक्ति : साकार ईश्वर (राम, कृष्ण) की उपासना। प्रमुख संत:तुलसीदास : राम भक्ति। 📖सूरदास : कृष्ण भक्ति। 🎶वल्लभाचार्य : पुष्टिमार्ग। 🕉️मीरा : कृष्ण की माधुर्य भक्ति। 💕चैतन्य महाप्रभु : गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय। 🙏प्रमुख भक्ति संत और उनके योगदान 🏛️ जन्म : 788 ई., केरल के कालड़ी गाँव (पूर्णा नदी के किनारे)। 🌴माता-पिता : माता सुभद्रा (या अयप्पा), पिता शिवगुरु। 👪गुरु : गोविंददेवपाद (परमहंस उपाधि प्रदान की)। 🙏उपाधि : प्रच्छन्न बौद्ध (महायान बौद्ध धर्म से प्रभावित)। 📚जीवन :पिता की मृत्यु के बाद 5 वर्ष की आयु में माता ने विद्या अध्ययन के लिए गुरु के पास भेजा। 📖 मात्र 1-2 वर्ष में वेद और उपनिषदों का ज्ञान प्राप्त किया। 🌟 8 वर्ष की आयु में माता की आज्ञा से संन्यास ग्रहण। 🙏 केरल के राजा राजशेखर ने दरबार में आमंत्रित किया, लेकिन शंकर नहीं गए; राजा स्वयं ब्रह्मकालड़ी आए। 👑 काशी में शिव उपासना; बद्रिका आश्रम (उत्तराखंड) में ब्रह्मसूत्र पर भाष्य लिखा। 📜 उत्तर भारत के विद्वान कुमारिल से मिले; मंडनमिश्र और उनकी पत्नी भारती को शास्त्रार्थ में पराजित कर शिष्य बनाया। 🧑🏫 तुंगभद्रा नदी के किनारे शृंगेरी पीठ (शिव को समर्पित) की स्थापना; मंडनमिश्र को आचार्य नियुक्त किया। 🏛️ माता सुभद्रा की मृत्यु पर संन्यास त्यागकर अंतिम संस्कार किया। 😢 पुरी (ओडिशा) में गोवर्धन मठ की स्थापना। 🕍 32 वर्ष की आयु में केदारनाथ में देहत्याग (820 ई.)। 🙏 दर्शन : अद्वैतवाद—ब्रह्म सत्य, जगत मिथ्या। 🧠सम्प्रदाय : स्मृति/स्मार्त सम्प्रदाय। 🌟चार मठों की स्थापना : मठ स्थान समर्पण स्थापना शृंगेरी पीठ मैसूर, कर्नाटक शिव 804 ई. गोवर्धन पीठ पुरी, ओडिशा विष्णु, भैरवी, सुभद्रा, बलराम 808 ई. ज्योति पीठ बद्रीनाथ, उत्तराखंड विष्णु 910 ई. शारदा पीठ द्वारका, गुजरात कृष्ण –प्रमुख ग्रंथ (संस्कृत):ब्रह्मसूत्र पर भाष्य। 📜 वेद, उपनिषद् (12), और गीता पर भाष्य। 📚 सौन्दर्य लहरी, विवेक चूड़ामणि, प्रपंच सारतंत्र, उपदेश साहसी, मनीषा पंचकम्, अपरोक्षानुभूति, शारीरिक भाष्य (भामती)। 📖 नोट :वाचस्पति मिश्र ने शारीरिक भाष्य पर टीका लिखी। ✍️ शंकराचार्य को शिव का अवतार माना जाता है। 🕉️ संस्कृत भाषा के कारण जनसामान्य में कम प्रसिद्ध, लेकिन रामानंद ने हिंदी को अपनाकर भक्ति को लोकप्रिय बनाया। 🌟 रामानुजाचार्य (1017 ई.–1137 ई.) 🙏 जन्म : 1017 ई., पेरम्बदुर, तमिलनाडु। 🌴दर्शन : विशिष्टाद्वैतवाद—ब्रह्म अद्वैत है, लेकिन जीव और जगत की शक्तियों से विशिष्ट। 🧠सम्प्रदाय : श्री सम्प्रदाय। 🕉️प्रमुख केंद्र : कांची, श्रीरंगम (तमिलनाडु)। 🏛️गुरु : यमुनाचार्य (आलवार संत), बाद में कांची में यादवप्रकाश से वेद-उपनिषद् की शिक्षा। 📚जीवन :भक्ति को दार्शनिक आधार प्रदान किया। 🌟 “ज्ञान मोक्ष का साधन नहीं, भक्ति सर्वश्रेष्ठ”। 🙏 चोल वंशीय कुलोतुंग-I (नयनार पक्ष) ने विरोध किया; रामानुज को श्रीरंगम छोड़कर तिरुपति (आंध्र प्रदेश) जाना पड़ा। 🏞️ सगुण विचारधारा के प्रबल समर्थक। 🕉️ प्रमुख ग्रंथ :वेदान्तसंग्रहम्, श्रीभाष्यम्, गीताभाष्यम्, वेदान्त दीपम्, वेदान्तसारम्, शरणगतिगद्यम्। 📖 मध्वाचार्य (1238 ई.–1317 ई.) 🕉️ जन्म : उडूपी, पाजक गाँव (केरल)। 🌴दर्शन : द्वैतवाद—आत्मा और परमात्मा अलग। 🧠उपाधियाँ : पूर्णप्रज्ञ, आनंदतीर्थ, वायु का तीसरा अवतार (पहला: हनुमान, दूसरा: भीम)। 🌬️सम्प्रदाय : ब्रह्म सम्प्रदाय। 🕉️सामाजिक कार्य : यज्ञ में पशुबलि पर रोक। 🚫कथन : दो प्रकार के लोग मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकते:नित्य संसारी : सांसारिक चक्र में बंधे। 🌍तमोयोग्य : नरकगामी। 😈प्रमुख ग्रंथ :अणुभाष्यम्, न्यायविवरणम्, गीताभाष्यम्। 📖 नोट : शंकर और रामानुज के दर्शनों का खंडन किया। 🧑🏫रामानंद (14वीं–15वीं शताब्दी) 🌟 जन्म : इलाहाबाद (प्रयागराज) में ब्राह्मण परिवार; कुछ विद्वान दक्षिण भारत मानते हैं। 🌴माता-पिता : माता सुशीलादेवी, पिता पुण्यसदन। 👪गुरु : राघवानंद (श्री सम्प्रदाय), रामानुज के शिष्य। 🙏महत्व :द्रविड़ भक्ति उपजी, लायो रामानंद—दक्षिण से उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन लाए। 🌉 उत्तर और दक्षिण के भक्ति आंदोलन का रामसेतु। 🌟 सगुण भक्ति (राम उपासना) को हिंदी में प्रचारित किया। 📖 जाति प्रथा और बाह्य आडंबरों का विरोध; सभी जातियों को शिष्य बनाया। 🤝 शैव और वैष्णव सम्प्रदायों में समन्वय स्थापित किया। 🕉️ 12 शिष्य (2 महिलाएँ):कबीर (जुलाहा), सेना (नाई), रैदास (चमार), पीपा (राजपूत), सुरसुरानंद, सुखानंद, धन्ना (जाट), नरहरिदास, अनंतानंद, भावानंद, पद्मावती, सुरसरी। 🙏 प्रभाव : कई लोगों ने इस्लाम त्यागकर पुनः हिंदू धर्म अपनाया। 🌟प्रमुख ग्रंथ :वैष्णवमताब्ज भास्कर, सिद्धान्तपटल, ज्ञानलीला, योग चिंतामणि, सतनामपंथी। 📖 निम्बार्काचार्य (11वीं–12वीं शताब्दी) 🕉️ जन्म : चेन्नई, वेल्लारी (तेलुगु ब्राह्मण)। 🌴दर्शन : द्वैताद्वैत/भेदाभेद। 🧠सम्प्रदाय : सनक सम्प्रदाय। 🕉️महत्व :राधाकृष्ण की युगल पूजा। 💕 मथुरा-ब्रज में प्रमुख आश्रम स्थापित। 🏛️ अवतारवाद में विश्वास; सुदर्शन चक्र का अवतार। 🌀 दाम्पत्य भक्ति को सर्वश्रेष्ठ माना। 💑 निम्बार्क पीठ : अजमेर, सलेमाबाद (राजस्थान)। 🏛️मीरा बाई (1498 ई.–1547 ई.) 💕 जन्म : 1498 ई., कुड़की, पाली (राजस्थान)। 🌴बचपन का नाम : पेमल दे। 👧माता-पिता : पिता राजा रतनसिंह। 👑पति : राणा सांगा के पुत्र भोजराज (1516 ई. में विवाह)। 💍गुरु : जीवस्वामी (चैतन्य सम्प्रदाय), रैदास (आध्यात्मिक गुरु)। 🙏महत्व :भक्तिकाल की महान महिला संत, सूफी संत राबिया से तुलना। 🌟 पति की मृत्यु के बाद कृष्ण भक्ति में लीन; कृष्ण को प्रियतम माना। 💕 माधुर्य और कांतभाव भक्ति। 🎶 भाषा: राजस्थानी मिश्रित ब्रजभाषा। 📖 रस: वियोग, शृंगार, शांत। 🌹 द्वारिका में रणछोड़राय मंदिर में विलीन (किंवदंती)। 🕍 प्रमुख ग्रंथ :नरसी जी रो मायरो, गीत गोविन्द की टीका, राग गोविन्द, मीरा बाई का मल्हार, राग सोरठा, सत्यभामा रो रूसणो, रुकमणी मंगल। 📖 कबीरदास (1440 ई.–1518 ई.) 🌟 जन्म : 1440 ई. (कुछ विद्वान 1398 ई. मानते हैं), काशी (वरुणा-असी नदियों का संगम)। 🌊माता-पिता : अज्ञात; किंवदंती—विधवा ब्राह्मण महिला ने जन्म दिया, लोकलाज के भय से लहरतारा तालाब के किनारे छोड़ा। 😞पालन-पोषण : नीरू-नीमा (जुलाहा दम्पती)। 👪नामकरण : कबीर (अरबी में ‘महान’)। 🌟गुरु : रामानंद। 🙏भक्ति : निर्गुण भक्ति, एकेश्वरवाद। 🕉️जीवन :गृहस्थ जीवन; पत्नी लोई, पुत्र कमाल, पुत्री कमाली। 👪 जाति प्रथा, धन-संचय, और विलासिता का विरोध। 🚫 समकालीन शासक: सिकंदर लोदी। 👑 अबुल फजल ने मुवाहिद (एकेश्वरवादी) कहा। 📜 अंतिम समय में काशी से मगहर (उत्तर प्रदेश) गए। 🏞️ संतों का संत। 🌟 प्रमुख ग्रंथ :बीजक (शिष्य धर्मदास/भागदास द्वारा संकलित):साखी: दोहा शैली, शिक्षा-सिद्धांत। 📜 सबद: शब्द-पद शैली, प्रेम और साधना। 🎶 रमैनी: रामायनी दोहा शैली, दार्शनिक विचार। 🧠 कबीर के पद गुरुग्रंथ साहिब में संकलित। 📖 कबीरपंथ : कबीरचौरा (काशी) में स्थापना। 🕍प्रमुख अनुयायी : मलूकदास (1574, इलाहाबाद)। 🙏उपाधियाँ : डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने युगपुरुष, युगावतार, युगप्रवर्तक, वाणी का डिक्टेटर कहा। 🌟रविदास/रैदास (1398 ई.–?) 🙏 जन्म : 1398 ई., काशी। 🌊माता-पिता : माता कर्मा, पिता राहु (चमार जाति)। 👪पालक दम्पती : संतोकदास, कलसादेवी। 👪पत्नी : लोना। 💍गुरु : रामानंद। 🙏जानकारी का स्रोत : कबीर परचई । 📜महत्व :मन की पवित्रता पर जोर। 🌟 तीर्थयात्रा, व्रत, नदियों में स्नान का विरोध। 🚫 मानव सेवा को सच्चा धर्म माना। 🤝 आजीवन चर्मकार व्यवसाय में लगे। ⚒️ समकालीन: सिकंदर लोदी, बाबर, हुमायूँ, शेरशाह सूरी। 👑 चित्तौड़ की रानी झाली और मीरा के आध्यात्मिक गुरु। 🙏 रैदास सम्प्रदाय की स्थापना (काशी)। 🕍 नोट : कबीर ने रैदास को संतों का संत कहा। 🌟तुलसीदास (1511/1532 ई.–1623 ई.) 📖 जन्म : 1511/1532 ई., राजापुर, बांदा (उत्तर प्रदेश)। 🌴माता-पिता : माता हुलसी देवी, पिता आत्माराम दुबे। 👪पत्नी : रत्नावली। 💍गुरु : नरहरिदास (अयोध्या)। 🙏बचपन का नाम : रामबोला। 👦महत्व :समकालीन: अकबर। 👑 1574 ई. में रामचरितमानस (अवधी भाषा) की रचना; 7 कांड:बाल (सबसे बड़ा), 2. अयोध्या, 3. अरण्य, 4. किष्किंधा (सबसे छोटा), 5. सुंदर, 6. लंका/युद्ध, 7. उत्तर। 📖 अभिनव वाल्मीकि। 🌟 दर्शन: विशिष्टाद्वैत। 🧠 मृत्यु: अस्सीघाट, काशी। 🙏 मंदिर: काँच मंदिर, चित्रकूट (मध्य प्रदेश)। 🕍 प्रमुख ग्रंथ :विनयपत्रिका (अंतिम ग्रंथ), वैराग्य संदीपनी, दोहावली, कवितावली, कृष्ण गीतावली, गीतावली, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, रामलला नहछू, बरवै रामायण, हनुमान बाहुक, रामाज्ञा प्रश्न। 📖 सूरदास (1478 ई.–1583 ई.) 🎶 जन्म : 1478 ई., रुनकता (आगरा-मथुरा मार्ग) या सीही (दिल्ली)। 🌴पिता : रामदास। 👪बचपन का नाम : मदनमोहन। 👦महत्व :सगुण भक्ति (कृष्ण भक्ति)। 🕉️ हिंदी साहित्य का सूर्य। 🌞 ब्रजभाषा में काव्य सृजन। 📖 समकालीन: अकबर, जहांगीर। 👑 मृत्यु: 1583 ई., पारसौली गोवर्धन (उत्तर प्रदेश)। 🙏 गोस्वामी विट्ठलनाथ: “पुष्टि मार्ग को जहाज जात है”। 🚢 प्रमुख ग्रंथ :सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी। 📖 वल्लभाचार्य (1479 ई.–1531 ई.) 🕉️ जन्म : 1479 ई., तेलंगाना (ब्राह्मण परिवार)। 🌴माता-पिता : माता इल्लमा देवी, पिता लक्ष्मणभट्ट। 👪शिक्षा : वाराणसी। 📚दर्शन : शुद्धाद्वैतवाद। 🧠महत्व :समकालीन: विजयनगर के कृष्णदेवराय। 👑 रुद्र सम्प्रदाय की स्थापना। 🕉️श्रीकृष्ण के बालरूप (श्रीनाथजी) की पूजा। 🕍 वृंदावन में श्रीनाथजी मंदिर; औरंगजेब के समय मूर्ति नाथद्वारा (राजसमंद) स्थानांतरित। 🏛️ पुत्र विट्ठलनाथ को अकबर ने गोकुला-जेतपुरा की जागीरें दीं। 👑 अष्टछाप मण्डली (1565 ई.): कुंभनदास, गोविंदस्वामी, सूरदास, छीतस्वामी, परमानंद दास, चतुर्भुज दास, कृष्णदास, नंददास। 🎶 प्रमुख ग्रंथ :सुबोधिनी, सिद्धान्त रहस्य। 📖 दादूदयाल (1544 ई.–1603 ई.) 🙏 जन्म : 1544 ई., अहमदाबाद, साबरमती नदी तट। 🌊मृत्यु : नरैना, जयपुर। 🙏पालक पिता : लोदीराम (ब्राह्मण)। 👪गुरु : वृद्धानंद (कबीर के शिष्य)। 🙏महत्व :राजस्थान का कबीर। 🌟 दादूपंथ की स्थापना (1554 ई., नरैना)। 🕍 मूर्तिपूजा और जाति प्रथा का विरोध। 🚫 152 शिष्य; 52 शिष्य 52 स्तंभ । 🙏 प्रमुख शिष्य: सुंदरदास, गरीबदास, रज्जब जी, मिस्किनदास, बालिंद, बखना। 🌟 रज्जब जी: “यह संसार वेद है, यह सृष्टि कुरान है”। 🤝 उपदेश: दादू रा दूहा, दादूवाणी। 📖 अकबर ने फतेहपुर सीकरी बुलाया; गौहत्या पर रोक लगाई। 🐄 नोट : दादूपंथी शव को जलाने के बजाय जंगल में छोड़ते थे (वर्तमान में दाह संस्कार)। 🔥गुरु नानक (1469 ई.–1539 ई.) 🕍 जन्म : 1469 ई., तलवंडी (ननकाना साहिब, पंजाब)। 🌴माता-पिता : माता तृप्ता देवी, पिता लाल कल्याणराय। 👪पत्नी : सुलक्षणादेवी। 💍महत्व :निर्गुण भक्ति; ईश्वर को अकाल पुरुष कहा। 🙏 जाति-पात का विरोध। 🚫 स्वयं रबाब के साथ भजन। 🎶 उदासियाँ: भारत, अफगान, अरब, फारस, श्रीलंका, मक्का-मदीना की यात्राएँ। 🌍 करतारपुर में अंतिम समय तक उपदेश। 🕍 सिख धर्म के 10 गुरु: नानक, अंगद, अमरदास, रामदास, अर्जुनदेव (आदिग्रंथ संकलन), हरगोविंद, हरराय, हरकिशन, तेगबहादुर, गोविंदसिंह (खालसा पंथ)। 🙏 प्रमुख ग्रंथ : आदिग्रंथ (गुरुग्रंथ साहिब) में उपदेश संकलित। 📖चैतन्य महाप्रभु (1486 ई.–1534 ई.) 🕉️ जन्म : 1486 ई., नदिया, बंगाल। 🌴माता-पिता : माता शचि देवी, पिता जगन्नाथ मिश्र। 👪बचपन का नाम : विश्वम्भर नाथ; वास्तविक नाम: निमाई । 👦गुरु : प्रथम गुरु गंगादास, वास्तविक गुरु केशव भारती। 🙏महत्व :गौड़ीय सम्प्रदाय की स्थापना। 🕍 दर्शन: अचिंत्य भेदाभेद। 🧠 प्रत्येक प्राणी कृष्ण भक्ति के योग्य। 🕉️ अनुयायी उन्हें विष्णु/कृष्ण का अवतार मानते थे। 🌟 अन्य नाम: गौरांग महाप्रभु। 🌞 शिष्य: हरिदास (सखी सम्प्रदाय संस्थापक)। 🙏 प्रमुख ग्रंथ : शिक्षाष्टांग (8 श्लोक); चैतन्य चरितामृत (कविराज कृष्णदास द्वारा संकलन)। 📖नरसी मेहता (1414 ई.–1481 ई.) 🎶 जन्म : जूनागढ़, तलजा (गुजरात)। 🌴माता-पिता : पिता कृष्ण दामोदर। 👪पत्नी : मणिक बाई। 💍महत्व :गुजराती साहित्य का सूरदास। 🌟 कृष्ण भक्ति के 1 लाख दोहे। 📖 भजन: वैष्णवजन तो तेने कहिए, पीर पराई जानि रे (महात्मा गांधी का प्रिय)। 🎶 शंकरदेव (1449 ई.–1568 ई.) 🕉️ महत्व :असम का चैतन्य महाप्रभु। 🌟 एकशरण सम्प्रदाय की स्थापना। 🕍 निर्गुण संत; मूर्तिपूजा और महिला सहयोगिनी का विरोध। 🚫 मंदिरों में भगवद्पुराण की पूजा। 📖 प्रमुख ग्रंथ : भक्ति रत्नाकर। 📖महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन 🏛️ प्रेरक : विठोबा (पंढरपुर का देवता, विष्णु का अवतार)। 🕉️दो धाराएँ :वरकरी (बारकरी) : परिक्रमा करने वाले, सौम्य, भावुक, कृष्ण भक्ति। 🙏धरकरी : एक स्थान पर रहने वाले, रामदास पंथ, राम भक्ति, सैद्धांतिक। 🕉️प्रमुख संत : ज्ञानदेव, नामदेव, तुकाराम। 🙏महाराष्ट्र के प्रमुख संत 🌟 संत ज्ञानेश्वर (1285 ई.–1353 ई.) :जन्म : 1285 ई., औरंगाबाद, महाराष्ट्र। 🌴माता-पिता : माता रुक्मणी बाई, पिता विट्ठलपंत। 👪गुरु : निवृत्तिनाथ। 🙏ग्रंथ :ज्ञानेश्वरी (मराठी में श्रीमद्भगवद्गीता की टीका, भावार्थ दीपिका)। 📖 अमृतानुभव, चंगदेवप्रशस्ति। 📜 संत नामदेव (1270 ई.–1350 ई.) :जन्म : 26 अक्टूबर 1270, पंढरपुर, महाराष्ट्र (कृष्णा नदी तट)। 🌊माता-पिता : माता गौणदेवी, पिता दामासेठ। 👪पत्नी : राजाबाई। 💍गुरु : विसोबा खेचर (विठोबा)। 🙏महत्व :छीपा जाति; बचपन में डाकू, बाद में संत। 🌟 61 पद आदिग्रंथ में। 📖 दिल्ली में सूफी संतों से वाद-विवाद। 🧑🏫 ज्ञानेश्वर के साथ भ्रमण; बाद में पंजाब (धोमन, गुरदासपुर) में बसे। 🏞️ संत तुकाराम (1520 ई.–1598 ई.) :जन्म : पुणे, महाराष्ट्र। 🌴माता-पिता : माता कनकाई, पिता बोल्होबा। 👪पत्नी : जीजाबाई। 💍महत्व :शुद्र जाति; विठोबा की पूजा। 🕉️ ग्रंथ: तुकाराम री वाणी। 📖 एकनाथ (1533 ई.–1599 ई.) :जन्म : पेठन, औरंगाबाद, महाराष्ट्र। 🌴गुरु : जनार्दनस्वामी। 🙏महत्व :ज्ञानेश्वर से प्रभावित; ज्ञानेश्वरी का विश्वसनीय अंक प्रकाशित। 📖 ग्रंथ: चतुश्लोकी भागवत, भावार्थ रामायण, रुक्मणी स्वयंवर। 📜 समर्थ गुरु रामदास (1608 ई.–1681 ई.) :महत्व :शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु। 👑 परमार्थ सम्प्रदाय। 🕉️ ग्रंथ: दासबोध। 📖 शंकराचार्य के विरुद्ध दार्शनिक सम्प्रदाय 🧠 संत सम्प्रदाय दर्शन रामानुज श्री सम्प्रदाय विशिष्टाद्वैतवाद मध्वाचार्य ब्रह्म सम्प्रदाय द्वैतवाद विष्णुस्वामी/वल्लभाचार्य रुद्र सम्प्रदाय शुद्धाद्वैतवाद निम्बार्क सनक सम्प्रदाय द्वैताद्वैतवाद
शंकराचार्य के चार मठ 🏛️ मठ स्थान समर्पण ज्योति पीठ बद्रीनाथ, उत्तराखंड विष्णु शृंगेरी पीठ मैसूर, कर्नाटक शिव गोवर्धन पीठ पुरी, ओडिशा बलभद्र, सुभद्रा शारदा पीठ द्वारका, गुजरात कृष्ण
षड्दर्शन 🧠 दर्शन प्रवर्तक सांख्य कपिल योग पतंजलि न्याय गौतम (अक्षपाद) वैशेषिक कणाद/उलूक मीमांसा (पूर्व) जैमिनि उत्तर मीमांसा (वेदांत) बादरायण
वैशेषिक दर्शन : पदार्थ को 7 भागों में विभक्त। 🧠ब्रह्मसूत्र के भाष्यकार 📖 भाष्यकार दर्शन भाष्य शंकर अद्वैतवाद शारीरिक भाष्य रामानुज विशिष्टाद्वैतवाद श्री भाष्य मध्व द्वैतवाद पूर्णप्रज्ञभाष्य निम्बार्क द्वैताद्वैतवाद वेदान्त परिजात वल्लभाचार्य शुद्धाद्वैतवाद पूर्व मीमांसा भाष्य