भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के 3 शक्तिशाली चरणों की पूरी गहराई से खोज करें – 1885 से शुरू हुए उदारवादी दौर से लेकर 1947 की ऐतिहासिक स्वतंत्रता तक! प्रसिद्ध नेता, गुप्त संगठन, विस्फोटक घटनाएँ, क्रांतिकारी किताबें, समाचार पत्र और गेम-चेंजिंग सुधार जो भारत की आजादी की ज्वाला भड़काते रहे। 🇮🇳 इतिहास प्रेमियों के लिए अनिवार्य, डिटेल्ड पढ़ाई! 💥✨ हर पॉइंट फुल डिटेल में, जीरो कटौती! 📜
Table of Contents
🌟 परिचय: अजेय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एक ऐसा महाकाव्य था जो दशकों तक चला और लाखों भारतीयों की बलिदानों से सजाया गया। 🔥 यह सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं थी, बल्कि राष्ट्रवाद की ज्वाला थी जो जाति, धर्म और क्षेत्र से ऊपर उठकर पूरे देश को एकजुट करती रही। 💪 1885 से 1947 तक के इस सफर में उदारवादी माँगें, क्रांतिकारी बम धमाके, स्वदेशी बहिष्कार, अहिंसक सत्याग्रह और समानांतर सरकारें सब शामिल थे। आइए, 3 शानदार चरणों में इसकी पूरी कहानी डाइव करें – हर डिटेल के साथ, बिना कुछ छोड़े! 🇮🇳✨
🏛️ 1. प्रथम चरण (1885-1905): उदारवादी युग की नींव – कांग्रेस का जन्म! 🌱
यह चरण उदारवादी चरण के नाम से मशहूर है, जहाँ भारतीय नेता संवैधानिक तरीकों से सुधार माँगते थे। 🇬🇧➡️🇮🇳
🔹 प्रमुख नेता जो इतिहास रचते रहे
- दादाभाई नौरोजी – ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ 👴💼
- फिरोजशाह मेहता – बंबई के शेर 🦁
- आर. सी. दत्त – आर्थिक शोषण की पुस्तकें लिखने वाले 📚
- एस. एन. बनर्जी – ‘भारत का सिसरो’ 🗣️
- रास बिहारी बोस – बाद में क्रांतिकारी बने 🔫
- गोपाल कृष्ण गोखले – गांधीजी के राजनीतिक गुरु 🙏
- बदरुद्दीन तैय्यबजी – पहला मुस्लिम अध्यक्ष 🕌
- बी. डब्ल्यू. सी. बनर्जी – प्रथम कांग्रेस अध्यक्ष 🎙️
- पंडित मदन मोहन मालवीय – शिक्षा और राष्ट्रवाद के योद्धा 🛕
🔹 कांग्रेस से पहले की राजनीतिक संस्थाएँ – राष्ट्रवाद की जड़ें 🌳
कांग्रेस की स्थापना से पहले कई संगठनों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और सुधारों की माँग की। 📜
- बंग भाषा प्रकाशन सभा (1836, कलकत्ता) 📖
- सरकार को पत्र लिखकर नीतियों की समीक्षा और सुधार की माँग। ✉️
- लैंड होल्डर्स सोसाइटी (1838, कलकत्ता) 🏞️
- संस्थापक: द्वारिकानाथ टैगोर, अन्य: प्रसन्न कुमार ठाकुर, राजा राधाकांत देव।
- उद्देश्य: जमींदारों के हितों की रक्षा। ⚔️
- बंगाल ब्रिटिश एसोसिएशन (1843, कलकत्ता) 🤝
- संस्थापक: द्वारिकानाथ टैगोर, सदस्यों में अंग्रेज भी।
- उद्देश्य: ब्रिटिश शासन के तहत भारतीयों की वास्तविक स्थिति जानना। 🔍
- ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन (28 अक्टूबर 1851, कलकत्ता) 🇬🇧🇮🇳
- संस्थापक: राधाकांत देव, देवेंद्रनाथ टैगोर, राजेंद्रलाल मित्र, हरिश्चंद्र मुखर्जी।
- उद्देश्य: राजनीतिक अधिकारों की माँग। 🗳️
- इंडियन एसोसिएशन (26 जुलाई 1876, कलकत्ता) ✊
- संस्थापक: सुरेंद्रनाथ बनर्जी, आनंदमोहन बोस।
- सिविल सेवा सुधारों की जोरदार माँग। 📈
- मद्रास महाजन सभा (1884) 🏙️
- पूना सार्वजनिक सभा (1870) 📢
- इंडिया लीग (1875) 🌍
- उद्देश्य: राष्ट्रवाद की भावना जगाना। 🔥
- बंबई प्रेसीडेंसी एसोसिएशन (1885) 🏛️
- संस्थापक: फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैय्यबजी, के. टी. तैलंग।
- नेशनल कॉन्फ्रेंस (1883) 🎤
- सुरेंद्रनाथ बनर्जी की, 1886 में कांग्रेस में विलय। 🤝
🔹 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म (1885) – इतिहास का टर्निंग पॉइंट! 🎉
- संस्थापक: एलन अक्टोवियन ह्यूम 🕴️
- 1884 में भारतीय राष्ट्रीय संघ की स्थापना।
- प्रथम अधिवेशन: 28 दिसंबर 1885, बंबई।
- दादाभाई नौरोजी के सुझाव पर नाम बदला: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।
- प्रथम अध्यक्ष: व्योमेशचंद्र बनर्जी 👑
- उद्देश्य:
- लोकतांत्रिक राष्ट्रवादी आंदोलन चलाना। 🗳️
- मुख्यालय स्थापना। 🏢
- राष्ट्रवादी भावना को बढ़ावा, जाति-धर्म से ऊपर। ❤️
- उपनिवेशवाद विरोधी विचारधारा का समर्थन। ✊
- राजनीतिक शिक्षा और लक्ष्यों की जानकारी। 📚
🔹 विवादित मुद्दे: सुरक्षा वॉल्व या तड़ित चालक? ⚡
- सुरक्षा वॉल्व थ्योरी: डफरिन के निर्देश पर ह्यूम ने कांग्रेस बनाई ताकि असंतोष ‘सुरक्षित’ निकले। 🛡️
- तड़ित चालक: कुछ इतिहासकार इसे अस्वीकार करते हुए क्रांति की प्रक्रिया मानते हैं। 🌩️
🔹 प्रथम अधिवेशन की माँगें 📋
- सैनिक खर्च कटौती। ✂️
- विधान परिषदों का विस्तार। 📜
- उच्च नौकरियों में भारतीयों को अवसर। 💼
- रॉयल कमीशन की नियुक्ति। 👑
- 1887: दादाभाई नौरोजी की अध्यक्षता में भारतीय सुधार समिति (ब्रिटेन)। 🇬🇧
- 1888: विलियम डिग्बी की ब्रिटिश कमेटी ऑफ इंडिया (लंदन)। 📈
🔹 प्रारंभिक अधिवेशन – अध्यक्ष और स्थान 📅
| स्थान | वर्ष | अध्यक्ष |
|---|---|---|
| बंबई | 1885 | व्योमेश चंद्र बनर्जी |
| कलकत्ता | 1886 | दादाभाई नौरोजी |
| मद्रास | 1887 | बदरुद्दीन तैय्यबजी |
| इलाहाबाद | 1888 | जॉर्ज यूले |
- पहला मुस्लिम अध्यक्ष: बदरुद्दीन तैय्यबजी 🕌
- पहला अंग्रेज अध्यक्ष: जॉर्ज यूले 🇬🇧
- दादाभाई नौरोजी: ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ 👴
⚔️ 2. द्वितीय चरण (1905-1913): उग्रवाद का उदय – स्वदेशी और क्रांति की लहर! 🌊
यह काल राष्ट्रीय आंदोलन के उदय का था, जहाँ स्वदेशी आंदोलन ने पूरे देश को हिला दिया। 💥
🔹 उग्रवादी नेता – गरम दल के शेर 🦁
- लाला लाजपत राय – ‘पंजाब केसरी’ 🦁
- बाल गंगाधर तिलक – ‘लोकमान्य’ 🙌
- विपिन चंद्र पाल – ‘बंगाल का शेर’ 🐯
- अरविंद घोष – आध्यात्मिक क्रांतिकारी 🕉️
🔹 प्रसिद्ध किताबें जो आग भड़काती रहीं 📖🔥
| लेखक | पुस्तक |
|---|---|
| अरविंद घोष | भवानी मंदिर |
| तिलक | गीता रहस्य, आर्कटिक होम ऑफ द वेदाज |
| महात्मा गांधी | हिंद स्वराज (1909) |
| सुभाषचंद्र बोस | द इंडियन स्ट्रगल (आत्मकथा) |
🔹 समाचार पत्र – प्रचार की तलवारें 📰⚔️
| लेखक | समाचार पत्र |
|---|---|
| बाल गंगाधर तिलक | केसरी (मराठी), मराठा (अंग्रेजी) |
| विपिन चंद्र पाल | न्यू इंडिया |
| लाला लाजपत राय | पंजाबी |
| ब्रह्मबांधव उपाध्याय | संध्या |
| अरविंद घोष | वंदे मातरम |
| भूपेंद्र सिंह | युगांतर |
| अजीत सिंह | भारत माता |
| इंडियन होमरूल सोसाइटी | इंडियन सोशियोलॉजिस्ट |
| रामनाथ पुरी | सरकुलर-ए-आजादी |
| तारकनाथ दास | फ्री हिंदुस्तान |
| सोहनसिंह भाकना | गदर/हिंदुस्तान गदर |
| एनी बेसेन्ट | कॉमनवील (साप्ताहिक), न्यू इंडिया (दैनिक) |
| कृष्ण कुमार मित्र | संजीवनी |
| सुरेंद्रनाथ बनर्जी | बंगाली |
| अश्विन कुमार | स्वदेशी |
| महात्मा गांधी | द इंडियन ओपिनियन (1903) |
| मुहम्मद अली | कॉमरेड |
| मौलाना आजाद | अल हिलाल/अल बिलाल |
| महात्मा गांधी | हरिजन |
🔹 क्रांतिकारी आतंकवाद का प्रथम चरण (1905-1917) – बम और बंदूक की गूँज 💣
उग्रवादी आदर्शों से प्रेरित युवाओं ने सशस्त्र क्रांति चुनी। 🔫
🟡 महाराष्ट्र में क्रांति की आग 🔥
- चितपावन ब्राह्मणों को आतंकवाद शुरू करने का श्रेय।
- दामोदर चापेकर & बालकृष्ण चापेकर: 22 जून 1897 को प्लेग कमिश्नर रैंड & एमहर्स्ट की हत्या। फाँसी हुई। ⚰️
- आर्य बान्धव समिति स्थापित।
- वी. डी. सावरकर: 1904 में अभिनव भारत समाज। 📛
🟡 बंगाल में अनुशीलन और बम फैक्ट्री 🧨
- 1902: अनुशीलन समिति – कलकत्ता (जतींद्र नाथ बनर्जी), मिदनापुर (ज्ञानेंद्र नाथ बसु)।
- हेमचंद्र कानूनगो: पेरिस से प्रशिक्षण लेकर 1908 में कलकत्ता में बम फैक्ट्री।
- खुदीराम बोस: 30 अप्रैल 1908 को किंग्सफोर्ड हत्या की कोशिश, फाँसी। 🪢
- रास बिहारी बोस: लॉर्ड हार्डिंग पर बम।
- ब्रह्मबांधोपाध्याय: रवींद्रनाथ टैगोर को ‘गुरुदेव’ कहा। 🎓
🟡 पंजाब में अकाल और करों की बगावत 🌾
- अकाल, भू-राजस्व और सिंचाई कर बढ़ने से क्रांति।
- अजीत सिंह: लाहौर में अंजुमने-मोहिब्बाने वतन। ✊
🟡 भारत के बाहर क्रांतिकारी नेटवर्क 🌍
- ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, अफगानिस्तान, जर्मनी में सक्रिय।
- श्यामजी कृष्ण वर्मा: 1905 लंदन में इंडिया होमरूल सोसाइटी, इंडिया हाउस। सदस्य: हरदयाल, वी.डी. सावरकर, मदन लाल धींगरा।
- मदनलाल ढींगरा: 1 जुलाई 1909 को वाइली हत्या, फाँसी। ⚖️
🟡 गदर पार्टी (1913) – अमेरिका से विद्रोह 🇺🇸
- नवंबर 1913: सोहन सिंह भाकना ने हिंद एसोसिएशन ऑफ अमेरिका।
- गदर पत्रिका से नाम गदर आंदोलन।
- सैन फ्रांसिस्को में युगांतर आश्रम।
- राजा महेंद्र प्रताप: दिसंबर 1915 काबुल में अंतरिम भारत सरकार।
- मद्रास में नीलकंठ ब्रह्मचारी & वांची अय्यर ने भारत माता समिति।
🔹 बंगाल विभाजन (1905) – स्वदेशी की चिंगारी ✂️🇮🇳
- 19 जुलाई 1905: विभाजन घोषणा।
- 7 अगस्त 1905: कलकत्ता टाउन हॉल में स्वदेशी & बहिष्कार प्रस्ताव।
- 16 अक्टूबर 1905: प्रभावी, ‘शोक दिवस’। 😢
- रवींद्रनाथ टैगोर: हिंदू-मुस्लिम राखी बाँधी। 🎀
- गीत: ‘आमार सोनार बांग्ला’ (टैगोर), ‘वंदे मातरम’ (बंकिम चंद्र)। 🎶
- आनंद मोहन बोस: फेडरेशन हॉल की नींव।
- अश्विन कुमार: स्वदेशी बान्धव समिति (मुस्लिम बहुल)।
- अश्विन कुमार दत्त: बारीसाल के अध्यापक।
🟡 कृष्ण कुमार मित्र
- ब्रह्म समाजी पत्रकार।
- सबसे पहले विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की बात। 🚫
🟡 सुरेंद्रनाथ बनर्जी
- विभाजन को ‘आसमान से गिरा वज्रपात’ कहा। ⚡
🟡 पी.सी. रॉय: बंगाल केमिकल स्वदेशी स्टोर्स। 🧪
- 15 अगस्त 1906: गुरुदास बनर्जी ने राष्ट्रीय शिक्षा परिषद।
- कलकत्ता में अरविंद घोष राष्ट्रीय कॉलेज प्रधानाचार्य।
- अवनींद्रनाथ टैगोर: इंडियन सोसायटी फॉर ओरिएंटल आर्ट्स।
- पहली छात्रवृत्ति: नंदलाल बोस। 🎨
🔹 देश के अन्य भागों में स्वदेशी नेता 🗺️
- महाराष्ट्र: तिलक
- पंजाब: लाला लाजपत राय & अजीत सिंह
- मद्रास: चिदंबरम पिल्लै
- आंध्र: हरि सर्वोत्तम राव
- दिल्ली: सैयद हैदर रजा
- बनारस अधिवेशन: स्वदेशी & बहिष्कार अनुमोदन। ✅
- नरम vs गरम दल गतिरोध: नरमपंथी बंगाल तक सीमित रखना चाहते, गरमपंथी पूरे देश & संस्थाओं तक फैलाना। ⚔️
🔹 1906 कलकत्ता अधिवेशन – स्वराज की पहली माँग 🗣️
- गरमपंथी तिलक को अध्यक्ष चाहते, नरमपंथी ने दादाभाई नौरोजी को लंदन से बुलाया।
- चार प्रस्ताव:
- स्वराज
- स्वदेशी
- बहिष्कार
- राष्ट्रीय शिक्षा
- दादाभाई नौरोजी: पहली बार स्वराज माँग। 🇮🇳
🔹 मुस्लिम लीग की स्थापना (1906) 🕌
- 1 अक्टूबर 1906: शिमला में सर आगा खाँ के नेतृत्व में मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल लॉर्ड मिंटो से मिला।
- जनक: अलीगढ़ कॉलेज प्रिंसिपल आर्चवोल्ड।
- 30 दिसंबर 1906, ढाका: मुस्लिम लीग स्थापना।
- संस्थापक: ढाका नवाब सलीम उल्लाह खान।
- प्रथम अध्यक्ष: वकार-उल-मुल्क।
- 1908: आगा खाँ स्थायी अध्यक्ष।
- 1909 अमृतसर: पृथक निर्वाचन माँग, मार्ले-मिंटो सुधार में मिली।
🔹 1907 सूरत अधिवेशन – कांग्रेस में फूट 💔
- पहले नागपुर में होना था, तिलक अध्यक्ष न बन पाए तो सूरत शिफ्ट।
- गरमपंथी लाला लाजपत राय चाहते, नरमपंथी रासबिहारी घोष बनवाए।
- तिलक गिरफ्तार: 6 साल मांडले जेल, 1914 रिहा। ⛓️
🔹 1909 मार्ले-मिंटो सुधार 📜
- लॉर्ड मार्ले (भारत सचिव), लॉर्ड मिंटो II (गवर्नर जनरल)।
🟡 प्रावधान:
- केन्द्रीय विधानमंडल सदस्य: 69।
- प्रांतीय परिषदें: 50/30 सदस्य।
- अधिकार बढ़े: पूरक प्रश्न, बजट बहस (बिना वोट)। 🚫 विदेश, रियासतें, रेल आदि पर नहीं।
- वायसराय परिषद में 1 भारतीय: एस.पी. सिन्हा (विधि सदस्य)।
- भारत परिषद में भारतीय: के.जी. गुप्ता, सैयद हुसैन बिलग्रामी (1907)।
- मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन।
🔹 1911 दिल्ली दरबार – विभाजन रद्द, राजधानी शिफ्ट 👑
- सम्राट जॉर्ज V & मैरी भारत आए।
- गवर्नर जनरल: लॉर्ड हार्डिंग II।
- गेटवे ऑफ इंडिया बनाया। 🏰
- घोषणाएँ:
- बंगाल विभाजन रद्द।
- राजधानी कलकत्ता से दिल्ली।
- दिसंबर 1912: दिल्ली स्थानांतरण।
- चांदनी चौक बम: रासबिहारी बोस, दिल्ली षड्यंत्र केस में फाँसी:
- अवध बिहारी
- अमीर चंद
- बाल मुकुंद
- बसंत कुमार
- ओडिशा & बिहार: बंगाल से अलग।
- असम: 1874 स्थिति, सिलहट शामिल।
🔹 1916 लखनऊ अधिवेशन – नरम-गरम विलय 🤝
- अध्यक्ष: अंबिका चरण मजूमदार।
- तिलक & एनी बेसेन्ट के प्रयास से विलय।
- तिलक & जिन्ना से लखनऊ समझौता: कांग्रेस पृथक निर्वाचन, लीग स्वराज समर्थन।
- मदन मोहन मालवीय विरोधी।
🔹 कामागाटामारू प्रकरण (1914) 🚢
- कनाडा में भारतीय प्रवेश प्रतिबंध, लेकिन 1913 में 35 को अनुमति।
- गुरदीत सिंह: जापानी जहाज किराया, 376 यात्री।
- कनाडा ने रोका, शोर कमेटी (रहीम हुसैन, बलवत सिंह, सोहनलाल पाठक)।
- USA में सोहन सिंह भाकना आदि ने आंदोलन।
- युद्ध शुरू, कलकत्ता लाया।
- वजबज बंदरगाह: 18 मारे, 202 जेल।
🔹 होमरूल आंदोलन – आयरलैंड से प्रेरणा 🇮🇪
- उद्देश्य: संवैधानिक स्वशासन।
- तिलक: 28 अप्रैल 1916, बेलगांव में होमरूल लीग।
- क्षेत्र: कर्नाटक, महाराष्ट्र (बंबई छोड़), मध्य प्रांत, बरार।
- नारा: ‘स्वराज, स्वदेश, बहिष्कार’।
- 1893: गणपति महोत्सव, 1895: शिवाजी महोत्सव।
- क्षेत्रीय भाषा शिक्षा & भाषाई राज्य माँग।
- एनी बेसेन्ट: सितंबर 1916, अड्यार में होमरूल लीग।
- सचिव: जॉर्ज अरुंडेल।
- जुड़े: वी.पी. वाडिया, रामास्वामी अय्यर, नेहरू, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, जिन्ना।
- क्षेत्र: शेष भारत।
- सबसे ज्यादा कार्यालय: मद्रास।
- सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी सदस्यों को प्रवेश नहीं।
- सरकार ने एनी बेसेन्ट गिरफ्तार, सुब्रमण्यम ने नाइटहुड त्याग।
- रिहा हुईं, 1917 कलकत्ता: पहली महिला अध्यक्ष। 👩💼
- 20 अगस्त 1917: मॉन्टेग्यू घोषणा – उत्तरदायी शासन।
- आंदोलन समाप्त।
🕊️ 3. तीसरा चरण (1919-1947): गांधी युग – सत्याग्रह से स्वराज तक! ✊🇮🇳
महात्मा गांधी का प्रवेश, अहिंसा की ताकत। 🙏
🔹 महात्मा गांधी का परिचय – दक्षिण अफ्रीका से भारत की क्रांति तक 🕉️
- 1891: इंग्लैंड से बैरिस्टर बनकर लौटे। 🎓
- 1893: अब्दुल्ला केस लड़ने दक्षिण अफ्रीका गए। ✈️
- टॉलस्टॉय & फीनिक्स आश्रम की स्थापना। 🏡
- बोअर (डच किसान) & जुलु विद्रोहों में अंग्रेजों की मदद, पदक मिले। 🏅
- रंगभेद नीति के विरुद्ध सत्याग्रह। ✊
- राजनीतिक गुरु: गोपाल कृष्ण गोखले। 🙏
- 1894: नटाल इंडियन कांग्रेस।
- 1904: फीनिक्स आश्रम।
- 1906: प्रथम सत्याग्रह प्रयोग (दक्षिण अफ्रीका)।
- 9 जनवरी 1915: भारत लौटे। 🇮🇳
- प्रथम विश्वयुद्ध में सेना भर्ती प्रोत्साहन, ‘केसर-ए-हिंद’ उपाधि।
- फरवरी 1916: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय उद्घाटन में पहली सार्वजनिक उपस्थिति। 🎤
- 1916: अहमदाबाद में साबरमती आश्रम। 🏞️
🔹 चंपारण आंदोलन (1917) – भारत में पहला सत्याग्रह, किसानों की जीत 🌱🚜
- राजकुमार शुक्ल के कहने पर गांधीजी चंपारण गए।
- तिनकठिया प्रथा: किसानों को 3/20 भूमि पर नील की खेती अनिवार्य। 😠
- सहायक: राजेंद्र प्रसाद, मजहरूल हक, जे.बी. कृपलानी, नरहरि पारिख, महादेव देसाई।
- अनुचित आदेश की अवज्ञा – अंग्रेजों के लिए नई।
- सरकारी आयोग में गांधी सदस्य, नील मालिकों को 25% अवैध वसूली वापस। 💰
- सफलता पर टैगोर ने ‘महात्मा’ उपाधि दी। 👏
🔹 अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन (1918) – अनशन की ताकत 🏭💪
- मिल मजदूरों & मालिकों में ‘प्लेग बोनस’ विवाद।
- 15 मार्च 1918: गांधी आमरण अनशन। 🍽️
- मालिक अम्बालाल साराभाई दोस्त, बहन अनुसुइया बेन सहयोगी।
- अंत में मजदूरों को 35% बोनस। ✅
🔹 खेड़ा किसान आंदोलन (1918) – अकाल में कर विरोध 🌾😷
- गांधी को गुजरात किसान सभा अध्यक्ष बनाया।
- अकाल में खराब फसल पर भू-राजस्व विरोध।
- विट्ठलभाई पटेल & गांधी ने जाँच कर मालगुजारी मना की।
- सरकार ने सक्षम किसानों से ही कर लिया।
- सहायक: इंदुलाल याग्निक, शंकरलाल बैंकर, वल्लभभाई पटेल (पहली मुलाकात), महादेव देसाई।
🔹 रॉलेट कानून विरोध सत्याग्रह (1919) – काला कानून की लड़ाई ⚖️🚫
- रॉलेट एक्ट: सर सिडनी रॉलेट की सेडिशन समिति।
- फरवरी 1919 में दो विधेयक – ‘आतंकवादी अपराध अधिनियम’।
- मजिस्ट्रेट को संदेह पर गिरफ्तार & मुकदमा बिना अपील, वकील, दलील।
- ‘काला कानून’।
- सत्याग्रह सभा (फरवरी 1919, बॉम्बे)।
- 6 अप्रैल 1919: अखिल भारतीय हड़ताल (प्रथम)।
- स्वामी श्रद्धानंद ने दिल्ली आमंत्रित, पलवल (हरियाणा) गिरफ्तारी, बॉम्बे छोड़ा।
- अमृतसर: डॉ. सतपाल & सैफूदीन किचलू गिरफ्तारी विरोध, शांतिपूर्ण जुलूस पर पुलिस, भीड़ उग्र, 5 श्वेत मारे।
- मार्शल लॉ, आर. डायर को सौंपा।
🔹 जलियाँवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919) – बैसाखी का खूनी दिन 🩸😱
- बैसाखी, अमृतसर जलियाँवाला बाग में शांतिपूर्ण सभा (गोली कांड & गिरफ्तारी विरोध)।
- जनरल ओ डायर बिना सूचना/चेतावनी गोली चलवाई।
- हंसराज (भारतीय) ने मदद की।
- विरोध: टैगोर ‘सर’ त्याग, शंकरन नायर कार्यकारी परिषद इस्तीफा।
- हाउस ऑफ लॉर्ड्स: डायर ‘ब्रिटिश साम्राज्य का शेर’, ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’।
- गुरुद्वारा कमिटी: ‘सिंह’ उपाधि & सरोपा (उदासी महंत कब्जा)।
- हंटर कमिटी (8 सदस्य, 3 भारतीय: सर चिमन लाल सीतलवाड़, साहबजादा सुल्तान अहमद, जगत नारायण) – डायर निर्दोष।
- गांधी: रिपोर्ट ‘पन्ने दर पन्ने निर्लज्ज लीपापोती’।
- कांग्रेस कमिटी: मदन मोहन मालवीय नेतृत्व, सदस्य: मोतीलाल नेहरू, गांधी, अब्बास तैय्यबजी, सी.आर. दास, पुपुल जयकर।
🔹 खिलाफत आंदोलन (1919-1920) – हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल 🕌🤝
- प्रथम विश्वयुद्ध बाद ‘सीवर्स की संधि’ से तुर्की सुल्तान (खलीफा) अधिकार छिने, साम्राज्य छिन्न-भिन्न।
- मुहम्मद अली & शौकत अली नेतृत्व में अंग्रेजों खिलाफ मुस्लिम आंदोलन।
- सितंबर 1919: “अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी” गठन।
- खिलाफत दिवस (17 अक्टूबर 1919)।
- मुख्य माँगें:
- ऑटोमन साम्राज्य के इस्लामी पवित्र स्थलों पर खलीफा नियंत्रण।
- जजीरात (अरब, सीरिया, इराक, फिलीस्तीन) इस्लामी सम्प्रभुता।
- खलीफा के पास इस्लामी विश्वास सुरक्षित रखने लायक क्षेत्र।
- मुख्य नेता: मुहम्मद अली, शौकत अली, मौलाना आजाद, हकीम अजमल खान, हसरत मोहानी।
- मुहम्मद अली & डॉ. अंसारी प्रतिनिधिमंडल इंग्लैंड।
- नवंबर 1919 दिल्ली: गांधी अध्यक्षता।
- 9 जून 1920 इलाहाबाद: अहिंसक असहयोग शुरू, गांधी अगुआई।
- 31 अगस्त 1920: खिलाफत असहयोग का हिस्सा।
- 1924: कमाल पाशा सरकार ने खलीफा पद समाप्त, आंदोलन खत्म।
🔹 अगस्त घोषणा (1917) – उत्तरदायी शासन का वादा 📢
- भारत सचिव मॉन्टेग्यू: 20 अगस्त 1917 ब्रिटेन कॉमन्स सभा में प्रस्ताव।
- हर शाखा में भारतीयों को अधिक प्रतिनिधित्व।
- “शिक्षित भारतीयों की माँग उनका अधिकार, उत्तरदायित्व & आत्मनिर्णय का अवसर”।
🔹 1919 भारत परिषद अधिनियम (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार) 🏛️📜
- मॉन्टेग्यू (भारत सचिव) – चेम्सफोर्ड (गवर्नर जनरल)।
- समिति: विलियम ड्यूक, भूपेंद्र नाथ बसु, चार्ल्स रॉबर्ट (मॉन्टेग्यू घोषणा के प्रश्न पर)।
🟡 गृह सरकार में परिवर्तन:
- भारत परिषद सदस्य 15 से 8-12।
- खर्च ब्रिटिश राजकोष।
- भारतीय उच्च आयुक्त पद – इंग्लैंड से आपूर्ति, खर्च भारतीय राजकोष।
🟡 भारत सरकार में परिवर्तन:
- केन्द्र: कार्यकारी परिषद में 3/8 भारतीय (विधि, शिक्षा, श्रम, स्वास्थ्य, उद्योग)।
- द्विसदनीय:
- राज्य परिषद (60)।
- केन्द्रीय विधानसभा (145)।
- प्रथम प्रत्यक्ष मताधिकार (सम्पत्ति आधारित, महिलाएँ नहीं)।
- पृथक निर्वाचन: मुस्लिम + सिख, एंग्लो-इंडियन।
- विषय विभाजन: केन्द्रीय (विदेश, रक्षा आदि), प्रांतीय (स्वास्थ्य, शिक्षा आदि)।
🟡 प्रांतों में परिवर्तन:
- दोहरी प्रशासनिक प्रणाली: आरक्षित (गवर्नर मनोनीत पार्षद, उत्तरदायी नहीं), हस्तांतरित (मंत्री निर्वाचित से)।
- आरक्षित: वित्त, भूमि कर, न्याय, पुलिस आदि।
- हस्तांतरित: शिक्षा, कृषि, स्थानीय स्वायत्त आदि।
- उदारवादी: भारत का मैग्नाकार्टा।
- लोकमान्य तिलक: बिना सूरज का सवेरा।
- कांग्रेस में दूसरा विभाजन: सुरेंद्रनाथ बनर्जी अलग, ‘अखिल भारतीय उदारवादी संघ’।
🔹 असहयोग आंदोलन (1920-1922) – गांधी की पहली बड़ी लड़ाई ✊🚫
- सितंबर 1920 कलकत्ता विशेष अधिवेशन: गांधी असहयोग प्रस्ताव पेश।
- प्रस्ताव लेखक: महात्मा गांधी।
- विरोध: चितरंजन दास।
- बाल गंगाधर तिलक कभी अध्यक्ष नहीं बने।
- विरोध के बावजूद मोतीलाल नेहरू & अली भाइयों सहयोग से पास।
- दिसंबर 1920 नागपुर (वी. राघवाचारी): सी.आर. दास प्रस्ताव, अनुमोदन।
- संविधान परिवर्तन: भाषाई प्रांतीय कमिटी, 15 सदस्य वर्किंग कमिटी, सदस्यता 25 पैसे।
- तिलक स्वराज फंड (1 अगस्त 1920 तिलक मृत्यु)।
- 1 अगस्त 1920: आंदोलन शुरू।
🟡 मुख्य बातें:
- सरकारी उपाधि & पद छोड़ो।
- सरकारी उत्सव बहिष्कार।
- स्कूल, कॉलेज, कोर्ट बहिष्कार, पंचायत।
- मेसोपोटामिया नौकरी इंकार।
- विदेशी माल पूर्ण बहिष्कार।
- गांधी vs दास/लाला: विधान परिषद & स्कूल बहिष्कार पर असहमति।
- रचनात्मक कार्य: शराब बहिष्कार, हिंदू-मुस्लिम एकता, छुआछूत, स्वदेशी, खादी, सविनय अवज्ञा।
- वादा: 1 साल में स्वराज।
- त्याग: गांधी पदक, जमनालाल बजाज रायबहादुर।
- राष्ट्रीय स्कूल: जामिया मिलिया इस्लामिया (अलीगढ़), बिहार विद्यापीठ, काशी विद्यापीठ, गुजरात विद्यापीठ।
- शिक्षक: नरेन्द्र देव, डॉ. जाकिर हुसैन, लाला लाजपत राय।
- प्रधानाचार्य: सुभाषचंद्र बोस (नेशनल कॉलेज, कलकत्ता)।
- वकालत छोड़ी: सी.आर. दास, मोतीलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सैफुद्दीन किचलू, सी. राजगोपालाचारी, सरदार पटेल, टी. प्रकाशम, आसफ अली।
- पहली जेल: मुहम्मद अली।
- सी.आर. दास & बसंती देवी गिरफ्तार।
- अप्रैल 1921: प्रिंस ऑफ वेल्स बहिष्कार।
- दिसंबर 1921 अहमदाबाद (हकीम अजमल खान): तेज करने की प्रतिबद्धता।
- हिंसा: 5 फरवरी 1922 चौरी-चौरा (उत्तर प्रदेश): उग्र भीड़ ने थाना जलाया, थानेदार & 21 सिपाही मारे।
- नेतृत्व: भगवान अहीर।
- 12 फरवरी 1922 बारदोली: गांधी ने समाप्त किया।
- जानकारी: दशरथ प्रसाद द्विवेदी।
- पहली खबर: “वेनगाई” अखबार।
- 13 मार्च 1922: गांधी गिरफ्तार, न्यायाधीश ब्रूमफील्ड ने 6 साल सजा (तिलक जैसी)।
- 5 फरवरी 1924: स्वास्थ्य कारण रिहा।
🔹 स्वराज पार्टी (मार्च 1923) – परिषद में बाधा की रणनीति 🏛️⚡
- असहयोग बाद कांग्रेस विभाजन:
- परिवर्तनवादी – परिषद में जाकर गलत नीतियाँ रोकें।
- अपरिवर्तनवादी – परिषद विरोध।
- 1922 गया अधिवेशन: चुनाव प्रस्ताव गिरा।
- 1 जनवरी 1923 इलाहाबाद: सी.आर. दास, मोतीलाल नेहरू, विट्ठलभाई पटेल, मदन मोहन मालवीय, जयकर ने स्वराज पार्टी।
- अध्यक्ष: सी.आर. दास, सचिव: मोतीलाल नेहरू।
- उद्देश्य:
- शीघ्र डोमिनियन स्टेट्स।
- सरकारी कार्यों में बाधा।
- 1923 चुनाव: मध्य प्रांत पूर्ण बहुमत, बंगाल/उत्तर प्रदेश/बंबई प्रधानता, केन्द्रीय 101 में 42।
- 1925: विट्ठलभाई पटेल केन्द्रीय विधानसभा अध्यक्ष।
- ली कमीशन (जातीय उच्चता) & मुडिमैन कमिटी (द्वैधशासन विवाद) विरोध।
- जून 1925 दास मृत्यु: पार्टी समाप्त।
- मुडिमैन कमिटी (1924): 1919 अधिनियम द्वैधशासन जाँच।
🔹 साइमन कमीशन (1928) – श्वेत कमीशन का बहिष्कार 👎🇬🇧
- सर जॉन साइमन अध्यक्षता, 7 ब्रिटिश सदस्य (कोई भारतीय नहीं) – ‘श्वेत कमीशन’।
- 3 फरवरी 1928 भारत आगमन: पूर्ण बहिष्कार, काले झंडे, ‘साइमन गो बैक’ नारा (यूसुफ मेहरअली)।
- बहिष्कार निर्णय: 1927 मद्रास अधिवेशन (डॉ. एम.ए. अंसारी)।
- लखनऊ: जवाहरलाल नेहरू & गोविंद वल्लभ पंत विरोध।
- लाहौर: पुलिस लाठी से लाला लाजपत राय मृत्यु। 😢
- समर्थन केवल 3: पंजाब यूनियनिस्ट, मद्रास जस्टिस, मुस्लिम लीग शफी गुट।
- सिफारिशें:
- प्रांतों में द्वैध समाप्त, उत्तरदायी शासन।
- संघीय संविधान।
- केन्द्र में अभी उत्तरदायी नहीं।
🔹 नेहरू रिपोर्ट (1928) – सर्वदलीय संविधान का प्रयास 📄🤝
- लॉर्ड बिरकेनहेड चुनौती: सभी दलों का समर्थन वाला संविधान बनाओ।
- 28 फरवरी 1928 दिल्ली सर्वदलीय: मोतीलाल नेहरू अध्यक्ष।
- सदस्य: सर अली इमाम, एम.एम. अणे, तेज बहादुर सप्रु, मंगल सिंह, जी.आर. प्रधान, शोएब कुरेशी, सुभाषचंद्र बोस, एन.एम. जोशी, जी.पी. प्रधान।
- डोमिनियन स्टेट्स पहला लक्ष्य, 1 साल में न मिले तो पूर्ण स्वराज & सविनय अवज्ञा।
- अगस्त 1928 सर्वदलीय: डॉ. अंसारी अध्यक्षता, अंतिम रूप।
- दिसंबर 1928 कलकत्ता: अस्वीकार (मुस्लिम लीग, हिंदू महासभा, सिख महासभा आपत्तियाँ)।
🟡 प्रावधान:
- सभी को 19 मूल अधिकार।
- बर्मा अलग।
- देशी रियासतें + ब्रिटिश भारत = अखिल भारतीय संघ।
- पृथक निर्वाचन समाप्त, अल्पसंख्यकों को सुरक्षित स्थान।
- केन्द्र द्विसदनीय।
- डोमिनियन स्टेटस।
- प्रांतों में द्वैध समाप्त, पूर्ण उत्तरदायी।
- संघात्मक, अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्र।
- भारत परिषद समाप्त।
- सर्वोच्च न्यायालय।
- सिन्ध बंबई से अलग।
- जिन्ना: नेहरू रिपोर्ट अस्वीकार, मार्च 1929 14 सूत्री माँग।
- सुभाषचंद्र बोस & जवाहरलाल नेहरू: डोमिनियन विरोध, इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग।
- 1928: भारतीय स्वतंत्रता लीग, अध्यक्ष एस. श्रीनिवास अयंगर।
🔹 1929 लाहौर अधिवेशन – पूर्ण स्वराज का ऐलान 🎉🇮🇳
- अध्यक्ष: जवाहरलाल नेहरू।
- पूर्ण स्वराज कांग्रेस उद्देश्य।
- 31 दिसंबर 1929: नया तिरंगा लहराया। 🚩
- 26 जनवरी 1930: प्रथम स्वाधीनता दिवस।
- सविनय अवज्ञा शुरू, कार्यक्रम गांधी को।
- 1927 मद्रास: पूर्ण स्वराज प्रस्ताव पहले पास।
🔹 गांधीजी का 11 सूत्री माँग पत्र (31 जनवरी 1930) 📋✉️
- गांधी: जिन्ना को पहली बार “कायदे-आजम” कहा।
- इरविन (गवर्नर जनरल) & रेम्जे मेकडोनाल्ड को पत्र।
- नमक कर समाप्त। 🧂
- गुप्तचर विभाग समाप्त। 🕵️
- सैनिक व्यय 50% कमी। ✂️
- राजनैतिक बन्दियों रिहा। 🔓
- रुपये अवमूल्यन। 💸
- मद्य निषेध। 🍷
- विदेशी कपड़े आयात कर। 👕
- उच्च वेतन पद कम। 💼
- भू राजस्व 1/2। 🌾
- आत्मरक्षा हथियार अधिकार। 🔫
- तटकर अधिनियम। 🌊
🔹 सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-1931) – नमक मार्च की गूँज 🧂🚶
- 12 मार्च 1930: साबरमती आश्रम से 78 अनुयायी (वेब मिलर सहित) दांडी, 24 दिन 375 किमी।
- 6 अप्रैल 1930: दांडी नमक कानून तोड़ा।
- सुभाष बोस: दांडी मार्च = नेपोलियन पेरिस मार्च & मुसोलिनी रोम मार्च।
- राजगोपालाचारी: त्रिचनापल्ली से वेदारण्यम।
- के. केलप्पन & टी.के. माधवन: कालीकट से पयन्नूर।
- असम: सिलहट से नोआखली।
- खान अब्दुल गफ्फार खान (सीमांत गांधी/फख्रे अफगान): NWFP में खुदाई खिदमतगार (लाल कुर्ती दल)।
- पत्रिका: ‘पख्तून’ (पश्तो), बाद ‘दशरोजा’।
- पेशावर: चंद्रसिंह गढ़वाली गोली चलाने मना।
- नागालैंड: जदोनांग नेतृत्व जियालरंग, बहन गोडेनल्यू (13 वर्ष) तिरंगा, नेहरू ‘रानी’ उपाधि।
- धरासना: सरोजिनी नायडू, इमाम साहब, मणिलाल (इमाम अफ्रीका गांधी सहायक)।
- बिहार: चौकीदार कर विरोध।
- मध्य प्रांत: वन नियम विरोध, वन सत्याग्रह।
- असम: ‘कनिंघम सर्कुलर’ विरोध।
- महिलाएँ: कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने पुरुष सीमित न रखने समझाया।
- संयुक्त प्रांत/गुजरात: कर अदायगी।
- वानर सेना (लड़के), मंजरी सेना (लड़कियाँ)।
🔹 गांधी-इरविन समझौता (5 मार्च 1931) – दिल्ली पैक्ट 🤝📜
- दिल्ली समझौता भी।
- मध्यस्थ: तेज बहादुर सप्रु & जयकर।
- 17 फरवरी से वार्ता, 5 मार्च हस्ताक्षर।
- शर्तें (कांग्रेस स्वीकार):
- सविनय अवज्ञा स्थगित।
- द्वितीय गोलमेज में भाग।
- पुलिस ज्यादती जाँच माँग वापस।
- नमक उन्मूलन & बहिष्कार माँग वापस।
- शर्तें (सरकार):
- समुद्र किनारे नमक बनाने/एकत्रित छूट।
- हिंसक को छोड़ सभी राजनैतिक बन्दी रिहा।
- जब्त जमीन वापस (तीसरे पक्ष न बेची हो)।
- अफीम, शराब, विदेशी दुकान शांतिपूर्ण धरना।
- अपूर्ण अभियोग & अध्यादेश वापस।
🔹 कराची अधिवेशन (मार्च 1931) – समाजवाद और मौलिक अधिकार 🇮🇳📈
- अध्यक्ष: सरदार वल्लभभाई पटेल।
- गांधी-इरविन अनुमोदन।
- आर्थिक घोषणा: समाजवाद आस्था।
- ‘मौलिक अधिकार & कर्तव्य’ प्रस्ताव।
- नौजवान भारत सभा: गांधी को काले झंडे (भगत सिंह माफी न दिलवा पाए)।
🔹 गोलमेज सम्मेलन – ब्रिटेन में बातचीत 🗺️👑
- प्रथम (नवंबर 1930 – जनवरी 1931): 89 प्रतिनिधि, कांग्रेस नहीं।
- द्वितीय: 111, कांग्रेस भाग, गांधी एकमात्र प्रतिनिधि (‘राजपूताना’ जहाज)।
- मदन मोहन मालवीय & एनी बेसेन्ट व्यक्तिगत।
- सरोजिनी नायडू G.G. प्रतिनिधि।
- गांधी डॉ. अंसारी ले जाना चाहते, मना।
- अम्बेडकर: दलितों पृथक निर्वाचन माँग।
- तृतीय (नवंबर-दिसंबर 1932): 46, कांग्रेस नहीं।
- आयोजन: सेंट जेम्स पैलेस, उद्घाटन सम्राट जॉर्ज V।
- अम्बेडकर तीनों में (‘एस.एस. कान्टेरोसो’ जहाज)।
- सेमुअल होर विरोधी।
🔹 सविनय अवज्ञा आंदोलन की पुनरावृत्ति (4 जनवरी 1932 – 7 अप्रैल 1934) 🔄✊
- उत्साह कमी देख गांधी स्थगित।
- लॉर्ड विलिंगटन: कांग्रेस गैरकानूनी, प्रतिबंध।
- गांधी सक्रिय राजनीति से अलग।
🔹 साम्प्रदायिक निर्णय (1932) – पृथक हरिजन निर्वाचन 🕌🛕
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मेकडोनाल्ड: 16 अगस्त 1932 प्रस्तुत।
- प्रावधान:
- प्रांतीय सभाएँ सदस्य दुगुना।
- मुस्लिम, सिख, ईसाई + हरिजनों के लिए हिंदुओं से अलग निर्वाचन।
- गांधी यरवदा जेल में।
- 20 सितंबर 1932: अनशन शुरू।
- पूना समझौता (26 सितंबर): मदन मोहन मालवीय प्रयास, गांधी & अम्बेडकर।
- मध्यस्थ: राजेंद्र प्रसाद, राजगोपालाचारी, पुरुषोत्तम टंडन।
- अम्बेडकर पृथक वापस, संयुक्त निर्वाचन।
- हरिजनों सीटें 71 से 148।
- टैगोर: गांधी आभार।
- गांधी हरिजनों सेवा: 1932 अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग।
🔹 भारत सरकार अधिनियम 1935 – संविधान का आधार 📜🏛️
- आधार: साइमन कमीशन, नेहरू रिपोर्ट, तीन गोलमेज।
- बिना प्रस्तावना, 2/3 अनुच्छेद भारतीय संविधान में।
- श्वेत पत्र, संयुक्त प्रवर समिति, लोथयां रिपोर्ट (चुनाव विवरण)।
🟡 इंग्लैंड में सुधार:
- भारत परिषद समाप्त, सलाहकारी समिति (बाध्यकारी नहीं)।
🟡 भारत में सुधार:
- केन्द्र:
- ब्रिटिश भारत + रियासतें = अखिल भारतीय संघ (रियासतें वैकल्पिक, शामिल नहीं हुआ)।
- शर्त: आधी रियासतें, आधी जनसंख्या।
- द्वैध शासन: आरक्षित/हस्तांतरित।
- कार्यकारी परिषद: 3 गवर्नर नियुक्त, 10 जन प्रतिनिधि।
- द्विसदनीय:
- राज्य परिषद (260, 156 ब्रिटिश भारत, स्थायी 3 वर्ष)।
- विधानसभा (375, 250 ब्रिटिश भारत अप्रत्यक्ष, 5 वर्ष)।
- गवर्नर जनरल: वीटो, अध्यादेश।
- तीन सूचियाँ: संघ, राज्य, समवर्ती।
- सिन्ध, ओडिशा, NWFP नए राज्य।
- बर्मा अलग।
- केन्द्रीय बैंक।
- संघीय न्यायालय (केन्द्र-राज्य)।
- प्रांतों में:
- 11 में 6 द्विसदनीय (बंगाल, बॉम्बे, मद्रास, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम आदि)।
- द्वैध समाप्त, प्रांतीय स्वायत्तता।
🔹 1937 चुनाव – कांग्रेस की प्रांतीय सत्ता 🗳️✅
- 1935 अधिनियम तहत प्रांतीय शासन अधिकार।
- 11 में 7 प्रांतों में कांग्रेस सरकार।
- मुस्लिम लीग कोई बहुमत नहीं।
- बंगाल: कृषक प्रजा पार्टी।
- पंजाब: यूनियनिस्ट पार्टी (सिकंदर हयात खान/खिज्र हयात खान)।
- संयुक्त प्रांत: चुनाव पूर्व कांग्रेस-लीग गठबंधन, बाद लीग बाहर।
- कांग्रेस 5 बहुमत लेकिन 7 सरकारें।
- लीग: पीरपुर समिति – कांग्रेस शासित राज्यों में मुसलमान स्थिति बदतर।
- 1939 द्वितीय विश्वयुद्ध: लॉर्ड लिनलिथगो बिना सहमति भारत युद्ध में, आपातकाल।
- 15 नवंबर 1939: सभी कांग्रेसी मंत्रिमंडल इस्तीफा।
- कुल शासन: 28 माह।
- 22 दिसंबर 1939: लीग मुक्ति दिवस।
🔹 व्यक्तिगत सत्याग्रह (1940) – दिल्ली चलो, सीमित विरोध ✊🕊️
- 17 अक्टूबर 1940: ब्रिटिश निर्णय विरोध, चुने व्यक्तियों सत्याग्रह।
- पवनार आश्रम से शुरू।
- प्रथम सत्याग्रही: विनोबा भावे।
- द्वितीय: जवाहरलाल नेहरू।
- सीमित: उथल-पुथल न हो, ब्रिटेन युद्ध बाधा न।
- गांधी वायसराय पत्र: व्याख्या।
🔹 अगस्त प्रस्ताव (1940) – युद्ध समर्थन के बदले वादे 📢🇬🇧
- 8 अगस्त 1940: लॉर्ड लिनलिथगो।
- वायसराय सलाहकार कौंसिल विस्तार, कार्यकारी में भारतीय।
- युद्ध परामर्शदात्री सभा।
- युद्ध बाद डोमिनियन।
- संविधान भारतीयों से।
- अल्पसंख्यक बिना परिवर्तन नहीं।
- कांग्रेस ठुकराई, व्यक्तिगत सत्याग्रह।
- 9 सितंबर 1941: चर्चिल – एटलांटिक चार्टर भारत पर नहीं।
🔹 मुस्लिम लीग लाहौर अधिवेशन (1940) – पाकिस्तान माँग 🕌🇵🇰
- अध्यक्ष: मुहम्मद अली जिन्ना।
- 22 मार्च 1940 अध्यक्षीय भाषण: अलग मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान माँग।
- 1930 इकबाल (इलाहाबाद अधिवेशन): पश्चिमोत्तर राज्य आवश्यकता।
- रहमत अली: ‘Now or Never’ पैम्पलेट – पंजाब, NWFP, कश्मीर, सिन्ध, बलूचिस्तान = पाकिस्तान।
- प्रस्ताव तैयार: खलीकुज्जमा।
🔹 क्रिप्स प्रस्ताव (1942) – युद्ध में समर्थन के लिए ✈️📜
- जापानी रंगून कब्जा, सीमा खतरा।
- स्टेफोर्ड क्रिप्स: 23 मार्च 1942 भारत।
- 30 मार्च 1942 योजना:
- युद्ध बाद डोमिनियन (विदेश नीति अधिकार, राष्ट्रकुल स्वैच्छिक)।
- संविधान सभा: प्रांतीय विधानमंडल निम्न सदन से।
- अल्पसंख्यक पृथक समझौता।
- युद्ध दौरान सुरक्षा ब्रिटेन, बाद में।
- गांधी: पोस्ट डेटेड चेक।
- कांग्रेस & लीग अस्वीकार।
🔹 भारत छोड़ो आंदोलन (1942) – करो या मरो की क्रांति 💥✊
- युद्ध में जापान प्रभुत्व, कीमतें बढ़ी, असंतोष।
- 5 जुलाई 1942 हरिजन: अंग्रेज भारत जापान मत छोड़ो, भारतीयों को व्यवस्थित छोड़ो।
- वर्धा प्रस्ताव (14 जुलाई 1942): कार्यसमिति ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ पास।
- गांधी: अस्वीकार तो बालू से बड़ा आंदोलन।
- 7 अगस्त 1942 ग्वालिया टैंक बॉम्बे: अधिवेशन।
- 8 अगस्त: गांधी प्रस्ताव स्वीकार, 70 मिनट भाषण ‘करो या मरो’।
- डॉ. पट्टाभि सीतारमैया: गांधी अवतार जैसे।
- 9 अगस्त तड़के ‘ऑपरेशन जीरो आवर’: सभी नेता गिरफ्तार।
- गांधी आगा खाँ महल पूना, अन्य अहमदनगर किला।
- कांग्रेस अवैधानिक।
- नेतृत्व विहीन लेकिन उत्कर्ष तक।
- द्वितीय पंक्ति भूमिगत: जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, उषा मेहता, अरुणा आसफ अली, अच्युत पटवर्धन।
- उषा मेहता: बॉम्बे भूमिगत रेडियो।
- राम मनोहर लोहिया नियमित बोलते।
- समानांतर सरकारें:
| स्थान | नेता | अवधि |
|---|---|---|
| बलिया (उत्तर प्रदेश) – पहली | चित्तू पाण्डेय (बलिया & गाजीपुर) | एक सप्ताह (अगस्त 1942) |
| तामलूक (मिदनापुर, बंगाल) – जातीय सरकार | सतीश सामंत | दिसंबर 1942 – सितंबर 1944 |
| सतारा – सबसे लंबी | वाई. बी. चव्हाण & नाना पाटिल | 1943 – 1945 |
| कोरापुट (ओडिशा) | लक्ष्मण नायक | – |
- तामलूक: सतीश सावंत (‘विद्युत वाहिनी’ सैन्य), मानंगिनी हानरा महिला।
- कई जगह हिंसा, सार्वजनिक संपत्ति नष्ट।
- गांधी: आरोप विरोध 21 दिन उपवास (10 फरवरी 1943)।
- विरोध: मुस्लिम लीग, हिंदू महासभा, अम्बेडकर, उदारवादी, अकाली दल।
- 9 मई 1944: गांधी रिहा।
- सरदार पटेल: ‘अद्वितीय आंदोलन’।
🔹 सी.आर. फॉर्मूला (1944) – साम्प्रदायिक समस्या सुलझाने की कोशिश 🤝🕌
- 10 जुलाई 1944: चक्रवर्ती राजगोपालाचारी गांधी स्वीकृति से।
- कांग्रेस & लीग बीच।
- राजगोपालाचारी: प्रथम कांग्रेसी पाकिस्तान समर्थक।
🔹 वेवेल योजना (1945) – भारतीयों को कार्यकारी में 🏛️
- मार्च 1945: वेवेल इंग्लैंड, चर्चिल & एमरी सलाह।
- 14 जून 1945: योजना।
- वायसराय कार्यकारी में सभी दलों प्रतिनिधित्व, वायसराय & मुख्य सेनापति छोड़ सभी भारतीय।
🔹 शिमला सम्मेलन (1945) – असफल सर्वदलीय 💔
- 25 जून – 14 जुलाई 1945: 22 प्रतिनिधि।
- कांग्रेस: अब्दुल कलाम आजाद नेतृत्व।
- लीग: सभी मुस्लिम सदस्य चयन शर्त, कांग्रेस मना।
- लीग अड़ियल, असफल।
- आजाद: भारतीय इतिहास ‘जल विभाजन’।
🔹 शाही नौ सेना विद्रोह (1946) – नाविकों की बगावत 🚢⚓
- 18 फरवरी 1946 ‘एन.एस. तलवार’: खराब खाना शिकायत।
- ब्रिटिश: ‘भिखमंगों को चुनने की छूट नहीं’।
- विद्रोह, बॉम्बे से कराची।
- एम.एस. खान नेतृत्व नौ सेना हड़ताल।
🔹 कैबिनेट मिशन (1946) – संघीय योजना 🌍🤝
- क्लीमेंट एटली: ज्वलंत समस्या के लिए।
- 3 सदस्य: पैट्रिक लॉरेन्स (भारत सचिव), स्टेफोर्ड क्रिप्स, ए.बी. एलेक्जेंडर।
- 24 मार्च 1946 दिल्ली, 16 मई रिपोर्ट।
- भारतीय संघ (ब्रिटिश प्रांत + रियासतें): विदेश, रक्षा, संचार। अन्य राज्य स्वतंत्र।
- केन्द्रीय विधानमंडल: धार्मिक अधिनियम दोनों सम्प्रदाय सहमति।
🔹 एटली घोषणा – सत्ता हस्तांतरण 📢
- जून 1948 तक सत्ता भारतीयों को।
- माउंटबेटन वायसराय।
🔹 माउंटबेटन योजना (1947) – विभाजन की घोषणा ✂️🇮🇳🇵🇰
- मार्च 1947 माउंटबेटन भारत।
- 3 जून 1947 योजना:
- भारत-पाकिस्तान दो भाग।
- बंगाल/पंजाब विधानमंडल दो भाग: मुस्लिम बहुल & अल्पसंख्यक, निर्णय खुद।
- सिलहट (असम) & NWFP जनमत संग्रह।
- पंजाब/बंगाल/असम सीमा आयोग (रेडक्लिफ)।
- रियासतें ब्रिटिश सर्वोच्चता समाप्त, भारत/पाक मिलने स्वतंत्र।
🔹 भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 (18 जुलाई) 🇮🇳🎉
- 15 अगस्त 1947: भारत & पाक डोमिनियन।
- राष्ट्रमंडल अलग होने अधिकार।
- दोनों संविधान सभा, अलग गवर्नर जनरल।
- नया संविधान तक 1935 अधिनियम।
- रियासतें मुक्त, स्वतंत्र या मिलें।
- ‘केसर-ए-हिंद’ समाप्त।
- पटेल: विभाजन न स्वीकार तो कई पाकिस्तान।
- 2 अप्रैल: गांधी माउंटबेटन से जिन्ना सरकार आमंत्रण (विभाजन रुकाने), नेहरू/पटेल विरोध।
- गांधी साम्प्रदायिकता विरोध, माउंटबेटन: ‘वन मैन बाउंडरी फोर्स’।
- खान अब्दुल गफ्फार खान: NWFP पाक में – “कांग्रेस ने भेड़ियों आगे डाला”।
🔹 अन्तरिम मंत्रिमण्डल – सत्ता हस्तांतरण की शुरुआत 🏛️
| नाम | पद |
|---|---|
| जोगेंद्र नाथ मंडल | विधि |
| आई.आई. चुन्दरीगर | वाणिज्य |
| बलदेव सिंह | रक्षा |
| राजेंद्र प्रसाद | खाद्य & कृषि |
| लियाकत अली खान | वित्त |
| गजनफर अली खान | स्वास्थ्य |
| आसफ अली | रेलवे |
| जॉन मथाई | उद्योग & आपूर्ति |
| अब्दुल रब निश्तर | संचार |
| सी. राजगोपालाचारी | शिक्षा |
| वल्लभ भाई पटेल | गृह, सूचना & प्रसारण |
| जवाहरलाल नेहरू | उपाध्यक्ष, विदेश & राष्ट्रमंडल |
| सी.एच. भाभा | कार्य, खान & बंदरगाह |
| जगजीवन राम | श्रम |
निष्कर्ष: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की विजय गाथा 🇮🇳🔥
यह आंदोलन बलिदान, एकता, अहिंसा और दृढ़ता की अनुपम मिसाल है! 💪 हर चरण ने स्वतंत्रता की नींव मजबूत की। क्या आप किसी विशेष चरण या नेता पर और डिटेल चाहते हैं? 💬🚀
