भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ (2023)। 1872 से 2011 तक की जनगणना, राष्ट्रीय जनसंख्या नीतियाँ, लिंगानुपात, साक्षरता, और जनघनत्व के पूरे आँकड़े। जानें 2025 के रुझान। 🚀
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परिचय: भारत की जनसंख्या का वैभव 🌟
भारत, विश्व की सबसे जीवंत और विविध संस्कृतियों वाला देश, अब जनसंख्या के मामले में विश्व का सबसे बड़ा देश है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की 19 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट ‘8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज’ के अनुसार, भारत ने चीन को पीछे छोड़कर 142.86 करोड़ की जनसंख्या के साथ यह स्थान हासिल किया है। 🏆 यह उपलब्धि भारत के लिए गर्व का विषय है, लेकिन इसके साथ ही भारत की जनसंख्या नियंत्रण, साक्षरता, लिंगानुपात, और सतत विकास की चुनौतियाँ भी सामने हैं।
1872 में शुरू हुई पहली जनगणना से लेकर 2011 की 15वीं जनगणना तक, भारत ने जनसंख्या के आँकड़ों को व्यवस्थित रूप से दर्ज किया है। यह लेख भारत की जनसंख्या के इतिहास, राष्ट्रीय जनसंख्या नीतियों, 2011 की जनगणना के पूर्ण आँकड़ों, और 2025 के रुझानों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करेगा।
भारत में जनगणना का इतिहास 📜
1872: लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में भारत में पहली जनगणना हुई।
1881: लॉर्ड रिपन के समय से प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल पर नियमित जनगणना शुरू हुई, जो आज भी जारी है।
कुल जनगणनाएँ: 1872 को शामिल करते हुए 15 जनगणनाएँ हो चुकी हैं।
2011: 15वीं जनगणना, जो स्वतंत्र भारत की सातवीं जनगणना थी।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1911-21: इस दशक में जनसंख्या में ह्रास (-0.31%) देखा गया, जिसका कारण काल और महामारियाँ थीं।
1921: महान विभाजक वर्ष (Great Dividing Year), क्योंकि इसके बाद जनसंख्या में तीव्र वृद्धि शुरू हुई।
भारत की जनसंख्या: ऐतिहासिक और वर्तमान आँकड़े 📊
ऐतिहासिक वृद्धि
वर्ष
जनसंख्या (करोड़)
वृद्धि (करोड़)
1901
23.8
–
1951
36.1
12.3 (50 वर्षों में)
2001
102.87
66.7 (1951-2001)
2011
121.05
18.18 (2001-2011)
2023
142.86
21.81 (2011-2023, UNFPA)
2001-2011: दशकीय वृद्धि दर 17.7%।
2023: भारत विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश।
ग्रामीण और शहरी जनसंख्या
गाँवों की संख्या: 6,40,932 (2011)।
ग्रामीण जनसंख्या: 68.84% (2011)।
शहरीकरण: 2025 तक शहरी जनसंख्या में वृद्धि, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के कारण।
दशकीय वृद्धि (2001-2011)
सर्वाधिक वृद्धि: दादर और नगर हवेली (55.9%)।
न्यूनतम वृद्धि: नागालैंड (-0.6%)।
न्यूनतम वृद्धि वाले जिले:
लांगलेंग (नागालैंड): -58.39%।
किफरे (नागालैंड): -30.50%।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीतियाँ 📜
प्रारंभिक सुझाव
1960: जनसंख्या नीति बनाने का पहला सुझाव एक विशेष समूह ने दिया।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 1976
घोषणा: 16 अप्रैल 1976।
संशोधन: 1981।
उद्देश्य:
जन्म दर और जनसंख्या वृद्धि में कमी।
विवाह की न्यूनतम आयु: लड़कियों के लिए 18 वर्ष, लड़कों के लिए 21 वर्ष।
परिवार नियोजन और महिला शिक्षा को प्रोत्साहन।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000
घोषणा: 15 फरवरी 2000।
आधार: डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ दल।
उद्देश्य:
अल्पकालिक: गर्भ-निरोध, स्वास्थ्य ढाँचा, और सेवा डिलीवरी की माँग पूरी करना।
दीर्घकालिक: 2045 तक जनसंख्या स्थायित्व।
प्रमुख लक्ष्य:
14 वर्ष तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा।
स्कूल छोड़ने की दर में 20% कमी।
100% टीकाकरण।
संस्थागत प्रसव (80%) और प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा प्रसव (100%)।
जन्म, मृत्यु, विवाह, और गर्भ का 100% पंजीकरण।
IFR (Ideal Fertility Rate): 2.1 तक लाना।
प्रोत्साहन:
छोटे परिवारों को प्रोत्साहन।
बाल विवाह और प्रसव-पूर्व गर्भ जाँच कानूनों का कड़ाई से पालन।
नसबंदी को प्रोत्साहन।
विशेष:
लोकसभा सीटें 1971 की जनसंख्या के आधार पर हैं और 2026 तक अपरिवर्तित रहेंगी।
भारत की जनसंख्या एक विशाल अवसर और चुनौती दोनों है। राष्ट्रीय जनसंख्या नीतियों, साक्षरता, और डिजिटल तकनीकों के माध्यम से भारत 2045 तक जनसंख्या स्थायित्व की ओर बढ़ रहा है। 🏭
प्रश्न और जवाब (FAQs)
भारत में पहली जनगणना कब हुई? 1872 में, लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में।
सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य कौन सा है? केरल (94.0%)।
भारत का राष्ट्रीय लिंगानुपात क्या है? 943 (2011)।
सर्वाधिक जनघनत्व वाला राज्य कौन सा है? बिहार (1106 व्यक्ति/वर्ग किमी)।
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