भारत के खनिज संसाधन 🪨: लौह-अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट, अभ्रक, सोना, हीरा, और थोरियम तक। राष्ट्रीय खनिज नीति 2019, खनन निगरानी प्रणाली, और 2025 के रुझान। 🚀
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परिचय: भारत का खनिज वैभव 🌟
भारत एक खनिज समृद्ध देश है, जिसके पास लौह-अयस्क से लेकर हीरा और थोरियम तक के विशाल भंडार हैं। खनिज भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो उद्योग, ऊर्जा, और निर्माण क्षेत्रों को गति देते हैं। 2025 में, राष्ट्रीय खनिज नीति 2019, खनन निगरानी प्रणाली (MSS), और डिजिटल तकनीकों के माध्यम से भारत अपने खनिज संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित कर रहा है।
इस लेख में, हम भारत के खनिज संसाधनों की पेटियाँ, प्रकार, उत्पादन, और नीतियों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। यह लेख लौह-अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट, अभ्रक, सोना, हीरा, थोरियम, और अन्य खनिजों पर केंद्रित है, जो भारत की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
खनिज संसाधनों का परिचय 🏭
खनिज पदार्थ प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले वे पदार्थ हैं, जिनकी अपनी भौतिक विशेषताएँ और रासायनिक गुण होते हैं। अयस्क वे खनिज हैं, जिनसे वाणिज्यिक रूप से उपयोगी धातुएँ प्राप्त की जा सकती हैं। भारत में खनिजों का संकेन्द्रण मुख्यतः प्रायद्वीपीय पठार में पाया जाता है, विशेष रूप से धारवाड़ क्रम की चट्टानों में।
- सर्वाधिक खनिज: झारखंड (छोटा नागपुर पठार)।
- अरावली पर्वतमाला: राजस्थान को खनिजों का अजायबघर बनाती है, जहाँ 81 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।
- अवसादी चट्टानें: असम और गुजरात में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस।
- हिमालय और उत्तरी मैदान: खनिजों का अभाव या दोहन में कठिनाई।
खनिजों की प्रमुख पेटियाँ 🗺️
भारत में खनिजों का संकेन्द्रण चार प्रमुख पेटियों में होता है:
- झारखंड, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल की पेटी:
- विशेषताएँ: सीमावर्ती क्षेत्रों में फैली।
- खनिज: कोयला, लौह-अयस्क, ताँबा, मैंगनीज, अभ्रक।
- प्रमुख क्षेत्र: सिंहभूम (झारखंड), मयूरभंज (ओडिशा), रानीगंज (पश्चिम बंगाल)।
- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश/तेलंगाना, और महाराष्ट्र की पेटी:
- खनिज: मैंगनीज, बॉक्साइट, हीरा, चूना पत्थर, डोलोमाइट, एस्बेस्टॉस, ग्रेफाइट, ताँबा, कोयला।
- प्रमुख क्षेत्र: बैलाडिला (छत्तीसगढ़), पन्ना (मध्य प्रदेश), कालाहांडी (ओडिशा)।
- कर्नाटक, तमिलनाडु, और दक्षिणी आंध्र प्रदेश की पेटी:
- खनिज: सोना, लौह-अयस्क, चूना पत्थर, जिप्सम, मैंगनीज, लिग्नाइट, बॉक्साइट।
- प्रमुख क्षेत्र: कोलार (कर्नाटक), कुडप्पा (आंध्र प्रदेश), तिरुनेलवेली (तमिलनाडु)।
- राजस्थान और गुजरात की पेटी:
- खनिज: पेट्रोलियम, ताँबा, जस्ता, सीसा, यूरेनियम, अभ्रक, नमक, लिग्नाइट, संगमरमर, चूना पत्थर।
- प्रमुख क्षेत्र: जावर (राजस्थान), कच्छ (गुजरात)।
खनिजों का वर्गीकरण 🔍
खनिजों को चार प्रमुख श्रेणियों में बाँटा गया है:
- ईंधन खनिज (Fuel Minerals):
- कोयला, लिग्नाइट, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस।
- उपयोग: ऊर्जा उत्पादन, औद्योगिक ईंधन।
- धात्विक खनिज (Metallic Minerals):
- बॉक्साइट, लौह-अयस्क, ताम्र अयस्क, मैंगनीज।
- उपयोग: धातु निर्माण, इस्पात उद्योग।
- अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals):
- बेराइट्स, एपेटाइट, एंडुलासाइट, कायनाइट।
- उपयोग: रासायनिक उद्योग, निर्माण सामग्री।
- लघु खनिज (Minor Minerals):
- मिट्टी, ईंट, कंकड़, भवन निर्माण सामग्री, कायनाइट।
- उपयोग: स्थानीय निर्माण, बुनियादी ढाँचा।

राष्ट्रीय खनिज नीति और पहल 📜
राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 (NMP, 2019)
- मंजूरी: 28 फरवरी, 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा।
- उद्देश्य:
- खनन को उद्योग का दर्जा देना।
- निजी निवेश को आकर्षित करना।
- खनिज कॉरिडोर बनाकर परिवहन को सुगम बनाना।
- प्रोत्साहन: निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियाँ।
राष्ट्रीय खान व खनिज सम्मेलन (NSMM)
- तीसरा सम्मेलन: 20 मार्च, 2018, नई दिल्ली।
- चौथा सम्मेलन: 13 जुलाई, 2018, इंदौर, मध्य प्रदेश।
- उद्देश्य: खनन क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना।
नमस्या (NALCO MSME योगायोग अनुप्रयोग)
- लॉन्च: नाल्को द्वारा सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए।
- उद्देश्य: खनन से संबंधित MSMEs को तकनीकी और वित्तीय सहायता।
खनन निगरानी प्रणाली (MSS)
- लॉन्च: 24 जनवरी, 2017, गांधीनगर, गुजरात।
- विशेषताएँ:
- सैटेलाइट आधारित निगरानी।
- रिमोट सेंसिंग: अवैध खनन को रोकने में सहायक।
- उपयोग: खनन गतिविधियों की पारदर्शिता और नियंत्रण।
भारत के खनिज संसाधन : विस्तृत विश्लेषण 🔎
1. लौह-अयस्क (Iron Ore)
भारत में एशिया के सबसे बड़े लौह-अयस्क भंडार हैं। यह विश्व में चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है।
प्रकार
- मैग्नेटाइट (Fe3O4):
- धातु अंश: 72%।
- रंग: काला।
- प्रमुख क्षेत्र:
- झारखंड: सिंहभूम, बाराजामदा।
- कर्नाटक: बेल्लारी-हॉस्पेट।
- छत्तीसगढ़: बैलाडिला।
- हेमेटाइट (Fe2O3):
- धातु अंश: 60-70%।
- रंग: लाल-भूरा।
- प्रमुख क्षेत्र:
- झारखंड: सिंहभूम।
- ओडिशा: मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़।
- कर्नाटक, गोवा।
- लिमोनाइट:
- धातु अंश: 10-40%।
- रंग: पीला।
- प्रमुख क्षेत्र: रानीगंज (पश्चिम बंगाल), कांगड़ा घाटी (हिमाचल प्रदेश), मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश)।
- सिडेराइट:
- धातु अंश: 48% तक।
- रंग: भूरा।
- विशेष: लौह कार्बोनेट, अशुद्धियाँ अधिक।
भंडार और उत्पादन (राज्यवार)
- भंडार क्रम:
- ओडिशा
- झारखंड
- छत्तीसगढ़
- कर्नाटक
- उत्पादन:
- ओडिशा: ~50%।
- छत्तीसगढ़: ~17% (बैलाडिला, डल्ली-राजहरा)।
- कर्नाटक: ~15% (कुद्रेमुख, बेल्लारी)।
- झारखंड: ~14.84% (नोआमुंडी, गुआ)।
प्रसिद्ध खानें
- बैलाडिला (छत्तीसगढ़)।
- डोनीमलाई (कर्नाटक)।

2. मैंगनीज (Manganese)
मैंगनीज धारवाड़ शैलों से प्राप्त होता है। इसका उपयोग इस्पात, बैटरी, और रासायनिक उद्योग में होता है।
- मुख्य अयस्क: पाइरोलुसाइट, साइलोमैलिन, ब्रोनाइट।
- उत्पादन:
- मध्य प्रदेश: 38% (बालाघाट-छिंदवाड़ा)।
- महाराष्ट्र: 24% (नागपुर, भंडारा)।
- प्रमुख कंपनी: मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (MOIL), नागपुर।
- देश में मैंग्नीज अयस्क उत्पादन के तीन प्रमुख क्षेत्र हैं-
- 1. उत्तर-पूर्वी क्षेत्र–इसमें ओडिशा और झारखण्ड के राज्य सम्मिलित हैं।
- 2. मध्य भारत क्षेत्र– इसमें मध्य प्रदेश एवं उत्तर महाराष्ट्र के भाग सम्मिलित है।
- 3. प्रायद्वीपीय क्षेत्र– इसका विस्तार कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा और दक्षिण महाराष्ट्र के भागों पर पाया जाता है।
- प्रमुख क्षेत्र:
- 1. मध्यप्रदेश – बालाघाट – छिंदवाड़ा
- 2. महाराष्ट्र – नागपुर, भंडारा एवं रत्नागिरी
- 3. ओडिशा – क्योंझर, सुंदरगढ़, बोनाई, कालाहांडी, कोरापुर
- 4. कर्नाटक – बेल्लारी, शिमोगा, उत्तरी कन्नड़
- 5. आंध्र प्रदेश– विजयनगर, आदिलाबाद (तेलंगाना)
- 6. झारखण्ड – सिंह भूम
- 7. राजस्थान – बाँसवाड़ा, उदयपुर
- 8. गुजरात – बड़ोदरा एवं पंचमहल क्षेत्र


3. बॉक्साइट (Bauxite)
● बॉक्साइट अयस्क का प्रयोग एल्युमिनियम बनाने, चमड़ा रंगने, पेट्रोल एवं नमक साफ करने, बर्तन, बिजली के तारों, धातु उद्योग, वायुयान, मोटरगाड़ी निर्माण आदि में होता है।
● भारत में यह क्रिटेशियस युगीन संरचना में पाया जाता है। इसकी उत्पत्ति का संबंध क्रिटेशस युगीन चट्टानों के लैटेराइजेशन से है।
● देश में एक तिहाई से अधिक बॉक्साइट का उत्पादन ओडिशा द्वारा किया जाता है जिसके बाद क्रमश: गुजरात, महाराष्ट्र और झारखण्ड राज्यों का स्थान है।
● ये चार राज्य मिलकर देश के 87 प्रतिशत बॉक्साइट का उत्पादन करते हैं।
● प्रमुख क्षेत्र –
1. ओडिशा –
● ओडिशा में देश के बॉक्साइट का लगभग 50% भण्डार और लगभग 40% उत्पादन होता है।
● यहाँ कालाहांड़ी-कोरापुट जिलों की बॉक्साइट पेटी, जो आंध्र प्रदेश तक विस्तारित है, देश का वृहद्तम बॉक्साइट क्षेत्र है।
● इसका परिशोधन दमन जोडी और दोरागुर्हा के संयंत्रों में हो रहा है।
2. गुजरात –
● गुजरात देश में बॉक्साइट का दूसरा प्रमुख उत्पादक (लगभग 25%) राज्य है।
● यहाँ बॉक्साइट की पेटी भावनगर, जूनागढ़ और अमरेली जिलों में होती हुई कच्छ की खाड़ी से अरब सागर तट तक फैली है।
● प्रमुख जमाव कच्छ जिला जामनगर, खेड़ा जिला और सूरत जिलों में पाए जाते हैं।
3. झारखण्ड –
● झारखण्ड देश के लगभग 10% बॉक्साइट का उत्पादन करता है। यहाँ लोहारडागा (रॉची जिला) और नेतरहाट पठार (पलामू जिला) बॉक्साइट के प्रमुख क्षेत्र है।
4. महाराष्ट्र –
● महाराष्ट्र देश का तीसरा बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है। यहाँ बॉक्साइट के जमाव मुख्यत: कोल्हापुर, रत्नागिरी, थाणे, सतारा और कोलाबा जिलों में पाए जाते है।
- भंडार क्रम:
- ओडिशा
- आंध्र प्रदेश
- गुजरात
- झारखंड
- उत्पादन क्रम:
- ओडिशा (~40%)
- झारखंड (~10%)
- छत्तीसगढ़
- गुजरात (~25%)
- प्रमुख क्षेत्र:
- ओडिशा: कालाहांडी-कोरापुट।
- गुजरात: कच्छ, जामनगर।
- महाराष्ट्र: कोल्हापुर, रत्नागिरी।
4. अभ्रक (Mica)
भारत विश्व का सर्वप्रमुख अभ्रक उत्पादक है (~60%)। यह आग्नेय और कायांतरित शैलों में पाया जाता है।
- प्रकार:
- रूबी अभ्रक: सफेद।
- मस्कोवाइट: हल्का गुलाबी।
- बायोटाइट: काला।
- उपयोग: इलेक्ट्रॉनिक्स, ताप भट्टियाँ, सजावटी सामान।

- भंडार:
- आंध्र प्रदेश: 41% (नेल्लौर, विशाखापत्तनम)।
- राजस्थान: 21% (जयपुर, उदयपुर)।
- झारखंड: कोडरमा (अभ्रक की राजधानी)।
- प्रमुख क्षेत्र:
- झारखंड: गया-हजारीबाग।
- तमिलनाडु: तिरुनेलवेली, कोयम्बटूर।
5. ताँबा (Copper)
- उपयोग: बिजली के तार, मशीनें, पीतल और काँसा निर्माण।
- प्रमुख क्षेत्र:
- राजस्थान: जावर, खेतड़ी।
- झारखंड: सिंहभूम।
- मध्य प्रदेश: बालाघाट।
6. सोना (Gold)
- प्रकार:
- धातु रेखा भंडार: धारवाड़ शैलों में।
- प्लेसर भंडार: स्वर्ण रेखा, सोन, स्वर्णवती नदियाँ।
- प्रमुख क्षेत्र:
- कर्नाटक: कोलार, हट्टी।
- आंध्र प्रदेश: रामागिरी।
7. चाँदी (Silver)
- मुख्य अयस्क: अर्जेंटाइट, हार्न सिल्वर।
- प्रमुख क्षेत्र:
- राजस्थान: जावर।
- झारखंड: हजारीबाग।
8. हीरा (Diamond)
- उत्पादन: मध्य प्रदेश (पन्ना, मझगवां) द्वारा 100%।
- संस्था: राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (NMDC)।
- अनुसंधान केंद्र: सूरत।
9. सीसा और जस्ता (Lead and Zinc)
- सीसा:
- मुख्य अयस्क: गैलेना।
- प्रमुख क्षेत्र: जावर (राजस्थान), दरीबा-राजपुरा (भीलवाड़ा)।
- उत्पादन: राजस्थान (100%)।
- जस्ता:
- मुख्य अयस्क: कैलेमीन, जिंकाइट।
- प्रमुख क्षेत्र: जावर (उदयपुर), राजसमंद, चित्तौड़गढ़।
- उत्पादन: राजस्थान (लगभग 100%)।
10. क्रोमाइट (Chromite)
- उपयोग: रिफ्रेक्टरी और धातुकर्म उद्योग।
- प्रमुख क्षेत्र:
- ओडिशा: सुकिंदा (कटक, ~90%)।
- कर्नाटक: हसन।
11. एस्बेस्टॉस (Asbestos)
- उपयोग: सीमेंट चादरें, भवन निर्माण।
- प्रमुख क्षेत्र:
- राजस्थान: अजमेर, उदयपुर।
- आंध्र प्रदेश: कुडप्पा।
- झारखंड: सिंहभूम।
12. डोलोमाइट (Dolomite)
- संरचना: चूना पत्थर और मैग्नीशियम।
- प्रमुख क्षेत्र:
- छत्तीसगढ़: बिलासपुर (~36%)।
- आंध्र प्रदेश: कुडप्पा (~10%)।
- ओडिशा: सुंदरगढ़ (~9%)।
13. चूना पत्थर (Limestone)
- उपयोग: सीमेंट उद्योग।
- प्रमुख क्षेत्र:
- मध्य प्रदेश: सतना, कटनी।
- राजस्थान: चित्तौड़गढ़, उदयपुर।
- उत्पादन क्रम:
- राजस्थान
- मध्य प्रदेश
- आंध्र प्रदेश
- गुजरात (~9%)
14. जिप्सम (Gypsum)
- उपयोग: उर्वरक, प्लास्टर ऑफ पेरिस, सीमेंट।
- उत्पादन: राजस्थान (~99%)।
- प्रमुख क्षेत्र:
- राजस्थान: नागौर, बीकानेर, जैसलमेर।
- जम्मू-कश्मीर: उरी, डोडा।
15. संगमरमर (Marble)
- उपयोग: भवन निर्माण।
- प्रमुख क्षेत्र:
- राजस्थान: मकराना, राजसमंद।
- मध्य प्रदेश: जबलपुर।
16. ग्रेनाइट (Granite)
- भंडार: कर्नाटक (सर्वाधिक), राजस्थान, झारखंड।
- उत्पादन: राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश।
17. टंगस्टन (Tungsten)
- मुख्य अयस्क: वोल्फ्रामाइट, शीलाइट।
- प्रमुख क्षेत्र: डेगाना, बाल्दा (राजस्थान)।
18. टिन (Tin)
- मुख्य अयस्क: कैसिटेराइट।
- उत्पादन: छत्तीसगढ़ (बस्तर, दंतेवाड़ा)।
19. रॉक फॉस्फेट (Rock Phosphate)
- उपयोग: उर्वरक, रासायनिक खाद।
- प्रमुख क्षेत्र:
- राजस्थान: उदयपुर।
- मध्य प्रदेश: छतरपुर।
20. नमक (Salt)
- उत्पादन: समुद्री जल (~66%) और खारी झीलें।
- प्रमुख क्षेत्र: गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु।
- सैंधा नमक: मण्डी (हिमाचल प्रदेश)।
21. इल्मैनाइट (Ilmenite)
- उपयोग: टाइटेनियम उत्पादन।
- प्रमुख क्षेत्र: केरल, तमिलनाडु, ओडिशा।
22. यूरेनियम (Uranium)
- प्रमुख खान: जादूगुड़ा (झारखंड)।
- अन्य क्षेत्र: तुरूमडीह (झारखंड), तुमलापल्ली (आंध्र प्रदेश)।
23. ग्रेफाइट (Graphite)
- उपयोग: स्नेहक, अणुशक्ति।
- प्रमुख क्षेत्र: अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, झारखंड।
24. थोरियम (Thorium)
- विशेष: भारत में विश्व के सर्वाधिक भंडार।
- प्रमुख क्षेत्र: आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु (मोनाजाइट रेत)।
2025 में खनिज क्षेत्र: रुझान और नवाचार 🚀
डिजिटल खनन
- MSS और सैटेलाइट तकनीक: अवैध खनन पर नियंत्रण।
- AI और डेटा एनालिटिक्स: खनिज भंडारों का सटीक अनुमान।
सतत खनन
- NMP 2019: पर्यावरण संरक्षण और खनन संतुलन।
- हरित खनन: नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग।
निर्यात और आत्मनिर्भरता
- लौह-अयस्क: ईरान को निर्यात (कुद्रेमुख)।
- आत्मनिर्भर भारत: सीसा और अन्य खनिजों का आयात कम करना।
निष्कर्ष: भारत का खनिज भविष्य 🌐
भारत के खनिज संसाधन आर्थिक विकास और औद्योगिक प्रगति का आधार हैं। राष्ट्रीय खनिज नीति 2019, डिजिटल निगरानी, और सतत खनन के माध्यम से भारत 2025 में अपने खनिज संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ, खनिज क्षेत्र में नवाचार और निवेश भविष्य को और उज्ज्वल बनाएंगे।
प्रश्न और जवाब (FAQs)
- भारत में सर्वाधिक खनिज कहाँ पाए जाते हैं?
झारखंड (छोटा नागपुर पठार)। - विश्व में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक कौन है?
भारत (~60%)। - राष्ट्रीय खनिज नीति 2019 का उद्देश्य क्या है?
निजी निवेश और सतत खनन को बढ़ावा देना। - भारत में थोरियम के भंडार कहाँ हैं?
आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु।
संबंधित खोजें:
- भारत के खनिज संसाधन
- राष्ट्रीय खनिज नीति 2019
- लौह-अयस्क और अभ्रक उत्पादन
- खनन निगरानी प्रणाली





