अब भीलवाड़ा जिले में 10 उपखंड (मांडलगढ़, बिजौलिया, भीलवाड़ा, रायपुर, गंगापुर, आ्सींद, करेड़ा, हम्मीरगढ़, मांडल, गुलाबपुरा) व 12 तहसील(मांडलगढ़, बिजौलिया, भीलवाड़ा, सवाईपुर, रायपुर, सहाड़ा, आसींद, करेड़ा, हम्मीरगढ़, मांडल, हुरड़ा, अंटाली) रह गई हैं। बदनोर तहसील ब्यावर जिले में शामिल की गई है। शाहपुरा, जहाजपुर, काछला, फूलियाकलां, बनेड़ा व कोटड़ी तहसील को शाहपुरा जिले में शामिल किया गया है।
- भीलवाड़ा जिला अब उदयपुर संभाग में आ गया है, पहले अजमेर संभाग में था।
- भीलवाड़ा जिले में अब पाँच विधानसभा क्षेत्र (भीलवाड़ा, मांडल, सहाड़ा, आसींद, मांडलगढ़) रह गए।
- गुलाबपुरा की हिन्दुस्तान जिंक, करेड़ा का माइनिंग सेक्टर, मांडलगढ़-बिजौलिया भीलवाड़ा जिले में ही हैं।
- भीलवाड़ा जिला अब दो भागों में विभक्त हो गया है, जिसके मांडलगढ़ और बिजौलिया क्षेत्र में जाने के लिए शाहपुरा जिले की कोटड़ी तहसील से गुजरना होगा।
- एन.एच. 27, 48, 148डी, 158, 758 गृजरते हैं ।
- प्रमुख नदी- बनास, खारी
- भीलवाड़ा जिले का शुभकर- मोर
- मांडल- यहाँ प्राचीन स्तंभ मंदिरा, प्रसिद्ध जगन्नाथ कछवाह की 32 खंभों की विशाल छत्तरी स्थित है। यहाँ का नाहर नृत्य होली के 13 दिन बाद शुरू होता है।
- बिजोलिया- इतिहास प्रसिद्ध किसान आंदोलन के लिए प्रसिद्ध ।
- फड़ चित्रकला- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पड़ चित्रकला के क्षेत्र में भीलवाड़ा निवासी श्रीलाल जोशी को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका है।
- भारत का सबसे संपन्न पाषाणीय सभ्यता स्थल बागोर किस जिले में स्थित है ?- भीलवाड़ा में ।
- किस जिले को अभ्रक नगरी के नाम से जाना जाता था?- भीलवाड़ा।
- बारहवीं शताब्बी के चौहान काल के लाल पत्थरों से निर्मित महानालेश्वर मंदिर, रूठी रानी का महल तथा हजारेश्वर मंदिर स्थित हैं- भीलवाड़ा जिले में स्थित मेनाल नामक स्थल पर स्थित ये मंदिर अर्जंता-एलौरा की प्रतिमाओं से समानता रखते हैं।
- माणिक्यलाल वर्मा टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट की स्थापना किस जिले में की गई?- भीलवाड़ा (1 988)
- धरमतलाई (धान्धालाई) नामक तालाब स्थित है ?- भीलवाड़ा में।
- गुर्जरों का तीर्थ स्थल आसींद स्थित है ?- भीलवाड़ा जिले में स्थित आसींद में सवाई भोज का प्राचीन मंदिर गुर्जरों का तीर्थ स्थल है । यहाँ प्रतिवर्ष भाद्र माह में विशाल मेला लगता है ।
- माण्डलगढ़ दुर्ग (भीलवाड़ा) -यह दुर्ग त्रिभुजाकार पठार पर स्थित है।
- तिलस्वां महादेव मंदिर- माण्डलगढ़, भीलवाड़ा में स्थित है।
- नील कण्ठेश्वर महादेव मंदिर- मेनाल, भीलवाड़ा
- सवाई भोज मंदिर- यह आसीन्द, भीलवाड़ा में खारी नदी के तट पर स्थत है।
- बाईसा महारानी गंगाबाई का मंदिर – यह गंगापुर, भीलवाड़ा’ में स्थित है।
- विष्णु मंदिर- यह एक हजार वर्ष पुराना भूमिज शैली का मंदिर बिजोलिया, भीलवाड़ा में स्थित है।
- रूठी रानी का महल, शिवालय – यह मेनाल, भीलवाड़ा’ में स्थित है ।
- अमरगढ़ की छत्तरियों, हम्मीरगढ़ का दुर्ग आदि भीलवाड़ा जिले में स्थित है।
- राज्य में ‘गणेश जी का स्त्री रूप’ में मंदाकिनी मंदिर- बिजौलिया (भीलवाड़ा) में स्थित है।
- राजस्थान के धूलखेड़ा जीपिया (भीलवाड़ा) में लोहे के नए भण्डार मिले हैं।
- अन्तर्राष्ट्रीय बहरूपिया कलाकार ‘जानकी लाल भाण्ड’ का संबंध भीलवाड़ा जिले से है।
- सहकारी क्षेत्र की प्रथम कताई मिल गुलाबपुरा, भीलवाड़ा सें स्थित है, जिसकी स्थापना सन् 1 972 में हुई।
- भीलवाड़ा की मांडल ग्राम पंचायत राजस्थान की पहली ऐसी ग्राम पंचायत है, जहाँ बिजली की सम्पू्ण लाइनें अडंरग्राउंर (भुमिगत) बिछाई गई है। यह ग्राम पचायत माण्डलगह़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
- भोपा भैरूनाथ नाटक- यह नाटक रसधारा सांस्कृतिक संस्थान, भीलवाड़ा का है।
- कोरोना काल में ‘भीलवाड़ा माँडल’ प्रसिद्ध हुआ।
- भव्य आर्ट गैलेरी (भीलवाड़ा)- यह वस्त्र आर्ट गैलेरी है। भीलवाड़ा प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहाँ महात्मा गाँधी नरेगा योजना’ में सभी मेट महिलाएँ हैं।
- ताँबे की मीनाकारी भीलवाड़ा की प्रसिद्ध है।
- बीड़ घास फुलिया खुर्द संरक्षण रिजर्व भीलवाड़ा में स्थित है।
- रामपुरा-आगुघा भीलवाड़ा जिले की सबसे प्रसिद्ध खान है। यहाँ सीसा, जस्ता, चाँदी के विशाल भण्डार हैं।
- भीलवाड़ा जिला वनस्पति घी का मुख्य केन्द्र है भीलवाड़ा जिले में सर्वप्रथम ‘वनस्पति घी’ का कारखाना 1 964 में स्थापित किया गया।
- राजस्थान का प्रथम कृषि रेडियो स्टेशन भीलवाड़ा में स्थापित किया गया है।
- राजस्थान में सर्वाधिक तालाब भीलवाड़ा जिले में है।
- मेजा बाँध- कोठारी नदी पर भीलवाड़ा में “मेजा बाँध’ बना हुआ है। यह भीलवाड़ा जिले का सबसे बड़ा बाँध है। यह अपने ग्रीन माउंट पार्क के लिए प्रसिद्ध है।
- मेज नदी का उदगम स्थल- भीलवाड़ा जिले के धनवाडा गांव की पहाडियों की तलहटी से।
- बिजोलिया किसान आन्दोलन- मेवाड़ राज्य में किसानों द्वारा सन् 1897 ई. में किया गया।
- नोट: वर्तमान समय में बिजोलिया राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित है।
- बिंगोद, भीलवाड़ा में बनास+ बेडच+ मेनाल नदियों का संगम स्थल या त्रिवेणी संगम है।
- हुरड़ा सम्मलन- 17 जुलाई 1 734 ई. को जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह ने मराठा शक्ति के विरूद्ध राजपूताना के शासकों को संगठित करने हेत् आयोजित किया।