यूरोपियन आगमन: भारत में यूरोपीय व्यापार और साम्राज्य की शुरुआत 🛳️🇪🇺🇮🇳

By: LM GYAN

On: 9 November 2025

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भारत में यूरोपियन आगमन का पूरा इतिहास: मुगल विघटन, जल-स्थल मार्ग, पुर्तगाली (1498), डच, अंग्रेज (1600), कर्नाटक युद्ध, प्लासी (1757), बक्सर (1764)। विस्तृत जानकारी! 🗺️🚀


Table of Contents

परिचय: मुगल साम्राज्य का विघटन और यूरोपीय अवसर 🌍

18वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में मुगल साम्राज्य का शीघ्र विघटन हुआ, जिससे भारतीय शक्तियों में राजनीतिक शून्यता पैदा हुई। 😕 मराठे कुछ समय के लिए सबसे शक्तिशाली लगे, लेकिन उनकी शक्ति का ह्रास ने यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों को भारतीय राजनीति में सक्रिय होने का मौका दिया। 🏰

आरंभ में यूरोपीय कंपनियाँ स्थानीय शासकों के मामलों में हस्तक्षेप करने लगीं, फिर पारस्परिक द्वंद्वों में उलझीं। अंततः अंग्रेज उप-महाद्वीपीय राजनीति में विजयी हुए। 😎 यह आगमन न केवल व्यापार का था, बल्कि साम्राज्यवाद की नींव रखने वाला था! 🚀


यूरोप से भारत पहुँचने के मार्ग 🗺️

यूरोप से भारत दो मुख्य मार्गों से पहुँचा जाता था:

  1. स्थल मार्ग 🌄:
    • बाल्कन प्रदेशों → टर्की → फारस → ईरान → अफगानिस्तान।
    • फिर खैबर, कुर्रम, बोलन, गोमल दर्रों से भारत। 🐪
    • 15वीं सदी में अरबों का प्रसार बढ़ा।
  2. जल मार्ग 🌊:
    • भूमध्य सागर/कालासागर → लाल सागर → फारस की खाड़ी → अरब सागर → भारत। ⛵
    • 1453 ई. में उस्मानिया तुर्कों ने कुस्तुनतुनिया पर कब्जा किया, जिससे स्थल मार्ग बंद हो गया। 😤
    • यूरोपियों को नए जल मार्ग की जरूरत पड़ी!

भारत में यूरोपियनों का आगमन क्रम 📅

  • पुर्तगाली: 1498 ई. (वास्को डी गामा) 🇵🇹
  • डच: 1595 ई. 🇳🇱
  • अंग्रेज: 1600 ई. 🇬🇧
  • डेन: 1616 ई. 🇩🇰
  • फ्रांसीसी: 1664 ई. 🇫🇷

फैक्ट्री स्थापना क्रम 🏭

  1. पुर्तगाल: 1503 ई. (कोचीन)
  2. डच: 1605 ई. (मछलीपट्टनम)
  3. अंग्रेज: 1611 ई. (मछलीपट्टनम)
  4. डेनमार्क: 1620 ई. (तंजौर)
  5. फ्रांसीसी: 1668 ई. (सूरत)

भारत में पुर्तगालियों का आगमन 🇵🇹

आधुनिक युग में भारत आने वाले पहले यूरोपीय पुर्तगाली थे। पोप अलेक्जेंडर ने उन्हें पूर्वी समुद्रों में व्यापार का एकाधिकार दिया। 📜

  • वास्को डी गामा: 90 दिन की यात्रा के बाद अब्दुल मनीक (गुजराती पथ प्रदर्शक) की मदद से 1498 ई. में कालीकट पहुँचा। 🛳️
    • यात्रा व्यय के बदले 60 गुना कमाई! 💰
  • उद्देश्य:
    1. अरबों और वेनिस व्यापारियों का प्रभाव खत्म करना। ⚔️
    2. ईसाई धर्म प्रचार। ✝️

प्रमुख गवर्नर और विजय 🏆

  • 1505 ई.: फ्रांसिस्को द अल्मीडा (प्रथम वायसराय) → नीले पानी की नीति (समुद्री नियंत्रण)।
    • 1509 ई.: मिस्र-तुर्की-गुजरात सेना को दीव की लड़ाई में हराया। ⚓
  • 1509 ई.: अल्फांसो द अल्बुकर्क (दूसरा वायसराय) → कोचीन मुख्यालय।
    • 1510 ई.: बीजापुर से गोवा छीना। 🏰
    • 1511 ई.: मलक्का।
    • 1515 ई.: हरमुज।
    • अन्य: दमन, दीव, सालसेट, बसीन, चोला, मुम्बई, सेंट थोमे। 🌍
  • नीनो डी कुन्हा: कोचीन से गोवा स्थानांतरण → गोवा पुर्तगाल की औपचारिक राजधानी। 👑

मेड्रिक संधि (1633 ई.) 🤝

  • ब्रिटेन और पुर्तगाल के बीच → व्यापारिक शत्रुता समाप्त।

पुर्तगाली प्रभाव 🇮🇳

  • गोथिक स्थापत्य: गोवा, दमन, दीव में। 🏛️ (1961 तक शासन)
  • भारत-जापान व्यापार शुरू। 🌏
  • ईसाई मिशनरी: धर्म परिवर्तन प्रयास।
    • 1540 ई.: गोवा हिंदू मंदिर नष्ट। 😠
    • 1560 ई.: गोवा में धार्मिक न्यायालय। ⚖️
  • प्रिंटिंग प्रेस: 1556 ई. (गोवा)। 🖨️
  • पुस्तक: 1563 ई. ‘द इंडियन मेडिसिनल प्लांट्स’। 🌿

भारत में डचों का आगमन 🇳🇱

डच (हॉलैंड निवासी) का मुख्य उद्देश्य: दक्षिण-पूर्व एशिया मसाला बाजार में सीधा प्रवेश। 🌶️

  • 1602 ई.: “यूनाईटेड ईस्ट इंडिया कंपनी ऑफ नीदरलैंड” स्थापना। 🏢
  • प्रथम डच: 1596 ई. कारनोलिस डी हाउटमान

प्रमुख कोठियाँ 🏭

  • 1605 ई.: मछलीपट्टनम (नील निर्यात)।
  • मुख्यालय: नागपट्टनम
  • व्यापार: मसाले, नील, कच्चा रेशम, शीशा, चावल, अफीम → बाद में भारतीय कपड़े (कोरोमंडल, बंगाल, गुजरात)। 👗
  • किले:
    • 1653 ई.: चिनसुरा में गुस्तावुस
    • कोच्चि में फोर्ट विलियम। 🏰
  • पतन: 1759 ई. बेदारा युद्ध में अंग्रेजों (कर्नल फोर्ड) से हार। 😞
  • फैक्ट्री प्रमुख: फेक्टर

भारत में अंग्रेजों का आगमन 🇬🇧

  • 1600 ई.: रानी एलिजाबेथ-I ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी चार्टर दिया। 👑
  • प्रथम अंग्रेज: 1579 ई. थॉमस स्टीफेंस (पादरी, गोवा)।

प्रमुख घटनाएँ 📜

  • 1608 ई.: कैप्टन हॉकिन्स जहाँगीर दरबार → सूरत बसने की अनुमति मांगी, लेकिन पुर्तगाली-सौदागर विरोध से असफल। 😕
    • हॉकिन्स: फारसी जानता था, 3 साल आगरा रहा → 400 मनसब + जागीर।
  • 1615 ई.: सर टॉमस रो जहाँगीर दरबार → पुस्तक: “पूर्वी द्वीपों की यात्रा”। 📖
  • 1611 ई.: मछलीपट्टनम में पहली कोठी।
  • 1717 ई.: डॉ. विलियम हैमिल्टन ने फर्रुखसियर को बीमारी से बचाया → फरमान: बंगाल में 3000 रुपये सालाना पर नि:शुल्क व्यापार। 💼
  • बॉम्बे:
    • 1669-77 ई.: गवर्नर गेराल्ड ऑंगियर (बॉम्बे का संस्थापक)।
    • किलेबंदी, गोदी, न्यायालय, पुलिस, टकसाल (ताँबा-चाँदी सिक्के)। 🏙️
  • बंगाल प्रथम गवर्नर: विलियम हेजेज
  • इंटरलोपर: एशिया में मुक्त व्यापार करने वाले अंग्रेज।

भारत में फ्रांसीसियों का आगमन 🇫🇷

सबसे अंत में प्रवेश।

  • 1664 ई.: फ्रांस मंत्री कोलबर्ट की मदद से फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी (सरकारी सहायता पर)। 🏛️
  • 1668 ई.: फ्रेंको कैरो द्वारा सूरत में पहली कोठी।
  • 1669 ई.: मछलीपट्टनम।
  • 1673 ई.: फ्रेंको मार्टिन + बेलागर डी लेस्पिन → पुडुचेरी गाँव → पांडिचेरी नींव (प्रथम गवर्नर: फ्रेंको मार्टिन)। 🌴
  • डुप्ले: पहला व्यक्ति जिसने भारत में यूरोपीय उपनिवेश की नींव रखी। 😎
  • विलियम नोरिस: औरंगजेब दरबार में अंग्रेज राजदूत।

भारत में डेन (डेनिश) का आगमन 🇩🇰

  • 1616 ई.: डेन ईस्ट इंडिया कंपनी।
  • 1620 ई.: त्रैंकोबार (तमिलनाडु)।
  • 1667 ई.: सेरामपुर (बंगाल) → मुख्य केंद्र।
  • 1845 ई.: कंपनी अंग्रेजों को बेची। 😢

आंग्ल-फ्रांसीसी संघर्ष: कर्नाटक युद्ध ⚔️

अंग्रेज-फ्रांसीसी युद्धों को कर्नाटक युद्ध कहा जाता है। व्यापार एकाधिकार और राजनीतिक नियंत्रण की महत्वाकांक्षा।

प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746-48 ई.) 🛡️

  • यूरोप में ऑस्ट्रिया उत्तराधिकार युद्ध का विस्तार।
  • 1746 ई.: डूप्ले ने मद्रास कब्जा → नवाब अनवरुद्दीन को लौटाने से इंकार।
  • सेंट टोमे युद्ध (अडयार युद्ध): फ्रांसीसी ने नवाब सेना हराई (पहला भारतीय-यूरोपीय युद्ध)। 🎖️
  • 1748 ई.: एक्स-ला-शापेल संधि → मद्रास अंग्रेजों को वापस।

द्वितीय कर्नाटक युद्ध (1749-55 ई.) 🤝

  • भारतीयों के आपसी संघर्ष से लाभ।
  • 1755 ई.: पांडिचेरी संधि → एक-दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप न करने का वादा।

तृतीय कर्नाटक युद्ध (1756-63 ई.) 🔥

  • यूरोप में सप्तवर्षीय युद्ध से पांडिचेरी संधि टूटी।
  • 1760 ई.: वांडिवाश युद्ध → सर आयर कूट ने फ्रांसीसी हराए।
  • 1761 ई.: पांडिचेरी कब्जा + किलेबंदी नष्ट। 😞
  • 1763 ई.: पेरिस संधि → युद्ध समाप्त।

ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल विजय 🏆

  • 1717 ई.: मुर्शीदकुली खाँ → बंगाल स्वतंत्र।
  • 1740 ई.: अलीवर्दी खाँ नवाब।
  • 1756 ई.: सिराजुद्दौला नवाब।

ब्लैक होल दुर्घटना (20 जून 1756) 😱

  • नवाब ने कासिम बाजार + फोर्ट विलियम कब्जा।
  • 146 अंग्रेज कैदियों को छोटी कोठरी में बंद → 123 मरे।
  • हॉलवेल: जीवित बचा → पुस्तक “Alive the Wonder”।

प्लासी का युद्ध (23 जून 1757) ⚔️

  • क्लाइव ने मीर जाफर, जगत सेठ, राय दुर्लभ, अमीचंद से षड्यंत्र → मीर जाफर नवाब बनेगा।
  • प्लासी मैदान: मीर जाफर + दुर्लभ ने भाग नहीं लिया → सिराजुद्दौला हारा + मारा गया।

परिणाम 💰

  • मीर जाफर नवाब।
  • कंपनी को: 1.77 करोड़ रुपये मुआवजा, बंगाल-बिहार-ओडिशा नि:शुल्क व्यापार, 24 परगना जमींदारी। 🏰

बक्सर का युद्ध (23 अक्टूबर 1764) 🔥

  • मीर कासिम ने मुंगेर राजधानी बनाई + भारतीयों को नि:शुल्क व्यापार।
  • गठबंधन: मीर कासिम + शुजाउद्दौला + शाह आलम II।
  • हेक्टर मुनरो ने हराया। शाह आलम आत्मसमर्पण, मीर कासिम भागा (1777 मृत्यु)।

इलाहाबाद संधियाँ (1765) 🤝

  • क्लाइव गवर्नर।
  • शुजाउद्दौला से: इलाहाबाद + कड़ा + 50 लाख रुपये।
  • शाह आलम II से (12 अगस्त): सुरक्षा + इलाहाबाद-कड़ा।
  • शुजाउद्दौला से (16 अगस्त): दूसरी संधि।
  • वी.ए. स्मिथ: “बक्सर ने प्लासी के अधूरे काम पूरे किए”।

नोट: बक्सर समय नवाब मीर जाफर


टेबल: प्रमुख युद्ध 🛡️

युद्धवर्षविजेतामहत्व
दीव1509पुर्तगालीसमुद्री श्रेष्ठता
बेदारा1759अंग्रेजडच पतन
प्लासी1757अंग्रेजबंगाल नियंत्रण
बक्सर1764अंग्रेजसाम्राज्य नींव
वांडिवाश1760अंग्रेजफ्रांसीसी हार

निष्कर्ष: यूरोपीय साम्राज्य की नींव 🌟

यूरोपियन आगमन ने भारत को व्यापार से साम्राज्यवाद की ओर धकेला। पुर्तगाली ने रास्ता दिखाया, डच-फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा की, लेकिन अंग्रेज (प्लासी + बक्सर) विजयी हुए। यह इतिहास की Turning Point थी! 🇮🇳🔥

FAQs

  1. पहला यूरोपीय? पुर्तगाली (1498)।
  2. प्लासी में नवाब? सिराजुद्दौला।
  3. बक्सर कमांडर? हेक्टर मुनरो।
  4. गोवा कब्जा? 1510 (अल्बुकर्क)।

संबंधित खोजें: कर्नाटक युद्ध, ईस्ट इंडिया कंपनी, ब्रिटिश राज।

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