राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत MCQ
प्रश्न 1: राजस्थान में ‘नाग पहाड़’ चोटी कहाँ स्थित है –
Junior Instructor (EC) Exam 2024अ) माऊंट आबू
ब) चित्तौड़
स) अजमेर
द) जोधपुर
उत्तर: अजमेर
व्याख्या: अजमेर जिले में नाग पहाड़ स्थित है जो अरावली पर्वत श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण भाग माना जाता है।
प्रश्न 11: बिजौलिया अभिलेख किस भाषा में है –
Junior Instructor (COS) Exam 2024(अ) प्राकृत
(ब) संस्कृत
(स) पाली
(द) मारवाड़ी
उत्तर: संस्कृत
व्याख्या: भीलवाड़ा जिले में 1170 ईस्वी में प्राप्त बिजौलिया शिलालेख, जिसे गुणभद्र ने तैयार किया था, में सांभर और अजमेर क्षेत्र के चौहान शासकों के बारे में विवरण दर्ज है। इस ऐतिहासिक अभिलेख की भाषा संस्कृत है।
प्रश्न 12: ‘श्रृंगी ऋषि शिलालेख’ किस भाषा में लिखा गया है –
Junior Instructor (STE) Exam 2024(अ) पाली
(ब) प्राकृत
(स) उर्दू
(द) संस्कृत
उत्तर: संस्कृत
व्याख्या: 1428 ईस्वी का श्रृंगी ऋषि शिलालेख उदयपुर के एकलिंगजी मंदिर के समीप प्राप्त हुआ था। इस अभिलेख को संस्कृत भाषा में लिखा गया है, जिसकी रचना कविराज वाणीविलास ने की और फना नामक व्यक्ति ने इसे उत्कीर्ण किया। यह अभिलेख मेवाड़ के शासक महाराणा मोकल के शासनकाल से संबंधित है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे युग्म सही सुमेलित है/हैं –
RPSC EO/RO Re-Exam – 2022| ग्रंथ | लेखक |
|---|
| (अ) राजरूपक | कवि वीरभाण |
| (ब) सूरज प्रकाश | करणीदान |
| (स) रामरंजाट | सूर्यमल्ल मिश्रण |
(अ) केवल (अ)
(ब) (अ), (ब) और (स)
(स) केवल (ब)
(द) (अ) और (ब)
उत्तर: (अ), (ब) और (स)
व्याख्या: सभी तीनों युग्म सही हैं – राजरूपक ग्रंथ कवि वीरभाण द्वारा, सूरज प्रकाश करणीदान द्वारा, और रामरंजाट सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा रचित हैं। सूर्यमल्ल मिश्रण ने वीर सत्सई, बलवदविलास और रामरंजाट जैसे ग्रंथों की रचना की। करणीदान की सूरज प्रकाश रचना जोधपुर के शासकों के इतिहास पर आधारित है और यह डिंगल भाषा में लिखित काव्य राठौड़ वंश की तेरह शाखाओं का उल्लेख करता है।
प्रश्न 14: निम्न में से कौन सा विकल्प सही सुमेलित नहीं है –
Raj. State and Sub. Services Comb. Comp. (Pre) Exam – 2024| ग्रंथ | लेखक |
|---|
| (अ) पृथ्वीराज रासो | चंदरबरदाई |
| (ब) बीसलदेव रासो | नरपति |
| (स) खुमाण रासो | करणीदान |
| (द) शत्रुसाल रासो | डूंगरसिंह |
(अ) पृथ्वीराज रासो – चंदरबरदाई
(ब) बीसलदेव रासो – नरपति
(स) खुमाण रासो – करणीदान
(द) शत्रुसाल रासो – डूंगरसिंह
उत्तर: खुमाण रासो – करणीदान
व्याख्या: खुमाण रासो का सही लेखक करणीदान नहीं बल्कि दलपति विजय है। अन्य सभी युग्म सही हैं – पृथ्वीराज रासो चंदबरदाई द्वारा, बीसलदेव रासो नरपति द्वारा, और शत्रुसाल रासो डूंगरसिंह द्वारा रचित हैं।
प्रश्न 15: 1637 ई. का शाहजहाँनी मस्जिद का अभिलेख राजस्थान में कहाँ स्थित है –
Junior Instructor (WCS) Exam 2024(अ) अलवर
(ब) जयपुर
(स) अजमेर
(द) नागौर
उत्तर: अजमेर
व्याख्या: अजमेर स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 1637 ईस्वी का शाहजहाँनी मस्जिद अभिलेख मौजूद है। इस अभिलेख से पता चलता है कि शाहजहाँ के पुत्र खुर्रम (बाद में शाहजहाँ) ने मेवाड़ के महाराणा अमर सिंह को पराजित करने के उपलक्ष्य में यह मस्जिद निर्मित करवायी थी। मुगल काल में अजमेर के अलावा नागौर, रणथम्भोर, गागरोन, शाहबाद, चित्तौड़ आदि स्थानों पर भी फारसी भाषा के अभिलेख उत्कीर्ण किये गए थे।
प्रश्न 16: बिजौलिया शिलालेख के अनुसार चौहान राजवंश का संस्थापक कौन था –
Junior Instructor (RAT) Exam 2024(अ) सोमेश्वर
(ब) अर्णोराज
(स) वासुदेव
(द) पृथ्वीराज तृतीय
उत्तर: वासुदेव
व्याख्या: भीलवाड़ा से 1170 ईस्वी में प्राप्त बिजौलिया शिलालेख, जिसे गुणभद्र ने लिखा था, के अनुसार चौहान वंश के संस्थापक वासुदेव चहमन थे। इस अभिलेख में उल्लेख है कि 551 ईस्वी में वासुदेव ने शाकम्भरी (सांभर) क्षेत्र में चौहान राज्य की स्थापना की और सांभर झील के निर्माण का कार्य भी करवाया।
प्रश्न 17: किस अभिलेख में उज्जैन के प्रतिहारों को क्षत्रिय कहा गया है –
Junior Instructor (RAT) Exam 2024(अ) ओसियां अभिलेख
(ब) घटियाला अभिलेख
(स) राष्ट्रकूट अभिलेख
(द) ग्वालियर अभिलेख
उत्तर: ग्वालियर अभिलेख
व्याख्या: ग्वालियर प्रशस्ति (880 ईस्वी) जो मिहिरभोज के शासनकाल से संबंधित है, गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे महत्वपूर्ण अभिलेखों में से एक मानी जाती है। यह प्रशस्ति तिथिहीन है और प्रतिहार शासकों की राजनीतिक उपलब्धियों तथा उनके वंशावली संबंधी जानकारी का प्रमुख स्रोत है। इसी अभिलेख में उज्जैन के प्रतिहारों को क्षत्रिय कहा गया है।
प्रश्न 18: रणछोड़ भट्ट ने राजप्रशस्ति किस भाषा में लिखी –
Junior Instructor (RAT) Exam 2024(अ) पाली
(ब) संस्कृत
(स) राजस्थानी
(द) फारसी
उत्तर: संस्कृत
व्याख्या: रणछोड़ भट्ट द्वारा रचित प्रसिद्ध राजप्रशस्ति महाकाव्य संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इस अभिलेख को 1676 ईस्वी में महाराणा राजसिंह सिसोदिया के शासनकाल में राजसमंद झील के ‘नौ चौकी’ वाले घाट की पाल पर 25 काले पत्थरों पर उत्कीर्ण करवाया गया था। यह दुनिया का सबसे बड़ा शिलालेख माना जाता है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित अभिलेखों का सर्वाधिक उपयुक्त कालक्रम (प्राचीन से नया) चुनिए :
Junior Instructor (RAT) Exam 2024| अभिलेख |
|---|
| 1. सारणेश्वर प्रशस्ति |
| 2. अर्थूणा शैव मन्दिर अभिलेख |
| 3. जगन्नाथ राय अभिलेख |
| 4. रणकपुर मन्दिर अभिलेख |
(अ) 1, 4, 2, 3
(ब) 2, 1, 4, 3
(स) 1, 2, 3, 4
(द) 1, 2, 4, 3
उत्तर: 1, 2, 4, 3
व्याख्या: सही कालक्रम इस प्रकार है – सारणेश्वर प्रशस्ति (953 ईस्वी) सबसे प्राचीन है जो उदयपुर के श्मशान स्थित सारणेश्वर शिव मंदिर पर मिलती है और आहड़ के वराह मंदिर, स्थानीय व्यापार, कर प्रणाली तथा शासकीय अधिकारियों के बारे में जानकारी देती है। इसके बाद अर्थूणा शैव मंदिर अभिलेख, फिर रणकपुर मंदिर अभिलेख (1439 ईस्वी) जो रणकपुर के चौमुख जैन मंदिर में स्थित है, और अंत में जगन्नाथराय प्रशस्ति (1652 ईस्वी) जिसे कृष्ण भट्ट ने लिखा था और जो देवनागरी लिपि में संस्कृत भाषा में उत्कीर्ण है।
प्रश्न 20: “पश्चिमी भारत की यात्रा” नामक ग्रंथ के लेखक कौन थे –
Junior Instructor (MDE) Exam 2024(अ) सूर्यमल्ल मिश्रण (मिसण)
(ब) गौरीशंकर हीराचन्द ओझा
(स) कर्नल जेम्स टॉड
(द) मुहणोत नैणसी
उत्तर: कर्नल जेम्स टॉड
व्याख्या: ब्रिटिश इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान और पश्चिमी भारत के इतिहास पर आधारित “Annals and Antiquities of Rajasthan” नामक ग्रंथ की रचना की, जिसका हिंदी अनुवाद “पश्चिमी भारत की यात्रा” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
प्रश्न 21: ‘दस्तूर कौमबार’ (कोमवार) में किस रियासत से सम्बन्धित वर्णन मिलता है –
Junior Instructor (Fitter) Exam 2024(अ) बीकानेर
(ब) जयपुर
(स) जोधपुर
(द) उदयपुर
उत्तर: जयपुर
व्याख्या: दस्तूर कौमवार जयपुर राज्य की अभिलेख श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण भाग है जिसमें जयपुर रियासत से संबंधित ऐतिहासिक विवरण संकलित हैं।
प्रश्न 22: किस फारसी साहित्य से रणथम्भोर पर मुस्लिम आक्रमण की जानकारी मिलती है –
Junior Instructor (ED) Exam 2024(अ) बाबरनामा
(ब) अकबरनामा
(स) तारीख-ए-फीरोजशाही
(द) चचनामा
उत्तर: तारीख-ए-फीरोजशाही
व्याख्या: तारिख-ए-फ़िरोज़शाही ज़ियाउद्दीन बरनी द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ है जिसका नाम सुल्तान फ़िरोज़ शाह तुगलक के नाम पर रखा गया। इस ग्रंथ में रणथंभौर किले पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का विस्तृत विवरण प्राप्त होता है।
प्रश्न 23: “सिक्का एलची” किस क्षेत्र में प्रचलित था –
Junior Instructor (EC) Exam 2024(अ) मत्स्य
(ब) मेवाड़
(स) हाडौती
(द) ढूंढाड़
उत्तर: मेवाड़
व्याख्या: एलची सिक्का मेवाड़ रियासत की स्थानीय टकसालों में ढाला जाने वाला मुगलकालीन सिक्का था। मेवाड़ में चांदी के रूपक सिक्के प्रचलन में थे, जबकि तांबे के ढींगला, भिलाड़ी, कर्षापण और त्रिशूलिया सिक्कों का भी उपयोग होता था। मेवाड़ के शासक स्वरूप सिंह ने अपने सिक्कों पर ‘दोस्ती लंदन’ अंकित करवाया था।
प्रश्न 24: पद्मावत नामक महाकाव्य की रचना किसके द्वारा एवं कब की गई –
Junior Instructor (EC) Exam 2024(अ) मलिक मुहम्मद जायसी, 1540
(ब) जयानक, 1545
(स) पृथ्वीराज, 1540
(द) हम्मीर देव, 1542
उत्तर: मलिक मुहम्मद जायसी, 1540
व्याख्या: ‘पद्मावत’ एक प्रसिद्ध सूफी काव्य है जिसकी रचना मलिक मुहम्मद जायसी ने 1540 ईस्वी में अवधी भाषा में की थी। इस काव्य में रानी पद्मावती और दिल्ली सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की ऐतिहासिक कथा का काव्यात्मक वर्णन किया गया है।
प्रश्न 25: ‘कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति’ का लेखक कौन है –
Junior Instructor (CLIT) Exam 2024(अ) महेश
(ब) रणछोड़
(स) श्याम
(द) समर
उत्तर: महेश
व्याख्या: चित्तौड़गढ़ स्थित कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति (1440-1448 ईस्वी) की रचना महेश भट्ट ने की थी। यह प्रशस्ति राणा कुंभा की उपलब्धियों पर आधारित है और इसमें गुहिल वंश के संस्थापक बापा से लेकर राणा कुंभा तक के सभी शासकों की वंशावली एवं उनकी उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
प्रश्न 26: निम्नलिखित में से किसे राजस्थान के प्राचीनतम संग्रहालय के रूप में जाना जाता है –
CET 2024 (12th Level) 23 October Shift-II(अ) अल्बर्ट हॉल
(ब) क्रिस्टल गैलरी
(स) आहड़
(द) आम्रपाली
उत्तर: अल्बर्ट हॉल
व्याख्या: अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय माना जाता है। जयपुर के राम निवास बाग के मध्य स्थित इस संग्रहालय का डिजाइन कर्नल सर स्विंटन जैकब ने 1876 में तैयार किया था। महाराजा रामसिंह के शासनकाल में 1876 ईस्वी में प्रिंस अल्बर्ट द्वारा इसकी नींव रखी गई और इसके नाम पर ही इसे अल्बर्ट म्यूजियम नाम दिया गया।
प्रश्न 27: वह साहित्य जो अभिलेखों, सिक्कों तथा मुहरों पर उत्कीर्ण होता है, _____ साहित्य कहलाता है। निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें
CET 2024 (12th Level) 23 October Shift-I(अ) लोक
(ब) पुरालेखीय
(स) क्षेत्रीय
(द) परंपरागत
उत्तर: पुरालेखीय
व्याख्या: पुरालेखीय साहित्य से तात्पर्य उस लिखित सामग्री से है जो प्राचीन अभिलेखों, शिलालेखों और सिक्कों आदि पर उत्कीर्ण की गई होती है।
प्रश्न 28: लेफ्टिनेंट कर्नल जेम्स टॉड ने अपना यात्रा वृतांत “पश्चिमी भारत में यात्रा” किसे समर्पित किया –
Rajasthan Police Constable Exam 2024 (SHIFT – L2)(अ) लॉर्ड विलियम बेंटिक
(ब) लॉर्ड मिंटो
(स) विलियम हंटर ब्लेयर
(द) यति ज्ञानचंद्र
उत्तर: यति ज्ञानचंद्र
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड ने इस क्षेत्र को “रायथान” नाम दिया क्योंकि स्थानीय साहित्य और बोलचाल में राजाओं के निवास स्थान को ‘रायथान’ कहा जाता था। उन्नीसवीं शताब्दी में कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक “एनाल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान” में पहली बार राजस्थान शब्द का प्रयोग किया। इस पुस्तक का दूसरा नाम “द सेंट्रल एंड वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ इंडिया” भी है। जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक “पश्चिमी भारत में यात्रा” यति ज्ञानचंद्र को समर्पित की थी।
प्रश्न 29: बेड़वास गाँव की प्रशस्ति के समय मेवाड़ का शासक कौन था –
Rajasthan Police Constable Exam 2024 (SHIFT – L1)(अ) महाराणा राज सिंह -I
(ब) महाराणा राज सिंह-II
(स) महाराणा अमर सिंह -I
(द) महाराणा जैत्र सिंह
उत्तर: महाराणा राज सिंह -I
व्याख्या: बेड़वास गाँव की बावड़ी में स्थित प्रशस्ति (1668 ईस्वी) महाराणा राजसिंह प्रथम के शासनकाल की है। यह प्रशस्ति मेवाड़ी भाषा में उत्कीर्ण की गई है।
प्रश्न 30: ‘बुद्धिविलास’ पुस्तक के लेखक कौन हैं –
Rajasthan Police Constable Exam 2024 (SHIFT – L1)(अ) किसना अरहा
(ब) बखत राम शाह
(स) बांकी दास
(द) नरोत्तम
उत्तर: बखत राम शाह
व्याख्या: बुद्धिविलास नामक पुस्तक के रचयिता बख्ताराम शाह हैं। यह ग्रंथ जयपुर के कछवाहा शासकों के इतिहास पर प्रकाश डालता है और इसमें जयपुर नगर की स्थापना से जुड़े तथ्यों का भी उल्लेख मिलता है।
प्रश्न 31: पृथ्वीराज विजय किसकी रचना है –
(अ) नयनचन्द्र सूरि
(ब) जयानक
(स) चन्द्रशेखर
(द) मेरूतुंग
उत्तर: जयानक
व्याख्या: जयानक, विद्यापति गौड़, वागीश्वर, जनार्दन और विश्वरूप पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी विद्वान और कवि थे, जिनकी रचनाओं ने उनके युग को अमर बना दिया। जयानक ने ही पृथ्वीराज विजय नामक ग्रंथ की रचना की थी।
प्रश्न 32: वीसलदेव रासो के लेखक कौन हैं –
(अ) गोपीनाथ
(ब) सागरदान
(स) किसनो
(द) नरपति नाल्ह
उत्तर: नरपति नाल्ह
व्याख्या: नरपति नाल्ह ने “गौडवाड़ी” शैली में “बीसलदेव रासो” की रचना की थी। इस रासो में राजा बीसलदेव और रानी राजमती के प्रेम प्रसंगों का मनोहर वर्णन किया गया है।
प्रश्न 33: सिंन्धु घाटी सभ्यता से लेकर गुप्त वंश के नमूनों का संग्रह किस म्यूजियम में है –
(अ) कोटा
(ब) अलवर
(स) बीकानेर
(द) राजपूताना
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: बीकानेर संग्रहालय में सिंधु घाटी सभ्यता के पुरावशेषों से लेकर गुप्त साम्राज्य काल तक की ऐतिहासिक वस्तुओं का विस्तृत संग्रह देखने को मिलता है।
प्रश्न 34: बिजौलिया के शिलालेख से प्राप्त होता है –
(अ) कच्छवाहों का इतिहास
(ब) चौहानों का इतिहास
(स) राठौड़ों का इतिहास
(द) गुर्जर-प्रतिहार का इतिहास
उत्तर: चौहानों का इतिहास
व्याख्या: बिजौलिया प्रशस्ति में वासुदेव को सांभर झील का निर्माता बताया गया है। इस ऐतिहासिक अभिलेख में चौहान वंश को वत्स गोत्र से संबंधित ब्राह्मणों की श्रेणी में वर्णित किया गया है।
प्रश्न 35: ‘अर्ली चौहान डायनेस्टी’ के लेखक हैं –
(अ) कायम खां रासो
(ब) डा. गोपी नाथ शर्मा
(स) डा. दशरथ शर्मा
(द) विलियम क्रुक
उत्तर: डा. दशरथ शर्मा
व्याख्या: ‘अर्ली चौहान डाइनेस्टीज़’ नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता डॉ. दशरथ शर्मा हैं।
प्रश्न 36: आलमशाही मुगलिया सिक्का राजस्थान में कहाँ प्रचलित था –
(अ) जयपुर
(ब) बीकानेर
(स) अलवर
(द) भरतपुर
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: आलमशाही नामक मुगलिया सिक्के का प्रचलन मुख्य रूप से बीकानेर रियासत में था।
प्रश्न 37: बड़वा यूप अभिलेख सम्बन्धित हैं –
Statistical Office Exam – 2023 (GK)(अ) मौखरी वंश से
(ब) मौर्य वंश से
(स) परमार वंश से
(द) खीची वंश से
उत्तर: मौखरी वंश से
व्याख्या: कोटा जिले के बड़वा ग्राम में प्राप्त यूप स्तम्भ अभिलेख संस्कृत भाषा में ब्राह्मी लिपि (उत्तरी प्रकार) में उत्कीर्ण है। यह मौखरी शासकों का अब तक का सबसे प्राचीन और प्रथम ज्ञात अभिलेख माना जाता है। यूप एक प्रकार का स्तंभ होता है।
प्रश्न 38: ‘ललित विग्रहराज’ नाटक की रचना किसने की –
RAS (Pre) Exam – 2023(अ) हेमचन्द्र
(ब) कल्हण
(स) सोमदेव
(द) महेश
उत्तर: सोमदेव
व्याख्या: उत्तर-पश्चिमी भारत के शासक विग्रहराज चतुर्थ चौहान वंश के थे जिन्होंने राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विस्तृत भू-भाग पर शासन किया। उनके दरबारी कवि सोमदेव ने उनके सम्मान में ‘ललिता विग्रहराज’ नामक नाटक की रचना की थी।
प्रश्न 39: ‘अचलदास खींची री वचनिका’ के लेखक हैं –
RAS (Pre) Exam – 2023(अ) गोपाल दान कविया
(ब) केसरी सिंह बारहठ
(स) रामनाथ कविया
(द) चारण शिवदास
उत्तर: चारण शिवदास
व्याख्या: ‘अचलदास खींची री वचनिका’ नामक ऐतिहासिक कृति की रचना चारण कवि शिवदास गाडण द्वारा की गई थी। इस महत्वपूर्ण ग्रंथ की रचना डिंगल भाषा में हुई है।
प्रश्न 40: घटियाला शिलालेख का सम्बन्ध मण्डोर शाखा के किस प्रतिहार शासक से है –
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam – 2022 (G.K. Group – B) (Re-Exam)(अ) कक्कुक
(ब) बाउक
(स) शीलुक
(द) रज्जिल
उत्तर: कक्कुक
व्याख्या: घटियाला शिलालेख का संबंध मण्डोर शाखा के प्रतिहार शासक कक्कुक से स्थापित किया गया है।
प्रश्न 41: ललित – विग्रह राज नाटक का लेखक सोमदेव किस चौहान शासक का राजकवि था –
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam – 2022 (G.K. Group – A) (Re-Exam)(अ) पृथ्वीराज I
(ब) अर्णोराज
(स) जग्गदेव
(द) विग्रहराज IV
उत्तर: विग्रहराज IV
व्याख्या: बीसलदेव चौहान (विग्रहराज चतुर्थ) ने स्वयं ‘हरकेलि’ नाटक की रचना की और उनके दरबारी विद्वान सोमदेव ने ‘ललित विग्रहराज’ नामक नाटक लिखकर साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ललित विग्रहराज नाटक में राजा बीसलदेव और रानी देसलदेवी के प्रेम प्रसंगों का सजीव चित्रण किया गया है।
प्रश्न 42: किस अभिलेख में प्रतिहारों को सौमित्र (लक्ष्मण) उद्भूत हुआ कहा गया है –
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam – 2022 (G.K. Group – A) (Re-Exam)(अ) ग्वालियर अभिलेख
(ब) जोधपुर अभिलेख
(स) उज्जैन अभिलेख
(द) कन्नौज अभिलेख
उत्तर: ग्वालियर अभिलेख
व्याख्या: मिहिरभोज की ग्वालियर प्रशस्ति (880 ईस्वी) गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे महत्वपूर्ण अभिलेखों में से एक है। यह एक प्रशस्ति के रूप में है जिसमें कोई निश्चित तिथि अंकित नहीं है। यह अभिलेख प्रतिहार शासकों की राजनीतिक सफलताओं और उनकी वंशावली को जानने का प्रमुख साधन है और इसमें प्रतिहारों को लक्ष्मण (सौमित्र) से उत्पन्न बताया गया है।
प्रश्न 43: बीसलदेव रासो की रचना किसने की थी –
Sr. Teacher Gr II (Sec. Edu.) Exam – 2022 (G.K. Group – A) (Re-Exam)(अ) चन्दबरदाई
(ब) महेशदास
(स) सूर्यमल्ल मिश्रण
(द) नरपति नाल्ह
उत्तर: नरपति नाल्ह
व्याख्या: बीसलदेव रासो नामक प्रसिद्ध काव्य ग्रंथ की रचना नरपति नाल्ह ने की थी।
प्रश्न 44: राजस्थान इतिहास का जनक किसे कहा जाता है –
Computor Exam 2018(अ) जी. एन. शर्मा
(ब) श्यामलदास
(स) जी. एच. ओझा
(द) कर्नल टॉड
उत्तर: कर्नल टॉड
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड को आधुनिक राजस्थान के इतिहास लेखन का प्रणेता माना जाता है और उन्हें राजस्थान इतिहास का जनक कहा जाता है।
प्रश्न 45: निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख शाकम्भरी चौहानों के प्रारंभिक इतिहास का अच्छा स्रोत है –
Protection Officer – 2022 (General Studies)(अ) चीरवा अभिलेख
(ब) बिजोलिया अभिलेख
(स) घटियाला अभिलेख
(द) मानमोरी अभिलेख
उत्तर: बिजोलिया अभिलेख
व्याख्या: भीलवाड़ा से 1170 ईस्वी में प्राप्त बिजौलिया शिलालेख, जिसे गुणभद्र ने लिखा था, में सांभर (शाकम्भरी) और अजमेर क्षेत्र के चौहान शासकों का विस्तृत वर्णन मिलता है। इस अभिलेख के अनुसार चौहान वंश के आदि पुरुष वासुदेव चहमन ने 551 ईस्वी में शाकम्भरी में चौहान राज्य की स्थापना की और सांभर झील के निर्माण का कार्य भी प्रारंभ करवाया था।
प्रश्न 46: ‘मारवाड़ रा परगना री विगत’ किसकी रचना है –
CET 2022 (12th Level) 11 February 2023 Shift-1(अ) सूर्यमल्ल मिश्रण
(ब) वीरभाण रत्नू
(स) दयाल दास
(द) मुहणोत नैणसी
उत्तर: मुहणोत नैणसी
व्याख्या: ‘मारवाड रे परगाना री विगत’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना मुहणौत नैणसी ने की थी।
प्रश्न 47: मुगल शासकों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के कारण जयपुर के कच्छवाहा शासकों द्वारा जारी किए गए सिक्के कहलाते थे –
CET 2022 (12th Level) 05 February 2023 Shift-2(अ) झाडशाही
(ब) विजयशाही
(स) दीनार
(द) मिलाड़ी
उत्तर: झाडशाही
व्याख्या: ब्रिटिश काल में सबसे पहले टकसाल खोलने की अनुमति जयपुर राज्य को मिली। यहाँ स्थानीय सिक्कों के स्थान पर चांदी के कलदार सिक्के चलन में आए, जिन्हें झाडशाही नाम दिया गया। इस मुद्रा को झाडशाही इसलिए कहा जाता था क्योंकि इस पर छह शाखाओं वाले झाड़ का प्रतीक चिह्न अंकित रहता था।
प्रश्न 48: ‘बीकानेर के राठौड़ री ख्यात’ के लेखक कौन थे –
CET 2022 (12th Level) 05 February 2023 Shift-2(अ) सूरजभान
(ब) नैणसी
(स) कविमान
(द) दयालदास
उत्तर: दयालदास
व्याख्या: “बीकानेर के राठौर री ख्यात” नामक ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता दयालदास थे। उन्हें राजस्थान का अंतिम प्रमुख ख्यात लेखक माना जाता है।
प्रश्न 49: अमरकाव्य वंशावली का लेखक कौन है –
CET 2022 (12th Level) 04 February 2023 Shift-2(अ) जीवाधर
(ब) जगजीवन भट्ट
(स) सदाशिव भट्ट
(द) रणछोड़ भट्ट
उत्तर: रणछोड़ भट्ट
व्याख्या: अमर काव्य वंशावली नामक ग्रंथ की रचना राजप्रशस्ती के प्रसिद्ध लेखक रणछोड़ भट्ट ने की थी। इस पुस्तक में मेवाड़ के संस्थापक बापा से लेकर राणा राज सिंह तक के शासकों के इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारी संकलित है।
प्रश्न 50: जालौर के शासक और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य संघर्ष की जानकारी निम्न में से किस ग्रंथ से मिलती है –
3rd Grade Teacher 2022 Punjabi L2 (राजस्थान सामान्य ज्ञान व शैक्षिक परिदृश्य)(अ) दलपत विलास
(ब) कान्हडदे प्रबन्ध
(स) हमीर हठ
(द) पद्मावत
उत्तर: कान्हडदे प्रबन्ध
व्याख्या: 1311 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी ने जालौर दुर्ग पर आक्रमण किया और कई दिनों के घेरेबंदी के बाद अंतिम युद्ध में उसकी विजय हुई, जिसमें सभी राजपूत योद्धा शहीद हो गए। इस ऐतिहासिक युद्ध का विवरण पद्मनाभ कृत ‘कान्हड़दे प्रबन्ध’ और वीरमदेव सोनगरा की ‘वात’ नामक रचना में प्राप्त होता है।
प्रश्न 51: पृथ्वीराज राठौड़ री घणी चावी कृति है –
3rd Grade Teacher 2022 Punjabi L2 (राजस्थान सामान्य ज्ञान व शैक्षिक परिदृश्य)(अ) रूकमणि हरण
(ब) वेलि क्रिसन रूकमणि री
(स) सीता पुराण
(द) रूकमणि मंगल
उत्तर: वेलि क्रिसन रूकमणि री
व्याख्या: पृथ्वीराज राठौड़ ने 1580 ई. में गागरोन दुर्ग में डींगल भाषा में ‘वेली किशन रूकमणी री’ नामक ग्रंथ की रचना की। मुगल सम्राट अकबर के दरबार में सम्मानित इस कवि को दुरसा आढ़ा ने इस रचना को पाँचवाँ वेद और उन्नीसवाँ पुराण की संज्ञा प्रदान की।
प्रश्न 52: ‘अचलदास खींची री वचनिका’ में किणां रै जुद्ध से बरणाव हुयो है –
3rd Grade Teacher 2022 English L2(अ) अचलदास खींची अर जहांगीर रै
(ब) अचलदास खींची अर मुहम्मदशाह रै
(स) अचलदास खींची अर होसंगसाह रै
(द) अचलदास खींची अर सेरसाह सूरि रै
उत्तर: अचलदास खींची अर होसंगसाह रै
व्याख्या: चारण कवि शिवदास गाडण द्वारा रचित ‘अचलदास खींची री वचनिका’ में गागरौन के शासक अचलदास खींची और मांडू के सुल्तान हुशंगशाह के मध्य 1423 ई. में हुए युद्ध का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया गया है।
प्रश्न 53: ‘हम्मीर हठ’ के लेखक कौन हैं –
Lecturer (Tech. Edu.) Exam – 2020 (Gen. Studies of State Paper – III)(अ) चन्द्रशेखर
(ब) मालदेव
(स) महेश
(द) जोधराज
उत्तर: चन्द्रशेखर
व्याख्या: ‘हम्मीर हठ’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ के रचनाकार चन्द्रशेखर हैं, जिन्होंने इस कृति में रणथंभौर के शासक हम्मीर देव चौहान के शौर्य और पराक्रम का वर्णन किया है।
प्रश्न 54: दयालदास री ख्यात में प्रमुखतः किस राज्य का इतिहास वर्णित है –
A.A.R.O. (GK and Botany) 2022(अ) जोधपुर
(ब) जैसलमेर
(स) बीकानेर
(द) डूंगरपुर
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: दयालदास द्वारा रचित ख्यात में मुख्य रूप से बीकानेर राज्य का इतिहास वर्णित है। 1798 ई. में बीकानेर रियासत के कुबिया गाँव में जन्मे दयालदास को राजस्थान का अंतिम ख्यातकार माना जाता है, जिनकी इस रचना को ‘बीकानेर राय राठौड़ री ख्यात’ के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 55: जयानक रचित ‘पृथ्वीराज – विजय’ में एक शासक की प्रशंसा में लिखा है कि उसने पुष्कर पर आक्रमण करने वाले 700 चालुक्यों को मार गिराया। निम्न में से उस शासक का नाम बताइए –
A.A.R.O. (GK and Botany) 2022(अ) दुर्लभराज II
(ब) विग्रहराज III
(स) पृथ्वीराज I
(द) पृथ्वीराज II
उत्तर: पृथ्वीराज I
व्याख्या: जयानक कृत ‘पृथ्वीराज विजय’ में चौहान शासक पृथ्वीराज प्रथम की प्रशंसा में उल्लेख है कि उसने 1105 ई. में पुष्कर के ब्राह्मणों को लूटने आए 700 चालुक्य आक्रमणकारियों का संहार किया, जिसके बाद उसने ‘परम भट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की।
प्रश्न 56: राजस्थान के किस चौहान शासक को जयानक द्वारा अपने ‘पृथ्वीराज विजय’ ग्रन्थ में पृथ्वी को चाँदी की मुद्राओं से भर देने का श्रेय दिया गया है –
A.R.O. (GK and Entomology) 2022(अ) पृथ्वीराज प्रथम
(ब) अजयराज
(स) अर्णोराज
(द) पृथ्वीराज तृतीय
उत्तर: अजयराज
व्याख्या: जयानक के ‘पृथ्वीराज विजय’ ग्रंथ में चौहान शासक अजयराज को पृथ्वी को चाँदी के सिक्कों से भर देने का श्रेय प्रदान किया गया है। अजयराज ने ‘श्री अजयदेव’ नाम से चाँदी के सिक्के प्रचलित किए, जिन पर कुछ मुद्राओं में उसकी रानी सोमलेखा का नाम भी अंकित मिलता है।
प्रश्न 57: ‘पदराडा’ अभिलेख किस शासक से संबंधित है –
A.R.O. (GK and Entomology) 2022(अ) कुमारपाल सोलंकी
(ब) महारावल अजब सिंह
(स) महाराणा कुम्भा
(द) महाराणा जगत सिंह
उत्तर: महाराणा कुम्भा
व्याख्या: राजसमंद जिले के पदराडा गाँव से प्राप्त अभिलेख महाराणा कुम्भा से संबंधित है, जिसमें प्राचीन नाम ‘पाटकेप्रद’ का उल्लेख मिलता है। यह अभिलेख कुम्भा के शासनकाल और उनकी उपलब्धियों पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है।
प्रश्न 58: बाबर के पुत्र कामरान और बीकानेर नरेश के मध्य युद्ध का वर्णन किस ग्रंथ में मिलता है –
A.R.O. (GK and Horticulture) 2022(अ) राव जैतसी रो छन्द
(ब) हाला – झाला
(स) हरि रस
(द) भक्तमाल
उत्तर: राव जैतसी रो छन्द
व्याख्या: बीठू सूजा द्वारा डिंगल भाषा में रचित ‘राव जैतसी रो छंद’ में मुगल सम्राट बाबर के पुत्र शाहजादा कामरान के आक्रमण और बीकानेर के शासक राव जैतसी द्वारा उसकी पराजय का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।
प्रश्न 59: प्राचीनतम ‘पंचमार्क’ सिक्को का समय क्या है –
A.R.O. (GK and Horticulture) 2022(अ) 800 ई. पू. से 500 ई. पू.
(ब) 200 ई. पू. से 50 ई. पू.
(स) 400 ई. पू. से 100 ई. पू.
(द) 600 ई. पू. से 200 ई. पू.
उत्तर: 800 ई. पू. से 500 ई. पू.
व्याख्या: प्राचीनतम पंचमार्क सिक्कों का समय 800 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व के मध्य माना जाता है। भारत में लगभग 2500 वर्ष पूर्व प्रचलन में आए ये सिक्के खंडित अवस्था में प्राप्त होते हैं, जिन पर विशेष चिह्न अंकित होने के कारण इन्हें आहत मुद्राएँ या पंचमार्क सिक्के कहा जाता है।
प्रश्न 60: राजस्थान में वैष्णव-धर्म का प्राचीनतम अभिलेख कहाँ से प्राप्त हुआ है –
A.R.O. (GK and Plant Pathology) 2022(अ) घोसुण्डी
(ब) नान्दसा
(स) बर्नाला
(द) मण्डोर
उत्तर: घोसुण्डी
व्याख्या: चित्तौड़गढ़ जिले से प्राप्त घोसुण्डी का लेख राजस्थान में वैष्णव (भागवत) संप्रदाय से संबंधित प्राचीनतम अभिलेख है, जो द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व का है। इस अभिलेख की भाषा संस्कृत एवं लिपि ब्राह्मी है।
प्रश्न 61: ‘भारतीय प्राचीन लिपिमाला’ के प्रसिद्ध लेखक हैं –
CET 2022 (Graduate) 08 January 2023 Shift-2(अ) गौरीशंकर हीराचन्द ओझा
(ब) रामकर्ण आसोपा
(स) मुनि जिन विजय
(द) विश्वेश्वरनाथ रेऊ
उत्तर: गौरीशंकर हीराचन्द ओझा
व्याख्या: ‘भारतीय प्राचीन लिपिमाला’ के प्रसिद्ध लेखक गौरीशंकर हीराचंद ओझा हैं। यह पुस्तक भारत के पुरालेख अध्ययन पर केन्द्रित प्रथम ग्रंथ मानी जाती है। राजस्थान के इस प्रख्यात इतिहासकार को 1914 में राय बहादुर की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
प्रश्न 62: ‘हम्मीर हठ’ नामक ग्रन्थ किसने लिखा –
CET 2022 (Graduate) 08 January 2023 Shift-1(अ) चन्द्रशेखर
(ब) केशवदेव
(स) दलपत
(द) जोधराज
उत्तर: चन्द्रशेखर
व्याख्या: ‘हम्मीर हठ’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता चन्द्रशेखर हैं, जिन्होंने इस कृति में रणथंभौर के वीर शासक हम्मीर देव चौहान के साहस और दृढ़ संकल्प का विवरण प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 63: ‘बेली क्रिशन रुकमणी री’ के रचयिता, किस शासक के दरबारी कवि थे –
CET 2022 (Graduate) 08 January 2023 Shift-1(अ) अकबर
(ब) महाराणा कुम्भा
(स) शाहजहाँ
(द) विग्रहराज चतुर्थ
उत्तर: अकबर
व्याख्या: ‘बेली क्रिशन रुकमणी री’ के रचयिता पृथ्वीराज राठौड़ मुगल सम्राट अकबर के दरबारी कवि थे। अकबर ने उन्हें गागरोन की जागीर प्रदान की थी, जहाँ 1580 ई. में उन्होंने डींगल भाषा में इस ग्रंथ की रचना की। दुरसा आढ़ा ने इस रचना को पाँचवाँ वेद और उन्नीसवाँ पुराण की संज्ञा दी।
प्रश्न 64: ‘अर्ली चौहान डाइनेस्टीज़’ के लेखक हैं –
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-2(अ) जी. एन. शर्मा
(ब) जी. एच. ओझा
(स) दशरथ शर्मा
(द) जी. ए. ग्रियर्सन
उत्तर: दशरथ शर्मा
व्याख्या: ‘अर्ली चौहान डाइनेस्टीज’ नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ के लेखक दशरथ शर्मा हैं, जो राजस्थान के इतिहास पर कार्य करने वाले प्रमुख इतिहासकारों में से एक माने जाते हैं।
प्रश्न 65: निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है –
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-1| ग्रंथ | लेखक |
|---|
| (अ) वंश भास्कर | सूर्यमल्ल मीसण |
| (ब) कुवलयमाला | उद्योतन सूरी |
| (स) पृथ्वीराज विजय | चन्दबरदाई |
| (द) हम्मीर महाकाव्य | नयनचन्द्र सूरी |
(अ) वंश भास्कर – सूर्यमल्ल मीसण
(ब) कुवलयमाला – उद्योतन सूरी
(स) पृथ्वीराज विजय – चन्दबरदाई
(द) हम्मीर महाकाव्य – नयनचन्द्र सूरी
उत्तर: पृथ्वीराज विजय – चन्दबरदाई
व्याख्या: ‘पृथ्वीराज विजय’ के रचयिता चन्दबरदाई नहीं बल्कि जयानक हैं। जयानक पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी कवि थे, जिन्होंने विद्यापति गौड़, वागीश्वर, जनार्दन और विश्वरूप जैसे अन्य विद्वानों के साथ इस ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना की।
प्रश्न 66: ‘पृथ्वीराज विजय’ का लेखक कौन था –
School Lecturer 2022 Gk (Group D)(अ) चंदबरदाई
(ब) जयानक
(स) नयनचन्द सूरी
(द) मलिक मुहम्मद जायसी
उत्तर: जयानक
व्याख्या: ‘पृथ्वीराज विजय’ ग्रंथ के रचनाकार जयानक हैं, जो पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी कवि थे। उनके साथ विद्यापति गौड़, वागीश्वर, जनार्दन और विश्वरूप जैसे अन्य विद्वान भी दरबार में उपस्थित थे, जिनकी रचनाओं ने उस काल को अमर बना दिया।
प्रश्न 67: वंश भास्कर के लेखक है –
School Lecturer 2022 Gk (G-B)(अ) पद्मनाभ
(ब) सूर्यमल्ल मिश्रण
(स) करणीदान
(द) शिवदास गौतम
उत्तर: सूर्यमल्ल मिश्रण
व्याख्या: ‘वंश भास्कर’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता सूर्यमल्ल मिश्रण हैं। यह संस्कृत भाषा में लिखा गया ग्रंथ 19वीं शताब्दी में रचा गया था और इसमें राजस्थान के विभिन्न राजवंशों का विस्तृत इतिहास वर्णित है।
प्रश्न 68: ‘अर्ली चौहान डायनेस्टीज़’ पुस्तक के लेखक है –
School Lecturer 2022 Gk (G-A)(अ) जी.एन. शर्मा
(ब) दशरथ शर्मा
(स) के.एस. गुप्ता
(द) जी. एच. ओझा
उत्तर: दशरथ शर्मा
व्याख्या: ‘अर्ली चौहान डायनेस्टीज’ नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक के लेखक दशरथ शर्मा हैं, जो राजस्थान के इतिहास पर व्यापक शोध कार्य करने वाले प्रमुख इतिहासकारों में गिने जाते हैं।
प्रश्न 69: किस ताम्रपत्र से रानी कर्मावती के जौहर का पता चलता है –
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (evening shift)(अ) पुर ताम्रपत्र
(ब) खेरोदा ताम्रपत्र
(स) चीकली ताम्रपत्र
(द) आहड़ ताम्रपत्र
उत्तर: पुर ताम्रपत्र
व्याख्या: पुर का ताम्र-पत्र (1535 ई.) महाराणा विक्रमादित्य के शासनकाल का है, जिसमें हाड़ी रानी कमेती (कर्मावती) द्वारा जौहर में प्रवेश करते समय दिए गए भूमि अनुदान की जानकारी उपलब्ध है। यह ताम्रपत्र जौहर प्रथा पर प्रकाश डालने के साथ-साथ चितौड़ के द्वितीय शाके के सही समय निर्धारण में सहायक सिद्ध हुआ है।
प्रश्न 70: मध्यकालीन ‘पट्टा रेख’ आप क्या समझते हैं –
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (evening shift)(अ) लाग-बाग
(ब) पट्टा में लिखा हुआ निर्धारित कर
(स) आयात कर
(द) निर्यात कर
उत्तर: पट्टा में लिखा हुआ निर्धारित कर
व्याख्या: मध्यकालीन ‘पट्टा रेख’ से तात्पर्य पट्टे पर दी गई भूमि से अपेक्षित राजस्व से है, जिसे जागीरदार द्वारा भूमि का पट्टा देते समय लिखित रूप में निर्धारित किया जाता था।
प्रश्न 71: निम्न में से किस प्रशस्ति के रचयिता अत्री और महेश थे –
Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (morning shift)(अ) रणकपुर प्रशस्ति
(ब) कुम्भलगढ़ प्रशस्ति
(स) कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
(द) बिजौलिया अभिलेख
उत्तर: कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
व्याख्या: कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति (1440-1448 ई.) के प्रशस्तिकार महेश भट्ट थे। यह राणा कुंभा की प्रशस्ति है, जिसमें बापा से लेकर राणा कुंभा तक गुहिल वंश की वंशावली एवं उनकी उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन उपलब्ध है।
प्रश्न 72: निम्नलिखित में से किस युद्ध को ‘मेवाड़ का मेराथन’ के नाम से जाना जाता है –
School Lecturer 2022 History (Group – C)(अ) खमनौर का युद्ध
(ब) गोगुन्दा का युद्ध
(स) दिवेर का युद्ध
(द) हल्दीघाटी का युद्ध
उत्तर: दिवेर का युद्ध
व्याख्या: अक्टूबर 1582 में हुए दिवेर के युद्ध को ‘मेवाड़ का माराथन’ के नाम से जाना जाता है। ‘अमरकाव्य’ के अनुसार इस युद्ध में राणा प्रताप ने कुंभलगढ़ के दिवेर पर मुगलों के विरुद्ध जबरदस्त आक्रमण किया, जहाँ कुंवर अमरसिंह ने अकबर के काका सेरिमा सुल्तान खां को अपने भाले से वध किया।
प्रश्न 73: निम्न में से किस रियासत से ‘सनद परवाना बहियाँ’ संबंधित थी –
School Lecturer 2022 History (Group – C)(अ) बीकानेर
(ब) कोटा
(स) जयपुर
(द) जोधपुर
उत्तर: जयपुर
व्याख्या: ‘सनद परवाना बहियाँ’ जयपुर रियासत से संबंधित थीं। महाराजा विजयसिंह के शासनकाल में लिखी गई इन बहियों में सामाजिक अपराधों और उनके दंडों के बारे में विस्तृत जानकारी संकलित की गई थी।
प्रश्न 74: ‘भारतीय प्राचीन लिपिमाला’ के प्रसिद्ध लेखक हैं –
Forest Guard Exam 2022 Shift 1(अ) गौरीशंकर हीराचन्द ओझा
(ब) रामकरण आसोपा
(स) मुनि जिन विजय
(द) विश्वेश्वरनाथ रेऊ
उत्तर: गौरीशंकर हीराचन्द ओझा
व्याख्या: ‘भारतीय प्राचीन लिपिमाला’ के प्रसिद्ध लेखक गौरीशंकर हीराचंद ओझा हैं। भारत के पुरालेख अध्ययन पर केन्द्रित यह प्रथम ग्रंथ मानी जाती है। राजस्थान के इस विद्वान इतिहासकार को 1914 में राय बहादुर की उपाधि से विभूषित किया गया था।
प्रश्न 75: निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख महाराणा कुम्भा के लेखन पर प्रकाश डालता है –
Forest Guard Exam 2022 Shift 1(अ) कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
(ब) जगन्नाथ राय प्रशस्ति
(स) राज प्रशस्ति
(द) राय सिंह प्रशस्ति
उत्तर: कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
व्याख्या: कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति (1440-1448 ई.) महाराणा कुम्भा के लेखन पर प्रकाश डालती है। महेश भट्ट द्वारा रचित इस प्रशस्ति में राणा कुंभा की उपलब्धियों के साथ-साथ उनके द्वारा रचित ग्रंथों का विस्तृत विवरण उपलब्ध है, जिसमें बापा से लेकर राणा कुंभा तक गुहिल वंश की वंशावली का वर्णन भी शामिल है।
प्रश्न 76: मौखरी यूप अभिलेख (238-39 ई.) निम्न में से कहाँ से प्राप्त हुए हैं –
Head Master (Sanskrit Edu.) – 20211 (PAPER-I)(अ) बरनाला
(ब) बैराठ
(स) बड़वा
(द) बहली
उत्तर: बड़वा
व्याख्या: मौखरी यूप अभिलेख (238-39 ई.) कोटा जिले के बड़वा ग्राम से प्राप्त हुए हैं। संस्कृत भाषा और ब्राह्मी उत्तरी लिपि में उत्कीर्ण यह अभिलेख मौखरी राजाओं का सबसे प्राचीन और प्रथम अभिलेख माना जाता है, जहाँ यूप एक विशेष प्रकार के स्तम्भ को दर्शाता है।
प्रश्न 77: निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है –
Head Master (Sanskrit Edu.) – 20211 (PAPER-I)| लेखक | ग्रंथ |
|---|
| (A) सूर्यमल्ल मीसण | वंशोदय |
| (B) पद्मनाम | कान्हड़दे प्रबन्ध |
| (C) करणीदान | सूरज प्रकाश |
| (D) मण्डन | राजवल्लभ |
उत्तर: A
व्याख्या: सूर्यमल्ल मिश्रण ‘वंशोदय’ के लेखक नहीं हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में सती रासो, वीर सतसई और वंश भास्कर शामिल हैं, जबकि ‘वंशोदय’ उनकी कृति नहीं मानी जाती।
प्रश्न 78: घटियाला अभिलेख से संबंधित निम्नलिखित कथनों में असत्य है –
Sr. Computer Instructor 2022 Paper 1(अ) अभिलेख में प्रतिहार शासक हरिशचन्द्र एवं उसके वंशजों का विवरण है।
(ब) अभिलेख में ‘मग’ जातीय ब्राह्मणों का उल्लेख है।
(स) अभिलेख में नागभट्ट-1 के राजधानी को मंडोर में स्थानांतरित करने का विवरण है।
(द) यह अभिलेख 4 अभिलेखीय लेखों का एक समूह है।
उत्तर: अभिलेख में नागभट्ट-1 के राजधानी को मंडोर में स्थानांतरित करने का विवरण है।
व्याख्या: घटियाला शिलालेख (861 ई.) जोधपुर से 22 मील दूर स्थित ‘माता की साल’ जैन मंदिर के समीप के स्तम्भ पर उत्कीर्ण चार लेखों का समूह है। संस्कृत भाषा में गद्य-पद्य के मिश्रण में लिखे इस अभिलेख में प्रतिहार शासक कक्कुक की उपलब्धियों और राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक नीतियों का वर्णन है, साथ ही ‘मग’ जाति के ब्राह्मणों का विशेष उल्लेख है, किंतु इसमें नागभट्ट-1 द्वारा राजधानी को मंडोर स्थानांतरित करने का कोई विवरण नहीं मिलता।
प्रश्न 79: नाथ प्रशस्ति राजस्थान की किस रियासत से सम्बन्धित है –
Forester Exam 2020 Shift 2(अ) जयपुर
(ब) मेवाड़
(स) जैसलमेर
(द) मारवाड़
उत्तर: मेवाड़
व्याख्या: नाथ प्रशस्ति राजस्थान की मेवाड़ रियासत से संबंधित है, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विकास पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालती है।
प्रश्न 80: ‘दस्तूर कौमवार’ में राजस्थान के किस राज्य से सम्बन्धित वर्णन मिलता है –
Forester Exam 2020 Shift 1(अ) बीकानेर
(ब) जयपुर
(स) उदयपुर
(द) कोटा
उत्तर: जयपुर
व्याख्या: ‘दस्तूर कौमवार’ जयपुर रियासत से संबंधित है, जो 32 खण्डों में वर्णानुक्रम से संकलित राजकार्य का विस्तृत आर्थिक रिकॉर्ड प्रस्तुत करता है। इसमें जातियों, व्यवसायों, विशिष्ट सुविधाओं, आभूषणों, वस्त्रों, उत्सव-पर्वों के साथ-साथ आय-व्यय, भेंट, उपहार और युद्ध में काम आए व्यक्तियों को दी गई इज्जत आदि का विस्तृत वर्णन उपलब्ध है।
प्रश्न 81: मानमोरी शिलालेख राजस्थान के किस क्षेत्र से सम्बंधित है –
Forester Exam 2020 Shift 1(अ) मण्डोर
(ब) माऊँट आबू
(स) चित्तौड़
(द) पाली
उत्तर: चित्तौड़
व्याख्या: मानमोरी शिलालेख राजस्थान के चित्तौड़ क्षेत्र से संबंधित है, जो इस ऐतिहासिक स्थल के पुरातात्विक महत्व को और बढ़ाता है।
प्रश्न 82: बड़वा ग्राम से प्राप्त यूप स्तम्म अभिलेख किस वंश / गण से संबंधित है –
JEN Agriculture 2022(अ) मौखरी वंश
(ब) प्रतिहार वंश
(स) यौधेय गण
(द) अर्जुनायन गण
उत्तर: मौखरी वंश
व्याख्या: कोटा जिले के बड़वा ग्राम से प्राप्त यूप स्तम्भ अभिलेख मौखरी वंश से संबंधित है। संस्कृत भाषा और ब्राह्मी उत्तरी लिपि में उत्कीर्ण यह अभिलेख मौखरी राजाओं का सबसे प्राचीन और प्रथम अभिलेख माना जाता है।
प्रश्न 83: चिरवा शिलालेख किस राजवंश के शासकों का उल्लेख करता है –
JEN Agriculture 2022(अ) मारवाड़ के राठौड़ शासकों का
(ब) मेवाड़ के गुहिल शासकों का
(स) आमेर के कछवाहा शासकों का
(द) अजमेर के चौहान शासकों का
उत्तर: मेवाड़ के गुहिल शासकों का
व्याख्या: चिरवा शिलालेख मेवाड़ के गुहिल वंश के शासकों का उल्लेख करता है, जो इस राजवंश के ऐतिहासिक महत्व और शासन काल पर प्रकाश डालता है।
प्रश्न 84: सोशल लाइफ इन मेडिवल राजस्थान (मध्यकालीन राजस्थान में सामाजिक जीवन) किसने लिखी –
(अ) जी. एन. शर्मा
(ब) दशरथ शर्मा
(स) वी.के. वशिष्ठ
(द) जी. एच. ओझा
उत्तर: जी. एन. शर्मा
व्याख्या: ‘सोशल लाइफ इन मेडिवल राजस्थान’ (मध्यकालीन राजस्थान में सामाजिक जीवन) नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ के लेखक जी. एन. शर्मा हैं, जिनकी यह कृति सर्वोच्च ऐतिहासिक मूल्य की मानी जाती है।
प्रश्न 85: अमीर खुसरो की किस कृति से जलालुद्दीन खिलजी के रणथम्भौर अभियान का उल्लेख प्राप्त होता है –
JEN Agriculture 2022(अ) किरान-उस-सदायन
(ब) मिफ्ता-उल-फुतूह
(स) खजाइन-उल-फुतूह
(द) आशिका
उत्तर: मिफ्ता-उल-फुतूह
व्याख्या: अमीर खुसरो की कृति ‘मिफ्ता-उल-फुतूह’ से जलालुद्दीन खिलजी के रणथम्भौर अभियान का उल्लेख प्राप्त होता है, जो इस ऐतिहासिक घटना के संदर्भ में महत्वपूर्ण स्रोत साबित हुई है।
प्रश्न 86: निम्नलिखित में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है –
JEN Agriculture 2022| सिक्के | प्रचलन का क्षेत्र |
|---|
| (अ) धौलपुर के सिक्के | तमचाशाही |
| (ब) करौली के सिक्के | माणकशाही |
| (स) प्रतापगढ़ के सिक्के | सालिमशाही |
| (द) भरतपुर के सिक्के | मदनशाही |
(अ) धौलपुर के सिक्के – तमचाशाही
(ब) करौली के सिक्के – माणकशाही
(स) प्रतापगढ़ के सिक्के – सालिमशाही
(द) भरतपुर के सिक्के – मदनशाही
उत्तर: भरतपुर के सिक्के – मदनशाही
व्याख्या: भरतपुर के सिक्के मदनशाही के नाम से प्रचलित नहीं थे। यह युग्म सही सुमेलित नहीं है, जबकि धौलपुर के सिक्के तमचाशाही, करौली के सिक्के माणकशाही और प्रतापगढ़ के सिक्के सालिमशाही के नाम से जाने जाते थे।
प्रश्न 87: बरली स्टोन – एपिग्राफ (शिलालेख) चिह्नित किया गया है –
JEN Agriculture 2022(अ) संस्कृत पलिपि में
(ब) ब्राह्मी पांडुलिपि में
(स) प्राकृत पांडुलिपि में
(द) खरोष्ठी पांडुलिपि में
उत्तर: ब्राह्मी पांडुलिपि में
व्याख्या: बरली स्टोन शिलालेख ब्राह्मी पांडुलिपि में चिह्नित किया गया है, जो प्राचीन भारतीय लिपि प्रणाली का एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 88: बिजौलिया अभिलेख का काल है –
Junior Instructor (WC&S) 2018(अ) 1676 ई.
(ब) 1170 ई.
(स) 953 ई.
(द) 1273 ई.
उत्तर: 1170 ई.
व्याख्या: बिजौलिया शिलालेख (1170 ई.) भीलवाड़ा से प्राप्त हुआ है, जिसके प्रशस्तिकार गुणभद्र थे। इस अभिलेख में सांभर (शाकम्भरी) एवं अजमेर के चौहानों का वर्णन है, जिसके अनुसार चौहानों के आदिपुरुष वासुदेव चहमन ने 551 ई. में शाकम्भरी में चहमान राज्य की स्थापना की और सांभर झील का निर्माण करवाया था।
प्रश्न 89: निम्नलिखित में से कौन सा जोड़ा (सिक्के – प्रचलन का क्षेत्र) सुमेलित नहीं है –
Junior Instructor (WC&S) 2018| सिक्के | प्रचलन का क्षेत्र |
|---|
| (अ) स्वरूपशाही | मेवाड़ |
| (ब) मदनशाही | बीकानेर |
| (स) विजयशाही | जोधपुर |
| (द) झाड़शाही | जयपुर |
(अ) स्वरूपशाही – मेवाड़
(ब) मदनशाही – बीकानेर
(स) विजयशाही – जोधपुर
(द) झाड़शाही – जयपुर
उत्तर: मदनशाही – बीकानेर
व्याख्या: मदनशाही सिक्के बीकानेर से सुमेलित नहीं हैं। यह युग्म सही नहीं है, जबकि स्वरूपशाही सिक्के मेवाड़ में, विजयशाही सिक्के जोधपुर में और झाड़शाही सिक्के जयपुर में प्रचलित थे।
प्रश्न 90: ‘पद्मावत’ के लेखक थे –
(अ) जयानक
(ब) पद्मनाभ
(स) अब्दुल हमीद लाहौरी
(द) मलिक मोहम्मद जायसी
उत्तर: मलिक मोहम्मद जायसी
व्याख्या: ‘पद्मावत’ नामक प्रसिद्ध सूफी काव्य के रचयिता मलिक मुहम्मद जायसी हैं, जिन्होंने 1540 ई. में अवधी भाषा में इस कृति की रचना की। इस काव्य में पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी की कथा का मार्मिक वर्णन किया गया है।
प्रश्न 91: सूर्यमल्ल मीसण द्वारा अपूर्ण छोड़ी कृति ‘वंश भास्कर’ को किसने पूर्ण किया?
Superintendent Gar. 2021 (GK)अ) करणीदान
ब) मुरारीदान
स) शिवदान
द) वीरमान
उत्तर: मुरारीदान
व्याख्या: चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा अपूर्ण छोड़ी गई कृति “वंश भास्कर” को उनके दत्तक पुत्र मुरारीदान ने पूरा किया। सूर्यमल्ल मिश्रण बूंदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबार में कवि के रूप में विद्यमान थे।
प्रश्न 92: निम्नलिखित में से किस ग्रंथ में अलाउद्दीन खिलजी की जालौर विजय का विवरण मिलता है?
अ) कुवलयमाला
ब) नागदमण
स) कान्हड़देव प्रबन्ध
द) हाला झाला री कुण्डलियां
उत्तर: कान्हड़देव प्रबन्ध
व्याख्या: ‘कान्हड़देव प्रबन्ध’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ में अलाउद्दीन खिलजी की जालौर विजय का विस्तृत विवरण उपलब्ध है, जो इस ऐतिहासिक घटना के संदर्भ में महत्वपूर्ण स्रोत का कार्य करता है।
प्रश्न 93: राजप्रशस्ति का काल है?
JEN 2022: Elec. Mech. Diploma (GK)अ) 1652 ई.
ब) 1576 ई.
स) 1676 ई.
द) 1439 ई.
उत्तर: 1676 ई.
व्याख्या: राजप्रशस्ति महाकाव्य की रचना 1676 ई. में श्री रणछोड़ भट्ट नामक संस्कृत कवि द्वारा मेवाड़ के महाराणा राजसिंह की आज्ञा से संपन्न हुई, जो इस ऐतिहासिक ग्रंथ के काल निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 94: ‘वंश भास्कर’ किस भाषा में लिखा गया है?
JEN 2022: Elec. Mech. Diploma (GK)अ) डिंगल
ब) संस्कृत
स) अपभ्रंश
द) हाड़ौती
उत्तर: डिंगल
व्याख्या: ‘वंश भास्कर’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ डिंगल भाषा में लिखा गया है, जो राजस्थानी साहित्य की एक प्रमुख बोली के रूप में जानी जाती है और मध्यकालीन राजस्थान के साहित्यिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
प्रश्न 95: निम्नलिखित में से कौन सी पुस्तक गुर्जर प्रतिहार वंश के मिहिर भोज द्वारा रचित नहीं है?
JEN 2022: Elec. Mech. Degree (GK)अ) सर्वस्व श्रृंगार प्रकाश
ब) कृत्यकल्पतरू
स) राजमृडाड
द) धर्म संग्रह
उत्तर: धर्म संग्रह
व्याख्या: ‘धर्म संग्रह’ नामक ग्रंथ गुर्जर प्रतिहार वंश के मिहिर भोज द्वारा रचित नहीं है, जबकि सर्वस्व श्रृंगार प्रकाश, कृत्यकल्पतरू और राजमृडाड उनकी प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं।
प्रश्न 96: बरली शिलालेख, जो कि अशोक काल से पूर्व का माना जाता है, प्राप्त हुआ है?
JEN 2022: Electrical Diploma (GK)अ) अलवर जिले में
ब) अजमेर जिले में
स) भीलवाड़ा जिले में
द) टोंक जिले में
उत्तर: अजमेर जिले में
व्याख्या: बरली शिलालेख, जिसे अशोक काल से पूर्व का माना जाता है, अजमेर जिले से प्राप्त हुआ है, जो इस क्षेत्र के प्राचीन ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 97: घोसुण्डी शिलालेख किस भाषा में लिपिबद्ध है?
JEN 2022: Electrical Degree (GK)अ) प्राकृत
ब) राजस्थानी
स) अपभ्रंश
द) संस्कृत
उत्तर: संस्कृत
व्याख्या: घोसुंडी शिलालेख संस्कृत भाषा में लिपिबद्ध है। चित्तौड़ के समीप घोसुंडी गाँव में प्राप्त इस लेख में प्रयुक्त भाषा संस्कृत और लिपि ब्राह्मी है, जो इसके ऐतिहासिक और भाषाई महत्व को दर्शाता है।
प्रश्न 98: बिजौलिया शिलालेख में किस वंश के शासकों की उपलब्धियों का उल्लेख है?
JEN 2022: Electrical Degree (GK)अ) सिसोदिया
ब) चौहान
स) राठौड
द) परमार
उत्तर: चौहान
व्याख्या: बिजौलिया शिलालेख में चौहान वंश के शासकों की उपलब्धियों का विस्तृत उल्लेख मिलता है, जो इस राजवंश के ऐतिहासिक महत्व और शासन काल पर प्रकाश डालता है।
प्रश्न 99: निम्नलिखित में से शिलालेख / प्रशस्ति और उनके उत्कीर्णन वर्ष के सही जोड़े कौन से हैं?
(1) अचलेश्वर शिलालेख – 1285 ई.
(2) बिजोलिया शिलालेख – 1170
(3) चीरवा शिलालेख – 987 ई.
(4) कुम्भलगढ़ प्रशस्ति – 1460
सही कूट का चयन कीजिए
JEN 2022: Electrical Degree (GK)अ) 1, 2 एवं 3
ब) 1, 2 एवं 4
स) केवल 2 एवं 3
द) केवल 1 एवं 4
उत्तर: 1, 2 एवं 4
व्याख्या: अचलेश्वर शिलालेख (1285 ई.), बिजोलिया शिलालेख (1170 ई.) और कुम्भलगढ़ प्रशस्ति (1460 ई.) के उत्कीर्णन वर्ष सही हैं, जबकि चीरवा शिलालेख का वर्ष 987 ई. सही नहीं है। इस प्रकार 1, 2 और 4 सही जोड़े हैं।
प्रश्न 100: बड़ली का शिलालेख, जो कि अशोक काल से पूर्व का माना जाता है, कहाँ स्थित है?
JEN 2022: Civil Diploma (GK)अ) टोंक
ब) सीकर
स) भीलवाड़ा
द) अजमेर
उत्तर: अजमेर
व्याख्या: बड़ली का शिलालेख, जिसे अशोक काल से पूर्व का माना जाता है, अजमेर जिले में स्थित है, जो इस क्षेत्र के प्राचीन ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 101: निम्नलिखित में से कौनसा (अभिलेख / शिलालेख – जिला / स्थान) सुमेलित नहीं है?
JEN 2022: Civil Diploma (GK)| अभिलेख / शिलालेख | जिला / स्थान |
|---|
| अ) बसन्तगढ़ | सिरोही |
| ब) मानमोरी | चित्तौड़ |
| स) घटियाल | जैसलमेर |
| द) चीरवा | उदयपुर |
अ) बसन्तगढ़ – सिरोही
ब) मानमोरी – चित्तौड़
स) घटियाल – जैसलमेर
द) चीरवा – उदयपुर
उत्तर: घटियाल – जैसलमेर
व्याख्या: घटियाल शिलालेख जैसलमेर जिले में नहीं बल्कि जोधपुर जिले में स्थित है। यह प्रतिहार शासक कक्कुका से संबंधित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अभिलेख है।
प्रश्न 102: निम्नलिखित में से कौनसा युग्म (मुद्राएँ – रियासत) सुमेलित नहीं है?
Basic Computer Instructor Exam 2022 Paper 1| मुद्राएँ | रियासत |
|---|
| अ) अखैशाही | जैसलमेर |
| ब) झाड़शाही | जयपुर |
| स) विजयशाही | बीकानेर |
| द) गजशाही | जोधपुर |
अ) अखैशाही – जैसलमेर
ब) झाड़शाही – जयपुर
स) विजयशाही – बीकानेर
द) गजशाही – जोधपुर
उत्तर: विजयशाही – बीकानेर
व्याख्या: विजयशाही सिक्के बीकानेर रियासत से संबंधित नहीं थे। यह मुद्रा प्रकार किसी अन्य राजपूत रियासत में प्रचलित था, जबकि बीकानेर में अन्य प्रकार के सिक्कों का प्रयोग किया जाता था।
प्रश्न 103: ‘मारवाड़ रा परगना री विगत’ का लेखक ________ है?
Lab Assistant Exam 2022 (Home Science)अ) दयाल दास
ब) चारण शिवदास
स) मुहणोत नैणसी
द) पद्मनाभ
उत्तर: मुहणोत नैणसी
व्याख्या: मारवाड़ रा परगना री विगत नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना मुहणोत नैणसी ने की थी। यह ग्रंथ मारवाड़ क्षेत्र के विभिन्न परगनों के इतिहास और प्रशासनिक व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
प्रश्न 104: ‘राजप्रशस्ति’ का रचनाकार कौन था?
Lab Assistant Exam 2022 (Home Science)अ) सदाशिव भट्ट
ब) बाण भट्ट
स) गदाधर भट्ट
द) रणछोड़ भट्ट
उत्तर: रणछोड़ भट्ट
व्याख्या: राजप्रशस्ति नामक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता रणछोड़ भट्ट थे। यह कृति मेवाड़ के शासकों के शासनकाल और उनकी उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करती है।
प्रश्न 105: निम्नलिखित में से कौन ‘वंश भास्कर’ का लेखक है?
Lab Assistant Exam 2022 (Home Science)अ) सूर्यमल्ल मिश्रण
ब) श्यामलदास
स) पृथ्वीराज राठौड़
द) दादू दयाल
उत्तर: सूर्यमल्ल मिश्रण
व्याख्या: वंश भास्कर नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक महाकाव्य के रचनाकार सूर्यमल्ल मिश्रण थे। यह ग्रंथ बूंदी के हाड़ा चौहान वंश के इतिहास पर आधारित है और राजस्थानी साहित्य की एक महत्वपूर्ण कृति मानी जाती है।
प्रश्न 106: ‘घोसुण्डी शिलालेख’ निम्न में से किस लिपि में लिखा गया था?
Lab Assistant Exam 2022 (Geography)अ) आर्मेनियन
ब) भाब्रू
स) देवनागरी
द) ब्राह्मी
उत्तर: ब्राह्मी
व्याख्या: घोसुंडी शिलालेख प्राचीन ब्राह्मी लिपि में उत्कीर्ण किया गया था। यह अभिलेख चित्तौड़गढ़ के समीप स्थित घोसुंडी गाँव से प्राप्त हुआ था और इसमें प्रयुक्त भाषा संस्कृत है, जो उस काल की साहित्यिक परंपरा को दर्शाती है।
प्रश्न 107: सूर्यमल्ल मिश्रण (मीसण) कृत ‘वीर सत्सई’ किस राजपूत राज्य के इतिहास से सरोकार रखता है?
Lab Assistant Exam 2022 (Geography)अ) कोटा
ब) भरतपुर
स) बूंदी
द) झालावाड़
उत्तर: बूंदी
व्याख्या: सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा रचित ‘वीर सत्सई’ बूंदी रियासत के इतिहास से संबंधित है। यह कृति हाड़ा चौहान शासकों की वीरता और शौर्य गाथाओं का वर्णन करती है तथा राजस्थानी साहित्य में अपना विशेष स्थान रखती है।
प्रश्न 108: घटियाला प्राकृत अभिलेख किस प्रतिहार शासक से सम्बन्धित है?
Lab Assistant Exam 2022 (Science) 29 June 2022 Paper-1अ) दद्ध
ब) वत्सराज
स) नागभट्ट
द) कक्कुका
उत्तर: कक्कुका
व्याख्या: घटियाला प्राकृत अभिलेख प्रतिहार वंश के शासक कक्कुका से संबंधित है। इस अभिलेख में उनकी सैन्य उपलब्धियों और प्रशासनिक कार्यों का उल्लेख मिलता है, जो उस काल की ऐतिहासिक घटनाओं पर प्रकाश डालता है।
प्रश्न 109: वीर विनोद का लेखक कौन था?
Lab Assistant Exam 2022 (Science) 29 June 2022 Paper-1अ) सूर्यमल मिश्रण
ब) गौरीशंकर हीराचंद ओझा
स) कविराज श्यामलदास
द) केशरीसिंह बारहठ
उत्तर: कविराज श्यामलदास
व्याख्या: वीर विनोद नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता कविराज श्यामलदास थे। यह विशाल ग्रंथ मेवाड़ के इतिहास का संपूर्ण विवरण प्रस्तुत करता है और राजस्थान के ऐतिहासिक साहित्य में एक मील का पत्थर माना जाता है।
प्रश्न 110: निम्न में से कौनसा शिलालेख गुहिल शासक शिलादित्य के समय का है?
अ) नगरी का शिलालेख
ब) सांमोली शिलालेख
स) मानमोरी का लेख
द) मंडोर का शिलालेख
उत्तर: सांमोली शिलालेख
व्याख्या: सांमोली शिलालेख गुहिल वंश के शासक शिलादित्य के काल से संबंधित है। यह अभिलेख उनके शासनकाल की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी प्रदान करता है और मेवाड़ क्षेत्र के प्रारंभिक इतिहास को समझने में सहायक सिद्ध होता है।
प्रश्न 111: निम्नलिखित में से कौनसी पुस्तक चौहानों के इतिहास के बारे में जानकारी का स्रोत नहीं है?
Lab Assistant Exam 2022 (Science) 28 June 2022 Paper-1अ) हर्ष चरित
ब) सुर्जन चरित्र
स) हम्मीर महाकाव्य
द) पृथ्वीराज विजय
उत्तर: हर्ष चरित
व्याख्या: हर्ष चरित नामक ग्रंथ चौहान वंश के इतिहास से संबंधित नहीं है। यह कृति बाणभट्ट द्वारा रचित है और सम्राट हर्षवर्धन के जीवन और शासनकाल का वर्णन करती है, जबकि अन्य विकल्प चौहान शासकों के इतिहास पर आधारित हैं।
प्रश्न 112: घटियाला शिलालेख किस भाषा में लिखा गया था?
Lab Assistant Exam 2022 (Science) 28 June 2022 Paper-1अ) मारवाड़ी
ब) फ़ारसी
स) संस्कृत
द) हिंदी
उत्तर: संस्कृत
व्याख्या: घटियाला शिलालेख संस्कृत भाषा में उत्कीर्ण किया गया था। इस अभिलेख में प्रयुक्त भाषा और शैली उस काल की साहित्यिक परंपरा को दर्शाती है और यह प्रतिहार शासक कक्कुका के शासनकाल की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी प्रदान करता है।
प्रश्न 113: सूर्यमल्ल मिश्रण (मीसण), जो राजस्थान की एक रियासत के 19वीं सदी के दरबारी कवि थे, उन्होंने एक उत्कृष्ट कृति ‘वंश भास्कर’ लिखी, जिसका मुख्य विषय ______ वंश का इतिहास है।
Police Constable Exam (15 May 2022 Shift-2)अ) परमार
ब) हाड़ा चौहान
स) सोलंकी
द) प्रतिहार
उत्तर: हाड़ा चौहान
व्याख्या: सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा रचित ‘वंश भास्कर’ हाड़ा चौहान वंश के इतिहास पर आधारित है। यह महाकाव्य बूंदी रियासत के शासकों की वंशावली, उनकी वीरगाथाओं और ऐतिहासिक उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 114: नीचे दिए गए विकल्पों में से लेखक और उनके लेखन के साथ सही मिलान की पहचान कीजिए।
Police Constable Exam (15 May 2022 Shift-1)| लेखक | कृति |
|---|
| अ) वंश भास्कर | केसरी सिंह बारहठ |
| ब) चेतावनी रा चूंगट्या | मलिक मोहम्मद जायसी |
| स) वीर विनोद (मेवाड़ का इतिहास) | श्यामल दास |
| द) पद्मावत | सूर्यमल मिश्रण |
अ) वंश भास्कर – केसरी सिंह बारहठ
ब) चेतावनी रा चूंगट्या – मलिक मोहम्मद जायसी
स) वीर विनोद (मेवाड़ का इतिहास) – श्यामल दास
द) पद्मावत – सूर्यमल मिश्रण
उत्तर: वीर विनोद (मेवाड़ का इतिहास) – श्यामल दास
व्याख्या: वीर विनोद नामक ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता श्यामल दास थे, जो मेवाड़ के इतिहास का संपूर्ण विवरण प्रस्तुत करता है। अन्य युग्म सही नहीं हैं क्योंकि वंश भास्कर के लेखक सूर्यमल मिश्रण, चेतावनी रा चूंगट्या के रचयिता केसरी सिंह बारहठ और पद्मावत के लेखक मलिक मोहम्मद जायसी थे।
प्रश्न 115: “कंत घरे किम आविया, तेहां रौ घण त्रास।
लहँगे मूझ लुकीजियै, बैरी रौ न विसास॥”
उपरोक्त दोहा _____ द्वारा लिखा गया था।
Police Constable Exam (13 May 2022 Shift-1)अ) जोधराज
ब) सूर्यमल मिश्रण
स) चंद बरदाई
द) दलपत विजय
उत्तर: सूर्यमल मिश्रण
व्याख्या: उपरोक्त दोहा सूर्यमल मिश्रण द्वारा रचित है। यह दोहा उनकी काव्य शैली और विचारधारा को दर्शाता है, जिसमें वीरता, स्वाभिमान और देशप्रेम की भावना स्पष्ट झलकती है। सूर्यमल मिश्रण की रचनाओं में ऐसे ही प्रेरक दोहे मिलते हैं।
प्रश्न 116: निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए –
RSMSSB VDO Mains 2022| लेखक | कृति |
|---|
| (a) जयानक | (i) हम्मीर महाकाव्य |
| (b) नयनचन्द्र सूरी | (ii) समराइच्चकहा |
| (c) चन्द्रशेखर | (iii) पृथ्वीराज विजय |
| (d) हरिभद्र सूरी | (iv) सुर्जन चरित्र |
अ) a-(i), b-(ii), c-(iii), d-(iv)
ब) a-(iv), b-(iii), c-(ii), d-(i)
स) a-(iii), b-(iv), c-(ii), d-(i)
द) a-(iii), b-(i), c-(iv), d-(ii)
उत्तर: a-(iii), b-(i), c-(iv), d-(ii)
व्याख्या: सही सुमेलन है – जयानक द्वारा पृथ्वीराज विजय, नयनचन्द्र सूरी द्वारा हम्मीर महाकाव्य, चन्द्रशेखर द्वारा सुर्जन चरित्र और हरिभद्र सूरी द्वारा समराइच्चकहा की रचना की गई थी। ये सभी ग्रंथ राजस्थान के ऐतिहासिक साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
प्रश्न 117: अभिलेख, जो प्रतिहार शासक कक्कुक की आभीरों पर विजय का दावा करता है –
RSMSSB VDO Mains 2022अ) चीरवा अभिलेख
ब) घटियाला अभिलेख
स) अथुणा अभिलेख
द) बीजोलिया अभिलेख
उत्तर: घटियाला अभिलेख
व्याख्या: घटियाला अभिलेख में प्रतिहार शासक कक्कुक द्वारा आभीरों पर विजय प्राप्त करने का उल्लेख मिलता है। यह अभिलेख उनकी सैन्य सफलताओं और राजनीतिक उपलब्धियों का प्रमाण प्रस्तुत करता है तथा उस काल की ऐतिहासिक परिस्थितियों पर प्रकाश डालता है।
प्रश्न 118: ‘कान्हड़ दे प्रबन्ध’ नामक काव्य का लेखक कौन है?
Police SI 13 September 2021 (Gk)अ) वीरभाण
ब) भट्ट जगजीवन
स) पं. जीवाधर
द) पद्मनाभ
उत्तर: पद्मनाभ
व्याख्या: ‘कान्हड़ दे प्रबन्ध’ नामक ऐतिहासिक काव्य के रचयिता पद्मनाभ थे। यह कृति जालौर के चौहान शासक कान्हड़देव के जीवन और उनकी वीरता की गाथा का वर्णन करती है, जो राजस्थानी साहित्य की एक महत्वपूर्ण धरोहर मानी जाती है।
प्रश्न 119: किसानों से वसूल की जाने वाली विविध लाग-बागों का उल्लेख किसमें प्राप्त होता है?
अ) पुर ताम्रपत्र 1535 ई.
ब) चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
स) खेरोदा ताम्रपत्र 1437 ई.
द) आहड़ ताम्रपत्र 1206 ई.
उत्तर: चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
व्याख्या: चीकली ताम्रपत्र (1483 ई.) में किसानों से वसूल की जाने वाली विभिन्न लाग-बागों का विस्तृत उल्लेख प्राप्त होता है। इस अभिलेख में पटेल, सुथार और ब्राह्मणों द्वारा की जाने वाली कृषि गतिविधियों का वर्णन मिलता है, जो मध्यकालीन राजस्थान की आर्थिक व्यवस्था को समझने में महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करता है।
प्रश्न 120: भारत का प्रथम ‘डिजिटल आर्काइव’ राजस्थान के किस शहर में स्थित है?
RSMSSB LDC (12-08-18) Paper-1अ) बीकानेर
ब) जयपुर
स) जोधपुर
द) उदयपुर
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: भारत का प्रथम डिजिटल आर्काइव बीकानेर शहर में स्थित है। यह अभिलेखागार ऐतिहासिक दस्तावेजों, पांडुलिपियों और सांस्कृतिक धरोहरों के डिजिटलीकरण का कार्य करता है, जिससे शोधकर्ताओं और इतिहासकारों को valuable सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके।
प्रश्न 121: ‘दि अर्ली चौहान डाइनेस्टीज’ राजस्थान के किस प्रमुख इतिहासकार की रचना है –
(अ) डा. जी. एन. शर्मा
(ब) जी. एच. ओझा
(स) डा. दशरथ शर्मा
(द) वी. एन. रेऊ
उत्तर: डा. दशरथ शर्मा
व्याख्या: ‘दि अर्ली चौहान डाइनेस्टीज’ नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ के रचयिता डॉ. दशरथ शर्मा थे। यह पुस्तक चौहान वंश के प्रारंभिक इतिहास पर गहन शोध पर आधारित है और राजस्थान के ऐतिहासिक अध्ययन में एक मानक ग्रंथ मानी जाती है।
प्रश्न 122: “राव जैतसी रो छन्द” के रचयिता हैं –
VDO Exam 2nd Shift 27 Dec 2021(अ) बीटू सूजा
(ब) चन्द बरदाई
(स) मुहणोत नैणसी
(द) सूर्यमल्ल मिश्रण
उत्तर: बीटू सूजा
व्याख्या: “राव जैतसी रो छन्द” नामक ऐतिहासिक काव्य के रचयिता बीठू सूजा थे। यह रचना डिंगल (राजस्थानी) भाषा में लिखी गई है और मारवाड़ के शासक राव जैतसी के जीवन और उनकी उपलब्धियों का वर्णन करती है।
प्रश्न 123: राजस्थान राज्य अभिलेखागार कहां स्थित है –
(अ) बीकानेर
(ब) जोधपुर
(स) जयपुर
(द) उदयपुर
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर शहर में स्थित है। यह संस्थान ऐतिहासिक दस्तावेजों, पांडुलिपियों और सरकारी रिकॉर्डों के संरक्षण के लिए समर्पित है और शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करता है।
प्रश्न 124: किसानों से वसूल की जाने वाली विविध लाग-बागों का उल्लेख किसमें प्राप्त होता है –
(अ) पुर ताम्रपत्र 1535 ई.
(ब) चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
(स) खेरोदा ताम्रपत्र 1437 ई.
(द) आहड़ ताम्रपत्र 1206 ई.
उत्तर: चीकली ताम्रपत्र 1483 ई.
व्याख्या: चीकली ताम्रपत्र (1483 ई.) में कृषक वर्ग से एकत्र की जाने वाली विभिन्न प्रकार की लाग-बाग कर व्यवस्थाओं का स्पष्ट उल्लेख प्राप्त होता है। यह ऐतिहासिक दस्तावेज मध्यकालीन राजस्थान की भू-राजस्व व्यवस्था और कृषि अर्थव्यवस्था को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करता है।
प्रश्न 125: राजस्थान में रियासतकालीन सिक्कों के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए –
- अ. बांसवाड़ा रियासत में ‘सालिमशाही’ सिक्कों का प्रचलन था।
- ब. मुगलकाल में जैसलमेर में चांदी का ‘मुहम्मदशाही’ सिक्का चलता था।
- स. प्रतिहार शासक मिहिरभोज ने मारवाड़ में ‘आदिवराह’ सिक्के चलाये थे।
- द. धौलपुर राज्य के सिक्के ‘चमंचाशाही’ कहलाते थे क्योंकि उन पर तमंचे का चिन्ह लगाया जाता था।
(अ) केवल ब और स सही हैं।
(ब) केवल अ, स और द सही हैं
(स) केवल अ और ब सही हैं।
(द) उपरोक्त सभी सही हैं।
उत्तर: उपरोक्त सभी सही हैं।
व्याख्या: दिए गए सभी कथन राजस्थान की रियासतकालीन मुद्रा व्यवस्था के संदर्भ में सही हैं। बांसवाड़ा में सालिमशाही सिक्के प्रचलित थे, जैसलमेर में मुहम्मदशाही सिक्के चलते थे, प्रतिहार शासक मिहिरभोज द्वारा आदिवराह सिक्के जारी किए गए थे और धौलपुर के सिक्कों पर तमंचे के चिन्ह के कारण उन्हें चमंचाशाही कहा जाता था।
प्रश्न 126: महान कवि सूर्यमल के बारे में निम्न में से कौन सा कथन गलत है –
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift(अ) वंश भास्कर इनका प्रसिद्ध महाकाव्य है।
(ब) इन्होंने बूंदी के इतिहास का वर्णन किया।
(स) इनकी कविता से बहादुरी की भावना का उदय होता है।
(द) वे मेवाड़ के निवासी थे।
उत्तर: वे मेवाड़ के निवासी थे।
व्याख्या: सूर्यमल मिश्रण मेवाड़ के निवासी नहीं थे, बल्कि वे बूंदी रियासत से संबंध रखते थे। उनकी अधिकांश रचनाएँ बूंदी के हाड़ा चौहान शासकों के इतिहास और वीरगाथाओं पर केंद्रित हैं, जो इस तथ्य की पुष्टि करती हैं।
प्रश्न 127: ‘मुण्डीयार री ख्यात’ का विषय है –
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift(अ) सिरोही के चौहान
(ब) दूंदी के हाड़ा
(स) मेवाड़ के सिसोदिया
(द) मारवाड़ के राठौड़
उत्तर: मारवाड़ के राठौड़
व्याख्या: ‘मुण्डीयार री ख्यात’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ का मुख्य विषय मारवाड़ के राठौड़ वंश का इतिहास है। यह ख्यात राठौड़ शासकों की वंशावली, उनके शासनकाल की महत्वपूर्ण घटनाओं और प्रशासनिक व्यवस्था का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है।
प्रश्न 128: निम्न का मिलान करें:
| पुस्तक | लेखक |
|---|
| (A) हम्मीर हाथ | I चंद्र शेखर |
| (B) हम्मीर महाकाव्य | II नयन चंद्र सूरी |
| (C) कान्हड़-दे परबन्धा | III जयनक |
| (D) पृथ्वीराज विजय | IV पद्मनाभ |
(अ) A-I, B-II, C-III, D-IV
(ब) A-II, B-I, C-III, D-IV
(स) A-II, B-I, C-IV, D-III
(द) A-I, B-II, C-IV, D-III
उत्तर: A-I, B-II, C-IV, D-III
व्याख्या: सही सुमेलन है – हम्मीर हाथ के लेखक चंद्र शेखर, हम्मीर महाकाव्य के रचयिता नयन चंद्र सूरी, कान्हड़-दे परबन्धा के लेखक पद्मनाभ और पृथ्वीराज विजय के रचनाकार जयानक थे। ये सभी ग्रंथ राजस्थान के ऐतिहासिक साहित्य में विशेष स्थान रखते हैं।
प्रश्न 129: किस प्रतिहार शासक के दरबार में प्रसिद्ध कवि राजशेखर थे –
(अ) महिपाल
(ब) वत्सराज
(स) नागभट्ट द्वितीय
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: महिपाल
व्याख्या: प्रसिद्ध संस्कृत कवि राजशेखर प्रतिहार वंश के शासक महिपाल के दरबार में विद्यमान थे। राजशेखर ने अपनी रचनाओं में महिपाल की उदारता और संरक्षण का उल्लेख किया है, जो उस काल की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रमाण प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 130: किस मुगल शासक ने चित्तौड़ विजय के उपरान्त मेवाड़ में सिक्का एलची जारी किया –
(अ) बाबर
(ब) अकबर
(स) जहांगीर
(द) शाहजहां
उत्तर: अकबर
व्याख्या: मुगल सम्राट अकबर ने चित्तौड़गढ़ पर विजय प्राप्त करने के पश्चात मेवाड़ क्षेत्र में सिक्का एलची नामक मुद्रा का प्रचलन आरंभ किया। यह कदम मुगल साम्राज्य की आर्थिक एकीकरण नीति का हिस्सा था और क्षेत्र में मुगल प्रभुत्व स्थापित करने का प्रतीक माना जाता था।
प्रश्न 131: निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख चित्तौड़ के प्रारम्भिक इतिहास पर प्रकाश डालता है –
(अ) अचलेश्वर का अभिलेख
(ब) मानमोरी का अभिलेख
(स) मासोली का अभिलेख
(द) बिजोलिया का अभिलेख
उत्तर: मानमोरी का अभिलेख
व्याख्या: मानमोरी अभिलेख चित्तौड़गढ़ के प्रारंभिक ऐतिहासिक काल पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है। यह अभिलेख चित्तौड़ किले के निर्माण, उसके शासकों और प्रारंभिक विकास से संबंधित जानकारी प्रदान करता है, जो इस ऐतिहासिक स्थल को समझने में विशेष रूप से सहायक सिद्ध होता है।
प्रश्न 132: ‘म्यूटिनीज इन राजपूताना’ नामक पुस्तक के लेखक कौन है –
(अ) आई. टी. प्रिचार्ड
(ब) नाथूराम खड़गावत
(स) माइकल एडवर्ड
(द) जबरसिंह
उत्तर: आई. टी. प्रिचार्ड
व्याख्या: ‘म्यूटिनीज इन राजपूताना’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ के लेखक आई. टी. प्रिचार्ड थे, जो बंगाल सेना में एक अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। यह पुस्तक 1857 के विद्रोह के दौरान राजपूताना क्षेत्र की स्थिति और घटनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है।
प्रश्न 133: बीकानेर के इतिहास लेखन में कौन सी ‘ख्यात’ अति लाभदायक है –
(अ) मुण्डीयार री ख्यात
(ब) बांकीदास री ख्यात
(स) दयालदास री ख्यात
(द) नैणसी री ख्यात
उत्तर: दयालदास री ख्यात
व्याख्या: बीकानेर रियासत के ऐतिहासिक अध्ययन के लिए ‘दयालदास री ख्यात’ अत्यंत लाभदायक स्रोत सिद्ध होती है। यह ख्यात बीकानेर के राठौड़ शासकों के इतिहास, उनकी प्रशासनिक व्यवस्था और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है।
प्रश्न 134: राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक दयालदास को संरक्षण देने वाले शासक थे –
(अ) महाराजा जसवंतसिंह
(ब) महाराजा रतनसिंह
(स) राव अनुपसिंह
(द) राव करणसिंह
उत्तर: महाराजा रतनसिंह
व्याख्या: राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक लेखक दयालदास को बीकानेर के महाराजा रतन सिंह ने संरक्षण प्रदान किया था। इस राजकीय संरक्षण के कारण ही दयालदास ने ‘दयालदास री ख्यात’ जैसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कृति की रचना की, जो बीकानेर के इतिहास का मूल्यवान स्रोत है।
प्रश्न 135: निम्नलिखित में से कौन सी कृति की रचना सूर्यमल मिश्रण द्वारा की गयी थी –
(अ) वीर विनोद
(ब) वीर सतसई
(स) चेतावनी रा चूंगट्या
(द) राजविलास
उत्तर: वीर सतसई
व्याख्या: ‘वीर सतसई’ नामक प्रसिद्ध काव्य संग्रह की रचना सूर्यमल मिश्रण द्वारा की गई थी। यह कृति सात सौ से अधिक दोहों का संकलन है, जिसमें वीरता, स्वाभिमान, देशप्रेम और नैतिक मूल्यों से संबंधित विचारों को काव्यात्मक अभिव्यक्ति प्रदान की गई है।
प्रश्न 136: किस अभिलेख में चौहानों को वत्स गोत्र का ब्राहम्ण कहा गया है –
(अ) बिजौलिया अभिलेख
(ब) चीरवा शिलालेख
(स) घोसुण्डी शिलालेख
(द) सारणेश्वर प्रशस्ति
उत्तर: बिजौलिया अभिलेख
व्याख्या: बिजौलिया अभिलेख में चौहान वंश के शासकों को वत्स गोत्र का ब्राह्मण कहा गया है। यह ऐतिहासिक तथ्य चौहानों की उत्पत्ति और सामाजिक स्थिति के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है तथा उनकी वंशावली को समझने में सहायक सिद्ध होता है।
प्रश्न 137: हाड़ी रानी कर्मावती द्वारा जौहर में प्रवेश करते समय दिये गये भूमि अनुदान की जानकारी का स्त्रोत कौन सा है –
(अ) पुर के ताम्रपत्र
(ब) चौकली के ताम्रपत्र
(स) रणकपुर प्रशस्ति
(द) चीरवे का शिलालेख
उत्तर: पुर के ताम्रपत्र
व्याख्या: पुर के ताम्रपत्र (1535 ई.) में हाड़ी रानी कर्मावती द्वारा जौहर में प्रवेश करने के पूर्व दिए गए भूमि अनुदान का विस्तृत उल्लेख प्राप्त होता है। यह ऐतिहासिक दस्तावेज चित्तौड़ के सिसोदिया शासकों की दानशीलता और धार्मिक कार्यों के प्रति उनकी उदारता का प्रमाण प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 138: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ जयपुर की स्थापना एवं शहर की नगर निर्माण योजना की जानकारी देता है –
(अ) हम्मीर रासो
(ब) बुद्धिविलास
(स) वंश भास्कर
(द) राजविनोद
उत्तर: बुद्धिविलास
व्याख्या: ‘बुद्धिविलास’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ में जयपुर शहर की स्थापना और उसकी नगर नियोजन योजना का विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। इस ग्रंथ के रचयिता बख्ताराम शाह थे और इसमें जयपुर के वास्तुशिल्प, नगर व्यवस्था और प्रारंभिक विकास से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी संकलित है।
प्रश्न 139: घटियाला प्राकृत अभिलेख किस शासक से सम्बन्धित है –
(अ) प्रतिहार कक्कुका
(ब) प्रतिहार दद्द
(स) प्रतिहार वत्सराज
(द) प्रतिहार नागभट्ट
उत्तर: प्रतिहार कक्कुका
व्याख्या: घटियाला प्राकृत अभिलेख प्रतिहार वंश के शासक कक्कुका से संबंधित है। यह अभिलेख उनके शासनकाल की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं, विशेष रूप से आभीरों पर विजय और अन्य सैन्य अभियानों का विवरण प्रस्तुत करता है, जो प्रतिहार काल के इतिहास को समझने में सहायक है।
प्रश्न 140: जयानक ने कौन सी कृति की रचना की –
(अ) पृथ्वीराज विजय
(ब) पृथ्वीराज रासो
(स) हमीर रासो
(द) हमीर हठ
उत्तर: पृथ्वीराज विजय
व्याख्या: जयानक ने ‘पृथ्वीराज विजय’ नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक महाकाव्य की रचना की थी। यह संस्कृत भाषा में रचित ग्रंथ दिल्ली के चौहान शासक पृथ्वीराज चौहान तृतीय के जीवन, उनकी वीरता और शासनकाल की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन करता है।
प्रश्न 141: किस अभिलेख में चौहानों को ‘वत्सगौत्र ब्राह्मण’ कहा गया है –
(अ) बिजोलिया अभिलेख
(ब) प्रतापगढ़ अभिलेख
(स) मंडोर अभिलेख
(द) घोसुन्डी अभिलेख
उत्तर: बिजोलिया अभिलेख
व्याख्या: बिजोलिया अभिलेख में चौहान वंश के शासकों को वत्स गोत्र का ब्राह्मण कहकर संबोधित किया गया है। यह ऐतिहासिक सूचना चौहानों की सामाजिक और धार्मिक पहचान को स्पष्ट करती है तथा उनकी उत्पत्ति के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत करती है।
प्रश्न 142: निम्न में से शिलालेख/प्रशस्ति और उनके वर्ष के सही जोड़े कौन से हैं –
- अचलेश्वर शिलालेख – 1285
- दिलवाड़ा शिलालेख – 1216
- कुम्भलगढ़ प्रशस्ति – 1460
Stenographer Pre Exam (21 March 2021) (Paper I)(अ) केवल 1 एवं 2
(ब) 1, 2 एवं 3
(स) केवल 1 एवं 3
(द) केवल 2 एवं 3
उत्तर: केवल 1 एवं 3
व्याख्या: अचलेश्वर शिलालेख (1285 ई.) और कुम्भलगढ़ प्रशस्ति (1460 ई.) के वर्ष सही हैं, जबकि दिलवाड़ा शिलालेख का वर्ष 1216 ई. सही नहीं है। ये ऐतिहासिक अभिलेख राजस्थान के मध्यकालीन इतिहास को समझने के लिए महत्वपूर्ण स्रोत का कार्य करते हैं।
प्रश्न 143: ‘कान्हड़दे प्रबन्ध’ किसके द्वारा रचित है –
(अ) चंदबरदायी
(ब) कल्लोल
(स) पद्मनाभ
(द) शालीभद्र सूरी
उत्तर: पद्मनाभ
व्याख्या: ‘कान्हड़दे प्रबन्ध’ नामक ऐतिहासिक काव्य के रचयिता पद्मनाभ थे। यह कृति जालौर के चौहान शासक कान्हड़देव के जीवन, उनकी वीरगाथा और अलाउद्दीन खिलजी के साथ हुए संघर्ष का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करती है, जो राजस्थानी साहित्य की एक अमूल्य धरोहर मानी जाती है।
प्रश्न 144: निम्न में से सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा रचित नहीं है –
Agriculture Research Officer – 2020(अ) ललित ललाम
(ब) वीर सतसई
(स) रामरंजाॅट
(द) छंदोमयूख
उत्तर: ललित ललाम
व्याख्या: ‘ललित ललाम’ सूर्यमल मिश्रण द्वारा रचित नहीं है। उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘वीर सतसई’, ‘रामरंजाॅट’ और ‘छंदोमयूख’ शामिल हैं, जो उनकी साहित्यिक प्रतिभा और ऐतिहासिक दृष्टि का परिचय देती हैं।
प्रश्न 145: ‘अर्ली चौहान डायनेस्टिज’ लिखी है –
(अ) गौरीशंकर ओझा
(ब) गोपीनाथ शर्मा
(स) नारायण सिंह
(द) दशरथ शर्मा
उत्तर: दशरथ शर्मा
व्याख्या: ‘अर्ली चौहान डायनेस्टिज’ नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ के लेखक डॉ. दशरथ शर्मा थे। यह पुस्तक चौहान वंश के प्रारंभिक इतिहास पर गहन शोध पर आधारित है और राजस्थान के ऐतिहासिक अध्ययन में एक मानक संदर्भ ग्रंथ के रूप में मान्यता प्राप्त है।
प्रश्न 146: महाराणा कुम्भा द्वारा रचित ‘संगीत राज’ कितने भागों में विभक्त है –
(अ) पांच
(ब) तीन
(स) सात
(द) नौ
उत्तर: पांच
व्याख्या: महाराणा कुम्भा द्वारा रचित ‘संगीत राज’ नामक संगीतशास्त्र पर आधारित ग्रंथ पांच भागों में विभाजित है। यह कृति भारतीय शास्त्रीय संगीत के सिद्धांतों, राग-रागिनियों और वाद्ययंत्रों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है, जो महाराणा कुम्भा की बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है।
प्रश्न 147: निम्नलिखित युग्मों में से कौन सा युग्म सही नहीं है –
| पुस्तक | लेखक |
|---|
| अ. हिस्ट्री आॅफ फेमीन्स इन राजस्थान | ओ. पी कच्ह्वाद्य |
| ब. द लास्ट महाराणा ए बयोग्रफी आॅफ सवाई मानसिंह सेकण्ड आॅफ जयपुर | क्रिवी क्वेटीन |
| स. आॅरिजन आॅफ राजपूत्स | जे. ए. असोपा |
| द. हिस्ट्री आॅफ चाहमान्स | आर. बी. सिंह |
(अ) अ
(ब) ब
(स) उपरोक्त चारों सही नहीं है।
(द) उपरोक्त चारों सही हैं।
उत्तर: उपरोक्त चारों सही हैं।
व्याख्या: दिए गए सभी युग्म सही हैं। ‘हिस्ट्री आॅफ फेमीन्स इन राजस्थान’ के लेखक ओ. पी कच्ह्वाद्य, ‘द लास्ट महाराणा’ के लेखक क्रिवी क्वेटीन, ‘आॅरिजन आॅफ राजपूत्स’ के लेखक जे. ए. असोपा और ‘हिस्ट्री आॅफ चाहमान्स’ के लेखक आर. बी. सिंह हैं।
प्रश्न 148: राज प्रशस्ति की रचना किसने की –
Librarian Grade III 2018(अ) रणछोड़ भट्ट
(ब) मण्डन
(स) महाराणा कुम्भा
(द) कुमरिल भट्ट
उत्तर: रणछोड़ भट्ट
व्याख्या: ‘राज प्रशस्ति’ नामक प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना रणछोड़ भट्ट ने की थी। यह कृति मेवाड़ के शासकों के शासनकाल, उनकी उपलब्धियों और प्रशासनिक व्यवस्था का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है, जो मेवाड़ के इतिहास को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
प्रश्न 149: वह कौनसा प्रथम अंग्रजी इतिहासकार था जिसने राजस्थान की जागीरदारी(फ्यूडलिज्म) व्यवस्था पर लिखा –
(अ) सी. के. एफ. वाल्टेयर
(ब) मैक्स वेवर
(स) जाॅन मैल्कम
(द) कर्नल जेम्स टाॅड
उत्तर: कर्नल जेम्स टाॅड
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड वह प्रथम अंग्रेजी इतिहासकार थे जिन्होंने राजस्थान की जागीरदारी व्यवस्था पर विस्तृत रूप से लिखा। उनकी पुस्तक ‘एनल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान’ में राजपूताना की सामंती व्यवस्था, जागीरदारी प्रथा और सामाजिक-आर्थिक ढाँचे का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
प्रश्न 150: शिबि जनपद का उल्लेख का सर्वप्रथम स्त्रोत है –
Agriculture Officer – 2011(अ) सिक्के
(ब) शिलालेख
(स) संस्कृति साहित्य
(द) यूनानी साहित्य
उत्तर: सिक्के
व्याख्या: शिबि जनपद का सर्वप्रथम उल्लेख प्राचीन सिक्कों से प्राप्त होता है। ये सिक्के शिबि जनपद के अस्तित्व, उसकी आर्थिक स्थिति और राजनीतिक महत्व का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। सिक्कों पर उत्कीर्ण लेख और चिन्ह इस प्राचीन जनपद के इतिहास को समझने का प्राथमिक स्रोत हैं।
प्रश्न 151: मत्स्य का सर्व प्रथम उल्लेख आता है –
Agriculture Officer – 2011(अ) ऋगवेद
(ब) रामायण
(स) महाभारत
(द) शतपथ ब्राह्मण
उत्तर: महाभारत
व्याख्या: प्राचीन मत्स्य जनपद का नाम सबसे पहले महाभारत ग्रंथ में दर्ज मिलता है।
प्रश्न 152: निम्नलिखित लेखकों में से कौन ‘ए हिस्ट्री आॅफ राजस्थान’ के लेखक हैं –
(अ) रीमा हूजा
(ब) सतीश चन्द्रा
(स) सुमित सरकार
(द) आर. सी मजूमदार
उत्तर: रीमा हूजा
व्याख्या: प्रसिद्ध पुस्तक ‘ए हिस्ट्री ऑफ राजस्थान’ डॉ. रीमा हूजा द्वारा लिखी गई है।
प्रश्न 153: ‘कुमारपाल’ प्रबन्ध में उल्लेख है कि चित्तौड़ के किले का निर्माण एक मौर्य राजा ने करवाया था, उस राजा का नाम था –
(अ) चित्रांगद
(ब) चित्रांग
(स) चित्रगुप्त
(द) दशरथ
उत्तर: चित्रांगद
व्याख्या: ‘कुमारपाल प्रबन्ध’ नामक ग्रंथ के अनुसार चित्तौड़ के प्रसिद्ध दुर्ग का निर्माणकार्य मौर्य वंश के शासक चित्रांगद ने करवाया था।
प्रश्न 154: किस इतिहासकार को ‘कानून की माता’ व ‘कानूनी’ नाम से जाना जाता था –
(अ) हरविलास शारदा
(ब) पं. झाबरमल शर्मा
(स) मुंशी देवीप्रसाद
(द) पं. विश्वेश्वरनाथ रेड
उत्तर: मुंशी देवीप्रसाद
व्याख्या: मुंशी देवीप्रसाद, जिनका जन्म जयपुर में हुआ था, ने मारवाड़ राज्य के लिए विधि संहिता तैयार की और कानून से जुड़े तेरह ग्रंथों की रचना की, जिसके कारण उन्हें ‘कानून की माता’ जैसे सम्मानजनक नामों से पुकारा जाने लगा।
प्रश्न 155: बीकानेर के महाराता रतनसिंह द्वारा अपने सामंतों को कन्या कवध रोकने के लिए गया प्रतिज्ञा करवाने का वर्णन किस ख्यात में मिलता है –
(अ) मुण्डियार री ख्यात
(ब) दयालदास री ख्यात
(स) कवि राजा की ख्यात
(द) बांकीदास री ख्यात
उत्तर: दयालदास री ख्यात
व्याख्या: दयालदास सिढ़ायच, जो बीकानेर के महाराजा रतनसिंह के दरबार में थे, द्वारा रचित मारवाड़ी भाषा की एक विस्तृत ऐतिहासिक रचना में इस प्रतिज्ञा का उल्लेख मिलता है।
प्रश्न 156: मण्डौर अभिलेख किस राजा की प्रशस्ति है –
(अ) बाउक
(ब) अपराजित
(स) शीलादित्य
(द) आदित्यवर्द्धन
उत्तर: बाउक
व्याख्या: मंडोर से प्राप्त यह प्रशस्ति लेख गुर्जर-प्रतिहार शासक बाउक की उपलब्धियों का बखान करता है और इसमें उनके वंश, विष्णु एवं शिव उपासना का भी वर्णन है।
प्रश्न 157: ‘ब्रोचगुर्जर’ नामक एक ताम्रपत्र के आधार पर राजपूतों को यू-ची जाति का वंशज मानते हुए इनका संबंध कुषाण जाति से किसने जोड़ा है –
(अ) जार्ज थाॅमस
(ब) डा. भण्डाकर
(स) कनिंघम
(द) डा. कानूनगो
उत्तर: कनिंघम
व्याख्या: पुरातत्ववेत्ता कनिंघम ने ‘ब्रोचगुर्जर’ नामक ताम्रपत्र के साक्ष्य के आधार पर यह सिद्धांत दिया कि राजपूतों का मूल स्रोत यू-ची जाति है और उनका संबंध प्राचीन कुषाणों से जोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 158: ‘गाधिया’ सिक्के किस राज्य से संबंधित थे –
(अ) जोधपुर
(ब) उदयपुर
(स) जयपुर
(द) बीकानेर
उत्तर: उदयपुर
व्याख्या: गधिया नाम से प्रचलित चांदी और तांबे के ये सिक्के मूल रूप से हूणों द्वारा जारी किए गए थे और इनका संबंध उदयपुर क्षेत्र से रहा है।
प्रश्न 159: अभिलेखों के अध्ययन को कहा जाता है –
(अ) एपिलोजी
(ब) एपिग्राफी
(स) एनालोजी
(द) एपिकाॅपी
उत्तर: एपिग्राफी
व्याख्या: पुराने शिलालेखों, स्तंभ लेखों, गुहा लेखों, मूर्ति लेखों और ताम्रपत्रों आदि का विधिवत अध्ययन करने वाले विषय को ‘एपिग्राफी’ या अभिलेख विज्ञान कहते हैं।
प्रश्न 160: राजस्थान में अशोक का अभिलेख कहां प्राप्त हुआ था –
Lect. College Edu. EXAM 2014 (GK)(अ) बड़ली
(ब) बरनाला
(स) बैराठ
(द) बुचकला
उत्तर: बैराठ
व्याख्या: राजस्थान में मौर्य सम्राट अशोक के दो प्रमुख अभिलेख बैराठ स्थल से प्राप्त हुए हैं, जिन्हें भाब्रू शिला फलक और बैराठ अभिलेख के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 161: वह कौनसा शिलालेख है जिससे ज्ञात होता है कि विग्रहराज चतुर्थ ने दिल्ली को अपने अधीन किया था –
(अ) बडली शिलालेख
(ब) बिजौलिया शिलालेख
(स) नांद शिलालेख
(द) थानवला शिलालेख
उत्तर: बिजौलिया शिलालेख
व्याख्या: बिजौलिया शिलालेख में शाकम्भरी (सांभर) और अजमेर के चौहान शासकों के इतिहास का वर्णन है तथा इसमें यह भी उल्लेख मिलता है कि विग्रहराज चतुर्थ ने दिल्ली पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था।
प्रश्न 162: कौन पृथ्वीराज चौहान तृतीय का दरबारी विद्वान नहीं था –
(अ) विद्यापति गौड़
(ब) वागीश्वर जर्नादन
(स) विश्वरूप
(द) सारंगधर
उत्तर: सारंगधर
व्याख्या: सारंगधर पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबार से नहीं जुड़े थे। वह रणथंभौर के शासक हमीर के गुरु राघवदेव के पौत्र थे और अपने समय में संगीत के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध हस्ती थे।
प्रश्न 163: ‘जगतसिंह काव्य’ के रचयिता कौन थे –
(अ) रणछोड़ भट्ट
(ब) जगत सिंह
(स) पं. जीवाधर
(द) रघुनाथ
उत्तर: रघुनाथ
व्याख्या: ‘जगतसिंह काव्य’ नामक साहित्यिक रचना के रचनाकार रघुनाथ थे।
प्रश्न 164: कविराज श्यामलदास द्वारा प्रसिद्ध इतिहास ग्रंथ का क्या नाम है –
(अ) वंश भास्कर
(ब) वीर-विनोद
(स) मेवाड़ राज्य का इतिहास
(द) सूरज-प्रकाश
उत्तर: वीर-विनोद
व्याख्या: कविराज श्यामलदास की सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति ‘वीर-विनोद’ है, जो राजस्थान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत ग्रंथ माना जाता है।
प्रश्न 165: ‘मुण्डीयार री ख्यात’ किस राजवंश से सम्बन्धित है –
(अ) मेवाड़ के सिसोदिया
(ब) सिरोही के चौहान
(स) मारवाड़ के राठौड़
(द) बूंदी के हाड़ा
उत्तर: मारवाड़ के राठौड़
व्याख्या: ‘मुण्डीयार री ख्यात’ नामक ऐतिहासिक दस्तावेज में मारवाड़ के राठौड़ वंश के शासन और घटनाओं का विवरण संग्रहित है।
प्रश्न 166: घोसुण्डी अभिलेख किस लिपि में लिखा गया है –
(अ) खरोष्टी
(ब) ब्राह्मी
(स) प्राकृत
(द) संस्कृत
उत्तर: ब्राह्मी
व्याख्या: चित्तौड़ के निकट घोसुंडी गाँव से प्राप्त इस शिलालेख की भाषा संस्कृत है, लेकिन इसे लिखने के लिए प्राचीन ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 167: अकबर की चित्तौड़ विजय के उपरांत मेवाड़ में मुगल शासकों के द्वारा चलाए गए सिक्के कौन से थे –
(अ) रूपक
(ब) दीनार
(स) सिक्का एलची
(द) द्रम्म
उत्तर: सिक्का एलची
व्याख्या: चित्तौड़ पर विजय प्राप्त करने के बाद मुगल सम्राट अकबर ने मेवाड़ क्षेत्र में ‘सिक्का एलची’ नामक मुद्रा का प्रचलन शुरू करवाया था।
प्रश्न 168: झाड़शाही सिक्के राजस्थान की कौनसी रियासत में प्रचलित थे –
(अ) जयपुर
(ब) कोटा
(स) अजमेर
(द) जोधपुर
उत्तर: जयपुर
व्याख्या: झाड़शाही नाम से जाने जाने वाले सिक्के मुख्य रूप से जयपुर रियासत के अंतर्गत चलन में थे।
प्रश्न 169: पोथीखाना संग्रहालय स्थित है –
(अ) जयपुर
(ब) जोधपुर
(स) उदयपुर
(द) जैसलमेर
उत्तर: जयपुर
व्याख्या: पोथीखाना संग्रहालय, जो पांडुलिपियों और दुर्लभ पुस्तकों का एक महत्वपूर्ण संग्रह है, जयपुर शहर में स्थित है।
प्रश्न 170: चन्दरबरदाई द्वारा रचित ग्रन्थ का नाम है –
(अ) पृथ्वीराज रासो
(ब) कामयनी
(स) अल्हखण्ड
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: पृथ्वीराज रासो
व्याख्या: मध्यकालीन कवि चंदबरदाई द्वारा रचित प्रसिद्ध महाकाव्य ‘पृथ्वीराज रासो’ है।
प्रश्न 171: हेमचन्द्र द्वारा रचित ‘महावीरचरित’ में उल्लेखित कुमारपाल किस राजवंश से था –
(अ) परमार
(ब) चालुक्य
(स) चौहान
(द) गुर्जर प्रतिहार
उत्तर: चालुक्य
व्याख्या: जैन आचार्य हेमचंद्र कृत ‘महावीरचरित’ में वर्णित शासक कुमारपाल का संबंध चालुक्य वंश से था।
प्रश्न 172: ‘गाधिया’ सिक्के किस राज्य से संबंधित थे –
(अ) जोधपुर
(ब) जयपुर
(स) उदयपुर
(द) बीकानेर
उत्तर: उदयपुर
व्याख्या: गधिया मुद्रा नाम से प्रसिद्ध चांदी और तांबे के ये सिक्के, जो हूणों द्वारा प्रचलित किए गए, ऐतिहासिक रूप से उदयपुर राज्य क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
प्रश्न 173: अभिलेख, जो प्राचीन राजस्थान में भागवत सम्प्रदाय के प्रभाव की पुष्टि करता है –
(अ) घटियाला अभिलेख
(ब) हेलियोदोरस का बेसनगर अभिलेख
(स) बुचकला अभिलेख
(द) घोसुण्डी अभिलेख
उत्तर: घोसुण्डी अभिलेख
व्याख्या: घोसुंडी से प्राप्त शिलालेख में भागवत धर्म (वैष्णव सम्प्रदाय) के प्रसार के स्पष्ट संकेत मिलते हैं, जो उस काल में इसके प्रभाव को प्रमाणित करता है।
प्रश्न 174: निम्नलिखित लेखकों में से कौन ‘ए हिस्ट्री ऑफ राजस्थान’ के लेखक है –
(अ) रीमा हूजा
(ब) सतीश चन्द्रा
(स) सुमित सरकार
(द) आर. जी. मजूमदार
उत्तर: रीमा हूजा
व्याख्या: ‘ए हिस्ट्री ऑफ राजस्थान’ नामक प्रामाणिक ग्रंथ की लेखिका डॉ. रीमा हूजा हैं।
प्रश्न 175: राजपूताना की किस रियासत के सिक्कों पर एक ओर सम्राज्ञी विक्टोरिया का चेहरा और अंग्रेजी में ‘विक्टोरिया एम्प्रैस’ लिखा होता था और दूसरी ओर नागरी तथा उर्दू लिपि में महाराजा का नाम लिखा होता था –
(अ) जोधपुर
(ब) जयपुर
(स) बीकानेर
(द) उदयपुर
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: बीकानेर रियासत के सिक्कों के एक तरफ महारानी विक्टोरिया का चित्र और ‘विक्टोरिया एम्प्रैस’ अंकित होता था, जबकि दूसरी तरफ देवनागरी और उर्दू लिपि में तत्कालीन महाराजा का नाम उकेरा जाता था।
प्रश्न 176: किस लेख में बूंदी का नाम ‘वृन्दावती’ मिलता है –
(अ) रणकपुर
(ब) सारणेश्वर
(स) बिजौलिया
(द) घटियाला
उत्तर: रणकपुर
व्याख्या: रणकपुर से प्राप्त एक शिलालेख में बूंदी शहर को उसके प्राचीन नाम ‘वृन्दावती’ के रूप में संबोधित किया गया है।
प्रश्न 177: ‘शेखावाटी’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1803 ई. में किसने किया –
(अ) कर्नल गार्डन
(ब) कर्नल टाॅड
(स) स्टेनले रीड
(द) जाॅर्ज थाॅमस
उत्तर: कर्नल गार्डन
व्याख्या: सन् 1803 में कर्नल गार्डन ने ही सबसे पहले ‘शेखावाटी’ शब्द का इस्तेमाल किया था।
प्रश्न 178: श्यामलदास को ‘केसर-ए-हिन्द’ की उपाधि किसने प्रदान की थी –
(अ) कर्नल इम्पी
(ब) मेजर मैकेंजी
(स) जेम्स टाॅड
(द) एडवर्ड पंचम
उत्तर: कर्नल इम्पी
व्याख्या: कविराज श्यामलदास, जिन्होंने ‘वीर विनोद’ जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ की रचना की, को ब्रिटिश प्रशासन के कर्नल इम्पी द्वारा ‘केसर-ए-हिंद’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।
प्रश्न 179: मुहणोत नैणसी को ‘राजस्थान का अबुल फजल’ किसने कहा –
(अ) मुंशी देवीप्रसाद
(ब) दशरथ शर्मा
(स) गोपीनाथ शर्मा
(द) गौरीशंकर हीरानन्द ओझा
उत्तर: मुंशी देवीप्रसाद
व्याख्या: मुंशी देवीप्रसाद ने ही मुहणोत नैणसी की ऐतिहासिक रचनाओं के महत्व को देखते हुए उन्हें ‘राजपूताने का अबुल फजल’ कहकर सम्मानित किया था।
प्रश्न 180: किस शिलालेख में ‘विप्रः श्रीवस्तगोत्रेभूत्’ शब्द का उल्लेख हुआ है –
(अ) बिजौलिया शिलालेख
(ब) घोसुण्डी शिलालेख
(स) घटियाला शिलालेख
(द) मानमोरी शिलालेख
उत्तर: बिजौलिया शिलालेख
व्याख्या: बिजौलिया शिलालेख में ‘विप्रः श्रीवत्सगोत्रेभूत’ वाक्यांश मिलता है, जिसके आधार पर इतिहासकार डॉ. दशरथ शर्मा ने चौहानों का मूल ब्राह्मण वंश से होने का सिद्धांत प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 181: वंश-भास्कर का लेखन कार्य निम्नलिखित में से कहां के शासकों के आदेश पर किया गया –
JSA Physics-2019 (Rajasthan GK)(अ) कोटा
(ब) जयपुर
(स) बूंदी
(द) बीकानेर
उत्तर: बूंदी
व्याख्या: ‘वंश-भास्कर’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना का आदेश बूंदी के शासक वंश ने दिया था।
प्रश्न 182: निम्नलिखित में से कौनसा सोमेश्वर के इतिहास का स्रोत है –
JSA Serology-2019 (Rajasthan GK)(अ) नेणसी की ख्यात
(ब) गीत गोविन्द
(स) पृथ्वी राज विजय
(द) हम्मीर गाथा
उत्तर: पृथ्वी राज विजय
व्याख्या: ‘पृथ्वी राज विजय’ नामक ग्रंथ में चौहान शासक सोमेश्वर के शासनकाल की महत्वपूर्ण जानकारियाँ संकलित हैं।
प्रश्न 183: मध्यकाल के दौरान किन बहियों में सरकारी भवनों के निर्माण संबंधी जानकारी होती थी –
(अ) खरीता बही
(ब) कमठाना बही
(स) हकीकत बही
(द) हुकूमत बही
उत्तर: कमठाना बही
व्याख्या: मध्यकालीन प्रशासन में ‘कमठाना बही’ नामक लेखा रजिस्टर में राजकीय भवनों के निर्माण से जुड़े सभी विवरण दर्ज किए जाते थे।
प्रश्न 184: निम्नलिखित में से किस राजपूत राजवंश पर बिजोलिया अभिलेख प्रकाश डालता है –
Junior Instructor (Welder)(अ) चौहान
(ब) प्रतिहार
(स) राठोड़
(द) कछावा
उत्तर: चौहान
व्याख्या: बिजौलिया अभिलेख ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चाहमान/चौहान वंश के शासकों की वंशावली और उनके कार्यों पर प्रकाश डालता है।
प्रश्न 185: निम्नलिखित में से कौन-सा शिलालेख प्रतिहारों का इतिहास बताता है –
Junior Instructor (Fitter)(अ) मंड़ोर शिलालेख
(ब) नंदस्युपा स्तंभ शिलालेख
(स) घोसुंडी शिलालेख
(द) बिजोलिया शिलालेख
उत्तर: मंड़ोर शिलालेख
व्याख्या: मंडोर से मिला शिलालेख गुर्जर-प्रतिहार नरेश बाउक की उपलब्धियों का वर्णन करता है और इस वंश के इतिहास को जानने का एक प्रमुख स्रोत है।
प्रश्न 186: रणछोड़ भट्ट ने संस्कृत में किस महाकाव्य की रचना की –
Junior Instructor (COPA)(अ) रघुवंश तिलक
(ब) राज प्रशस्ति
(स) कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति
(द) बीकानेर प्रशस्ति
उत्तर: राज प्रशस्ति
व्याख्या: विद्वान रणछोड़ भट्ट ने संस्कृत भाषा में ‘राज प्रशस्ति’ नामक एक महाकाव्य लिखा था।
प्रश्न 187: किस अभिलेख में गुर्जर प्रतिहारों को लक्ष्मण के वंशज कहा गया है –
Junior Instructor (COPA)(अ) घटियाला अभिलेख
(ब) जोधपुर अभिलेख
(स) ग्वालियर अभिलेख
(द) दौलतपुर अभिलेख
उत्तर: ग्वालियर अभिलेख
व्याख्या: ग्वालियर अभिलेख में गुर्जर-प्रतिहार वंश की उत्पत्ति भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण से जोड़कर बताई गई है।
प्रश्न 188: निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रन्थ जालौर के शासकों की उपलब्धि के बारे में बताता है –
Junior Instructor (COPA)(अ) पृथ्वीराज विजय
(ब) हम्मीर महाकाव्य
(स) प्रबंधचिन्तामणि
(द) कान्हड़दे प्रबंध
उत्तर: कान्हड़दे प्रबंध
व्याख्या: ‘कान्हड़दे प्रबंध’ नामक ग्रंथ में जालौर के शासकों, विशेषकर कान्हड़दे के शौर्य और उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
प्रश्न 189: राजस्थान के कौन से ताम्रपत्र से रानी कर्मवती द्वारा जौहर के प्रमाण मिलते हैं –
Junior Instructor (Eco. Investigator)(अ) आहड ताम्रपत्र
(ब) खेरोदा ताम्रपत्र
(स) पुर ताम्रपत्र
(द) चीकली ताम्रपत्र
उत्तर: पुर ताम्रपत्र
व्याख्या: पुर नामक स्थान से प्राप्त ताम्रपत्र में रानी कर्मवती द्वारा किए गए जौहर का ऐतिहासिक उल्लेख मिलता है।
प्रश्न 190: निम्नलिखित में से कौन जयपुर एवं जोधपुर की स्थापना तिथि बताता है –
Junior Instructor (Electrician)(अ) दयालदास की ख्यात
(ब) बांकीदास की ख्यात
(स) नैणसी की ख्यात
(द) एकलिंग शिलालेख
उत्तर: बांकीदास की ख्यात
व्याख्या: बांकीदास द्वारा लिखित ख्यात में जयपुर और जोधपुर जैसे महत्वपूर्ण शहरों की स्थापना की तिथियों का विवरण संरक्षित है।
प्रश्न 191: निम्नलिखित में से एकलिंग शिलालेख (1460 ई.) का लेखक है?
Junior Instructor (electrician)अ) महेश्वर
ब) जगन्नाथ राय
स) राणा कुंभा
द) जगत सिंह
उत्तर: महेश्वर
व्याख्या: 1460 ई. के एकलिंग शिलालेख के रचयिता महेश्वर थे।
प्रश्न 192: अकबर की चित्तौड़ विजय के उपरान्त मेवाड़ में मुगल शासकों के सिक्के जारी हुए, जिन्हें ….. कहा जाता था?
Junior Instructor (electrician)अ) द्रम्म
ब) सिक्का एलची
स) चित्तौड़ी
द) दीनार
उत्तर: सिक्का एलची
व्याख्या: चित्तौड़ पर अधिकार के बाद मुगलों ने मेवाड़ में जो नई मुद्रा चलाई, उसे ‘सिक्का एलची’ के नाम से जाना गया।
प्रश्न 193: कच्छवाहा शासकों की किस राजधानी का वर्णन आमेर शिलालेख में है?
अ) दौसा
ब) जमवारामगढ़
स) आमेर
द) जयपुर
उत्तर: जमवारामगढ़
व्याख्या: आमेर के शिलालेख में कच्छवाहा वंश की दूसरी राजधानी जमवारामगढ़ का उल्लेख मिलता है।
प्रश्न 194: अजमेर से प्राप्त बड़ली के शिलालेख में किस धर्म की जानकारी मिलती है?
अ) वैष्णव धर्म
ब) शैव धर्म
स) जैन धर्म
द) बौद्ध धर्म
उत्तर: जैन धर्म
व्याख्या: अजमेर क्षेत्र से प्राप्त बड़ली शिलालेख से यह पता चलता है कि अजमेर और मध्यमिका में जैन धर्म का significant प्रसार हुआ था।
प्रश्न 195: किस शिलालेख को कर्नल जेम्स टॉड ने इंग्लैण्ड ले जाते समय समुद्र में फेंक दिया था?
अ) चित्तौड़
ब) रणकपुर
स) बिजौलिया
द) मानगोरी
उत्तर: मानगोरी
व्याख्या: चित्तौड़गढ़ के पास मानसरोवर झील से प्राप्त मानमोरी (शंकरघट्टा) शिलालेख को कर्नल जेम्स टॉड ने इंग्लैंड ले जाने के दौरान समुद्र में फेंक दिया था।
प्रश्न 196: जाबर शिलालेख में किसकी पुत्री रमाबाई को वागीश्वरी कहा गया है?
अ) राणा लाखा
ब) राणा सांगा
स) राणा कुम्भा
द) राणा प्रताप
उत्तर: राणा कुम्भा
व्याख्या: उदयपुर के निकट जाबर से मिले शिलालेख में महाराणा कुम्भा की पुत्री रमाबाई को उनकी विद्वता के कारण ‘वागीश्वरी’ की उपाधि दी गई है।
प्रश्न 197: रघुवंश तिलक किन शासकों को कहा जाता है?
अ) परमार शासक
ब) चौहान शासक
स) गुर्जर प्रतिहार शासक
द) कच्छवाहा शासक
उत्तर: कच्छवाहा शासक
व्याख्या: आमेर के एक शिलालेख (1612 ई.) में कच्छवाहा शासकों को ‘रघुवंश तिलक’ कहा गया है, जिससे पता चलता है कि वे स्वयं को भगवान राम के पुत्र कुश का वंशज मानते थे।
प्रश्न 198: कवि महेश, अत्रि व कान्हा व्यास ने किस एक शिलालेख के लेखन में अपना योगदान दिया?
अ) कुभलगढ़
ब) कीर्तिस्तम्भ
स) घोसुण्डी
द) रणकपुर
उत्तर: कुभलगढ़
व्याख्या: कुम्भलगढ़ शिलालेख के निर्माण में कवि महेश, अत्रि और कान्हा व्यास तीनों ने अपना सहयोग दिया था, हालाँकि इसे पूरा करने का मुख्य श्रेय कान्हा व्यास को जाता है।
प्रश्न 199: रणकपुर का अभिलेख किस मन्दिर के स्तम्भ पर खुदवाया गया?
अ) चौमुखा मंदिर
ब) शिव मंदिर
स) लक्ष्मीनागरायण मंदिर
द) गणेश मंदिर
उत्तर: चौमुखा मंदिर
व्याख्या: 1439 ई. का रणकपुर अभिलेख वहाँ स्थित चौमुखा जैन मंदिर के एक स्तंभ पर उत्कीर्ण किया गया है।
प्रश्न 200: सूर्यमल मीसण द्वारा लिखित वंश भास्कर को किसने पूर्ण किया?
College Lecturer (Sarangi Instrument) Exam 2018 (G.K.)अ) करणीदान
ब) मुरारीदान
स) वीरभान
द) शिवदान
उत्तर: मुरारीदान
व्याख्या: सूर्यमल मीसण द्वारा लिखे जा रहे ग्रंथ ‘वंश भास्कर’ को उनके पुत्र मुरारीदान ने पूरा किया।
प्रश्न 201: सूर्यमल मिश्रण कहाँ के दरबारी कवि थे?
अ) जोधपुर
ब) बूंदी
स) बीकानेर
द) जयपुर
उत्तर: बूंदी
प्रश्न 202: घोसुण्डी अभिलेख ………. भाषा में लिखे गये थे?
JSA Biology-2019 (Rajasthan Gk)अ) राजस्थानी
ब) संस्कृत
स) पाली
द) प्राकृत
उत्तर: संस्कृत
व्याख्या: घोसुंडी का प्राचीन शिलालेख संस्कृत भाषा में ही उत्कीर्ण है। यह ऐतिहासिक अभिलेख चित्तौड़ के समीप स्थित घोसुंडी गाँव से प्राप्त हुआ था। इस लेख में संस्कृत भाषा और ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 203: महाराणा कुम्भा के समय का प्राचीनतम ज्ञात अभिलेख (विक्रमी संवत् 1490) प्राप्त होता है, ग्राम?
Asst. Agriculture Officer – 2018 (Paper-1)अ) माछा से
ब) धुलेव से
स) सिंघोली से
द) पदराड़ा से
उत्तर: पदराड़ा से
प्रश्न 204: ‘मुण्डीयार री ख्यात’ का विषय है?
अ) सिरोही के चौहान
ब) बूंदी के हाड़ा
स) मेवाड़ के सिसोदिया
द) मारवाड़ के राठौड़
उत्तर: मारवाड़ के राठौड़
व्याख्या: इस ऐतिहासिक ख्यात में राव सीहा द्वारा मारवाड़ में राठौड़ वंश की स्थापना से लेकर महाराजा जसवंत सिंह प्रथम के शासनकाल तक का विस्तृत वर्णन मिलता है। इसी कारण इस ग्रंथ को ‘राठौड़ों री ख्यात’ के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 205: सोमदेव किसके दरबार में थे, जिन्होंने ललित विग्रहराज नामक ग्रन्थ की रचना की?
अ) अजयराज
ब) अर्णोराज
स) विग्रहराज
द) पृथ्वीराज चौहान
उत्तर: विग्रहराज
व्याख्या: विद्वान कवि सोमदेव, चौहान शासक विग्रहराज चतुर्थ (जिन्हें बीसलदेव भी कहा जाता है) के दरबार में रहते थे और उन्होंने ही ‘ललित विग्रहराज’ नामक नाटक की रचना की। विग्रहराज ने अजमेर में एक संस्कृत पाठशाला की स्थापना भी करवाई थी, जिस स्थान पर बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने ‘ढाई दिन का झोंपड़ा’ बनवाया।
प्रश्न 206: विजयसिंह ने विजयशाही सिक्कों का प्रचलन किया?
अ) जोधपुर
ब) नागौर
स) बीकानेर
द) पाली
उत्तर: जोधपुर
प्रश्न 207: कुम्भलगढ़ शिलालेख को कितनी शिलाओं पर खुदवाया गया?
उत्तर: 5
व्याख्या: कुम्भलगढ़ का प्रसिद्ध शिलालेख कुल पाँच विशाल शिलाओं पर उत्कीर्ण करवाया गया था। इस अभिलेख में संस्कृत भाषा और नागरी लिपि का प्रयोग देखने को मिलता है।
प्रश्न 208: अभिलेख जो प्राचीन भारत में भागवत सम्प्रदाय के प्रभाव की पुष्टि करता है?
अ) घटियाला अभिलेख
ब) हेलियोदोरस का बेसनगर अभिलेख
स) बुचकला अभिलेख
द) घोसुण्डी अभिलेख
उत्तर: घोसुण्डी अभिलेख
व्याख्या: चित्तौड़गढ़ जिले से प्राप्त घोसुण्डी का अभिलेख राजस्थान में वैष्णव (भागवत) संप्रदाय से जुड़ा सबसे प्राचीनतम लेख है, जिसका समय दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व माना जाता है। इस अभिलेख की भाषा संस्कृत और लिपि ब्राह्मी है।
प्रश्न 209: निम्न में से कविराज श्यामलदास द्वारा रचित महत्वपूर्ण कृति कौनसी है?
अ) वीर विनोद
ब) वंश-भास्कर
स) पृथ्वीराज रासो
द) अल्हाखंड
उत्तर: वीर विनोद
व्याख्या: ‘वीर विनोद’ राजस्थान के इतिहास पर आधारित एक प्रमुख ऐतिहासिक ग्रंथ है, जिसकी रचना विद्वान कविराज श्यामलदास ने की थी।
प्रश्न 210: ‘एकलिंगमहात्म्य’ किस भाषा में लिखा गया है?
अ) ब्रज
ब) संस्कृत
स) राजस्थानी
द) मेवाड़ी
उत्तर: संस्कृत
व्याख्या: मेवाड़ के सिसोदिया वंश की वंशावली प्रस्तुत करने वाले इस महत्वपूर्ण ग्रंथ के रचयिता ‘कान्हा व्यास’ महाराणा कुम्भा के दरबारी कवि थे। कुछ इतिहासकारों का यह भी मत है कि ‘एकलिंग महात्म्य’ ग्रंथ का लेखन कार्य महाराणा कुम्भा के निर्देशन में ही पूरा किया गया था।
प्रश्न 211: रावशाही सिक्कों का संबंध किस राज्य से है –
Raj Jail Warder (28-10-18) Shift 3अ) करौली
ब) भरतपुर
स) अलवर
द) धौलपुर
उत्तर: अलवर
व्याख्या: अलवर रियासत में प्रचलित मुख्य सिक्कों में अखैशाही, रावशाही, ताँबे के रावशाही टक्का और अंग्रेजी पाव आना सिक्के शामिल थे।
प्रश्न 212: सती रासो ग्रन्थ के लेखक कौन थे –
अ) सूर्यमल्ल मिश्रण
ब) शारंगधर
स) दलपत विजय
द) जाल्ह
उत्तर: सूर्यमल्ल मिश्रण
प्रश्न 213: निम्न में से कौन केसर-ए-हिन्द की उपाधि से सम्मानित है –
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 2अ) श्यामलदास
ब) सूर्यमल्ल मिश्रण
स) हीरानन्द ओझा
द) कर्नल जेम्स टाॅड
उत्तर: श्यामलदास
प्रश्न 214: लिल्लूलिया एवं लल्लूशाही सिक्कों का निर्माण कहां होता था –
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 2अ) नागौर
ब) कुचामन
स) सोजत
द) जोधपुर
उत्तर: सोजत
व्याख्या: नाजिर हरकराम की देखरेख में सोजत की टकसाल में ढाले गए सिक्कों को ‘लिल्लूलिया’ या ‘लल्लूशाही’ सिक्का कहा जाता था। इन सिक्कों में धातु की मिलावट के कारण इनका मूल्य कम होता था। इन सिक्कों का प्रचलन 1859 में शुरू हुआ था। बाद में 1866 ई. में अनारसिंह की देखरेख में बनने वाले सिक्के ‘रुरूरिया रुपया’ के नाम से जाने गए।
प्रश्न 215: मारवाड़ की ख्यातों के अनुसार किस शासक ने 52 युद्धों में सफलता प्राप्त की थी –
अ) राव मालदेव
ब) राव गंगा
स) राव चूडा
द) राव जोधा
उत्तर: राव मालदेव
व्याख्या: जेल वार्डर परीक्षा 27 अक्टूबर 2018 की पहली शिफ्ट में इस प्रश्न का सही उत्तर राव जोधा को माना गया था।
प्रश्न 216: निम्नलिखित जोडो में से कौनसा सुमेलित नहीं है –
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 1अ) रायसिंह की बीकानेर प्रशस्ति-1594 ई.
ब) कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति-1660 ई.
स) कुम्भलगढ़ प्रशस्ति-1460 ई.
द) रणकपुर प्रशस्ति-1439 ई.
उत्तर: कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति-1660 ई.
प्रश्न 217: किस शिलालेख में चौहानों को वत्सगोत्र के ब्राह्मण कहा गया है –
Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 1अ) बिजौलिया का शिलालेख
ब) रणकपुर प्रशस्ति में
स) चीरवे का शिलालेख
द) भृंगी ऋषि का शिलालेख
उत्तर: बिजौलिया का शिलालेख
व्याख्या: बिजोलिया शिलालेख में चौहान शासकों का उल्लेख वत्सगोत्रीय ब्राह्मण के रूप में किया गया है। यह अभिलेख विंध्यवल्ली क्षेत्र में स्थित है। बिजोलिया अभिलेख को चौहान शिलालेख के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 218: हम्मीर हठ ग्रन्थ किसके द्वारा रचित है –
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 3अ) बीठू सूजा
ब) करणीदान
स) चन्द्रशेखर
द) केशवदास
उत्तर: चन्द्रशेखर
प्रश्न 219: निम्न में कौनसा मेवाड़ राज्य का सिक्का नहीं है –
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 3अ) रामशाही
ब) रावशाही
स) डोडिया
द) ये सभी
उत्तर: ये सभी
प्रश्न 220: मेवाड में गुहीलवंशीय राणाओं की वंशावली किस रचना में मिलती है –
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 2अ) जसवंत रासो
ब) हम्मीर रासो
स) विजयपाल रासों
द) खुमान रासो
उत्तर: खुमान रासो
प्रश्न 221: मलिक मुहमद जायसी ने पद्मावत नामक महाकाव्य की रचना कब की –
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 2अ) 1436 ई. के आसपास
ब) 1330 ई. के आसपास
स) 1540 ई. के आसपास
द) 1310 ई. के आसपास
उत्तर: 1540 ई. के आसपास
प्रश्न 222: राव रतन री वेली में किस रियासत/राज्य का वर्णन है –
Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 1अ) बूंदी
ब) अलवर
स) भरतपुर
द) करौली
उत्तर: बूंदी
प्रश्न 223: वीर विनोद मुख्यतः किस राज्य का इतिहास है –
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 3अ) उदयपुर
ब) जयपुर
स) कोटा
द) जोधपुर
उत्तर: उदयपुर
प्रश्न 224: किस शिलालेख या प्रशस्ति में मुगल-मेवाड़ संधि का वर्णन है –
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 3अ) कुम्भलगढ़ शिलालेख
ब) राज सिंह प्रशस्ति
स) कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति
द) जगन्नाथ प्रशस्ति
उत्तर: राज सिंह प्रशस्ति
प्रश्न 225: ‘द रिर्सचर’ का प्रकाशन किसके द्वारा किया जाता है –
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 3अ) राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जयपुर
ब) राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर
स) प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान जोधपुर
द) अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक
उत्तर: राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जयपुर
प्रश्न 226: निम्नलिखित में से कौन-सा मण्डोर के प्रतिहारों के इतिहास की जानकारी देता है –
Lab Assistant Exam 2018अ) सम्भोली अभिलेख
ब) घटियाला अभिलेख
स) बीजापुर अभिलेख
द) अरभुना अभिलेख
उत्तर: घटियाला अभिलेख
व्याख्या: जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार, ब्राह्मण हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं – एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों – भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने मिलकर मण्डौर पर विजय प्राप्त कर गुर्जर प्रतिहार वंश की नींव रखी।
प्रश्न 227: सुमेलित करो –
| सूची-I | सूची-II |
|---|
| 1. बिजौलिया का शिलालेख | अ. वि.स. 1226 |
| 2. चिरवे का शिलालेख | ब. वि.स. 1330 |
| 3. भृंगी ऋषि का शिलालेख | स. वि.स. 1485 |
| 4. रणकपुर प्रशस्ति | द. वि.स. 1496 |
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 2अ) ब, अ, स, द
ब) अ, ब, स, द
स) स, अ, ब, द
द) ब, स, अ, द
उत्तर: अ, ब, स, द
प्रश्न 228: सूरज प्रकाश ग्रंथ में किस राज्य के शासकों की जानकारी मिलती है –
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 1अ) जैसलमेर
ब) जोधपुर
स) चित्तौड़गढ़
द) बीकानेर
उत्तर: जोधपुर
प्रश्न 229: हल्दीघाटी के युद्ध की विस्तृत जानकारी अब्दुल कादिर बदायूंनी के किस ग्रन्थ से होती है –
Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 1अ) तजीकराज उल वाकियाल
ब) तबकात-ए-अकबरी
स) मुन्तखाब-उत-तवारीख
द) अकबरलामा व आईने-ए-अकबरी
उत्तर: मुन्तखाब-उत-तवारीख
प्रश्न 230: निम्न लिखित युग्मों में से कौन सा युग्म सही नहीं है –
अ) हिस्ट्री आॅफ फमीन्स इन राजस्थान: ओ. पी. कच्छवाह
ब) द लास्ट महाराणा ए बयोग्रफी आफ सवाई मानसिंह सेकण्ड आॅफ जयपुर: क्रिवी क्वेटीन
स) आॅरिजन आॅफ राजपूत्स: जे. ए. असोपा
द) हिस्ट्र आॅफ चाहमान्स: आर. बी. सिंह
उत्तर: उपरोक्त चारों सही हैं।
प्रश्न 231: ललित विग्रहराज का लेखक कौन था –
COMPILER Exam 2016अ) विग्रहराज चतुर्थ
ब) सोमदेव
स) हरिराज
द) पृथ्वीराज तृतीय
उत्तर: सोमदेव
प्रश्न 232: ‘पृथ्वीराज विजय’ के लेखक थे –
अ) जयानक
ब) मुहणोत नैणसी
स) सूर्यमल्ल मिश्रण
द) चन्दरबरदाई
उत्तर: जयानक
प्रश्न 233: बिजौलिया शिलालेख किस चौहान नरेश के काल का है –
अ) सोमेश्वर
ब) पृथ्वीराज
स) अजयराज
द) हरिराज
उत्तर: सोमेश्वर
प्रश्न 234: किस शिलालेख में कच्छवाहा शासकों के लिए रघुवंश शब्द का प्रयोग हुआ है –
अ) रणकपुर
ब) आमेर
स) घटियाला
द) बड़ली
उत्तर: आमेर
व्याख्या: सन् 1612 ई. के आमेर शिलालेख में आमेर के कच्छवाहा शासकों को ‘रघुवंश तिलक’ की उपाधि से विभूषित किया गया है। इससे यह ज्ञात होता है कि कच्छवाहा शासकों की उत्पत्ति भगवान श्रीराम के पुत्र कुश के वंश से मानी जाती थी। लेखक राजशेखकर ने सबसे पहले ‘रघुवंश तिलक’ शब्द का प्रयोग किया था।
प्रश्न 235: निम्न में से वह शिलालेख जिसमें बप्पा रावल को विप्र वंशीय बताया गया है –
अ) कुम्भलगढ़
ब) कीर्तिस्तम्भ
स) घोसुण्डी
द) रणकपुर
उत्तर: कुम्भलगढ़
प्रश्न 236: राज्य के किस स्थान से बड़ली का शिलालेख प्राप्त हुआ –
अ) अजमेर
ब) जयपुर
स) जोधपुर
द) झालावाड़
उत्तर: अजमेर
प्रश्न 237: राजस्थान का सबसे प्राचीन शिलालेख कौनसा है –
अ) चीरवा का शिलालेख
ब) बरनाला का शिलालेख
स) गंगधार शिलालेख
द) बड़ली शिलालेख
उत्तर: बड़ली शिलालेख
प्रश्न 238: वीर भान द्वारा रचित किस ग्रंथ में मुगल सेना के विरुद्ध राठौड़ों द्वारा लड़े गए युद्ध का वर्णन है –
अ) राजरूपक में
ब) भारतेश्वर बाहुबली घोर
स) मारवाड रा परगना री विगत
द) चेतावनी री चुंगटिया
उत्तर: राजरूपक में
व्याख्या: ‘राजरूपक’ नामक ग्रंथ की रचना वीरभान ने की थी। यह रचना डिंगल भाषा में लिखी गई है।
प्रश्न 239: ‘राजस्थान का गजेटियर’ कहा किसे कहा जाता है –
अ) चेतावनी री चुंगटिया
ब) वेलिक्रसन रूक्मणी री
स) मारवाड रा परगना री विगत
द) राजरूपक
उत्तर: मारवाड रा परगना री विगत
प्रश्न 240: मुहणोत नैणसी का प्रसिद्ध ग्रन्थ है –
अ) मुहणोत नैणसी री ख्यात
ब) चेतावनी री चुंगटिया
स) राजरूपक
द) हम्मीर रासो
उत्तर: मुहणोत नैणसी री ख्यात
प्रश्न 241: बिजौलिया अभिलेख किस वंश के इतिहास की जानकारी का महत्वपूर्ण है –
अ) राठौड़
ब) सिसोदिया
स) चौहान
द) प्रतिहार
उत्तर: चौहान
प्रश्न 242: निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए –
| पुस्तक | लेखक |
|---|
| अ. हम्मीर हठ | 1. चन्द्रशेखर |
| ब. हम्मीर महाकाव्य | 2. नयन चन्द्र सूरी |
| स. कान्हड़ दे-प्रबन्ध | 3. पद्मनाभ |
| द. पृथ्वीराज विजय | 4. जयानक |
अ) 1, 2, 3, 4
ब) 2, 1, 3, 4
स) 2, 1, 4, 3
द) 1, 2, 4, 3
उत्तर: 1, 2, 3, 4
प्रश्न 243: राजस्थान के पूर्व मध्यकालीन राज्यों में ‘नैमित्तिक’ पदनाम का प्रयोग किया जाता था –
RAS/RTS Comb. Comp. (Pre) Exam 2018अ) राजकीय कवि के लिए।
ब) लोक स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख के लिए।
स) राजकीय ज्योतिष के लिए।
द) मुख्य न्यायिक अधिकारी के लिए।
उत्तर: राजकीय ज्योतिष के लिए।
प्रश्न 244: निम्न किस ग्रन्थ में अलाउद्दीन खलजी की जालौर विजय का विवरण मिलता है –
Sr Teacher Gr II Special Edu. Comp. Exam 2015 (G.K.)अ) कुवलयमाला
ब) नागदमण
स) कान्हड़देव प्रबन्ध
द) हाला झाला री कुण्डलियां
उत्तर: कान्हड़देव प्रबन्ध
व्याख्या: ‘कान्हड़देव प्रबन्ध’ नामक ग्रंथ में जालौर के शासक और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए संघर्ष का विस्तृत वर्णन मिलता है। इस ग्रंथ की रचना भारतीय कवि पद्मनाभ ने की थी।
प्रश्न 245: प्रतिहार शिलालेखों में पदाधिकारियों का उल्लेख, यह आता है –
अ) राजपुरूष
ब) युवराज
स) मंत्री
द) रतनि
उत्तर: राजपुरूष
प्रश्न 246: ऐतिहासिक प्रमाणों, दस्तावेजों, पत्रों, मुगल फरमानों एवं हस्त चित्रित तस्वीरों के एलबम के अध्ययन हेतु संग्रहण स्थित है –
अ) बीकानेर संग्रहालय बीकानेर
ब) राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर
स) खेतडी महल झुंझुनूं
द) चन्दन महल जोधपुर
उत्तर: राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर
व्याख्या: राजस्थान राज्य अभिलेखागार, बीकानेर शहर में स्थित एक महत्वपूर्ण संस्थान है। यहाँ मुगलकालीन फारसी भाषा के फरमान, निशान और अन्य प्रशासनिक दस्तावेजों का एक विशाल और समृद्ध संग्रह सुरक्षित है।
प्रश्न 247: पुस्तक ‘वीर विनोद’ किसके द्वारा लिखी गई थी –
RSMSSB Lab Assistant Exam 2016अ) सूर्यमल्ल मिश्रण
ब) केशरी सिंह बारहठ
स) श्यामल दास
द) गौरी शंकर ओझा
उत्तर: श्यामल दास
प्रश्न 248: निम्न में से किस रचना में अमीर खुसरो ने चित्तौड़ पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण का वर्णन किया है –
Sr. Teacher GrII Comp. Exam 2016 Gk (G-B)अ) खाजाइन-उल-फुतूह
ब) नूह-ए-सिपेहर
स) तुगलकनामा
द) मिफ्ता-उल-फुतूह
उत्तर: खाजाइन-उल-फुतूह
प्रश्न 249: ‘म्यूटिनीज इन राजपूताना’ के लेखक हैं –
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1अ) आई टी प्रिचर्ड
ब) जी. एस. ट्रेवर
स) सी.एल. सोबर्स
द) खडगावत
उत्तर: आई टी प्रिचर्ड
प्रश्न 250: “इकतीसंदा” रूपया राजस्थान की कौनसी टकसाल में बनता था –
Patwar Main Exam 2015अ) जोधपुर
ब) सोजत
स) कुचामन
द) मेड़ता
उत्तर: कुचामन
व्याख्या: सन् 1893 ई. में नागौर की टकसाल को विजेशाही रुपये और कुचामन ठिकाने को ‘इकतीसंदा’ रुपये ढालने की अनुमति प्रदान की गई। कुचामन ठिकाने की टकसाल में निर्मित रुपये, अठन्नी और चवन्नी का वास्तविक मूल्य कम होता था, और इनका उपयोग मुख्यतः औपचारिक लेन-देन में किया जाता था।