राजस्थान का राठौड़ वंश MCQ

By: LM GYAN

On: 29 October 2025

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भारत सामान्य ज्ञान प्रश्न

राजस्थान का राठौड़ वंश MCQ

प्रश्न 1: डूंगर सिंह के बाद बीकानेर का 21 वां शासक कौन बना –

Raj Police Constable (Telecommunication) Exam 2025
A) राय सिंह
B) गंगा सिंह
C) राव बीका
D) कर्ण सिंह
उत्तर: गंगा सिंह
व्याख्या: महाराजा डूंगर सिंह (1872-1887 ई.) के उपरांत बीकानेर रियासत के 21वें शासक महाराजा गंगा सिंह (1887-1943 ई.) बने। ये डूंगर सिंह के भाई लाल सिंह के पुत्र थे। मात्र 13 वर्ष की आयु में इन्हें बीकानेर का शासक बनाया गया। गंगा सिंह के नाबालिग होने के कारण ब्रिटिश सरकार ने एक रीजेंसी काउंसिल का गठन किया था।

प्रश्न 2: निम्न में से किस राज्य के शासक ने 1837 में अपनी गया तीर्थयात्रा में अपने सामंतों को कन्यावध न करने के लिए शपथ दिलाई थी –

Deputy Jailor (Jail Deptt.) Comp. Exam-2024
A) जोधपुर
B) झालावाड़
C) बीकानेर
D) बूँदी
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: विक्रम संवत 1892 की फाल्गुन शुक्ल नवमी (26 फरवरी 1836 ई.) को अपने पिता की स्मृति में पूर्वजों की यादगार छतरियों के जीर्णोद्धार के बाद, महाराजा रतन सिंह ने विक्रम संवत 1893 की कार्तिक शुक्ल दशमी (18 नवंबर 1836 ई.) को छह हजार अनुयायियों और महिला परिवार के साथ गया यात्रा प्रारंभ की। इस अवसर पर एक ब्रिटिश अधिकारी भी उनके साथ था। मथुरा, वृंदावन, प्रयाग और काशी की यात्रा करते हुए महाराजा रतन सिंह पौष शुक्ल चतुर्दशी (20 जनवरी 1837 ई.) को गया पहुंचे। वहां रहकर महाराजा ने न केवल स्वयं कन्या हत्या न करने की प्रतिज्ञा ली, बल्कि अपने साथ उपस्थित सभी सरदारों से भी यह शपथ दिलाई कि भविष्य में उनके घर में कन्या जन्म लेने पर वे उसकी हत्या नहीं करेंगे।

प्रश्न 3: जोगीतीर्थ वार्ता के दौरान मालदेव हुमायूँ की सहायतार्थ कौन सा क्षेत्र देने को तैयार था –

Deputy Jailor (Jail Deptt.) Comp. Exam-2024
A) बीकानेर
B) जैसलमेर
C) जोगीतीर्थ
D) फलौदी
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: जोगीतीर्थ पहुंचने पर मालदेव द्वारा भेजी गई स्वर्ण मुद्राओं और रसद सामग्री से हुमायूँ का स्वागत किया गया। इस अवसर पर यह संदेश भी प्रेषित किया गया कि मालदेव हर प्रकार से हुमायूँ की सहायता के लिए तत्पर हैं और बादशाह को बीकानेर का परगना सौंपने को भी तैयार हैं।

प्रश्न 4: जोधपुर शहर की स्थापना किसने की –

Prahari 2024 Shift 1
A) राव मालदेव
B) राव चूंडा
C) राव रावल
D) राव जोधा
उत्तर: राव जोधा
व्याख्या: राव जोधा ने अपने राज्य का विस्तार कर अपने संबंधियों को वहां सामंत नियुक्त किया। इसीलिए उन्हें मारवाड़ में सामंती प्रथा का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। नैणसी, बांकीदास और दयालदास के अनुसार, अपने विस्तृत राज्य की नई राजधानी के रूप में राव जोधा ने 1459 ई. में जोधपुर (सूर्यनगरी और नीली नगरी) की स्थापना की। राजधानी की सुरक्षा के लिए चिड़िया टूक पहाड़ी पर एक नए किले का निर्माण करवाया गया, जिसे मेहरानगढ़ नाम दिया गया। लगभग 50 वर्षों के दीर्घ शासन के बाद 1489 ई. में जोधा का निधन हुआ। डॉ. ओझा के अनुसार राव जोधा ही जोधपुर के पहले प्रतापी शासक थे।

प्रश्न 5: निम्न में से कौन सिवाना में राव चंद्रसेन के विरुद्ध मुगल अभियान में सम्मिलित नहीं था –

SCHOOL LECTURER (SCHOOL EDU.) 2024 GA and GS (G-C)
A) केशोदास
B) जगतराम
C) रायसिंह
D) कल्ला
उत्तर: कल्ला
व्याख्या: 1573 ई. में अकबर ने चंद्रसेन को अपने अधीन लाने के लिए शाहकुली खाँ के नेतृत्व में जगतसिंह, केशवदास मेड़तिया और बीकानेर के रायसिंह आदि को भेजा। यह सेना सोजत में चंद्रसेन के भतीजे कल्ला को पराजित करते हुए सिवाना पहुंची। चंद्रसेन ने किले की रक्षा का दायित्व पत्ता राठौड़ को सौंपकर स्वयं पहाड़ों में चले गए और वहां से छापामार युद्ध पद्धति से मुगल सेना को क्षति पहुंचाने लगे। 1575 ई. तक सिवाना दुर्ग पर अकबर का अधिकार स्थापित हो गया।

प्रश्न 6: 1593 में बीकानेर के रायसिंह की सेवाओं से प्रसन्न होकर अकबर ने उन्हें वर्तमान गुजरात में किस स्थान की जागीर प्रदान की –

SCHOOL LECTURER (SCHOOL EDU.) 2024 GA and GS (G-B)
A) सूरत
B) अहमदाबाद
C) भड़ौच
D) जूनागढ़
उत्तर: जूनागढ़
व्याख्या: अकबर ने रायसिंह को जूनागढ़ (काठियावाड़, गुजरात) का क्षेत्र प्रदान किया था। 1600 ई. में भगवंतदास के पुत्र माधोसिंह को हटाकर नागौर का परगना भी रायसिंह को सौंप दिया गया।

प्रश्न 7: 1572 ई. में अकबर ने किसे जोधपुर का प्रशासक नियुक्त किया –

Junior Instructor (SWT) Exam 2024
A) राव करणसिंह
B) राव लूणकरण
C) राव रायसिंह
D) राव चन्द्रसेन
उत्तर: राव रायसिंह
व्याख्या: जोधपुर के शासक मालदेव ने अपने ज्येष्ठ पुत्र राम के स्थान पर झाली रानी स्वरूपदे के प्रति विशेष स्नेह के कारण तीसरे पुत्र चंद्रसेन को उत्तराधिकारी बनाया था। 1570 ई. में जब बादशाह अकबर नागौर आया, तब जोधपुर की गद्दी के दावेदार राम और उदयसिंह बादशाह के पास पहुंचे। चंद्रसेन भी अपने पुत्र रायसिंह के साथ नागौर दरबार में उपस्थित हुआ, लेकिन अकबर के पक्षपातपूर्ण रवैये को देखकर वह वापस भद्राजुन चला गया। इसी समय अकबर ने रायसिंह को जोधपुर का प्रशासन सौंपा। जोधपुर राज्य की ख्यात के अनुसार अकबर द्वारा रायसिंह को 1572 ई. में जोधपुर प्रदान किया गया।

प्रश्न 8: औरंगजेब के बागी पुत्र अकबर को दुर्गादास राठौड़ किस मराठा सरदार के दरबार में साथ ले गया –

Junior Instructor (MMV) Exam 2024
A) शंभाजी
B) शिवाजी
C) पेश्वा बाजी राव
D) साहूजी
उत्तर: शंभाजी
व्याख्या: दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब के विद्रोही पुत्र अकबर को मराठा सरदार शंभाजी के दरबार में शरण दिलाई थी। जून 1681 ई. में जब विद्रोह असफल हो गया, तो दुर्गादास ने अकबर की सहायता कर उसे तत्कालीन मराठा शासक संभाजी के दरबार में पहुंचाने में सहायता की।

प्रश्न 9: बीठू सूजा ने अपने ग्रंथ ‘राव जैतसी रो छन्द’ में किसे ‘कलियुग का कर्ण’ कहा –

Junior Instructor (MMV) Exam 2024
A) राव लूणकर्ण
B) राव रायसिंह
C) राव जैतसी
D) राव बीका
उत्तर: राव लूणकर्ण
व्याख्या: बीठू सूजा (राव जैतसिंह के दरबारी कवि) द्वारा रचित ‘जैतसी रो छंद’ में लूणकरण को कलयुग का कर्ण कहा गया है। लूणकरण बीका की रानी रंगकुंवरी (पूगल के राव शेखा की पुत्री) के पुत्र थे, जिनका जन्म 1470 ई. में हुआ। नरा की निःसंतान मृत्यु के कारण लूणकरण को राजा बनाया गया।

प्रश्न 10: मारवाड़ के शासक चंद्रसेन के संबंध में निम्न में से कौनसा कथन सही नहीं है –

PTI and Librarian (Sanskrit College Edu.) – 2024 (General Studies of Rajasthan)
A) मालदेव ने अपने तीसरे पुत्र चंद्रसेन को अपने दो ज्येष्ठ पुत्रों राम व उदय सिंह के दावों के विपरीत अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था।
B) राव चंद्रसेन की मृत्यु शिवपुरी (सिरोही) में हुई थी।
C) उत्तराधिकार के युद्ध में चंद्रसेन ने अपने ज्येष्ठ भाइयों को लोहावट एवं नाडोल में पराजित किया।
D) चंद्रसेन ने भाद्राजून को अपना केंद्र बनाया, जहां से उसने साम्राज्यवादी शक्तियों के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा।
उत्तर: राव चंद्रसेन की मृत्यु शिवपुरी (सिरोही) में हुई थी।
व्याख्या: राव चंद्रसेन का जन्म 16 जुलाई 1541 ई. में हुआ था। ये मालदेव और झाला रानी स्वरूपदे के पुत्र थे। स्वरूपदे ने मालदेव से कहकर चंद्रसेन को मारवाड़ का युवराज बनवाया था। राव मालदेव अपने ज्येष्ठ पुत्र राम से अप्रसन्न थे, जबकि उनसे छोटे पुत्र उदयसिंह को पटरानी स्वरूपदे (चंद्रसेन की माता) ने राज्याधिकार से वंचित करवा दिया। मालदेव की मृत्यु के बाद उनकी इच्छानुसार 31 दिसंबर 1562 ई. को उनका सबसे छोटा पुत्र चंद्रसेन जोधपुर की गद्दी पर बैठा। चंद्रसेन ने 7 जुलाई 1580 ई. को सोजत पर आक्रमण किया। सोजत पर अधिकार करने के बाद उन्होंने सारण के पर्वतों (पाली) में सचियाप नामक स्थान पर अपना निवास स्थापित किया। यहीं 11 जनवरी 1581 ई. को उनकी मृत्यु हो गई। यहीं चंद्रसेन की समाधि बनी हुई है। जोधपुर राज्य की ख्यात के अनुसार चंद्रसेन के एक सामंत वैरसल ने विश्वासघात कर भोजन में जहर दे दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। लोहावट के युद्ध में उदयसिंह ने चंद्रसेन का सामना किया। वहां चंद्रसेन की बरछी का वार उदयसिंह पर हुआ, जिसके परिणामस्वरूप वह घोड़े से गिर गए और उनके साथियों ने उन्हें घटनास्थल से बचाकर ले गए। इस संघर्ष में उदयसिंह के कई प्रमुख सहयोगी सरदार मारे गए और विजय चंद्रसेन की रही।

प्रश्न 11: किस राजपूत शासक की वीरता से प्रभावित होकर औरंगजेब ने उसे ‘महाराजा’ और ‘माही मरातिब’ की उपाधि दी –

Junior Instructor (STE) Exam 2024
A) मिर्जा राजा जय सिंह
B) महाराजा जसवन्त सिंह प्रथम
C) महाराणा जय सिंह
D) राव अनूप सिंह
उत्तर: राव अनूप सिंह
व्याख्या: औरंगजेब की ओर से अनूपसिंह ने दक्षिण में गोलकुंडा की लड़ाई में भाग लिया, इसके अतिरिक्त आदूणी और औरंगाबाद में बादशाह की ओर से शासक रहे। औरंगजेब ने अनूपसिंह को ‘माही मरातिब’ की उपाधि प्रदान की। माहीमरातिब की उपाधि का प्रारंभ फारस के बादशाह नौशेरवा के पौत्र खुसरो परवेज ने किया था। अनूपसिंह के अलावा महाराजा गजसिंह और महाराजा रतनसिंह को भी यह उपाधि प्राप्त हुई थी।

प्रश्न 12: राव बीका ने बीकानेर की स्थापना किस वर्ष में की थी –

Junior Instructor (ICTSM) Exam 2024
A) 1465 ई.
B) 1482 ई.
C) 1488 ई.
D) 1492 ई.
उत्तर: 1488 ई.
व्याख्या: राव बीका ने 1488 ई. में बीकानेर रियासत की स्थापना की। जैसलमेर के भाटी राव शेखा के साथ बीका का विवाद बढ़ गया और भाटियों के साथ युद्ध हुआ, जिसमें भाटियों की पराजय हुई। भाटियों से निरंतर संघर्ष की आशंका को देखते हुए बीका ने अन्य स्थान पर दुर्ग निर्माण की योजना बनाई। 1485 ई. में रातीघाटी स्थान पर किले की नींव रखी गई और 12 अप्रैल 1488 ई. को आखा तीज के दिन किले के आस-पास अपने नाम पर बीकानेर नगर बसाया गया। आखा तीज को बीकानेर दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 13: मारवाड़ की कौन-सी रानी “रूठी रानी” के नाम से विख्यात है –

Junior Instructor (ICTSM) Exam 2024
A) उमादे
B) रूपादे
C) पदमिनी
D) कर्णवती
उत्तर: उमादे
व्याख्या: 1536 ई. में राव मालदेव का विवाह जैसलमेर के लूणकरण की पुत्री उम्मादे के साथ हुआ। किसी कारणवश लूणकरण ने मालदेव को मारने का इरादा किया, तो लूणकरण की रानी ने पुरोहित राघवदेव के माध्यम से यह सूचना मालदेव को भिजवा दी। संभवतः इसी कारण से मालदेव उम्मादे से अप्रसन्न हो गए और वह भी मालदेव से रूठ गईं। तभी से वह ‘रूठी रानी’ कहलाईं और उन्हें अजमेर के तारागढ़ में रखा गया। जब शेरशाह के अजमेर पर आक्रमण की आशंका हुई, तो ईश्वरदास के माध्यम से उन्हें जोधपुर जाने के लिए राजी किया गया, लेकिन जोधपुर की रानियों के रूखे व्यवहार की जानकारी मिलने पर वह गूँरोज चली गईं। मालदेव के निधन पर वह सती हुईं।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से मारवाड़ का कौन सा दुर्ग 1562 ईस्वी के प्रारंभ में अकबर के आधिपत्य में चला गया –

AGRICULTURE OFFICER (AGRI. DEPTT.) COMP. EXAM – 2024
A) सिवाना
B) भाद्राजून
C) मेहरानगढ़
D) मेड़ता
उत्तर: मेड़ता
व्याख्या: 1562 ई. में मेड़ता दुर्ग (मारवाड़ क्षेत्र में) अकबर के अधिकार में चला गया था। राव मालदेव ने 1562 ई. में मेड़ता और अजमेर को सम्राट अकबर के हाथों खो दिया।

प्रश्न 15: मारवाड़ के किस शासक ने 1658 ई. में औरंगजेब के विरुद्ध धरमत के युद्ध में दारा शिकोह का साथ दिया –

Junior Instructor (COPA) Exam 2024
A) राव सूरसिंह
B) महाराजा गजसिंह
C) महाराजा जसवंतसिंह I
D) महाराजा अजीतसिंह
उत्तर: महाराजा जसवंतसिंह I
व्याख्या: धरमत का युद्ध (1658 ई.): मुगल सम्राट शाहजहाँ के चारों पुत्रों (दाराशिकोह, शाहशुजा, औरंगजेब और मुराद) के मध्य उत्तराधिकार को लेकर 1658 और 1659 ई. में कई युद्ध हुए। इनमें धरमत (उज्जैन, मध्य प्रदेश) का युद्ध विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा। जसवंतसिंह और अन्य अनेक राजपूत शासक शाही सेना की ओर से दाराशिकोह के पक्ष में और औरंगजेब के विरुद्ध लड़े। लेकिन कासिम खान के विश्वासघात के कारण शाही खेमे की पराजय हुई। कहा जाता है कि पराजित महाराजा जसवंतसिंह धरमत के युद्ध स्थल से लौटकर 4 दिन बाद 19 अप्रैल 1658 ई. को जोधपुर पहुंचे।

प्रश्न 16: किस बीकानेर नरेश ने 1570 ई. में नागौर दरबार में अकबर की अधीनता स्वीकार करी –

Junior Instructor (Wireman) Exam 2024
A) राव चन्द्रसेन
B) राव रायसिंह
C) राव कल्याणमल
D) राव अमरसिंह
उत्तर: राव कल्याणमल
व्याख्या: सितंबर 1570 ई. में अकबर ख्वाजा साहब की जियारत के लिए अजमेर की ओर रवाना हुए, 12 दिन फतेहपुर में रुककर अजमेर पहुंचे और इसके बाद नवंबर में नागौर आए, जहां उन्होंने ‘शुक्र तालाब’ बनवाया। जब अकबर नागौर में ठहरे हुए थे, राजस्थान के कई राजा यहां पहुंचे और बीकानेर के कल्याणमल अपने पुत्र रायसिंह के साथ नागौर पहुंचकर अधीनता स्वीकार की। कल्याणमल बीकानेर के प्रथम शासक थे जिन्होंने मुगलों की अधीनता स्वीकार की।

प्रश्न 17: सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और नीचे दिए गए कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए –

RPSC EO/RO Re-Exam – 2022
सूची-I (शासक)सूची-II (वंश)
A) बाउकi) प्रतिहार
B) राव सीहाii) राठौड़
C) बप्पाiii) गुहिल
D) वासुदेवiv) चौहान
A) A-(ii), B-(i), C-(iii), D-(iv)
B) A-(i), B-(ii), C-(iii), D-(iv)
C) A-(iv), B-(iii), C-(ii), D-(i)
D) A-(iii), B-(i), C-(iv), D-(ii)
उत्तर: A-(i), B-(ii), C-(iii), D-(iv)
व्याख्या: बाउक: प्रतिहार वंश के शासक थे। राव सीहा: राठौड़ वंश के संस्थापक, मारवाड़ से संबंधित। बप्पा: गुहिल वंश के संस्थापक, मेवाड़ से संबंधित। वासुदेव: चौहान वंश के प्रारंभिक शासक।

प्रश्न 18: राव मालदेव के शासनकाल के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है –

A) राव मालदेव ने भाद्राजूण, नागौर, मेड़ता, अजमेर, सिवाणा और जालोर पर अधिकार किया।
B) राव मालदेव ने 1544 ई. में गिरि-सुमेल के युद्ध में शेरशाह सूरी को पराजित कर जोधपुर पर अपनी सत्ता बनाए रखी।
C) राव मालदेव ने हुमायूँ को सहायता की पेशकश की, लेकिन शेरशाह के दबाव में सहयोग नहीं दिया।
D) राव मालदेव ने मेवाड़ के उदयसिंह की सहायता कर बनवीर को हटाया और उन्हें चित्तौड़ की गद्दी पर बिठाया।
उत्तर: राव मालदेव ने 1544 ई. में गिरि-सुमेल के युद्ध में शेरशाह सूरी को पराजित कर जोधपुर पर अपनी सत्ता बनाए रखी।
व्याख्या: गिरि-सुमेल युद्ध (1544 ई.) में शेरशाह सूरी की विजय हुई, न कि मालदेव की। मालदेव की सेना पीछे हट गई और शेरशाह ने जोधपुर पर अधिकार कर लिया। जोधपुर राज्य की ख्यात में लिखा है कि 1532 ई. में राव मालदेव ने जैता, कूँपा आदि सरदारों को मेवाड़ के उदयसिंह की सहायतार्थ भेजा, जिसके परिणामस्वरूप बनवीर को निकाला गया और उदयसिंह को चित्तौड़ के सिंहासन पर बिठाया गया।

प्रश्न 19: राव सातल के शासनकाल के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है –

A) राव सातल ने अजमेर के हाकिम मल्लूखाँ को पराजित कर अपने भाई वरसिंह को मुक्त करवाया और सातलमेर बसाया।
B) राव सातल ने पीपाड़ के युद्ध में मल्लूखाँ को हराया, जिसके बाद जोधपुर में घुड़ला त्योहार बंद हो गया।
C) राव सातल की मृत्यु 1492 ई. में कोसाणे के युद्ध में हुई, जिसके बाद मारवाड़ में गौरी और ईश्वर दोनों की पूजा शुरू हुई।
D) राव सातल ने बीकानेर के राव बीका के साथ मिलकर मल्लूखाँ को पराजित किया और जोधपुर पर अधिकार किया।
उत्तर: राव सातल ने अजमेर के हाकिम मल्लूखाँ को पराजित कर अपने भाई वरसिंह को मुक्त करवाया और सातलमेर बसाया।
व्याख्या: राव सातल ने मल्लूखाँ को पराजित कर वरसिंह को मुक्त करवाया और सातलमेर बसाया। सातल देव ने घूड़ला को मार डाला और कन्याओं को मुक्त करवाया। इसी विजय के उपलक्ष्य में जोधपुर में घुड़ला त्यौहार मनाया जाता है। घुड़ला त्योहार प्रारंभ हुआ, बंद नहीं हुआ; सातल की मृत्यु युद्ध के बाद घावों से हुई, युद्ध में राव सातल बुरी तरह घायल हुए। 13 मार्च 1492 ई. को उनकी मृत्यु हो गई। उस दिन चैत्र शुक्ल तृतीया की तिथि थी। पहले मारवाड़ में इस दिन गौरी और ईश्वर (ईसर) दोनों की पूजा की जाती थी, परंतु राव सातल के निधन के बाद इस दिन केवल गौरी की पूजा ही की जाने लगी। बीका ने जोधपुर पर आक्रमण किया, न कि सातल के साथ मिलकर। सूजा के राजगद्दी पर बैठने के बाद बीका ने पडिहार बेला को पूजनीय वस्तुएं लाने भेजा लेकिन सूजा ने मना कर दिया। इस पर बीका ने जोधपुर पर आक्रमण कर दिया और जोधपुर को घेर लिया।

प्रश्न 20: राव जोधा के शासनकाल के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सी बात सही नहीं है –

A) राव जोधा ने 1459 ई. में जोधपुर को अपनी नई राजधानी बनाया और मेहरानगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया।
B) राव जोधा ने मेवाड़ से संधि के लिए अपनी पुत्री श्रृंगार देवी का विवाह महाराणा कुंभा के पुत्र रायमल से किया।
C) राव जोधा को मारवाड़ में सामंत प्रथा का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है।
D) राव जोधा ने अपने ज्येष्ठ पुत्र नींबा को उत्तराधिकारी घोषित किया, जो उनके जीवनकाल में ही मृत्यु को प्राप्त हुआ।
उत्तर: राव जोधा ने अपने ज्येष्ठ पुत्र नींबा को उत्तराधिकारी घोषित किया, जो उनके जीवनकाल में ही मृत्यु को प्राप्त हुआ।
व्याख्या: नींबा की मृत्यु जोधा के जीवनकाल में हुई, लेकिन यह नहीं कहा गया कि उन्हें उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। राव जोधा ने रानी जसमादे हाड़ी के प्रभाव में आकर राव सातलदेव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

प्रश्न 21: राव चूँडा के शासनकाल के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है –

A) राव चूँडा ने मण्डौर को राठौड़ों की राजधानी बनाया और नाड़ौल, डीड़वाना, नागौर तक राज्य विस्तार किया।
B) राव चूँडा ने अपनी पुत्री हंसाबाई का विवाह मेवाड़ के राणा लाखा से किया।
C) इंदा परिहार ने मण्डौर को यवनों से छीनकर राव चूँडा को दहेज में दिया और उसे अपना सामंत बनाया।
D) राव चूँडा ने अपनी रानी किशोरी देवी के पुत्र सत्ता जी को उत्तराधिकारी घोषित किया, जो अंधा था।
उत्तर: राव चूँडा ने अपनी रानी किशोरी देवी के पुत्र सत्ता जी को उत्तराधिकारी घोषित किया, जो अंधा था।
व्याख्या: राव चूँडा ने किशोरी देवी के पुत्र कान्हा को उत्तराधिकारी बनाया, जो 11 माह तक शासक रहे। सत्ता जी को चूँडा की मृत्यु के बाद उनके अन्य पुत्रों ने शासक बनाया, और वह अंधे थे। यह कथन चूँडा के निर्णय से संबंधित नहीं है।

प्रश्न 22: राठौड़ वंश की उत्पत्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा मत नैणसी, जोधपुर राज्य की ख्यात, पृथ्वीराज रासो, कर्नल टॉड और दयालदास री ख्यात द्वारा समर्थित है –

A) राठौड़ हिरण्यकश्यप की संतान थे।
B) राठौड़ कन्नौज के गहड़वाल जयचंद के पौत्र सीहा द्वारा 13वीं सदी में स्थापित हुए।
C) राठौड़ बदायूं के चन्द्रवंशी राठौड़ों की शाखा से उत्पन्न हुए।
D) राठौड़ शिव के शीश पर स्थित चंद्रमा से उत्पन्न हुए।
उत्तर: राठौड़ कन्नौज के गहड़वाल जयचंद के पौत्र सीहा द्वारा 13वीं सदी में स्थापित हुए।
व्याख्या: नैणसी के अनुसार मुहम्मद गौरी ने 1194 ई. में चन्दावर के युद्ध में कन्नौज के जयचन्द गहड़वाल को समाप्त कर दिया, तब कुछ वर्षों बाद जयचन्द के पौत्र सीहा ने पाली के आसपास 13वीं सदी में मारवाड़ के राठौड़ वंश की स्थापना की। इस मत का समर्थन ‘जोधपुर राज्य की ख्यात’, ‘पृथ्वीराज रासो’, ‘कर्नल टॉड’ एवं ‘दयालदास री ख्यात’ करते हैं।

प्रश्न 23: राजस्थान में किसे बहादुरी, आत्म सम्मान और बलिदान के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है – निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:

Animal Attendant 2023 Exam (December 1 Shift I)
A) महाराजा गज सिंह
B) राणा सांगा
C) विजय सिंह राठौड़
D) अमर सिंह राठौड़
उत्तर: अमर सिंह राठौड़
व्याख्या: अमर सिंह राठौड़ (नागौर) अपनी वीरता और बलिदान के लिए लोककथाओं में प्रसिद्ध हैं। जोधपुर के राजा गजसिंह ने अपने बड़े पुत्र अमरसिंह को उनकी स्वतंत्र एवं विद्रोही प्रवृत्ति से नाराज होकर राज्य से निकाल दिया था। इस पर शाहजहाँ ने अमरसिंह को नागौर परगने का स्वतंत्र शासक बना दिया।

प्रश्न 24: ‘राव-जैतसी-रो-छन्द’ के अनुसार, बीकानेर के शासक राव जैतसी ने निम्न में से किसे परास्त किया था –

Raj. State and Sub. Services Comb. Comp. (Pre) Exam – 2024
A) हुमायूँ
B) कामरान
C) शेरशाह
D) अकबर
उत्तर: कामरान
व्याख्या: राव जैतसी (बीकानेर के शासक, 1526-1542) ने कामरान (हुमायूँ के भाई) को परास्त किया था, जैसा कि राव-जैतसी-रो-छंद में वर्णित है। भटनेर से कामरान की सेना बीकानेर की ओर बढ़ी, जैतसिंह बड़ी सेना का सामना करना उचित न समझकर दूर हट गए, भोजराज रूपावत बीकानेर के पुराने किले की रक्षा करते हुए शहीद हो गए, किले पर मुगलों का अधिकार हो गया, जैतसिंह ने एक सेना तैयार करके 26 अक्टूबर 1534 को रात्रि के समय मुगलों पर आक्रमण कर दिया, राठौड़ों के इस आक्रमण को मुगल सेना सहन नहीं कर पाई और लाहौर की ओर भाग गई।

प्रश्न 25: मारवाड़ के राव चूण्डा के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए एवं निम्नांकित में से सही विकल्प का चयन कीजिए : A. राव चूण्डा को मण्डोर दहेज में प्राप्त हुआ। B. राव चूण्डा की मृत्यु के तुरंत पश्चात् राव रणमल राजगद्दी पर आसीन हुआ।

Raj. State and Sub. Services Comb. Comp. (Pre) Exam – 2024
A) केवल A सत्य है।
B) केवल B सत्य है।
C) A और B दोनों सत्य हैं।
D) A और B दोनों असत्य हैं।
उत्तर: केवल A सत्य है।
व्याख्या: इंदा परिहार ने मण्डौर को मुसलमानों से छीनकर राव चूँडा को दहेज में दे दिया और यह शर्त रखी कि उनके 84 गांव में राठौड़ हस्तक्षेप नहीं करेंगे। एक प्रकार से राव चूड़ा को अपना सामंत बनाया। इस प्रकार मारवाड़ में सामंती प्रथा का संस्थापक राव चूड़ा को माना जाता है। राव चूड़ा ने अपनी रानी किशोरी देवी (चौहान शासक राव मेघराज की पुत्री) के पुत्र कान्हा को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। किन्तु किशोरी देवी के पुत्र कान्हा ने मात्र 11 माह तक राज्य किया और मृत्यु को प्राप्त हो गए। चूँडा का ज्येष्ठ पुत्र होते हुए भी रणमल को कान्हा के पक्ष में अपना राज्याधिकार छोड़ना पड़ा था।

प्रश्न 26: 1715 ई. में मारवाड़ के अजीत सिंह ने अपनी पुत्री इन्द्रकंवरी का विवाह किस मुगल सम्राट से किया –

Junior Instructor (MDE) Exam 2024
A) फर्रूखसियार
B) शाह आलम-I
C) आलमगीर-II
D) जहांदार शाह
उत्तर: फर्रूखसियार
व्याख्या: राठौड़ों ने हुसैन अली खाँ की शर्तों के अनुसार 1715 ई. में संधि कर ली, जिसमें अजीत सिंह ने अपनी पुत्री का विवाह बादशाह के साथ करना स्वीकार किया और अपने पुत्र अभयसिंह को बादशाह की सेवा में भेजा। उन्हें विवश होकर अपनी पुत्री इन्द्रकुँवरी का विवाह मुगल बादशाह फर्रूखशियर से करना पड़ा किंतु अवसर मिलते ही उन्होंने फर्रूखशियर की हत्या में प्रमुख भूमिका निभाई और अपनी पुत्री को विधवा करके जोधपुर ले आए। उन्होंने इन्द्रकुंवरी का पुनः हिन्दू धर्म में शुद्धिकरण किया और उसका विवाह एक क्षत्रिय युवक से कर दिया। यह अंतिम मुगल-मारवाड़ विवाह माना जाता है।

प्रश्न 27: कॉलम I में राजवंश का कॉलम II में संस्थापक के साथ मिलान करें।

कॉलम I (राजवंश)कॉलम II (संस्थापक)
1. राठौड़a. चूडामन
2. चौहानb. दुलह राय
3. जाटc. वासुदेव
4. कच्छवाहाd. सिहा
Junior Instructor (Fitter) Exam 2024
A) 1-a, 2-b, 3-c, 4-d
B) 1-d, 2-c, 3-a, 4-b
C) 1-c, 2-d, 3-b, 4-a
D) 1-b, 2-a, 3-d, 4-c
उत्तर: 1-D, 2-C, 3-A, 4-B
व्याख्या: राठौड़ – सिहा, चौहान – वासुदेव, जाट – चूड़ामन, कच्छवाहा – दूल्हा राय

प्रश्न 28: अकबर ने चन्द्रसेन के दमन हेतु किसे जोधपुर का प्रशासक नियुक्त किया –

Junior Instructor ((ESR) Exam 2024
A) उदयसिंह
B) रायसिंह
C) राजा मानसिंह
D) शहजादा सलीम
उत्तर: रायसिंह
व्याख्या: मारवाड़ की राजनीतिक स्थिति ‘नागौर दरबार’ के बाद स्पष्ट हो गई थी। अकबर ने बीकानेर के रायसिंह को जोधपुर का अधिकारी नियुक्त कर महाराणा प्रताप को मारवाड़ से सहायता मिलने या इस मार्ग से गुजरात में क्षति पहुंचाने की संभावना समाप्त कर दी।

प्रश्न 29: जोधपुर के राठौड़ वंश का मूल संस्थापक कौन था –

Junior Instructor (ED) Exam 2024
A) बप्पा
B) सीहा
C) चूण्डा
D) गाँगा
उत्तर: सीहा
व्याख्या: मारवाड़ के राठौड़ वंश की स्थापना 1240 ई. में राव सीहा के द्वारा की गई। बीठू गांव (पाली) के ‘देवल अभिलेख’ के अनुसार राव सीहा कुंवर सेतराम के पुत्र थे और उनकी सोलंकी वंश की पार्वती नामक रानी थी। राव सीहा की मृत्यु 1273 ई. में तब हुई जब वह मुसलमानों के विरुद्ध पाली प्रदेश की रक्षा कर रहे थे। इस युद्ध को लाख झंवर या लाखा झंवर के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न 30: 1587 ई. में मोटा राजा उदयसिंह ने अपनी पुत्री का विवाह किस मुगल राजकुमार के साथ किया था –

Junior Instructor (ED) Exam 2024
A) अकबर
B) जहाँगीर
C) दानियाल
D) मुराद
उत्तर: जहाँगीर
व्याख्या: राव चंद्रसेन की मृत्यु के बाद जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्ष तक खालसा रहा। तीन वर्ष बाद अकबर द्वारा उदयसिंह को मारवाड़ राज्य का अधिकार खिलअत और खिताब सहित 1583 ई. में दे दिया गया। इस प्रकार मोटाराजा उदयसिंह मारवाड़ के प्रथम शासक थे जिन्होंने मुगलों की अधीनता स्वीकार की और मुगल राज्य की कृपा प्राप्त की। मोटाराजा उदयसिंह ने 1587 ई. में अपनी पुत्री ‘मानबाई’ का विवाह शहजादा सलीम (जहांगीर) के साथ किया।

प्रश्न 31: बीकानेर के शासक अनूपसिंह को औरंगजेब ने कौन-सी उपाधि प्रदान की –

Junior Instructor (EC) Exam 2024
A) माही रखब
B) माही मरातव
C) माही विजेता
D) ब्रत सराव
उत्तर: माही मरातव
व्याख्या: औरंगजेब की ओर से अनूपसिंह ने दक्षिण में गोलकुंडा की लड़ाई में भाग लिया, इसके अतिरिक्त आदूणी और औरंगाबाद में बादशाह की ओर से शासक रहे। औरंगजेब ने अनूपसिंह को ‘माही मरातिब’ की उपाधि प्रदान की। माहीमरातिब की उपाधि का प्रारंभ फारस के बादशाह नौशेरवा के पौत्र खुसरो परवेज ने किया था। अनूपसिंह के अलावा महाराजा गजसिंह और महाराजा रतनसिंह को भी यह उपाधि प्राप्त हुई थी।

प्रश्न 32: मुंशी देवी प्रसाद ने किसे ‘राजपूताने का कर्ण’ कहा –

Junior Instructor(CLIT) Exam 2024
A) रायसिंह
B) उदयसिंह
C) लूणकरण
D) चन्द्रसेन
उत्तर: रायसिंह
व्याख्या: रायसिंह के शासनकाल में भीषण अकाल पड़ा, जिसमें हजारों व्यक्ति और पशु मारे गए। महाराजा ने लोगों के लिए विभिन्न स्थानों पर ‘सदाव्रत’ खोले और पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की। इसीलिए मुंशी देवी प्रसाद ने उन्हें ‘राजपूताने का कर्ण’ की संज्ञा दी है।

प्रश्न 33: सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :

सूची-I (शासक)सूची-II (शासन काल)
(a) राव बीका(i) 1526 – 1541 AD
(b) राव लूणकरण(ii) 1465 – 1540 AD
(c) राव जैतसी(iii) 1541 – 1574 AD
(d) राव कल्याणमल(iv) 1505 – 1526 AD
Stenographer Exam 2024 (Paper – I)
A) (a) – (ii), (b) – (i), (c) – (iv), (d) – (iii)
B) (a) – (i), (b) – (ii), (c) – (iii), (d) – (iv)
C) (a) – (ii), (b) – (iv), (c) – (i), (d) – (iii)
D) (a) – (iv), (b) – (ii), (c) – (iii), (d) – (i)
उत्तर: (a) – (ii), (b) – (iv), (c) – (i), (d) – (iii)
व्याख्या: राव बीका का शासनकाल 1465 – 1540 ई. था। राव लूणकरण का शासनकाल 1505 – 1526 ई. था। राव जैतसी का शासनकाल 1526 – 1541 ई. था। राव कल्याणमल का शासनकाल 1541 – 1574 ई. था।

प्रश्न 34: ‘काम प्रबोध’ एवं ‘श्राद्ध प्रयोग चिन्तामणी’ ग्रंथों की रचना किस शासक के काल में हुई –

Asst. Prof. (Sanskrit College Edu.) – 2024 (Rajasthan Gk)
A) महाराणा कुंभा
B) महाराणा राज सिंह
C) सवाई जय सिंह
D) महाराजा अनूप सिंह
उत्तर: महाराजा अनूप सिंह
व्याख्या: अनूपसिंह ने संस्कृत में अनूपविवेक, कामप्रबोध, श्राद्धप्रयोग चिन्तामणि ग्रंथ लिखे और गीत गोविंद पर ‘अनुपोदय’ नामक टीका लिखी। अनूपसिंह के समय उनके दरबार में विद्यानाथ सूरी ने ‘ज्योत्पत्तिसार’ ग्रंथ और मणिराम दीक्षित ने ‘अनूपव्यवहारसागर’, ‘अनूपविलास’, ‘धर्मशास्त्र ग्रंथ’, अनन्त भट्ट ने तीर्थ ‘रत्नाकर’ ग्रंथ, उदयचन्द्र ने ‘पाण्डित्यदर्पण’ नामक ग्रंथ लिखे।

प्रश्न 35: बीकानेर के किस शासक को उसकी वीरता से प्रभावित होकर औरंगजेब ने ‘माही मरातिब’ की उपाधि दी थी –

Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT – L2)
A) राव दलपत सिंह
B) राव सुर सिंह
C) राव कर्ण सिंह
D) राव अनूप सिंह
उत्तर: राव अनूप सिंह
व्याख्या: औरंगजेब की ओर से अनूपसिंह ने दक्षिण में गोलकुंडा की लड़ाई में भाग लिया, इसके अतिरिक्त आदूणी और औरंगाबाद में बादशाह की ओर से शासक रहे। औरंगजेब ने अनूपसिंह को ‘माही मरातिब’ की उपाधि प्रदान की। माहीमरातिब की उपाधि का प्रारंभ फारस के बादशाह नौशेरवा के पौत्र खुसरो परवेज ने किया था। अनूपसिंह के अलावा महाराजा गजसिंह और महाराजा रतनसिंह को भी यह उपाधि प्राप्त हुई थी।

प्रश्न 36: राठौड़ वंश का प्रथम बड़ा शासक कौन था –

A) राव चूडा
B) राव रणमल
C) मोकल
D) राव जोधा
उत्तर: राव चूडा
व्याख्या: राव चूँडा एक प्रतापी शासक हुए। इंदा परिहार ने मण्डौर को मुसलमानों से छीनकर राव चूँडा को दहेज में दे दिया और यह शर्त रखी कि उनके 84 गांव में राठौड़ हस्तक्षेप नहीं करेंगे। राव चूँडा ने मण्डौर को राठौड़ों की राजधानी बनाया। उन्होंने अपने राज्य का विस्तार नाड़ौल, डीड़वाना, नागौर आदि क्षेत्रों तक कर लिया।

प्रश्न 37: राजस्थान में राठौड़ वंश का प्रथम शासक था –

A) राव सीहा
B) जोधा
C) बीका
D) किशनसिंह
उत्तर: राव सीहा
व्याख्या: मारवाड़ के राठौड़ वंश की स्थापना 1240 ई. में राव सीहा के द्वारा की गई।

प्रश्न 38: मारवाड़ के राठौड़ वंश के संस्थापक कौन हैं?

A) राव चुंडा
B) राव सीहा
C) राव मालदेव
D) राव गंगा
उत्तर: राव सीहा
व्याख्या: मारवाड़ के राठौड़ वंश की स्थापना 1240 ई. में राव सीहा के द्वारा की गई। बीठू गांव (पाली) के ‘देवल अभिलेख’ के अनुसार राव सीहा कुंवर सेतराम के पुत्र थे और उनकी सोलंकी वंश की पार्वती नामक रानी थी।

प्रश्न 39: मारवाड़ के किस राजा ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की?

A) राव जोधा
B) राव बीका
C) राव मालदेव
D) राव चंद्रसेन
उत्तर: राव चंद्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन अकबरकालीन राजस्थान के प्रथम स्वतंत्र प्रकृति के शासक थे। इतिहास में समुचित महत्व न मिलने के कारण चन्द्रसेन को ‘मारवाड़ का भूला बिसरा नायक’ कहा जाता है।

प्रश्न 40: सामंत प्रथा का वास्तविक संस्थापक किसे माना जाता है –

A) राव रणमल
B) राव जोधा
C) राव गंगा
D) राव मालदेव
उत्तर: राव जोधा
व्याख्या: राव जोधा (1438 – 1489) को सामंती प्रथा का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। राव जोधा ने 1453 में मंडोर पर अधिकार किया। राव जोधा को राठौड़ों का प्रथम शक्तिशाली राजा माना जाता है। राव चूडा को राठौड़ वंश का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है।

प्रश्न 41: जांगलधर बादशाह कहां के शासक कहलाते थे –

A) उदयपुर
B) जोधपुर
C) बीकानेर
D) अजमेर
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: बीकानेर का प्राचीन नाम ‘जांगलदेश’ था। इसके उत्तर में कुरू और मद्र देश थे इसलिए महाभारत में इस क्षेत्र का नाम कुरू और मद्र के साथ जुड़ा हुआ मिलता है, जैसे- कुरूजांगला, माद्रेजांगला आदि। बीकानेर में राठौड़ वंश का शासन था, बीकानेर के राजा जांगलदेश के स्वामी थे इसलिए उन्हें ‘जांगलधर बादशाह’ कहते हैं और बीकानेर के राज्य चिह्न में जयजांगलधर बादशाह लिखा हुआ है।

प्रश्न 42: खानवा में बाबर के विरूद्ध सांगा की सहायता के लिए किसके नेतृत्व में मारवाड़ी सेना भेजी गई थी –

A) चन्द्रसेन
B) मालदेव
C) वीरमदेव
D) कीर्तिपाल
उत्तर: मालदेव
व्याख्या: जब खानवा का युद्ध (1527 ई.) हुआ तो राव गांगा ने अपने पुत्र राव मालदेव के नेतृत्व में 4000 सैनिक भेजकर राणा सांगा की सहायता की।

प्रश्न 43: फारसी इतिहासकारों ने ‘हिन्दुस्तान का हशमत वाला शासक’ कहा है –

A) महाराणा प्रताप को
B) राव चन्द्रसेन
C) राव मालदेव
D) महाराणा मोकल
उत्तर: राव मालदेव
व्याख्या: फारसी इतिहास लेखकों ने राव मालदेव को “हिन्दुस्तान का हशमत वाला राजा” कहा है।

प्रश्न 44: ‘कलियुग का कर्ण’ किसे कहते हैं –

A) कल्याणमल
B) मालदेव
C) लूणकरण
D) कुंभा
उत्तर: लूणकरण
व्याख्या: बीठू सूजा (राव जैतसिंह के दरबारी कवि) द्वारा रचित ‘जैतसी रो छंद’ में लूणकरण को कलयुग का कर्ण कहा गया है।

प्रश्न 45: राठौड़ शब्द निम्न में से बना है जो दक्षिण की एक जाति थी –

A) मराठा
B) राष्ट्रकुल
C) राष्ट्रकूट
D) कोई नहीं
उत्तर: राष्ट्रकूट
व्याख्या: ‘राठौड़’ शब्द संस्कृत के राष्ट्रकूट से बना है। राष्ट्रकूट का प्राकृत रूप ‘रट्टऊड’ है जिससे ‘राडउड’ या ‘राठौड़’ बनता है।

प्रश्न 46: सुमेल का युद्ध लड़ा गया –

A) जनवरी, 1544 ई.
B) मार्च, 1544 ई.
C) मई, 1544 ई.
D) दिसम्बर 1544 ई.
उत्तर: जनवरी, 1544 ई.
व्याख्या: 1544 ई. के गिरी सुमेल के युद्ध में मालदेव की पराजय हुई और जोधपुर पर शेरशाह का अधिकार हो गया और कल्याणमल को भी शेरशाह की सहायता से बीकानेर वापस मिल गया।

प्रश्न 47: 1572-73 ई. में अकबर ने जोधपुर किसको सुपर्द किया –

A) बीकानेर के रायसिंह को
B) उदयसिंह को
C) राव जोधा को
D) आमेर के मानसिंह को
उत्तर: बीकानेर के रायसिंह को
व्याख्या: मारवाड़ की राजनीतिक स्थिति ‘नागौर दरबार’ के बाद स्पष्ट हो गई थी। अकबर ने बीकानेर के रायसिंह को जोधपुर का अधिकारी नियुक्त कर महाराणा प्रताप को मारवाड़ से सहायता मिलने या इस मार्ग से गुजरात में क्षति पहुंचाने की संभावना समाप्त कर दी।

प्रश्न 48: किस राजपूत शासक ने मुगलों के विरूद्ध निरंतर स्वतंत्रता का संघर्ष जारी रखा और समर्पण नहीं किया –

A) बीकानेर के रायसिंह
B) मेवाड़ के उदयसिंह
C) मारवाड़ के राव चन्द्रसेन
D) आमेर के मानसिंह
उत्तर: मारवाड़ के राव चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन अकबरकालीन राजस्थान के प्रथम स्वतंत्र प्रकृति के शासक थे। इतिहास में समुचित महत्व न मिलने के कारण चन्द्रसेन को ‘मारवाड़ का भूला बिसरा नायक’ कहा जाता है।

प्रश्न 49: बीकानेर के रायसिंह ने किन दो मुगल बादशाहों की सेवा की थी –

A) अकबर और जहांगीर
B) जहांगीर और शाहजहां
C) शाहजहां और औरंगजेब
D) बाबर और हुमायू
उत्तर: अकबर और जहांगीर
व्याख्या: रायसिंह ने अपनी उपाधि ‘महाराजाधिराज व महाराजा’ रखी। अकबर ने रायसिंह को ‘राय’ उपाधि और 4000 मनसब दी। अक्टूबर 1605 को अकबर की मृत्यु हुई, सलीम जहांगीर नाम से बादशाह बना, बादशाह बनते ही रायसिंह की मनसबदारी जो अकबर के समय 4000 थी बढ़ाकर 5000 कर दी गई।

प्रश्न 50: मुगल सम्राट जहांगीर ने ‘दलथम्भन’ की उपाधि किसे प्रदान की –

A) सूरसिंह
B) जेत्रसिंह
C) गजसिंह
D) रायसिंह
उत्तर: गजसिंह
व्याख्या: मुग़ल सम्राट जहाँगीर ने गजसिंह की वीरता से प्रसन्न होकर उन्हें ‘दलथंभन’ (सेना को रोकने वाला) की उपाधि दी और उनके घोड़े को शाही दाग से मुक्त कर दिया।

प्रश्न 51: ‘मुगल बादशाह अपनी विजयों में से आधी के लिए राठौड़ों की एक लाख तलवारों के अहसानमन्द थे’ ये कथन कहा है –

A) डा. हाॅर्नली
B) कर्नल टाॅड
C) टामसलिन
D) डा. रामशंकर त्रिपाठी
उत्तर: कर्नल टाॅड
व्याख्या: यह प्रसिद्ध कथन कि मुगल सम्राट अपनी आधी सैन्य सफलताओं के लिए राठौड़ों की एक लाख तलवारों का ऋणी थे, इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड ने कहा था।

प्रश्न 52: बीकानेर शासक कर्णसिंह किसके समकालीन थे –

A) जहांगीर, शाहजहां
B) शाहजहां, औरंगजेब
C) अकबर, जहांगीर
D) हुमायू, अकबर
उत्तर: शाहजहां, औरंगजेब
व्याख्या: महाराजा कर्णसिंह ने 1631 से 1669 ई. तक बीकानेर पर शासन किया। शाहजहां ने 1648-49 में उनकी मनसबदारी बढ़ाकर 2000 जात और 2000 सवार कर दी तथा दौलताबाद का किलेदार नियुक्त किया। एक वर्ष बाद इसे बढ़ाकर ढाई हजार जात और ढाई हजार सवार कर दिया गया। 1652 में उनकी मनसबदारी 3000 जात और 2000 सवार हो गई। औरंगजेब ने कर्णसिंह को औरंगाबाद भेज दिया, जहाँ उन्होंने अपने नाम पर कर्णपुरा गाँव बसाया और केसरीसिंहपुरा व पदमपुरा गाँवों की भी स्थापना की।

प्रश्न 53: इतिहासकार डा. गौरीशंकर हीरचन्द ओझा ने किस राजा को ‘कान का कच्चा’ कहा है –

A) अजीत सिंह
B) सज्जन सिंह
C) रायसिंह
D) चन्द्रसेन
उत्तर: अजीत सिंह
व्याख्या: प्रख्यात इतिहासकार डॉ. गौरीशंकर हीराचन्द ओझा ने जोधपुर के शासक अजीत सिंह के लिए “कान का कच्चा” शब्द का प्रयोग किया था।

प्रश्न 54: कर्नल टाॅड ने किसे ‘राठौड़ों का यूलीसैस’ कहा –

A) राव चन्द्रसेन
B) जसवन्त सिंह
C) दुर्गादास
D) अजीत सिंह
उत्तर: दुर्गादास
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड ने वीर दुर्गादास राठौड़ की वीरता और कूटनीतिक कौशल के लिए उन्हें “राठौड़ों का यूलीसैस” की उपाधि दी थी।

प्रश्न 55: निम्न में से मारवाड़ के किस शासक ने खानवा के युद्ध में महाराणा सांगा को सहायता प्रदान की थी –

A) राव सातल देव
B) राव गंगा
C) राव मालदेव
D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: राव गंगा
व्याख्या: राव सूजा के उत्तराधिकारी राव गांगा ने मेवाड़ के राणा सांगा के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए। 1527 ई. में खानवा के युद्ध के समय उन्होंने अपने पुत्र राव मालदेव के नेतृत्व में 4000 सैनिकों की टुकड़ी भेजकर राणा सांगा को सैन्य सहायता प्रदान की।

प्रश्न 56: किस शासक ने 1544 ई. में बीकानेर का पुनराधिकार राव जैतसी के पुत्र कल्याणमल को दिया –

A) राणा लाखा
B) राणा हम्मिर
C) शेरशाह
D) राव मालदेव
उत्तर: शेरशाह
व्याख्या: 1544 ई. में गिरी सुमेल के युद्ध में राव मालदेव की पराजय के बाद जोधपुर पर शेरशाह सूरी का अधिकार हो गया और उसकी सहायता से कल्याणमल को बीकानेर का शासन पुनः प्राप्त हुआ।

प्रश्न 57: मालदेव के दो सेनानायक जो शेरशाह के विरूद्ध गिरी-सुमेल के युद्ध में प्रबल रूप से लड़े –

A) गोरा व बादल
B) जैता व पूंजा
C) जैता व कुम्पा
D) रणमल और झाला
उत्तर: जैता व कुम्पा
व्याख्या: जनवरी 1544 में जैतारण (ब्यावर) के समीप गिरि-सुमेल नामक स्थान पर हुए युद्ध में राव मालदेव के सबसे विश्वसनीय और वीर सेनानायक जैता एवं कूँपा ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए वीरगति प्राप्त की। इस युद्ध में शेरशाह सूरी को इतनी कठिनाई से विजय मिली कि उसने कहा कि एक मुट्ठी बाजरे के लिए वह हिंदुस्तान की सल्तनत खो देता।

प्रश्न 58: जोधपुर महाराजा अभसिंह और सर बुलन्द खां के बीच हुए अहमदाबाद युद्ध का आंखों देखा वर्णन किस ग्रंथ में मिलता है –

A) तारीक-ए-बुलन्द
B) वंश भास्कर
C) राज रूपक
D) बेली अभसिंह की
उत्तर: राज रूपक
व्याख्या: राज रूपक नामक ग्रंथ, जिसकी रचना वीरभान ने डिंगल भाषा में 1787 ई. में की थी, में जोधपुर के महाराजा अभय सिंह और गुजरात के सूबेदार सरबुलंद खान के मध्य हुए युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी वर्णन मिलता है।

प्रश्न 59: ‘हशमत वाला राजा’ किस शासक को कहा जाता है –

A) राव मालदेव
B) दुर्गादास
C) जयसिंह
D) उदयसिंह
उत्तर: राव मालदेव
व्याख्या: फारसी इतिहासकारों ने राव मालदेव की शक्ति और प्रतिष्ठा के कारण उन्हें “हशमत वाला बादशाह” की उपाधि दी थी। हशमत एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ गर्व, प्रतिष्ठा या श्रेष्ठता होता है।

प्रश्न 60: सुमेल का युद्ध किनके बीच लड़ा गया –

A) राव मालदेव व शेरशाह
B) राव गांगा व बाबर
C) राव जोधा व शेरशाह
D) रायसिंह व जहांगीर
उत्तर: राव मालदेव व शेरशाह
व्याख्या: जनवरी 1544 में जैतारण (ब्यावर) के निकट गिरि-सुमेल नामक स्थान पर मारवाड़ के शासक राव मालदेव और अफगान शासक शेरशाह सूरी की सेनाओं के बीच निर्णायक युद्ध हुआ, जिसमें शेरशाह को अत्यंत कठिनाई से विजय प्राप्त हुई।

प्रश्न 61: मारवाड़ की राजकुमारी हंसाबाई का विवाह मेवाड़ के किस शासक से हुआ –

A) राणा हम्मीर
B) राणा लाखा
C) राणा सातल
D) राणा कुम्भा
उत्तर: राणा लाखा
व्याख्या: राव चूड़ा ने राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी पुत्री हंसाबाई का विवाह मेवाड़ के शासक राणा लाखा के साथ संपन्न कराया।

प्रश्न 62: चिड़ियाटूक पहाड़ी पर मयूर आकृति में मेहरानगढ़ दुर्ग का निर्माण कराया –

A) राव चूड़ा
B) राव मालदेव
C) राव जोधा
D) मोटाराजा उदयसिंह
उत्तर: राव जोधा
व्याख्या: राव जोधा ने 1459 ई. में अपने विस्तृत राज्य के लिए नई राजधानी जोधपुर (जिसे सूर्य नगरी और नीली नगरी भी कहा जाता है) की स्थापना की। राजधानी की सुरक्षा के लिए उन्होंने चिड़िया टूक पहाड़ी पर एक नए दुर्ग का निर्माण करवाया, जिसे मेहरानगढ़ के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 63: ‘मैंने मुट्ठी भर बाजरे के लिए हिन्दुस्तान की बादशाहत खो दी होती’ किसका कथन है –

A) अकबर
B) बाबर
C) हुमायू
D) शेरशाह सूरी
उत्तर: शेरशाह सूरी
व्याख्या: गिरि-सुमेल के युद्ध में राव मालदेव की सेना के अदम्य साहस और वीरता को देखकर शेरशाह सूरी ने यह प्रसिद्ध कथन किया कि एक मुट्ठी भर बाजरे के लिए वह हिंदुस्तान की बादशाहत खो देता।

प्रश्न 64: निम्न में से किस शासक ने 1857 ई. की क्रान्ति के समय एक बहुत बड़ी सेना अंग्रेजों के पक्ष में अपने राज्य से बाहर भेजी –

A) सरदारसिंह
B) सूरजसिंह
C) रतनसिंह
D) रायसिंह
उत्तर: सरदारसिंह
व्याख्या: 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बीकानेर के महाराजा सरदारसिंह ने पूर्ण रूप से ब्रिटिश सरकार का समर्थन किया और स्वयं सेना लेकर रियासत से बाहर बांडलू (पंजाब) एवं हिसार (हरियाणा) तक गए। वह एकमात्र ऐसे शासक थे जो व्यक्तिगत रूप से विद्रोहियों से मोर्चा लेने के लिए मैदान में उतरे।

प्रश्न 65: निम्न में से वह शासक जिसने बीकानेरी भुजिया का प्रचलन किया तथा अंग्रेजों की शान में 800 ऊंट काबुल भेजे थे –

A) डूंगरसिंह
B) गंगासिंह
C) रायसिंह
D) सूरजसिंह
उत्तर: डूंगरसिंह
व्याख्या: महाराजा डूंगरसिंह के शासनकाल में बीकानेरी भुजिया की लोकप्रियता बढ़ी। 1878 में द्वितीय आंग्ल-अफगान युद्ध के दौरान उन्होंने ब्रिटिश सेना की सहायता के लिए 800 ऊँटों की एक टुकड़ी काबुल भेजी।

प्रश्न 66: राजपूताना के किस शासक ने सिंचाई के लिए गंगनहर का निर्माण करवाया –

A) गंगासिंह
B) सूरजसिंह
C) सरदारसिंह
D) अनूपसिंह
उत्तर: गंगासिंह
व्याख्या: महाराजा गंगासिंह ने बीकानेर में गंग नहर लाने का ऐतिहासिक कार्य किया, जिसके कारण उन्हें आधुनिक भारत का भागीरथ कहा जाता है। गंग नहर का निर्माण कार्य 1927 ई. में पूरा हुआ और इसका उद्घाटन वायसराय लार्ड इरविन ने किया, जिसमें महान शिक्षाविद् मदनमोहन मालवीय भी उपस्थित थे।

प्रश्न 67: बीकानेर के शासक गंगासिंह ने अपनी सैनिक टुकड़ी ‘गंगा रिसाल’ को किस विद्रोह में भेजा –

A) अमेरीका
B) चीन
C) अफगान
D) बांग्लादेश
उत्तर: चीन
व्याख्या: 1896-97 ई. में महाराजा डूंगरसिंह ने गंगा रिसाला नामक ऊँट सवार सैन्य दल का गठन किया। 1900 ई. में महाराजा गंगासिंह स्वयं इस सेना के साथ चीन के युद्ध में भाग लेने गए। भारतीय राजाओं में वे अकेले ऐसे शासक थे जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से चीन के युद्ध में हिस्सा लिया।

प्रश्न 68: वह राजपूत शासक जिसने लंदन में हुए तीनों गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया –

A) महाराजा फतेहसिंह
B) महाराजा राजसिंह
C) महाराजा गंगासिंह
D) महाराजा सज्जनसिंह
उत्तर: महाराजा गंगासिंह
व्याख्या: महाराजा गंगासिंह ने देशी रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में लंदन में आयोजित सभी तीन गोलमेज सम्मेलनों (1930, 1931, 1932) में सक्रिय भागीदारी निभाई।

प्रश्न 69: गंगासिंह ने गंगा गोल्डन जुबली म्यूजियम की स्थापना कहां की –

A) श्रीगंगानगर
B) बीकानेर
C) जोधपुर
D) नागौर
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: महाराजा गंगासिंह ने 1937 ई. में बीकानेर में गंगा गोल्डन जुबली संग्रहालय की स्थापना की, जो कला और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना।

प्रश्न 70: किस बीकानेर के नरेश को जांगलधर बादशाह की उपाधि प्रदान की गई –

A) कर्णसिंह
B) गंगासिंह
C) लुणकरण सिंह
D) रायसिंह
उत्तर: कर्णसिंह
व्याख्या: जब औरंगजेब ने हिंदू राजाओं को ईरान अभियान पर ले जाने का निश्चय किया, तो कर्णसिंह को उसकी मंशा का पता चला कि वह उन्हें इस्लाम में दीक्षित करना चाहता है। अटक नदी के किनारे डेरा डाले हुए समय कर्णसिंह ने एक योजना बनाई कि जब बादशाह की सेना नदी पार करने लगे तो सभी हिंदू सरदार नदी पार न करें और अपने-अपने राज्य लौट जाएं। इस सफल योजना के कारण अन्य सरदारों ने कर्णसिंह को “जांगल धर बादशाह” की उपाधि से सम्मानित किया।

प्रश्न 71: किस बीकानेर शासक ने भटनेर का नाम बदलकर हनुमानगढ़ रखा –

A) रायसिंह
B) गंगासिंह
C) सूरतसिंह
D) कर्णसिंह
उत्तर: सूरतसिंह
व्याख्या: 1804 में महाराजा सूरतसिंह ने अमरचन्द सुराणा के नेतृत्व में भटनेर पर आक्रमण करने के लिए सेना भेजी। जाब्ताखां ने आत्मसमर्पण करते हुए गढ़ छोड़ने का वचन दिया। 1805 में भटनेर पर बीकानेर का अधिकार हो गया। चूंकि यह दुर्ग मंगलवार के दिन जीता गया था, इसलिए इसका नाम हनुमानगढ़ रख दिया गया।

प्रश्न 72: माही भरातिव की उपाधि औरंगजेब ने किसे प्रदान की –

A) सूरजसिंह
B) अनूपसिंह
C) रायसिंह
D) डूंगरसिंह
उत्तर: अनूपसिंह
व्याख्या: औरंगजेब ने अनूपसिंह को दक्षिण में गोलकुण्डा की लड़ाई में उनकी सेवाओं के लिए ‘माही मरातिब’ की उपाधि प्रदान की। इसके अलावा अनूपसिंह ने आदूणी और औरंगाबाद में बादशाह के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। महाराजा गजसिंह और महाराजा रतनसिंह को भी यह सम्मानजनक उपाधि प्राप्त हुई थी।

प्रश्न 73: मारवाड़ की पन्ना किस महिला को कहा जाता है –

A) गोराधाय
B) रूपकंवर
C) उमादे
D) अमृतादे
उत्तर: गोराधाय
व्याख्या: वीर दुर्गादास, गोरा धाय और मुकुंददास खींची ने अजीतसिंह को चुपके से दिल्ली से निकालकर सिरोही राज्य के कालिन्द्री मंदिर में सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। इस कार्य में मेवाड़ के महाराणा राजसिंह सिसोदिया ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की।

प्रश्न 74: किस इतिहासकार ने वीर दुर्गादास राठौड़ को मारवाड़ का अणविन्दिया मोती कहा –

A) डा. ओझा
B) कर्नल टाॅड
C) विलियम फ्रेंकलिन
D) गोपीनाथ शर्मा
उत्तर: डा. ओझा
व्याख्या: प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. गौरीशंकर हीराचन्द ओझा ने वीर दुर्गादास राठौड़ की अनुपम सेवाओं और त्याग के लिए उन्हें “मारवाड़ का अणविन्दिया मोती” की उपाधि दी।

प्रश्न 75: महाराणा अजीत सिंह ने अपनी पुत्री इन्द्रकुंवरी का विवाह किस मुगल बादशाह से किया –

A) शाहजहां
B) आलमीर
C) फर्रूखशियर
D) मुहम्मदशाह रंगीला
उत्तर: फर्रूखशियर
व्याख्या: राजनीतिक विवशताओं के कारण महाराजा अजीत सिंह को हुसैन अली खाँ की शर्तों के अनुसार 1715 ई. में संधि करनी पड़ी, जिसमें उन्होंने अपनी पुत्री इन्द्रकुँवरी का विवाह मुगल बादशाह फर्रूखशियर के साथ करना स्वीकार किया। हालाँकि, बाद में अवसर मिलने पर उन्होंने फर्रूखशियर की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपनी विधवा पुत्री को वापस जोधपुर ले आए।

प्रश्न 76: किसके शासनकाल में खेजड़ली आन्दोलन चला –

A) विजयसिंह
B) अभयसिंह
C) डूंगरसिंह
D) तख्तसिंह
उत्तर: अभयसिंह
व्याख्या: महाराजा अभयसिंह, जो महाराजा अजीतसिंह के पुत्र थे, ने 1724 ई. में मारवाड़ की गद्दी संभाली। उन्होंने अपने भाई बख्तसिंह को ‘राजाधिराज’ की उपाधि और नागौर का ठिकाना प्रदान किया। उनके शासनकाल में 1730 ई. में जोधपुर के खेजड़ली गाँव में अमृता देवी के नेतृत्व में 363 लोगों ने वृक्षों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।

प्रश्न 77: निम्न में से किस महिला का संबंध खेजड़ी के वृक्षों की रक्षा से था –

A) अमृता देवी
B) करमा देवी
C) गोरा देवी
D) उपर्युक्त सभी
उत्तर: उपर्युक्त सभी
व्याख्या: 1730 ई. में खेजड़ली गाँव में अमृता देवी के नेतृत्व में 363 लोगों ने वृक्षों को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। गौरा देवी, जिनका जन्म 1925 में लता गाँव (टिहरी) में हुआ था, को 1986 ई. में वृक्ष मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह चमोली में चिपको आंदोलन की प्रमुख संस्थापक महिला थीं।

प्रश्न 78: विजयसिंह की प्रेयसी गुलाबराय को किसने मारवाड़ की नूरजहां कहा –

A) कविराज श्यामलदास
B) मुंशी देवी प्रसाद
C) डा. ओझा
D) मुहणौत नैणसी
उत्तर: कविराज श्यामलदास
व्याख्या: महाराजा विजयसिंह पर उनकी पासवान गुलाबराय का इतना अधिक प्रभाव था कि राजकीय कार्य उसके इशारों पर चलते थे। इसीलिए वीर विनोद के रचयिता कविराज श्यामलदास ने विजयसिंह को ‘जहाँगीर का नमूना’ कहा है और गुलाबराय को मारवाड़ की नूरजहां की संज्ञा दी है।

प्रश्न 79: किसने बीकानेर के नरेश रायसिंह को ‘राजेन्द्र’ के नाम से संबोधित किया –

A) मुंशीदेवी प्रसाद
B) जयसोम
C) दुरसा आढ़ा
D) मुहणोत नैणसी
उत्तर: जयसोम
व्याख्या: जयसोम द्वारा रचित ‘कर्मचन्द्रवंशोत्कीर्तनकं काव्यं’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ में बीकानेर के महाराजा रायसिंह को ‘राजेन्द्र’ के नाम से संबोधित किया गया है।

प्रश्न 80: बीकानेर के किस शासक को सामाजिक कुप्रथाओं का अन्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है –

A) सूरजसिंह
B) रतनसिंह
C) डूंगरसिंह
D) रायसिंह
उत्तर: रतनसिंह
व्याख्या: महाराजा रतनसिंह ने सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1837 में गया में उन्होंने अपने सरदारों से कन्या हत्या रोकने की प्रतिज्ञा करवाई। 1844 में बीकानेर लौटकर उन्होंने अंग्रेजों से भी इस कुप्रथा को रोकने का अनुरोध किया और नियम बनाया कि सभी सरदार अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार विवाह करेंगे।

प्रश्न 81: निम्न में से किस रियासत के उम्मेदसिंह अंतिम शासक थे –

A) जैसलमेर
B) जोधपुर
C) बीकानेर
D) जालौर
उत्तर: जोधपुर
व्याख्या: महाराजा उम्मेदसिंह को उनके विकास कार्यों और प्रशासनिक सुधारों के कारण ‘मारवाड़ का निर्माता’ या ‘मारवाड़ का कर्णधार’ कहा जाता है।

प्रश्न 82: ‘मारवाड़ का प्रताप’ नाम से प्रसिद्ध था –

A) राव बीका
B) राव चन्द्रसेन
C) राव जोधा
D) राव मालदेव
उत्तर: राव चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चंद्रसेन पहले राजपूत शासक थे जिन्होंने दुर्गों के स्थान पर जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों को अपनी रणनीति का केंद्र बनाया। मेवाड़ के महाराणा उदयसिंह के बाद वे छापामार युद्ध प्रणाली को महत्व देने वाले दूसरे शासक थे। इसी कारण उन्हें महाराणा प्रताप का पथप्रदर्शक माना जाता है और ‘मारवाड़ का प्रताप’ कहा जाता है।

प्रश्न 83: निम्न में से कौन जोधपुर राज्य का शासक नहीं था –

RPSC Clerk GR-II Exam 2016 Paper I
A) जसवंत सिंह
B) अजित सिंह
C) अनूप सिंह
D) मोटा राजा उदय सिंह
उत्तर: अनूप सिंह
व्याख्या: महाराजा अनूपसिंह (1669-98 ई.) बीकानेर रियासत के शासक थे, जोधपुर के नहीं।

प्रश्न 84: रूपाधाय का संबंध जोधपुर के किस महाराजा से है –

A) अजीत सिंह
B) जसवंत सिंह
C) उदयसिंह
D) मानसिंह
उत्तर: जसवंत सिंह
व्याख्या: रूपा धाय जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह की धाय माँ थीं। उनकी स्मृति में मेड़ती दरवाजा के अंदर एक बावड़ी का निर्माण करवाया गया था।

प्रश्न 85: राव जोधा ने किस वर्ष मंडोर को विजित किया था –

Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1
A) 1453
B) 1438
C) 1440
D) 1458
उत्तर: 1453
व्याख्या: राव जोधा ने 1453 ई. में मण्डौर पर सफल आक्रमण कर उसे जीत लिया। मेवाड़ के साथ संधि स्थापित करने के लिए उन्होंने अपनी पुत्री श्रृंगार देवी का विवाह महाराणा कुंभा के पुत्र रायमल के साथ कर दिया, जिसे ‘आवल-बावल की संधि’ के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 86: दुर्गादास राठौड़ ने अपने जीवन के अंतिम दिन कहां गुजारे थे –

Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1
A) उदयपुर में
B) जोधपुर में
C) चित्तोड़गढ़ में
D) उज्जैन में
उत्तर: उज्जैन में
व्याख्या: वीर दुर्गादास राठौड़ ने अपने जीवन के अंतिम दिन उज्जैन में व्यतीत किए और 22 नवम्बर, 1718 को वहीं उनकी मृत्यु हुई। शिप्रा नदी के तट पर उनकी स्मृति में एक छतरी बनी हुई है। उनके लिए कहा जाता है – ‘मायड एडो पूत जण, जडो दुर्गादास’ (ऐसा पुत्र किस माँ ने जना होगा जैसा दुर्गादास थे)।

प्रश्न 87: ‘चेम्बर ऑफ प्रिंसेज’ का प्रथम चांसलर कौन था –

RSMSSB Lab Assistant Exam 2016
A) महाराव भीम सिंह
B) करणी सिंह
C) गज सिंह
D) गंगा सिंह
उत्तर: गंगा सिंह
व्याख्या: मॉन्टेग्यू-चेम्सफॉर्ड सुधारों को लागू करने के लिए जॉर्ज पंचम ने 1921 में अपने चाचा ड्यूक ऑफ कनोट को भारत भेजा। दिल्ली के ‘दरबार आम’ में ‘चेम्बर ऑफ प्रिंसेज’ (नरेन्द्र मण्डल) की स्थापना की गई, जिसका प्रथम चांसलर महाराजा गंगासिंह को बनाया गया।

प्रश्न 88: गिरी सुमेल का युद्ध …………. में लड़ा गया था –

A) 1539
B) 1542
C) 1544
D) 1546
उत्तर: 1544
व्याख्या: जनवरी 1544 में जैतारण (ब्यावर) के निकट गिरि-सुमेल नामक स्थान पर मारवाड़ के शासक राव मालदेव और अफगान शासक शेरशाह सूरी की सेनाओं के बीच निर्णायक युद्ध हुआ, जिसमें शेरशाह को अत्यंत कठिनाई से विजय प्राप्त हुई।

प्रश्न 89: बीकानेर के राजा रायसिंह को 1593 ई. में किस अभियान पर भेजा गया –

A) थट्टा
B) बंगाल
C) दक्कन
D) मेवाड़
उत्तर: थट्टा
व्याख्या: महाराजा रायसिंह ने 1591 में खानेखाना की सहायता के लिए कंधार अभियान में भाग लिया था। 1593 में उन्हें थट्टा अभियान के लिए भेजा गया, जहाँ उन्होंने दानियाल के विद्रोह का दमन किया।

प्रश्न 90: मेवाड़ एवं मारवाड़ की संयुक्त सेनाएं मुगलों के द्वारा कहां पराजित की गई थी –

A) पानीपत, 1556
B) तराइन, 1192
C) देवारी, 1680
D) सुमेल, 1544
उत्तर: देवारी, 1680
व्याख्या: 1680 में देवारी के युद्ध में मेवाड़ और मारवाड़ की संयुक्त सेनाओं को औरंगजेब की मुगल सेना के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा, भले ही दोनों राज्यों ने मिलकर मुगल साम्राज्य का विरोध करने का प्रयास किया था।

प्रश्न 91: निम्न जोड़ों में कौन सा एक सही मेल नहीं है –

सूची-I (शासक)सूची-II (वंश)
A) राणा कुम्भाi) गुहिल
B) राणा सांगाii) गुहिल
C) राव मालदेवiii) राठौड़
D) राव चंद्र सेनiv) भाटी
A) A-i, B-ii, C-iii, D-iv
B) A-ii, B-i, C-iii, D-iv
C) A-i, B-ii, C-iii, D-iv
D) A-iii, B-ii, C-i, D-iv
उत्तर: राव चंद्र सेन – भाटी
व्याख्या: राव चंद्रसेन का जन्म 16 जुलाई, 1541 ई. में हुआ था। वह राव मालदेव और रानी झाला स्वरूप दे के पुत्र थे। चंद्रसेन का संबंध जोधपुर के राठौड़ वंश से था, भाटी वंश से नहीं।

प्रश्न 92: राव मालदेव के दो सेनानायक, जो गिरी-सुमेल में शेरशाह के विरूद्ध लड़े थे –

Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1
A) जैता और बीरम
B) कुंपा और बीरम
C) जैता और कुम्पा
D) गोरा और बादल
उत्तर: जैता और कुम्पा
व्याख्या: गिरि-सुमेल के युद्ध में राव मालदेव के सबसे विश्वसनीय और वीर सेनानायक जैता एवं कूँपा ने शेरशाह सूरी की सेना का डटकर मुकाबला किया और अंततः वीरगति प्राप्त की। इस युद्ध में शेरशाह को इतनी कठिनाई का सामना करना पड़ा कि उसने कहा कि एक मुट्ठी बाजरे के लिए वह हिंदुस्तान की सल्तनत खो देता।

प्रश्न 93: दुर्गादास राठोर विद्रोही शहजादे अकबर को दक्कन क्यों लेकर गया –

Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1
A) दक्कन सबसे निकटवर्ती क्षेत्र था।
B) दुर्गादास औरंगजेब का ध्यान मारवाड़ से हटाना चाहता था।
C) संभाजी ने अकबर को अपने दरबार में आमंत्रित किया था।
D) अकबर दक्कन में शरण लेना चाहता था।
उत्तर: दुर्गादास औरंगजेब का ध्यान मारवाड़ से हटाना चाहता था।
व्याख्या: जब औरंगजेब ने मारवाड़ के विरुद्ध युद्ध के लिए अपने पुत्र सुल्तान मुहम्मद अकबर को भेजा, तो दुर्गादास ने उसे अपनी ओर मिला लिया। दुर्गादास की रणनीति थी कि विद्रोही शहजादे अकबर को दक्कन ले जाकर औरंगजेब का ध्यान मारवाड़ से हटाया जा सके।

प्रश्न 94: निम्न शासकों में से कौनसा ‘वर्साय की शांति संधि’ का एक हस्ताक्षर कर्ता था –

Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1
A) कोटा के महाराज उम्मेद सिंह
B) जयपुर के माधोसिंह-2
C) बीकानेर के महाराजा गंगासिंह
D) जोधपुर के महाराजा सर उम्मेदसिंह
उत्तर: बीकानेर के महाराजा गंगासिंह
व्याख्या: प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति पर हस्ताक्षरित वर्साय की संधि के हस्ताक्षरकर्ताओं में बीकानेर के महाराजा गंगासिंह भी शामिल थे। यह संधि 28 जून, 1919 को वर्साय के महल के दर्पण कक्ष में हस्ताक्षरित हुई और 10 जनवरी, 1920 से प्रभावी हुई।

प्रश्न 95: किस राजपूत शासक को ‘राजपूताना का कर्ण’ कहा जाता है –

Sr Teacher Gr II Special Edu. Comp. Exam 2015 (G.K.)
A) महाराणा कुम्भा
B) सवाई प्रतापसिंह
C) महाराजा रायसिंह
D) महाराजा जसवंत सिंह
उत्तर: महाराजा रायसिंह
व्याख्या: महाराजा रायसिंह के शासनकाल में एक भीषण अकाल पड़ा, जिसमें हजारों लोग और पशु मारे गए। महाराजा ने लोगों के लिए विभिन्न स्थानों पर ‘सदाव्रत’ खोले और पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की। इस दानशीलता और परोपकार के कारण मुंशी देवी प्रसाद ने उन्हें ‘राजपूताने का कर्ण’ की उपाधि दी।

प्रश्न 96: ‘रूठी रानी’ के नाम से कौन प्रसिद्ध है –

Sr. Teacher Gr II Comp. Exam – 2022 (G.K. & Edu. Psychology) Group B
A) उमादे
B) रूपादे
C) हंसा बाई
D) जोधा बाई
उत्तर: उमादे
व्याख्या: 1536 ई. में राव मालदेव का विवाह जैसलमेर के शासक लूणकरण की पुत्री उम्मादे के साथ हुआ। जब लूणकरण ने किसी कारणवश मालदेव को मारने का इरादा किया, तो लूणकरण की रानी ने पुरोहित राघवदेव के माध्यम से यह सूचना मालदेव तक पहुँचा दी। संभवतः इसी कारण मालदेव उम्मादे से नाराज हो गए और वह भी मालदेव से रूठ गईं। तभी से वह ‘रूठी रानी’ के नाम से प्रसिद्ध हुईं और उन्हें अजमेर के तारागढ़ में रखा गया।

प्रश्न 97: किसे महाराणा प्रताप का पथ-प्रदर्शक कहा जाता है –

A) राव मालदेव
B) राव चन्द्रसेन
C) मोटा राजा उदयसिंह
D) अमरसिंह राठौड़
उत्तर: राव चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चंद्रसेन वह पहले राजपूत शासक थे जिन्होंने दुर्गों के स्थान पर जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों को अपनी रणनीति का केंद्र बनाया। मेवाड़ के महाराणा उदयसिंह के बाद वे छापामार युद्ध प्रणाली को महत्व देने वाले दूसरे शासक थे। महाराणा प्रताप ने भी इसी प्रणाली का अनुसरण किया, इसीलिए राव चंद्रसेन को महाराणा प्रताप का पथप्रदर्शक माना जाता है।

प्रश्न 98: बीकानेर के महाराजा रायसिंह गद्दी पर कब बैठे –

A) 1612 ई.
B) 1585 ई.
C) 1574 ई.
D) 1541 ई.
उत्तर: 1574 ई.
व्याख्या: महाराजा रायसिंह ने 1574 से 1612 ई. तक बीकानेर पर शासन किया। उन्होंने ‘महाराजाधिराज’ और ‘महाराजा’ की उपाधि धारण की। मुगल सम्राट अकबर ने उन्हें ‘राय’ की उपाधि और 4000 की मनसबदारी प्रदान की।

प्रश्न 99: 1574 में चन्द्रसेन के विद्रोही होने पर अकबर ने उसे दण्ड देने के लिए किसे भेजा –

A) कल्याण मल
B) दलपत सिंह
C) राम सिंह
D) राय सिंह
उत्तर: राय सिंह
व्याख्या: 1574 में जब बादशाह अकबर अजमेर में था, तब उसे चन्द्रसेन के विद्रोह की सूचना मिली, जो उस समय सिवाना के दुर्ग में था। अकबर ने रायसिंह, शाह कूली खां, केशव दास आदि को चन्द्रसेन के दमन के लिए भेजा। उस समय सोजत पर मालदेव के पौत्र कल्ला का अधिकार था, जिस पर मुगलों ने कब्जा कर लिया।

प्रश्न 100: ‘मुहणोत नैणसी’ किस राज्य का दीवान था –

Tax Assistant Exam 2018(P1)
A) बीकानेर
B) जोधपुर
C) उदयपुर
D) जयपुर
उत्तर: जोधपुर
व्याख्या: मुंहणौत नैणसी जोधपुर रियासत के महाराजा जसवंतसिंह के दरबार में दीवान और प्रसिद्ध चारण इतिहासकार थे।

प्रश्न 101: बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने प्रसिद्ध ‘रोम नोट’ तैयार किया था। इस नोट की विषय वस्तु थी –

Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1
A) 20वीं शताब्दी के दूसरे दशक में भारत की राजनीतिक स्थिति तथा उसके संभावित हल।
B) प्रथम विश्व युद्ध के दौरान यूरोप में युद्ध की स्थिति।
C) भारत की देशी रियासतों के शासकों की अंग्रेज सरकार के विरूद्ध शिकायते।
D) यूरोप का यात्रा वृत्तांत
उत्तर: 20वीं शताब्दी के दूसरे दशक में भारत की राजनीतिक स्थिति तथा उसके संभावित हल।
व्याख्या: मई 1917 में, बीकानेर के शासक महाराजा गंगा सिंह ने इटली की राजधानी रोम से एक लंबा पत्र लिखा, जो इतिहास में ‘रोम-नोट’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

प्रश्न 102: निम विद्वानों में से किसे जसवंत सिंह का संरक्षण प्राप्त नहीं था –

Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1
A) नरहरिदास बारहठ
B) ईसरदास
C) दलपति मिश्र
D) बनारसी दास
उत्तर: ईसरदास
व्याख्या: महाराजा जसवंतसिंह विद्या के प्रति गहरा लगाव रखते थे। उन्होंने ‘भाषा-भूषण’ नामक रीति और अलंकार पर एक उत्कृष्ट ग्रंथ की रचना की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ‘अपरोक्ष सिद्धान्त’, ‘सार’ और ‘प्रबोध चन्द्रोदय’ नाटक भी लिखे। उनके दरबार में सूरत मिश्र, नरहरिदास, बनारसीदास और दलपति मिश्रा जैसे प्रमुख विद्वान थे, जिन्होंने कई ग्रंथों की रचना की।

प्रश्न 103: महाराणा प्रताप का पथ प्रदर्शक किसे माना जाता है –

A) महाराणा उदयसिंह
B) महाराणा कुंभा
C) राव चंद्रसेन
D) राव मालदेव
उत्तर: राव चंद्रसेन
व्याख्या: राव चंद्रसेन के मुगल विरोधी संघर्ष के कारण उन्हें मेवाड़ के महाराणा प्रताप के लिए एक अग्रदूत माना जाता है। उन्होंने अपने अंतिम समय तक मुगलों का डटकर मुकाबला किया। वे अकबर का विरोध करने वाले राजपूताना के प्रथम शासक थे।

प्रश्न 104: राजस्थान में ‘मोटा राजा’ के नाम से कौन प्रसिद्ध था –

COMPILER Exam 2016
A) मारवाड़ का सूरसिंह
B) मारवाड़ का उदयसिंह
C) मारवाड़ का जसवंतसिंह
D) मारवाड़ का गजसिंह
उत्तर: मारवाड़ का उदयसिंह
व्याख्या: राव चंद्रसेन की मृत्यु के पश्चात जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्षों तक सीधे मुगल शासन के अधीन रहा। इस अवधि के बाद, अकबर ने 1583 ई. में उदयसिंह को मारवाड़ का शासन, सम्मानजनक उपाधियों और वस्त्रों के साथ सौंप दिया। इस प्रकार, मोटाराजा उदयसिंह मारवाड़ का वह पहला शासक बना जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की और उनका अनुग्रह प्राप्त किया।

प्रश्न 105: राजस्थान में ‘रूठी रानी’ के रूप में कौन सी रानी प्रसिद्ध हुई –

COMPILER Exam 2016
A) कोड़मदे
B) उमादे
C) चांपादे
D) जैतलदे
उत्तर: उमादे
व्याख्या: सन 1536 में राव मालदेव का विवाह जैसलमेर के शासक लूणकरण की पुत्री उम्मादे के साथ हुआ। कुछ परिस्थितियों के चलते लूणकरण ने मालदेव को मारने का निश्चय किया, लेकिन लूणकरण की पत्नी ने पुरोहित राघवदेव के माध्यम से यह खबर मालदेव तक पहुँचा दी। संभवतः इसी वजह से मालदेव उम्मादे से नाराज हो गए और वह भी मालदेव से रूठ गईं। तभी से वह ‘रूठी रानी’ कहलाईं और उन्हें अजमेर के तारागढ़ में रखा गया।

प्रश्न 106: जेम्स टाॅड ने किसे राठौड़ों का यूलीसैस कहा है –

Raj Jail Warder (20-10-18) Shift 1
A) राव चन्द्रसेन
B) महाराजा अजीतसिंह
C) महाराजा जसवन्त सिंह
D) वीर दुर्गादास
उत्तर: वीर दुर्गादास
व्याख्या: दुर्गादास राठौड़ को ही राठौड़ वंश का यूलीसिस (एक बुद्धिमान और साहसी नेता) कहा जाता है।

प्रश्न 107: किस अवधि में जोधपुर राज्य का शासन खालसा रहा –

Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 1
A) 1584-87ई.
B) 1586-88ई.
C) 1581-83ई.
D) कभी नहीं
उत्तर: 1581-83ई.
व्याख्या: राव चंद्रसेन के निधन के बाद जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) लगभग तीन वर्षों तक मुगल साम्राज्य के प्रत्यक्ष नियंत्रण में रहा। तीन वर्ष बाद, अकबर ने 1583 ई. में उदयसिंह को मारवाड़ की सत्ता, सम्मानजनक उपहारों और पदवियों के साथ वापस सौंप दी।

प्रश्न 108: किस शासक का शासनकाल लगभग 50 वर्ष था –

Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 1
A) राव जोधा
B) राव चूडा
C) राव मालदेव
D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: राव जोधा
व्याख्या: लगभग पचास वर्षों तक शासन करने के अनुभव के पश्चात राव जोधा (1438-1489 ई.) का 1489 ई. में निधन हो गया। डॉ. ओझा के अनुसार, राव जोधा ही जोधपुर के पहले प्रतापी राजा थे।

प्रश्न 109: राव मालदेव किस युद्ध में बिना लड़े ही युद्ध क्षेत्र से प्रस्थान कर गये –

Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 2
A) सुमेल का युद्ध
B) मेडता का युद्ध
C) भाद्राजून का युद्ध
D) खानवा का युद्ध
उत्तर: सुमेल का युद्ध
व्याख्या: मालदेव को वीरमदेव ने यह संदेश भेजा कि जैता और कुंपा शेरशाह से जा मिले हैं। यह सुनकर मालदेव ने अपनी सेना को पीछे हटने का आदेश दे दिया। इस गलतफहमी के कारण मालदेव अपने लगभग आधे सैनिकों को साथ लेकर चले गए और शेष सेना जैता और कूँपा के साथ रहकर शेरशाह से युद्ध करती रही। जनवरी, 1544 में जैतारण (ब्यावर) के समीप गिरि-सुमेल नामक स्थान पर दोनों सेनाओं के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमें शेरशाह सूरी को बहुत मुश्किल से जीत मिली।

प्रश्न 110: निम्न में से कौन बीकानेर राज्य का दरबारी था –

Raj Jail Warder (21-10-18) Shift 3
A) सुन्दरदास
B) बांकीदास
C) दयालदास
D) नैणसी
उत्तर: दयालदास
व्याख्या: सूरतसिंह के शासनकाल में दयालदास ने ‘बीकानेर राठौड़ री ख्यात’ नामक ऐतिहासिक ग्रंथ लिखा था।

प्रश्न 111: मतीरे री राड किस वर्ष की घटना है –

Raj Jail Warder (27-10-18) Shift 2
A) 1644 ई.
B) 1656 ई.
C) 1544 ई.
D) 1654 ई.
उत्तर: 1644 ई.
व्याख्या: एक लोककथा के अनुसार, बीकानेर की सीमा में स्थित एक खेत में मतीरे (एक प्रकार की फसल) लगी हुई थी, जो फैलकर नागौर की सीमा में चली गई। जब नागौर का एक किसान उस मतीरे को काटने आया तो बीकानेर के किसान ने उसे रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों में झगड़ा हो गया। यह मामला शासकों तक पहुँचा और दोनों राज्यों के बीच विवाद हो गया। राजपूताने में इस घटना को ‘मतीरे की राड़’ के नाम से जाना जाता है। यह विवाद 1644 ई. में हुआ था।

प्रश्न 112: जोधपुर शहर का परकोटा एवं जोधपुर किले के परकोटे का निर्माण किस शासक ने करवाया –

Raj Jail Warder (28-10-18) Shift 2
A) राव चूडा
B) राव मालदेव
C) राव चन्द्रसेन
D) राव जोधा
उत्तर: राव जोधा
व्याख्या: अपने राज्य की शक्ति को मजबूत करने के लिए, राव जोधा ने 1459 ई. में अपने विस्तृत राज्य की नई राजधानी जोधपुर (जिसे सूर्य नगरी और नीली नगरी भी कहा जाता है) की स्थापना की। राजधानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चिड़िया टूक पहाड़ी पर एक नए किले का निर्माण भी करवाया गया, जिसे मेहरानगढ़ का नाम दिया गया।

प्रश्न 113: राजकुमार अजीतसिंह को जोधपुर का राज्य पुनः दिलाने में किस का योगदान सर्वाधिक रहा –

A) वीर दुर्गादास राठौड़
B) जैंता व कूंपा
C) पन्नाधाय
D) जयमल व पत्ता
उत्तर: वीर दुर्गादास राठौड़
व्याख्या: वीर दुर्गादास, गोरा धाय और मुकुंददास खींची ने अजीत सिंह को चुपके से दिल्ली से निकालकर सिरोही राज्य के कालिन्द्री मंदिर में सुरक्षित छिपा दिया। इस कार्य में मेवाड़ के महाराणा राजसिंह सिसोदिया ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। महाराणा राजसिंह ने अजीतसिंह के भरण-पोषण के लिए दुर्गादास को केलवा की जागीर प्रदान की।

प्रश्न 114: निम्न में से किसे ‘भूला बिसरा राजा’ कहा गया –

A) राव मालदेव
B) राणा हम्मीर
C) महाराजा उम्मेद सिंह
D) राव चन्द्रसेन
उत्तर: राव चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन अकबर के समय में राजस्थान का पहला ऐसा शासक था जिसने स्वतंत्र रहने का दृढ़ निश्चय किया। इतिहास में उन्हें पर्याप्त महत्व न मिलने के कारण चन्द्रसेन को ‘मारवाड़ का भुला दिया गया नायक’ कहा जाता है।

प्रश्न 115: बीकानेर शासक रायसिंह को किसने राजपूतों का कर्ण कहा –

A) मुहणोत नैणसी ने
B) बीठू सूजा ने
C) मुंशी देवीप्रसाद ने
D) कैलाश सांखला ने
उत्तर: मुंशी देवीप्रसाद ने
व्याख्या: रायसिंह के शासनकाल में एक भयंकर अकाल पड़ा, जिसमें हजारों लोग और पशु मारे गए। महाराजा ने लोगों के लिए विभिन्न स्थानों पर ‘सदाव्रत’ (मुफ्त भोजनालय) खोले और पशुओं के लिए चारे व पानी की व्यवस्था की। इन्हीं कारणों से मुंशी देवी प्रसाद ने उन्हें ‘राजपूताने का कर्ण’ (दानवीर राजा) की उपाधि दी।

प्रश्न 116: किसे मारवाड़ का ‘अणबिन्दिया मोती’ कहा जाता है –

A) राव चन्द्रसेन
B) दुर्गादास राठौड़
C) जसवन्त सिंह
D) राव जोधा
उत्तर: दुर्गादास राठौड़
व्याख्या: दुर्गादास राठौड़ को मारवाड़ का ‘अनमोल मोती’ और मारवाड़ का ‘उद्धारक’ कहा जाता है।

प्रश्न 117: मारवाड़ की नूरजहां कहलाती है –

A) गुलाबराय
B) रसकपूर
C) अमली मीणी
D) अनारा बेगम
उत्तर: गुलाबराय
व्याख्या: कवि श्यामलदास ने गुलाब राय को मारवाड़ की नूरजहां (शक्तिशाली और प्रभावशाली महिला) कहकर संबोधित किया है।

प्रश्न 118: मारवाड़ के प्रसिद्ध इतिहासकार व लेखक मुहणोत नैणसी किसके शासनकाल में जोधपुर में मंत्री थे –

A) राव गजसिंह
B) महाराजा जसवंतसिंह
C) महाराजा बख्तसिंह
D) राव शूरसिंह
उत्तर: महाराजा जसवंतसिंह
व्याख्या: मुहणोत नैणसी ने महाराजा जसवंतसिंह के शासनकाल में ‘नैणसी री ख्यात’ और ‘मारवाड़ रा परगना री विगत’ नामक दो महत्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रंथों की रचना की। मुहणोत नैणसी को अक्सर राजस्थान का अबुल फजल कहा जाता है।

प्रश्न 119: निम्न में से कौन सा कथन बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह के विषय में सत्य नहीं है –

Asst. Agriculture Officer – 2018 (Paper-1)
A) महाराजा गंगा सिंह ‘नरेन्द्र मंडल’ (भारतीय राजकुमारों का मण्डल) के प्रथम अध्यक्ष थे।
B) 1930 ई. के प्रथम गोलमेज सम्मेलन में उन्होंने प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया था।
C) उनके शासनकाल में ‘गजशाही’ सिक्के प्रारम्भ हुए।
D) 1913 ई. में उन्होंने बीकानेर में ‘प्रजा प्रतिनिधि सभा’ की स्थापना की।
उत्तर: उनके शासनकाल में ‘गजशाही’ सिक्के प्रारम्भ हुए।
व्याख्या: नरेन्द्र मण्डल के प्रथम चांसलर के रूप में गंगासिंह को नियुक्त किया गया था। महाराजा गंगासिंह ने तीनों गोलमेज सम्मेलनों (1930, 1931, 1932) में देशी रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने अपने सिक्कों पर ‘विक्टोरिया इंप्रेस’ अंकित करवाया। बीकानेर में ‘गजशाही’ नामक चांदी का सिक्का प्रचलन में था। महाराजा गंगा सिंह ने 1913 में बीकानेर राज्य के निवासियों को एक प्रतिनिधि सभा का उपहार दिया।

प्रश्न 120: बीकानेर के कौन से शासक को उसकी वीरता से प्रभावित होकर औरंगजेब ने ‘माही मरातिब’ की उपाधि दी –

JSA Chemistry-2019(Rajasthan Gk)
A) राव दलपतसिंह
B) राव सूरसिंह
C) राव कर्णसिंह
D) राव अनूपसिंह
उत्तर: राव अनूपसिंह
व्याख्या: औरंगजेब की ओर से अनूपसिंह ने दक्षिण में गोलकुण्डा के युद्ध में भाग लिया, साथ ही आदूणी और औरंगाबाद में बादशाह के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। इन सेवाओं के लिए औरंगजेब ने अनूपसिंह को ‘माही मरातिब’ की उपाधि प्रदान की।

प्रश्न 121: मारवाड़ के अजीतसिंह के पुत्र थे –

A) महाराजा जसवंतसिंह
B) अभय सिंह
C) दुर्गादास
D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: महाराजा जसवंतसिंह
व्याख्या: जसवंत सिंह की मृत्यु के पश्चात औरंगजेब ने जोधपुर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया था। महाराजा जसवंतसिंह की गर्भवती रानी जसवन्तदे ने 19 फरवरी, 1679 को लाहौर में राजकुमार अजीत सिंह को जन्म दिया। वीर दुर्गादास और अन्य राठौड़ सरदारों ने मिलकर औरंगजेब से राजकुमार अजीतसिंह को जोधपुर का शासक घोषित करने की मांग की। किंतु औरंगजेब ने इस मांग को टालते हुए कहा कि राजकुमार के वयस्क होने पर उन्हें राजा बना दिया जाएगा। औरंगजेब की अहमदनगर में मृत्यु के बाद अजीतसिंह ने जोधपुर पर अधिकार कर लिया।

प्रश्न 122: मारवाड़ के किस शासक का पालन पोषण गोराधाय ने किया – जिसे मारवाड़ की पन्नाधाय भी कहा जाता है –

JSA Toxicology-2019(Rajasthan Gk)
A) जसवंतसिंह
B) अजीतसिंह
C) अभयसिंह
D) रामसिंह
उत्तर: अजीतसिंह
व्याख्या: वीर दुर्गादास, गोरा धाय और मुकुंददास खींची ने अजीत सिंह को गुप्त रूप से दिल्ली से निकालकर सिरोही राज्य के कालिन्द्री मंदिर में सुरक्षित पनाह दी। इस कार्य में मेवाड़ के महाराणा राजसिंह सिसोदिया ने बहुत सहायता की। महाराणा राजसिंह ने अजीतसिंह के जीवन-निर्वाह के लिए दुर्गादास को केलवा की जागीर प्रदान की।

प्रश्न 123: मुगलों के साथ निरंतर संघर्ष में रहने वाले मारवाड़ के शासक थे –

Junior Instructor(copa)
A) जसवन्तसिंह
B) मालदेव
C) उदयसिंह
D) चन्द्रसेन
उत्तर: चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चंद्रसेन पहले ऐसे राजपूत शासक थे जिन्होंने अपनी रणनीति में किलों के बजाय जंगलों और पहाड़ी इलाकों को अधिक महत्व दिया। खुले मैदान के युद्ध के स्थान पर गुरिल्ला युद्ध पद्धति को स्थापित करने में, मेवाड़ के महाराणा उदयसिंह के बाद, चंद्रसेन राजपूताने का दूसरा शासक था। राव चंद्रसेन अंतिम राठौड़ शासक थे जिन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की, बल्कि कठिनाइयों भरा मार्ग चुना।

प्रश्न 124: अकबर की शाही सेना ने किसके नेतृत्व में जोधपुर पर कब्जा किया –

Junior Instructor(copa)
A) अबुल फजल
B) मानसिंह
C) हुसैन कुलीखां
D) बदायूनी
उत्तर: हुसैन कुलीखां
व्याख्या: लगभग 1564 ई. में चन्द्रसेन के सौतेले भाई राम अकबर के दरबार में पहुँचे और शाही सहायता की याचना की। अकबर इस अवसर की प्रतीक्षा में ही था। उसने तुरंत हुसैन कुलीखाँ के नेतृत्व में एक सेना भेज दी, जिसने जोधपुर पर अपना अधिकार जमा लिया। मजबूर होकर चन्द्रसेन भाद्राजूण के किले की ओर चले गए।

प्रश्न 125: गोरा धाय ने मारवाड़ के ……… की जान बचाई –

Junior Instructor(copa)
A) उदयसिंह
B) अजीतसिंह
C) सुमेरसिंह
D) चन्द्रसेन
उत्तर: अजीतसिंह
व्याख्या: वीर दुर्गादास, गोरा धाय और मुकुंददास खींची ने अजीत सिंह को चुपके से दिल्ली से निकालकर सिरोही राज्य के कालिन्द्री मंदिर में सुरक्षित छिपा दिया। इस कार्य में मेवाड़ के महाराणा राजसिंह सिसोदिया ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। महाराणा राजसिंह ने अजीतसिंह के भरण-पोषण के लिए दुर्गादास को केलवा की जागीर प्रदान की।

प्रश्न 126: ‘बिना छज्जे का धोळा ढूंढा’ वाक्यांश किस प्रसिद्ध शासक से संबंधित है –

A) जसवंत सिंह
B) राव मालदेव
C) कल्याणमल
D) राव चन्द्रसेन
उत्तर: जसवंत सिंह
व्याख्या: दुर्गादास का जन्म 1638 ई. में सालवा गांव में हुआ था। वे जोधपुर के महाराजा जसवंतसिंह के सेवक आसकरण की तीसरी पत्नी की संतान थे। बालक दुर्गादास अपनी माता के साथ लूणावे गांव में रहकर खेती करके गुजर-बसर करने लगा। 1655 ई. में एक आपसी विवाद के बाद, उसने अपने खेत से होकर सांडनियाँ (मादा ऊँट) ले जाने वाले एक राजकीय चरवाहे को मार डाला। महाराजा ने दुर्गादास को बुलाकर पूरी बात पूछी। दुर्गादास ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कहा कि उस चरवाहे की लापरवाही से न सिर्फ किसानों की फसल नष्ट हो रही थी, बल्कि उसने आपके किले को भी अपशब्द कहते हुए ‘बिना छज्जे का धोळा ढूंढा’ (बिना छत का सफेद खंडहर) कहा था। इसीलिए मैंने उसकी हत्या कर दी।

प्रश्न 127: किसके शासनकाल में जोधपुर ‘पोलो का घर’ कहलाता था –

A) सरदार सिंह
B) जसवंत सिंह
C) तख्त सिंह
D) विजय सिंह
उत्तर: सरदार सिंह
व्याख्या: जोधपुर के महाराजा सरदारसिंह राठौड़ (1895-1911) के शासनकाल के दौरान जोधपुर को ‘पोलो का घर’ कहा जाता था।

प्रश्न 128: औरंगजेब की मृत्यु तक अपने को स्वतंत्र करने का प्रयास करने वाला राजपूत राज्य था –

A) मारवाड़
B) मेवाड़
C) जयपुर
D) बीकानेर
उत्तर: मारवाड़
व्याख्या: जसवंत सिंह की मृत्यु के बाद औरंगजेब ने जोधपुर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया था। औरंगजेब की अहमदनगर में मृत्यु के पश्चात अजीतसिंह ने जोधपुर पर पुनः अधिकार कर लिया।

प्रश्न 129: जोधपुर के कौन से शासक अपने राज्य को स्वतंत्र इकाई रखना चाहते थे –

A) महाराजा हनुवन्त सिंह
B) महाराजा उम्मेद सिंह
C) महाराजा भुपाल सिंह
D) महाराजा भीम सिंह
उत्तर: महाराजा हनुवन्त सिंह
व्याख्या: महाराजा उम्मेदसिंह की मृत्यु के बाद 21 जून, 1947 को उनके पुत्र हनुवंतसिंह जोधपुर के महाराजा बने। उनके शासनकाल में ही देश आजाद हुआ। महाराजा हनुवंतसिंह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के साथ मिलने के इच्छुक थे। लेकिन वी.पी. मेनन, लार्ड माउन्टबेटन और सरदार वल्लभभाई पटेल के समझाने पर महाराजा हनुवंतसिंह ने बड़ी मुश्किल से भारतीय संघ में शामिल होने की सहमति दी।

प्रश्न 130: 1574 ई. में अकबर की सेना के अधिकार के बाद जोधपुर का प्रशासक किसे नियुक्त किया गया –

A) युसुफ खां
B) बदायूंनी
C) बीकानेर के कल्याणमल
D) बीकानेर के रायसिंह
उत्तर: बीकानेर के रायसिंह
व्याख्या: ‘नागौर दरबार’ के बाद मारवाड़ की राजनीतिक स्थिति स्पष्ट हो गई थी। अकबर ने बीकानेर के रायसिंह को जोधपुर का प्रशासक नियुक्त करके, महाराणा प्रताप को मारवाड़ से किसी भी संभावित सहायता या गुजरात में इस मार्ग से होने वाली किसी क्षति की संभावना को समाप्त कर दिया।

प्रश्न 131: किस मारवाड़ नरेश ने मुगल सम्राट औरंगजेब के साथ सहयोग की नीति अपनाई –

A) मोटा राजा उदयसिंह
B) जसवन्त सिंह
C) मालदेव
D) गजसिंह
उत्तर: जसवन्त सिंह
व्याख्या: जसवंतसिंह का जन्म 26 दिसंबर, 1626 ई. को बुरहानपुर में हुआ था। 1638 ई. में मुगल सम्राट शाहजहाँ ने जसवंतसिंह को मानद वस्त्र, जड़ाऊ हथियार और टीका प्रदान किया तथा उन्हें 4000 जात और 4000 सवार का मनसब देकर मारवाड़ का शासक मान्यता प्रदान की। यह समारोह आगरा में संपन्न हुआ।

प्रश्न 132: मारवाड़ के राव मालदेव का उत्तराधिकारी कौन था –

A) राम सिंह
B) चन्द्रसेन
C) उदय सिंह
D) कल्याणमल
उत्तर: चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चंद्रसेन का जन्म 16 जुलाई, 1541 ई. को हुआ था। वह मालदेव और रानी झाला स्वरूप दे के पुत्र थे। स्वरूप दे ने मालदेव से कहकर चंद्रसेन को मारवाड़ का युवराज बनवाया था।

प्रश्न 133: किशनगढ़ राजघराना निम्नलिखित में से किस राजपूत कुल से संबंधित था –

A) चौहान
B) भाटी
C) सिसोदिया
D) राठौड़
उत्तर: राठौड़
व्याख्या: किशनगढ़ रियासत के शासक राठौड़ वंश के थे।

प्रश्न 134: मारवाड़ के राठौड़ वंश का संस्थापक कौन था –

A) राव जोधा
B) राव बीका
C) राव सीहा
D) राव चूंडा
उत्तर: राव सीहा
व्याख्या: मारवाड़ में राठौड़ वंश की स्थापना 1240 ई. में राव सीहा ने की। बीठू गांव (पाली) के ‘देवल अभिलेख’ के अनुसार, राव सीहा कुंवर सेतराम के पुत्र थे और उनकी पत्नी सोलंकी वंश की पार्वती नामक राजकुमारी थी।

प्रश्न 135: निम्नलिखित में से किस रियासत के उम्मेदसिंह अंतिम शासक थे –

A) जैसलमेर
B) अजमेर
C) बीकानेर
D) जोधपुर
उत्तर: जोधपुर
व्याख्या: महाराजा उम्मेदसिंह ने अपने जन्मदिन के अवसर पर 24 जुलाई, 1945 को जोधपुर राज्य में एक विधानसभा के गठन की घोषणा की। 28 मार्च 1947 को महाराजा ने ‘द जोधपुर लेजिस्लेटिव असेंबली रूल्स’ को मंजूरी दी।

प्रश्न 136: निम्न में से किस शासक को अकबर के द्वारा ‘राय’ की उपाधि प्रदान की गई –

A) महाराजा रायसिंह
B) महाराजा सूरसिंह
C) महाराजा गंगासिंह
D) राव कल्याणमल
उत्तर: महाराजा रायसिंह
व्याख्या: रायसिंह ने अपने लिए ‘महाराजाधिराज’ और ‘महाराजा’ की उपाधियाँ धारण कीं। अकबर ने रायसिंह को ‘राय’ की उपाधि और 4000 का मनसब प्रदान किया।

प्रश्न 137: 1572-73 ई. में अकबर ने जोधपुर किसको सुपर्द किया –

A) मोटाराजा उदयसिंह
B) बीकानेर के रायसिंह
C) आमेर के मानसिंह
D) मालदेव के ज्येष्ठ पुत्र राम
उत्तर: बीकानेर के रायसिंह
व्याख्या: ‘नागौर दरबार’ के बाद मारवाड़ की राजनीतिक स्थिति स्पष्ट हो गई थी। अकबर ने बीकानेर के रायसिंह को जोधपुर का प्रशासक नियुक्त करके, महाराणा प्रताप को मारवाड़ से किसी भी संभावित सहायता या गुजरात में इस मार्ग से होने वाली किसी क्षति की संभावना को समाप्त कर दिया।

प्रश्न 138: कतिपय राजपूत शासकों की सूची दी जा रही है – अ. राणा सांगा ब. चन्द्रसेन स. मानसिंह द. रायसिंह इनमें से किन्हीं दो का चयन करें जिन्होंने मुगलों को सहयोग किया –

A) स और द
B) अ और ब
C) ब और स
D) अ और द
उत्तर: स और द
व्याख्या: मानसिंह और रायसिंह ने मुगलों के साथ सहयोग किया। जबकि राणा सांगा और चंद्रसेन ने मुगलों का विरोध किया और उनके साथ सहयोग नहीं किया।

प्रश्न 139: नरेन्द्र मंडल के प्रथम अध्यक्ष थे –

Asst. Agriculture Officer – 2011
A) जयसिंह
B) फतेहसिंह
C) कल्याणसिंह
D) गंगासिंह
उत्तर: गंगासिंह
व्याख्या: मॉन्टेग्यू चेम्सफॉर्ड सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, किंग जॉर्ज पंचम ने 1921 में अपने चाचा ड्यूक ऑफ कनॉट को भारत भेजा। उन्होंने दिल्ली में एक सामान्य दरबार का आयोजन किया, जहाँ नरेन्द्र मण्डल की स्थापना की गई और गंगासिंह को इसका प्रथम चांसलर नियुक्त किया गया।

प्रश्न 140: राठौड़ शासक जो 52 युद्धों का नायक और 58 परगनों का स्वामी रूप में प्रतिष्ठित माना गया –

Asst. Agriculture Officer – 2011
A) चन्द्रसेन
B) मालदेव
C) मानसिंह
D) जोधसिंह
उत्तर: मालदेव
व्याख्या: राव मालदेव ने जोधपुर की गद्दी संभालने के बाद से लेकर अपने अंतिम समय तक अपना पूरा जीवन युद्धों में बिताया। अपने जीवनकाल में उनके पास अधिकतम 58 परगनों का शासन रहा और उन्होंने 52 युद्ध लड़े। 7 नवंबर 1562 ई. को राव मालदेव का निधन हो गया।

प्रश्न 141: राज्यारोहण के समय जसवन्तसिंह का संरक्षक था –

Asst. Agriculture Officer – 2011
A) राजसिंह कूंपावत
B) लक्ष्मणसिंह
C) गोपालसिंह खरवा
D) मानसिंह
उत्तर: राजसिंह कूंपावत
व्याख्या: जसवंतसिंह का जन्म 26 दिसंबर, 1626 ई. को बुरहानपुर में हुआ था। 1638 ई. में मुगल सम्राट शाहजहाँ ने जसवंतसिंह को मानद वस्त्र, जड़ाऊ हथियार और टीका प्रदान किया तथा उन्हें 4000 जात और 4000 सवार का मनसब देकर मारवाड़ का शासक मान्यता प्रदान की। राजसिंह कुंपावत जसवंत सिंह प्रथम के प्रधानमंत्री थे।

प्रश्न 142: अकबर ने अपनी 1570 ई. की नागोर यात्रा के पश्चात जोधपुर दुर्ग किसको सौंपा –

Agriculture Officer – 2 0 1 1
A) मारवाड़ के उदयसिंह
B) बीकानेर के रायसिंह
C) जोधपुर के चन्द्रसेन
D) बुन्दी के राव सुर्जन
उत्तर: बीकानेर के रायसिंह
व्याख्या: ‘नागौर दरबार’ के बाद मारवाड़ की राजनीतिक स्थिति स्पष्ट हो गई थी। अकबर ने बीकानेर के रायसिंह को जोधपुर का प्रशासक नियुक्त करके, महाराणा प्रताप को मारवाड़ से किसी भी संभावित सहायता या गुजरात में इस मार्ग से होने वाली किसी क्षति की संभावना को समाप्त कर दिया।

प्रश्न 143: जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग का निर्माण किसने करवाया –

Librarian Grade III 2018
A) महाराजा उम्मेदसिंह
B) राजा रामसिंह
C) राव जोधा
D) राजा नरसिंह
उत्तर: राव जोधा
व्याख्या: नैणसी, बांकीदास और दयालदास के अनुसार, अपने राज्य की शक्ति को संगठित करने के लिए, राव जोधा ने 1459 ई. में अपने विस्तृत राज्य की नई राजधानी जोधपुर (सूर्य नगरी और नीली नगरी के नाम से प्रसिद्ध) की स्थापना की। राजधानी की सुरक्षा के लिए चिड़िया टूक पहाड़ी पर एक नए किले का निर्माण भी करवाया गया, जिसे मेहरानगढ़ नाम दिया गया।

प्रश्न 144: राजकुमार अजीतसिंह को जोधपुर का राज्य पुन: दिलाने में किस का योगदान सर्वाधिक रहा –

Agriculture Supervisor Exam 2018
A) वीर दुर्गादास राठौड़
B) जैंता व कूंपा
C) पन्नाधाय
D) जयमल व पत्ता
उत्तर: वीर दुर्गादास राठौड़
व्याख्या: वीर दुर्गादास राठौर ने राजकुमार अजीत सिंह के बचपन से लेकर जोधपुर राज्य की पुनः प्राप्ति तक उनका निरंतर समर्थन किया।

प्रश्न 145: राजस्थान में ‘मोटा राजा’ के नाम से कौन प्रसिद्ध था –

COMPILER Exam 2016
A) मारवाड का सूरसिंह
B) मारवाड़ का उदयसिंह
C) मारवाड़ का जसवंतसिंह
D) मारवाड़ का गजसिंह
उत्तर: मारवाड़ का उदयसिंह
व्याख्या: राव चंद्रसेन की मृत्यु के पश्चात जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्षों तक सीधे मुगल शासन के अधीन रहा। इस अवधि के बाद, अकबर ने 1583 ई. में उदयसिंह को मारवाड़ का शासन, सम्मानजनक उपाधियों और वस्त्रों के साथ सौंप दिया। इस प्रकार, मोटाराजा उदयसिंह मारवाड़ का वह पहला शासक बना जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की और उनका अनुग्रह प्राप्त किया।

प्रश्न 146: महाराजा तख्त सिंह (मारवाड़) के राज्यभिषेक के उत्सव में कौनसा पोलिटिकल एजेन्ट सम्मिलित हुआ –

A) लुडलो
B) आक्टरलोनी
C) अल्वेस
D) राॅस
उत्तर: लुडलो
व्याख्या: तख्तसिंह के राज्याभिषेक समारोह में ब्रिटिश पॉलिटिकल एजेंट लुडलो उपस्थित हुआ था। 1857 के विद्रोह के समय मारवाड़ का शासक तख्तसिंह ही था।

प्रश्न 147: किस राजपूत राजा की मृत्यु बुरहानपुर में हुई –

A) अजीत सिंह
B) कर्ण सिंह
C) राय सिंह
D) जसवन्त सिंह
उत्तर: राय सिंह
व्याख्या: रायसिंह ने अपने लिए ‘महाराजाधिराज’ और ‘महाराजा’ की उपाधियाँ धारण कीं। अकबर ने रायसिंह को ‘राय’ की उपाधि और 4000 का मनसब प्रदान किया। जहाँगीर ने रायसिंह की नियुक्ति दक्षिण में कर दी, और 1612 ई. में बुरहानपुर में उनकी मृत्यु हो गई। रायसिंह को ‘मुगल साम्राज्य का स्तंभ’ माना जाता है।

प्रश्न 148: निम्नांकित साहित्यकारों को उनके शासकों से सुमेलित कीजिए एवं नीचे दिये गये कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए –

साहित्यकारशासक
A. मुहणोत नैणसी1. मालदेव
B. महात्मा नरसेन2. रायसिंह
C. अत्रि3. जसवन्त सिंह
D. मुनि जैत4. राणा कुंभा
A) A-4, B-3, C-1, D-2
B) A-2, B-4, C-3, D-1
C) A-3, B-1, C-4, D-2
D) A-1, B-2, C-3, D-4
उत्तर: A-3, B-1, C-4, D-2
व्याख्या: मुंहणौत नैणसी महाराजा जसवंतसिंह प्रथम के दरबारी इतिहासकार एवं चारण थे। राणा कुंभा के दरबारी कवि अत्रि थे, जिन्होंने कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति की रचना की। महात्मा नरसेन, मालदेव के दरबार से संबंधित थे। रायसिंह की प्रशस्ति राजस्थान के बीकानेर स्थित जूनागढ़ किले के द्वार पर अंकित है। इसके रचयिता जैन मुनि जैता थे, जो क्षेमरत्न के शिष्य थे।

प्रश्न 149: जोधपुर के किस शासक को अकबर ने ‘सवाई राजा’ की उपाधि प्रदान की थी –

A) मोटा राजा उदयसिंह
B) महाराजा गजसिंह
C) राव सूरसिंह
D) जसवंतसिंह-1
उत्तर: राव सूरसिंह
व्याख्या: 1604 ई. में अकबर ने राव सूरसिंह को ‘सवाई राजा’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

प्रश्न 150: मारवाड़ के चन्द्रसेन ने मुगलों से संघर्ष के लिए किस स्थान पर सेना को संगठित किया –

A) भाद्राजूण
B) लोहावट
C) काणूजा
D) खरातल
उत्तर: भाद्राजूण
व्याख्या: लगभग 1564 ई. में चन्द्रसेन के सौतेले भाई राम अकबर के दरबार में पहुँचे और शाही सहायता की याचना की। अकबर इस अवसर की प्रतीक्षा में ही था। उसने तुरंत हुसैन कुलीखाँ के नेतृत्व में एक सेना भेज दी, जिसने जोधपुर पर अपना अधिकार जमा लिया। मजबूर होकर चन्द्रसेन भाद्राजूण के किले की ओर चले गए। चन्द्रसेन ने मुगलों से लड़ने के लिए भाद्राजूण में ही अपनी सेना का पुनर्गठन किया।

प्रश्न 151: ‘चैम्बर आॅफ प्रिंसेज’ का प्रथम चांसलर कौन था –

A) महाराजा भीमसिंह
B) करणी सिंह
C) गजसिंह
D) गंगासिंह
उत्तर: गंगासिंह
व्याख्या: 1921 में, मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के कार्यान्वयन हेतु, किंग जॉर्ज पंचम ने अपने चाचा ड्यूक ऑफ कनॉट को भारत भेजा। दिल्ली में आयोजित एक विशाल दरबार में, उन्होंने ‘नरेंद्र मंडल’ (चैंबर ऑफ प्रिंसेज) की स्थापना की, जिसका प्रथम चांसलर बीकानेर के महाराजा गंगासिंह को नियुक्त किया गया।

प्रश्न 152: किस बीकानेर नरेश ने मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार की –

A) राव लूणकरण
B) राव कल्याणमल
C) राव रायसिंह
D) राव बीका
उत्तर: राव कल्याणमल
व्याख्या: जब सम्राट अकबर नागौर में ठहरे हुए थे, तब राजस्थान के अनेक शासकों ने उनसे भेंट की। इसी क्रम में, बीकानेर के राव कल्याणमल अपने पुत्र रायसिंह के साथ नागौर पहुंचे और मुगल सत्ता की अधीनता स्वीकार कर ली। इस प्रकार, वे बीकानेर रियासत के प्रथम शासक बने जिन्होंने मुगलों की संप्रभुता को मान्यता दी।

प्रश्न 153: बीकानेर का पहला कौन सा राजा था जिसने अकबर की अधीनता स्वीकार की –

A) लूणकरण
B) रायसिंह
C) राव बीका
D) कल्याणमल
उत्तर: कल्याणमल
व्याख्या: राव कल्याणमल ने बीकानेर रियासत में मुगल-राठौड़ संबंधों की नींव रखी। अकबर से नागौर में मुलाकात के दौरान, उन्होंने स्वेच्छा से मुगल सम्राट की सर्वोच्चता को स्वीकार किया, जिससे बीकानेर के इतिहास में एक नए युग का आरंभ हुआ।

प्रश्न 154: निम्नलिखित में मारवाड़ के किस राठौड़ शासक ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की थी –

Stenographer Comp. Exam – 2011 (Paper I)
A) राव गंगा
B) मालदेव
C) जसवंत सिंह
D) राव चन्द्रसेन
उत्तर: राव चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन ने मुगल साम्राज्य की अधीनता स्वीकार करने से इनकार कर दिया और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष जारी रखा। उन्होंने पारंपरिक युद्ध पद्धति के स्थान पर छापामार रणनीति को अपनाया, जो बाद में महाराणा प्रताप के लिए एक मिसाल बनी, इसीलिए उन्हें ‘मारवाड़ का प्रताप’ भी कहा जाता है।

प्रश्न 155: बीकानेर राज्य तथा मुगलों के बीच प्रथम संधि पर हस्ताक्षर करने वाले शासक थे –

Stenographer Comp. Exam – 2011 (Paper I)
A) राव बीका
B) कल्याणमल
C) राम सिंह
D) अनूप सिंह
उत्तर: कल्याणमल
व्याख्या: बीकानेर और मुगल साम्राज्य के मध्य हुई प्रथम औपचारिक संधि पर राव कल्याणमल ने हस्ताक्षर किए। यह ऐतिहासिक समझौता नागौर में अकबर से उनकी मुलाकात के दौरान संपन्न हुआ, जिसने दोनों शक्तियों के बीच राजनीतिक संबंधों का मार्ग प्रशस्त किया।

प्रश्न 156: निम्नांकित राज्यों व उनके शासकों की सूचियों को सुमेलित कीजिये –

सूची-1सूची-2
A. बूंदी1. देवसिंह
B. जोधपुर2. मालदेव
C. जयपुर3. ईश्वरी सिंह
D. रणथम्बौर4. गोविन्दराज
Stenographer Comp. Exam – 2011 (Paper I)
A) A-1, B-2, C-3, D-4
B) A-2, B-4, C-1, D-3
C) A-1, B-2, C-4, D-3
D) A-4, B-3, C-2, D-1
उत्तर: A-1, B-2, C-3, D-4
व्याख्या: सही सुमेलन इस प्रकार है: बूंदी के शासक देवसिंह (A-1), जोधपुर के शासक मालदेव (B-2), जयपुर के शासक ईश्वरी सिंह (C-3), और रणथंभौर के शासक गोविंदराज (D-4) थे।

प्रश्न 157: उस राजा का नाम बताइए जिसे फारसी इतिहासकार फरिश्ता ने हिंदुस्तान का सबसे शक्तिशाली शासक कहा था।

A) राव चन्द्र सेन
B) राव मालदेव
C) राव सटल
D) राव सुजा
उत्तर: राव मालदेव
व्याख्या: प्रसिद्ध फारसी इतिहासकार फरिश्ता ने अपने ग्रंथों में राव मालदेव को ‘हिंदुस्तान का सबसे शक्तिशाली शासक’ बताया है। अपने शासनकाल में उन्होंने 58 परगनों पर अधिकार किया और 52 युद्ध लड़े, जिससे मारवाड़ की शक्ति चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई।

प्रश्न 158: राठौर राजवंश के प्रथम शासक कौन थे –

A) राव रणमल
B) मोकल
C) राव जोधा
D) राव चूडा
उत्तर: राव चूडा
व्याख्या: राव चूंडा को मारवाड़ में राठौड़ वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। उन्होंने मण्डोर को राठौड़ों की राजधानी बनाया और अपने सैन्य अभियानों द्वारा नाडोल, डीडवाना तथा नागौर जैसे क्षेत्रों को अपने राज्य में मिलाकर राठौड़ सत्ता का विस्तार किया।

प्रश्न 159: महाराजा गज सिंह किस राज्य के शासक थे –

A) बांसवाड़ा
B) डूंगरपुर
C) धौलपुर
D) जोधपुर
उत्तर: जोधपुर
व्याख्या: महाराजा गजसिंह जोधपुर रियासत के महत्वपूर्ण शासक थे, जिन्होंने मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल में ‘दलथंभन’ की उपाधि प्राप्त की और मारवाड़ की शक्ति को सुदृढ़ किया।

प्रश्न 160: राजस्थान के किस शासक ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था –

A) महाराजा गंगासिंह
B) महाराजा उदयसिंह
C) महाराजा भूपालसिंह
D) महाराजा सवाई जरय॑सिंह
उत्तर: महाराजा गंगासिंह
व्याख्या: बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने देशी रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में तीनों गोलमेज सम्मेलनों (1930, 1931, 1932) में सक्रिय भाग लिया, जहाँ उन्होंने रियासतों के हितों का प्रतिनिधित्व किया।

प्रश्न 161: किस राजपूत शासक को ‘राजपूताना का कर्ण’ कहा जाता है –

Sr Teacher Gr II Special Edu. Comp. Exam 2015 (G.K.)
A) महाराणा कुम्भा
B) सवाई प्रतापसिंह
C) महाराजा रायसिंह
D) महाराजा जसवंत सिंह
उत्तर: महाराजा रायसिंह
व्याख्या: बीकानेर के महाराजा रायसिंह को उनकी दानशीलता और प्रजा-हितैषी नीतियों के कारण ‘राजपूताना का कर्ण’ कहा जाता है। एक भीषण अकाल के दौरान, उन्होंने जनता की सहायता के लिए सदाव्रत खोले और पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की, जिसके लिए इतिहासकार मुंशी देवी प्रसाद ने उन्हें यह उपाधि दी।

प्रश्न 162: राव रायसिंह को ‘राजपुताने का कर्ण’ किसने कहा –

VDO Exam 2nd Shift 27 Dec 2021
A) चिन्तामणि भट्ट
B) मुंशी देवी प्रसाद
C) गंगानंद मैथिल
D) बिठू सूजा
उत्तर: मुंशी देवी प्रसाद
व्याख्या: इतिहासकार मुंशी देवी प्रसाद ने बीकानेर के महाराजा रायसिंह की उदारता और जनकल्याणकारी कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें ‘राजपूताना का कर्ण’ की संज्ञा दी, जो महाभारत के दानवीर कर्ण के समतुल्य थी।

प्रश्न 163: दुर्गादास राठौड़ की छतरी किस राज्य में स्थित है –

A) राजस्थान
B) उत्तर प्रदेश
C) मध्य प्रदेश
D) गुजरात
उत्तर: मध्य प्रदेश
व्याख्या: मारवाड़ के वीर सपूत दुर्गादास राठौड़ का निधन 22 नवंबर, 1718 को उज्जैन में हुआ। उनकी स्मृति में शिप्रा नदी के तट पर एक छतरी का निर्माण किया गया, जो आज भी मध्य प्रदेश में स्थित है। लोकगाथाओं में उन्हें ‘मायड़ एडो पूत जण, जड़ो दुर्गादास’ कहकर याद किया जाता है।

प्रश्न 164: ‘रूठी रानी’ के नाम से कौन प्रसिद्ध है –

Sr. Teacher Gr II Comp. Exam – 2022 (G.K. & Edu. Psychology) Group B
A) उमादे
B) रूपादे
C) हंसा बाई
D) जोधा बाई
उत्तर: उमादे
व्याख्या: रानी उमादे, जो जैसलमेर के रावल लूणकरण की पुत्री और राव मालदेव की पत्नी थीं, ‘रूठी रानी’ के नाम से प्रसिद्ध हुईं। कथाओं के अनुसार, जब लूणकरण ने मालदेव के विरुद्ध षड्यंत्र रचा, तो रानी उमादे ने इसकी सूचना मालदेव तक पहुंचाई, जिसके बाद हुए मनमुटाव के कारण वे सदैव के लिए मालदेव से रूठ गईं और अजमेर के तारागढ़ में निवास करने लगीं।

प्रश्न 165: मारवाड़ से निष्कासन के बाद दुर्गादास को मेवाड़ राज्य में क्या पद दिया गया –

A) सेनापति
B) हाकिम
C) प्रधान
D) मनसबदार
उत्तर: हाकिम
व्याख्या: जब दुर्गादास राठौड़ को मारवाड़ से निष्कासित किया गया, तो मेवाड़ के महाराणा अमरसिंह द्वितीय ने उन्हें शरण दी और विजयपुर की जागीर प्रदान की। मेवाड़ राज्य में उन्हें ‘हाकिम’ (प्रशासक) का महत्वपूर्ण पद सौंपा गया।

प्रश्न 166: राव जोधा ने किस वर्ष में जोधपुर नगर की स्थापना की –

A) 1526 ई.
B) 1539 ई.
C) 1459 ई.
D) 1113 ई.
उत्तर: 1459 ई.
व्याख्या: राव जोधा ने 1459 ईस्वी में चिड़िया टूक पहाड़ी पर मेहरानगढ़ दुर्ग की नींव रखकर जोधपुर नगर की स्थापना की, जो आगे चलकर मारवाड़ की नई राजधानी बनी और ‘सूर्यनगरी’ या ‘नीली नगरी’ के नाम से प्रसिद्ध हुई।

प्रश्न 167: मारवाड़ में राठौड़ वंश के निम्नलिखित प्रारंभिक शासकों को कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए – (i) राव सीहा (ii) राव अस्थान (iii) राव दूहड़ (iv) राव रायपाल सही कूट का चयन करें –

RSMSSB VDO Mains 2022
A) (i), (iii), (iv), (ii)
B) (i), (iii), (ii), (iv)
C) (i), (ii), (iii), (iv)
D) (i), (iv), (iii), (ii)
उत्तर: (i), (ii), (iii), (iv)
व्याख्या: मारवाड़ में राठौड़ वंश के प्रारंभिक शासकों का सही कालक्रम इस प्रकार है: संस्थापक राव सीहा (1240 ई.), उनके बाद राव आसथान (1273-91 ई.), फिर राव धूहड़ (1291-1309 ई.), और अंत में राव रायपाल (1309-13 ई.)।

प्रश्न 168: 1921 में, ब्रिटिश सरकार और भारतीय राज्यों से संबंधित मामलों से निपटने के लिए ‘रॉयल एसेंट’ द्वारा ‘चैंबर ऑफ प्रिंसेस’ (जिसे नरेंद्र मंडल भी कहा जाता है) की स्थापना की गई थी। इस ‘चैंबर ऑफ प्रिंसेस’ (1921-26) का प्रथम चांसलर कौन बना था –

Police Constable Exam (13 May 2022 Shift-2)
A) अलवर का शासक
B) बीकानेर का शासक
C) झालावाड़ का शासक
D) धौलपुर का शासक
उत्तर: बीकानेर का शासक
व्याख्या: 1921 में स्थापित ‘चैंबर ऑफ प्रिंसेस’ (नरेंद्र मंडल) के प्रथम चांसलर के रूप में बीकानेर के महाराजा गंगासिंह को चुना गया। यह नियुक्ति दिल्ली में आयोजित एक विशेष दरबार में की गई, जिसकी अध्यक्षता ड्यूक ऑफ कनॉट ने की थी।

प्रश्न 169: 1564 में चन्द्रसेन के कौन से भाई ने अकबर के दरबार में उपस्थित होकर चन्द्रसेन के विरुद्ध सहायता माँगी –

Lab Assistant Exam 2022 (Science) 28 June 2022 Paper-1
A) जगतसिंह
B) उदयसिंह
C) रामसिंह
D) जगमाल
उत्तर: रामसिंह
व्याख्या: 1564 ईस्वी में, राव चन्द्रसेन के सौतेले भाई रामसिंह ने मुगल सम्राट अकबर के दरबार में जाकर उनके विरुद्ध सैन्य सहायता की याचना की। इस अवसर का लाभ उठाते हुए अकबर ने तुरंत हुसैन कुली खाँ के नेतृत्व में एक सेना भेजी, जिसने जोधपुर पर अधिकार कर लिया, जबकि चन्द्रसेन को भाद्राजून के दुर्ग की ओर पीछे हटना पड़ा।

प्रश्न 170: निम्न में से सुमेलित नहीं है –

सूची-I (युद्ध)सूची-II (वर्ष)
A) गागरोण का युद्धi) 1519
B) सारंगपुर का युद्धii) 1437
C) सुमेल का युद्धiii) 1544
D) साहेबा का युद्धiv) 1641
A) A-i, B-ii, C-iii, D-iv
B) A-ii, B-i, C-iii, D-iv
C) A-i, B-ii, C-iii, D-iv
D) A-iii, B-ii, C-i, D-iv
उत्तर: साहेबा का युद्ध – 1641
व्याख्या: साहेबा का युद्ध वास्तव में 1542 ईस्वी में लड़ा गया था, न कि 1641 ईस्वी में। यह युद्ध मारवाड़ के राव मालदेव और बीकानेर के राव जैतसी के मध्य हुआ था, जिसमें मालदेव की विजय हुई और जैतसी वीरगति को प्राप्त हुए।

प्रश्न 171: राव गंगा की मृत्यु के उपरान्त 5 जून 1531 ईसवी में मारवाड़ का शासक कौन बना –

Lab Assistant Exam 2022 (Science) 29 June 2022 Paper-1
A) वीरमदेव
B) सातलदेव
C) जसवंत सिंह
D) मालदेव
उत्तर: मालदेव
व्याख्या: 5 जून, 1532 को अपने पिता राव गंगा की मृत्यु के पश्चात, राव मालदेव जोधपुर की गद्दी पर आसीन हुए। उनका राज्याभिषेक समारोह सोजत में संपन्न हुआ। वे राव गंगा के ज्येष्ठ पुत्र थे और उन्होंने मारवाड़ को शक्ति के शिखर पर पहुंचाया।

प्रश्न 172: शेरशाह सूरी के आक्रमण के समय मारवाड़ का शासक कौन था –

Lab Assistant Exam 2022 (Science) 29 June 2022 Paper-1
A) राव जोधा
B) राव चन्द्रसेन
C) राव मालदेव
D) मोटा राजा उदयसिंह
उत्तर: राव मालदेव
व्याख्या: जब शेरशाह सूरी ने मारवाड़ पर आक्रमण किया, उस समय राव मालदेव शासक थे। 1544 ईस्वी के गिरी सुमेल के युद्ध में मालदेव की पराजय हुई, जिसके परिणामस्वरूप जोधपुर पर शेरशाह का अधिकार हो गया और बीकानेर का शासन भी शेरशाह की सहायता से कल्याणमल को वापस मिल गया।

प्रश्न 173: ‘सुमेल गिरी का युद्ध’ (1543) किस-किस के मध्य लड़ा गया –

A) मालदेव व हुमायूं के मध्य
B) इब्राहीम लोदी व बाबर के मध्य
C) राव कल्याणमल व शेरशाह के मध्य
D) राव मालदेव व शेरशाह सूरी के मध्य
उत्तर: राव मालदेव व शेरशाह सूरी के मध्य
व्याख्या: सुमेल गिरी का निर्णायक युद्ध 1544 ईस्वी में मारवाड़ के राव मालदेव और अफगान शासक शेरशाह सूरी के बीच लड़ा गया। इस युद्ध में मालदेव की पराजय हुई, जिससे शेरशाह का जोधपुर पर अधिकार हो गया और मारवाड़ की शक्ति को गहरा आघात पहुंचा।

प्रश्न 174: मुगलों के निरंतर संघर्ष में रहने वाले मारवाड़ (जोधपुर) के शासक का नाम बताइये –

Lab Assistant Exam 2022 (Geography)
A) मालदेव
B) चन्द्रसेन
C) उदयसिंह
D) जसवन्तसिंह
उत्तर: चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन अकबर के समकालीन वह पहले राजपूत शासक थे जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी और कभी भी मुगल अधीनता स्वीकार नहीं की। अपनी गुरिल्ला युद्ध नीति के कारण उन्हें ‘मारवाड़ का प्रताप’ कहा जाता है, किंतु इतिहास में उचित स्थान न मिल पाने के कारण वे ‘मारवाड़ के भूला-बिसरा नायक’ बनकर रह गए।

प्रश्न 175: 17वीं शत्ताब्दी के “सिसोदिया-राठौड़ गठबंधन” में, मेवाड़ का शासक था –

Basic Computer Instructor Exam 2022 Paper 1
A) महाराणा जगत सिंह – I
B) महाराणा राज सिंह – I
C) महाराणा अमर सिंह – II
D) महाराणा संग्राम सिंह – II
उत्तर: महाराणा राज सिंह – I
व्याख्या: 17वीं शताब्दी में हुए ऐतिहासिक सिसोदिया-राठौड़ गठबंधन में मेवाड़ की ओर से महाराणा राज सिंह प्रथम शामिल थे। उन्होंने दुर्गादास राठौड़ को शरण देकर औरंगजेब के विरुद्ध अजीत सिंह के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे यह गठबंधन और मजबूत हुआ।

प्रश्न 176: 11 जून 1681 में औरंगजेब के बागी पुत्र अकबर को दुर्गादास किस मराठा सरदार के दरबार में कोंकण साथ ले गया –

Lab Assistant Exam 2022 (Home Science)
A) शिवाजी
B) साहुजी
C) संभाजी
D) पेशवा बाजी राव
उत्तर: संभाजी
व्याख्या: जून 1681 में, जब औरंगजेब के विद्रोही पुत्र शहजादा अकबर का सैन्य अभियान विफल हो गया, तो दुर्गादास राठौड़ ने उनकी सहायता करते हुए उन्हें सुरक्षित रूप से कोंकण पहुंचाया और वहां मराठा शासक संभाजी के दरबार में शरण दिलवाई।

प्रश्न 177: ‘मारवाड़ का भूला-बिसरा नायक’ किसे कहा जाता है –

Basic Computer Instructor Exam 2022 Paper 1
A) राव चंद्रसेन
B) राव गंगदेव
C) महाराजा अजीत सिंह
D) सूर सिंह
उत्तर: राव चंद्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन के स्वतंत्रता संग्राम और उनकी वीरता के बावजूद, इतिहास के पन्नों में उन्हें वह स्थान नहीं मिल सका जिसके वे हकदार थे। इसी कारण उन्हें ‘मारवाड़ का भूला-बिसरा नायक’ कहा जाने लगा, हालांकि उनका संघर्ष महाराणा प्रताप के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना।

प्रश्न 178: सुमेल का युद्ध कब लड़ा गया था –

JEN 2022: Civil Degree (GK)
A) 1519 ई.
B) 1540 ई.
C) 1544 ई.
D) 1437 ई.
उत्तर: 1544 ई.
व्याख्या: राजस्थान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण युद्ध, सुमेल का युद्ध, 1544 ईस्वी में लड़ा गया। इस युद्ध में शेरशाह सूरी की सेना ने राव मालदेव की combined forces को पराजित किया, जिसका मारवाड़ की राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ा।

प्रश्न 179: किस देशी रियासत ने विलय पत्र पर सर्वप्रथम हस्ताक्षर किए –

JEN 2022: Electrical Diploma (GK)
A) मेवाड़
B) बीकानेर
C) जोधपुर
D) कोटा
उत्तर: बीकानेर
व्याख्या: भारतीय स्वतंत्रता के पश्चात रियासतों के एकीकरण के दौरान, बीकानेर रियासत ने सबसे पहले भारतीय संघ में विलय के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, जिससे यह राजस्थान की पहली रियासत बनी जो भारत में शामिल हुई।

प्रश्न 180: राजस्थान में साहेबा का युद्ध जिस वर्ष लड़ा गया था, वह है –

JEN 2022: Electrical Diploma (GK)
A) 1519-20 ई.
B) 1544-45 ई.
C) 1436-37 ई.
D) 1541-42 ई.
उत्तर: 1541-42 ई.
व्याख्या: साहेबा (या पहोबा) का युद्ध 1542 ईस्वी के आसपास लड़ा गया। इस युद्ध में मारवाड़ के राव मालदेव ने बीकानेर के राव जैतसी को पराजित कर उनका वध कर दिया, जिससे मारवाड़ का क्षेत्रीय विस्तार तो हुआ, किंतु अन्य राजपूत शासकों से उनके संबंधों में खटास आ गई।

प्रश्न 181: बीकानेर के शासक रायसिंह का शासन काल था –

JEN 2022: Elec. Mech. Diploma (GK)
A) 1556-1605 ई.
B) 1574-1610 ई.
C) 1574-1612 ई.
D) 1571-1608 ई.
उत्तर: 1574-1612 ई.
व्याख्या: बीकानेर के महाराजा रायसिंह ने 1574 से 1612 ईस्वी तक शासन किया। उन्होंने ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की और मुगल सम्राट अकबर से ‘राय’ की उपाधि तथा 4000 की मनसबदारी प्राप्त की, जो बाद में बढ़ाकर 5000 कर दी गई।

प्रश्न 182: दुर्गादास राठौड़ ने मारवाड़ के किस शासक को गद्दी पर बिठाने में सहयोग दिया –

JEN 2022: Elec. Mech. Diploma (GK)
A) जसवन्तसिंह
B) अजीतसिंह
C) अमरसिंह
D) सूरसिंह
उत्तर: अजीतसिंह
व्याख्या: वीर दुर्गादास राठौड़ ने लगभग दो दशक तक चले संघर्ष के बाद, औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात 1707 ईस्वी में महाराजा अजीत सिंह को जोधपुर की गद्दी पर बैठाने में निर्णायक भूमिका निभाई, जिससे मारवाड़ में राठौड़ शासन की पुनर्स्थापना हुई।

प्रश्न 183: इतिहासकार जी. एच. ओझा के अनुसार, ‘मतीरे की राड़’ नामक युद्ध कब लड़ा गया –

JEN 2022: Elec. Mech. Diploma (GK)
A) 1640 ई. में
B) 1644 ई. में
C) 1648 ई. में
D) 1650 ई. में
उत्तर: 1644 ई. में
व्याख्या: प्रख्यात इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा के अनुसार, ‘मतीरे की राड़’ नामक विवाद युद्ध 1644 ईस्वी में हुआ। यह विवाद नागौर और बीकानेर की सीमा पर एक मतीरे (ककड़ी) के स्वामित्व को लेकर शुरू हुआ, जो दोनों राज्यों के बीच एक बड़े संघर्ष का कारण बना।

प्रश्न 184: जहाँगीर ने ‘दल खम्बन’ या सेना के नियंत्रक की उपाधि दी थी –

Librarian Grade III 2022 (Paper 1)
A) गज सिंह
B) मलिक अंबर
C) मनोहर दास
D) सूर सिंह
उत्तर: गज सिंह
व्याख्या: मुगल सम्राट जहांगीर ने जोधपुर के महाराजा गज सिंह की सैन्य कुशलता से प्रभावित होकर उन्हें ‘दलथंभन’ (सेना को रोकने वाला) की उपाधि प्रदान की। इसके अलावा, 1630 ईस्वी में उन्हें ‘महाराजा’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया।

प्रश्न 185: मालदेव की किस रानी ने मण्डोर के निकट ‘बहुजी – रो – तालाब’ का निर्माण करवाया था –

Junior Instructor (WC&S)2018
A) हीरा – दे – झाली
B) स्वरूप – दे – झाली
C) उमा – दे – भटियानी
D) पारबती सिसोदेनी
उत्तर: स्वरूप – दे – झाली
व्याख्या: राव मालदेव की रानी स्वरूप दे झाली ने जनकल्याण के उद्देश्य से मंडोर के समीप ‘बहूजी रो तालाब’ नामक जलाशय का निर्माण करवाया, जो उनकी लोकोपकारी भावना का प्रतीक बना।

प्रश्न 186: राजस्थान के निम्नलिखित शासकों में से किसे 1576 में चन्द्रसेन के दमन हेतु मुगल सेना के साथ भेजा गया था –

ASSI. TESTING OFFICER 2021
A) मेड़ता के जयमल को
B) आमेर के मानसिंह को
C) जैसलमेर के हरराज को
D) बीकानेर के रायसिंह को
उत्तर: बीकानेर के रायसिंह को
व्याख्या: 1573 ईस्वी में, अकबर ने राव चन्द्रसेन को अधीन करने के लिए एक सैन्य अभियान भेजा, जिसमें बीकानेर के रायसिंह को भी शामिल किया गया। इसके अलावा, अकबर ने रायसिंह को ही जोधपुर का प्रशासक नियुक्त कर दिया, ताकि मेवाड़ से चन्द्रसेन को किसी प्रकार की सहायता न मिल सके।

प्रश्न 187: किस शासक को ‘हशमत वाला राजा’ कहा गया है –

JEN Agriculture 2022
A) राव चन्द्रसेन
B) राव जोधा
C) राव मालदेव
D) राव सूरसिंह
उत्तर: राव मालदेव
व्याख्या: राव मालदेव को फारसी इतिहासकारों द्वारा ‘हशमत वाला बादशाह’ कहा गया, जिसका अर्थ है ‘गर्व और श्रेष्ठता वाला शासक’। 5 जून, 1532 को सोजत में हुए राज्याभिषेक के बाद, उन्होंने मारवाड़ को एक शक्तिशाली राज्य के रूप में स्थापित किया, जिसने उन्हें यह उपाधि दिलवाई।

प्रश्न 188: करमसोत कुल निम्न में से कौन से राजवंश से संबंधित है –

ASSISTANT PROFESSOR (COLLEGE EDUCATION DEPTT.) EXAM 2020
A) शेखावत
B) सिसोदिया
C) राठौड़
D) पाल
उत्तर: राठौड़
व्याख्या: करमसोत शाखा राठौड़ वंश की एक महत्वपूर्ण उपशाखा है, जिसकी स्थापना जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र राव करमसिंह (कर्मसी) ने की थी। इस वंश के लोग ‘करमसोत राठौड़’ के नाम से जाने जाते हैं।

प्रश्न 189: उन दो राजपूत नेताओं को पहचानिए, जिन्होंने मालदेव के विरुद्ध शेरशाह से गठजोड़ किया –

ASSISTANT PROFESSOR (COLLEGE EDUCATION DEPTT.) EXAM 2020
A) रावल लूणकरण और राव जेतसी
B) रावल लूणकरण और राव कल्याणमल
C) बीरमदेव और राव कल्याणमल
D) बीरमदेव और राव जैतसी
उत्तर: बीरमदेव और राव कल्याणमल
व्याख्या: मेड़ता के शासक बीरमदेव और बीकानेर के राव कल्याणमल ने शेरशाह सूरी को मालदेव के विरुद्ध उकसाया, जिसके परिणामस्वरूप शेरशाह ने मारवाड़ पर आक्रमण किया। इसके पीछे एक कारण मालदेव द्वारा हुमायूँ को शरण देने का प्रयास भी था।

प्रश्न 190: निम्नलिखित बीकानेर के शासकों में से किसने खानवा के युद्ध में राणा सांगा की ओर से भाग लिया –

Forester Exam 2020 Shift 2
A) राव कल्याणमल
B) महाराजा रायसिंह
C) राव लूणकर्ण
D) राव बीका
उत्तर: राव कल्याणमल
व्याख्या: 1527 ईस्वी में लड़े गए खानवा के युद्ध में, राणा सांगा की संयुक्त सेना में बीकानेर के राव जैतसी के पुत्र कल्याणमल ने भाग लिया था। इस सेना में मारवाड़, आम्बेर, मेवात, सिरोही सहित कई राजपूत शासक शामिल थे, जिन्होंने बाबर के विरुद्ध लड़ाई लड़ी।

प्रश्न 191: बीकानेर के अनूपसिंह को औरंगजेब ने किस उपाधि से सम्मानित किया था –

Forester Exam 2020 Shift 2
A) माही रखब
B) माही सराव
C) माही जहाँ
D) माही मरातव
उत्तर: माही मरातव
व्याख्या: बीकानेर के महाराजा अनूपसिंह ने औरंगजेब के दक्षिण अभियानों, विशेषकर गोलकुंडा की लड़ाई में, मुगलों का साथ दिया। उनकी सेवाओं से प्रसन्न होकर औरंगजेब ने उन्हें ‘माही मरातिब’ की उपाधि प्रदान की, जो एक सम्मानजनक खिताब था।

प्रश्न 192: मारवाड़ के उस शासक का नाम बताइए, जिसे मुगल बादशाह जहाँगीर द्वारा 1621 ई. में ‘दलथम्भन’ की उपाधि दी गई।

Evaluation Officer 2020
A) महाराजा गज सिंह प्रथम
B) महाराजा हनवन्त सिंह
C) महाराजा जसवन्त सिंह प्रथम
D) महाराजा जसवन्त सिंह द्वितीय
उत्तर: महाराजा गज सिंह प्रथम
व्याख्या: जोधपुर के महाराजा गज सिंह प्रथम को 1621 ईस्वी में मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ‘दलथंभन’ (सेना को रोकने वाला) की उपाधि से विभूषित किया गया। बाद में 1630 ईस्वी में उन्हें ‘महाराजा’ की उपाधि भी प्राप्त हुई, जो उनकी सैन्य प्रतिष्ठा का प्रमाण थी।

प्रश्न 193: अकबर द्वारा निम्नलिखित में से किस शासक को शमशाबाद एवं नूरपुर की जागीर एवं ‘राय’ की उपाधि दी गई –

Sr. Computer Instructor 2022 Paper 1
A) मारवाड़ के मोटाराजा उदयसिंह को
B) आमेर के मानसिंह को
C) बीकानेर के रायसिंह को
D) राय मुकुन्द सिंह को
उत्तर: बीकानेर के रायसिंह को
व्याख्या: मुगल सम्राट अकबर ने बीकानेर के महाराजा रायसिंह को उनकी सेवाओं के बदले में शम्साबाद, नूरपुर तथा जूनागढ़ जैसी जागीरें प्रदान कीं और ‘राय’ की उपाधि से सम्मानित किया, जिसके बाद से वे ‘रायसिंह’ के नाम से प्रसिद्ध हुए।

प्रश्न 194: राव बीका ने किस वर्ष बीकानेर नगर की स्थापना की –

Forest Guard Exam 2022 Shift 1
A) 1459 ई.
B) 1488 ई.
C) 1539 ई.
D) 1388 ई.
उत्तर: 1488 ई.
व्याख्या: राव बीका ने 1485 ईस्वी में रातीघाटी में किले की नींव रखी और 12 अप्रैल, 1488 को अक्षय तृतीया (आखा तीज) के शुभ अवसर पर आसपास के क्षेत्र में अपने नाम पर बीकानेर नगर की स्थापना की। इसी कारण आखा तीज को बीकानेर स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 195: राय सिंह के संदर्भ में निम्नांकित कथनों को पढ़िए एवं नीचे दिए विकल्पों में सही चुनिए – (a) रायसिंह को मुगल दरबार में 5000 की मनसब प्राप्त थी। (b) रायसिंह ने शहजादे सलीम के 1603 ई. के मेवाड़ अभियान में भाग लिया था।

School Lecturer 2022 History (Group – C)
A) दोनों (a) एवं (b) सत्य हैं
B) (a) सत्य है, (b) असत्य है
C) (a) असत्य है, (b) सत्य है
D) दोनों (a) एवं (b) असत्य है
उत्तर: दोनों (A) एवं (B) सत्य हैं
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं। रायसिंह ने 1603 ईस्वी में शहजादा सलीम (बाद में जहांगीर) के मेवाड़ अभियान में भाग लिया था। अकबर की मृत्यु के बाद, जहांगीर ने उनकी मनसबदारी को 4000 से बढ़ाकर 5000 कर दिया, जो उनके प्रति शाही विश्वास को दर्शाता है।

प्रश्न 196: मारवाड़ के राठौड़ राजवंश का संस्थापक कौन था –

Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (morning shift)
A) राव जोधा
B) राव चूंडा
C) राव रणमल
D) राव सीहा
उत्तर: राव सीहा
व्याख्या: मारवाड़ में राठौड़ वंश की नींव 1240 ईस्वी में राव सीहा ने रखी। पाली जिले के बीठू गांव के देवल अभिलेख के अनुसार, वे कुंवर सेतराम के पुत्र थे और 1273 ईस्वी में मुसलमानों के विरुद्ध लड़ते हुए पाली की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।

प्रश्न 197: निम्नलिखित मारवाड़ के शासकों में से किसे मारवाड़ का ‘महाराणा प्रताप’ भी कहा जाता है –

Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (morning shift)
A) राव मालदेव
B) राव जोधा
C) राजा उदयसिंह
D) राव चन्द्रसेन
उत्तर: राव चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन ने महाराणा प्रताप के समान ही मुगल साम्राज्य की अधीनता स्वीकार करने से इनकार कर दिया और छापामार युद्ध नीति अपनाकर लंबे समय तक संघर्ष जारी रखा। उनके इस स्वतंत्रता आंदोलन और रणनीति के कारण ही उन्हें ‘मारवाड़ का प्रताप’ या ‘मारवाड़ का महाराणा प्रताप’ कहा जाता है।

प्रश्न 198: निम्न में से बीकानेर का स्थापना दिवस कौन सा है –

Forest Guard Exam 2022 (11 DEC 2022) (morning shift)
A) शीतलाष्टमी
B) अक्षय तृतीया
C) राम नवमी
D) कृष्ण जन्माष्टमी
उत्तर: अक्षय तृतीया
व्याख्या: बीकानेर नगर की स्थापना 12 अप्रैल, 1488 को अक्षय तृतीया (आखा तीज) के पावन पर्व पर हुई थी, इसीलिए इस दिन को बीकानेर स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन राव बीका ने नगर की नींव रखी थी।

प्रश्न 199: मारवाड़ के किस शासक ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की थी –

CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-2
A) राव अमर सिंह
B) अजीत सिंह
C) राव चन्द्रसेन
D) उदय सिंह
उत्तर: राव चन्द्रसेन
व्याख्या: राव चन्द्रसेन मारवाड़ के एकमात्र ऐसे शासक रहे जिन्होंने अकबर जैसे शक्तिशाली मुगल सम्राट के समक्ष भी स्वतंत्रता का परचम लहराया और आजीवन मुगल अधीनता स्वीकार नहीं की। उनका यह संघर्ष उन्हें राजस्थान के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाता है।

प्रश्न 200: महारानी विक्टोरिया के स्वर्ण जुबली उत्सव में भाग लेने के लिए 1887 में, मारवाड़ के प्रतिनिधि के रूप में किसे इंग्लैण्ड भेजा गया –

CET 2022 (Graduate) 08 January 2023 Shift-2
A) विजय सिंह
B) जसवंत सिंह
C) प्रताप सिंह
D) कल्याण सिंह
उत्तर: प्रताप सिंह
व्याख्या: 1887 में महारानी विक्टोरिया के शासन के पचास वर्ष पूरे होने पर लंदन में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में मारवाड़ रियासत का प्रतिनिधित्व करने के लिए महाराजा प्रताप सिंह को इंग्लैंड भेजा गया था। यह उनके और मारवाड़ राज्य के लिए एक गौरवपूर्ण घटना थी।

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