राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व- राजस्थान की स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधार की गाथा में कई व्यक्तित्वों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, और साहित्यकार शामिल हैं, जिन्होंने अपने कार्यों से राजस्थान और भारत के इतिहास को समृद्ध किया। नीचे प्रमुख व्यक्तित्वों का विस्तृत विवरण और उनके योगदान की जानकारी दी गई है।
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राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व
1. अर्जुनलाल सेठी
- जन्म: 9 दिसंबर 1880, जयपुर।
- शिक्षा: प्रारंभिक शिक्षा जयपुर, उच्च शिक्षा प्रयागराज।
- योगदान:
- आजीवन स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय।
- 1906: जैन प्रचारक सभा की स्थापना।
- 1907: जैन शिक्षा सोसायटी (जैन वर्धमान विद्यालय) की स्थापना, भारत की प्रथम राष्ट्रीय विद्यापीठ, क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण।
- 1912: लॉर्ड हार्डिंग्ज पर बम फेंकने का आरोप।
- 1913: नीमेज/आरा हत्याकांड (बिहार) के आरोप में 5 वर्ष की सजा, वेल्लूर जेल में कैद।
- नरम और गरम दल के बीच कड़ी।
- काकोरी षड्यंत्र केस (1925) में असफाक उल्ला खान को शरण दी।
- अंतिम दिन अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के पास मदरसे में मुस्लिम बच्चों को पढ़ाया, सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा।
- मृत्यु: 22 सितंबर 1941, मुस्लिम समझकर दफनाया गया।
- विशेष:
- महात्मा गांधी अजमेर यात्रा में उनसे मिले।
- रचनाएँ: पार्श्व यज्ञ, मदन पराजय, महेंद्र कुमार, शुद्रमुक्ति, स्त्रीमुक्ति।
2. केसरी सिंह बारहठ
- जन्म: 21 नवंबर 1872, देवपुरा खेड़ा (शाहपुरा, भीलवाड़ा), चारण परिवार।
- उपनाम: राजस्थान केसरी।
- योगदान:
- 1910: वीर भारत सभा, गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना।
- चेतावनी रा चुंगट्या (डिंगल भाषा, 13 सोरठे) रचना, मेवाड़ महाराणा फतेह सिंह को 1903 दिल्ली दरबार (एडवर्ड-II) में भाग लेने से रोका।
- हिंदी का समर्थन, उच्च शिक्षा के लिए जापान जाने की सलाह।
- कवि, इतिहासकार, स्वतंत्रता सेनानी।
- प्रताप सिंह की शहादत पर: “मेरा एक और सुपुत्र भारत माँ की आजादी हेतु शहीद हो गया।”
- रचनाएँ:
- चेतावनी रा चुंगट्या, राज सिंह चरित्र, प्रताप चरित्र, दुर्गादास चरित्र, रूठी रानी।
- अश्वघोष के बुद्ध चरित का हिंदी अनुवाद।
- कविराजा श्यामलदास दधवाड़िया की जीवनी।
- मृत्यु: 14 अगस्त 1941।
3. जोरावर सिंह बारहठ
- जन्म: शाहपुरा, भीलवाड़ा।
- विशेष: केसरी सिंह बारहठ के छोटे भाई, गुरु: अर्जुनलाल सेठी।
- उपनाम: राजस्थान का चंद्रशेखर आजाद।
- योगदान:
- 23 दिसंबर 1912: दिल्ली के चांदनी चौक में लॉर्ड हार्डिंग्ज पर बम फेंका।
- नाम परिवर्तन: अमरदास बैरागी।
- हार्डिंग्ज बम कांड में सक्रिय।
- मृत्यु: 1939।
4. प्रताप सिंह बारहठ
- जन्म: 1893, उदयपुर।
- परिवार: पिता: केसरी सिंह बारहठ, माता: मणिकदेवी।
- योगदान:
- क्रांतिकारी रासबिहारी बोस के सहायक।
- हार्डिंग्ज बम कांड (1912) में चाचा जोरावर सिंह के साथ शामिल।
- 22 वर्ष की आयु में बरेली जेल में पुलिस यातनाओं से 27 मई 1918 को शहीद।
- प्रसिद्ध कथन:
- “मेरी माँ रोती है तो उसे रोने दो, जिससे सैकड़ों माताओं को न रोना पड़े। यदि मैंने दिल का भेद खोल दिया तो यह मेरी वास्तविक मृत्यु होगी और मेरी माता पर अमिट कलंक।”
- अंग्रेज अधिकारी क्लीवलैंड: “मैंने अपने जीवन में इतना मजबूत युवक पहली बार देखा।”
- विशेष: अंग्रेज अधिकारी चार्ल्स क्लीवलैंड ने साहस की प्रशंसा की।
5. गोपाल सिंह खरवा
- विशेष: खरवा ठिकाने (अजमेर) के जागीरदार।
- योगदान:
- राजस्थान के क्रांतिकारी आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान।
- 21 फरवरी 1915 को प्रस्तावित सशस्त्र क्रांति के प्रमुख कार्यकर्ता।
6. विजय सिंह पथिक
- वास्तविक नाम: भूप सिंह।
- जन्म स्थान: गुठावली, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)।
- योगदान:
- बिजोलिया किसान आंदोलन का नेतृत्व।
- फिरोजपुर षड्यंत्र (1915) के बाद नाम परिवर्तन।
- टॉडगढ़ (अजमेर) जेल में कैद।
- संस्थाएँ:
- 1917: ऊपरमाल किसान पंचायत।
- 1919: राजस्थान सेवा संघ, वीर भारत समाज।
- चित्तौड़ के ओछड़ी में विद्या प्रचारिणी सभा।
- समाचार पत्र:
- 1920: राजस्थान केसरी (वर्धा)।
- 1921: नवीन राजस्थान (अजमेर), बाद में तरुण राजस्थान।
- रचनाएँ: अजयमेरु, What Are The Indian States।
- 1919 अमृतसर कांग्रेस अधिवेशन में तिलक के आग्रह पर बिजोलिया आंदोलन प्रस्ताव।
- विशेष: गांधीजी: “बांकी सब बात करते हैं, जबकि पथिक जी सिपाही की तरह काम करते हैं।”
7. सेठ दामोदर दास राठी
- जन्म स्थान: पोकरण (जैसलमेर)।
- उपनाम: स्वाधीनता आंदोलन का भामाशाह।
- योगदान:
- क्रांतिकारियों को आर्थिक सहायता।
- 1889: दी कृष्णा मिल (ब्यावर), राजस्थान की प्रथम सूती वस्त्र मिल।
- संस्थाएँ:
- सनातन धर्म स्कूल (ब्यावर)।
- नवभारत विद्यालय (वर्धा)।
- नागरी प्रचारिणी सभा (हिंदी प्रोत्साहन)।
- अजमेर कार्यालयों में हिंदी प्रयोग की शुरुआत।
8. सागरमल गोपा
- जन्म: 3 नवंबर 1900, जैसलमेर (ब्राह्मण परिवार)।
- उपनाम: थार केसरी।
- योगदान:
- सर्वहितकारिणी वाचनालय की स्थापना, जैसलमेर।
- जैसलमेर के कुशासन, सामंती अत्याचार, जागीरदारी प्रथा के खिलाफ संघर्ष।
- 25 मई 1941: गिरफ्तारी, जैसलमेर जेल में आजादी के दीवाने पुस्तक लिखी।
- 3 अप्रैल 1946: जेलर गुमान सिंह द्वारा जेल में जिंदा जलाया गया।
- गोपाल स्वरूप पाठक समिति: हत्याकांड को आत्महत्या करार दिया।
- रचनाएँ: जैसलमेर में गुंडाराज, आजादी के दीवाने, रघुनाथ सिंह का मुकदमा।
- सम्मान:
- 1986: डाक टिकट।
- इंदिरा गांधी नहर की एक कैनाल का नामकरण।
9. जयनारायण व्यास
- जन्म: 1899, जोधपुर।
- उपनाम: मारवाड़ के लोकनायक, धून के धणी, शेर-ए-राजस्थान, लक्कड़, कक्कड़।
- योगदान:
- 1923: मारवाड़ हितकारिणी सभा का गठन।
- किसान आंदोलनों का नेतृत्व।
- 1951-1954: राजस्थान के मनोनीत और निर्वाचित मुख्यमंत्री।
- समाचार पत्र:
- तरुण राजस्थान (ब्यावर)।
- अखंड भारत (1936, मुंबई)।
- आगीबाण (राजस्थानी)।
- पीप (अंग्रेजी)。
10. गोकुल भाई भट्ट
- जन्म: 25 जनवरी 1898, हाथल गांव (सिरोही)।
- उपनाम: राजस्थान का गांधी।
- योगदान:
- स्वतंत्रता सेनानी, सर्वोदयी नेता।
- 1935: सिरोही प्रजामण्डल की स्थापना।
- सिरोही के राजस्थान में विलय के लिए आंदोलन।
11. भोगीलाल पंड्या
- जन्म: 1904, डूंगरपुर।
- उपनाम: वागड़ का गांधी।
- योगदान:
- डूंगरपुर में आदिवासियों के कल्याण कार्य।
- 1944: डूंगरपुर प्रजामण्डल की स्थापना।
- संस्थाएँ: वागड़ सेवा संघ, वागड़ सेवा मंदिर, सेवा संघ, हरिजन सेवा समिति।
12. हीरालाल शास्त्री
- जन्म: 24 नवंबर 1899, जोबनेर (जयपुर)।
- योगदान:
- रचना: प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र।
- संस्थाएँ: वनस्थली जीवन कुटीर (शांताबाई शिक्षा कुटीर), वनस्थली विद्यापीठ (पत्नी: रतन शास्त्री, संचालिका)।
- 1938: जमनालाल बजाज के साथ जयपुर प्रजामण्डल का पुनर्गठन।
- 1942: जेंटलमेन एग्रीमेंट (मिर्जा इस्माइल के साथ)।
- 30 मार्च 1949: राजस्थान के प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री।
- लोकगीत: प्रलय प्रतीक्षा नमो नमः।
- महिला शिक्षा में अविस्मरणीय योगदान।
13. जमनालाल बजाज
- जन्म: 1889, सीकर।
- उपनाम: गांधीजी का पांचवां पुत्र, भामाशाह।
- योगदान:
- गांधीवादी विचारक, उत्तरदायी शासन की माँग करने वाले प्रथम नेता।
- 1921: सत्याग्रह आश्रम (वर्धा) की स्थापना।
- अपनी पूंजी देशहित में लगाई।
- बीकानेर महाराजा गंगा सिंह ने बीकानेर में प्रवेश पर रोक लगाई।
- स्वयं को “गुलाम नंबर-4” (भारत, देशी राजा, सीकर) कहा।
14. रामनारायण चौधरी
- जन्म: 1896, नीम का थाना (सीकर)।
- योगदान:
- बेंगू किसान आंदोलन का नेतृत्व।
- 1932: हरिजन सेवक संघ की स्थापना।
- समाचार पत्र: नया राजस्थान।
- रचना: बीसवीं सदी का राजस्थान।
15. माणिक्यलाल वर्मा
- जन्म: 1897, बिजोलिया (भीलवाड़ा)।
- योगदान:
- उदाहीन किसान नेता, मेवाड़ प्रजामण्डल आंदोलन के अग्रणी।
- 1938: मेवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना।
- 1934: खांडलाई आश्रम की स्थापना।
- लोकगीत: पंछीड़ा।
- 1949: संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री।
16. हरिभाऊ उपाध्य
- जन्म: 1893, भौरासा, ग्वालियर।
- उपनाम: दा साहब।
- योगदान:
- 1925: गांति आरण्य (आश्रम), सस्ता साहित्य मंडल की स्थापना।
- पत्रिकाएँ: ओदुम्बर, नवजीवन।
- अजमेर में नमक कानून का उल्लंघन।
- अजमेर के मुख्यमंत्री (राजस्थान विलय पूर्व)।
- रचनाएँ: युग धर्म, सर्वोदय के आश्रम, बापू के आश्रम, विश्व की प्रमुख विभूतियाँ।
- सम्मान: 1966 में पद्मश्री।
17. बलवंत सिंह मेहता
- योगदान:
- मेवाड़ प्रजामण्डल का नेतृत्व।
- संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य।
- 1915: प्रताप सभा की स्थापना।
- पंचायती राज आंदोलन के जनक।
- मृत्यु: 2003।
18. टीकाराम पालीवाल
- जन्म स्थान: जयपुर।
- योगदान:
- राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री (3 मार्च 1952)।
- 1929: दिल्ली विद्यार्थी यूथ लीग की स्थापना।
- लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी।
19. दुर्गाप्रसाद चौधरी
- उपनाम: कप्तान।
- योगदान:
- 1936: दीनबंधु चौधरी के साथ दैनिक नवज्योति (अजमेर) का प्रकाशन।
20. मोतीलाल तेजावत
- जन्म: कोलियारी, उदयपुर।
- उपनाम: आदिवासियों का मसीहा, बावजी।
- योगदान:
- एकी/भोमट आंदोलन का नेतृत्विक।
- मेवाड़ की पुकार (21-सूत्री माँग पत्र) प्रस्तुत।
- रोहिड़ा और नीमड़ा कांड।
21. गोविंद गिरी
- जन्म: 1868, बांसिया, डूंगरपुर।
- योगदान:
- भोलों में जागृति।
- 1883: संप सभा की स्थापना (सिरोही)।
22. अमरचंद बांठिया
- योगदान:
- 1857 की क्रांति में राजस्थान के प्रथम शहीद, 22 जून 1858 को ग्वालियर में फांसी।
- झांसी की रानी और तांत्या टोपे को आर्थिक सहायता।
- उपनाम: 1857 का भामाशाह, राजस्थान का मंगल पांडे।
23. दामोदर दास व्यास
- उपनाम: राजस्थान का लौह पुरुष।
- योगदान: स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका।
निष्कर्ष
राजस्थान के इन व्यक्तित्वों ने स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार, शिक्षा, और साहित्य के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। अर्जुनलाल सेठी और केसरी सिंह बारहठ जैसे क्रांतिकारियों, विजय सिंह पथिक और माणिक्यलाल वर्मा जैसे किसान नेताओं, सागरमल गोपा और गोकुल भाई भट्ट जैसे समाज सुधारकों, और हीरालाल शास्त्री और जमनालाल बजाज जैसे गांधीवादियों ने राजस्थान को स्वतंत्रता और एकीकरण की दिशा में प्रेरित किया।