राजस्थान के मेले 🥳 जैसे पुष्कर मेला, कैलादेवी मेला, बेणेश्वर मेला, और अन्य की विस्तृत जानकारी। तिथियाँ, स्थान, और विशेषताओं के साथ तालिका!
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परिचय: राजस्थान के मेलों का अनूठा रंग 🌈
राजस्थान, जिसे रंगों की धरती कहा जाता है, अपने प्रमुख मेलों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। 🥳 ये मेले केवल उत्सव नहीं, बल्कि राजस्थान के इतिहास, परंपराओं, और जीवंतता का प्रतीक हैं। 🏜️ पुष्कर मेला की रंग-बिरंगी भीड़ से लेकर बेणेश्वर मेला के आदिवासी उत्साह तक, हर मेला अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। 🌟
ये मेले विभिन्न समुदायों को एक मंच पर लाते हैं, जहाँ स्थानीय कला, नृत्य, और परंपराएँ जीवंत हो उठती हैं। 🕺💃 चाहे वह कैलादेवी मेला का लांगुरिया नृत्य हो या खाटूश्यामजी मेला का भक्ति भरा माहौल, हर मेला राजस्थान की आत्मा को दर्शाता है। इस लेख में हम राजस्थान के मेलों की विस्तृत जानकारी देंगे, जो चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, और फाल्गुन माह में आयोजित होते हैं। 📅 साथ ही, एक तालिका भी होगी ताकि सारी जानकारी एक नजर में समझ आए। तो चलो, इस रंग-बिरंगे सफर पर निकलते हैं! 🚪
राजस्थान के मेले: माह के अनुसार जानकारी 📜
चैत्र माह के मेले 🌸
- बादशाह मेला
- स्थान: ब्यावर (अजमेर)
- तिथि: चैत्र कृष्ण प्रतिपदा
- विशेषताएँ:
- यह मेला स्थानीय लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है।
- धार्मिक और सामुदायिक आयोजन का केंद्र। 🕉️
- फूलडोल मेला
- स्थान: रामद्वारा (शाहपुरा, भीलवाड़ा)
- तिथि: चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र कृष्ण पंचमी
- विशेषताएँ:
- रामस्नेही संप्रदाय से संबंधित यह मेला शाहपुरा में आयोजित होता है।
- शाहपुरा अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय का पीठ स्थल है।
- होली के दूसरे दिन शुरू होने वाला यह मेला भक्ति और उत्सव का संगम है। 🌺
- शीतला माता का मेला
- स्थान: शील की डूँगरी (चाकसू, जयपुर)
- तिथि: चैत्र कृष्ण अष्टमी
- विशेषताएँ:
- शीतला माता की पूजा के लिए प्रसिद्ध।
- स्थानीय लोग बड़ी संख्या में यहाँ जुटते हैं। 🙏
- ऋषभदेव मेला (केसरिया नाथ जी/काला बावजी का मेला)
- स्थान: धुलैव (उदयपुर)
- तिथि: चैत्र कृष्ण अष्टमी
- विशेषताएँ:
- श्वेताम्बर-दिगम्बर जैन, वैष्णव, शैव, भील, और मुस्लिम समुदायों के श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
- भव्य रथयात्रा आश्विन कृष्ण प्रतिपदा और द्वितीया को निकलती है। 🚩
- ऋषभदेव की मूर्ति काले पत्थर की है, इसलिए भील उन्हें कालाजी कहते हैं।
- केसर के प्रयोग के कारण इसे केसरियाजी भी कहा जाता है।
- जौहर मेला
- स्थान: चित्तौड़गढ़ दुर्ग (चित्तौड़गढ़)
- तिथि: चैत्र कृष्ण एकादशी
- विशेषताएँ:
- चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक दुर्ग में आयोजित।
- यह मेला राजपूत शौर्य और बलिदान को समर्पित है। 🗡️
- घोटिया अम्बा मेला
- स्थान: बाँसवाड़ा
- तिथि: चैत्र माह की अमावस्या
- विशेषताएँ:
- बाँसवाड़ा जिले का सबसे बड़ा मेला।
- राजस्थान, गुजरात, और मध्य प्रदेश से आदिवासी यहाँ जुटते हैं। 🌳
- कैलादेवी मेला
- स्थान: कैलादेवी (करौली)
- तिथि: चैत्र शुक्ल अष्टमी
- विशेषताएँ:
- लांगुरिया नृत्य मेले का मुख्य आकर्षण है। 💃
- मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर (लांगुरिया) भी है।
- इसे लक्खी मेला भी कहते हैं।
- लांगुरिया गीत भक्ति और उत्साह का माहौल बनाते हैं। 🎶
- गुलाबी गणगौर
- स्थान: नाथद्वारा (राजसमंद)
- तिथि: चैत्र शुक्ल पंचमी
- विशेषताएँ:
- वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र नाथद्वारा।
- गणगौर के उत्सव को गुलाबी रंगों से सजाया जाता है। 🌹
- श्री महावीरजी मेला
- स्थान: करौली
- तिथि: चैत्र शुक्ल त्रयोदशी से वैशाख कृष्ण प्रतिपदा
- विशेषताएँ:
- जैन धर्म का सबसे बड़ा मेला।
- भव्य रथयात्रा वैशाख कृष्ण प्रतिपदा को निकलती है। 🚩
- गम्भीरी नदी के किनारे आयोजित।
- लठमार होली यहाँ की विशेषता है। 🎉
- सालासर हनुमान मेला
- स्थान: सालासर (सुजानगढ़, चूरू)
- तिथि: चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जयंती)
- विशेषताएँ:
- हनुमान भक्तों का प्रमुख केंद्र।
- भक्ति और उत्साह का माहौल। 🙏
- बीजासण माता का मेला
- स्थान: लालसोट (दौसा)
- तिथि: चैत्र पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- बीजासण माता की पूजा के लिए प्रसिद्ध।
- स्थानीय भक्तों का बड़ा जमावड़ा। 🕉️
- राम-रावण मेला
- स्थान: बड़ी सादड़ी (चित्तौड़गढ़)
- तिथि: चैत्र शुक्ल दशमी
- विशेषताएँ:
- राम और रावण के बीच युद्ध के प्रतीकात्मक प्रदर्शन।
- स्थानीय परंपराओं का अनूठा संगम। 🏹
वैशाख माह के मेले 🌞
- धींगागवर बेंतमार मेला
- स्थान: जोधपुर
- तिथि: वैशाख कृष्ण तृतीया
- विशेषताएँ:
- होली के एक पखवाड़े बाद गणगौर का विसर्जन।
- महिलाएँ बेंतमार मेला आयोजित करती हैं। 🥳
- धींगागवर की पूजा का विशेष आयोजन।
- नारायणी माता का मेला
- स्थान: सरिस्का (अलवर)
- तिथि: वैशाख शुक्ल एकादशी
- विशेषताएँ:
- नारायणी माता के भक्तों का जमावड़ा।
- धार्मिक आयोजनों का केंद्र। 🙏
- गौतमेश्वर मेला
- स्थान: अरनोद (प्रतापगढ़)
- तिथि: वैशाख पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- गौतमेश्वर महादेव की पूजा।
- स्थानीय और आसपास के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। 🕉️
- बाणगंगा मेला
- स्थान: विराटनगर (जयपुर)
- तिथि: वैशाख पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- बाणगंगा नदी के तट पर आयोजित।
- धार्मिक और सामुदायिक उत्सव। 🌊
- मातृकुण्डिया मेला
- स्थान: राशमी (हरनाथपुरा, चित्तौड़गढ़)
- तिथि: वैशाख पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- हरनाथपुरा गाँव में आयोजित।
- स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक मेला। 🙏
ज्येष्ठ माह के मेले 🌴
- सीतामाता मेला
- स्थान: सीतामाता (प्रतापगढ़)
- तिथि: ज्येष्ठ अमावस्या
- विशेषताएँ:
- सीतामाता की पूजा के लिए प्रसिद्ध।
- स्थानीय और आदिवासी समुदायों का बड़ा मेला। 🌳
- सीताबाड़ी का मेला
- स्थान: केलवाड़ा (शाहबाद, बाराँ)
- तिथि: वैशाख पूर्णिमा से ज्येष्ठ अमावस्या
- विशेषताएँ:
- हाड़ौती अंचल का सबसे बड़ा मेला।
- सहरिया जनजाति का कुंभ के नाम से प्रसिद्ध।
- आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन। 🌟
श्रावण माह के मेले 🌧️
- कल्पवृक्ष मेला
- स्थान: मांगलियावास (अजमेर)
- तिथि: हरियाली अमावस्या
- विशेषताएँ:
- प्रकृति और धार्मिकता का संगम।
- स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। 🌳
- हरियाली अमावस्या मेला
- स्थान: उदयपुर
- शुरुआत: महाराणा फतेहसिंह
- विशेषताएँ:
- हरियाली और उत्सव का माहौल।
- उदयपुर में धूमधाम से मनाया जाता है। 🌿
- गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ मेला
- स्थान: श्रीगंगानगर
- तिथि: श्रावण अमावस्या
- विशेषताएँ:
- सिक्ख समुदाय का प्रमुख मेला।
- धार्मिक आयोजनों का केंद्र। 🙏
- परशुराम महादेव मेला
- स्थान: सादड़ी (पाली)
- तिथि: श्रावण शुक्ल सप्तमी
- विशेषताएँ:
- परशुराम महादेव की पूजा।
- स्थानीय भक्तों का बड़ा जमावड़ा। 🕉️
- वीरपुरी मेला
- स्थान: मंडोर (जोधपुर)
- तिथि: श्रावण माह का अंतिम सोमवार
- विशेषताएँ:
- मंडोर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता मेला।
- स्थानीय परंपराओं का प्रदर्शन। 🏛️
भाद्रपद माह के मेले 🌙
- कजली तीज
- स्थान: बूँदी
- तिथि: भाद्रपद कृष्ण तृतीया
- विशेषताएँ:
- कजली तीज का उत्सव महिलाओं के बीच लोकप्रिय।
- रंग-बिरंगे परिधान और नृत्य। 💃
- जन्माष्टमी
- स्थान: नाथद्वारा (राजसमंद)
- तिथि: भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
- विशेषताएँ:
- भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का उत्सव।
- नाथद्वारा में भक्ति भरा माहौल। 🙏
- गोगानवमी
- स्थान: गोगामेड़ी (हनुमानगढ़)
- तिथि: भाद्रपद कृष्ण नवमी
- विशेषताएँ:
- गोगाजी की पूजा के लिए प्रसिद्ध।
- सामुदायिक सद्भाव का प्रतीक। 🕉️
- राणी सती का मेला
- स्थान: झुंझुनूँ
- तिथि: भाद्रपद अमावस्या
- विशेषताएँ:
- वर्तमान में सती पूजन और महिमा मंडन पर रोक।
- धार्मिक और सामुदायिक आयोजन। 🙏
- बाबा रामदेव मेला
- स्थान: रामदेवरा (रुणेचा, पोकरण, जैसलमेर)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से एकादशी
- विशेषताएँ:
- साम्प्रदायिक सद्भाव का सबसे बड़ा मेला।
- बाबा रामदेव के भक्तों का बड़ा जमावड़ा। 🌟
- गणेशजी का मेला
- स्थान: रणथम्भौर (सवाई माधोपुर)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी
- विशेषताएँ:
- गणेश चतुर्थी का उत्सव।
- रणथम्भौर के मंदिर में भक्ति माहौल। 🙏
- हनुमानजी का मेला
- स्थान: पांडुपोल (अलवर)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी व पंचमी
- विशेषताएँ:
- हनुमान भक्तों का मेला।
- सरिस्का के जंगलों में आयोजित। 🌳
- भोजन थाली मेला
- स्थान: कामां (भरतपुर)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल पंचमी
- विशेषताएँ:
- स्थानीय परंपराओं और भोजन का उत्सव। 🍛
- सवाई भोज मेला
- स्थान: आसींद (भीलवाड़ा)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल अष्टमी
- विशेषताएँ:
- सामुदायिक और धार्मिक आयोजन।
- स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। 🙏
- देवझूलनी मेला
- स्थान: चारभुजा (राजसमंद)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल एकादशी (जलझूलनी एकादशी)
- विशेषताएँ:
- चारभुजानाथ की पूजा।
- जलझूलनी एकादशी का विशेष आयोजन। 🚩
- चारभुजा मेला
- स्थान: गढ़बोर (राजसमंद)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल एकादशी (जलझूलनी एकादशी)
- विशेषताएँ:
- चारभुजानाथ का भव्य मेला।
- भक्ति और उत्सव का संगम। 🙏
- डिग्गी कल्याण जी का मेला
- स्थान: डिग्गी मालपुरा (टोंक)
- तिथि: श्रावण अमावस्या, वैशाख पूर्णिमा, भाद्रपद शुक्ल एकादशी
- विशेषताएँ:
- कल्याणजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
- वर्ष में तीन बार आयोजित। 🕉️
- खेजड़ली मेला
- स्थान: खेजड़ली (जोधपुर)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल दशमी
- विशेषताएँ:
- विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला।
- 1730 ई. में खेजड़ली हत्या कांड में 363 लोग शहीद हुए।
- पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक। 🌳
- चुंघी तीर्थ मेला
- स्थान: चुंघी (जैसलमेर)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी
- विशेषताएँ:
- धार्मिक और सामुदायिक आयोजन।
- जैसलमेर की स्थानीय परंपराएँ। 🏜️
- भर्तृहरि मेला
- स्थान: सरिस्का (अलवर)
- तिथि: वैशाख माह और भाद्रपद शुक्ल सप्तमी-अष्टमी
- विशेषताएँ:
- कालबेलिया नृत्य मुख्य आकर्षण। 💃
- कनफटे साधुओं की उपस्थिति से लघु कुम्भ जैसा दृश्य।
- चिमटा, कमण्डल, और भस्म लपेटे साधु। 🧘
आश्विन माह के मेले 🍂
- दशहरा मेला
- स्थान: कोटा
- तिथि: आश्विन शुक्ल दशमी
- विशेषताएँ:
- देश का तीसरा सबसे बड़ा दशहरा मेला।
- 1579 ई. में राव माधोसिंह द्वारा शुरू।
- 1895 ई. में महाराव उम्मेद सिंह ने विजय पर्व के रूप में शुरू किया। 🏹
- मीरा महोत्सव
- स्थान: चित्तौड़गढ़
- तिथि: आश्विन पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा)
- विशेषताएँ:
- मीरा बाई की भक्ति को समर्पित।
- भक्ति और कला का संगम। 🎶
कार्तिक माह के मेले 🌕
- अन्नकूट मेला
- स्थान: नाथद्वारा (राजसमंद)
- तिथि: कार्तिक शुक्ल एकम्
- विशेषताएँ:
- अन्नकूट उत्सव का धार्मिक आयोजन।
- नाथद्वारा में भव्य उत्सव। 🙏
- गरुड़ मेला
- स्थान: बंशी पहाड़पुर (भरतपुर)
- तिथि: कार्तिक शुक्ल तृतीया
- विशेषताएँ:
- गरुड़ भगवान की पूजा।
- स्थानीय भक्तों का जमावड़ा। 🕉️
- पुष्कर मेला
- स्थान: पुष्कर (अजमेर)
- तिथि: कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- मेरवाड़ा का कुम्भ और राजस्थान का सबसे बड़ा मेला।
- लक्खी मेला के नाम से भी जाना जाता है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेला।
- पर्यटन विभाग द्वारा प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम। 🎭
- दीपदान परंपरा और पशु मेला।
- विदेशी पर्यटक, रंग-बिरंगे वस्त्र, साधु, और सजे हुए ऊँट। 🐪
- कपिल धारा का मेला
- स्थान: बाराँ
- तिथि: कार्तिक पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- सहरिया जनजाति से संबंधित।
- धार्मिक और सामुदायिक आयोजन। 🌳
- चंद्रभागा मेला
- स्थान: झालरापाटन (झालावाड़)
- तिथि: कार्तिक पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- हाड़ौती का सुरंगा मेला।
- चन्द्रभागा नदी के तट पर आयोजित।
- मालवी नस्ल के पशुओं का क्रय-विक्रय। 🐄
- साहवा सिक्ख मेला
- स्थान: साहवा (चूरू)
- तिथि: कार्तिक पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- सिक्ख धर्म का सबसे बड़ा मेला।
- गुरु नानक देव और गुरु गोविन्द सिंह की स्मृतियों से जुड़ा। 🙏
- कपिल मुनि का मेला
- स्थान: कोलायत (बीकानेर)
- तिथि: कार्तिक पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- जांगल प्रदेश का सबसे बड़ा मेला।
- सरोवर में दीपदान महोत्सव दर्शनीय। 🪔
मार्गशीर्ष माह के मेले ❄️
- मानगढ़ धाम पहाड़ी मेला
- स्थान: मानगढ़ पहाड़ी (बाँसवाड़ा)
- तिथि: मार्गशीर्ष पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- गुरु गोविन्द गिरी की स्मृति में आयोजित।
- आदिवासियों का मेला।
- राजस्थान, गुजरात, और मध्य प्रदेश से श्रद्धालु। 🌳
पौष माह के मेले 🌬️
- नाकोड़ा जी का मेला
- स्थान: नाकोड़ा तीर्थ (मेवानगर, बाड़मेर)
- तिथि: पौष कृष्ण दशमी
- विशेषताएँ:
- जैन धर्म से संबंधित मेला।
- नाकोड़ा जी की पूजा और भक्ति। 🙏
माघ माह के मेले 🌕
- श्री चौथमाता का मेला
- स्थान: चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर)
- तिथि: माघ कृष्ण चतुर्थी
- विशेषताएँ:
- चौथमाता की पूजा।
- स्थानीय भक्तों का बड़ा जमावड़ा। 🕉️
- मरु मेला
- स्थान: जैसलमेर
- तिथि: माघ माह (फरवरी)
- विशेषताएँ:
- राजस्थान पर्यटन विकास निगम द्वारा आयोजित।
- साफा बाँधने, रस्सी खींचने, ऊँट दौड़, और ऊँट का पोलो खेल। 🐪
- गैर और अग्नि नृत्य मुख्य आकर्षण। 💃
- बेणेश्वर मेला
- स्थान: नवाटापरा (आसपुर, डूँगरपुर)
- तिथि: माघ शुक्ल एकादशी से माघ पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- आदिवासियों का कुंभ।
- सोम-माही-जाखम नदियों के संगम पर आयोजित।
- संत मावजी से संबंधित।
- खण्डित शिवलिंग की पूजा। 🕉️
- आदिवासी संस्कृति की अनूठी झलक। 🌳
- कानन मेला
- स्थान: कानन (बाड़मेर)
- तिथि: माघ माह (बसंत ऋतु)
- विशेषताएँ:
- गैर नृत्य मुख्य आकर्षण। 💃
- स्थानीय परंपराओं का प्रदर्शन। 🏜️
फाल्गुन माह के मेले 🌷
- शिवरात्रि मेला
- स्थान: शिवाड़ (सवाई माधोपुर)
- तिथि: फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी
- विशेषताएँ:
- महाशिवरात्रि का धार्मिक आयोजन।
- शिव भक्तों का बड़ा मेला। 🕉️
- अन्य प्रसिद्ध शिवरात्रि मेले
- एकलिंगनाथ जी: कैलाशपुरी गाँव (उदयपुर)
- महाशिवरात्रि पशु मेला: करौली
- हल्देश्वर महादेव मेला: पीपलूद (बाड़मेर)
- विशेषताएँ:
- शिव भक्ति और पशु मेलों का संगम। 🐄
- चनणी चेरी मेला
- स्थान: देशनोक (बीकानेर)
- तिथि: फाल्गुन शुक्ल सप्तमी
- विशेषताएँ:
- करणी माता से संबंधित।
- स्थानीय परंपराओं का प्रदर्शन। 🙏
- चन्द्रप्रभु का मेला
- स्थान: तिजारा (अलवर)
- तिथि: फाल्गुन शुक्ल सप्तमी
- विशेषताएँ:
- जैन धर्म से संबंधित।
- चन्द्रप्रभु की पूजा। 🙏
- डाडा पम्पाराम का मेला
- स्थान: विजयनगर (श्रीगंगानगर)
- तिथि: फाल्गुन माह
- विशेषताएँ:
- डाडा पम्पाराम की स्मृति में।
- स्थानीय भक्तों का जमावड़ा। 🙏
- मेहन्दीपुर बालाजी का मेला
- स्थान: मेहन्दीपुर (दौसा)
- तिथि: फाल्गुन माह
- विशेषताएँ:
- हनुमान जी के बाल रूप की पूजा।
- भक्ति और उत्साह का माहौल। 🙏
- खाटूश्यामजी का मेला
- स्थान: खाटूश्यामजी (सीकर)
- तिथि: फाल्गुन शुक्ल दशमी से द्वादशी
- विशेषताएँ:
- शीश के दानी श्रीश्यामजी की पूजा।
- भक्तों का बड़ा मेला। 🙏
- तिलस्वां महादेव मेला
- स्थान: तिलस्वां (माण्डलगढ़, भीलवाड़ा)
- तिथि: फाल्गुन पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- महादेव की पूजा।
- स्थानीय धार्मिक आयोजन। 🕉️
अन्य मेले 🐎
- गधों का मेला
- स्थान: भावगढ़ बंध्या (जयपुर) और सोरसन (बाराँ)
- विशेषताएँ:
- जयपुर में 500 वर्ष पहले कच्छवाहों द्वारा शुरू।
- चन्द्रा मीणा को युद्ध में हराने की खुशी में आयोजित। 🐴
- गंगा दशहरा मेला
- स्थान: कामां (भरतपुर)
- विशेषताएँ:
- गंगा दशहरा का धार्मिक उत्सव।
- स्थानीय परंपराओं का प्रदर्शन। 🌊
- लाल्या व काल्या का मेला
- स्थान: अजमेर
- विशेषताएँ:
- स्थानीय धार्मिक आयोजन।
- भक्तों का जमावड़ा। 🙏
- भद्रकाली माता का मेला
- स्थान: हनुमानगढ़
- विशेषताएँ:
- भद्रकाली माता की पूजा।
- स्थानीय और आसपास के भक्त। 🕉️
- बहरोड़ पशु मेला
- स्थान: बहरोड़ (अलवर)
- विशेषताएँ:
- पशु क्रय-विक्रय का प्रमुख मेला। 🐄
- छींछ माता का मेला
- स्थान: बाँसवाड़ा
- विशेषताएँ:
- छींछ माता की पूजा।
- आदिवासी और स्थानीय भक्त। 🙏
- गरासिया जाति के मेले
- नाम: मनखा रो मेलो, कोटेश्वर का मेला, चेतर विचितर मेला, गणगौर मेला
- विशेषताएँ:
- गरासिया जनजाति की परंपराएँ।
- आदिवासी संस्कृति और नृत्य। 💃
वर्ष में एक से अधिक बार आयोजित होने वाले मेले 🔄
- विरातरा/विरात्रा माता का मेला
- स्थान: विरात्रा (बाड़मेर)
- तिथि: चैत्र, भाद्रपद, माघ शुक्ल चतुर्दशी
- विशेषताएँ:
- विरात्रा माता की पूजा।
- वर्ष में तीन बार आयोजित। 🙏
- त्रिपुरा सुंदरी मेला
- स्थान: तलवाड़ा (बाँसवाड़ा)
- तिथि: चैत्र और आश्विन नवरात्रा
- विशेषताएँ:
- त्रिपुरा सुंदरी की पूजा।
- धार्मिक और सामुदायिक उत्सव। 🕉️
- करणी माता का मेला
- स्थान: देशनोक (बीकानेर)
- तिथि: चैत्र शुक्ल एकम् से दशमी, आश्विन शुक्ल एकम् से दशमी
- विशेषताएँ:
- करणी माता के सम्मान में।
- वर्ष में दो बार नवरात्रि में आयोजित। 🙏
- जीणमाता का मेला
- स्थान: रैवासा (सीकर)
- तिथि: चैत्र और आश्विन नवरात्रा
- विशेषताएँ:
- जीणमाता की पूजा।
- पहाड़ की तलहटी में भव्य मेला। 🕉️
- दधिमति माता का मेला
- स्थान: गोठ-मांगलोद (नागौर)
- तिथि: चैत्र और आश्विन शुक्ल अष्टमी
- विशेषताएँ:
- दधिमति माता की पूजा।
- धार्मिक आयोजन। 🙏
- इंद्रगढ़/बीजासन माता का मेला
- स्थान: इंद्रगढ़ (बूँदी)
- तिथि: चैत्र और आश्विन नवरात्रा, वैशाख पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- बीजासन माता की पूजा।
- वर्ष में तीन बार आयोजित। 🕉️
- चंद्रप्रभु मेला
- स्थान: तिजारा (अलवर)
- तिथि: फाल्गुन शुक्ल सप्तमी, श्रावण शुक्ल दशमी
- विशेषताएँ:
- जैन धर्म से संबंधित।
- चन्द्रप्रभु की पूजा। 🙏
- सैपऊ महादेव
- स्थान: सैपऊ (धौलपुर)
- तिथि: फाल्गुन और श्रावण मास की चतुर्दशी
- विशेषताएँ:
- महादेव की पूजा।
- धार्मिक माहौल। 🕉️
- मनसा माता का मेला
- स्थान: झुंझुनूँ
- तिथि: चैत्र कृष्ण अष्टमी, आश्विन शुक्ल अष्टमी
- विशेषताएँ:
- मनसा माता की पूजा।
- स्थानीय भक्तों का जमावड़ा। 🙏
राज्य-स्तरीय पशु मेले 🐄
- श्री मल्लीनाथ पशु मेला
- स्थान: तिलवाड़ा (बाड़मेर)
- तिथि: चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल एकादशी
- विशेषताएँ:
- लूणी नदी के किनारे आयोजित।
- पशु क्रय-विक्रय का प्रमुख मेला। 🐪
- श्री बलदेव पशु मेला
- स्थान: मेड़ता (नागौर)
- तिथि: चैत्र शुक्ल एकम् से पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- पशु मेला और धार्मिक आयोजन। 🐄
- श्री तेजाजी पशु मेला
- स्थान: परबतसर (नागौर)
- तिथि: भाद्रपद शुक्ल दशमी (तेजा दशमी)
- विशेषताएँ:
- तेजाजी की पूजा।
- पशु क्रय-विक्रय का बड़ा मेला। 🐪
- श्री गोमतीसागर पशु मेला
- स्थान: झालरापाटन (झालावाड़)
- तिथि: वैशाख पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- गोमतीसागर के तट पर।
- पशु मेला। 🐄
- चन्द्रभागा पशु मेला
- स्थान: झालरापाटन (झालावाड़)
- तिथि: कार्तिक पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- चन्द्रभागा नदी के किनारे।
- मालवी नस्ल के पशुओं का क्रय-विक्रय। 🐪
- जसवंत पशु मेला
- स्थान: भरतपुर
- तिथि: आश्विन शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी
- विशेषताएँ:
- पशु मेला और स्थानीय उत्सव। 🐄
- महाशिवरात्रि पशु मेला
- स्थान: करौली
- तिथि: फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी
- विशेषताएँ:
- महाशिवरात्रि के साथ पशु मेला। 🐪
- गोगामेड़ी पशु मेला
- स्थान: हनुमानगढ़
- तिथि: श्रावण पूर्णिमा से भाद्रपद पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- गोगाजी की पूजा।
- पशु क्रय-विक्रय। 🐄
- रामदेव पशु मेला
- स्थान: मानासर (नागौर)
- तिथि: माघ शुक्ल एकम् से माघ पूर्णिमा
- विशेषताएँ:
- बाबा रामदेव की स्मृति में।
- पशु मेला। 🐪
- बदराना पशु मेला
- स्थान: नवलगढ़ (झुंझुनूँ)
- विशेषताएँ:
- शेखावाटी का प्रसिद्ध पशु मेला।
- पशु क्रय-विक्रय का केंद्र। 🐄
- सेवड़िया पशु मेला
- स्थान: रानीवाड़ा (जालोर)
- विशेषताएँ:
- स्थानीय पशु मेला।
- जालोर की परंपराएँ। 🐪
मुस्लिम धर्म के प्रमुख उर्स 🕌
- ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती (गरीब नवाज) का उर्स
- स्थान: अजमेर
- तिथि: रज्जब माह की 1 से 6 तारीख
- विशेषताएँ:
- मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा मेला।
- ख्वाजा साहब ईरान से भारत आए।
- बुलन्द दरवाजे पर झण्डा फहराने के साथ शुरू। 🚩
- कुल की रस्म (रज्जब की छठी तारीख) और बड़े कुल की रस्म (नवीं तारीख)।
- सर्वधर्म समभाव की मिसाल। 🙏
- तारकीन का उर्स
- स्थान: नागौर
- विशेषताएँ:
- काजी हम्मीदुद्दीन नागौरी की दरगाह।
- अजमेर के बाद सबसे बड़ा उर्स। 🕌
- गलियाकोट का उर्स
- स्थान: गलियाकोट (डूँगरपुर)
- तिथि: मुर्हरम की 27वीं तारीख
- विशेषताएँ:
- माही नदी के तट पर सैय्यद फखरुद्दीन की मजार।
- दाऊदी बोहरा समाज का आस्था केंद्र। 🙏
- नरहड़ की दरगाह का मेला
- स्थान: नरहड़ (झुंझुनूँ)
- तिथि: कृष्ण जन्माष्टमी
- विशेषताएँ:
- हजरत हाजिब शक्कर बादशाह की दरगाह।
- शक्कर पीर बाबा के नाम से प्रसिद्ध। 🕌
- मलिक शाह पीर का उर्स
- स्थान: जालोर दुर्ग
- विशेषताएँ:
- स्थानीय धार्मिक आयोजन।
- सूफी परंपराएँ। 🙏
- चौटिला पीर का उर्स
- स्थान: पीर दुल्लेशाह की दरगाह (पाली)
- तिथि: चैत्र कृष्ण प्रतिपदा व द्वितीया
- विशेषताएँ:
- सूफी संत की स्मृति में।
- स्थानीय भक्तों का जमावड़ा। 🕌
- पंजाबशाह का उर्स
- स्थान: अजमेर
- विशेषताएँ:
- सूफी परंपराओं का उत्सव।
- धार्मिक माहौल। 🙏
पारंपरिक मेलों के अतिरिक्त मेले और महोत्सव 🎉
- ऊँट महोत्सव
- स्थान: बीकानेर
- तिथि: जनवरी
- विशेषताएँ:
- ऊँटों से संबंधित प्रतियोगिताएँ।
- स्थानीय कला और परंपराएँ। 🐪
- मरु महोत्सव
- स्थान: जैसलमेर
- तिथि: जनवरी-फरवरी
- विशेषताएँ:
- रेगिस्तानी संस्कृति का प्रदर्शन।
- गैर और अग्नि नृत्य। 💃
- हाथी महोत्सव
- स्थान: जयपुर
- तिथि: मार्च
- विशेषताएँ:
- सजे हुए हाथियों की परेड।
- पर्यटकों का आकर्षण। 🐘
- मत्स्य उत्सव
- स्थान: अलवर
- तिथि: सितम्बर-अक्टूबर
- विशेषताएँ:
- अलवर की स्थानीय परंपराएँ।
- सांस्कृतिक आयोजन। 🎭
- ग्रीष्म महोत्सव (समर फेस्टिवल)
- स्थान: माउण्ट आबू और जयपुर
- तिथि: मई-जून
- विशेषताएँ:
- गर्मियों में पर्यटकों के लिए आयोजन।
- नृत्य और संगीत। 🎶
- मारवाड़ महोत्सव
- स्थान: जोधपुर
- तिथि: अक्टूबर
- विशेषताएँ:
- मारवाड़ की परंपराएँ।
- लोक नृत्य और संगीत। 💃
- वागड़ मेला
- स्थान: डूँगरपुर
- तिथि: नवम्बर
- विशेषताएँ:
- वागड़ अंचल की संस्कृति।
- आदिवासी परंपराएँ। 🌳
- शरद महोत्सव
- स्थान: माउण्ट आबू
- तिथि: दिसम्बर
- विशेषताएँ:
- शरद ऋतु में पर्यटकों के लिए आयोजन।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम। 🎭
- डीग महोत्सव
- स्थान: डीग (भरतपुर)
- तिथि: जन्माष्टमी
- विशेषताएँ:
- डीग के जलमहलों की पृष्ठभूमि।
- धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन। 🌊
- थार महोत्सव
- स्थान: बाड़मेर
- तिथि: फरवरी
- विशेषताएँ:
- थार रेगिस्तान की संस्कृति।
- लोक नृत्य और संगीत। 💃
- मीरा महोत्सव
- स्थान: चित्तौड़गढ़
- तिथि: अक्टूबर
- विशेषताएँ:
- मीरा बाई की भक्ति को समर्पित।
- सांस्कृतिक आयोजन। 🎶
- गणगौर मेला
- स्थान: जयपुर
- तिथि: मार्च
- विशेषताएँ:
- गणगौर की पूजा।
- रंग-बिरंगे परिधान और नृत्य। 💃
- बैलून महोत्सव
- स्थान: बाड़मेर
- तिथि: फरवरी
- विशेषताएँ:
- हॉट एयर बैलून की सैर।
- पर्यटकों का आकर्षण। 🎈
- अन्य मेले
- सरस मेला (हस्तशिल्प)
- अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव
- धुलण्डी उत्सव
- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल: साहित्यिक उत्सव
- आभानेरी उत्सव: दौसा
- रणकपुर उत्सव: पाली
- गोड़वाड़ मेला: पाली
- चंद्रभागा मेला: झालावाड़
राजस्थान के मेलों का महत्व 🌟
राजस्थान के मेले इस धरती की जीवंतता और परंपराओं का प्रतीक हैं। ये मेले विभिन्न समुदायों को एक मंच पर लाते हैं, जहाँ भक्ति, कला, और उत्सव का अनूठा संगम देखने को मिलता है। 😊
- ऐतिहासिक महत्व:
- पुष्कर मेला और ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती का उर्स सर्वधर्म समभाव का प्रतीक हैं।
- खेजड़ली मेला पर्यावरण संरक्षण की कहानी कहता है। 🌳
- पर्यटन:
- पुष्कर मेला, मरु महोत्सव, और ऊँट महोत्सव जैसे आयोजन लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 📸
- विदेशी पर्यटक रंग-बिरंगे वस्त्रों, साधुओं, और सजे हुए ऊँटों को देखने आते हैं। 🐪
- वास्तविकता:
- कैलादेवी मेला में लांगुरिया नृत्य और बेणेश्वर मेला में आदिवासी संस्कृति राजस्थान की आत्मा को दर्शाती है। 💃
राजस्थान के प्रमुख मेले: तालिका 📋
मेला | स्थान | तिथि | विशेषताएँ |
---|---|---|---|
बादशाह मेला | ब्यावर (अजमेर) | चैत्र कृष्ण प्रतिपदा | धार्मिक और सामुदायिक आयोजन |
फूलडोल मेला | शाहपुरा (भीलवाड़ा) | चैत्र कृष्ण प्रतिपदा-पंचमी | रामस्नेही संप्रदाय, होली के बाद |
शीतला माता का मेला | शील की डूँगरी (जयपुर) | चैत्र कृष्ण अष्टमी | शीतला माता की पूजा |
ऋषभदेव मेला | धुलैव (उदयपुर) | चैत्र कृष्ण अष्टमी | रथयात्रा, केसरियाजी, कालाजी |
जौहर मेला | चित्तौड़गढ़ | चैत्र कृष्ण एकादशी | राजपूत शौर्य और बलिदान |
घोटिया अम्बा मेला | बाँसवाड़ा | चैत्र अमावस्या | आदिवासी मेला |
कैलादेवी मेला | करौली | चैत्र शुक्ल अष्टमी | लांगुरिया नृत्य, लक्खी मेला |
गुलाबी गणगौर | नाथद्वारा | चैत्र शुक्ल पंचमी | वल्लभ संप्रदाय, गणगौर उत्सव |
श्री महावीरजी मेला | करौली | चैत्र शुक्ल त्रयोदशी-वैशाख कृष्ण प्रतिपदा | जैन मेला, लठमार होली |
सालासर हनुमान मेला | सालासर (चूरू) | चैत्र पूर्णिमा | हनुमान जयंती |
बीजासण माता का मेला | लालसोट (दौसा) | चैत्र पूर्णिमा | बीजासण माता की पूजा |
राम-रावण मेला | बड़ी सादड़ी (चित्तौड़गढ़) | चैत्र शुक्ल दशमी | राम-रावण युद्ध प्रदर्शन |
धींगागवर बेंतमार मेला | जोधपुर | वैशाख कृष्ण तृतीया | गणगौर विसर्जन, महिलाओं का मेला |
नारायणी माता का मेला | सरिस्का (अलवर) | वैशाख शुक्ल एकादशी | नारायणी माता की पूजा |
गौतमेश्वर मेला | अरनोद (प्रतापगढ़) | वैशाख पूर्णिमा | गौतमेश्वर महादेव की पूजा |
बाणगंगा मेला | विराटनगर (जयपुर) | वैशाख पूर्णिमा | बाणगंगा नदी के तट पर |
मातृकुण्डिया मेला | राशमी (चित्तौड़गढ़) | वैशाख पूर्णिमा | धार्मिक आयोजन |
सीतामाता मेला | सीतामाता (प्रतापगढ़) | ज्येष्ठ अमावस्या | सीतामाता की पूजा |
सीताबाड़ी का मेला | केलवाड़ा (बाराँ) | वैशाख पूर्णिमा-ज्येष्ठ अमावस्या | सहरिया जनजाति का कुंभ |
कल्पवृक्ष मेला | मांगलियावास (अजमेर) | हरियाली अमावस्या | प्रकृति और धार्मिकता |
हरियाली अमावस्या मेला | उदयपुर | हरियाली अमावस्या | महाराणा फतेहसिंह द्वारा शुरू |
गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ मेला | श्रीगंगानगर | श्रावण अमावस्या | सिक्ख समुदाय का मेला |
परशुराम महादेव मेला | सादड़ी (पाली) | श्रावण शुक्ल सप्तमी | परशुराम महादेव की पूजा |
वीरपुरी मेला | मंडोर (जोधपुर) | श्रावण माह का अंतिम सोमवार | मंडोर की परंपराएँ |
कजली तीज | बूँदी | भाद्रपद कृष्ण तृतीया | महिलाओं का उत्सव |
जन्माष्टमी | नाथद्वारा | भाद्रपद कृष्ण अष्टमी | श्रीकृष्ण जन्मोत्सव |
गोगानवमी | गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) | भाद्रपद कृष्ण नवमी | गोगाजी की पूजा |
राणी सती का मेला | झुंझुनूँ | भाद्रपद अमावस्या | सती पूजन पर रोक |
बाबा रामदेव मेला | रामदेवरा (जैसलमेर) | भाद्रपद शुक्ल द्वितीया-एकादशी | साम्प्रदायिक सद्भाव |
गणेशजी का मेला | रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) | भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी | गणेश चतुर्थी |
हनुमानजी का मेला | पांडुपोल (अलवर) | भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी-पंचमी | हनुमान पूजा |
भोजन थाली मेला | कामां (भरतपुर) | भाद्रपद शुक्ल पंचमी | भोजन उत्सव |
सवाई भोज मेला | आसींद (भीलवाड़ा) | भाद्रपद शुक्ल अष्टमी | सामुदायिक आयोजन |
देवझूलनी मेला | चारभुजा (राजसमंद) | भाद्रपद शुक्ल एकादशी | जलझूलनी एकादशी |
चारभुजा मेला | गढ़बोर (राजसमंद) | भाद्रपद शुक्ल एकादशी | चारभुजानाथ की पूजा |
डिग्गी कल्याण जी का मेला | डिग्गी मालपुरा (टोंक) | श्रावण अमावस्या, वैशाख पूर्णिमा, भाद्रपद शुक्ल एकादशी | विष्णु अवतार कल्याणजी |
खेजड़ली मेला | खेजड़ली (जोधपुर) | भाद्रपद शुक्ल दशमी | विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला |
चुंघी तीर्थ मेला | चुंघी (जैसलमेर) | भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी | धार्मिक आयोजन |
भर्तृहरि मेला | सरिस्का (अलवर) | वैशाख माह, भाद्रपद शुक्ल सप्तमी-अष्टमी | कालबेलिया नृत्य |
दशहरा मेला | कोटा | आश्विन शुक्ल दशमी | देश का तीसरा सबसे बड़ा दशहरा मेला |
मीरा महोत्सव | चित्तौड़गढ़ | आश्विन पूर्णिमा | मीरा बाई की भक्ति |
अन्नकूट मेला | नाथद्वारा | कार्तिक शुक्ल एकम् | अन्नकूट उत्सव |
गरुड़ मेला | बंशी पहाड़पुर (भरतपुर) | कार्तिक शुक्ल तृतीया | गरुड़ भगवान की पूजा |
पुष्कर मेला | पुष्कर (अजमेर) | कार्तिक शुक्ल एकादशी-पूर्णिमा | मेरवाड़ा का कुम्भ |
कपिल धारा का मेला | बाराँ | कार्तिक पूर्णिमा | सहरिया जनजाति |
चंद्रभागा मेला | झालरापाटन (झालावाड़) | कार्तिक पूर्णिमा | मालवी पशु क्रय-विक्रय |
साहवा सिक्ख मेला | साहवा (चूरू) | कार्तिक पूर्णिमा | सिक्ख धर्म का सबसे बड़ा मेला |
कपिल मुनि का मेला | कोलायत (बीकानेर) | कार्तिक पूर्णिमा | जांगल प्रदेश का सबसे बड़ा मेला |
मानगढ़ धाम पहाड़ी मेला | मानगढ़ पहाड़ी (बाँसवाड़ा) | मार्गशीर्ष पूर्णिमा | आदिवासियों का मेला |
नाकोड़ा जी का मेला | नाकोड़ा तीर्थ (बाड़मेर) | पौष कृष्ण दशमी | जैन धर्म से संबंधित |
श्री चौथमाता का मेला | चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर) | माघ कृष्ण चतुर्थी | चौथमाता की पूजा |
मरु मेला | जैसलमेर | माघ माह (फरवरी) | गैर और अग्नि नृत्य |
बेणेश्वर मेला | नवाटापरा (डूँगरपुर) | माघ शुक्ल एकादशी-पूर्णिमा | आदिवासियों का कुंभ |
कानन मेला | कानन (बाड़मेर) | माघ माह | गैर नृत्य |
शिवरात्रि मेला | शिवाड़ (सवाई माधोपुर) | फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी | महाशिवरात्रि |
चनणी चेरी मेला | देशनोक (बीकानेर) | फाल्गुन शुक्ल सप्तमी | करणी माता से संबंधित |
चन्द्रप्रभु का मेला | तिजारा (अलवर) | फाल्गुन शुक्ल सप्तमी | जैन धर्म |
डाडा पम्पाराम का मेला | विजयनगर (श्रीगंगानगर) | फाल्गुन माह | डाडा पम्पाराम की स्मृति |
मेहन्दीपुर बालाजी का मेला | मेहन्दीपुर (दौसा) | फाल्गुन माह | हनुमान जी के बाल रूप की पूजा |
खाटूश्यामजी का मेला | खाटूश्यामजी (सीकर) | फाल्गुन शुक्ल दशमी-द्वादशी | शीश के दानी श्रीश्यामजी |
तिलस्वां महादेव मेला | तिलस्वां (भीलवाड़ा) | फाल्गुन पूर्णिमा | महादेव की पूजा |
निष्कर्ष: राजस्थान के मेलों की जीवंतता 🌈
राजस्थान के मेले इस धरती की आत्मा को दर्शाते हैं। ये मेले केवल उत्सव नहीं, बल्कि भक्ति, कला, और सामुदायिक एकता का प्रतीक हैं। 😊 पुष्कर मेला का रंग-बिरंगा माहौल, बेणेश्वर मेला की आदिवासी संस्कृति, और ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती का उर्स का सर्वधर्म समभाव – ये सब राजस्थान की विविधता को दर्शाते हैं। 🌟
अगर आप राजस्थान की सैर पर जा रहे हैं, तो इन मेलों में जरूर शामिल हों। कैलादेवी मेला का लांगुरिया नृत्य, मरु महोत्सव की रेगिस्तानी संस्कृति, और खाटूश्यामजी मेला का भक्ति माहौल आपके दिल को छू लेगा! 📸
प्रश्न और जवाब (FAQs)
- राजस्थान का सबसे बड़ा मेला कौन सा है?
पुष्कर मेला राजस्थान का सबसे बड़ा और अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेला है। 🐪 - कैलादेवी मेला क्यों प्रसिद्ध है?
कैलादेवी मेला अपने लांगुरिया नृत्य और लक्खी मेला के रूप में प्रसिद्ध है। 💃 - बेणेश्वर मेला किसके लिए जाना जाता है?
बेणेश्वर मेला आदिवासियों का कुंभ है, जो सोम-माही-जाखम नदियों के संगम पर आयोजित होता है। 🌳 - ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती का उर्स क्यों खास है?
यह मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा मेला है और सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है। 🕌 - खेजड़ली मेला क्यों अनूठा है?
खेजड़ली मेला विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला है, जो पर्यावरण संरक्षण को समर्पित है। 🌳
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