- गंगापुरसिटी जिला बनने के बाद पुनर्गठित सवाई माधोपुर जिले में अब 5 उपखंड (सवाई माधोपुर, खंडार, चौथ का बरवाड़ा, बौली, मलारनाडूगूर) व 6 तहसीलें( सवाई माधोपुर, खंडार, चौथ का बरवाड़ा, बौंली, मित्रपुरा, मलारनाडूंगर) रह गई हैं।
- सवाई माधोपुर जिले की सीमा 6 जिलों-दौसा, गंगापुरसिटी, करौली, कोटा, बूंदी व टोंक से लगती है। अंतर्शाज्यीय सीमा मध्यप्रदेश सेलगती है ।
- सवाई माधोपुर जिले का शुभंकर- बाघ
- सवाई माधोपुर पूर्वी मैदानी प्रदेश के अन्तर्गत आता है।
- सवाई माधोपुर डांग क्षेत्र या बीहड़ क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
- यहाँ सामान्यतः पतझड़ी वनस्पति पाई जाती है।
- सवाईमाधोपुर नगर की स्थापना सवाई माधोसिंह प्रथम द्वारा 1763 में की गई।
- गोविंदराज चौहान प्रथम – 1194 ई. में रणथंभौर में चौहान वंश की स्थापना की।
- जैत्रसिंह- जैत्रसिंह के 32 वर्षों के शासनकाल की याद में 32 खंभों की छतरी बनी हुई है, जिसे न्याय की छतरी कहते हैं।
- हम्मीरदेव चचौहान – यह जैत्रसिंह के पुत्र थे। इतिहास में यह हठ के लिए प्रसिद्ध हैं। 1290 ई. में इन्होंने जलालुद्दीन खिलजी को पराजित किया । हम्मीरदेव रणथंभौर चौहान वंश का सबसे शक्तिशाली राजा था। हम्मीरदेव चौहान ने पंडित विश्वभट्ट के नेतृत्व में “कोटिजन युक्त यज्ञ’ करवाया ।
- रणर्थंभौर का युद्ध- 11 जुलाई 1301 को हम्मीरदेव और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य लड़ा गया, जिसमें अलाउद्दीन खिलजी विजयी हुआ। रंगदेवी के नेतृत्व में जौहर हुआ । हम्मीरदेव के नेतृत्व में केसरिया हुआ। यह राजस्थान का प्रथम साका था। यहाँ एक मात्र जल जौहर था। यह जौहर पद्म तालाब में हुआ।
- राघवदेव- हम्मीरदेव के गुरु थे।
- अमीर खुसरो- अलाउद्दीन खिलजी का इतिहासकार जो रणर्थंभौर युद्ध में उपस्थित था।
- अकबर ने रणथंभौर दर्ग मे टकसाल स्थापित करवाई।
- रणथंभौर का किला- यह दर्ग एरण श्रेणी का है । अबुल फजल ने इस दुर्ग के बारे में कहा था कि ‘बाकी सभी दुर्ग नंगे है, जबकि यह एकमात्र बख्तरबंद दुर्ग है । यह दुर्ग यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक धरोहर में सम्मिलित है ।
- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान–1 974 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना में शामिल किया गया। 1980 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया । यह राजस्थान का पहला राष्ट्रीय उद्यान है। देश की सबसे छोटी बाघ परियोजना है।
- सवाई माधोपुूर जिले में रणथम्भौर दुर्ग में स्थित गणेशजी के त्रिनेत्र मंदिर को श्रद्धालु शादी-विवाह तथा अन्य मांगलिक अवसरों पर प्रथम आमंत्रण भेजते हैं ।
- संगमरमर की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध बाँसटोरड़ा नामक स्थल का संबंध किस जिले से है ?- सवाई माधोपुर से।
- मिटी के खिलौनो एवं बर्तन के लिए प्रसिद्ध श्यामोता गाँव किस जिले में स्थित है ?-सवाई माधोपुर में ।
- घुश्मेश्वर महादेव का मंदिर सिवाड़ ग्राम (सवाई माधोपुर) में स्थित है । यह स्थल भगवांन् श्री घुश्मेश्वर ज्योतिलिंग की लीला स्थली है । मंदिर के समीप ही सिवाड़ का प्रसिद्ध किला भी स्थित है।
- वह अभयारण्य जिसकी भूगर्भीय संरचना अद्वितीय है अर्थात जहाँ दो अलग-अलग पर्वत শृखलाएँ मिलती है?-रणथम्भौर अभयारण्य में दो अलग–अलग पर्वत श्रृंखलाएँ विध्याचल एवं अरावली मिलती हैं।
- मध्यप्रदेंश की सीमा पर चम्बल नदी पर स्थित रामेश्वर घाट जहाँ पर तीन प्रमुख नदियाँ चम्बल, बनास एव सीप सवाई माधोपुर में आकर मिलती हैं तीन प्रमुख नदियों के संगम को त्रिवेणी के रूप में जाना जाता है।
- सवाई माधोपुर जिले में स्थित चौथ का बरवाड़ा ग्राम में प्रतिवर्ष माघ कृष्णा तृतीया से माघ कृष्णा अष्टमी तक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।
- तंत्र विद्या के लिए जाना जाने वाला काला-गोरा भैँरव मंदिर सवाई माधोपुर शहर में स्थित है।
- रणथम्भौर दुर्ग- निर्माण : 994 ई. में रणथम्मन देव द्वारा। वर्ष 2013 में इस दुर्ग को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
- नोट: झाइन का किला को रणथम्भौर दुर्ग की कुँजी कहा जाता है।
- खण्डहर का किला-इस दुर्ग में अष्टधातु से निर्मित शारदा तोप स्थित है।इस दुर्ग में 7 मंदिर और 2 कुण्ड (राम कुण्ड, लक्ष्मण कुण्ड) स्थित हैं।
- सिवाड़ का किला- यह दुर्ग सिवाड़, सवाई माधोपुर में स्थित है।
- बरवाड़ा का किला- यह दुर्ग सिवाड़ -ईसरदा तहसील (सवाई माधोपुर) में स्थित हैं।
- सवाई माधोपुर को बाघों की शरण स्थली कहा जाता है।
- सवाई माधोपुर को अमरूदों की नगरी कहा जाता हैं, क्योंकि सवाई माधोपुर अमरूदों के लिए प्रसिद्ध है, यहाँ अमरूद मण्डी स्थापित है।
- चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर) सीसा -जस्ता के लिए प्रसिद्ध हैं।
- हेला ख्याल सवाई माधोपुर का प्रसिद्ध है।
- हीरामन का मेला सवाई माधोपुर में लगता है।
- कुकराज घाटी (सवाई माधोपुर )- यहाँ पर कुत्ते की छत्तरी स्थित है।
- रणथम्भीर राष्ट्रीय उद्यान/राजीव गाँधी राष्ट्रीय उद्यान- इसे अभयारण्य का दर्जा 1955 में दिया गया। यहाँ पर 1 अप्रैल 1973 को टाईगर परियोजना का संचालन किया गया, जो राजस्थान व भारत की पहली टाईगर परियोजना थी। इसे राष्ट्रीय उद्यान 1 नवम्बर 1980 को बनाया गया, जो राजस्थान का पहला राष्ट्रीय उद्यान था।
- सवाई मानसिंह अभयारण्य (सवाई माधोपुर)- स्थापना: 1984 में।
- चम्बल घड़ियाल अभयारण्य (सवाई माधोपुर )
- बनास नदी- सवाई माधोपुर में इस नदी पर ईसरदा बांध कॉपर डैम बना हुआ है।
- मोरेल नदी- इस नदी पर सवाई माधोपुर में मोरेल बांध बना हुआ है, जो सबसे बड़ा मिट्टी से निर्मित बांध है।
- सीप नदी
- पदरा गाँव, सवाई माधोपुर में ‘रामेश्वरम धाम’ में त्रिवेणी संगम (चम्बल+ बनास+ सीप) होता है।
- कालीसिल परियोजना (सवाई माधोपुर)- यह ‘कालीसिल नदी’ पर स्थित है।
- पीपलदा परियोजना (सवाई माधोपुर)- यह ‘चम्बल नदी पर स्थापित है।
- सवाई माधोपुर जिले की बौंली तहसील के बांसटोरड़ा में संगमरमर की मूर्तियां बनाने का कार्य किया जाता है।
- हिचकी माता मंदिर- सनवाड़, सवाई माधोपुर।
- कोल माहौली पुरातात्विक स्थल- सवाई माधोपुर ।
सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) जिला दर्शन
By LM GYAN
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