नया बांसवाड़ा (Banswara)

By LM GYAN

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नया बांसवाड़ा (Banswara)
  • बांसवाड़ा को 7 अगस्त 2023 को संभाग बना दिया गया है ।
  • इस संभाग में बांसवाड़ा , डूंगरपुर व प्रतापगढ़ जिले को शामिल किया गया है ।
  • पहले बांसवाड़ा उदयपुर संभाग का जिला था ।

  • बांस के जंगलों की अधिकता या प्रतापी शासक बांसिया भील के नाम पर इस क्षेत्र का नाम बांसवाड़ा पड़ा ।
  • बांसवाड़ा की स्थापना महारावल उदयसिंह के पुत्र महारावल जगमाल ने सिंह ने की थी ।
  • उपनाम – सौ द्वीपों का शहर , मानसून का प्रवेश द्वार ,सागवान का उद्यान , सुनहरे द्वीपों का शहर आदि
  • बाँसवाड़ा जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग 927 ए गुजरता है । मुख्य नदी- माही
  • बाँसवाड़ा जिले का शुभंकर- जलपीपी
  • बाँसवाड़ा जिला सबसे दक्षिणी जिला है ।
  • यह राजस्थान का एकमात्र जिला है , जहाँ दो प्रकार की जलवायु पाई जाती है । उष्णकटिबंध व शीतोष्ण कटिबंध जलवायु
  • राजस्थान में वर्षा की सबसे कम विषमता वाला जिला बाँसवाड़ा जिला है ।
  • 23 1/2 degree उत्तरी अक्षांश अर्थात कर्क रेखा बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिले से गुजरती है । बांसवाड़ा शहर कर्क रेखा से राज्य का सर्वाधिक नजदीक का जिला मुख्यालय है ।
  • राजस्थान में मानसून का प्रवेश द्वार- बांसवाड़ा व झालावाड़ ।
  • राजस्थान में वर्षा की सबसे कम विषमता वाला जिला है बांसवाड़ा ।
  • दक्षिणी – पश्चिम में गुजरात के पंचमहल जिले की सीमा को यह जिला स्पर्श करता है । इस जिले की 70 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या आदिवासी भीलों की है ।
  • बागड़ी : डूंगरपुर व बांसवाड़ा क्षेत्र की बोली है , जिसे भीलों की बोली भी कहा जाता है ।
  • राजस्थान में झरनों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिले में होती है ।
  • राजस्थान में सागवान के सर्वाधिक वृक्ष बांसवाड़ा में हैं ।
  • मंडलेश्वर मंदिर- पाराहेड़ा ग्राम में नगेला तालाब के तट पर मांडलिक द्वारा निर्मित मंडलेश्वर का मंदिर स्थित है ।
  • घोटिया अम्बा- यहाँ घोटेश्वर महादेव के मंदिर में कुन्ती व द्रोपदी सहित पाण्डवों की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं । यहाँ प्रतिवर्ष चैत्र माह की अमावस्या से चैत्र शुक्ल दूज तक विशाल मेला लगता है । यहाँ पाण्डवों के पाँच कुण्ड बने हुए हैं ।
  • बेणेश्वर- बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिले की सीमा पर स्थित बेणेश्वर धाम जहाँ सोम , माही एवं जाखम नदियों का संगम होता है यहाँ हर वर्ष माघ पूर्णिमा पर मेले का आयोजन किया जाता है जिसे आदिवासियों का कुंभ भी कहते हैं ।
  • ब्रह्मा मंदिर- छींच ग्राम में स्थित इस मंदिर का निर्माण सोलहवीं शताब्दी में किया गया । गुहिल वंश के महारावल जगमाल ने यहाँ चारमुख वाली मूर्ति स्थापित की ।
  • कलिंजरा के जैन मंदिर – हिरन नदी के तट पर स्थित कलिंजरा ग्राम में जैन मंदिर ( ऋषभदेव / पार्श्वनाथ ) स्थित है ।
  • तलवाड़ा- यहाँ ग्यारहवीं शताब्दी में बना सूर्य मंदिर तथा लक्ष्मीनारायण जी का मंदिर स्थित है ।
  • हरिदेव जोशी : इनका जन्म खांदूग्राम ( बांसवाड़ा ) में हुआ था । इन्होंने लगातार 10 बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया । तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे ।
  • माही बजाज सागर बांध : बोरखेड़ा में । यह राज्य का सबसे लंबा बांध है ।
  • सर्वाधिक सागवान के वृक्ष , सर्वाधिक बांस के वृक्ष बांसवाड़ा में पाए जाते हैं ।
  • नंदिनी माता का मंदिर- यह मंदिर ‘ बड़ोदिया ‘ में स्थित है । यहाँ प्रतिवर्ष ‘ पौष पूर्णिमा ‘ को मेला भरता है ।
  • सवाईमाता मंदिर- यह सवाईमाता मंदिर भण्डारिया , बाँसवाड़ा में स्थित है ।
  • बोहरा मुस्लिम संत अब्दुल रसूल की मजार बाँसवाड़ा जिले में स्थित है ।
  • बाँसवाड़ा के तलवाड़ा में प्राचीन तीर्थस्थल रामकुण्ड स्थित है ।
  • मंदारेश्वर मंदिर – बाँसवाड़ा में स्थित है ।
  • घोटिया अम्बा मेला- इसे ‘ आदिवासियों का दूसरा कुम्भ ‘ कहा जाता है । यह बाँसवाड़ा का सबसे बड़ा मेला है । यह मेला प्रतिवर्ष चैत्र माह की अमावस्या को भरता है ।
  • राष्ट्रीय जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय- मानगढ़ , बाँसवाड़ा ।
  • बाँसवाड़ा प्रजामण्डल – स्थापना : 1943 में भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी द्वारा ।
  • मानगढ़ हत्याकांड – मानगढ़ हत्याकांड 17 नवम्बर 1913 को अम्बादरा गाँव , मानगढ़ पहाड़ी ( बाँसवाड़ा ) पर घटित हुआ ।
  • उपनाम- भारत का दूसरा जलियाँवाला बाग हत्याकांड । वर्ष 2015 में पहली बार शहादत की याद में ध्वजारोहण किया था
  • 1857 की क्रान्ति के समय बाँसवाड़ा का शासक महारावल लक्ष्मण सिंह था ।
  • मेवल- बाँसवाड़ा और डूंगरपुर के मध्य का भाग ‘ मेवल ‘ कहलाता है ।
  • छप्पन का मैदान- बाँसवाड़ा से प्रतापगढ़ के मध्य का भाग छप्पन का मैदान कहलाता है ।
  • बाँसवाड़ा जिले का कुशलगढ़ कर्क रेखा का निकटतम शहर है ।
  • केले का सर्वाधिक उत्पादन बाँसवाड़ा जिले में होता है ।
  • राजस्थान में सर्वाधिक मैंगनीज का उत्पादन बाँसवाड़ा जिले में होता है ।
  • मक्का शोध संस्थान – बाँसवाड़ा जिले के ‘ बोखरगाँव ‘ में मक्का शोध संस्थान खोला गया है ।
  • न्यूक्लियर पॉवर स्टेशन- बाँसवाड़ा के नापला गाँव में ” न्यूक्लियर पॉवर स्टेशन ” बनाया जाना प्रस्तावित है । चाचा कोटा टापू , बाँसवाड़ा- यह टापू माही नदी पर स्थित है ।
  • राजस्थान में झरनों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई डूंगरपुर व बाँसवाड़ा जिले में होती है ।
  • आथूणा के शिव मंदिर की प्रशस्ति- 1079 ई . की यह प्रशस्ति बाँसवाड़ा के आर्भूणा में एक शिवालय में उत्कीर्ण है । इस प्रशस्ति के रचयिता- विजय व सूत्रधार गंदाक थे ।
  • माही नदी – उद्गम : मध्य प्रदेश की मेहद झील से । इस नदी पर बाँसवाड़ा में कागदी पिकअप बांध बनाया गया है । इस नदी पर बाँसवाड़ा के बोरखेड़ा स्थान पर माही बजाज सागर बाँध बनाया गया है । यह राज्य का सबसे लंबा बाँध है । इस नदी पर माही बजाज सागर परियोजना स्थित है , जो राजस्थान व गुजरात की अंतर्राज्यीय बहुउद्देशीय परियोजना है ।
  • अनास परियोजना- यह बाँसवाड़ा जिले में अनास नदी पर स्थापित है ।
  • बाई तालाब / आनंद सागर झील- निर्माण : महारावल जगमाल सिंह की रानी लंची बाई द्वारा । यह झील बाँसवाड़ा के पूर्वी भाग में स्थित है ।
  • यशोदा देवी- यह राजस्थान की प्रथम महिला विधायक थी ।

LM GYAN

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