जैसलमेर जिले की नोख उप तहसील को फलोदी जिले में शामिल किया गया है ।
पुनर्गठित जैसलमेर जिले की सीमा अब 5 जिलों- बीकानेर , फलोदी , जोधपुर ग्रामीण , बालोतरा तथा बाड़मेर से लगी हुई है।
जैसलमेर की पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा यथावत है ।
- जैसलमेर जिले से 6 नेशनल हाइवे 11 , 68 , 70 , 125 , 911 व 968 गुजरते हैं ।
- जैसलमेर जिले की मुख्य नदी – कांकनी ।
- वर्तमान जैसलमेर का भूभाग प्राचीन काल में मांडधरा अथवा वल्लमंडल के नाम से प्रसिद्ध था । यदुवंशी भाटी राजपूत महारावल जैसल ने 1156 ई . को त्रिकूट पहाड़ी पर आधुनिक जैसलमेर की नींव रखी ।
- जैसलमेर नगर की स्थापना राव जैसल द्वारा की गई 1156 को ।
- 30 मार्च 1949 को जैसलमेर का विलय वृहत् राजस्थान में कर दिया गया ।
- जवाहर सिंह को आधुनिक जैसलमेर का निर्माता कहा जाता है ।
- जैसलमेर जिले का शुभंकर- गोड़ावण
- जैसलमेर जिला राज्य का न्यूनतम जनसंख्या घनत्व एवं न्यूनतम पशु घनत्व वाला जिला है ।
- तन्नोट माता- यह सेना के जवानों की देवी के रूप में विख्यात है । इन्हें थार की वैष्णोदेवी भी कहा जाता है । 1965 के भारत – पाक युद्ध के समय पाकिस्तान द्वारा बम गिराए गए थे थे लेकिन देवी के प्रकोप से बम नहीं फटे ।
- स्वांगिया माता का मंदिर : भाटी राजवंश की कुलदेवी । आवड़ माता स्वांगिया का अवतार माना जाता है । आवड़ माता का प्रतीक सुगन चिड़ी है ।
- राष्ट्रीय मरु उद्यान- जैसलमेर के दक्षिण – पश्चिम में थार के मरुस्थल में लगभग 3000 वर्ग किमी . क्षेत्र में फैला राष्ट्रीय मरु उद्यान मरु भूमि की वनस्पति , वन्य जीव और रेतीले भूभाग के लिए विख्यात है । यहाँ दुर्लभ गोडावण पक्षी पाया जाता है ।
- लोद्रवा- भाटी राजाओं की प्राचीन राजधानी । काक नदी के किनारे स्थित स्थल जो राजकुमारी मूमल एवं महेंद्रा राजकुमार की प्रेम कहानियों के लिए प्रसिद्ध है ।
- मूमल : शृंगार आधारित गीत । मूमल जैसलमेर शैली का प्रसिद्ध चित्र है ।
- झौराव एवं कुरजां : वियोग प्रधान गीत ।
- वुड फॉसिल पार्क- जैसलमेर , बाड़मेर बस मार्ग पर जैसलमेर से 10 किमी . दूर आकलगाँव में फॉसिल पार्क ( जीवाश्म उद्यान ) स्थित है । इसमें 18 करोड़ वर्ष पुराने पेड़ – पौधों के जीवाश्म हैं ।
- मरु मेला – मरु संस्कृति का द्योतक यह मेला जैसलमेर में हर वर्ष माघ सुदी तेरस से पूर्णिमा तक लगता है । इसका आयोजन सन् 1979 से पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित किया जाता है ।
- यहाँ के मिरासी , मांगणियार व लंगा जाति के परम्परागत लोक कलाकारों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है ।
- बागेवाला- वेनेजुएला के साथ ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जैसलमेर के इस स्थान पर तेल दोहन प्रक्रिया शुरू कर दी है ।
- जैसलमेर सर्वाधिक तापांतर वाला जिला है ।
- राजस्थान में सर्वाधिक व्यर्थ भूमि का क्षेत्र जैसलमेर में ही है ।
- सागरमल गोपा : जैसलमेर के क्रांतिकारी , जिनके जैसलमेर और हैदराबाद रियासत में प्रवेश पर प्रतिबंध था । इन्होंने जैलसमेर का गुण्डाराज , आजादी के दीवाने , रघुनाथसिंह का मुकदमा नामक ग्रंथ लिखे । सागरमल गोपा हत्याकांड की जांच के लिए गोपाल स्वरूप पाठक समिति का गठन किया गया ।
- जैसलमेर प्रजामंडल : 1945 में जोधपुर में इसकी स्थापना मीठालाल व्यास ने जोधपुर में की ।
- रम्मत : संगीत प्रधान लोकनाट्य । जैसलमेर में यह फाल्गुन माह में शुरू होता है । बीकानेर की रम्मतें सर्वाधिक प्रसिद्ध ।
- शाक कमाल खां : कामायचा के जादूगर | 2012 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित ।
- बुझ झील : काकनेय नदी द्वारा इस झील का निर्माण होता है ।
- अनुदैर्ध्य स्तूप : पवनों की दिशा में बनने वाले बालुका स्तूपों को अनुदैर्ध्य स्तूप कहते हैं । सर्वाधिक जैसलमेर में बनते हैं ।
- लोंगेवाला : भारतीय वायु सेना द्वारा यहां बम गिराए जाने पर कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए । इस स्थान को दुश्मनों का कब्रिस्तान कहते हैं ।
- रूणेचा / रामदेवरा मंदिर- निर्माण : बीकानेर के महाराजा गंगासिंह द्वारा । यहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से भाद्रपद शुक्ल एकादशी तक भव्य मेला भरता है । यह पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा मेला है ।
- हिंगलाज माता मंदिर- लोद्रवा , जैसलमेर
- पटवों की हवेली – निर्माणः गुमानचन्द पटवा व उनके 5 पुत्रों द्वारा । यह हवेली कलात्मक झरोखे व उत्कृष्ट नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है ।
- नथमलजी की हवेली- निर्माण : हाथी व लालू ( दो – भाई ) के द्वारा । यह हिन्दू , मुगल एवं सिंधी शैली में निर्मित है ।
- सालिमसिंह की हवेली- निर्माण : 18 वीं शताब्दी में सालिमसिंह मेहता द्वारा ।
- पोखरण दुर्ग – निर्माणः 1550 ई . राव मालदेव राठौड़ द्वारा ।
- जैसलमेर दुर्ग / सोनारगढ़ दुर्ग- निर्माण : राव जैसल सिंह ने 1156 में इस किले की नींव रखी और इसके पुत्र शालीवाहन द्वारा पूर्ण करवाया गया । इस किले की छत में लकड़ी का प्रयोग किया गया है । इस किले में चूना , सीमेंट का प्रयोग नहीं किया गया है । यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट है । इस किले का दोहरा परकोटा कमरकोट कहलाता है । इस किले पर राज्य सरकार द्वारा डाक टिकट जारी किया गया है । इस किले में प्रमुख महल- बादल महल , सर्वोत्तम विलास महल , जवाहर विलास महल आदि ।
- मरू महोत्सव – यह माघ पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है ।
- लोकदेवता रामदेवजी पैनोरमा- जैसलमेर
- मूमल की मेढ़ी / राजकुमारी मूमल का महल- लोद्रवा , जैसलमेर जैसलमेर जिले की पोकरण पॉटरी प्रसिद्ध है , जिसको GI टैग दिया गया है ।
- राजस्थान में सर्वाधिक प्लाया झीलें जैसलमेर में है । राजस्थान में सर्वाधिक रन / टाट जैसलमेर में है । ( रन / टाट बालुका स्तूपों के मध्य स्थित दलदली क्षेत्र )
- मोहनगढ़ , जैसलमेर में तारा बालुका स्तूप पाए जाते हैं ।
- पोखरण , जैसलमेर में अनुप्रस्थ बालुका स्तूप / समकोणीय बालुका स्तूप पाए जाते हैं ।
- राजस्थान के जैसलमेर जिले का संपूर्ण भाग रेतीला व पथरीला होने के कारण यहाँ का तापमान मई – जून में अधिकतम 47 ° C तथा दिसम्बर- जनवरी में 5 ° C रहता है ।
- जैसलमेर में देश का प्रथम चारा बैंक स्थापित किया गया है ।
- देश का पहला भू – वैज्ञानिक संग्रहालय जैसलमेर में स्थित है ।
- राज्य का प्रथम विलेज रिसोर्ट सेंटर पोखरण , जैसलमेर में स्थित है ।
- थारपारकर गौवंश का प्रजनन केन्द्र चाँदन , जैसलमेर में स्थित है ।
- जैसलमेर क्षेत्र में मूमल और महेन्द्र की कथा प्रसिद्ध है ।
- खजूर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस- सगरा – भोजक , जैसलमेर ।
- गोड़ावण हैंचिग केन्द्र राष्ट्रीय मरू उद्यान , जैसलमेर में स्थित है ।
- फतेहगढ़ , जैसलमेर में ‘ डायनासोर ‘ के विलुप्त होने के प्रमाण मिले है ।
- जैसलमेर में पीला संगमरमर मिलता है ।
- राजस्थान का प्रथम पवन ऊर्जा संयंत्र अमरसागर , जैसलमेर में स्थापित किया गया है ।
- एशिया का सबसे ऊँचा टी.वी. टॉवर रामगढ़ , जैसलमेर में स्थापित है ।
- राजस्थान का प्रथम गैस आधारित विद्युत संयंत्र रामगढ़ जैसलमेर में स्थापित किया गया ।
- चांदन नलकूप / थार का घड़ा ( जैसलमेर ) – लाठी सीरीज क्षेत्र
- जैसलमेर में चांदन नामक स्थान पर स्थित मीठे पानी का नलकूप , जहाँ से आस – पास के क्षेत्रों में जलापूर्ति होती है । इसे थार का घड़ा या चांदन नलकूप कहा जाता है ।
- लोंगेवाला युद्ध स्मारक ( जैसलमेर ) – बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान सरकार द्वारा भारतीय सेना के साथ मिलकर लोंगेवाला , जैसलमेर में यह स्मारक विकसित किया गया है ।
- भादरिया लाइब्रेरी , पोकरण ( जैसलमेर ) – यह एशिया का सबसे बड़ा गैर सरकारी पुस्तकालय है ।
- परमाणु परीक्षण , पोकरण ( जैसलमेर ) – प्रथम परीक्षण : 18 मई 1974 को ‘ स्माईल बुद्धा ‘ नाम से किया था । द्वितीय परीक्षणः 11 व 13 मई 1998 को ‘ ऑपरेशन शक्ति ‘ नाम से किया था ।
- पोकरण फायरिंग रेंज ( जैसलमेर ) – यह रेंज भारत के परमाणु कार्यक्रम का प्रमुख स्थल था ।
- नोट : 3 दिसम्बर 1971 को भारत – पाक युद्ध में जैसलमेर को संसार हमलावर कोड मिला था ।
- मरू राष्ट्रीय उद्यान ( जैसलमेर – बाड़मेर ) – स्थापना : 4 अगस्त 1980 में । यह राजस्थान का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है । इसे 1980 में यूनेस्को की विश्व धरोहर व 1992 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला है । राज्य सरकार ने यहाँ वुड फॉसिल पार्क की स्थापना की है ।
- अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ऊर्जा कम्पनी ने राज्य के जैसलमेर में दुनिया का सबसे बड़ा पवन सौर ऊर्जा संयंत्र शुरू किया है । इस संयंत्र का क्षमता 600 मेगावॉट है ।
- कुलधरा ग्राम ( जैसलमेर ) – इस गाँव में कैक्टस गार्डन का निर्माण किया गया है । यहाँ से ‘ व्हेल मछली और डायनासोर ‘ के अवशेष मिले हैं ।
- राजस्थान में सबसे पहले प्राकृतिक गैस के भण्डार घोटारू ( जैसलमेर ) से प्राप्त हुए हैं और घोटारू से हीलियम गैस के भण्डार मिले हैं ।
- राजस्थान में प्रथम तेल के कुएँ की खोज तनोट ( जैसलमेर ) में की गई थी ।
- फोकस एनर्जी नामक कम्पनी को देश के सबसे बड़े गैस भण्डार की प्राप्ति शाहगढ़ ( जैसलमेर ) से हुई है ।
- राजस्थान का थण्डर वोल्ट सम ( जैसलमेर ) को कहा जाता है ।
- चीता पुनर्वास योजना के लिए शाहगढ़ ( जैसलमेर ) को चुना गया है ।
- डेजर्ट नेशनल पार्क ( सम – जैसलमेर ) – यह पूर्णतया वनस्पति रहित ‘ डेजर्ट नेशनल पार्क ‘ है ।
- नाचना ( जैसलमेर ) के ऊँट सवारी व बोझ ढोने के लिए प्रसिद्ध है ।
- हिंडौला नृत्य के लिए जैसलमेर प्रसिद्ध है ।
- बिना ईसर की गणगौर जैसलमेर की प्रसिद्ध है ।
- जैसलमेर जिले में उज्जला एक आखेट निषिद्ध क्षेत्र है ।
- खड़ीन- जैसलमेर के पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा जल संग्रहण हेतु अपनाई गई तकनीक खड़ीन कहलाती है ।
- बालक हैण्डबॉल अकादमी – जैसलमेर
- मूलराज द्वितीय का शासनकाल जैसलमेर चित्रशैली का स्वर्णकाल कहलाता है ।
- अनवर खां – इसका संबंध जैसलमेर से है । इन्हें वर्ष 2019 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है ।
- पेम्पे खां- जन्म : हमीरा ( जैसलमेर ) । इन्हें सुरणाई के जादूगर कहा जाता है ।
- सागरमल गोपा हत्याकांड की जांच के लिए गोपाल स्वरूप पाठक समिति का गठन किया गया ।
- करणाराम भील- यह जैसलमेर का प्रसिद्ध नड़वादक है । यह अपनी छ : फुट आठ इंच लम्बी मूँछों के लिए भी प्रसिद्ध है।
- कावोद झील – यह खारे पानी की झील है ।
- कांकनी नदी- यह आंतरिक प्रवाह की सबसे छोटी नदी है ।
- गढ़ीसर जलाशय- निर्माण : 1340 ई . में रावल गड़सी सिंह द्वारा ।
- अमर सागर- निर्माण : महारावल अमरसिंह द्वारा ।
- गजरूप सागर तालाब- इसका नामकरण महाराजा गजसिंह और उनकी पत्नी रूप कँवर के नामों को मिलाकर किया गया ।