नया नागौर (Nagaur)

By LM GYAN

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नया नागौर (Nagaur)

नागौर से डीडवाना – कुचामन जिला बनने के बाद नागौर में 7 उपखंड ( नागौर , मूंडवा , खींवसर , जायल , मेड़ता , रियांबड़ी , डेगाना ) व 9 तहसीलें ( नागौर , मूंडवा , खींवसर , जायल , डेह , मेड़ता , रियांबड़ी , डेगाना , सांजू ) रह गई हैं ।
नागौर जिले की सीमा 7 जिलों- चूरू , डीडवाना – कुचामन , अजमेर , ब्यावर , जोधपुर ग्रामीण , फलौदी तथा बीकानेर जिले से लगती है ।

  • नागौर जिला अजमेर संभाग में रखा गया है ।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व नागौर जोधपुर रियासत का हिस्सा था ।
  • उपनाम- अहिछत्रपुर , औजारों की नगरी , राजस्थान की धातु नगरी ।
  • नागौर जिले का शुभंकर- राजहंस
  • नागौर जिले से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 62 , 58 , 158 , 458 गुजरते हैं ।
  • प्रमुख नदी- लूनी , सूकड़ी
  • नागौर रियासत में अमरशाही सिक्के प्रचलित थे ।
  • चौहान वंश के वासुदेव के साम्राज्य की प्रारम्भिक की राजधानी अहिछत्रपुर थी ।
  • पीपासर- लोकदेवता जांभोजी का जन्म स्थान । बिश्नोई समाज में 29 नियमों का पालन किया जाता है ।
  • रोटू : जांभोजी का सत्संग स्थल ।
  • डेगाना- भारत की सबसे बड़ी टंगस्टन खनन परियोजना है । अकबर के दरबारी रत्न अबुल फज़ल तथा फैज़ी के पिता शेख मुबारक नागौर के थे ।
  • खरनाल- लोक देवता तेजाजी का जन्म स्थान ।
  • गोटन- सफेद सीमेंट का राज्य का प्रथम कारखाना 1984 में यहाँ स्थापित किया गया ।
  • मेड़ता रोड़- 1994 में मेड़ता शहर से मेड़ता रोड़ के बीच देश की पहली रेल – बस प्रारंभ की गई ।
  • मेड़ता शहर- भक्त शिरोमणि मीरा बाई के राव दूदा द्वारा निर्मित मंदिर स्थित है ।
  • पहोबा का युद्ध ( 1541-1542 ) : यह युद्ध मालदेव व राव जैतसी के मध्य लड़ा गया । मालदेव की विजय हुई ।
  • मतीरे की राड़ का युद्ध ( 1644 ई . ) : यह युद्ध अमरसिंह व कर्णसिंह ( बीकानेर ) के बीच लड़ा गया था ।
  • बगदरी : भारत में सर्वप्रथम बगदरी ( नागौर ) में पं . जवाहर लाल नेहरू द्वारा 2 अक्टूबर 1959 को पंचायतीराज की शुरुआत की गई । पंचायतीराज की शुरुआत करने वाला राजस्थान प्रथम राज्य है । ( नोट : दूसरा राज्य आंध्रप्रदेश है , जिसमें 11 अक्टूबर 1959 को पंचायतीराज की शुरुआत की गई । )
  • लिखमाराम चौधरी ( नागौर ) राज्य के प्रथम जिला प्रमुख थे ।
  • शंभुदयाल सिंह हवलदार ( नागौर ) राज्य के प्रथम अशोक चक्र विजेता थे ।
  • खींवसर का किला : महावीर स्वामी ने खींवसर नामक स्थान पर चातुर्मास का समय बिताया था । इस किले में ‘ मुगल सम्राट औरंगजेब ‘ ठहरे थे ।
  • मीरा महोत्सव ‘ मेड़ता – नागौर ‘ में मनाया जाता है । दधिमति माता मंदिर , गोठ मांगलोद ( नागौर ) : यह मंदिर 7 वीं से 9 वीं शताब्दी पूर्व में निर्मित है , जो प्रतिहार कालीन महामारू शैली में निर्मित है ।
  • चारभुजानाथ मंदिर ( मेड़ता , नागौर ) : इस मंदिर की स्थापना राव दूदा ने की थी । यहाँ मीराबाई , संत रैदास , संत तुलसीदास आदि की आदमकद प्रतिमाएँ है ।
  • भंवाल माता का मंदिर : यह मंदिर मेड़ता से 20 किमी . दूर भंवाल ग्राम में स्थित है । यहां नवरात्रि की अष्टमी को मेला लगता है।
  • सुल्तानतारकीन की दरगाह : यहाँ अजमेर के बाद सबसे बड़ा उर्स लगता है ।
  • हरिराम बाबा का मंदिर – झोरड़ा गाँव , नागौर
  • नागौर दुर्ग : यह दुर्ग राजपूत + मुगल शैली का है ।
  • राव अमरसिंह राठौड़ की छतरी ( नागौर ) : यह 16 कलात्मक खम्भों की छतरी है ।
  • नागौर जिला हस्त औजारों के लिए प्रसिद्ध है ।
  • कसूरी मैथी के उत्पादन हेतु नागौर प्रसिद्ध है । गोगेलाव कन्जर्वेशन ( नागौर ) – 2012
  • रोटू कन्जर्वेशन ( नागौर ) – 2012 : क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संरक्षित क्षेत्र ।
  • नागौर जिले का वरूण गाँव बकरियों के लिए जाना जाता
  • वीर अमरसिंह राठौड़ पैनोरमा, लोकदेवता तेजाजी पैनोरमा ( खरनाल ), गुरु जम्भेश्वर जी पैनोरमा नागौर जिले में स्थित हैं।
  • मीरा बाई का लालन – पालन मेड़ता , नागौर में हुआ था ।
  • जायल पुरातात्विक स्थल ( नागौर ) : यह ‘ पुरापाषाण कालीन ‘ स्थल है ।
  • श्री बलदेव पशु मेला- मेड़ता , नागौर ।
  • रामदेव पशु मेला – मानासर , नागौर ।
  • नाथुराम मिर्धा पशु मेला – मेड़ता , नागौर ।
  • 1570 ई. में अकबर ने नागौर में दरबार लगाया जिसमें मारवाड़ के अधिकांश शासकों ने अकबर की अधीनता स्वीकार की थी ।
  • नागौर का बाजावास गाँव नागौरी बैलों के लिए प्रसिद्ध है ।
  • मेड़ता नागौर में जीरा मंडी स्थित है ।
  • लाखोलाव तालाब- नागौर ।

LM GYAN

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