- झालावाड़ नगर की स्थापना- 1791 ई . में कोटा महाराजा के सेनापति जालिमसिंह झाला द्वारा की गई
- झालावाड़ रियासत का गठन- अंग्रेजों द्वारा महारावल झाला मदनसिंह ( 1838 में ) के लिए ।
- झालावाड़ जिल से एन.एच. 52 , 752 बी गुजरते हैं ।
- झालावाड़ की प्रमुख नदियाँ- कालीसिंध , आहू , निवाज , घोड़ा पछाड़ , चंद्रभागा , परवन , अंधेरी आदि झालावाड़ राजस्थान की सबसे नवीनतम रियासत ।
- झालावाड़ राज्य प्रजामण्डल : संस्थापक- कन्हैयालाल मित्तल ।
- उपनाम- उम्मेदपुरा की छावनी ( पूर्व नाम ) , राजस्थान का नागपुर ( सन्तरों के उत्पादन के कारण ) , सोयाजिला ।
- झालावाड़ जिला दक्षिणी – पूर्वी पठार ( मालवा का पठार ) का भाग है ।
- झालावाड़ जिले का शुभंकर- गागरोनी तोता
- मध्यप्रदेश के साथ सर्वाधिक लंबी सीमा बनाने वाला जिला ।
- राजस्थान में म्यूनतम आंधियां ( 3 दिन ) तथा सर्वाधिक वर्षा दिन ( 40 दिन ) झालावाड़ में ।
- मालवा प्रदेश : झालावाड़ व प्रतापगढ़ संयुक्त रूप से मालवा का क्षेत्र कहलाता है ।
- मुकुंदवाड़ा की पहाड़ियां : कोटा व झालावाड़ के बीच स्थित ।
- कालीसिंध : क्रिटिकल सुपर थर्मल प्लांट स्थित है ।
- चन्द्रभागा पशु मेला- कार्तिक सुदी एकादशी से मार्गशीर्ष बदी पंचमी तक लगने वाला चन्द्रभागा पशु मेला झालरापाटन ( झालावाड़ ) में लगता है । यह मेला चन्द्रभागा नदी के तट पर आयोजित होता है ।
- विन्दौरी- झालावाड़ का प्रमुख गैर शैली ( होली ) का नृत्य ।
- रेन बसेरा – किशन सागर झील के किनारे पर लकड़ी का बना हुआ विश्राम स्थल ।
- भवानी नाट्यशाला- 1921 में महाराजा भवानी सिंह द्वारा निर्मित यह नाट्यशाला पारसी ओपेरा शैली की है ।
- गागरोन का किला- काली सिंध व आहू नदी के संगम पर बिना किसी नींव के सीधे चट्टान पर यह किला निर्मित है । इस दुर्ग में- सूफी संत मिट्ठे शाह की दरगाह , भगवान मधुसूदन मंदिर , औरंगजेब द्वारा निर्मित बुलन्द दरवाजा , कोटा रियासत के सिक्के ढालने की टकसाल आदि ।
- राजस्थान का सर्वाधिक आर्द्र जिला झालावाड़ है ।
- झालावाड़ अंतर्राज्यीय सीमा रेखा की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला है । झालावाड़ की सर्वाधिक सीमा मध्यप्रदेश के साथ लगती है ।
- राजस्थान में सर्वाधिक नदियां झालावाड़ जिले में हैं । कोटड़ा : हड़प्पाकालीन सभ्यता स्थल ।
- खानपुरा : हड़प्पाकालीन पुरातात्विक स्थल ।
- कोलवी की गुफाएँ : यह बौद्ध धर्म से संबंधित हैं इनको राजस्थान की अजन्ता – एलोरा गुफाएँ भी कहा जाता है ।
- शीतलेश्वर महादेव मंदिर / चन्द्रमौलीश्वर महादेव मंदिर : • निर्माण- 689 ई . में राजा दुर्गण के मंत्री वाप्पक द्वारा । यह सबसे प्राचीन तिथियुक्त मंदिर है ।
- सूर्य मंदिर : कोणार्क के सूर्य मंदिर की तर्ज पर प्रदेश में झालरापाटन , झालावाड़ में सूर्य मंदिर का निर्माण किया गया है । इस मंदिर में सूर्य की प्रतिमा के घुटने तक जूते पहने हैं ।
- द्वारकाधीश मंदिर : निर्माण झाला जालिम सिंह ने 1796 ई . में गोमती सागर झील के किनारे ।
- चाँदखेड़ी के जैन मंदिर : यहाँ छः फुट ऊँची भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थापित है ।
- उन्हेल जैन मंदिर : यहाँ भगवान पार्श्वनाथ की हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा है ।
- पद्मनाभ मंदिर / सात सहेलियों का मंदिर : यह वैष्णव मंदिर है , जिसे कर्नल जेम्स टॉड ने ‘ चारभुजा मंदिर ‘ कहा है ।
- गोमती सागर पशु मेला- यह झालरापाटन में चंद्रभागा नदी के किनारे वैशाख पूर्णिमा को लगता है ।
- चन्द्रभागा पशु मेला- यह राज्य स्तरीय पशु मेला है । यह झालरापाटन में चन्द्रभागा नदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा को लगता है
- पीपाजी पैनोरमा , पीपाजी की छतरी- गागरोन , झालावाड़ ।
- झालावाड़ जिले के असनावर तहसील में बड़बेला तालाब क्षेत्र को वाटिका के रूप में विकसित किया गया है ।
- नोट- बड़बेला तालाब पक्षियों की आश्रय – स्थली है ।
- झालावाड़ को राजस्थान का चेरापूँजी कहा जाता है ।
- झालरापाटन को घंटियों का शहर कहा जाता है । झालावाड़ जिले में गिद्धों के तीन प्रजनन केन्द्र स्थित है ।
- नोट – दुनियाभर में लुप्त गिद्धों की संख्या झालावाड़ में 35 से बढ़कर 50 हो गई है ।
- राज्य की पहली किसान कंपनी बकानी , झालावाड़ में स्थित है ।
- झालावाड़ जिले में अश्वगंधा मण्डी स्थित है ।
- हर्बल गार्डन ( झालावाड़ ) : यहाँ आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाने के काम में लिए जाने वाली विविध जड़ी – बूटियों के पेड़ – पौधे हैं , इस कारण इसे हर्बल – गार्डन कहा जाता है ।
- झालावाड़ जिले का बिंदौरी नृत्य लोकप्रिय है , जो होली के अवसर पर किया जाता है ।
- संत पीपा का संबंध गागरोण , झालावाड़ से है ।
- कालीसिंघ क्रिटिकल थर्मल प्लांट ( झालावाड़ ) : झालावाड़ में इसकी दो इकाईयों से 1200 मेगावॉट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है ।
- परवन , कालीसिंध परियोजना व भीमसागर सिंचाई परियोजना -झालावाड़ ।
- मुकुन्दरा हिल्स अभयारण्य ( प्राचीन नाम- दर्रा अभयारण्य ) | यह कोटा एवं झालावाड़ जिले में विस्तृत है ।
झालावाड़ (Jhalawar) जिला दर्शन
By LM GYAN
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