झुंझुनू जिले का संपूर्ण विवरण
झुंझुनू जिला राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है और इसे “राजस्थान की वीरभूमि” कहा जाता है। यह जिला शेखावाटी चित्रकला, ऐतिहासिक हवेलियों और वीर योद्धाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ रानी सती मंदिर, खेतड़ी महल और मंडावा हवेलियाँ प्रमुख आकर्षण हैं।
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भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 28.13° N, 75.40° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 5,928 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में हरियाणा राज्य
- दक्षिण में सीकर जिला
- पूर्व में महेन्द्रगढ़ (हरियाणा)
- पश्चिम में चूरू जिला
- जलवायु:
- गर्मियों में तापमान 45°C तक और सर्दियों में 3°C तक गिर सकता है।
- भूभाग:
- शुष्क और अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र।
प्रशासनिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- स्थापना:
- 14वीं शताब्दी में मोहम्मद खाँ द्वारा (किंवदंती: 1481-88 ई. में सुंझा नेहरा जाट द्वारा)
- जिला दर्जा: 30 मार्च 1949 (जयपुर रियासत से अलग होकर)
- शुभंकर: काला तीतर
- उपनाम:
- शेखावाटी का सिरमौर
- सैनिक जिला
- फलों की टोकरी
- विशेष तथ्य:
- आजादी तक जयपुर रियासत का हिस्सा
- अंतिम नवाब: रूहेल खाँ
- हरियाणा की सीमावर्ती जिला
जनसांख्यिकीय विशेषताएँ
- लिंगानुपात:
- न्यूनतम बाल लिंगानुपात (837) – 2023 पुनर्गठन से पूर्व
- साक्षरता:
- सर्वाधिक पुरुष साक्षरता (46.90%) – 2023 पुनर्गठन से पूर्व
- विशिष्ट उपलब्धियाँ:
- देश का प्रथम धूम्रपान मुक्त शहर
- देश का प्रथम निर्मल गाँव (बख्तावरपुरा)
प्रमुख पर्यटन स्थल
ऐतिहासिक स्थल:
- खेतड़ी महल:
- “शेखावाटी का हवामहल”
- महाराजा भोपालसिंह द्वारा निर्मित
- लखनऊ की भूलभूलैया व जयपुर के हवामहल की शैली
- नवलगढ़:
- “शेखावाटी की स्वर्ण नगरी”
- प्रमुख आकर्षण: पोद्दार हवेली, रूपनिवास पैलेस
- मंडावा:
- “ओपन आर्ट गैलरी”
- बरखान बालुका स्तूप व भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध
धार्मिक स्थल:
- लोहार्गल:
- पांडवों द्वारा हथियार त्यागने का स्थल
- सूर्यकुंड व वार्षिक पैदल परिक्रमा
- नरहड़ दरगाह:
- हजरत शक्कर पीर बाबा की मज़ार
- “बांगड़ का धणी” उपनाम
- विश्व का सबसे बड़ा सती माता मंदिर
सांस्कृतिक केंद्र:
- महनसर:
- “सोने की दुकान” (सोने की पॉलिश वाले भित्ति चित्र)
- डूण्डलोद:
- गोयनका हवेली व गर्दभ अभयारण्य
- चिड़ावा:
- राणा परिवार का ख्याल नृत्य (नानूराम चिड़ावा द्वारा प्रवर्तित)
शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थान
- BITS पिलानी:
- घनश्याम दास बिड़ला द्वारा स्थापित
- बिड़ला तकनीकी संग्रहालय (1954 में स्थापित, भारत का प्रथम)
- केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अनुसंधान संस्थान (CEERI):
- इलेक्ट्रॉनिक्स शोध का प्रमुख केंद्र
- राजस्थान खेल विश्वविद्यालय:
- 2012-13 में स्थापित
- सिंघानिया विश्वविद्यालय (पचेरी कला)
आर्थिक एवं औद्योगिक महत्व
- खनिज कोर लाइब्रेरी:
- अकवाली गाँव में देश की प्रथम सुविधा
- रक्षा परियोजनाएँ:
- DRDO द्वारा एशिया का सबसे बड़ा भूमिगत आयुध डिपो
- कृषि:
- फल उत्पादन में अग्रणी (“फलों की टोकरी”)
सैन्य एवं सुरक्षा
- शेखावाटी ब्रिगेड:
- 1835 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित
- मुख्यालय: झुंझुनूँ
- बुहाना तहसील:
- “फौजियों की तहसील” के रूप में प्रसिद्ध
प्रमुख व्यक्तित्व
- घनश्याम दास बिड़ला:
- पद्म विभूषण (1957) प्राप्त प्रथम राजस्थानी
- मोहन सिंह:
- राज्य की प्रथम महिला लड़ाकू पायलट
- पंडित झाबरमल शर्मा:
- “पत्रकारिता के पितामह”
- श्रीमती सुमित्रा सिंह:
- प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष
पर्यावरण एवं संरक्षण
- बीड़ मयूर अभयारण्य:
- राज्य का प्रथम मयूर अभयारण्य
- गर्दभ अभयारण्य (डूण्डलोद)
जल संसाधन
- पन्नालाल शाह का तालाब
- समस तालाब
झुंझुनूँ जिला अपनी ऐतिहासिक हवेलियों, सांस्कृतिक विरासत और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की भित्ति चित्र कला (मंडावा, महनसर) और खेतड़ी महल जैसी स्थापत्य कृतियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। BITS पिलानी और CEERI जैसे संस्थान इसे शिक्षा का केंद्र बनाते हैं, जबकि DRDO की परियोजनाएँ इसकी रणनीतिक महत्ता को रेखांकित करती हैं। शेखावाटी संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति और सैन्य परंपरा इस जिले की विशिष्ट पहचान हैं।