सीकर से नीम का थाना जिला बनने के बाद पुनर्गठित झुंझुनूँ जिले में अब 7 उपखंड (झुंझुनूँ, नवलगढ़, बुहाना, चिड़ावा, डावा, मलसीसर, सूरजगढ़) व 10 तहसीलें (झुंझुनूँ, गुढ़ागौड़जी, नवलगढ़, बुहाना, चिड़ावा, मंडावा, बिसाऊ, मलसीसर, सूरजगढ़, पिलानी) रह गई हैं।
पुनर्गठित झुंझुनूँ जिले की सीमा 3 जिलों- चूरू, सीकर, नीम का थाना जिलों से लगती है। हरियाणा के साथ अंतर्राज्यीय सीमा लगती है।
- आजादी तक झुंझुनूँ जयपुर रियासत में शामिल था।
- 30 मार्च 1 949 में झुंझुनूँ को जिले का दर्जा दिया गया।
- झुंझुनूँ जिले का शुभंकर- काला तीतर
- खेतड़ी महल- मंहाराजा भोपालसिंह द्वारा निर्मित, लखनऊ जैसी भूलभूलैया व जयपुर के हवामहल की झलक के कारण शेखावाटी का हवामहल कहा जाता है।
- स्थापना – 14वीं शताब्दी में झुंझुनूँ जिले की स्थापना मोहम्मद खाँ ने की थी।
- नोट: एक किवदंती के अनुसार 1481-1488 ई. के बीच सुंझा नेहरा जाट ने झुंझुनूँ बसाया था।
- उपनाम- शेखावाटी का सिरमौर सैनिक जिला।
- झुझुनूँ जिले को जिले का दर्जा 30 मार्च 1949 में दिया गया।
- आजादी तक झुंझुनूँ जिला जयपुर रियासत में शामिल था।
- झुंझुनूँ जिले का अन्तिम नवाब- रूहेल खाँ था।
- डॉ. दशरथ शर्मा ने 1 3वीं शताब्दी के कस्बों की जो सूची जारी की है, उसमें झुंझुनूँ का नाम है।
- झुंझुनूँ जिलान्यूनतम बाल लिंगानुपात वाला जिला है । (837) पुनर्गठन (7 अगस्त, 2023) से पहले]
- झुंझुनूँ जिला सर्वाधिक पुरुष साक्षरता वाला जिला है।
- (৪6.90%) [पुनर्गठन (7 अगस्त, 2023) से पहले]
- झुंझुनूँ हरियाणा राज्य का सीमावर्ती’ जिला है।
- प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा सिंह, ग्लोरी ऑफ इंडिया अवार्ड से सम्मानित।
- केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान- CEERI, पिलानी
- चिड़ावा- नरहड़ की दरगाह (हजरत शक्कर पीर बाबा की दरगाह) स्थित है। इनको बांगड़ का धणी कहते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी को इनका उर्स लगता है ।
- विसाऊ – यहां की मुकाभिनय रामलीला प्रसिद्ध है ।
- खेतड़ी महल – झुंझुनूँ में स्थित इस महल को शेखावाटी का हवामहल भी कहते हैं । इसका निर्माण महाराजा भोपालसिंह द्वारा करवाया गया था।
- लूणा- प्रसिद्ध गजल गायक मेहंदी हसन का संबंध इस स्थान से है।
- नवलगढ़- यहाँ का दर्ग, पौद्वार की हवेली, भगत एवं चौखानी परिवार की हवेली, रूपनिवास पैलेस, आठ हवेली, पटोदिया आदि विशेष दर्शनीय स्थल है। नवलगढ़ को शेखावाटी की स्वर्ण नगरी कहा जाता है।
- मण्डावा- मण्डावा स्थान बरखान बालुका स्तूप के लिए प्रसिद्ध है। मण्डावा अपने किले और हवेलियों के लिए जाना जाता है । मण्डावा को ओपन आर्ट गेलेरी/भि्त चित्रों के प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है।
- डूण्डलोद- यहाँ दर्शनीय स्थल- गोयनका हवेली, यहाँ का किला, गोयनका छतरी आदि दर्शनीय स्थल है । यहाँ पर गर्दभ अभयारण्य है।
- लोहार्गल- यह एक पहाड़ी इलाका है। यहाँ मालकेत और बरखंड़ी शिखर पर सूर्यकुण्ड स्थित हैं । यहाँ पांडुओं ने अपने हथियार गलाए /ठंड़े किए थे। भाद्रपद माह में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से अमावस्या तक हर वर्ष लौहार्गल के पहाड़ों में श्रद्धालुओं द्वारा पैदल परिक्रमा की जाती है।
- चिड़ावा- दर्शनीय स्थलः नरहड़ की दरगाह, नंदलाल डालमियाँ, फूलचंद डालमियाँ, ताराचंद डालमिर्यँ, मंगल चन्द डालमियाँ, दूलीचन्द डालमियाँ, नैमालियाँ की हवेली आदि के लिए विख्यात हैं ।
- महनसर- यहाँ पौद्दारों की सोने की दुकान मुरख्य आकर्षण का केन्द्र है। इन दुकानों के भित्ति चित्रों में राम- कृष्ण की लीलाओं से संबंधित चित्र मिलते हैं । यहाँ के भित्ति चित्रों में सोने की पॉलिश की गई हैं, इस कारण इसे सोने की दुकान के नाम से जाना जाता है।
- कमरूद्दीन शाह की दरगाह- झुंझुनूँ
- झुंझुनूँ में- ईश्वरदास मोदी की हवेली, मेड़तणी बावड़ी, बादलगढ़, समस तालाब, चंचलनाथ का टीला, जोरावरगढ़, खेमी शक्ति मंदिर, टीबड़ेवाला की हवेली, नवाब रूहेल खाँ का मकबरा, खेतान बावड़ी, भूत बावड़ी आदि।
- विश्व का सबसे बड़ा सती माता मंदिर झुंझुनूँ जिले में स्थत है।
- देश की प्रथम खनिज कोर लाइब्रेरी- अकवाली गाँव, झुंझुनूँ ।
- देश का प्रथम निर्मल गाँव- बख्तावरपुरा गाँव झुंझुनूँ ।
- देश का प्रथम धुम्रपान रहित शहर झुंझुनूँ।
- राज्य काप्रथम विज्ञान केन्द्र- नवलगढ़, झुंझुनूँ ।
- राज्य काप्रथम मयूर अभयारण्य- बीड़, झुंझुनूँ।
- झुझुनूँ जिले की बुहाना तहसील को फौजियों की तहसील कहाँ जाता है।
- अलसीसर और मलसीसर अपनी हवेलियों एवं भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- बिड़ला तकनीकी स्यूजियम : पिलानी, झुझुनूँ। स्थापना – वर्ष 1954 में यह म्यूजियम पिलानी के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी एंड साइंस संस्थान (BITS) के परिसर में स्थित है। यह भारत का प्रथम उद्योग एवं तकनीकी म्यूजियम है।
- शेखावाटी ब्रिगेड : स्थापना- 1835 में अंग्रेजों द्वारा जयपुर रियासत के खर्चे पर ब्रिटिश अधिकारियों के नियंत्रण में की गई मुख्यालय- झुंझुनूँ ।
- झुंझुनूँ में चिड़ावा के राणा परिवार काख्याल प्रसिद्ध है। नानूराम चिड़ावा ख्याल के प्रवर्तक हैं । प्रसिद्ध कलाकार दुलीया राण।
- घनश्याम दास बिड़ला (पिलानी, झुंझुनूँ) प्रसिद्ध उद्योगपति एवं प्रथम राजस्थानी जिन्हें वर्ष 1 957 में पद्म विभूषण प्रदान किया गया। घनश्याम दास बिड़ला द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थान आज BITS, पिलानी के नाम से विश्वभर में प्रसिद्ध है।
- मोहनासिंह (झुंझुनूँ) राज्य की प्रथम महिला लड़ाकू विमान पायलट हैं।
- नरोत्तमलाल जोशी- राजस्थान विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष थे।
- पण्डित झाबरमल शर्मा – पत्रकारिता के पितामह पण्डित झाबरमल शर्मा झुंझुनूँ के निवासी थे।
- बालक वॉलीबॉल अकादमी- झुंझुनूँ
- शारीरिक शिक्षा एवं खेल विश्वविद्यालय – झुंझुनूँ (2012- 13)
- राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 मार्च 2018 को झुंझुनूँ से की थी।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा एशिया का सबसे बड़ा एवं भूमिगत आयुध डिपो झुंझुनूँ में स्थापित किया गया है।
- सिंघानिया विश्वविद्यालय – पचेरी कला, झुंझुनूँ ।राज्य का प्रथम निजी नर्स कम्पाउंडर प्रशिक्षण केन्द्र पिलानी, झुंझुनूँ।
- पन्नालाल शाह का तालाब , समस तालाब झुंझुनूँ में स्थित है।