चूरू जिला दर्शन (Churu Jila Darshan)

By LM GYAN

Updated on:

चूरू जिला दर्शन

चूरू जिले का संपूर्ण विवरण

चूरू जिला राजस्थान के उत्तरी भाग में स्थित है और इसे “थार का प्रवेश द्वार” भी कहा जाता है। यह जिला अपनी रेतीली धरती, ऊँटों की सवारी, हवेलियों की भित्ति चित्रकारी, मालसीसर महल और भारतीय सेना में योगदान के लिए प्रसिद्ध है।

भौगोलिक स्थिति

  • देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 28.31° N, 74.95° E
  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 13,835 वर्ग किमी
  • सीमाएँ:
    • उत्तर में हरियाणा राज्य
    • दक्षिण में नागौर जिला
    • पूर्व में झुंझुनू और सीकर जिले
    • पश्चिम में बीकानेर जिला
  • जलवायु:
    • यहाँ का मौसम अत्यधिक शुष्क और गर्म होता है।
    • गर्मियों में तापमान 50°C तक और सर्दियों में 0°C तक गिर सकता है।
  • भूभाग:
    • यह पूरा क्षेत्र थार मरुस्थल में स्थित है और यहाँ रेतीले टीलों की भरमार है।

स्थापना एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • स्थापना: 1620 ई. में चूहड़ा जाट द्वारा
  • ऐतिहासिक घटनाक्रम:
    • 1814 ई.: बीकानेर राठौड़ वंश द्वारा अधिग्रहण
    • 1949: बीकानेर राज्य के साथ वृहत्तर राजस्थान में विलय
    • 1 नवंबर 1956: जिला घोषित
  • प्राचीन महत्व: महाभारत काल में जांगल देश का हिस्सा
  • सीमाएँ:
    • नवगठित जिले: कुचामन-डीडवाना
    • अन्य: हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर, सीकर, झुंझुनूं
    • अंतर्राज्यीय: हरियाणा

भौगोलिक विशेषताएँ

  • जलवायु:
    • राजस्थान का सर्वाधिक वार्षिक तापान्तर वाला जिला
    • अर्ध-शुष्क मरुस्थलीय क्षेत्र
  • प्रमुख जलस्रोत:
    • झीलें: सुजानगढ़ झील, तालछापर झील
    • नहरें:
      • राजीव गाँधी सिद्धमुख नोहर परियोजना (तारानगर व राजगढ़ को सिंचाई)
      • चौधरी कुंभाराम लिफ्ट नहर (इंदिरा गाँधी नहर से जुड़ी)
    • पारंपरिक जल संरचनाएँ: जोहड़ (सीढ़ीनुमा कुएँ)

प्रमुख सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थल

(क) धार्मिक स्थल
  • गोगाजी मंदिर (ददरेवा):
    • विशेषता: हिंदू-मुस्लिम समान आराध्य
    • मेला: भाद्रपद कृष्ण नवमी
  • सालासर बालाजी मंदिर:
    • दाढ़ी-मूँछ वाले हनुमान की प्रतिमा
    • मेला: चैत्र व आश्विन पूर्णिमा
  • इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर (सरदारशहर):
    • द्रविड़ शैली में निर्मित
    • मेला: बसंत पंचमी
  • साहवा गुरुद्वारा: गुरु नानक व गुरु गोविंद सिंह की स्मृति में
(ख) ऐतिहासिक इमारतें
  • चूरू का किला (1739 ई.):
    • ठाकुर कुशाल सिंह द्वारा निर्मित
    • ठाकुर शिव सिंह द्वारा चाँदी के गोले दागने की घटना के लिए प्रसिद्ध
  • बीनादेसर किला (1757 ई.): ठाकुर दुल्हेसिंह द्वारा निर्मित
  • सुराणा हवेली:
    • 6 मंजिला, 1100 दरवाजों वाली विशाल हवेली
  • 51 टोड़ो की हवेली (1750 ई.)
  • मालजी का कमरा (1920 ई.): फ्रांसीसी स्थापत्य शैली का उदाहरण

प्राकृतिक संपदा एवं वन्यजीव

  • तालछापर अभयारण्य:
    • प्रमुख प्रजातियाँ: कृष्ण मृग (काले हिरण), कुरंजा पक्षी
    • विशेषता: मोथिया साइप्रस घास के लिए प्रसिद्ध
  • संवत्सर कोटसर: शिकार निषिद्ध क्षेत्र
  • भालेरी गाँव: वरखान वालुका स्तूप (बालू के टीले)

प्रमुख व्यक्तित्व

  • कन्हैयालाल सेठिया (सुजानगढ़):
    • उपलब्धियाँ: पद्मश्री (2004), राजस्थानी भाषा के पितामह
    • रचनाएँ: ‘धरती धोरा रीं’, ‘लीलटांस’
  • देवेंद्र झाझड़िया:
    • पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता (2004, 2016)
    • पद्म भूषण (2022)
  • कृष्णा पूनियाँ:
    • डिस्कस थ्रो में अर्जुन पुरस्कार व पद्मश्री विजेता
  • लक्ष्मी निवास मित्तल (राजगढ़):
    • “स्टील किंग” के नाम से प्रसिद्ध

आर्थिक गतिविधियाँ

  • कृषि:
    • चोकला नस्ल की भेड़: उन्नत ऊन उत्पादन
    • मुख्य फसलें: बाजरा, गेहूँ
  • हस्तशिल्प:
    • चंदन की कलाकारी: जांगिड़ परिवार द्वारा संरक्षित
    • सुजानगढ़ का बंधेज कार्य: प्रसिद्ध डिजाइन
  • उद्योग: नमदा निर्माण (अविकानगर)

सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताएँ

  • लोकनृत्य: कबूतरी नृत्य
  • शैक्षणिक संस्थान:
    • गांधी विद्या मंदिर (सरदारशहर)
    • राजस्थान वन्यजीव प्रबंधन संस्थान (तालछापर)
  • संग्रहालय: नाहटा संग्रहालय (सरदारशहर)

राजनीतिक एवं सामाजिक आंदोलन

  • दूधवाखारा किसान आंदोलन:
    • नेतृत्व: रघुवरदयाल, मघाराम वैद्य, खेतूबाई (महिला नेतृत्व)
  • कांगड़ काण्ड (1946): रतनगढ़ में किसान आंदोलन

चूरू जिला अपनी ऐतिहासिक हवेलियों, धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है। तालछापर के काले हिरण, सालासर बालाजी की आस्था और चंदन की नक्काशी इसकी विशिष्ट पहचान हैं। शिक्षा, खेल और सामाजिक आंदोलनों के क्षेत्र में इस जिले ने उल्लेखनीय योगदान दिया है। मरुस्थलीय परिस्थितियों के बावजूद यहाँ की जल संरक्षण परंपराएँ (जोहड़) आज भी प्रासंगिक हैं।

LM GYAN

On this website, you will find important subjects about India GK, World GK, and Rajasthan GK that are necessary in all competitive examinations. We also provide test series and courses via our app.

Related Post

बालोतरा जिला दर्शन (Balotra Jila Darshan)

बालोतरा जिला – संपूर्ण विवरण बालोतरा जिला राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित एक प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है। यह मुख्य रूप से कपड़ा उद्योग, धार्मिक स्थलों ...

सलूम्बर जिला दर्शन (Salumbar Jila Darshan)

सलूम्बर जिला – संपूर्ण विवरण सलूम्बर जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है। यह मुख्य रूप से अपनी आदिवासी संस्कृति, पहाड़ियों ...

ब्यावर जिला दर्शन (Beawar Jila Darshan)

ब्यावर जिला – संपूर्ण विवरण ब्यावर जिला राजस्थान के मध्य-पश्चिमी भाग में स्थित है और मुख्य रूप से अपने सीमेंट उद्योग, ऐतिहासिक विरासत और व्यापारिक गतिविधियों के लिए ...

खैरथल-तिजारा जिला दर्शन (Khairthal-Tijara Jila Darshan)

खैरथल-तिजारा जिला – संपूर्ण विवरण खैरथल-तिजारा जिला राजस्थान के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। यह क्षेत्र अपने औद्योगिक क्षेत्रों, ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। ...

Leave a comment