🌄 हिमालय पर्वतीय प्रदेश (उत्तरी पर्वतीय प्रदेश): भारत का गौरवशाली भू-भाग

By: LM GYAN

On: 5 September 2025

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हिमालय पर्वतीय प्रदेश

“हिमालय पर्वतीय प्रदेश (उत्तरी पर्वतीय प्रदेश) भारत की प्रमुख भौतिक विशेषता है, जो ऊँचे पर्वतों, हिमनदों, गहरी घाटियों और विविध जलवायु के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता, नदियों के उद्गम स्थल और सामरिक महत्व इसे विशिष्ट बनाते हैं।”

  • उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी पर्वतमाला में हिमालय पर्वत और संरचना तथा भू-आकृति विज्ञान शामिल हैं।
  • हिमालय में कई समानांतर पर्वत श्रृंखलाएँ हैं:
    • वृहद् हिमालय
    • पार हिमालय श्रृंखलाएँ
    • मध्य हिमालय
    • शिवालिक प्रमुख श्रेणियाँ
  • भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में हिमालय की श्रेणियाँ उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर फैली हैं।
  • दार्जिलिंग और सिक्किम क्षेत्रों में ये श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश में ये दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पश्चिम की ओर घूम जाती हैं।
  • मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर में ये पहाड़ियाँ उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली हैं।
  • इसे केंद्रीय अक्षीय श्रेणी भी कहा जाता है।
  • पूर्व-पश्चिम लंबाई: लगभग 2,500 किलोमीटर।
  • उत्तर से दक्षिण चौड़ाई: 160 से 400 किलोमीटर।
  • हिमालय, भारतीय उपमहाद्वीप तथा मध्य एवं पूर्वी एशिया के देशों के बीच एक मजबूत लंबी दीवार के रूप में खड़ा है।
  • हिमालय को निम्नलिखित उपखंडों में विभाजित किया जा सकता है:
    • (i) कश्मीर या उत्तर-पश्चिमी हिमालय
    • (ii) हिमाचल और उत्तरांचल हिमालय
    • (iii) दार्जिलिंग और सिक्किम हिमालय
    • (iv) अरुणाचल हिमालय
    • (v) पूर्वी पहाड़ियाँ और पर्वत
  • यह नवीन मोड़दार पर्वतमाला है।
  • निर्माण में दबाव की शक्तियों अथवा समानान्तर भू-गतियों का अधिक प्रभाव रहा है।
  • परतदार चट्टानें बहुत अधिक मुड़ एवं टूट गई हैं।
  • अनेक प्रकार के मोड़, शायी मोड़, ग्रीवाखण्डीय मोड़ तथा उल्टी भ्रंशें पाई जाती हैं।
  • यह पर्वत अभी भी निर्माणावस्था में है।
  • अनेक काल के समुद्रों में निक्षिप्त परतदार चट्टानें मिलती हैं।
  • ढाल तिब्बत की ओर नतोदार (Concave) प्रकार की है तथा भारत की ओर उन्नत्तोदर (Convex) प्रकार की है।
  • यह विश्व की नवीनतम मोड़दार या वलित पर्वतमाला है।
  • यह पर्वतमाला यूरोप में पिरेनीज और आल्प्स से आरम्भ होकर भारत की संपूर्ण उत्तरी सीमा से होते हुए पूर्वी सीमा और उससे आगे तक फैली हुई है।
  • पूर्व से पश्चिम दिशा में इसकी लम्बाई 2400 किमी. है।
  • पश्चिम में चौड़ाई 500 किमी. के बीच पाई जाती है, जबकि पूर्व में यह लगभग 200 किमी. चौड़ा है।
  • यह पर्वतमाला भारत के 5 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र में विस्तृत है।
  • एशिया महाद्वीप में 6500 मी. से अधिक ऊँची 94 चोटियाँ हैं, जिनमें से 92 चोटियाँ इसी पर्वतीय प्रदेश में स्थित हैं।
  • पश्चिम से पूर्व की ओर पर्वतीय भाग की चौड़ाई घटती जाती है, किन्तु ऊँचाई बढ़ती जाती है और साथ ही ढाल भी तीव्र होती जाती है।
  • पर्वत श्रेणियाँ:
  • कराकोरम, लद्दाख, जास्कर, और पीरपंजाल।
  • भौगोलिक विशेषताएँ:
  • उत्तरी-पूर्वी भाग (वृहद् हिमालय और कराकोरम के बीच) एक ठंडा मरुस्थल है।
  • वृहद् हिमालय और पीरपंजाल के बीच कश्मीर घाटी और डल झील स्थित हैं।
  • दक्षिण एशिया की महत्त्वपूर्ण हिमानी नदियाँ: बलटोरो और सियाचिन
  • करेवा:
  • करेवा कश्मीर हिमालय में पाए जाने वाले झील निक्षेप हैं।
  • यहाँ विश्व प्रसिद्ध केसर (जाफरान) की खेती की जाती है।
  • केसर को 2020 में G.I. टैग (भौगोलिक संकेतक) का दर्जा मिला।
  • पंपोर क्षेत्र को “केसर का कटोरा” कहा जाता है।
  • महत्त्वपूर्ण दर्रे:
  • जोजीला (वृहद् हिमालय), बनिहाल (पीर पंजाल), फोटुआ (जास्कर श्रेणी), खर्दुगला (लद्दाख श्रेणी)।
  • झीलें:
  • अलवणजल झीलें: डल और वुलर।
  • लवणजल झीलें: पाँगाँग सो (Pangongtso) और सोमुरीरी (Tsomuriri)।
  • नदियाँ:
  • सिंधु, झेलम, और चिनाब इस क्षेत्र को अपवाहित करती हैं।
  • पर्यटन और तीर्थस्थल:
  • वैष्णो देवी, अमरनाथ गुफा,।
  • श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर की राजधानी) झेलम नदी के किनारे स्थित है।
  • डल झील एक प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण है।
  • दून घाटियाँ:
  • दक्षिणी भाग में अनुदैर्ध्य घाटियाँ (जम्मू-दून और पठानकोट-दून)।
  • भौगोलिक सीमा:
  • पश्चिम में रावी नदी और पूर्व में काली नदी (घाघरा की सहायक) के बीच स्थित।
  • नदी तंत्र:
  • सिंधु और गंगा नदी तंत्र द्वारा अपवाहित।
  • प्रमुख नदियाँ: रावी, व्यास, सतलुज (सिंधु की सहायक), यमुना, और घाघरा (गंगा की सहायक)।
  • पर्वत श्रेणियाँ:
  • वृहद् हिमालय, लघु हिमालय (धौलाधर और नागटीभा), और शिवालिक श्रेणी।
  • महत्त्वपूर्ण स्थल:
  • लद्दाख के ठंडे मरुस्थल का विस्तार (लाहौल और स्पिति)।
  • पर्वत नगर: धर्मशाला, मसूरी, कासौली, अल्मोड़ा, लैंसडाउन, रानीखेत।
  • शिवालिक और दून:
  • शिवालिक शब्द की उत्पत्ति देहरादून के नजदीक शिवावाला से हुई।
  • प्रमुख दून: देहरादून, हरीके दून, कोटा दून।
  • देहरादून सबसे बड़ी घाटी (लंबाई 35-45 किमी, चौड़ाई 22-25 किमी)।
  • जनजातियाँ:
  • भोटिया प्रजाति (खानाबदोश जीवन शैली)।
  • तीर्थस्थल:
  • गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब।
  • प्राकृतिक आकर्षण:
  • फूलों की घाटी।
  • भौगोलिक सीमा:
  • पश्चिम में नेपाल हिमालय और पूर्व में भूटान हिमालय।
  • मुख्य नदी:
  • तिस्ता नदी।
  • पर्वत और घाटियाँ:
  • कंचनजंघा चोटी और गहरी घाटियाँ।
  • जनसंख्या:
  • लेपचा जनजाति (उच्च शिखरों पर)।
  • मिश्रित जनसंख्या: नेपाली, बंगाली, मध्य भारत की जनजातियाँ।
  • चाय बागान:
  • अंग्रेजों द्वारा चाय के बागान लगाए गए।
  • दुआर स्थलाकृतियों का उपयोग चाय बागान के लिए किया गया।
  • प्राकृतिक सौंदर्य:
  • रमणीय सौंदर्य, वनस्पति, प्राणीजात, और आर्किड के लिए प्रसिद्ध।
  • भौगोलिक सीमा:
  • भूटान हिमालय से डिफू दर्रे तक।
  • मुख्य चोटियाँ:
  • काँगतु और नमचा बरवा।
  • नदियाँ:
  • कामेंग, सुबनसरी, दिहांग, दिबांग, लोहित, सांगपो।
  • ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा गहरे गॉर्ज का निर्माण।
  • जनजातियाँ:
  • मोनपा, अबोर, मिश्मी, निशी, नागा।
  • झूम (स्थानांतरी कृषि) प्रचलित।
  • जैव विविधता:
  • जैव विविधता में धनी क्षेत्र।
  • परिवहन:
  • ऊबड़-खाबड़ स्थलाकृति के कारण परिवहन सुविधाएँ सीमित।
  • दुआर क्षेत्र से कारोबार किया जाता है।
  • पहाड़ियों की दिशा:
  • उत्तर से दक्षिण।
  • स्थानीय नाम:
  • पटकाई बूम, नागा पहाड़ियाँ, मणिपुर पहाड़ियाँ, मिज़ो या लुसाई पहाड़ियाँ।
  • नदियाँ:
  • बराक (मणिपुर और मिज़ोरम की मुख्य नदी)।
  • लोकटक झील (मणिपुर घाटी में स्थित)।
  • जनजातियाँ:
  • झूम (स्थानांतरी खेती) प्रचलित।
  • भौगोलिक विशेषताएँ:
  • मिज़ोरम को “मोलेसिस बेसिन” भी कहा जाता है।
  • नागालैंड की नदियाँ ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ हैं।
  • मणिपुर की नदियाँ चिंदविन नदी (म्यांमार) की सहायक नदियाँ हैं।

हिमालय पर्वतीय प्रदेश को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है:

  1. भौगोलिक वर्गीकरण
  2. प्रादेशिक वर्गीकरण
  3. भू-गर्भीय वर्गीकरण

भौगोलिक आधार पर हिमालय पर्वतीय प्रदेश को चार समानांतर भागों में बाँटा जाता है:

  1. वृहद् हिमालय
  2. मध्य हिमालय
  3. उप हिमालय या शिवालिक श्रेणी
  4. ट्रांस हिमालय श्रेणी
  • अन्य नाम:
  • मुख्य हिमालय (Main Himalayas)
  • हिमाद्री (Himadri)
  • आन्तरिक हिमालय (Inner Himalayas)
  • बर्फीले हिमालय (Snowy Himalayas)
  • विस्तार:
  • उत्तर-पश्चिम में सिन्धु नदी के मोड़ से पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के मोड़ तक।
  • लम्बाई: लगभग 2,400 किमी।
  • चौड़ाई: औसत 25 किमी।
  • ऊँचाई: औसत 6,000 मीटर।
  • मुख्य चोटियाँ:
  • माउंट एवरेस्ट (8,848.86 मीटर, नेपाल)
  • गॉडविन ऑस्टिन (8,611 मीटर, जम्मू-कश्मीर)
  • कंचनजंघा (8,598 मीटर, सिक्किम)
  • मकालू (8,481 मीटर)
  • धौलागिरि (8,172 मीटर)
  • नंगा पर्वत (8,126 मीटर)
  • अन्नपूर्णा (8,076 मीटर)
  • नंदा देवी (7,817 मीटर)
  • प्रमुख दर्रे:
  • जोजिला दर्रा (जम्मू-कश्मीर)
  • बनिहाल दर्रा (जम्मू-कश्मीर)
  • शिपकी ला दर्रा (हिमाचल प्रदेश)
  • रोहतांग दर्रा (हिमाचल प्रदेश)
  • नाथूला एवं जेलेप ला (सिक्किम)
  • बोमडिला दर्रा (अरुणाचल प्रदेश)
  • घाटियाँ:
  • कश्मीर घाटी (झेलम नदी)
  • कुल्लू-कांगड़ा घाटी (व्यास नदी)
  • काठमाण्डू घाटी (बाघमती नदी)
  • अन्य नाम:
  • हिमाचल हिमालय (Himachal Himalayas)
  • विस्तार:
  • वृहद् हिमालय के दक्षिण में स्थित।
  • चौड़ाई: 80 से 100 किमी।
  • ऊँचाई: औसत 3,000 मीटर (अधिकतम 5,000 मीटर)।
  • मुख्य श्रेणियाँ:
  • पीरपंजाल श्रेणी (कश्मीर)
  • धौलाधर श्रेणी (हिमाचल प्रदेश)
  • प्रमुख स्थल:
  • शिमला, मसूरी, नैनीताल, डलहौजी, दार्जिलिंग।
  • विशेषताएँ:
  • कोणधारी वन और घास के मैदान (कश्मीर में मर्ग, उत्तराखण्ड में बुग्याल और पयार)।
  • स्लेट, चूना पत्थर, क्वार्ट्ज और अन्य शिलाओं की अधिकता।
  • घाटियाँ:
  • कश्मीर घाटी (पीरपंजाल और वृहद् हिमालय के बीच)
  • काठमांडू घाटी (नेपाल)
  • अन्य नाम:
  • बाह्य हिमालय (Outer Himalayas)
  • विस्तार:
  • पोटवार बेसिन से कोसी नदी तक।
  • चौड़ाई: 10 से 50 किमी।
  • ऊँचाई: औसत 1,000 मीटर।
  • विशेषताएँ:
  • नदियाँ संकीर्ण घाटियाँ या गॉर्ज बनाती हैं।
  • भाबर और तराई क्षेत्र (दलदली भूमि)।
  • दून घाटियाँ (जैसे देहरादून, हरिद्वार)।
  • शैल संरचना:
  • अपर टर्शियरी युग की चट्टानें (बलुआ पत्थर, चिकनी मिट्टी, कांगलोमिरेट, चूना पत्थर)।
  • विस्तार:
  • वृहद् हिमालय के उत्तर में या तिब्बत के दक्षिण में स्थित।
  • मुख्य श्रेणियाँ:
  • लद्दाख, जास्कर, कैलाश, कराकोरम।
  • विशेषताएँ:
  • कराकोरम श्रेणी को “उच्च एशिया की रीढ़” कहा जाता है।
  • जल-विभाजक का कार्य करती है।

प्रादेशिक वर्गीकरण के आधार पर हिमालय को चार भागों में विभाजित किया जाता है:

  1. पंजाब हिमालय
  2. कुमायूँ हिमालय
  3. नेपाल हिमालय
  4. असम हिमालय

(1) पंजाब हिमालय

  • विस्तार:
  • सिन्धु नदी से सतलुज नदी तक।
  • लम्बाई: 570 किमी।
  • मुख्य राज्य: जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश।
  • मुख्य पर्वत श्रेणियाँ:
  • पीर पंजाल, धौलाधर, जास्कर, लद्दाख।
  • विशेषताएँ:
  • दक्षिणी ढालों पर वनों की प्रधानता।
  • उत्तरी ढाल निर्जन, ऊबड़-खाबड़ और शुष्क।
  • शुष्क होने के कारण हिम रेखा अधिक ऊँचाई पर स्थित।
  • करेवा झील निक्षेप:
  • कश्मीर हिमालय में करेवा झील निक्षेप प्रसिद्ध हैं।
  • जाफरान (केसर) की खेती होती है।
  • मुख्य चोटियाँ:
  • टाटाकुटी और ब्रह्मासकल।
  • मुख्य दर्रे:
  • पीरपंजाल, बनिहाल, जोजीला, बुर्जिल।

(2) कुमायूँ हिमालय

  • विस्तार:
  • सतलुज नदी से काली नदी तक।
  • लम्बाई: 320 किमी।
  • मुख्य राज्य: उत्तराखण्ड।
  • मुख्य चोटियाँ:
  • बद्रीनाथ (7,040 मीटर)
  • केदारनाथ (6,831 मीटर)
  • त्रिशूल (6,707 मीटर)
  • गंगोत्री (6,508 मीटर)
  • नन्दादेवी (सर्वोच्च शिखर)।
  • नदियाँ:
  • गंगा, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा का उद्गम स्थल।
  • तीर्थ स्थल:
  • बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, जमुनोत्री।
  • घाटियाँ:
  • दून घाटियाँ (शिवालिक और मध्य हिमालय के बीच)।
  • झीलें:
  • नैनीताल, भीमताल, सातताल।
  • पर्यटन स्थल:
  • मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर।
  • दर्रे:
  • माना और नीति दर्रे (तिब्बत से जुड़ाव)।
  • विस्तार:
  • काली नदी से तीस्ता नदी तक।
  • लम्बाई: 800 किमी।
  • औसत ऊँचाई: 6,250 मीटर।
  • मुख्य क्षेत्र: नेपाल, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, भूटान।
  • मुख्य चोटियाँ:
  • माउंट एवरेस्ट (8,848.86 मीटर)
  • कंचनजंघा (8,598 मीटर)
  • मकालू (8,481 मीटर)
  • धौलागिरि (8,172 मीटर)
  • अन्नपूर्णा (8,076 मीटर)।
  • नदियाँ:
  • घाघरा, कोसी, गण्डक, तिस्ता का उद्गम स्थल।
  • वनस्पति:
  • ऊँचे भाग वनस्पतिविहीन।
  • निचले भागों में स्प्रूस, फर, चीड़ के कोणधारी वन।
  • घाटियाँ:
  • काठमांडू घाटी (नेपाल)।
  • विस्तार:
  • तीस्ता नदी से ब्रह्मपुत्र नदी तक।
  • लम्बाई: 740 किमी।
  • मुख्य क्षेत्र: सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, भूटान।
  • मुख्य चोटियाँ:
  • काबरू, चुमलहारी, जांग सांगला, कुला कांगड़ी, पौहुनी, नामचा बरवा।
  • विशेषताएँ:
  • घना वनाच्छादित क्षेत्र।
  • कई जनजातियाँ निवास करती हैं।
  • नागा पहाड़ियाँ भारत और म्यांमार के बीच जल-विभाजक का कार्य करती हैं।
  • दर्रे:
  • जेलेप ला (सिक्किम)
  • बुमला दर्रा (अरुणाचल प्रदेश)।
  • ढाल:
  • दक्षिणवर्ती मैदान की ओर तीव्र ढाल।
  • उत्तर-पश्चिम की ओर धीमी ढाल।

हिमालय पर्वत भारत के लिए भौतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके प्रमुख महत्व निम्नलिखित हैं:


1. प्राकृतिक सीमा का निर्माण
  • हिमालय देश के उत्तर और पूर्व में एक प्राकृतिक सीमा बनाता है।
  • यह भारत को बाह्य आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करता है।

2. जलवायु नियंत्रण
  • हिमालय उत्तर की ओर से आने वाली ठंडी ध्रुवीय हवाओं को रोकता है, जिससे भारत की जलवायु स्थिर रहती है।
  • यह दक्षिण से आने वाली मानसूनी हवाओं को रोककर भारत को वर्षा का लाभ प्रदान करता है।

3. नदियों का उद्गम स्थल
  • हिमालय से निकलने वाली नदियाँ (जैसे गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र) भारत के मैदानी क्षेत्रों को सिंचाई के लिए जल प्रदान करती हैं।
  • इन नदियों द्वारा लाई गई उपजाऊ मिट्टी से गंगा-सतलुज के विशाल मैदान बने हैं।

4. जल-विद्युत उत्पादन
  • हिमालय से निकलने वाली नदियों पर जल प्रपातों के कारण जल-विद्युत उत्पादन की व्यापक संभावनाएँ हैं।

5. वन और वन्य जीवन
  • हिमालय में विभिन्न ऊँचाइयों पर अलग-अलग प्रकार के वन और वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।
  • यहाँ लकड़ी, कन्दमूल-फल, गौंद, लाख, औषधियाँ और जड़ी-बूटियाँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
  • वन्य जीवन में शेर, चीते, हाथी, सांभर, हिरन, भालू, तेंदुए, बंदर आदि पाए जाते हैं।

6. कृषि और पशुचारण
  • पहाड़ी ढालों पर केसर, चाय, आलू, फलों आदि की कृषि होती है।
  • पशुचारण के लिए उपयुक्त घास के मैदान (जैसे बुग्याल और मर्ग) पाए जाते हैं।

7. खनिज संसाधन
  • हिमालय की संरचना में विभिन्न प्रकार के खनिज भंडार उपलब्ध हैं।
  • तेलीय शैल के कारण खनिज तेल के भंडार की संभावनाएँ भी हैं।

8. पर्यटन का केंद्र
  • हिमालय में अनेक प्राकृतिक झीलें, स्वास्थ्यवर्द्धक और मनोरम स्थान हैं।
  • प्रमुख पर्यटन स्थल:
  • शिमला, मसूरी, नैनीताल, भीमताल, गरूड़ताल, रानीखेत, अल्मोड़ा, कसौली, चम्बा, कुल्लू, मुक्तेश्वर, अमरनाथ, भुवाली, कालिमपौंग, शेषनाग, पहलगाँव, गुलमर्ग, सोनमर्ग।

9. आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व
  • हिमालय को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है।
  • प्रमुख तीर्थस्थल:
  • बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ, कैलाश मानसरोवर, विष्णुप्रयाग, देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, हरिद्वार, उत्तरकाशी, जोशीमठ, गंगोत्री, यमुनोत्री।
  • प्रसिद्ध बौद्ध मठ:
  • स्वयंभूनाथ, तबांग, हैमिस, ध्यागबोचे।

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