कर्नाटक, दक्षिण भारत का एक प्रमुख राज्य, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्रौद्योगिकी नवाचार, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसे भारत की IT राजधानी के रूप में जाना जाता है, विशेष रूप से बेंगलुरु के कारण, जो वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र है। 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित, यह पहले मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था, जिसका नाम 1973 में कर्नाटक रखा गया। यह लेख कर्नाटक के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, अर्थव्यवस्था, और पर्यटन स्थलों का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत करता है।
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कर्नाटक की अवस्थिति और बुनियादी जानकारी
- निर्देशांक (बेंगलुरु): 12.97°N 77.50°E
- देश: भारत
- क्षेत्र: दक्षिण भारत
- गठन: 1 नवंबर 1956
- राजधानी और सबसे बड़ा शहर: बेंगलुरु
- जिले: 31
- शासन:
- सभा: कर्नाटक सरकार
- राज्यपाल: थावरचंद गहलोत
- मुख्यमंत्री: सिद्दारमैया
- विधानमंडल: द्विसदनीय
- विधान परिषद: 75 सीटें
- विधानसभा: 224 सीटें
- संसदीय क्षेत्र:
- राज्य सभा: 12 सीटें
- लोक सभा: 28 सीटें
- उच्च न्यायालय: कर्नाटक उच्च न्यायालय
- क्षेत्रफल:
- कुल: 191,791 किमी² (74,051 वर्गमील)
- क्षेत्र पद: 6वाँ
- ऊँचाई:
- अधिकतम: 1,925 मीटर (मुल्लयनगिरि)
- निम्नतम: 0 मीटर (समुद्र तल)
- जनसंख्या (2011):
- कुल: 61,130,704
- पद: 8वाँ
- घनत्व: 320 प्रति किमी² (830 प्रति वर्गमील)
- GDP (2020–21):
- कुल: ₹16.65 लाख करोड़ (US$243.09 अरब)
- प्रति व्यक्ति: ₹2,26,796 (US$3,311)
- भाषाएँ:
- राजभाषा: कन्नड़
- अन्य: उर्दू, तेलुगु, तमिल, मराठी, तुलु, कोंकणी, मलयालम, कोडव तक्क
- समय मंडल: भारतीय मानक समय (UTC+05:30)
- ISO 3166 कोड: IN-KA
- वाहन पंजीकरण: KA
- मानव विकास सूचकांक (2018): 0.682 (मध्यम, 19वाँ)
- साक्षरता (2011): 75.36%
- लिंगानुपात (2011): 973♀/1000♂
- वेबसाइट: www.karnataka.gov.in
- उपनाम: भारत की IT राजधानी
- ध्येय: सत्यमेव जयते
- राज्य गान: “जय भारत जननिया तनुजते, जय हे कर्नाटक मात”
भौगोलिक अवलोकन
कर्नाटक का क्षेत्रफल 191,791 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत का छठा सबसे बड़ा राज्य है।
- सीमाएँ:
- पश्चिम: अरब सागर
- उत्तर-पश्चिम: गोआ
- उत्तर: महाराष्ट्र
- पूर्व: आंध्र प्रदेश
- दक्षिण-पूर्व: तमिलनाडु
- दक्षिण: केरल
- प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र:
- करावली: तटीय क्षेत्र
- मालेनाडु: पश्चिमी घाट की पहाड़ियाँ
- बयलुसीमे: दक्कन पठार
- प्रमुख नदियाँ:
- कावेरी, तुंगभद्रा, कृष्णा, मलयप्रभा, शरावती
- जलवायु:
- उष्णकटिबंधीय मानसूनी
- ऋतुएँ: शीत (जनवरी-फरवरी), ग्रीष्म (मार्च-मई), मानसून (जून-सितंबर), मानसूनोत्तर (अक्टूबर-दिसंबर)
- वर्षा: औसत 1,139 मिमी, तटीय क्षेत्र में 3,638.5 मिमी (अगुम्बे में सर्वाधिक)
- तापमान: अधिकतम 45.6°C (रायचूर), न्यूनतम 2.8°C (बीदर)
- मिट्टी:
- लाल, लैटेराइट, काली, जलोढ़-कोल्यूवियल, तटीय रेतीली
- वन और वन्यजीव:
- वन क्षेत्र: 38,724 किमी² (20%)
- राष्ट्रीय उद्यान: बांदीपुर, नागरहोल, बनेरघट्टा
- अभयारण्य: 25, जैसे कुद्रेमुख, दांडेली
- प्रजातियाँ: बाघ, हाथी, तेंदुआ, गौर
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
कर्नाटक का इतिहास प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक भारत तक फैला है।
- प्रागैतिहास:
- पाषाण युग के अवशेष, मध्य और नवपाषाण युग के साक्ष्य
- हड़प्पा सभ्यता से स्वर्ण व्यापार (3000 ई.पू.)
- प्राचीन काल:
- नंद और मौर्य वंश: तृतीय शताब्दी ई.पू. में अशोक का शासन
- सातवाहन वंश: चार शताब्दियों तक शासन
- कदंब और गंग वंश: कन्नड़ प्रशासन की शुरुआत (345-350 ई.)
- मध्यकाल:
- चालुक्य और राष्ट्रकूट: बादामी चालुक्य (6वीं शताब्दी), राष्ट्रकूट (8वीं शताब्दी)
- होयसाल वंश: 12वीं शताब्दी में स्थापत्य और साहित्य का विकास
- विजयनगर साम्राज्य: 14वीं-16वीं शताब्दी, हम्पी में राजधानी
- चोल वंश: 990-1210 ई. में आंशिक शासन
- आधुनिक काल:
- बहमनी और बीजापुर सल्तनत: इस्लामी शासन, गोल गुंबज़
- मैसूर राज्य: वोडेयार वंश, टीपू सुल्तान
- ब्रिटिश शासन: 19वीं शताब्दी में अधिग्रहण
- स्वतंत्रता के बाद: 1956 में भाषाई आधार पर कर्नाटक का गठन
जनसांख्यिकी और भाषाएँ
कर्नाटक की जनसंख्या (2011) 6.11 करोड़ है।
- धर्म (2011):
- हिंदू: 83%
- मुस्लिम: 13%
- ईसाई: 2%
- जैन: 0.78%
- बौद्ध: 0.3%
- भाषाएँ:
- राजभाषा: कन्नड़ (64.75%)
- अन्य: उर्दू (10.54%), तेलुगु (7.03%), तमिल (3.57%), मराठी (3.6%), तुलु (3%), कोंकणी, मलयालम, कोडव तक्क
- साक्षरता: 75.36% (पुरुष: 82.47%, महिला: 68.08%)
- लिंगानुपात: 973♀/1000♂
- जनजातियाँ: सोलिग, येरवा, टोडा, सिद्धि
- स्वास्थ्य:
- जन्म दर: 2.2%
- मृत्यु दर: 0.72%
- शिशु मृत्यु दर: 5.5%
संस्कृति
कर्नाटक की संस्कृति कन्नड़ परंपराओं, शास्त्रीय संगीत, और लोक कलाओं का मिश्रण है।
- कला और शिल्प:
- चित्रकला: मैसूर शैली, तंजावुर चित्र
- हस्तशिल्प: बीदर कला, मैसूर रेशम
- संगीत और नृत्य:
- संगीत: कर्नाटक संगीत (पुरंदर दास, भीमसेन जोशी), हिंदुस्तानी
- नृत्य: यक्षगान, भरतनाट्यम, कोलाट, डोलुकुनिता
- त्योहार:
- नाड हब्बा: मैसूर दशहरा
- अन्य: उगादि, गणेश चतुर्थी, दीपावली, बसव जयंती
- भोजन:
- प्रमुख व्यंजन: बिसी बेले भात, मसाला दोसा, रागी मुद्दे, जोलड रोटी
- मिठाई: मैसूर पाक, धारवाड़ पेड़ा, बेलगावी कुंड
- पहनावा:
- महिलाएँ: साड़ी (कोडगु शैली)
- पुरुष: पंचे (धोती), मैसूरी पेटा (पगड़ी)
अर्थव्यवस्था
कर्नाटक की अर्थव्यवस्था प्रौद्योगिकी, कृषि, और पर्यटन पर आधारित है।
- GDP (2020-21):
- कुल: ₹16.65 लाख करोड़
- प्रति व्यक्ति: ₹2,26,796
- प्रौद्योगिकी:
- बेंगलुरु: भारत की सिलिकॉन वैली
- प्रमुख कंपनियाँ: इन्फोसिस, विप्रो
- IT निर्यात: ₹50,000 करोड़ (38% राष्ट्रीय)
- कृषि:
- 56% जनसंख्या कृषि पर निर्भर
- प्रमुख फसलें: चावल, रागी, गन्ना, कॉफी
- सिंचित क्षेत्र: 26.5%
- उद्योग:
- सार्वजनिक क्षेत्र: HAL, BHEL, ISRO
- जैवप्रौद्योगिकी: 158 कंपनियाँ
- रेशम: 70% राष्ट्रीय उत्पादन
- बैंकिंग:
- प्रमुख बैंक: केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक
- बैंक शाखाएँ: प्रति 11,000 व्यक्ति
- चुनौतियाँ:
- गरीबी दर: 17% (2004-05)
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
यातायात
- सड़क:
- राष्ट्रीय राजमार्ग: 3,973 किमी
- राज्य राजमार्ग: 9,829 किमी
- KSRTC: 22 लाख यात्रियों को दैनिक परिवहन
- रेल:
- नेटवर्क: 3,089 किमी
- प्रमुख स्टेशन: बेंगलुरु, हुबली, मंगलौर
- कोंकण रेलवे: तटीय क्षेत्र
- हवाई:
- अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे: बेंगलुरु, मंगलौर
- अन्य: हुबली, बेलगाम, हम्पी, मैसूर
- बंदरगाह:
- प्रमुख: न्यू मंगलौर पोर्ट
- 10 छोटे बंदरगाह
पर्यटन स्थल
कर्नाटक अपने मंदिरों, प्राकृतिक सौंदर्य, और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
- धार्मिक स्थल:
- विरूपाक्ष मंदिर: हम्पी, यूनेस्को विश्व धरोहर
- उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर: तीर्थ स्थल
- श्रवणबेलगोला: गोम्मतेश्वर प्रतिमा (जैन तीर्थ)
- शृंगेरी शारदाम्बा मंदिर: अद्वैत पीठ
- धर्मस्थल मंजुनाथ मंदिर
- ऐतिहासिक स्थल:
- हम्पी: विजयनगर साम्राज्य, यूनेस्को विश्व धरोहर
- पट्टदकल्लु: चालुक्य मंदिर, यूनेस्को विश्व धरोहर
- बादामी गुफा मंदिर: चालुक्य स्थापत्य
- बीदर का किला: बहमनी सल्तनत
- गोल गुंबज़: बीजापुर, विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गुंबद
- प्राकृतिक स्थल:
- जोग प्रपात: भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात
- शिवनसमुद्रम प्रपात: कावेरी नदी
- कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान: पारिस्थितिकी पर्यटन
- मुरुदेश्वर: समुद्र तट और शिव मूर्ति
- गोकर्ण और करवर: समुद्र तट
- अन्य:
- मैसूर पैलेस: विश्व के सबसे सुंदर महलों में
- बेंगलुरु: प्रौद्योगिकी और उद्यान शहर
प्रशासन
कर्नाटक में द्विसदनीय विधानमंडल है।
- राजधानी: बेंगलुरु
- जिले: 31
- प्रमुख अधिकारी:
- राज्यपाल: थावरचंद गहलोत
- मुख्यमंत्री: सिद्दारमैया
- राजनीति:
- प्रमुख दल: कांग्रेस, भाजपा, जनता दल (सेक्युलर)
- विधान भवन: विधान सौध, बेंगलुरु
शिक्षा
- साक्षरता: 75.36%
- प्रमुख संस्थान:
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc): बेंगलुरु
- IIM बेंगलुरु: प्रबंधन शिक्षा
- NIT कर्नाटक: सुरथकल
- विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय: बेलगाम
- मैसूर विश्वविद्यालय
- स्कूल:
- 54,529 प्राथमिक, 9,498 माध्यमिक स्कूल
- मुफ्त मध्याह्न भोजन योजना
- वैदिक शिक्षा:
- उडुपी, शृंगेरी, मेलकोट
खेल
- प्रमुख खेल:
- हॉकी: कोडगु से कई राष्ट्रीय खिलाड़ी
- क्रिकेट: रणजी ट्रॉफी में 6 बार विजेता
- बैडमिंटन: प्रकाश पादुकोन
- सुविधाएँ:
- चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरु
- राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी
- लोकप्रिय खेल:
- खो-खो, कबड्डी, चिन्नी डांडु
संचार और समाचार माध्यम
- समाचारपत्र:
- कन्नड़: विजय कर्नाटक, प्रजावनी, उदयवाणि
- अंग्रेजी: द टाइम्स ऑफ इंडिया, डेक्कन हेराल्ड
- टेलीविजन:
- डीडी चंदना, ईटीवी कन्नड़, ज़ी कन्नड़
- रेडियो:
- आकाशवाणी (1935 में मैसूर से शुरू)
- FM चैनल: बेंगलुरु, मंगलौर
समस्याएँ और संभावनाएँ
- चुनौतियाँ:
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
- बेलगाम और कासरगोड पर सीमा विवाद
- मानसून पर कृषि निर्भरता
- संभावनाएँ:
- IT और जैवप्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्व
- पर्यटन: यूनेस्को स्थल, समुद्र तट, वन्यजीव
- स्वास्थ्य पर्यटन: ISO-प्रमाणित अस्पताल
निष्कर्ष
कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जो प्राचीन स्थापत्य (हम्पी, पट्टदकल्लु), प्राकृतिक सौंदर्य (जोग प्रपात, मुरुदेश्वर), और आधुनिक प्रौद्योगिकी (बेंगलुरु) का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। कन्नड़ संस्कृति, कर्नाटक संगीत, और मैसूर दशहरा इसकी सांस्कृतिक पहचान को समृद्ध करते हैं। इन्फोसिस और विप्रो जैसी कंपनियों के साथ यह भारत की आर्थिक प्रगति में अग्रणी है। गोम्मतेश्वर की एकाश्म प्रतिमा और गोल गुंबज़ जैसे स्थल इसकी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाते हैं। चुनौतियों के बावजूद, कर्नाटक शिक्षा, पर्यटन, और उद्योग में अपनी वैश्विक उपस्थिति को मजबूत कर रहा है।
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