मौर्य साम्राज्य: मौर्यकालीन इतिहास के स्रोत

By: LM GYAN

On: 29 May 2025

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मौर्य साम्राज्य

मौर्य साम्राज्य का उदय

  • मगध की ताकत के साथ मौर्य साम्राज्य ने जन्म लिया।
  • चंद्रगुप्त मौर्य ने इसकी नींव रखी, जिनका साम्राज्य पश्चिम में अफगानिस्तान और बलूचिस्तान तक फैला।

मौर्यकालीन इतिहास के स्रोत

  • साहित्यिक स्रोत:
    • चाणक्य का अर्थशास्त्र: राज्य प्रबंधन का खज़ाना।
    • क्षेमेंद्र की वृहत्कथा मंजरी: मौर्य काल की कहानियाँ।
    • कल्हण की राजतरंगिणी: राजाओं का इतिहास।
    • विशाखदत्त का मुद्राराक्षस: चाणक्य और चंद्रगुप्त की कहानी।
    • सोमदेव का कथासरित्सागर: मौर्यकाल की झलक।
  • धार्मिक स्रोत:
    • पुराण: मौर्यकाल की जानकारी।
    • बौद्ध ग्रंथ:
      • जातक, दीर्घनिकाय, दीपवंश, महावंश, वंशथपकासिनी, दिव्यावदान।
    • जैन ग्रंथ:
      • भद्रबाहु का कल्पसूत्र, हेमचंद्र का परिशिष्टपर्वन।
  • पुरातात्विक स्रोत:
    • अशोक के शिलालेख: वृहत्, लघु, स्तंभ लेख, गुहा लेख।
    • रुद्रदामन का जूनागढ़ (गिरनार) अभिलेख: मौर्यकाल की जानकारियाँ।

अर्थशास्त्र

  • लेखक: कौटिल्य (चाणक्य), चौथी शताब्दी ई.पू.।
  • विवरण:
    • संस्कृत ग्रंथ, जो राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय, और राजनीति को कवर करता है।
    • अपने तरह का सबसे पुराना राज्य-प्रबंधन ग्रंथ।
    • शैली: उपदेशात्मक और सलाहात्मक।
    • 15 अधिकरणों (भागों) में बँटा, “राजनीति” से प्रेरित।

सप्तांग सिद्धांत

  • राज्य को चलाने के लिए सात अंग बताए गए:
    • स्वामी (राजा)
    • अमात्य (मंत्री)
    • जनपद (प्रजा और क्षेत्र)
    • दुर्ग (किला)
    • कोष (खज़ाना)
    • दंड (सेना)
    • मित्र (सहयोगी)

इण्डिका

  • लेखक: मेगस्थनीज, यूनानी राजदूत।
    • सेल्यूकस निकेटर ने चंद्रगुप्त के दरबार में भेजा (305–298 ई.पू.)।
    • इससे पहले आरकोसिया में सेल्यूकस का दूत था।
  • विवरण:
    • मेगस्थनीज ने पाटलिपुत्र में समय बिताया और अपने अनुभव इण्डिका में लिखे।
    • मूल ग्रंथ खो गया, लेकिन इसके अंश एरियन, स्ट्रेबो, प्लिनी जैसे यूनानी-रोमन लेखकों की रचनाओं में मिलते हैं।
    • पाटलिपुत्र को “पोलीब्रोथा” कहा, सबसे बड़ा शहर बताया।
    • मौर्य प्रशासन: 6 समितियाँ, प्रत्येक में 5 सदस्य।
    • भारतीय समाज को 7 जातियों में बाँटा:
      • दार्शनिक
      • कृषक
      • शिकारी/पशुपालक
      • व्यापारी/शिल्पी
      • योद्धा
      • निरीक्षक
      • मंत्री

मुद्राराक्षस

  • लेखक: विशाखदत्त, चौथी शताब्दी।
  • विवरण:
    • संस्कृत का ऐतिहासिक नाटक, नायिका-विहीन।
    • चंद्रगुप्त को “वृषल” कहा गया।
    • चाणक्य की राजनीतिक चालों और चंद्रगुप्त की सफलता का ज़बरदस्त विश्लेषण।

राजतरंगिणी

  • लेखक: कल्हण।
  • विवरण:
    • संस्कृत ग्रंथ, मतलब “राजाओं की नदी” या “राजाओं का इतिहास”।
    • काव्य शैली में लिखा, मौर्यकाल की कुछ झलकियाँ देता है।

मौर्य वंश के प्रमुख शासक

  • चंद्रगुप्त मौर्य (322–298 ई.पू.):
    • मौर्य साम्राज्य का संस्थापक।
    • नंद वंश का अंत किया, चाणक्य की मदद से।
    • सेल्यूकस निकेटर को हराया, अफगानिस्तान-बलूचिस्तान तक साम्राज्य फैलाया।
  • बिंदुसार (298–272 ई.पू.):
    • चंद्रगुप्त का बेटा।
    • “अमित्रघात” (दुश्मनों का नाश करने वाला) कहलाया।
    • दक्षिण भारत में विस्तार।
  • अशोक (268–232 ई.पू.):
    • बिंदुसार का बेटा, मौर्य साम्राज्य का सबसे मशहूर राजा।
    • कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।
    • शिलालेखों और अहिंसा-धर्म प्रचार के लिए जाना जाता है।
  • दशरथ (232–224 ई.पू.):
    • अशोक का पोता।
    • अजिवक संप्रदाय को समर्थन, गुफाएँ दान कीं।
  • सम्प्रति (224–215 ई.पू.):
    • दशरथ का भाई या बेटा।
    • जैन धर्म का प्रचारक, साम्राज्य को मज़बूत किया।
  • शालिशुक (215–202 ई.पू.):
    • कमज़ोर शासक, साम्राज्य का पतन शुरू।
  • देववर्मन (202–195 ई.पू.):
    • अल्पकालिक शासन, साम्राज्य और कमज़ोर हुआ।
  • शतधन्वन (195–187 ई.पू.):
    • साम्राज्य का अंतिम चरण, विद्रोह बढ़े।
  • बृहद्रथ (187–180 ई.पू.):
    • मौर्य वंश का आखिरी राजा।
    • सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने हत्या कर शुंग वंश शुरू किया।

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