राजस्थान का एकीकरण: 18 मार्च 1948 से 1 नवंबर 1956 तक

By: LM GYAN

On: 15 June 2025

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राजस्थान का एकीकरण

राजस्थान का एकीकरण एक ऐतिहासिक प्रक्रिया थी, जिसने विभिन्न देशी रियासतों, ठिकानों, और केंद्रशासित प्रदेश को मिलाकर आधुनिक राजस्थान का निर्माण किया। यह प्रक्रिया 7 चरणों में 18 मार्च 1948 से 1 नवंबर 1956 तक (8 वर्ष, 7 माह, 14 दिन) पूर्ण हुई। सरदार वल्लभ भाई पटेल और वी.पी. मेनन के नेतृत्व में गठित रियासती सचिवालय ने इस प्रक्रिया को संचालित किया। नीचे इस प्रक्रिया का विस्तृत विवरण और अंत में सभी चरणों की तालिका दी गई है।

राजस्थान का एकीकरण: पृष्ठभूमि

  • वर्तमान स्वरूप: राजस्थान ने 1 नवंबर 1956 को अपना वर्तमान स्वरूप प्राप्त किया।
  • एकीकरण के समय: 19 रियासतें, 3 ठिकाने (नीमराणा, कुशलगढ़, लावा), और 1 केंद्रशासित प्रदेश (अजमेर-मेरवाड़ा)।
  • प्राचीनतम रियासत: मेवाड़ (उदयपुर)।
  • नवीनतम रियासत: झालावाड़
  • सर्वाधिक जनसंख्या: जयपुर
  • सर्वाधिक क्षेत्रफल: मारवाड़ (जोधपुर)।
  • न्यूनतम जनसंख्या और क्षेत्रफल: शाहपुरा।
  • भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947: धारा-8 के तहत रियासतों से ब्रिटिश प्रभुसत्ता समाप्त, रियासतों को भारत, पाकिस्तान, या स्वतंत्र रहने का विकल्प।
  • रियासती सचिवालय: 5 जुलाई 1947 को गठन, अध्यक्ष: सरदार वल्लभ भाई पटेल, सचिव: वी.पी. मेनन, मुख्यालय: नई दिल्ली, उद्देश्य: रियासतों का एकीकरण।
  • नरेंद्र मंडल बैठक: 25 जुलाई 1947, माउंटबेटन की अध्यक्षता, दो प्रपत्र (विलय पत्र, स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट) जारी।
  • स्वतंत्र रियासतें: 10 लाख से अधिक जनसंख्या और 1 करोड़ से अधिक आय वाली रियासतें (मेवाड़, जयपुर, जोधपुर, बीकानेर)।
  • विलय पत्र:
    • प्रथम हस्ताक्षर: बीकानेर (शार्दुल सिंह)।
    • अंतिम हस्ताक्षर: धौलपुर (उदयभान सिंह, 14 अगस्त 1947)।
    • एकीकरण पर प्रथम हस्ताक्षर: अलवर (तेज सिंह)।
  • ठिकाने:
  • केंद्रशासित प्रदेश: अजमेर-मेरवाड़ा।

राजस्थान एकीकरण के 7 चरण

प्रथम चरण: मत्स्य संघ (18 मार्च 1948)

  • रियासतें और ठिकाना: अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, नीमराणा ठिकाना।
  • विशेषताएँ:
    • भौगोलिक, जातीय, और आर्थिक समानता के आधार पर गठन।
    • नामकरण सिफारिश: के.एम. मुंशी।
    • अलवर और भरतपुर पहले से भारत सरकार के नियंत्रण में।
  • विवरण:
    • राजधानी: अलवर।
    • राजप्रमुख: उदयभान सिंह (धौलपुर)।
    • उपराजप्रमुख: गणेशपाल देव (करौली)।
    • प्रधानमंत्री: शोभाराम कुमावत (अलवर प्रजामण्डल)।
    • उपप्रधानमंत्री: जुगल किशोर चतुर्वेदी।
    • उद्घाटन: एन.वी. गाडगिल, लोहागढ़ दुर्ग, भरतपुर।
    • आय: 1.84 करोड़ रुपये।
    • जनसंख्या: 18,37,994।
    • क्षेत्रफल: 12,000 वर्ग किमी।
    • मंत्री: गोपीलाल यादव (भरतपुर), मास्टर भोलानाथ (अलवर), चिरंजीलाल (करौली), डॉ. मंगलसिंह (धौलपुर)。

द्वितीय चरण: राजस्थान संघ/पूर्व राजस्थान (25 मार्च 1948)

  • रियासतें और ठिकाना: बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बूंदी, झालावाड़, कोटा, कुशलगढ़ ठिकाना।
  • विशेषताएँ:
    • बांसवाड़ा शासक चंद्रवीर सिंह: “मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।”
    • किशनगढ़ और शाहपुरा ने अजमेर-मेरवाड़ा में विलय का विरोध किया।
  • विवरण:
    • राजधानी: कोटा।
    • राजप्रमुख: महाराव भीम सिंह (कोटा)।
    • वरिष्ठ उपराजप्रमुख: महाराव बहादुर सिंह (बूंदी)।
    • कनिष्ठ उपराजप्रमुख: महारावल लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर)।
    • प्रधानमंत्री: गोकुललाल असावा (शाहपुरा)।
    • उद्घाटन: एन.वी. गाडगिल, कोटा दुर्ग।
    • आय: 1.90 करोड़ रुपये।
    • जनसंख्या: 23,34,220।
    • क्षेत्रफल: 16,807 वर्ग मील।

तृतीय चरण: संयुक्त राजस्थान (18 अप्रैल 1948)

  • रियासत: राजस्थान संघ + उदयपुर (मेवाड़)।
  • विशेषताएँ:
    • माणिक्यलाल वर्मा: “मेवाड़ के 20 लाख लोगों का भाग्य भूपाल सिंह और रामामूर्ति अकेले तय नहीं कर सकते।”
    • मेवाड़ महाराणा भूपाल सिंह ने 20 लाख रुपये प्रीवीपर्स की माँग की।
    • कोटा में वार्षिक विधानसभा अधिवेशन और विकास के लिए विशेष प्रयास।
    • राममनोहर लोहिया द्वारा राजस्थान आंदोलन समिति गठन।
  • विवरण:
    • राजधानी: उदयपुर।
    • राजप्रमुख: महाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़)।
    • वरिष्ठ उपराजप्रमुख: महाराव भीम सिंह (कोटा)।
    • कनिष्ठ उपराजप्रमुख: महाराव बहादुर सिंह (बूंदी), महारावल लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर)।
    • प्रधानमंत्री: माणिक्यलाल वर्मा (मेवाड़)।
    • उपप्रधानमंत्री: गोकुललाल असावा।
    • उद्घाटन: जवाहरलाल नेहरू, उदयपुर।
    • आय: 3.16 करोड़ रुपये।
    • जनसंख्या: 42,60,000।
    • क्षेत्रफल: 27,977 वर्ग मील।
    • मंत्री: मोहनलाल सुखाड़िया, प्रेमनारायण, भोगीलाल पंड्या, भूरेलाल बयां।

चतुर्थ चरण: वृहद राजस्थान (30 मार्च 1949)

  • रियासतें: संयुक्त राजस्थान + जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर।
  • विशेषताएँ:
    • पी. सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर जयपुर राजधानी।
    • जोधपुर शासक हनवंत सिंह की पाकिस्तान विलय योजना का रियासती (सुमनेश जोशी) में खुलासा।
    • जयनारायण व्यास ने 9 नवंबर 1948 को वृहद राजस्थान की माँग की।
    • लावा ठिकाना 19 जुलाई 1948 को जयपुर में विलय।
    • 30 मार्च: राजस्थान दिवस।
  • विवरण:
    • राजधानी: जयपुर।
    • महाराजप्रमुख: महाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़)।
    • राजप्रमुख: सवाई मान सिंह II (जयपुर), हनवंत सिंह (जोधपुर)।
    • वरिष्ठ उपराजप्रमुख: महाराव भीम सिंह (कोटा)।
    • कनिष्ठ उपराजप्रमुख: बहादुर सिंह (बूंदी), लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर)।
    • प्रधानमंत्री: हीरालाल शास्त्री (जयपुर)।
    • उद्घाटन: सरदार वल्लभ भाई पटेल, जयपुर।
    • विभाग आवंटन (पी. सत्यनारायण राव समिति):
      • न्याय: जोधपुर।
      • शिक्षा: बीकानेर।
      • वन और सहकारी: कोटा।
      • कृषि: भरतपुर।
      • खनिज: उदयपुर।
    • मंत्री: नरसिंह कच्छवाह, हनवंत सिंह, भूरेलाल बयां, रघुवर दयाल, वेदराज त्यागी, प्रेमनारायण माथुर, सिद्धराज।

पंचम चरण: संयुक्त वृहद राजस्थान (15 मई 1949)

  • संघ: वृहद राजस्थान + मत्स्य संघ।
  • विशेषताएँ:
    • शंकरदेव राय समिति (सदस्य: प्रभुदयाल, आर.के. सिद्धवा) की सिफारिश पर विलय।
    • भरतपुर और धौलपुर की जनता उत्तर प्रदेश में विलय चाहती थी।
  • विवरण:
    • राजधानी: जयपुर।
    • महाराजप्रमुख: महाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़)।
    • राजप्रमुख: सवाई मान सिंह II (जयपुर)।
    • उपराजप्रमुख: महाराव भीम सिंह (कोटा)।
    • प्रधानमंत्री: हीरालाल शास्त्री (जयपुर)।
    • उद्घाटन: सरदार वल्लभ भाई पटेल।

षष्ठम चरण: राजस्थान संघ (26 जनवरी 1950)

  • संघ: संयुक्त वृहद राजस्थान + सिरोही (आबू और देलवाड़ा को छोड़कर)।
  • विशेषताएँ:
    • नवंबर 1947 में सिरोही का बम्बई में विलय, बलवंत सिंह मेहता और गोकुल भाई भट्ट के आंदोलन के बाद राजस्थान में विलय।
    • हीरालाल शास्त्री: “सिरोही का अर्थ गोकुल भाई भट्ट, इनके बिना राजस्थान नहीं चला सकते।”
    • 26 जनवरी 1950: राजस्थान को ‘B’ श्रेणी, नामकरण “राजस्थान”।
    • हीरालाल शास्त्री: प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री, शोभाराम कुमावत मंत्रिमंडल में।
  • विवरण:
    • राजधानी: जयपुर।
    • प्रधानमंत्री: हीरालाल शास्त्री (जयपुर)。

सप्तम चरण: राजस्थान (1 नवंबर 1956)

  • संघ: राजस्थान संघ + अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-देलवाड़ा (सिरोही), सुनेल टप्पा (झालावाड़ का सिरोंज मध्य प्रदेश में)।
  • विशेषताएँ:
    • राज्य पुनर्गठन आयोग (22 दिसंबर 1953, अध्यक्ष: फजल अली, सदस्य: पन्निकर, कुंजरू) की सिफारिश।
    • संविधान का 7वां संशोधन: राजप्रमुख पद समाप्त, राज्यपाल पद सृजित, राज्यों की श्रेणियाँ समाप्त।
    • मुनिजिनविजय सूरि समिति: आबू-देलवाड़ा के राजस्थान विलय की सिफारिश।
    • अजमेर-मेरवाड़ा: पूर्व में केंद्रशासित, धारा सभा (30 सदस्य), मुख्यमंत्री हरिभाऊ उपाध्याय, विलय विरोध।
  • विवरण:
    • राजधानी: जयपुर।
    • मुख्यमंत्री: मोहनलाल सुखाड़िया।
    • राज्यपाल: सरदार गुरमुख निहाल सिंह (प्रथम)।
    • तिथि: 1 नवंबर 1956, राजस्थान एकीकरण पूर्ण।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • प्रथम उत्तरदायी शासन: शाहपुरा (भीलवाड़ा)।
  • उत्तरदायी शासन हेतु प्रयास न करने वाली रियासतें: जैसलमेर, बीकानेर।
  • तलवार बंधाई/उत्तराधिकारी शुल्क न लगाने वाली रियासत: जैसलमेर।
  • मराठा आक्रमण से बची रियासतें: जैसलमेर, बीकानेर, शाहपुरा।
  • प्रथम स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 1947): भरतपुर में नहीं मनाया गया।
  • स्वतंत्र रहने की घोषणा: डूंगरपुर, अलवर, भरतपुर, जोधपुर।
  • संविधान सभा:
    • मेवाड़: टी. राघवाचारी, माणिक्यलाल वर्मा।
    • मारवाड़: वेंकटाचारी, जयनारायण व्यास।
  • संघ प्रयास:
    • राजपूताना संघ: सवाई मान सिंह II।
    • वागड़ संघ: लक्ष्मण सिंह।
    • मेवाड़ संघ: भूपाल सिंह।
    • हाड़ौती संघ: भीम सिंह।
  • प्रीवीपर्स समाप्ति: 26वां संशोधन, 1971।
  • अजमेर-मेरवाड़ा: राजस्थान का 26वां जिला।

राजस्थान एकीकरण चरणों की तालिका

चरणतिथिनामरियासतें/ठिकानेराजधानीराजप्रमुख/महाराजप्रमुखप्रधानमंत्री/मुख्यमंत्रीउद्घाटन
प्रथम18 मार्च 1948मत्स्य संघअलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, नीमराणा ठिकानाअलवरउदयभान सिंह (धौलपुर)शोभाराम कुमावतएन.वी. गाडगिल
द्वितीय25 मार्च 1948राजस्थान संघ/पूर्व राजस्थानबांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बूंदी, झालावाड़, कोटा, कुशलगढ़ ठिकानाकोटामहाराव भीम सिंह (कोटा)गोकुललाल असावाएन.वी. गाडगिल
तृतीय18 अप्रैल 1948संयुक्त राजस्थानराजस्थान संघ + उदयपुरउदयपुरमहाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़)माणिक्यलाल वर्माजवाहरलाल नेहरू
चतुर्थ30 मार्च 1949वृहद राजस्थानसंयुक्त राजस्थान + जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेरजयपुरमहाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़)हीरालाल शास्त्रीसरदार वल्लभ भाई पटेल
पंचम15 मई 1949संयुक्त वृहद राजस्थानवृहद राजस्थान + मत्स्य संघजयपुरमहाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़)हीरालाल शास्त्रीसरदार वल्लभ भाई पटेल
षष्ठम26 जनवरी 1950राजस्थान संघसंयुक्त वृहद राजस्थान + सिरोही (आबू-देलवाड़ा को छोड़कर)जयपुरहीरालाल शास्त्री
सप्तम1 नवंबर 1956राजस्थानराजस्थान संघ + अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-देलवाड़ा, सुनेल टप्पाजयपुरमोहनलाल सुखाड़िया

निष्कर्ष

राजस्थान का एकीकरण एक जटिल और क्रमबद्ध प्रक्रिया थी, जिसमें मत्स्य संघ से लेकर वृहद राजस्थान तक विभिन्न रियासतों का समावेश हुआ। सरदार पटेल और वी.पी. मेनन के कुशल नेतृत्व, प्रजामण्डल आंदोलनों, और राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों ने इस प्रक्रिया को सफल बनाया। 1 नवंबर 1956 को राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में उभरा, जो आज भारत का एक गौरवशाली राज्य है।

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