मुगलकालीन कला – मुगल काल (1526–1857 ई.) को अपनी बहुमुखी सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण भारतीय इतिहास का द्वितीय स्वर्ण युग कहा जाता है, जबकि गुप्त युग को प्रथम स्वर्ण युग माना जाता है। इस काल में स्थापत्य, चित्रकला, साहित्य, संगीत, और उद्यान कला में अभूतपूर्व प्रगति हुई, जो भारतीय और इस्लामी परंपराओं का अनूठा मिश्रण थी। मुगल शासकों ने अपनी कला और संस्कृति के माध्यम से भारत को वैश्विक मंच पर एक विशिष्ट पहचान दी। यहाँ मुगलकालीन कला और संस्कृति का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत है, जिसमें स्थापत्य, चित्रकला, साहित्य, संगीत, और अन्य सांस्कृतिक योगदानों पर गहन विश्लेषण शामिल है। 🌟
Table of Contents
मुगलकालीन कला – स्थापत्य 🏛️
मुगल स्थापत्य इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का चरमोत्कर्ष था, जिसमें फारसी, तुर्की, और भारतीय तत्वों का समन्वय देखने को मिलता है। संगमरमर, लाल बलुआ पत्थर, और पित्रा ड्यूरा (जवाहरात जड़ावट) इसकी विशेषताएँ थीं।
प्रमुख विशेषताएँ:
संगमरमर और पित्रा ड्यूरा: भवनों में संगमरमर का व्यापक उपयोग और जवाहरातों से जड़ावट (पित्रा ड्यूरा)।
चारबाग पद्धति: सममित उद्यान डिज़ाइन, फारसी प्रभाव।
गुंबद और मेहराब: दोहरे गुंबद और ऊँची मेहराबें।
किले, मकबरे, मस्जिदें, और उद्यान: स्थापत्य की विविधता।
लाल किला (दिल्ली): लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर, अंतिम मुगल किला।
दीवान-ए-आम, मुमताज महल, रंग महल।
तख्त-ए-ताऊस: 1 लाख तोले स्वर्ण और रत्नों से निर्मित मयूर सिंहासन।
जामा मस्जिद (दिल्ली और आगरा)।
ताजमहल (आगरा): अर्जुनमंद बानो बेगम (मुमताज) की स्मृति में, विश्व धरोहर।
शालीमार बाग (लाहौर), चश्मा-ए-शाही बाग (श्रीनगर)।
वास्तुकार: उस्ताद ईसा खाँ, उस्ताद अहमद लाहौरी (ताजमहल, लाल किला), हमीद और अहमद लाहौरी (लाल किला), कासिम खाँ (आगरा किला)।
औरंगजेब (1658–1707):
निर्माण:
मोती मस्जिद (दिल्ली, लाल किला)।
बादशाही मस्जिद (लाहौर)।
रबिया दुर्रानी का मकबरा (औरंगाबाद): “दक्षिण का ताजमहल”।
पिंजौर का बाग (हरियाणा)।
विशेषता: सादगीपूर्ण स्थापत्य, धार्मिक कट्टरता के कारण सीमित निर्माण।
प्रमुख उद्यान 🌳
उद्यान
स्थान
निर्माणकर्ता
आराम बाग
आगरा
बाबर
शालीमार बाग, निशात बाग
श्रीनगर
जहाँगीर
शालीमार बाग
लाहौर
शाहजहाँ
चश्मा-ए-शाही बाग
श्रीनगर
शाहजहाँ
पिंजौर का बाग
हरियाणा
औरंगजेब
मुगलकालीन चित्रकला 🎨
मुगलकालीन कला में मुगल चित्रकला फारसी और भारतीय शैलियों का संनाद थी, जिसमें लघुचित्र (मिनिएचर पेंटिंग) का विशेष महत्व था। जहाँगीर के काल में यह अपने चरम पर थी।
विकास और योगदान:
हुमायूँ: चित्रकला की नींव, फारस और अफगानिस्तान प्रवास के दौरान मीर सैयद अली और ख्वाजा अब्दुस्समद (शीरी कलम) को लाया।
अकबर:
हम्जानामा (दास्तान-ए-अमीर हम्जा): 1200 चित्रों का संग्रह।
प्रमुख चित्रकार: दसवंत, बसावन, लाल, मुकुंद।
जहाँगीर:
आगरा में चित्रशाला की स्थापना, हेरात के आकारीजा की देखरेख।
मुगलकालीन कला और संस्कृति ने भारत को एक समृद्ध और विविधतापूर्ण विरासत प्रदान की। ताजमहल, लाल किला, और फतेहपुर सीकरी जैसे स्थापत्य चमत्कार आज भी विश्व धरोहर हैं। चित्रकला में उस्ताद मंसूर और अबुल हसन, साहित्य में अबुल फजल और दारा शिकोह, तथा संगीत में तानसेन ने इस युग को अमर बनाया। अकबर और शाहजहाँ के काल में कला और संस्कृति अपने चरम पर थी, जबकि औरंगजेब की कट्टरता ने इसे प्रभावित किया। फिर भी, मुगल काल का सांस्कृतिक योगदान भारतीय इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है, जो इंडो-इस्लामिक समन्वय का प्रतीक है। 🌟
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