मुगलकालीन कला एवं संस्कृति: इंडो-इस्लामिक वैभव का स्वर्ण युग 🎨

By: LM GYAN

On: 3 September 2025

Follow Us:

मुगलकालीन कला

मुगलकालीन कला – मुगल काल (1526–1857 ई.) को अपनी बहुमुखी सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण भारतीय इतिहास का द्वितीय स्वर्ण युग कहा जाता है, जबकि गुप्त युग को प्रथम स्वर्ण युग माना जाता है। इस काल में स्थापत्य, चित्रकला, साहित्य, संगीत, और उद्यान कला में अभूतपूर्व प्रगति हुई, जो भारतीय और इस्लामी परंपराओं का अनूठा मिश्रण थी। मुगल शासकों ने अपनी कला और संस्कृति के माध्यम से भारत को वैश्विक मंच पर एक विशिष्ट पहचान दी। यहाँ मुगलकालीन कला और संस्कृति का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत है, जिसमें स्थापत्य, चित्रकला, साहित्य, संगीत, और अन्य सांस्कृतिक योगदानों पर गहन विश्लेषण शामिल है। 🌟

मुगलकालीन कला – स्थापत्य 🏛️

मुगल स्थापत्य इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का चरमोत्कर्ष था, जिसमें फारसी, तुर्की, और भारतीय तत्वों का समन्वय देखने को मिलता है। संगमरमर, लाल बलुआ पत्थर, और पित्रा ड्यूरा (जवाहरात जड़ावट) इसकी विशेषताएँ थीं।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • संगमरमर और पित्रा ड्यूरा: भवनों में संगमरमर का व्यापक उपयोग और जवाहरातों से जड़ावट (पित्रा ड्यूरा)।
  • चारबाग पद्धति: सममित उद्यान डिज़ाइन, फारसी प्रभाव।
  • गुंबद और मेहराब: दोहरे गुंबद और ऊँची मेहराबें।
  • किले, मकबरे, मस्जिदें, और उद्यान: स्थापत्य की विविधता।

शासकों के योगदान:

  1. बाबर (1526–1530):
    • निर्माण: पानीपत में काबुली बाग मस्जिद।
    • विशेषता: चारबाग शैली की शुरुआत, आगरा में आराम बाग।
    • टिप्पणी: बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-बाबरी में स्थापत्य और उद्यानों की प्रशंसा की।
  2. हुमायूँ (1530–1540, 1555–1556):
    • निर्माण:
      • दीनपनाह नगर (दिल्ली), पुस्तकालय सहित।
      • आगरा मस्जिद।
    • टिप्पणी: राजनीतिक अस्थिरता के कारण सीमित योगदान।
  3. शेरशाह सूरी (1540–1545):
    • निर्माण:
      • पुराना किला (दिल्ली), दीनपनाह को तोड़कर बनवाया।
      • किला-ए-कुहना मस्जिद (पुराना किला)।
      • शेरशाह का मकबरा (सासाराम, बिहार): हिंदू-मुस्लिम वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण।
    • विशेषता: स्थापत्य में स्थानीय तत्वों का समावेश।
  4. अकबर (1556–1605):
    • निर्माण:
      • आगरा किला (1565–1573): लाल बलुआ पत्थर, अकबर का प्रमुख किला।
      • फतेहपुर सीकरी (1572): गुजरात विजय की स्मृति में नई राजधानी।
        • जोधाबाई का महल, मरियम का महल, बीरबल का महल।
        • पंचमहल, खास महल, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास।
        • जामा मस्जिद, बुलंद दरवाजा, शेख सलीम चिश्ती का मकबरा।
      • लाहौर और इलाहाबाद किले।
      • हुमायूँ का मकबरा (दिल्ली): हाजी बेगम द्वारा, भारत का प्रथम दोहरा गुंबद, सफेद संगमरमर, ताजमहल का पूर्वगामी।
      • अकबर का मकबरा (सिकंदरा, आगरा): चारबाग शैली।
    • वास्तुकार: बहाउद्दीन (फतेहपुर सीकरी)।
  5. जहाँगीर (1605–1627):
    • निर्माण:
      • शालीमार बाग और निशात बाग (श्रीनगर)।
      • जहाँगीर का मकबरा (शाहदरा, लाहौर): रावी नदी तट।
      • एत्मादुद्दौला का मकबरा (आगरा): नूरजहाँ द्वारा, पूर्णतः संगमरमर, पित्रा ड्यूरा शैली का प्रथम उदाहरण।
    • विशेषता: उद्यान कला और चित्रकला पर जोर।
  6. शाहजहाँ (1628–1658):
    • निर्माण:
      • आगरा किला: दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल, अंगूरी बाग, मोती मस्जिद।
      • लाल किला (दिल्ली): लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर, अंतिम मुगल किला।
        • दीवान-ए-आम, मुमताज महल, रंग महल।
        • तख्त-ए-ताऊस: 1 लाख तोले स्वर्ण और रत्नों से निर्मित मयूर सिंहासन।
      • जामा मस्जिद (दिल्ली और आगरा)।
      • ताजमहल (आगरा): अर्जुनमंद बानो बेगम (मुमताज) की स्मृति में, विश्व धरोहर।
      • शालीमार बाग (लाहौर), चश्मा-ए-शाही बाग (श्रीनगर)।
    • वास्तुकार: उस्ताद ईसा खाँ, उस्ताद अहमद लाहौरी (ताजमहल, लाल किला), हमीद और अहमद लाहौरी (लाल किला), कासिम खाँ (आगरा किला)।
  1. औरंगजेब (1658–1707):
    • निर्माण:
      • मोती मस्जिद (दिल्ली, लाल किला)।
      • बादशाही मस्जिद (लाहौर)।
      • रबिया दुर्रानी का मकबरा (औरंगाबाद): “दक्षिण का ताजमहल”।
      • पिंजौर का बाग (हरियाणा)।
    • विशेषता: सादगीपूर्ण स्थापत्य, धार्मिक कट्टरता के कारण सीमित निर्माण।

प्रमुख उद्यान 🌳

उद्यानस्थाननिर्माणकर्ता
आराम बागआगराबाबर
शालीमार बाग, निशात बागश्रीनगरजहाँगीर
शालीमार बागलाहौरशाहजहाँ
चश्मा-ए-शाही बागश्रीनगरशाहजहाँ
पिंजौर का बागहरियाणाऔरंगजेब

मुगलकालीन चित्रकला 🎨

मुगलकालीन कला में मुगल चित्रकला फारसी और भारतीय शैलियों का संनाद थी, जिसमें लघुचित्र (मिनिएचर पेंटिंग) का विशेष महत्व था। जहाँगीर के काल में यह अपने चरम पर थी।

विकास और योगदान:

  • हुमायूँ: चित्रकला की नींव, फारस और अफगानिस्तान प्रवास के दौरान मीर सैयद अली और ख्वाजा अब्दुस्समद (शीरी कलम) को लाया।
  • अकबर:
    • हम्जानामा (दास्तान-ए-अमीर हम्जा): 1200 चित्रों का संग्रह।
    • प्रमुख चित्रकार: दसवंत, बसावन, लाल, मुकुंद।
  • जहाँगीर:
    • आगरा में चित्रशाला की स्थापना, हेरात के आकारीजा की देखरेख।
    • प्रमुख चित्रकार: उस्ताद मंसूर (नादिर-उल-असकार), अबुल हसन (नादिर-उल-जमा), फारुख बेग, दौलत, मनोहर दास, बिशनदास।
    • विशेषता: मंसूर (दुर्लभ पक्षी चित्र), मनोहर और बिशनदास (छवि चित्र)।
  • शाहजहाँ:
    • लाल खाँ को गुण समंदर उपाधि।
    • चित्रकला में निरंतरता, पर स्थापत्य पर अधिक ध्यान।
  • औरंगजेब: धार्मिक कट्टरता के कारण चित्रकला में ह्रास।

प्रमुख चित्र:

चित्रचित्रकारशासक
कोयल का अनोखा चित्रउस्ताद मंसूरजहाँगीर
ड्यूटर के सेंट पॉल का चित्रअबुल हसनजहाँगीर
मजनूँ का निर्जन स्थान में भटकनाबसावनअकबर
बीजापुर के सुल्तान आदिलशाहफारुख बेगजहाँगीर
साइबेरिया का दुर्लभ सारसउस्ताद मंसूरजहाँगीर
तुजुक-ए-जहाँगीरी का मुखपृष्ठअबुल हसनजहाँगीर

मुगलकालीन साहित्य 📚

मुगल काल में फारसी, हिंदी, और अन्य भाषाओं में साहित्य का विकास हुआ। अकबर और दारा शिकोह ने अनुवाद कार्यों को प्रोत्साहन दिया।

प्रमुख रचनाएँ:

पुस्तकलेखकविवरण
तुजुक-ए-बाबरी (बाबरनामा)बाबरआत्मकथा, चगताई तुर्की में।
हुमायूँनामागुलबदन बेगमहुमायूँ का इतिहास।
अकबरनामा, आइन-ए-अकबरीअबुल फजलअकबर का इतिहास और प्रशासन।
तुजुक-ए-जहाँगीरीजहाँगीर, मोतमिद खाँजहाँगीर की आत्मकथा।
मासिर-ए-आलमगीरीमुहम्मद साकी मुस्ताक खाँऔरंगजेब का इतिहास।
मज्म-उल-बहरीनदारा शिकोहहिंदू-मुस्लिम दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन।

अनुवादित पुस्तकें:

पुस्तकअनुवादकशासक
महाभारत (रज्मनामा)मुल्ला शेरी, नकीब खाँ, बदायूँनीअकबर
रामायणबदायूँनी, नकीब खाँ, फैजीअकबर
पंचतंत्र (अनवार-ए-सुहेली)अबुल फजलअकबर
अथर्ववेदहाजी इब्राहिम सरहिंदीअकबर
सिर्र-ए-अकबर (52 उपनिषद)दारा शिकोहशाहजहाँ
भगवद् गीता, योग वशिष्ठदारा शिकोहशाहजहाँ

प्रमुख लेखक और उनकी उपाधियाँ:

लेखक/कलाकारउपाधि
उस्ताद मंसूरनादिर-उल-असकार
अबुल हसननादिर-उल-जमा
ख्वाजा अब्दुस्समदशीरी कलम
मुल्ला मुहम्मद हुसैन कश्मीरीजरीं कलम
तानसेनकण्ठाभरण वाणी विलास
बीरबलकवि प्रिय (कविराय)

मुगलकालीन संगीत 🎶

  • अकबर:
    • तानसेन (कण्ठाभरण वाणी विलास), अकबर के नवरत्न, संगीत में क्रांति।
    • बाज बहादुर (मालवा) के दरबार में संगीत का विकास।
  • जहाँगीर: संगीत को प्रोत्साहन, लाल खाँ को गुण समंदर उपाधि।
  • शाहजहाँ: संगीत में रुचि, पर औरंगजेब ने पूर्ण प्रतिबंध लगाया।
  • औरंगजेब: धार्मिक कट्टरता के कारण संगीत का ह्रास।

मुगलकालीन उपाधियाँ 🏅

व्यक्तिउपाधि
अर्जुनमंद बानो बेगममलिका-ए-जमامनी, मुमताज
मेहरूनिसानूरजहाँ, नूरमहल, बादशाह बेगम
गयास बेगएत्माद-उद-दौला
अकबरशहंशाह, जिल्ले इलाही
दारा शिकोहशाह बुलन्द इकबाल
औरंगजेबजिंदापीर, शाही दरवेश
खुर्रमशाहजहाँ, शाह सुल्तान

सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान 🌍

  • धार्मिक सहिष्णुता:
    • अकबर: सुलह-ए-कुल, दीन-ए-इलाही, जजिया समाप्त, हिंदू-मुस्लिम एकता।
    • दारा शिकोह: मज्म-उल-बहरीन के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम दर्शन का समन्वय।
    • औरंगजेब: कट्टरता, जजिया पुनः लागू, मंदिर विनाश।
  • उद्यान कला: चारबाग शैली, बाबर से औरंगजेब तक।
  • भाषा और साहित्य:
    • फारसी: दरबारी भाषा, साहित्य और इतिहास लेखन।
    • हिंदी: मलिक मुहम्मद जायसी (पद्मावत), तुलसीदास (रामचरितमानस)।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
    • अकबर: गज-ए-इलाही (पैमाइश), इलाही संवत।
    • बाबर: तोपखाने का परिचय।

निष्कर्ष 🙏

मुगलकालीन कला और संस्कृति ने भारत को एक समृद्ध और विविधतापूर्ण विरासत प्रदान की। ताजमहल, लाल किला, और फतेहपुर सीकरी जैसे स्थापत्य चमत्कार आज भी विश्व धरोहर हैं। चित्रकला में उस्ताद मंसूर और अबुल हसन, साहित्य में अबुल फजल और दारा शिकोह, तथा संगीत में तानसेन ने इस युग को अमर बनाया। अकबर और शाहजहाँ के काल में कला और संस्कृति अपने चरम पर थी, जबकि औरंगजेब की कट्टरता ने इसे प्रभावित किया। फिर भी, मुगल काल का सांस्कृतिक योगदान भारतीय इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है, जो इंडो-इस्लामिक समन्वय का प्रतीक है। 🌟

LM GYAN भारत का प्रमुख शैक्षिक पोर्टल है जो छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य सभी को निःशुल्क और सुलभ शिक्षा प्रदान करना है। हमारे पोर्टल पर आपको सामान्य ज्ञान, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, करंट अफेयर्स और अन्य विषयों से संबंधित विस्तृत जानकारी मिलेगी।

राजस्थान करंट अफेयर्स

Read Now

राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय करंट अफेयर्स

Read Now

Leave a comment