राजस्थान के महल 2025: शाही वैभव और ऐतिहासिक धरोहर 🏰

By: LM GYAN

On: 8 September 2025

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राजस्थान के महल

राजस्थान के महल 🏛️ जैसे हवामहल, आमेर महल, उम्मेद भवन, और सिटी पैलेस की विस्तृत जानकारी। इतिहास, वास्तुकला, और तालिका के साथ जानें इनके वैभव की कहानी!


Table of Contents

परिचय: राजस्थान के महलों का शाही वैभव 🌟

जब बात राजस्थान के महल की होती है, तो दिल में एक अलग ही छवि उभरती है! 🏰 यह धरती न केवल रणभूमि या लोक देवियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने शाही महलों के लिए भी विश्व भर में जानी जाती है। 🌍 प्रत्येक महल एक कहानी कहता है – राजपूतों के शौर्य की, उनके प्रेम की, और उनकी शान-शौकत की! 😎 हवामहल के झरोखों से लेकर उम्मेद भवन के छीतर पत्थर के वैभव तक, हर महल अपने आप में एक अद्भुत कला का नमूना है। 💫

राजस्थान के महल केवल पत्थर और चूने की इमारतें नहीं, बल्कि राजस्थान के इतिहास और शाही जीवन का जीवंत प्रमाण हैं। 🚪 इस लेख में हम राजस्थान के प्रमुख महलों के बारे में विस्तार से बात करेंगे, खासकर जयपुर के महलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, और अन्य शहरों के महलों को भी शामिल करेंगे। प्रत्येक महल का इतिहास, स्थापत्य, और विशेषताएँ यहाँ मिलेंगी, साथ ही एक तालिका भी होगी जिससे सब कुछ एक नजर में समझ आए। तो चलो, इस शाही यात्रा पर निकलते हैं! 🚪


राजस्थान के प्रमुख महल: विस्तृत जानकारी 📜

1. हवामहल, जयपुर 🌬️

हवामहल जयपुर का दिल है, और इसका नाम सुनते ही गुलाबी शहर के झरोखे आँखों के सामने आ जाते हैं! 😍

  • स्थान: जयपुर, बाजार के बीचों-बीच
  • निर्माण: महाराजा सवाई प्रतापसिंह ने 1799 ई. में बनवाया।
  • वास्तुकार: लालचंद उस्ता
  • आकार: श्रीकृष्ण के मुकुट के समान, पिरामिडनुमा
  • खिड़कियों की संख्या: 953 (ये झरोखे इसकी खूबसूरती का राज हैं!)
  • समर्पित: भगवान विष्णु को
  • प्रवेश द्वार: आनंद पोल
  • मंजिलें: 5 मंजिला
    • सबसे ऊपरी मंजिल: हवा मंदिर
    • सबसे निचली मंजिल: शरद या प्रताप मंदिर
  • उद्देश्य:
    • महारानियों के लिए बनाया गया, ताकि वे बिना पर्दे के शहर के मेले-त्योहार और जुलूस देख सकें। 👑
    • गर्मी में भी ये झरोखों के कारण वातानुकूलित रहता है। 🌬️
  • वास्तुकला:
    • गुलाबी शहर का प्रतीक, यह महल बलुआ पत्थर से बना है और राजस्थानी व मुगल शैली का शानदार मिश्रण है। 🏛️
    • 1968 में इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया गया।
  • विशेषताएँ:
    • इसके झरोखे न केवल खूबसूरत हैं, बल्कि गर्मी से भी राहत देते हैं।
    • यह महल अपनी नाजुक कला के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। 🌸

2. आमेर महल, जयपुर 🏰

आमेर महल एक ऐसा शाही दुर्ग है जो अपने वैभव से सबको हैरान कर देता है! 😮

  • स्थान: आमेर की मावठा झील के पास, पहाड़ी पर
  • निर्माण: कच्छवाह नरेश मानसिंह प्रथम ने 1592 ई. में दुश्मनों से मुकाबला और बचाव के लिए बनवाया।
  • वास्तुकला: हिंदू-मुगल स्थापत्य शैली का समन्वित रूप।
  • यूनेस्को विश्व धरोहर: यह महल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। 🌍
  • विशेषताएँ:
    • दीवान-ए-आम: महल के मुख्य प्रवेश द्वार में यह शाही सभा स्थल है, जो लाल पत्थरों के खंभों की दोहरी पंक्तियों से घिरा है। फर्ग्यूसन ने इसे संसार का सर्वोत्कृष्ट प्रवेश द्वार कहा। 🚪
    • आंतरिक भाग: लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना, जिसमें नक्काशी, मीनाकारी, पच्चीकारी, और बड़े-बड़े दर्पण अपनी शान दिखाते हैं। 🖼️

3. शीशमहल, जयपुर (आमेर महल के अंदर) 🪞

शीशमहल के बारे में क्या ही कहना, यह तो एक चमकता हुआ हीरा है! 💎

  • स्थान: आमेर महल के अंदर, जयपुर
  • निर्माण: मिर्जा राजा जयसिंह द्वारा
  • अन्य नाम: दीवान-ए-खास, जयमंदिर
  • विशेषताएँ:
    • इसकी भीतरी दीवारों पर शीशे की जड़ाई का इतना सुंदर काम है कि यह रात में भी चमकता है! 🌟
    • दो मंजिला भवन – भूतल पर जयमंदिर और प्रथम मंजिल पर जसमंदिर।
    • दीवान-ए-खास में राजा अपने खास मेहमानों और विदेशी राजदूतों से मिलते थे।
    • कवि बिहारी ने इसे दर्पण धाम कहा। 🪞
    • इसके सामने बुखारा उद्यान है, जो इसकी खूबसूरती में इजाफा करता है। 🌳

4. चन्द्रमहल/सिटी पैलेस, जयपुर 🏛️

चन्द्रमहल या सिटी पैलेस जयपुर के शाही परिवार का निवास स्थान था! 👑

  • स्थान: जयपुर
  • निर्माण: सवाई जयसिंह द्वितीय
  • निर्देशनकर्ता: विद्याधर भट्टाचार्य
  • वास्तुकार: याकूब
  • अन्य नाम: सतखणा महल, राजमहल
  • विशेषताएँ:
    • यह महल 7 मंजिला है, प्रत्येक मंजिल का अपना नाम और खासियत:
      1. चन्द्र मंदिर (सबसे नीचे)
      2. सुख निवास
      3. प्रीतम निवास
      4. शोभा निवास
      5. छवि निवास
      6. श्री निवास
      7. मुकुट मंदिर (सबसे ऊपर)
    • गंगोज कलश/गंगाजलि: दीवाने-खास में रखे दो बड़े चाँदी के कलश।
    • गैंडा की ड्योढ़ी: सिटी पैलेस का मुख्य प्रवेश द्वार।
    • सिरह-ड्योढ़ी: सिटी पैलेस का पूर्वी मुख्य प्रवेश द्वार।
    • 1959 में सवाई मानसिंह द्वितीय ने इसे संग्रहालय का रूप दिया।
    • जयपुर के शासकों के आदमकद चित्र यहाँ देखने योग्य हैं। 🎨

5. सर्वतोभद्र महल, जयपुर 🏛️

  • स्थान: सिटी पैलेस के अंदर, जयपुर
  • अन्य नाम: दीवान-ए-खास
  • विशेषताएँ:
    • यह शाही सभा स्थल है, जहाँ राजा लोगों से मिलते थे।
    • इसके पास तालकटोरा झील के किनारे बादल महल भी है।

6. मुबारक महल, जयपुर 🎉

  • स्थान: सिटी पैलेस के अंदर, जयपुर
  • निर्माण: सवाई माधोसिंह द्वितीय
  • निर्देशनकर्ता: सर स्वींटन जैकब
  • अन्य नाम: वैलकम पैलेस
  • विशेषताएँ:
    • यह महल अतिथियों के लिए बनाया गया था।
    • इसमें यूरोपीयन शैली का उपयोग किया गया।

7. जलमहल, जयपुर 🌊

जलमहल एक ऐसा ख्वाब है जो पानी के बीच चमकता है! 😍

  • स्थान: जयपुर-आमेर मार्ग पर, मानसागर झील में
  • निर्माण: सवाई जयसिंह द्वितीय
  • विशेषताएँ:
    • 5 मंजिला महल, जिनमें से 4 मंजिलें पानी के अंदर हैं।
    • यह पानी, प्रकृति, और प्राचीनता का अनूठा संगम है। 🌊
    • सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ के लिए ब्राह्मणों के भोजन और विश्राम की व्यवस्था यहाँ कराई थी।
    • आधुनिक रूप: सवाई प्रतापसिंह ने इसे और सुंदर बनाया।

8. सिसोदिया रानी का महल, जयपुर 🌸

  • स्थान: जयपुर
  • निर्माण: सवाई जयसिंह द्वितीय, 1728 में सिसोदिया रानी चन्द्रकुँवरी के लिए।
  • विशेषताएँ:
    • भीतरी दीवारों पर म्यूरल पेंटिंग्स में शिकार के दृश्य और राधा-कृष्ण के चित्र हैं। 🎨
    • यहाँ सिसोदिया रानी ने माधोसिंह प्रथम को जन्म दिया।

9. सामोद महल, जयपुर 🖼️

  • स्थान: जयपुर
  • निर्माण: राजा बिहारीदास ने 1645-1652 के बीच बनवाया।
  • विशेषताएँ:
    • शीशमहल इसका मुख्य आकर्षण है, जिसे रावल शिवसिंह ने 19वीं सदी में बनवाया।
    • कलात्मक चित्रकारी, काँच, और मीनाकारी का बेमिसाल काम।
    • सुल्तान महल और सात बहनों का मंदिर भी दर्शनीय हैं। 🕉️

10. नाहरगढ़ दुर्ग के नौ महल, जयपुर 🏰

  • स्थान: नाहरगढ़ दुर्ग, जयपुर
  • निर्माण: सवाई माधोसिंह प्रथम ने अपनी नौ पासवानों के लिए एक जैसे नौ महल बनवाए।
  • विशेषताएँ: ये महल अपनी एक जैसी स्थापत्य शैली के लिए विशेष हैं।

11. मोती महल, जयपुर 🏛️

  • स्थान: जयपुर
  • निर्माण: सवाई मानसिंह
  • विशेषताएँ:
    • यह स्कॉटलैंड के किले के रूप में बनाया गया।
    • सवाई मानसिंह की तीसरी पत्नी गायत्री देवी ने इसे सुसज्जित करवाया।

12. मोती डूंगरी महल, जयपुर 🕉️

  • स्थान: जयपुर
  • निर्माण: सवाई माधोसिंह
  • विशेषताएँ:
    • इसकी तलहटी में गणेश जी का प्रसिद्ध मंदिर है।

13. रामबाग पैलेस, जयपुर 🌳

  • स्थान: जयपुर
  • निर्माण: सवाई रामसिंह द्वितीय ने 1836 ई. में शाही मेहमानों और अतिथि राजाओं के लिए बनवाया।
  • अन्य नाम: केसर बड़ारण का बाग
  • विशेषताएँ: यह शाही आतिथ्य का प्रतीक है।

14. बादल महल, जयपुर ☁️

  • स्थान: जयपुर, तालकटोरा झील के किनारे
  • निर्माण: सवाई जयसिंह
  • विशेषताएँ: यह महल सिटी पैलेस के पास है और इसकी स्थापत्य शाही वैभव को दर्शाती है।

15. 24 रानियों का महल, जयपुर 👑

  • स्थान: आमेर, जयपुर
  • विशेषताएँ: यह महल कच्छवाह राजाओं की रानियों के लिए बनाया गया था।

16. उम्मेद भवन, जोधपुर 🏰

  • स्थान: जोधपुर
  • निर्माण: महाराजा उम्मेदसिंह
  • इंजीनियर: हेनरी वॉगन लेंचेस्टर
  • अन्य नाम: छीतर पैलेस (छीतर पत्थर से निर्मित होने के कारण)
  • विशेषताएँ:
    • विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी महल
    • 18 नवंबर 1929 को इसकी नींव रखी गई और 16 वर्षों में बना।
    • इंडो-डेको शैली में निर्मित।
    • अकाल राहत कार्य के तहत बनाया गया।
    • अब यहाँ संग्रहालय, थियेटर, केन्द्रीय हॉल, और उद्यान दर्शनीय हैं।
    • घड़ियों का संग्रहालय भी यहाँ है। 🕰️

17. राई का बाग पैलेस, जोधपुर 🌳

  • स्थान: जोधपुर
  • निर्माण: महाराजा जसवंतसिंह प्रथम की रानी हाड़ीजी ने 1663 ई. में बनवाया।
  • विशेषताएँ:
    • 1883 ई. में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने यहाँ बैठकर महाराजा को उपदेश दिए थे।

18. एक थम्बा महल, जोधपुर 🏛️

  • स्थान: मंडोर, जोधपुर
  • अन्य नाम: प्रहरी मीनार
  • विशेषताएँ:
    • महाराजा अजीतसिंह के शासनकाल में लाल व बलुआ पत्थरों से निर्मित तीन मंजिला महल।

19. बीजोलाई के महल, जोधपुर ⛰️

  • स्थान: कायलाना की पहाड़ियों के मध्य, जोधपुर
  • निर्माण: महाराजा तख्तसिंह

20. तलहटी महल, जोधपुर 🏰

  • स्थान: मेहरानगढ़ की तलहटी में, जोधपुर
  • निर्माण: राजा सूरसिंह ने रानी सौभाग्य देवी के लिए बनवाया।

21. अजीत भवन, जोधपुर 🏨

  • स्थान: जोधपुर
  • विशेषताएँ: देश का पहला हेरिटेज होटल

22. जनाना व मर्दाना महल, जोधपुर 👑

  • निर्माण: महाराजा सूरसिंह
  • विशेषताएँ: ये महल शाही परिवार के लिए अलग-अलग भागों में बनाए गए।

23. राजमहल, उदयपुर 🏛️

  • स्थान: पिछोला झील के तट पर, उदयपुर
  • निर्माण: राणा उदयसिंह
  • विशेषताएँ:
    • फर्ग्यूसन ने इसे राजपूताने का सबसे बड़ा महल कहा, जो लंदन के विंडसर महल जैसा है।
    • दो हिस्सों में विभाजित: मर्दाना महल और जनाना महल
    • मयूर चौक पर बने 5 मयूरों का सौंदर्य अनूठा है। 🦚
    • यहाँ महाराणा प्रताप का वह ऐतिहासिक भाला रखा है जिससे हल्दीघाटी युद्ध में आमेर के मानसिंह पर वार किया था। 🗡️

24. जगनिवास पैलेस, उदयपुर 🌊

  • स्थान: पिछोला झील के मध्य, उदयपुर
  • निर्माण: 1746 ई. में महाराणा जगतसिंह द्वितीय द्वारा।
  • विशेषताएँ:
    • एक टापू पर बना यह महल चारों ओर पानी से घिरा है।
    • धोला महल संगमरमर का बना हुआ देखने योग्य है।

25. जगमंदिर पैलेस, उदयपुर 🏛️

  • स्थान: पिछोला झील के मध्य, उदयपुर
  • निर्माण: महाराणा कर्णसिंह ने शुरू किया, महाराणा जगतसिंह प्रथम ने पूर्ण किया।
  • विशेषताएँ:
    • जहाँगीर के विरुद्ध विद्रोह के बाद शहजादा खुर्रम (शाहजहाँ) ने यहाँ शरण ली थी।
    • इस महल की भव्यता ने ताजमहल बनाने की प्रेरणा दी। 🕌
    • यहाँ बाबा गफूर की मजार भी है।

26. सज्जनगढ़ पैलेस, उदयपुर ⛰️

  • स्थान: फतेहसागर के पीछे, बांसदरा पहाड़ी पर, उदयपुर
  • उपनाम: उदयपुर का मुकुटमणि, मानसून पैलेस
  • विशेषताएँ:
    • महाराणा सज्जनसिंह ने शुरू किया, महाराणा फतेहसिंह ने पूर्ण किया।

27. प्रीतम निवास महल, उदयपुर 🏛️

  • स्थान: उदयपुर
  • विशेषताएँ:
    • यह महल जगतसिंह द्वितीय के काल का है।

28. खुश महल, उदयपुर 🌸

  • स्थान: उदयपुर
  • निर्माण: महाराणा सज्जनसिंह

29. मोती मगरी के महल, उदयपुर 🏰

  • स्थान: उदयपुर
  • निर्माण: राणा उदयसिंह

30. विजय मंदिर पैलेस, अलवर 🌊

  • स्थान: अलवर, विजयसागर झील के तट पर
  • निर्माण: 1918 में अलवर महाराजा जयसिंह द्वारा।
  • विशेषताएँ:
    • यहाँ सीताराम का भव्य मंदिर है।
    • झील के निकट बने इस भवन की दीवारें धार्मिक और पौराणिक चित्रों से अलंकृत हैं। 🎨

31. सरिस्का पैलेस, अलवर 🏨

  • स्थान: अलवर-जयपुर सड़क मार्ग पर, अलवर से 35 किमी दूर
  • निर्माण: अलवर के महाराजा जयसिंह ने ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग की शिकार यात्रा के लिए बनवाया।
  • विशेषताएँ: अब इसे होटल-सरिस्का पैलेस में परिवर्तित किया गया।

32. सिटी पैलेस, अलवर 🏛️

  • स्थान: अलवर
  • निर्माण: राजा बख्तावरसिंह ने 1793 ई. में बनवाया।
  • विशेषताएँ:
    • मुगल व राजपूत स्थापत्य शैली का मिश्रण।
    • इसके पास मूसी महारानी की छतरी और सागर झील है।
    • यहाँ मुहम्मद गौरी, अकबर, जहाँगीर, और औरंगजेब की तलवारें और एक दो तलवारों वाली म्यान मुख्य आकर्षण हैं। 🗡️

33. ईटाराणा की कोठी, अलवर 🖼️

  • निर्माण: महाराजा जयसिंह
  • विशेषताएँ: उत्कृष्ट जाली-झरोखों और तोरणनुमा टोड़े से युक्त मनोहारी महल।

34. मोती डूंगरी, अलवर ⛰️

  • स्थान: अलवर
  • निर्माण: 1849 में महाराजा विनयसिंह ने बनवाया।
  • विशेषताएँ:
    • यह अलवर के शाही परिवार का निवास स्थल था।
    • 1928 के बाद महाराजा जयसिंह ने पुराने महल को ध्वस्त कर नया बनवाया।

35. सिलीसेढ़ महल, अलवर 🌊

  • स्थान: सिलीसेढ़ झील, अलवर
  • निर्माण: महाराजा विनयसिंह
  • विशेषताएँ:
    • वर्तमान में राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) ने इसे होटल का रूप दिया।
    • सिलीसेढ़ झील को राजस्थान का नन्दन कानन कहा जाता है।

36. रूठी रानी का महल, अजमेर 💔

  • स्थान: अजमेर
  • विशेषताएँ:
    • यह रानी उमादे का महल है, जो राव मालदेव से रूठकर यहाँ रही।
    • मुगल सम्राट जहाँगीर की बेगम नूरजहाँ जब रूठकर यहाँ आई, तो जहाँगीर उसे मनाने आया। इसलिए यह रूठी रानी का महल नाम से प्रसिद्ध है।

37. मानमहल, अजमेर 🏛️

  • स्थान: पुष्कर, अजमेर
  • निर्माण: आमेर के मिर्जा राजा मानसिंह
  • विशेषताएँ: वर्तमान में होटल सरोवर के रूप में प्रसिद्ध।

38. खेतड़ी महल, झुंझुनूँ 🌬️

  • स्थान: झुंझुनूँ
  • निर्माण: भोपालसिंह (खेतड़ी महाराजा)
  • उपनाम: राजस्थान का दूसरा हवामहल (खिड़कियों व झरोखों के कारण)
  • विशेषताएँ:
    • ग्रीष्मकालीन विश्राम के लिए बनाया गया।
    • लखनऊ जैसी भूल-भूलैया और जयपुर के हवामहल की झलक दिखती है।

39. काष्ठ प्रासाद, झालावाड़ 🪵

  • स्थान: झालावाड़
  • निर्माण: राव राजेन्द्रसिंह ने 1936 में बनवाया।
  • विशेषताएँ:
    • लकड़ी से निर्मित और लगभग 3500 वर्ग फुट में फैला हुआ।

40. गढ़ पैलेस भवन, झालावाड़ 🏰

  • स्थान: झालावाड़
  • निर्माण: झाला मदनसिंह
  • विशेषताएँ: चकोर है और इसके तीन द्वार हैं।

41. सुनहरी कोठी, टोंक 💰

  • स्थान: टोंक
  • उपनाम: गोल्डन मेंशन
  • निर्माण: नवाब अमीर खाँ ने 1824 ई. में शुरू किया, जो 1834 में नवाब वजीरुद्दौला खाँ के समय पूर्ण हुआ। दूसरी मंजिल नवाब इब्राहिम अली खाँ ने 1870 में बनवाई।
  • विशेषताएँ:
    • स्वर्ण की नक्काशी, चित्रकारी, काँच, रत्न-जड़ित बेल, बूँटियाँ, पच्चीकारी, और मीनाकारी का काम। 🎨
    • पहले यह शीशमहल के नाम से जानी जाती थी।
    • 7 मार्च 1996 को राज्य सरकार ने इसे ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया।

42. मुबारक महल, टोंक 🐪

  • स्थान: टोंक, सुनहरी कोठी के दायरे में
  • प्रारम्भिक नाम: जरगिनार
  • विशेषताएँ: बकरा ईद पर ऊँट की कुर्बानी के लिए प्रसिद्ध।

43. राजमहल, टोंक 🏛️

  • स्थान: देवली, टोंक से 12 किमी दूर
  • विशेषताएँ: बनास, खारी, और डाई के त्रिवेणी संगम पर स्थित।

44. अभेड़ा महल, कोटा 🌊

  • स्थान: कोटा
  • निर्माण: 18वीं शताब्दी में
  • विशेषताएँ:
    • शाही आरामगाह के लिए बनाया गया।
    • राजकुमारी धीरदेह ने कृत्रिम जलाशय बनवाया, जिसमें महाराजा उम्मेदसिंह द्वितीय के शासनकाल में मगरमच्छ पाले जाते थे। 🐊

45. अबली (अमली) मीणी का महल, कोटा 🏛️

  • स्थान: कोटा
  • निर्माण: मुकुन्द सिंह ने अपनी चहेती पासवान अबली मीणी के लिए बनवाया।
  • विशेषताएँ: कर्नल जेम्स टॉड ने इसे राजस्थान का दूसरा ताजमहल कहा। 🕌

46. गुलाब महल, कोटा 🌹

  • स्थान: कोटा
  • निर्माण: महाराव जैत्रसिंह हाड़ा

47. जगमंदिर महल, कोटा 🌊

  • स्थान: किशोर सागर, कोटा
  • निर्माण: महाराव दुर्जनशाल सिंह की महारानी ब्रज कँवर ने 1743-45 ई. में बनवाया।
  • विशेषताएँ:
    • किशोर सागर कोटा शहर के मध्य स्थित है।
    • पर्यटकों के लिए पावर मोटर बोट, जेट स्की, वॉटर जोरबिंग बॉल, बनाना बोट आदि की सुविधा।
    • सायंकाल लेजर फिल्म और साउंड शो का आयोजन।

48. राजमहल (गढ़ पैलेस), बूँदी 🏰

  • स्थान: बूँदी
  • विशेषताएँ:
    • छतरमहल, दीवान-ए-आम, रंगविलास, अनिरुद्ध महल दर्शनीय हैं।

49. सुखमहल, बूँदी 🌊

  • स्थान: जैतसागर झील में, बूँदी
  • निर्माण: राजा विष्णुसिंह

50. रतनदौलत दरीखाना, बूँदी 👑

  • स्थान: बूँदी राजप्रासाद में
  • विशेषताएँ: यहाँ बूँदी नरेशों का राजतिलक होता था।

51. रंगमहल, बूँदी 🎨

  • स्थान: बूँदी
  • निर्माण: महाराव छत्रशाल
  • विशेषताएँ: भित्ति चित्रों में धार्मिक, ऐतिहासिक, और शिकार संबंधी दृश्य।

52. बादल विलास महल, जैसलमेर ☁️

  • स्थान: जैसलमेर
  • निर्माण: सिलावटों द्वारा 1844 ई. में महारावल वैरीशाल के लिए।
  • विशेषताएँ:
    • ताजिया टावर (5 मंजिला) दर्शनीय है।

53. एकथम्बिया महल, डूँगरपुर 🏛️

  • स्थान: गैबसागर झील के तट पर, उदयविलास राजप्रासाद में, डूँगरपुर
  • निर्माण: महारावल शिवसिंह ने अपनी माता राजमहिषी ज्ञानकुँवरी की स्मृति में।
  • उपनाम: कृष्ण प्रकाश

54. जूना महल, डूँगरपुर 🖼️

  • स्थान: धन माता पहाड़ी पर, डूँगरपुर
  • निर्माण: महारावल वीर सिंह
  • विशेषताएँ:
    • 7 मंजिला महल, जिसमें भित्ति चित्र, शीशे का काम, चकोर खंभे, छज्जे, और जालियाँ राजपूत स्थापत्य कला का नमूना हैं।

55. बादल महल, डूँगरपुर ☁️

  • स्थान: गैब सागर झील के किनारे, डूँगरपुर
  • निर्माण: महारावल गोपीनाथ ने बरामदा और जमीन तल बनवाया, महारावल पुंजराज ने पहली मंजिल और गुंबद के सामने बरामदा।

56. उदयविलास पैलेस, डूँगरपुर 🏛️

  • स्थान: डूँगरपुर
  • निर्माण: महारावल उदयसिंह
  • विशेषताएँ: सफेद संगमरमर और नीले पत्थर से बना, पाषाण कारीगरी का नायाब नमूना।

57. लालगढ़ पैलेस, बीकानेर 🏰

  • स्थान: बीकानेर
  • निर्माण: महाराजा गंगासिंह ने 1902 ई. में अपने पिता लालसिंह की स्मृति में बनवाया।
  • डिजाइनर: सर स्विंटन जैकब
  • विशेषताएँ:
    • 24 नवंबर 1915 को वायसराय लॉर्ड हॉर्डिंग्स ने उद्घाटन किया।
    • अनूप संस्कृत लाइब्रेरी और सार्दुल संग्रहालय यहाँ हैं।
    • दुलमेरा की खानों से लाए गए लाल पत्थर से बना।
    • 1974 से लालगढ़ पैलेस होटल शुरू हुआ। 🏨

58. डीग के महल, भरतपुर 🌊

  • स्थान: डीग, भरतपुर
  • निर्माण: राजा बदनसिंह ने 1725 ई. में शुरू किया।
  • विशेषताएँ:
    • जलमहलों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध।
    • गोपाल भवन, केशव-भवन, किशन भवन, नंदभवन, सूरज भवन, सावन-भादो महल प्रमुख हैं।

59. मृगया महल, भरतपुर 🦌

  • स्थान: बयाना, भरतपुर

60. किशोरी महल, भरतपुर 🏛️

  • स्थान: भरतपुर

61. खानपुर महल, धौलपुर 🌊

  • स्थान: धौलपुर
  • निर्माण: सुलेह खाँ ने 1622 ई. में शाहजहाँ के लिए बनवाया।
  • विशेषताएँ:
    • मुगल बादशाह शाहजहाँ का आरामगाह।
    • तालाब-ए-शाही झील के पास।

62. सरिता निवास, बाँसवाड़ा 🏛️

  • स्थान: बाँसवाड़ा
  • निर्माण: महारावल पृथ्वीसिंह ने विट्ठलदेव गाँव में बनवाया।

63. नृपति निवास, बाँसवाड़ा 🏛️

  • स्थान: बाँसवाड़ा, कागदी नदी के तट पर
  • निर्माण: महारावल पृथ्वीसिंह

64. कुशलबाग महल, बाँसवाड़ा 🌳

  • स्थान: बाँसवाड़ा

65. राजमंदिर, बाँसवाड़ा 🏛️

  • अन्य नाम: सिटी पैलेस
  • विशेषताएँ: बाँसवाड़ा के राजाओं का शाही निवास।

66. पद्मिनी महल, चित्तौड़गढ़ 👑

  • स्थान: चित्तौड़गढ़
  • निर्माण: रावल रतनसिंह

67. नौकोठा/नवलखा महल, चित्तौड़गढ़ 🏰

  • स्थान: चित्तौड़गढ़
  • निर्माण: बनवीर

68. खातड़ रानी का महल, चित्तौड़गढ़ 👑

  • स्थान: चित्तौड़गढ़, पद्मिनी के महलों के पीछे
  • विशेषताएँ: महाराणा क्षेत्रसिंह की पासवान कर्मा खाती के लिए बनाया गया।

69. स्वरूप निवास महल, सिरोही 🏛️

  • निर्माण: महाराजा स्वरूपसिंह

70. केसर विलास महल, सिरोही 🌳

  • निर्माण: महाराजा केसरसिंह

राजस्थान के महलों का महत्व 🌟

राजस्थान के महल इस धरती के इतिहास और कला का अनमोल खजाना हैं। इनका महत्व इस प्रकार है:

  • ऐतिहासिक महत्व:
    • हवामहल, आमेर महल, और उम्मेद भवन राजपूत और मुगल इतिहास के प्रतीक हैं। 🏰
    • जगनिवास और जगमंदिर ने मुगल-राजपूत संबंधों को दर्शाया।
  • वास्तुकला:
    • राजस्थानी, मुगल, इंडो-डेको, और यूरोपीयन शैलियों का मिश्रण इन महलों में दिखता है।
    • जलमहल और डीग के महल प्रकृति और शाही वैभव का संगम हैं। 🌊
  • पर्यटन:
    • ये महल हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जो राजस्थान के शाही इतिहास को देखने आते हैं। 📸

राजस्थान के महल: तालिका 📋

महलस्थाननिर्माणविशेषताएँ
हवामहलजयपुरसवाई प्रतापसिंह (1799)953 खिड़कियाँ, पिरामिडनुमा, विष्णु को समर्पित
आमेर महलजयपुरमानसिंह प्रथम (1592)यूनेस्को विश्व धरोहर, हिन्दू-मुगल शैली
शीशमहलजयपुरमिर्जा राजा जयसिंहशीशे की जड़ाई, दर्पण धाम
चन्द्रमहल/सिटी पैलेसजयपुरसवाई जयसिंह द्वितीय7 मंजिला, गंगोज कलश
सर्वतोभद्र महलजयपुरदीवान-ए-खास, तालकटोरा झील
मुबारक महलजयपुरसवाई माधोसिंह द्वितीययूरोपीयन शैली
जलमहलजयपुरसवाई जयसिंह द्वितीय5 मंजिला, मानसागर झील
सिसोदिया रानी का महलजयपुरसवाई जयसिंह द्वितीय (1728)म्यूरल पेंटिंग्स
सामोद महलजयपुरराजा बिहारीदास (1645-1652)शीशमहल, सात बहनों का मंदिर
नाहरगढ़ के नौ महलजयपुरसवाई माधोसिंह प्रथमएक जैसे नौ महल
मोती महलजयपुरसवाई मानसिंहस्कॉटलैंड किला
मोती डूंगरी महलजयपुरसवाई माधोसिंहगणेश मंदिर
रामबाग पैलेसजयपुरसवाई रामसिंह द्वितीय (1836)केसर बाग
बादल महलजयपुरसवाई जयसिंहतालकटोरा झील
24 रानियों का महलजयपुररानियों के लिए
उम्मेद भवनजोधपुरमहाराजा उम्मेदसिंह (1929)विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी महल
राई का बाग पैलेसजोधपुरहाड़ीजी (1663)स्वामी दयानन्द उपदेश
एक थम्बा महलजोधपुरअजीतसिंहप्रहरी मीनार
बीजोलाई के महलजोधपुरतख्तसिंहकायलाना की पहाड़ियाँ
तलहटी महलजोधपुरसूरसिंहसौभाग्य देवी के लिए
अजीत भवनजोधपुरपहला हेरिटेज होटल
जनाना व मर्दाना महलजोधपुरसूरसिंह
राजमहलउदयपुरराणा उदयसिंहमयूर चौक, महाराणा प्रताप का भाला
जगनिवास पैलेसउदयपुरजगतसिंह द्वितीय (1746)टापू पर
जगमंदिर पैलेसउदयपुरकर्णसिंह, जगतसिंह प्रथमशाहजहाँ की शरण
सज्जनगढ़ पैलेसउदयपुरसज्जनसिंह, फतेहसिंहमानसून पैलेस
प्रीतम निवास महलउदयपुरजगतसिंह द्वितीय
खुश महलउदयपुरसज्जनसिंह
मोती मगरी के महलउदयपुरराणा उदयसिंह
विजय मंदिर पैलेसअलवरजयसिंह (1918)सीताराम मंदिर
सरिस्का पैलेसअलवरजयसिंहहेरिटेज होटल
सिटी पैलेसअलवरबख्तावरसिंह (1793)मुगल तलवारें
ईटाराणा की कोठीअलवरजयसिंहजाली-झरोखे
मोती डूंगरीअलवरविनयसिंह (1849)शाही निवास
सिलीसेढ़ महलअलवरविनयसिंहRTDC होटल
रूठी रानी का महलअजमेरनूरजहाँ की कहानी
मानमहलअजमेरमानसिंहहोटल सरोवर
खेतड़ी महलझुंझुनूँभोपालसिंहदूसरा हवामहल
काष्ठ प्रासादझालावाड़राजेन्द्रसिंह (1936)लकड़ी से निर्मित
गढ़ पैलेस भवनझालावाड़झाला मदनसिंहतीन द्वार
सुनहरी कोठीटोंकअमीर खाँ (1824)गोल्डन मेंशन
मुबारक महलटोंकऊँट की कुर्बानी
राजमहलटोंकत्रिवेणी संगम
अभेड़ा महलकोटा18वीं सदीमगरमच्छ जलाशय
अबली मीणी का महलकोटामुकुन्द सिंहदूसरा ताजमहल
गुलाब महलकोटाजैत्रसिंह हाड़ा
जगमंदिर महलकोटाब्रज कँवर (1743-45)किशोर सागर, लेजर शो
राजमहल (गढ़ पैलेस)बूँदीछतरमहल, रंगविलास
सुखमहलबूँदीविष्णुसिंहजैतसागर झील
रतनदौलत दरीखानाबूँदीराजतिलक
रंगमहलबूँदीछत्रशालभित्ति चित्र
बादल विलास महलजैसलमेरसिलावट (1844)ताजिया टावर
एकथम्बिया महलडूँगरपुरशिवसिंहकृष्ण प्रकाश
जूना महलडूँगरपुरवीर सिंह7 मंजिला, भित्ति चित्र
बादल महलडूँगरपुरगोपीनाथ, पुंजराजगैब सागर
उदयविलास पैलेसडूँगरपुरउदयसिंहसंगमरमर और नीले पत्थर
लालगढ़ पैलेसबीकानेरगंगासिंह (1902)अनूप संस्कृत लाइब्रेरी
डीग के महलभरतपुरबदनसिंह (1725)जलमहलों की नगरी
मृगया महलभरतपुरबयानाशिकार
किशोरी महलभरतपुर
खानपुर महलधौलपुरसुलेह खाँ (1622)शाहजहाँ का आरामगाह
सरिता निवासबाँसवाड़ापृथ्वीसिंहविट्ठलदेव गाँव
नृपति निवासबाँसवाड़ापृथ्वीसिंहकागदी नदी
कुशलबाग महलबाँसवाड़ा
राजमंदिरबाँसवाड़ासिटी पैलेस
पद्मिनी महलचित्तौड़गढ़रतनसिंह
नौकोठा/नवलखा महलचित्तौड़गढ़बनवीर
खातड़ रानी का महलचित्तौड़गढ़क्षेत्रसिंहकर्मा खाती के लिए
स्वरूप निवास महलसिरोहीस्वरूपसिंह
केसर विलास महलसिरोहीकेसरसिंह

निष्कर्ष: राजस्थान के महलों की अमर कहानियाँ 🌟

राजस्थान के महल इस धरती के शाही वैभव और इतिहास का अनमोल खजाना हैं। ये केवल पत्थर की इमारतें नहीं, बल्कि राजपूतों, मुगलों, और अन्य शासकों के जीवन का जीवंत प्रमाण हैं। 😊 हवामहल के झरोखों से लेकर उम्मेद भवन के विशाल हॉल तक, हर महल अपनी एक अलग कहानी कहता है। 🌄

इन महलों में शाही जीवन, प्रेम, वीरता, और कला के अनेक रंग दिखते हैं। शीशमहल के चमकते दर्पण, जलमहल का पानी के बीच का सौंदर्य, और सुनहरी कोठी की स्वर्ण नक्काशी – ये सब राजस्थान के वैभव को विश्व के सामने लाते हैं। 🖼️

अगर आप राजस्थान की सैर पर जा रहे हैं, तो इन महलों के दर्शन जरूर करें। जयपुर का हवामहल, उदयपुर का जगमंदिर, और जोधपुर का उम्मेद भवन आपके दिल को छू लेंगे! 📸


प्रश्न और जवाब (FAQs)

  1. राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध महल कौन सा है?
    हवामहल, आमेर महल, और उम्मेद भवन राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध महल हैं। 🏰
  2. हवामहल को क्यों बनाया गया था?
    हवामहल महारानियों के लिए बनाया गया था ताकि वे शहर के मेले और जुलूस देख सकें। 🌬️
  3. उम्मेद भवन क्यों विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी महल है?
    उम्मेद भवन अपने विशाल आकार और शाही वैभव के कारण विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी महल है। 🏛️
  4. शीशमहल क्यों प्रसिद्ध है?
    शीशमहल अपनी शीशे की जड़ाई और कलात्मक काम के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। 🪞
  5. कौन से महल अब हेरिटेज होटल हैं?
    लालगढ़ पैलेस, रामबाग पैलेस, और सरिस्का पैलेस अब हेरिटेज होटल के रूप में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 🏨

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