भारत के तटीय मैदान और द्वीप समूह 🏝️: पश्चिमी और पूर्वी तटीय मैदानों, अंडमान-निकोबार, और लक्षद्वीप की भौगोलिक, आर्थिक, और पर्यटन विशेषताएँ। 2025 की स्थिति।
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परिचय: भारत की तटीय और द्वीपीय धरोहर 🌴
भारत का भौगोलिक परिदृश्य केवल पहाड़ों और पठारों तक सीमित नहीं है; इसके तटीय मैदान और द्वीप समूह इसकी प्राकृतिक और सांस्कृतिक समृद्धि का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। 😊 पश्चिमी तटीय मैदान, पूर्वी तटीय मैदान, और अंडमान-निकोबार व लक्षद्वीप जैसे द्वीप समूह भारत के समुद्री किनारों की कहानी बयान करते हैं। ये क्षेत्र न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि कृषि, पर्यटन, और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी केंद्र बिंदु हैं। 🌍
2025 में, ये क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव-विविधता, और डिजिटल युग में बढ़ते पर्यटन के कारण विश्व मंच पर चमक रहे हैं। 🏖️ इस लेख में हम पश्चिमी और पूर्वी तटीय मैदानों, अंडमान-निकोबार, और लक्षद्वीप की भौगोलिक विशेषताओं, नदियों, डेल्टाओं, और सांस्कृतिक महत्ता का विस्तृत वर्णन करेंगे। तालिकाएँ, उपशीर्षक, और emojis के साथ यह लेख जानकारीपूर्ण और आकर्षक होगा। 🚢📖
तटीय मैदान: भारत के समुद्री किनारे 🌊
भारत के तटीय मैदान पश्चिमी तटीय मैदान और पूर्वी तटीय मैदान में बँटे हैं, जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के किनारों पर फैले हैं। ये मैदान नदियों के अवसादों और समुद्री गतिविधियों से निर्मित हैं।
1. पश्चिमी तटीय मैदान 🏖️
पश्चिमी तटीय मैदान भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर अरब सागर और सह्याद्री (पश्चिमी घाट) के बीच फैला है। 😎 यह मैदान अपनी संकीर्णता, प्राकृतिक बंदरगाहों, और भारी मानसूनी वर्षा के लिए जाना जाता है।

विशेषताएँ 🌴
- विस्तार: गुजरात (सूरत) से तमिलनाडु (कन्याकुमारी) तक, 1,840 किमी लंबा।
- चौड़ाई:
- सर्वाधिक: नर्मदा-तापी मुहाना (80 किमी)।
- सबसे संकीर्ण: कन्नड़ तट।
- उत्पत्ति:
- नदियों के अवसाद और समुद्री तरंगों के अपक्षय-अपरदन से निर्मित।
- कच्छ और काठियावाड़ में समुद्री निक्षेप की प्रधानता।
- मिट्टी: रेगुर मिट्टी (ज्वालामुखी बेसाल्टिक लावा के अपक्षय से)।
- नदियाँ: छोटी और तीव्रगामी, जैसे नर्मदा, तापी, पेरियार (अरब सागर में)।
- लैगून और झीलें:
- वेम्बनाद झील और अष्टमुडी झील (केरल)।
- कयाल: लैगून झीलें, जैसे कोच्चि।
- बंदरगाह: प्राकृतिक खाड़ियों के कारण मुंबई, मंगलौर, मारमागोआ, और कोच्चि जैसे बंदरगाहों का विकास।
- वर्षा: दक्षिण-पश्चिमी मानसून से भारी वर्षा।
भौगोलिक महत्व 🚢
- प्राकृतिक बंदरगाह: कटे-फटे तटों ने बंदरगाहों के विकास को बढ़ावा दिया।
- कृषि: रेगुर मिट्टी कपास और अन्य फसलों के लिए उपयुक्त।
- पर्यटन: मालाबार तट की लैगून और केरल के बैकवाटर्स विश्व प्रसिद्ध।
2. पूर्वी तटीय मैदान 🌅
पूर्वी तटीय मैदान बंगाल की खाड़ी और पूर्वी घाट के बीच फैला है। यह मैदान अपनी चौड़ाई, डेल्टाओं, और उर्वर मिट्टी के लिए जाना जाता है। 😊
विशेषताएँ 🌾
- विस्तार: स्वर्ण रेखा नदी (ओडिशा) से कन्याकुमारी (तमिलनाडु) तक।
- चौड़ाई: पश्चिमी तटीय मैदान से अधिक चौड़ा।
- उत्पत्ति: नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ अवसादों से निर्मित।
- नदियाँ: लंबी और कम ढाल वाली, जैसे महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी (बंगाल की खाड़ी में)।
- डेल्टा:
- लैगून: चिल्का झील (ओडिशा), कोलेरू झील, पुलिकट झील (आंध्र प्रदेश)।
- बंदरगाह: कृत्रिम बंदरगाह, प्राकृतिक खाड़ियों की कमी।
- वर्षा: उत्तर-पूर्वी मानसून (सर्दियों में) से वर्षा।
- वर्षा: उत्तर-पूर्वी मानसून (सर्दियों में) से वर्षा।

उप-विभाग 📍
पूर्वी तटीय मैदान को तीन भागों में बाँटा जाता है:
- उत्कल तट: स्वर्ण रेखा से महानदी (ओडिशा)।
- उत्तरी सरकारी तट: महानदी से कृष्णा (ओडिशा, आंध्र प्रदेश)।
- कोरोमण्डल तट: कृष्णा से कन्याकुमारी (आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु)।
भौगोलिक महत्व 🌴
- कृषि: जलोढ़ मिट्टी के कारण धान और अन्य फसलों की खेती।
- पर्यटन: चिल्का झील और सुंदरबन डेल्टा।
- आर्थिक गतिविधियाँ: मत्स्य पालन और बंदरगाह।
पश्चिमी vs पूर्वी तटीय मैदान: तुलना 🌊
| विशेषता | पश्चिमी तटीय मैदान | पूर्वी तटीय मैदान |
|---|---|---|
| विस्तार | सूरत से कन्याकुमारी (1,840 किमी) | स्वर्ण रेखा से कन्याकुमारी |
| चौड़ाई | संकीर्ण (80 किमी अधिकतम) | चौड़ा |
| नदियाँ | छोटी, तीव्रगामी (नर्मदा, तापी) | लंबी, कम ढाल (महानदी, कावेरी) |
| डेल्टा | नहीं | महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी |
| लैगून | वेम्बनाद, अष्टमुडी | चिल्का, कोलेरू, पुलिकट |
| बंदरगाह | प्राकृतिक (मुंबई, कोच्चि) | कृत्रिम |
| वर्षा | दक्षिण-पश्चिमी मानसून | उत्तर-पूर्वी मानसून |
| मिट्टी | रेगुर मिट्टी | जलोढ़ मिट्टी |
द्वीप समूह: भारत के समुद्री रत्न 🏝️
भारत के 1,208 द्वीप बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में फैले हैं। ये द्वीप ज्वालामुखी उद्गारों, प्रवाल निक्षेपों, और नदी अवसादों से बने हैं। 😎
(A) बंगाल की खाड़ी के द्वीप 🌊
1. तटवर्ती द्वीप 🌴
- विशेषताएँ:
- गंगा डेल्टा में अधिक, जैसे सुंदरबन क्षेत्र।
- गोदावरी, कृष्णा, और कावेरी डेल्टा में कम।
- प्रमुख द्वीप:
- पम्बन द्वीप: मन्नार की खाड़ी (भारत-श्रीलंका), चट्टानी धरातल।
- श्रीहरिकोटा द्वीप: नेल्लौर (आंध्र प्रदेश), ISRO का केंद्र।
2. दूरवर्ती द्वीप: अंडमान-निकोबार 🏝️
- विस्तार: 572 द्वीप, बंगाल की खाड़ी में।
- राजधानी: पोर्ट ब्लेयर।
- उत्पत्ति: ज्वालामुखी उद्गार।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- बैरन द्वीप: भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी।
- नारकोंडम: सुषुप्त ज्वालामुखी।
- उत्तरी द्वीप: लैण्डफॉल।
- दक्षिणी द्वीप: ग्रेट निकोबार।
- इंदिरा पॉइंट: भारत का दक्षिणतम बिंदु (ग्रेट निकोबार)।

प्रमुख चोटियाँ ⛰️
| चोटी | अवस्थिति | ऊँचाई |
|---|---|---|
| सैडल पीक | उत्तरी अंडमान | 738 मीटर |
| माउंट थुईल्लर | ग्रेट निकोबार | 642 मीटर |
| माउंट डियोवोली | मध्य अंडमान | 515 मीटर |
| माउंट कोयोब | दक्षिणी अंडमान | 460 मीटर |
जनजातियाँ 🌿
- ओजेस, जारवा, सेटिनलीज, शॉम्पेन।
नाम परिवर्तन (2018) 📜
- नील द्वीप: शहीद द्वीप।
- रॉस द्वीप: नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप।
- हैवलॉक द्वीप: स्वराज द्वीप।
परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर द्वीप 🏅
21 द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के सम्मान में रखे गए हैं:
| पुराना नाम | नया नाम | युद्ध/वर्ष |
|---|---|---|
| INAN 198 | नायक जदुनाथ सिंह | भारत-पाक युद्ध 1947 |
| INAN 474 | मेजर राम राघोबा राणे | भारत-पाक युद्ध 1947 |
| INAN 308 | ऑनरेरी कैप्टन करम सिंह | भारत-पाक युद्ध 1947 |
| INAN 370 | मेजर सोमनाथ शर्मा | भारत-पाक युद्ध 1947 |
| INAN 414 | सूबेदार जोगिंदर सिंह | भारत-चीन युद्ध 1962 |
| INAN 646 | लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा | भारत-चीन युद्ध 1962 |
| INAN 419 | कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया | भारत-चीन युद्ध 1962 |
| INAN 374 | कम्पनी हवलदार मेजर पीरू सिंह | भारत-पाक युद्ध 1947 |
| INAN 376 | लांस नायक अलबर्ट एक्का | भारत-पाक युद्ध 1971 |
| INAN 565 | लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर तारापोर | भारत-चीन युद्ध 1962 |
| INAN 571 | हवलदार अब्दुल हमीद | भारत-पाक युद्ध 1965 |
| INAN 255 | मेजर शैतान सिंह | भारत-चीन युद्ध 1962 |
| INAN 421 | मेजर रामास्वामी परमेश्वरन | श्रीलंका (1987) |
| INAN 377 | फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों | भारत-पाक युद्ध 1971 |
| INAN 297 | सेकण्ड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल | भारत-पाक युद्ध 1971 |
| INAN 287 | मेजर होशियार सिंह | भारत-पाक युद्ध 1971 |
| INAN 306 | कैप्टन मनोज पांडेय | कारगिल युद्ध 1999 |
| INAN 417 | कैप्टन विक्रम बत्रा | कारगिल युद्ध 1999 |
| INAN 293 | नायब सूबेदार बाना सिंह | सियाचिन 1987 |
| INAN 193 | कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव | कारगिल युद्ध 1999 |
| INAN 536 | सूबेदार मेजर संजय कुमार | कारगिल युद्ध 1999 |
(B) अरब सागर के द्वीप: लक्षद्वीप 🌴
लक्षद्वीप अरब सागर में प्रवाल निक्षेपों से बना एक खूबसूरत द्वीप समूह है। 😊
विशेषताएँ 🏝️
- संख्या: 36 द्वीप, जिनमें 11 पर मानव आवास।
- विस्तार:
- अक्षांश: 8° से 12° उत्तरी।
- देशांतर: 71° से 74° पूर्वी।
- राजधानी: कवरती।
- प्रमुख द्वीप:
- एंड्रोट: सबसे बड़ा द्वीप।
- बित्रा: सबसे छोटा द्वीप।
- अगाती: हवाई अड्डा।
- पिटली: पक्षी अभयारण्य।
- भाषा:
- मलयालम: सभी द्वीपों पर।
- महल: मिनिकॉय (देवेही लिपि, मालदीव की भाषा)।

भौगोलिक महत्व 🌊
- उत्पत्ति: प्रवाल निक्षेप।
- पर्यटन: प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री जैव-विविधता।
- आर्थिक गतिविधियाँ: मत्स्य पालन, नारियल उत्पादन।
तटीय मैदानों और द्वीप समूहों का महत्व 🌟
1. आर्थिक महत्व 💼
- कृषि:
- पश्चिमी तटीय मैदान: रेगुर मिट्टी (कपास, तंबाकू)।
- पूर्वी तटीय मैदान: जलोढ़ मिट्टी (धान, नारियल)।
- बंदरगाह: मुंबई, कोच्चि (पश्चिमी), चेन्नई, विशाखापत्तनम (पूर्वी)।
- मत्स्य पालन: दोनों तटीय मैदानों और द्वीप समूहों में प्रमुख।
2. पर्यटन महत्व 🏖️
- पश्चिमी तटीय मैदान: केरल बैकवाटर्स, गोवा समुद्र तट।
- पूर्वी तटीय मैदान: चिल्का झील, पुरी, कोणार्क।
- अंडमान-निकोबार: हैवलॉक, राधानगर बीच।
- लक्षद्वीप: प्रवाल भित्तियाँ, अगाती।
3. पर्यावरणीय महत्व 🌿
- जैव-विविधता: सुंदरबन (यूनेस्को विश्व धरोहर), प्रवाल भित्तियाँ।
- संरक्षण: चिल्का झील (रामसर साइट), पिटली अभयारण्य।
2025 में तटीय मैदान और द्वीप समूह 🌈
2025 में, भारत के तटीय मैदान और द्वीप समूह पर्यटन, सतत विकास, और डिजिटल प्रचार के केंद्र बन चुके हैं:
- डिजिटल मंच: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल और सोशल मीडिया पर तटीय पर्यटन का प्रचार।
- पर्यावरण संरक्षण: सुंदरबन और लक्षद्वीप में प्रवाल संरक्षण।
- आर्थिक विकास: बंदरगाहों और मत्स्य पालन का आधुनिकीकरण।
निष्कर्ष: भारत की समुद्री कहानी 🌊
पश्चिमी और पूर्वी तटीय मैदान और अंडमान-निकोबार व लक्षद्वीप भारत की समुद्री धरोहर के रत्न हैं। 😊 ये क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आर्थिक महत्व, और जैव-विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। 2025 में, ये क्षेत्र डिजिटल युग में नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं। 🚢🌴
प्रश्न और जवाब (FAQs)
- पश्चिमी तटीय मैदान की सबसे चौड़ी जगह कौन सी है?
नर्मदा-तापी मुहाना (80 किमी)। - पूर्वी तटीय मैदान के प्रमुख डेल्टा कौन से हैं?
महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी। - अंडमान-निकोबार की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है?
सैडल पीक (738 मीटर)। - लक्षद्वीप की राजधानी क्या है?
कवरती। - भारत का दक्षिणतम बिंदु कौन सा है?
इंदिरा पॉइंट (ग्रेट निकोबार)।
संबंधित खोजें:
- तटीय मैदान 2025
- अंडमान-निकोबार
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- चिल्का झील
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