भारत में कृषि 🌾: खाद्यान्न, तिलहन, रेशेदार फसलें, और हरित क्रांति। 2025 में कृषि की स्थिति, प्रमुख उत्पादक राज्य, और अनुसंधान संस्थान। 🚜
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परिचय: भारत, एक कृषि प्रधान देश 🌱
भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, और यहाँ की 54.6% से अधिक कार्यशील जनसंख्या कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में कार्यरत है। 😊 2025 में, भारत की कृषि न केवल देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह जैव-विविधता, सांस्कृतिक धरोहर, और आधुनिक तकनीकों का संगम भी है। 🌍 भारत की जलवायु उष्ण, शीतोष्ण, और उपोष्ण फसलों के लिए अनुकूल है, जिसके कारण यहाँ चावल, गेहूँ, गन्ना, और तिलहन जैसी विविध फसलें उगाई जाती हैं।
भारतीय कृषि मानसून का जुआ कहलाती है, क्योंकि यह मुख्य रूप से मानसून पर निर्भर है। 🌀 हालांकि, 2025 में ड्रिप सिंचाई, ड्रोन तकनीक, और जैविक खेती जैसे नवाचारों ने इसे और सशक्त बनाया है। इस लेख में, हम भारत की प्रमुख फसलों, कृषि के प्रकार, उत्पादक राज्यों, और हरित क्रांति की विस्तृत जानकारी देंगे। 📖🌾
भारत में कृषि की विशेषताएँ 🌴
1. कृषि: भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ 💼
- जनसंख्या: 54.6% कार्यशील जनसंख्या कृषि में संलग्न।
- निजी क्षेत्र: सबसे बड़ा निजी व्यवसाय।
- विकासशील देश: विकसित देशों की तुलना में अधिक लोग कृषि पर निर्भर।
- मानसून पर निर्भरता: अनिश्चित और अनियमित मानसून के कारण “मानसून का जुआ”।
2. स्थानांतरित कृषि: क्षेत्रीय नाम 🌾
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानांतरित कृषि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
| नाम | क्षेत्र |
|---|---|
| बेवर, दहिया, कमान, बिंगा, धावी | मध्य प्रदेश, ओडिशा |
| पेण्डा, डिपी, पोडु, कुमारी | आंध्र प्रदेश |
| बत्रा, वालरा | दक्षिण-पूर्वी राजस्थान |
| जारा, एरका | दक्षिणी भारत |
| खिल | हिमालय क्षेत्र |
| कुरुवा | झारखंड |
| पामलू | मणिपुर |
| झूम | उत्तर-पूर्वी भारत |
3. कृषि के विशिष्ट प्रकार 🌿
भारत में विभिन्न प्रकार की विशेषीकृत कृषि प्रचलित है:
| कृषि प्रकार | विवरण |
|---|---|
| विटीकल्चर | अंगूरों का व्यापारिक उत्पादन |
| पीसीकल्चर | मछली उत्पादन |
| सेरीकल्चर | रेशम कीट पालन |
| हॉर्टीकल्चर | फल, फूल, सब्जियाँ |
| एपीकल्चर | मधुमक्खी पालन (शहद) |
| सिल्वीकल्चर | वनों का संरक्षण और संवर्धन |
| फ्लोरीकल्चर | फूलों की खेती |
| आर्बोरीकल्चर | वृक्ष और झाड़ियाँ |
| मैरीकल्चर | समुद्री जीवों का उत्पादन |
| ओलेरीकल्चर | सब्जियों की खेती |
| ओलिवीकल्चर | जैतून की खेती |
| एरोपोनिक | बिना मिट्टी के हवा में खेती |
| वर्मीकल्चर | केंचुआ पालन |
| मोरीकल्चर | शहतूत की खेती (रेशम कीट के लिए) |
| वेजीकल्चर | आदिम कृषि (दक्षिण-पूर्वी एशिया) |
| नेमरीकल्चर | वनों से फल-फूल, कंद-मूल संग्रह |
| पोमोलॉजी | फलों की खेती का अध्ययन |
फसल चक्र और ऋतुएँ 🌾
1. फसल चक्र (Crop Rotation) 🌱
- परिभाषा: एक निश्चित क्षेत्र में फसलों को क्रमबद्ध तरीके से उगाना ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।
- लाभ:
- मिट्टी की उर्वरता संरक्षण।
- रोग, कीट, और खरपतवार नियंत्रण।
- सीमित साधनों का अधिकतम उपयोग।
- उदाहरण:
- दलहनी फसल (जैसे अरहर) के बाद गैर-दलहनी फसल (जैसे गेहूँ)।
- कम पानी और अधिक खाद वाली फसलों का चयन।
2. भारतीय कृषि का ऋतु-आधारित वर्गीकरण 📅
| ऋतु | समय | जलवायु | फसलें |
|---|---|---|---|
| खरीफ | जून-सितंबर | उष्ण-आर्द्र | चावल, मक्का, कपास, बाजरा, सोयाबीन, अरहर, ज्वार, मूँगफली, तंबाकू, तिल |
| रबी | अक्टूबर-मार्च | शीतोष्ण | गेहूँ, चना, मटर, सरसों, जौ, मसूर, अलसी, आलू |
| जायद | अप्रैल-जून | शुष्क | तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, करेला, सब्जियाँ, चारा |
खरीफ फसलें 🌧️
- बुवाई: जून-जुलाई।
- कटाई: सितंबर-अक्टूबर।
- उदाहरण: चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, कपास, मूँगफली, तंबाकू।
रबी फसलें ❄️
- बुवाई: अक्टूबर-नवंबर।
- कटाई: अप्रैल-मई।
- उदाहरण: गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों।
जायद फसलें ☀️
- बुवाई: मार्च।
- कटाई: जून।
- उदाहरण: सब्जियाँ, तरबूज, खरबूजा, मूँग, उड़द।
दियारा खेती 🏞️
- नदियों के किनारे की खेती, जैसे गंगा और ब्रह्मपुत्र के मैदानों में।
भारत की प्रमुख फसलें 🌾
1. खाद्यान्न फसलें 🍚
चावल
- महत्व: भारत के 75% लोगों का प्रमुख भोजन।
- जलवायु: उष्ण-आर्द्र (खरीफ फसल)।
- आदर्श दशाएँ:
- तापमान: 20°C (प्रारंभ), 27°C (बाद में)।
- वर्षा: 100-200 सेमी।
- मिट्टी: चिकनी, दोमट, डेल्टाई क्षेत्र।
- किस्में: बासमती, साम्बा, कुरुवई, गोदावरी, जया, रत्ना।
- उत्पादन (2022-23):
- पश्चिम बंगाल: 16.76 मिलियन टन (12.87%)।
- उत्तर प्रदेश: 15.27 मिलियन टन।
- पंजाब: 12.89 मिलियन टन।
- विशेष:
- गोल्डन राइस: विटामिन-ए की कमी को दूर करता है।
- कृष्णा-गोदावरी डेल्टा: भारत का “चावल का कटोरा”।
- छत्तीसगढ़: “चावल का कटोरा”।

गेहूँ
- महत्व: चावल के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल।
- जलवायु: शीतोष्ण (रबी फसल)।
- आदर्श दशाएँ:
- तापमान: 10-15°C (प्रारंभ), 20-28°C (पकते समय)।
- वर्षा: 50-75 सेमी।
- मिट्टी: जलोढ़, दोमट, बलुई।
- किस्में: कल्याण सोना, सोनालिका, पूसा किरण, करण नरेन्द्र।
- उत्पादन (2022-23):
- उत्तर प्रदेश: 33.95 मिलियन टन (31.77%)।
- मध्य प्रदेश: 22.42 मिलियन टन।
- पंजाब: 14.82 मिलियन टन।
- रोग: रस्ट (यलो, ब्राउन, ब्लैक), करनाल बंट।

जौ
- महत्व: शुष्क और बलुई मिट्टी में खेती।
- आदर्श दशाएँ:
- वर्षा: 70-100 सेमी।
- तापमान: 15-18°C।
- मिट्टी: जलोढ़।
- उत्पादन: उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश।
- किस्में: हिमानी, ज्योति, कैलाश।
मोटे अनाज
- ज्वार:
- आदर्श दशाएँ: 25-30°C, जलोढ़/चिकनी मिट्टी।
- उत्पादन: महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु।
- बाजरा:
- आदर्श दशाएँ: 25-30°C, बलुई मिट्टी, 50-70 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा।
- विशेष: 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित।
- मक्का:
- आदर्श दशाएँ: 21-27°C, 50-100 सेमी वर्षा, दोमट मिट्टी।
- उत्पादन: कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र।
- रागी:
- महत्व: दक्षिण भारत में गरीबों का मुख्य भोजन।
- उत्पादन: कर्नाटक।
2. दलहन फसलें 🌱
- महत्व: नाइट्रोजन स्थिरीकरण, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में सहायक।
- प्रमुख फसलें: चना, अरहर, मूँग, मसूर, मटर।
- उत्पादन (2022-23):
- मध्य प्रदेश: 6.03 मिलियन टन (21.78%)।
- महाराष्ट्र: 5.19 मिलियन टन।
- राजस्थान: 4.02 मिलियन टन।
- चना:
- आदर्श दशाएँ: 20-25°C, 40-50 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश।
- अरहर:
- आदर्श दशाएँ: 20-25°C, 40-80 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान।
3. तिलहन फसलें 🥜
- महत्व: खाद्य तेल और प्रोटीन का स्रोत।
- प्रमुख फसलें: मूँगफली, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी।
- उत्पादन (2022-23):
- राजस्थान: 8.39 मिलियन टन (22.25%)।
- मध्य प्रदेश: 7.92 मिलियन टन।
- गुजरात: 6.90 मिलियन टन।
- मूँगफली:
- आदर्श दशाएँ: 20-30°C, 50-100 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु।
- सरसों:
- आदर्श दशाएँ: 20-25°C, 75-150 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा।
- सोयाबीन:
- आदर्श दशाएँ: 13-24°C, 40-60 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश।
- विशेष: मध्य प्रदेश को “सोया प्रदेश” कहा जाता है।
- सूरजमुखी:
- उत्पादन: कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा।
4. रेशेदार फसलें 🧵
- महत्व: कपड़ा, बोरे, और सजावटी सामान।
- प्रमुख फसलें: कपास, जूट।
- कपास:
- आदर्श दशाएँ: 21-25°C, 50-100 सेमी वर्षा, रेगुर मिट्टी।
- उत्पादन: गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना।
- विशेष: बी.टी. कपास (कीट प्रतिरोधी)।
- जूट:
- आदर्श दशाएँ: 25-35°C, 150-200 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: पश्चिम बंगाल (80%), असम, बिहार।
- विशेष: “सुनहरा रेशा”।
5. अन्य फसलें ☕
- चाय:
- महत्व: विश्व में भारत सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक।
- आदर्श दशाएँ: 25-30°C, 150-250 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल।
- गन्ना:
- महत्व: विश्व में भारत सबसे बड़ा उत्पादक।
- आदर्श दशाएँ: 20-27°C, 100-200 सेमी वर्षा।
- उत्पादन: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक।

- कॉफी:
- उत्पादन: कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु।
- रबड़:
- उत्पादन: केरल, त्रिपुरा, तमिलनाडु।
- तंबाकू:
- उत्पादन: गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक।
- नारियल:
- उत्पादन: केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक।
हरित क्रांति और अन्य क्रांतियाँ 🌟
1. हरित क्रांति 🌾
- परिभाषा: उच्च उत्पादकता वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों, और सिंचाई के उपयोग से खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि।
- प्रारंभ: 1966-67 (तीसरी पंचवर्षीय योजना)।
- सूत्रधार:
- विश्व: नॉर्मन बोरलॉग (USA)।
- भारत: एम.एस. स्वामीनाथन।
- प्रभाव: गेहूँ और चावल उत्पादन में वृद्धि।
- नोडल एजेंसी: पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर (उत्तराखंड)।
2. अन्य क्रांतियाँ 🌈
| क्रांति | क्षेत्र |
|---|---|
| श्वेत | दुग्ध उत्पादन |
| पीली | तिलहन (सरसों, सोयाबीन) |
| नीली | मत्स्य पालन |
| गुलाबी | झींगा मछली |
| गोल | आलू उत्पादन |
| रजत | अंडा उत्पादन |
| बादामी | मसाला उत्पादन |
| सुनहरी | फल/शहद उत्पादन |
| लाल | मांस/टमाटर |
| सदाबहार | कृषि का सतत विकास |
| ग्रे | उर्वरक उत्पादन |
| सुनहरा फाइबर | जूट उत्पादन |
| सिल्वर फाइबर | कपास उत्पादन |
| काली | पेट्रोलियम/बायोडीजल |
2025 में भारत की कृषि: नवाचार और रुझान 🚜
2025 में, भारत की कृषि डिजिटल तकनीक, जैविक खेती, और सतत विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रही है:
- ड्रोन और AI: फसल निगरानी और कीट नियंत्रण।
- जैविक खेती: सिक्किम और अन्य राज्यों में वृद्धि।
- स्मार्ट सिंचाई: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम।
- मिलेट्स का पुनरुद्धार: 2023 के अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के बाद बाजरा और रागी की माँग बढ़ी।
कृषि अनुसंधान संस्थान और बोर्ड 🏛️
प्रमुख अनुसंधान संस्थान
| संस्थान | स्थान |
|---|---|
| भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान | नई दिल्ली |
| राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान | कटक |
| भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान | लखनऊ |
| भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान | लुधियाना |
| भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान | हैदराबाद |
कृषि उत्पाद बोर्ड
| बोर्ड | स्थान |
|---|---|
| कॉफी बोर्ड | बेंगलुरु |
| चाय बोर्ड | कोलकाता |
| रबड़ बोर्ड | कोट्टायम |
| मसाला बोर्ड | कोच्चि |
अंतरराष्ट्रीय संस्थान
| संगठन | मुख्यालय |
|---|---|
| खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) | रोम, इटली |
| अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) | लॉस बानोस, फिलीपींस |
निष्कर्ष: भारत की कृषि, एक जीवंत धरोहर 🌾
भारत की कृषि केवल खेती-बाड़ी नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर है। 2025 में, यह आधुनिक तकनीकों और परंपरागत ज्ञान के मेल से नई ऊँचाइयों को छू रही है। 🚜🌱
प्रश्न और जवाब (FAQs)
- भारत में सबसे अधिक चावल उत्पादन वाला राज्य कौन सा है?
पश्चिम बंगाल। - हरित क्रांति का भारत में प्रारंभ कब हुआ?
1966-67। - सोया प्रदेश किसे कहा जाता है?
मध्य प्रदेश। - जूट को क्या कहा जाता है?
सुनहरा रेशा। - 2023 को किस वर्ष के रूप में मनाया गया?
अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष।
संबंधित खोजें:
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