भारतीय संविधान सभा के बारे में सब कुछ जानें: 1946 से 1950 तक की यात्रा, प्रमुख सदस्य, महिलाएँ, उद्देश्य प्रस्ताव, और आलोचनाएँ। भारत के संविधान निर्माण की कहानी! 🗳️🚀
Table of Contents
परिचय: संविधान सभा का महत्व 🌟
भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ और भारत को संप्रभु गणराज्य बनाया। इस संविधान को बनाने का जिम्मा संविधान सभा (Constituent Assembly) को सौंपा गया था, जिसने 2 साल, 11 महीने, और 18 दिन में इसे तैयार किया। 🕰️ यह सभा भारत के लोकतांत्रिक सपनों को साकार करने का प्रतीक थी, जिसमें देश की विविधता, न्याय, और स्वतंत्रता को शामिल किया गया। 😊
संविधान सभा ने न केवल भारत का संविधान बनाया, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम की भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब भी थी। इसमें 208 कांग्रेसी, 73 मुस्लिम लीग, और 15 महिलाएँ जैसे विविध सदस्य शामिल थे। आइए, इस ऐतिहासिक सभा की पूरी कहानी को डिटेल में, इमोजीज़ के साथ, और तेरे दिए कंटेंट के आधार पर समझते हैं! 🗳️📚
संविधान सभा की मांग का इतिहास 🕊️
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, कई नेताओं ने स्व-शासित संविधान की मांग उठाई। यह मांग समय के साथ और मजबूत होती गई। यहाँ इसका विस्तृत इतिहास है:
- 1857: बाल गंगाधर तिलक ने सबसे पहले संविधान सभा की मांग की। 🗣️
- तिलक ने “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” का नारा दिया और स्व-शासन की नींव रखी।
- 1922: महात्मा गांधी ने स्वराज के लिए संविधान सभा की मांग को और बल दिया। ✊
- गांधीजी का मानना था कि भारत को अपना संविधान खुद बनाना चाहिए।
- 1928: नेहरू समिति (मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में) ने संविधान सभा की आवश्यकता पर जोर दिया। 📝
- इस समिति ने भारत के लिए पहली बार संवैधानिक ढाँचा प्रस्तावित किया।
- 1934: मानवेंद्र नाथ राय (M.N. Roy) और स्वराज पार्टी ने संविधान सभा की मांग को औपचारिक रूप दिया। 🏛️
- स्वराज पार्टी ने इसे 1934 में सबसे पहले प्रस्तुत किया।
- 1935: कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक तौर पर संविधान सभा की मांग की। 🗳️
- 1938: पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सार्वभौमिक वयस्क मतदान के आधार पर निर्वाचित संविधान सभा की मांग की। 🌍
- नेहरू ने इसे कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में जोरदार तरीके से उठाया।
ये मांगें भारतीयों की आज़ादी की चाह और स्व-शासन के सपने को दर्शाती थीं। 😍
संविधान सभा की स्थापना की ओर कदम 🚪
संविधान सभा का गठन एक लंबी प्रक्रिया थी, जिसमें ब्रिटिश सरकार के कई प्रस्ताव शामिल थे। आइए, इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझें:
1. अगस्त प्रस्ताव (1940) 🌟
- 8 अगस्त 1940: भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने अगस्त प्रस्ताव की घोषणा की। 📰
- यह पहली बार था जब अंग्रेजों ने संविधान सभा की मांग को स्वीकार किया, हालाँकि शब्द “संविधान सभा” का स्पष्ट उल्लेख नहीं था।
- इस प्रस्ताव ने वादा किया कि स्वतंत्रता के बाद भारतीयों को अपना संविधान बनाने का अधिकार मिलेगा।
2. क्रिप्स मिशन (1942) 🛬
- 22 मार्च 1942: ब्रिटिश सरकार ने क्रिप्स मिशन भारत भेजा, जिसका नेतृत्व सर स्टैफोर्ड क्रिप्स ने किया। ✈️
- इस मिशन में अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित संविधान सभा का प्रावधान था।
- संविधान सभा के सदस्य प्रांतीय विधानमंडलों के निम्न सदन के सदस्यों द्वारा चुने जाने थे। 🗳️
- हालाँकि, यह प्रस्ताव भारतीय नेताओं द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि यह पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को पूरा नहीं करता था। 😕
3. कैबिनेट मिशन (1946) 🗳️
- 1946: ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट रिचर्ड एटली के नेतृत्व में कैबिनेट मिशन भारत भेजा गया। 🌍
- इस मिशन की सिफारिशों के आधार पर संविधान सभा का गठन किया गया।
- यह मिशन भारत को स्वतंत्रता और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने के लिए महत्वपूर्ण था। 🥳
- कैबिनेट मिशन ने संविधान सभा के लिए निर्वाचन प्रक्रिया और सदस्य संख्या तय की।
संविधान सभा का गठन और संरचना 🏛️
- गठन तिथि: 9 दिसंबर 1946 (RPSC के अनुसार नवंबर 1946)। 🎉
- कुल सदस्य: 389 😮
- 296 सदस्य ब्रिटिश भारत से निर्वाचित।
- 292 सदस्य प्रांतों से।
- 4 सदस्य उच्चायुक्त प्रांतों (अजमेर-मेरवाड़ा, बलूचिस्तान, कुर्ग, दिल्ली) से।
- 93 सदस्य देशी रियासतों से मनोनीत।
- 296 सदस्य ब्रिटिश भारत से निर्वाचित।
निर्वाचन प्रक्रिया 🗳️
- निर्वाचन का आधार: 10 लाख की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि। 📊
- निर्वाचन पद्धति: आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के तहत एकल संक्रमणीय मत द्वारा।
- निर्वाचन का समय: जुलाई-अगस्त 1946। ⏰
- निर्वाचन मंडल: प्रांतीय विधानमंडलों के निम्न सदन के सदस्यों द्वारा।
सदस्यों की श्रेणियाँ 🎭
- सामान्य: 210 सीटें।
- मुस्लिम: 78 सीटें।
- सिख: 4 सीटें।
प्रमुख दलों की भागीदारी 🏅
- कांग्रेस: 208 सदस्य (सामान्य: 119, सिख: 3, मुस्लिम: 3, उच्चायुक्त प्रांत: 3)।
- मुस्लिम लीग: 73 सदस्य।
- अन्य:
- यूनियनिस्ट पार्टी: 1
- यूनियनिस्ट मुस्लिम: 1
- यूनियनिस्ट शेड्यूल कास्ट: 1
- कृषक प्रजा पार्टी: 1
- शेड्यूल कास्ट फेडरेशन: 1
- सिख (गैर-कांग्रेसी): 1
- वामपंथी पार्टी: 1
- निर्दलीय: 8
समुदाय आधारित भागीदारी 🌍
- हिंदू: 163
- मुस्लिम: 80
- अनुसूचित जाति: 31
- भारतीय ईसाई: 6
- पिछड़ी जनजातियाँ: 6
- सिख: 4
- आंग्ल भारतीय: 3
- पारसी: 3
राजस्थान से सदस्य (12) 🌄
- वी.टी. कृष्णमाचारी (जयपुर) 😎
- हीरालाल शास्त्री (जयपुर) 🥳
- सरदार सिंह (खेतड़ी, झुंझुनू) 💪
- विजय राघवाचारी/बलवंत सिंह मेहता (उदयपुर) 🌟
- माणिक्यलाल वर्मा (उदयपुर) 🔥
- राय बहादुर (भरतपुर) 🏰
- सी.एस. वेंकटाचारी (जोधपुर) 🏜️
- जयनारायण व्यास (जोधपुर) 🌞
- मुकुल बिहारी भार्गव (अजमेर-मेरवाड़ा) 📍
- के.एम. पणिक्कर/जसवंत सिंह (बीकानेर) 🐪
- गोकुल लाल असावा (शाहपुरा, भीलवाड़ा) 🌿
- दलेल सिंह (कोटा) 🏞️
- रामचंद्र उपाध्याय (अलवर) 🛕
नोट: अजमेर-मेरवाड़ा को RPSC के अनुसार राजस्थान का हिस्सा नहीं माना गया, क्योंकि यह उच्चायुक्त प्रांत था।
संविधान सभा की प्रमुख बैठकें 📅
संविधान सभा की कुल 12 बैठकें (9 दिसंबर 1946 से 24 जनवरी 1950) हुईं, जिनमें से 11 बैठकें संविधान निर्माण के लिए थीं। आइए, इन बैठकों को विस्तार से देखें:
1. पहली बैठक (9 दिसंबर 1946) 🎉
- उपस्थित सदस्य: 207 (लोकसभा/NCERT के अनुसार), जिसमें 9 महिलाएँ। 👩⚖️
- उद्घाटन: आचार्य जे.बी. कृपलानी (जीवटराम भगवानदास कृपलानी)। 🎤
- अस्थायी अध्यक्ष: डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा (वरिष्ठता के आधार पर, फ्रांसीसी परंपरा)। 🧑⚖️
- यह बैठक संविधान सभा की शुरुआत का प्रतीक थी।
2. दूसरी बैठक (10/11 दिसंबर 1946) 🗳️
- स्थायी अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद। 👑
- उपाध्यक्ष: एच.सी. मुखर्जी (हरेन्द्र कुमार मुखर्जी)। 😊
- संवैधानिक सलाहकार: बी.एन. राव (बेनेगल नरसिंह राव), जिन्होंने बर्मा (म्यांमार) के संविधान में भी योगदान दिया। 📝
- दूसरा उपाध्यक्ष: वी.टी. कृष्णमाचारी (रायबहादुर सर वंगल तिरुवेंकटचारी कृष्णमाचारी, जयपुर)। 🌟
3. तीसरी बैठक (13 दिसंबर 1946) 📜
- उद्देश्य प्रस्ताव: पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत। 🚀
- पारित: 22 जनवरी 1947। 🎉
- यह प्रस्ताव संविधान का आधार बना।
4. ग्यारहवीं बैठक (26 नवंबर 1949) ✅
- संविधान पारित: भारतीय संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित, और आत्मार्पित किया गया। 🥳
- हस्ताक्षर: 284 सदस्यों ने। ✍️
- 15 अनुच्छेद लागू: नागरिकता, राष्ट्रपति की शपथ, निर्वाचन आयोग, और अस्थायी प्रावधानों से संबंधित। 📜
- 15 अनुच्छेद लागू: नागरिकता, राष्ट्रपति की शपथ, निर्वाचन आयोग, और अस्थायी प्रावधानों से संबंधित। 📜
5. बारहवीं बैठक (24 जनवरी 1950) 🏁
- अंतिम बैठक: संविधान सभा भंग। 😢
- निर्णय:
- राष्ट्रगान: जन गण मन। 🎶
- राष्ट्रगीत: वंदे मातरम। 🇮🇳
- प्रथम राष्ट्रपति: डॉ. राजेंद्र प्रसाद। 👑
उद्देश्य प्रस्ताव की प्रमुख विशेषताएँ 🎯
13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव भारतीय संविधान का नींव का पत्थर था। इसकी प्रमुख विशेषताएँ थीं:
- स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य की स्थापना। 🏛️
- भारतीय संघ में शामिल क्षेत्र:
- ब्रिटिश भारत।
- भारतीय रियासतें।
- गोवा, पुडुचेरी जैसे क्षेत्र।
- स्वेच्छा से शामिल होने वाले अन्य क्षेत्र। 🌍
- राज्यों को स्वायत्तता और अवशिष्ट शक्तियाँ। ⚖️
- लोकतंत्र: शासन की शक्ति का स्रोत जनता। 🗳️
- न्याय: सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक। 🤝
- स्वतंत्रता: विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना, व्यवसाय, और संघ निर्माण। 🕊️
- समानता: प्रतिष्ठा, अवसर, और विधि के समक्ष। ⚖️
- संरक्षण:
- अल्पसंख्यक।
- पिछड़े और जनजातीय क्षेत्र।
- सामाजिक रूप से वंचित वर्ग। 🌿
- राष्ट्रीय अखंडता और विश्व शांति को बढ़ावा। 🌏
संविधान सभा की समितियाँ 🗂️
संविधान सभा ने विभिन्न समितियों का गठन किया, जो संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण थीं। यहाँ प्रमुख समितियाँ हैं:
- संघीय संविधान समिति: अध्यक्ष – पंडित जवाहरलाल नेहरू। 🌟
- संघीय शक्ति समिति: अध्यक्ष – पंडित जवाहरलाल नेहरू। 💪
- भारतीय राज्यों के लिए समिति: अध्यक्ष – पंडित जवाहरलाल नेहरू। 🏰
- प्रांतीय संविधान समिति: अध्यक्ष – सरदार वल्लभभाई पटेल। 🛡️
- मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यक, जनजातीय क्षेत्र समिति: अध्यक्ष – सरदार वल्लभभाई पटेल। 🤝
- उपसमितियाँ:
- मौलिक अधिकार उपसमिति: जे.बी. कृपलानी (जीवटराम भगवानदास कृपलानी)। 📜
- अल्पसंख्यक उपसमिति: एच.सी. मुखर्जी (हरेन्द्र कुमार मुखर्जी)। 🌍
- अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्र (असम): गोपीनाथ बोरदोलोई। 🌿
- बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र (असम के अलावा): ए.वी. ठक्कर (अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर)। 🏞️
- उपसमितियाँ:
- प्रक्रिया के नियम समिति: अध्यक्ष – डॉ. राजेंद्र प्रसाद। ⚖️
- राष्ट्रध्वज तदर्थ समिति: अध्यक्ष – डॉ. राजेंद्र प्रसाद। 🇮🇳
- संविधान सभा कार्य समिति: अध्यक्ष – जी.वी. मावलंकर (गणेश वासुदेव मावलंकर)। 🗳️
- प्रारूप जाँच समिति: अध्यक्ष – पंडित जवाहरलाल नेहरू। 📝
प्रारूप समिति (Drafting Committee) ✍️
- गठन: 29 अगस्त 1947। 🎉
- अध्यक्ष: डॉ. बी.आर. अम्बेडकर (भीमराव रामजी अम्बेडकर)। 😎
- सदस्य:
- एन. गोपालस्वामी अयंगर।
- अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर।
- सर सैयद मुहम्मद सादुल्ला।
- के.एम. मुंशी (कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी, कांग्रेस)।
- एन. माधव राव (न्यापति माधव राव, बी.एल. मित्र के स्थान पर)।
- टी.टी. कृष्णमाचारी (तिरुवेल्लोर थट्टई कृष्णमाचारी, डी.पी. खेतान की मृत्यु के बाद, 1948)।
नोट: बी.एल. मित्र ने स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र दिया, और डी.पी. खेतान की मृत्यु 1948 में हुई।
संविधान सभा में महिला सदस्य 👩⚖️
संविधान सभा में 15 महिलाएँ निर्वाचित हुईं, जिन्होंने भारत के संविधान निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया। आइए, इन नारी शक्तियों को जानें:
- विजय लक्ष्मी पंडित 🌟
- पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष (1953)। 🏛️
- भारत की एकमात्र UNGA अध्यक्ष।
- सुचेता कृपलानी 👑
- उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री। 🗳️
- सरोजिनी नायडू 🎤
- उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल।
- कांग्रेस की सदस्य।
- राजकुमारी अमृत कौर 🩺
- भारत की पहली महिला स्वास्थ्य मंत्री।
- दक्षयनी वेलायुधन 📚
- संविधान सभा की एकमात्र दलित महिला।
- पहली दलित महिला स्नातक (विज्ञान)।
- बेगम एजाज रसूल 🌙
- संविधान सभा की एकमात्र मुस्लिम महिला।
- अम्मू स्वामीनाथन (अम्मुकुट्टी स्वामीनाथन) 😊
- हंसा जीवराज मेहता ✍️
- लीला रॉय 🌿
- पूर्णिमा बनर्जी 🌟
- रेणुका राय 💪
- एनी मास्करीन 🗳️
- दुर्गाबाई देशमुख 📜
- कमला चौधरी 😎
- मालती चौधरी 🌍
संविधान का निर्माण और पारित होने की प्रक्रिया 📜
प्रारूप निर्माण 🖋️
- प्रारूप समिति ने 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया। 🌏
- पहला प्रारूप: बी.एन. राव द्वारा।
- अंतिम प्रारूप: प्रारूप समिति द्वारा।
तीन पठन (Readings) 📖
- प्रथम पठन: 4-9 नवंबर 1948 (प्रारूप का प्रारंभिक अध्ययन)। 📚
- द्वितीय पठन: 15 नवंबर 1948 – 17 अक्टूबर 1949 (विस्तृत चर्चा)। 🗳️
- तृतीय पठन: 14-26 नवंबर 1949 (अंतिम स्वीकृति)। ✅
संविधान पारित 🎉
- 26 नवंबर 1949: संविधान सभा ने संविधान को पारित किया।
- हस्ताक्षर: 284 सदस्यों ने। ✍️
- 15 अनुच्छेद लागू:
- अनुच्छेद 5-9: नागरिकता।
- अनुच्छेद 60: राष्ट्रपति की शपथ।
- अनुच्छेद 324: निर्वाचन आयोग।
- अनुच्छेद 366, 367, 379-393: अस्थायी प्रावधान।
- 26 जनवरी 1950: शेष संविधान लागू (गणतंत्र दिवस)。 🥳
निर्माण अवधि ⏳
- 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन (9 दिसंबर 1946 – 26 नवंबर 1949)।
संविधान सभा की अन्य विशेषताएँ 🌟
- प्रतीक चिह्न: हाथी 🐘।
- सचिव: एच.वी.आर. अयंगर। 🧑💼
- प्रमुख ड्राफ्टमैन: एस.एन. मुखर्जी। 📝
- सुलेखक: प्रेम बिहारी नारायण रायजादा (अंग्रेजी, इटैलिक शैली में हस्तलिखित)। ✍️
- हिंदी सुलेखक: वसंत कृष्ण वैद्य। 🇮🇳
- अलंकरण: नंदलाल बोस और ब्योहर राम मनोहर सिन्हा (प्रस्तावना का अलंकरण: ब्योहर राम मनोहर सिन्हा)। 🎨
अंतरिम सरकार (1946) 🏛️
- घोषणा: 24 अगस्त 1946। 📢
- गठन: 2 सितंबर 1946। 🗳️
- अध्यक्ष: लॉर्ड वेवेल (वायसराय)। 👑
- उपाध्यक्ष: पंडित जवाहरलाल नेहरू। 😎
- सदस्य: 13 (बाद में 15)。
- महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ:
- सरदार वल्लभभाई पटेल: गृह और सूचना मंत्रालय। 🛡️
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद: खाद्य और कृषि मंत्रालय। 🌾
15 अगस्त 1947: संविधान सभा की भूमिका में बदलाव 🇮🇳
- 15 अगस्त 1947: भारत स्वतंत्र होने के साथ संविधान सभा संप्रभु संस्था बनी। 🎉
- दोहरी भूमिका:
- संविधान निर्माण (अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद)। 📜
- विधायिका (अध्यक्ष: जी.वी. मावलंकर)। 🗳️
- सदस्य संख्या: 389 से घटकर 299 (रियासतों के 70 और ब्रिटिश भारत के 229)।
महत्वपूर्ण निर्णय ✅
- 22 जुलाई 1947: राष्ट्रध्वज को मान्यता। 🇮🇳
- 13 मई 1949: राष्ट्रमंडल की सदस्यता। 🌍
- 24 जनवरी 1950:
- राष्ट्रगान: जन गण मन। 🎶
- राष्ट्रगीत: वंदे मातरम। 🇮🇳
- प्रथम राष्ट्रपति: डॉ. राजेंद्र प्रसाद। 👑
संविधान सभा की आलोचनाएँ और खंडन ⚖️
1. आलोचना: संविधान सभा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित नहीं थी। 😕
- खंडन:
- तत्कालीन परिस्थितियों में प्रत्यक्ष निर्वाचन कठिन था (राष्ट्रीय आंदोलन, साम्प्रदायिक दंगे, आधारभूत ढाँचे की कमी)।
- रियासतों में जनप्रतिनिधि संस्थाएँ नहीं थीं। 🏰
2. आलोचना: संविधान सभा संप्रभु नहीं थी। 😤
- खंडन:
- 15 अगस्त 1947 के बाद संविधान सभा कैबिनेट मिशन से मुक्त होकर संप्रभु बनी।
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 ने इसे स्पष्ट किया। ✅
3. आलोचना: संविधान निर्माण में समय अपव्यय (2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन)। ⏳
- खंडन:
- भारत की बहुसांस्कृतिक, बहुधार्मिक, और जटिल सामाजिक संरचना के कारण अधिक समय लगा।
- भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद, जबकि अमेरिकी संविधान में केवल 7 अनुच्छेद। 📜
4. आलोचना: कांग्रेस का वर्चस्व। 🗳️
- खंडन:
- कांग्रेस तत्कालीन सबसे बड़ा दल था।
- प्रारूप समिति में केवल 2 कांग्रेसी (के.एम. मुंशी, टी.टी. कृष्णमाचारी)।
- संविधान में सभी विचारधाराओं का समावेश। 🌍
5. आलोचना: हिंदू वर्चस्व। 😕
- खंडन:
- आनुपातिक प्रतिनिधित्व के कारण हिंदू अधिक निर्वाचित हुए।
- संविधान पंथनिरपेक्ष और सभी धर्मों के प्रति समान। 🕊️
6. आलोचना: अधिकांश सदस्य राजनेता और वकील, भाषा जटिल। 📚
- खंडन:
- वकील और राजनेता संविधान निर्माण के विशेषज्ञ होते हैं।
- सभी वर्गों के हितों का संरक्षण किया गया। 🤝
निष्कर्ष: भारत के लोकतंत्र की नींव 🌟
भारतीय संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान तैयार किया, जो भारत की विविधता, लोकतंत्र, और न्याय के सिद्धांतों को दर्शाता है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, और 15 महिलाओं सहित कई नेताओं ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया। 26 नवंबर 1949 को संविधान पारित होने के साथ संविधान दिवस की नींव रखी गई, और 26 जनवरी 1950 को यह पूर्ण रूप से लागू हुआ। 🥳🇮🇳
प्रश्न और जवाब (FAQs) ❓
- संविधान सभा का गठन कब हुआ?
9 दिसंबर 1946 (RPSC के अनुसार नवंबर 1946)। - संविधान सभा का पहला अध्यक्ष कौन था?
डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा (अस्थायी), डॉ. राजेंद्र प्रसाद (स्थायी)। - संविधान सभा में कितनी महिलाएँ थीं?
15। - संविधान कब लागू हुआ?
26 जनवरी 1950।
संबंधित खोजें:
- भारतीय संविधान
- संविधान सभा की बैठकें
- उद्देश्य प्रस्ताव
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर

