राजपूत काल MCQ
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन नागर ब्राह्मणों के राजपूतों की उत्पत्ति के सिद्धांत का प्रतिपादन करने वाला पहला व्यक्ति था –
Rajasthan Patwar Exam 2025 2nd ShiftA) डॉ. डी. आर. भंडारकर
B) कर्नल जेम्स टॉड
C) डॉ. दशरथ शर्मा
D) वी. ए. स्मिथ
उत्तर: डॉ. डी. आर. भंडारकर
व्याख्या: डॉ. डी. आर. भंडारकर ने सबसे पहले यह सिद्धांत प्रस्तुत किया कि राजपूत वंशों की उत्पत्ति नागर ब्राह्मणों से हुई है। उन्होंने बिजौलिया शिलालेख के प्रमाणों के आधार पर चौहानों को वत्स गोत्र के ब्राह्मण और गुहिल राजपूतों को नागर ब्राह्मणों से संबंधित माना।
प्रश्न 2: राजपूतों की उत्पत्ति का अग्नि-कुंड सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया –
Rajasthan Patwar Exam 2025 1st ShiftA) चन्द्र बरदाई ने
B) बरुई ने
C) जोधराज ने
D) अमीर खुसरो ने
उत्तर: चन्द्र बरदाई ने
व्याख्या: प्रसिद्ध कवि चन्द्र बरदाई ने अपने ग्रंथ ‘पृथ्वीराज रासो’ में राजपूतों के अग्निकुंड से उत्पत्ति का सिद्धांत प्रस्तुत किया। इसके अनुसार प्रतिहार, परमार, चालुक्य और चौहान वंश ऋषि वशिष्ठ के यज्ञकुंड से अवतरित हुए थे।
प्रश्न 3: नागर ब्राह्मणों से राजपूतों की उत्पत्ति का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया –
CET 2024 (12th Level) 24 October Shift-IIA) डॉ. डी.आर. भंडारकर
B) विंसेंट स्मिथ
C) गौरी शंकर
D) जेम्स टॉड
उत्तर: डॉ. डी.आर. भंडारकर
व्याख्या: डॉ. डी.आर. भंडारकर ने ही राजपूतों की उत्पत्ति का नागर ब्राह्मण सिद्धांत प्रतिपादित किया। उनके अनुसार चौहान वत्स गोत्र के ब्राह्मण थे और गुहिल राजपूतों का मूल नागर ब्राह्मणों में था।
प्रश्न 4: 7 वीं शताब्दी से 12 वीं शताब्दी का काल कौनसा काल कहलाता है –
A) राजपूत काल
B) तुगलक काल
C) वर्द्धन काल
D) मराठा काल
उत्तर: राजपूत काल
व्याख्या: सातवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक का समय ऐतिहासिक रूप से राजपूत काल के नाम से जाना जाता है। यह काल हर्षवर्धन के निधन के बाद आरंभ होकर दिल्ली सल्तनत की स्थापना तक चला।
प्रश्न 5: किन विद्वानों ने राजपूतों को सीथियन मानकर उन्हें मध्य एशिया से आया बताया –
A) टॉड व ब्रुक
B) डॉ. दशरथ शर्मा
C) गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा
D) बी. बी. लाल
उत्तर: टॉड व ब्रुक
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड और विलियम क्रुक ने राजपूतों को सीथियन जाति का वंशज माना और उनकी उत्पत्ति मध्य एशिया से बताई। इस मत का डॉ. गौरीशंकर ओझा ने विरोध किया।
प्रश्न 6: चीनी यात्री फा फाह्यायन ने राज्य के किस नगर की यात्रा की थी –
A) भीनमाल
B) बैराठ
C) माध्यमिका
D) शाकाम्भरी
उत्तर: भीनमाल
व्याख्या: प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भीनमाल नगर की यात्रा की थी। उन्होंने अपने यात्रा वृत्तांत में इस स्थान को ‘पीलोमोलो’ नाम से वर्णित किया, जो वास्तव में भीनमाल ही था।
प्रश्न 7: गौरी शंकर ओझा और मुहणोत नैंसी के अनुसार गोहिल वंश थे –
A) सूर्यवंशी
B) अग्नी वंशी
C) यज्ञकुंड से
D) ब्राह्मण वंशी
उत्तर: सूर्यवंशी
व्याख्या: डॉ. गौरीशंकर ओझा और इतिहासकार मुहणोत नैंसी के मतानुसार गोहिल वंश के शासक सूर्यवंशी थे। उनका मानना था कि यह वंश प्राचीन सूर्यवंश से संबंध रखता था।
प्रश्न 8: ‘राजपूत वैदिक आर्यो की संतान है’ – इस मत के प्रतिपादक है –
A) सूर्यमल्ल मिश्रण
B) डा. गौरीशंकर ओझा
C) डी. आर. भण्डारकर
D) विलियम क्रुक
उत्तर: डा. गौरीशंकर ओझा
व्याख्या: डॉ. गौरीशंकर ओझा ने राजपूतों को वैदिक आर्यों की संतान माना। उनका तर्क था कि राजपूतों की परंपराएं और रीति-रिवाज वैदिक संस्कृति से मेल खाते हैं, विदेशी प्रभाव से नहीं।
प्रश्न 9: अग्निकुण्ड के सिद्धान्त के अनुसार उत्पन्न अन्तिम व चौथा वीर राजपूत योद्धा कौनसा था –
A) चौहान
B) प्रतिहार
C) सोलंकी
D) परमार
उत्तर: चौहान
व्याख्या: अग्निकुंड सिद्धांत के अनुसार चार प्रमुख राजपूत वंशों में चौहान सबसे अंत में उत्पन्न हुए। प्रतिहार, परमार और चालुक्य के बाद चौहान वंश का जन्म हुआ।
प्रश्न 10: पृथ्वीराज विजय के लेखक जयानक ने चौहानों को निम्न में से किसका वंशज बताया –
A) ब्राह्मणवंशीय
B) सूर्यवंशीय
C) चन्द्रवंशीय
D) रामवंशीय
उत्तर: सूर्यवंशीय
व्याख्या: जयानक द्वारा रचित ‘पृथ्वीराज विजय’ ग्रंथ में चौहान वंश को सूर्यवंशी बताया गया है। इसी प्रकार नयनचंद्र सूरी के ‘हम्मीर महाकाव्य’ में भी चौहानों को सूर्यवंश से संबंधित माना गया।
प्रश्न 11: चौहान शासकों को वत्सगौत्रीय ब्राह्मण किस शिलालेख में बताया गया है –
A) कुम्भलगढ़
B) बिजौलिया
C) रणकपुर
D) आमेर
उत्तर: बिजौलिया
व्याख्या: बिजौलिया शिलालेख में चौहान शासकों को वत्स गोत्र के ब्राह्मण के रूप में वर्णित किया गया है। इसी शिलालेख के आधार पर डॉ. भंडारकर ने अपना सिद्धांत प्रस्तुत किया।
प्रश्न 12: किस इतिहासकार ने चौहानों को ब्राह्मण वंश से उत्पन्न होना माना है –
A) गौरीशंकर हीराचंद ओझा
B) विलियम क्रुक
C) डा. भण्डारकर
D) नैणसी
उत्तर: डा. भण्डारकर
व्याख्या: डॉ. भंडारकर ने बिजौलिया शिलालेख के प्रमाणों के आधार पर चौहानों को ब्राह्मण वंश से उत्पन्न माना। उनके अनुसार चौहान वत्स गोत्र के ब्राह्मण थे।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस हिन्दू सम्राट की मृत्यु के पश्चात् भारत में अनेक क्षेत्रीय राजवंशों का उदय हुआ –
A) चन्द्रगुप्त
B) हर्षवर्धन
C) कनिष्क
D) समुद्रगुप्त
उत्तर: हर्षवर्धन
व्याख्या: सम्राट हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात उत्तर भारत में कई क्षेत्रीय राजवंशों का उदय हुआ। इसी काल में गुर्जर-प्रतिहार, चौहान, गुहिल, परमार आदि राजपूत वंशों ने शक्ति प्राप्त की।
प्रश्न 14: किस इतिहासकार ने 7वीं सदी से 12वीं सदी तक के युग को राजपूत काल कहा था –
A) के.सी. श्रीन्यास
B) बी.एल थापर
C) विंसेट स्मिथ
D) डा. हरिचंद ओझा
उत्तर: विंसेट स्मिथ
व्याख्या: विख्यात इतिहासकार विंसेट स्मिथ ने सातवीं से बारहवीं शताब्दी तक के काल को ‘राजपूत काल’ नाम दिया। यह वर्गीकरण ऐतिहासिक अध्ययन में मान्यता प्राप्त है।
प्रश्न 15: नैणसी री ख्यात में गुहिलों की कितनी शाखाओं का उल्लेख मिलता है –
A) बीस
B) चौबीस
C) छत्तीस
D) चौरासी
उत्तर: चौबीस
व्याख्या: मुहणोत नैंसी द्वारा रचित ‘नैणसी री ख्यात’ में गुहिल वंश की चौबीस विभिन्न शाखाओं का उल्लेख मिलता है। इनमें मेवाड़, बागड़ और प्रताप शाखा विशेष रूप से प्रसिद्ध हुईं।
प्रश्न 16: चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबारी कवि कौटिल्य ने अपने ग्रन्थ अर्थशास्त्र में राजपूतों के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है –
A) रजतपुत्र
B) राजपुत
C) राजपुत्र
D) राजनायक
उत्तर: राजपुत्र
व्याख्या: प्राचीन भारतीय विद्वान कौटिल्य ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ में राजपूतों के लिए ‘राजपुत्र’ शब्द का प्रयोग किया है। यह शब्द शासक वर्ग के लिए प्रयुक्त होता था।
प्रश्न 17: नयनचन्द सूरी द्वारा रचित ग्रन्थ हम्मीर महाकाव्य में राजपूतों की उत्पत्ति बताई गई है –
A) चन्द्र से
B) सूर्य से
C) अग्नि से
D) ब्राह्मणों से
उत्तर: सूर्य से
व्याख्या: नयनचंद्र सूरी के ‘हम्मीर महाकाव्य’ में राजपूतों की उत्पत्ति सूर्यवंश से बताई गई है। इस ग्रंथ में चौहान वंश को सूर्यवंशी माना गया है।
प्रश्न 18: गुरु विशिष्ठ ने राजपूतों की उत्पत्ति के लिए यज्ञ का आयोजन कहां किया था –
A) पुष्कर
B) माउण्ट आबू
C) रणथम्भौर
D) भीनमाल
उत्तर: माउण्ट आबू
व्याख्या: पौराणिक मान्यता के अनुसार ऋषि वशिष्ठ ने माउंट आबू पर यज्ञ का आयोजन किया था, जहां से प्रतिहार, परमार, चालुक्य और चौहान वंशों की उत्पत्ति हुई।
प्रश्न 19: सर्वप्रथम राजपूतों के लिए रघुकुल शब्द का प्रयोग किसने किया –
A) चन्द्रशेखर
B) नयनचन्द्र सूरी
C) राजशेखर
D) जयसिंह सूरी
उत्तर: राजशेखर
व्याख्या: प्रसिद्ध संस्कृत कवि राजशेखर ने सबसे पहले राजपूतों के लिए ‘रघुकुल’ शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने अपने ग्रंथों में महेन्द्रपाल को ‘रघुकुल चूड़ामणि’ की उपाधि दी।
प्रश्न 20: प्रतिहारों को वैदिक क्षत्रियों का वंशज किसने बताया –
A) डा. ओझा
B) कर्नल टॉड
C) डा. भण्डारकर
D) डा. विलिय फ्रेंक्लिन
उत्तर: डा. ओझा
व्याख्या: डॉ. गौरीशंकर ओझा ने प्रतिहार वंश को वैदिक क्षत्रियों का वंशज माना। उन्होंने इस वंश की विदेशी उत्पत्ति के सिद्धांत का खंडन किया और उन्हें भारतीय मूल का सिद्ध किया।
प्रश्न 21: गुर्जर-प्रतिहार शासक इस नाम से भी जाने जाते हैं –
A) आर्य
B) ब्राह्मण
C) वैश्य
D) अग्निकुण्ड राजपूत
उत्तर: अग्निकुण्ड राजपूत
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहार शासक अग्निकुंड सिद्धांत के अनुसार अग्निकुंड से उत्पन्न चार प्रमुख राजपूत वंशों में से एक माने जाते हैं। इसलिए उन्हें अग्निकुंड राजपूत भी कहा जाता है।
प्रश्न 22: चीनी यात्री ह्वेनसांग ने गुर्जरों की राजधानी का नाम बताया था –
A) कू-चे-चो
B) पीलोमोलो
C) सी-सो-यू
D) गीपोमोनो
उत्तर: पीलोमोलो
व्याख्या: चीनी यात्री ह्वेनसांग ने गुर्जरों की राजधानी को ‘पीलोमोलो’ नाम से वर्णित किया, जो वास्तव में भीनमाल का ही चीनी उच्चारण था। उन्होंने इस नगर का विस्तृत वर्णन किया।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में किसने राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी जातियों से बताई –
A) क्रुक महोदय
B) कर्नल टॉड
C) डा. भण्डारकर
D) उपर्युक्त सभी
उत्तर: उपर्युक्त सभी
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड, विलियम क्रुक और डॉ. भंडारकर – इन तीनों विद्वानों ने राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी जातियों से मानी है। उनके अनुसार राजपूत शक, सीथियन या हूण जातियों के वंशज हैं।
प्रश्न 24: निम्न में से किस इतिहासकार ने राजपूतों को शक अथवा सिथियन जाति के वंशज माना है –
A) चन्दबरदाई
B) सी. एम. वैद्य
C) जैम्स टॉड
D) गोपीनाथ शर्मा
उत्तर: जैम्स टॉड
व्याख्या: कर्नल जेम्स टॉड ने राजपूतों को शक और सीथियन जाति का वंशज माना। उनके इस मत का बाद में कई इतिहासकारों ने विरोध किया।
प्रश्न 25: इतिहासकार आर. सी मजूमदार के अनुसार गुर्जर प्रतिहारों ने कितनी शताब्दी तक अरब आक्रमणकारियों के लिए बाधक का काम किया –
A) दूसरी शताब्दी से चौथी शताब्दी तक
B) तीसरी शताब्दी से पांचवी शताब्दी तक
C) छठी शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक
D) बारहवीं शताब्दी से पन्द्रहवीं शताब्दी तक
उत्तर: छठी शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक
व्याख्या: प्रख्यात इतिहासकार आर. सी. मजूमदार के अनुसार गुर्जर प्रतिहारों ने छठी से बारहवीं शताब्दी तक लंबे समय तक अरब आक्रमणकारियों के विरुद्ध सुरक्षा चक्र का कार्य किया।
प्रश्न 26: निम्न में से कौन से वंश की उत्पत्ति अग्निकुंड से नहीं हुई –
A) परमार
B) सिसोदिया
C) चौहान
D) चालुक्य
उत्तर: सिसोदिया
व्याख्या: अग्निकुंड सिद्धांत के अनुसार प्रतिहार, परमार, चालुक्य और चौहान – इन चार वंशों की उत्पत्ति अग्निकुंड से हुई, जबकि सिसोदिया वंश इस सिद्धांत में शामिल नहीं है।
प्रश्न 27: निम्नलिखित में से किस विद्वान के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुण्ड से हुई थी –
Livestock Assistant Exam 2018A) श्री गौरीशंकर ओझा
B) डा. गोपीनाथ शर्मा
C) कवि चन्दरबरदाई
D) डा. दशरथ शर्मा
उत्तर: कवि चन्दरबरदाई
व्याख्या: कवि चंद बरदाई ने अपने ग्रंथ ‘पृथ्वीराज रासो’ में राजपूतों की अग्निकुंड से उत्पत्ति का सिद्धांत प्रस्तुत किया। उनके अनुसार चार प्रमुख राजपूत वंश यज्ञकुंड से प्रकट हुए।
प्रश्न 28: मेवाड़ के सिसोदियाओं को निम्न माना जाता है –
A) सूर्यवंशी
B) चन्द्रवंशी
C) अग्निवंशी
D) नागवंशी
उत्तर: सूर्यवंशी
व्याख्या: मेवाड़ के सिसोदिया शासकों को सूर्यवंशी माना जाता है। डॉ. गौरीशंकर ओझा सहित अनेक इतिहासकारों ने इस वंश को सूर्यवंश से संबंधित माना है।
प्रश्न 29: ‘पृथ्वीराज रासो’ ग्रंथ में राजपूतों की उत्पत्ति बताई गई है –
A) ब्राह्मणों से
B) वैदिक आर्यों से
C) अग्निकुण्ड से
D) शक व सीथियन से
उत्तर: अग्निकुण्ड से
व्याख्या: चंद बरदाई कृत ‘पृथ्वीराज रासो’ में राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुंड से बताई गई है। इसके अनुसार ऋषि वशिष्ठ के यज्ञकुंड से चार प्रमुख राजपूत वंशों का जन्म हुआ।
प्रश्न 30: युआन च्वांग द्वारा उल्लेखित ‘पो-लि-ये-ता-लो’ के रूप में किस स्थान की पहचान की गई है –
A) बैराठ
B) भीनमाल
C) जालौर
D) पाली
उत्तर: बैराठ
व्याख्या: चीनी यात्री युआन च्वांग (ह्वेन त्सांग) ने अपने यात्रा वृत्तांत में ‘पो-लि-ये-ता-लो’ नामक स्थान का उल्लेख किया है, जिसकी पहचान ऐतिहासिक रूप से बैराठ नगर से की गई है।