राजस्थान का गुर्जर प्रतिहार वंश MCQ
प्रश्न 1: गुर्जर प्रतिहार राजवंश की स्थापना किसके द्वारा की गई थी –
Rajasthan Patwar Exam 2025 2nd ShiftA) गोपाल
B) नागभट्ट I
C) मिहिरभोज
D) कृष्ण I
उत्तर: नागभट्ट I
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम (730-756 ई.) ने प्रतिहार साम्राज्य की महानता की आधारशिला रखी। अरब आक्रमणकारियों के विरुद्ध सफल सैन्य अभियानों के कारण उनका शासनकाल विशेष महत्व रखता है। वे एक पराक्रमी शासक थे और उनके दरबार को ‘नागावलोक का दरबार’ के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ में प्रतिहारों को गुर्जर शब्द से सम्बोधित नहीं किया गया है –
SCHOOL LECTURER (SCHOOL EDU.) 2024 GA and GS (G-D)A) यशस्तिलकचम्पू
B) कुवलयमाला
C) वंशभास्कर
D) स्कन्दपुराण
उत्तर: वंशभास्कर
व्याख्या: यशस्तिलकचम्पू, कुवलयमाला और स्कन्दपुराण जैसे ऐतिहासिक दस्तावेजों में प्रतिहार शासकों को गुर्जर कहकर संबोधित किया गया है। वंशभास्कर उन्नीसवीं शताब्दी में रचित राजस्थान के इतिहास से संबंधित एक प्रमुख डिंगल भाषा का काव्य ग्रंथ है। इस ग्रंथ में बूँदी राज्य और उत्तरी भारत के ऐतिहासिक विवरण मिलते हैं। इसकी रचना चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण ने की थी, जो बूँदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे।
प्रश्न 3: मण्डोर के प्रतिहारों के सम्बन्ध में निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है –
SCHOOL LECTURER (SCHOOL EDU.) 2024 GA and GS (G-C)A) हरिश्चन्द्र “रोहिलद्धि” के नाम से जाने जाते थे।
B) रज्जिल से मण्डोर के प्रतिहारों की वंशावली प्रारम्भ होती है।
C) नागभट्ट प्रथम मण्डोर से मेड़ता ले गया था।
D) भोगभट्ट ने वल्लदेश के शासक देवराज भाटी को परास्त किया था।
उत्तर: भोगभट्ट ने वल्लदेश के शासक देवराज भाटी को परास्त किया था।
व्याख्या: शीलुक ने सिद्धेश्वर महादेव मंदिर (जोधपुर) का निर्माण करवाया। उन्होंने त्रवणी (फलौदी) और वल्ल (जैसलमेर) क्षेत्रों को जीतकर अपने राज्य में सम्मिलित किया। शीलुक ने जैसलमेर के आसपास स्थित वल्लमंडल के शासक देवराज भाटी को पराजित कर उनके राज्य पर अधिकार कर लिया।
प्रश्न 4: प्रतिहारों के अभिलेखों में, राज्याधिकारियों को कहा जाता था –
SCHOOL LECTURER (SCHOOL EDU.) 2024 GA and GS (G-A)A) राजपुरुष
B) सामंत
C) दरबारी
D) मंत्री
उत्तर: राजपुरुष
व्याख्या: प्रतिहार वंश के ऐतिहासिक अभिलेखों में राज्य के विभिन्न पदाधिकारियों को ‘राजपुरुष’ के रूप में वर्णित किया गया है।
प्रश्न 5: मिहिरभोज प्रथम और उनके उत्तराधिकारियों के योगदान के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है –
A) मिहिरभोज ने राष्ट्रकूटों को पराजित कर उज्जैन पर अधिकार किया और उन्हें ‘आदिवराह’ की उपाधि मिली।
B) महेन्द्रपाल प्रथम के दरबार में राजशेखर ने ‘कर्पूरमंजरी’ और ‘काव्यमीमांसा’ जैसे ग्रंथों की रचना की।
C) महिपाल प्रथम के समय राष्ट्रकूट इन्द्र तृतीय ने कन्नौज को नष्ट किया, जिससे प्रतिहार शक्ति कमजोर हुई।
D) मिहिरभोज ने अपने पुत्र महिपाल प्रथम को राज्य सौंपकर तीर्थयात्रा के लिए सिंहासन त्याग दिया।
उत्तर: मिहिरभोज ने अपने पुत्र महिपाल प्रथम को राज्य सौंपकर तीर्थयात्रा के लिए सिंहासन त्याग दिया।
व्याख्या: मिहिरभोज ने अपने पुत्र महेन्द्रपाल को राज्य का उत्तराधिकार सौंपकर सिंहासन का त्याग किया, न कि महिपाल प्रथम को। महिपाल प्रथम वास्तव में महेन्द्रपाल के पुत्र थे।
प्रश्न 6: वत्सराज के शासनकाल के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है –
A) वत्सराज ने कन्नौज पर अधिकार कर इसे प्रतिहार वंश की पहली राजधानी बनाया, लेकिन राष्ट्रकूट ध्रुव से हार गए।
B) वत्सराज ने राष्ट्रकूटों को प्राजित करके उज्जैन पर अधिकार कर लिया।
C) वत्सराज ने त्रिकोणात्मक संघर्ष की शुरुआत की और पाल शासक धर्मपाल को मुंगेर के युद्ध में हराया।
D) वत्सराज ने उदयोतन सूरी को संरक्षण दिया, जिन्होंने ‘हरिवंश पुराण’ की रचना की।
उत्तर: वत्सराज ने त्रिकोणात्मक संघर्ष की शुरुआत की और पाल शासक धर्मपाल को मुंगेर के युद्ध में हराया।
व्याख्या: वत्सराज ने कन्नौज पर विजय प्राप्त कर त्रिकोणात्मक संघर्ष का आरंभ किया, जिसमें उन्होंने धर्मपाल को मुंगेर के युद्ध में पराजित किया। हालांकि, कन्नौज को स्थायी राजधानी बनाने का श्रेय नागभट्ट द्वितीय को जाता है। ‘हरिवंश पुराण’ की रचना जिनसेन ने की थी, न कि उदयोतन सूरी ने। मिहिरभोज ने राष्ट्रकूटों को पराजित कर उज्जैन पर अधिकार किया, उस समय राष्ट्रकूट वंश में कृष्ण द्वितीय का शासन था।
प्रश्न 7: नागभट्ट प्रथम के शासनकाल के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सी बात सही नहीं है –
A) नागभट्ट प्रथम ने भीनमाल को अपनी राजधानी बनाया और बाद में उज्जैन पर अधिकार किया।
B) नागभट्ट प्रथम ने सिन्ध के बिलोचों और अरबों के आक्रमण को रोका, जिसके लिए उन्हें ‘म्लेच्छों का नाशक’ कहा गया।
C) अमोघवर्ष के संजन ताम्रपत्र के अनुसार, नागभट्ट प्रथम ने दंतिदुर्ग के हिरण्यगर्भ यज्ञ में प्रतिहार का कार्य किया।
D) नागभट्ट प्रथम ने कन्नौज पर अधिकार कर इसे प्रतिहार वंश की स्थायी राजधानी बनाया।
उत्तर: नागभट्ट प्रथम ने कन्नौज पर अधिकार कर इसे प्रतिहार वंश की स्थायी राजधानी बनाया।
व्याख्या: कन्नौज पर अधिकार नागभट्ट द्वितीय ने 816 ई. में किया था, न कि नागभट्ट प्रथम ने। नागभट्ट प्रथम ने भीनमाल और उज्जैन को अपने शासन के प्रमुख केंद्रों के रूप में स्थापित किया।
प्रश्न 8: मण्डौर के प्रतिहार शासकों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है –
A) हरिशचन्द्र की क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों ने मण्डौर पर अधिकार कर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की।
B) नरभट्ट को ब्राह्मणों और गुरुओं के संरक्षण के कारण ‘पिल्लीपणी’ की उपाधि मिली।
C) नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता को अपनी राजधानी बनाया और उसकी रानी जज्जिका देवी से दो पुत्र हुए।
D) कक्क ने नागभट्ट द्वितीय की सहायता की और उसकी रानी पद्मनी से कक्कुक नामक पुत्र हुआ।
उत्तर: कक्क ने नागभट्ट द्वितीय की सहायता की और उसकी रानी पद्मनी से कक्कुक नामक पुत्र हुआ।
व्याख्या: कक्क की पत्नी दुर्लभ देवी से कक्कुक का जन्म हुआ, न कि पद्मनी से। पद्मनी से बाउक नामक पुत्र की उत्पत्ति हुई थी।
प्रश्न 9: गुर्जर प्रतिहार वंश की उत्पत्ति और नामकरण के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है –
A) गुर्जर प्रतिहारों का नाम भगवान राम के भाई लक्ष्मण से लिया गया है, जो उनके द्वारपाल थे।
B) गुर्जर प्रतिहारों को बादामी चालुक्य नरेश पुलकेशिन द्वितीय ने पहली बार ‘प्रतिहार’ नाम दिया।
C) अरब यात्री अलमसूदी ने गुर्जर प्रतिहारों को ‘जुर्ज’ और उनके राजा को ‘आदिवराह’ कहा।
D) ह्वेनसांग ने गुर्जर प्रतिहारों की राजधानी को मण्डौर के नाम से संबोधित किया।
उत्तर: गुर्जर प्रतिहारों का नाम भगवान राम के भाई लक्ष्मण से लिया गया है, जो उनके द्वारपाल थे।
व्याख्या: गुर्जर प्रतिहार वंश अपनी उत्पत्ति लक्ष्मण से मानता है, जो राम के प्रतिहार (द्वारपाल) के रूप में कार्य करते थे, इसीलिए यह वंश प्रतिहार कहलाया। अलमसूदी ने राजा को ‘बोहरा’ कहा, जो संभवतः ‘आदिवराह’ का अपभ्रंश रूप है। ह्वेनसांग ने भीनमाल को ‘पीलोमोलो’ कहा, न कि मण्डौर को।
प्रश्न 10: निम्न में से कौन सा शासक ‘रोहिल्लद्धि’ नाम से जाना जाता था –
SCHOOL LECTURER (SANSKRIT EDU. DEPTT.) COMP. EXAM-2024A) हरिश्चन्द्र
B) रज्जिल
C) नागभट्ट I
D) मथनदेव
उत्तर: हरिश्चन्द्र
व्याख्या: राजा हरिश्चंद्र के पास दो उपाधियाँ थीं – एक रोहिल्लादि और दूसरी विप्र राजन्य। जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार ब्राह्मण हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं – एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की। तीसरे पुत्र रज्जिल होने के बावजूद मण्डौर की वंशावली उन्हीं से प्रारंभ होती है।
प्रश्न 11: गुर्जर को हराने वाले शासक कौन था –
Rajasthan Police Constable Exam 2024 (SHIFT – L1)A) प्रभाकर वर्धन
B) राज्यवर्धन
C) हर्षवर्धन
D) शशांक
उत्तर: प्रभाकर वर्धन
व्याख्या: प्रभाकर वर्धन, जो हर्षवर्धन के पिता थे, छठी शताब्दी के दौरान एक प्रभावशाली शासक के रूप में उभरे। उन्होंने गुर्जरों को पराजित किया था। उनके शासनकाल में उनकी सैन्य शक्ति और राजनीतिक कौशल के कारण उनका राज्य उत्तरी भारत में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनकर उभरा।
प्रश्न 12: किस प्रतिहार राजा के काल में ग्वालियर प्रशस्ति की रचना हुई –
A) मिहिर भोज
B) महिपाल प्रथम
C) महिपाल द्वितिय
D) महेन्द्र पाल प्रथम
उत्तर: मिहिर भोज
व्याख्या: ग्वालियर अभिलेख में मिहिरभोज प्रथम (836-885 ई.) की ‘आदिवराह’ उपाधि का उल्लेख मिलता है। वहीं दौलतपुर अभिलेख में उन्हें ‘प्रभास’ कहा गया है। उनके शासनकाल में प्रचलित चांदी और तांबे के सिक्कों पर ‘श्रीमदादिवराह’ अंकित पाया जाता था।
प्रश्न 13: किस प्रतिहार राजा ने ‘आदिवराह’ की उपाधि ग्रहण की –
A) मिहिर भोज
B) महेन्द्रपाल
C) वत्सराज
D) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर: मिहिर भोज
व्याख्या: ग्वालियर अभिलेख में मिहिरभोज प्रथम (836-885 ई.) की ‘आदिवराह’ उपाधि दर्ज है। दौलतपुर अभिलेख में उन्हें ‘प्रभास’ के नाम से संबोधित किया गया है। उनके शासनकाल में प्रचलन में रहे चांदी और तांबे के सिक्कों पर ‘श्रीमदादिवराह’ अंकित पाया जाता था।
प्रश्न 14: प्रतिहार वंश का अंतिम शासक था –
A) महिरभोज
B) यशपाल
C) राज्यपाल
D) महिपाल
उत्तर: यशपाल
व्याख्या: प्रतिहार वंश का अंतिम शासक यशपाल था।
प्रश्न 15: महान संस्कृति कवि राजशेखर निम्न में से किसके दरबारी कवि थे –
A) यशपाल
B) महेन्द्रपाल प्रथम
C) महिपाल
D) राज्यपाल
उत्तर: महेन्द्रपाल प्रथम
व्याख्या: महेन्द्रपाल प्रथम (885-910 ई.) के गुरु और आश्रित कवि राजशेखर थे। राजशेखर ने कर्पूरमंजरी, काव्यमीमांसा, विद्धसालभंज्जिका, बालभारत, बालरामायण, हरविलास और भुवनकोश जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की।
प्रश्न 16: चीनी यात्री जिसने भीनमाल की यात्रा की थी –
A) सुंगयान
B) ह्वेनसांग
C) फाह्यान
D) इत्सिंग
उत्तर: ह्वेनसांग
व्याख्या: जब चीनी यात्री ह्वेनसांग भीनमाल आया तो उसने अपने 72 देशों के वर्णन में इस क्षेत्र को कू-चे-लो (गुर्जर) बताया तथा इसकी राजधानी का नाम ‘पीलोमोलो/भीलामाल’ अर्थात भीनमाल बताया।
प्रश्न 17: आदिवराह की उपाधि जिस राजपूत शासक ने धारण की वह है-
A) मिहिरभोज
B) यशपाल
C) राज्यपाल
D) महिपाल
उत्तर: मिहिरभोज
व्याख्या: ग्वालियर अभिलेख में मिहिरभोज की ‘आदिवराह’ उपाधि दर्ज है। दौलतपुर अभिलेख में उन्हें ‘प्रभास’ कहा गया है। उनके शासनकाल में प्रचलित चांदी और तांबे के सिक्कों पर ‘श्रीमदादिवराह’ अंकित पाया जाता था।
प्रश्न 18: मुहणौत नैणसी ने गुर्जर-प्रतिहारों की कितनी शाखाओं का वर्णन किया है-
A) बाईस
B) चौबीस
C) छब्बीस
D) चालिस
उत्तर: छब्बीस
व्याख्या: नैणसी ने गुर्जर प्रतिहारों की 26 विभिन्न शाखाओं का विस्तृत वर्णन किया है।
प्रश्न 19: प्रतिहारों में ‘रोहिलद्धि’ के नाम से जाना जाता है –
A) महिन्द्रपाल
B) यशपाल
C) हरिश्चन्द्र
D) प्रभाकर
उत्तर: हरिश्चन्द्र
व्याख्या: जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार ब्राह्मण हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं – एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की।
प्रश्न 20: निम्न में से किन अभिलेखों में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है – अ. कराड़ ब. नीलगुण्ड स. राधनपुर द. देवली
A) अ और स
B) स और द
C) अ और ब
D) अ, ब, स और द
उत्तर: अ, ब, स और द
व्याख्या: नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली और करडाह शिलालेखों में प्रतिहार शासकों को गुर्जर के रूप में वर्णित किया गया है।
प्रश्न 21: प्रतिहार वंश की मण्डोर शाखा के किस शासक ने अपनी राजधानी मण्डोर से मेड़ता स्थान्तरित की थी –
A) राज्यपाल
B) राजा भोज
C) नागभट्ट प्रथम
D) यशोवर्धन
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता पर विजय प्राप्त कर उसे अपनी नई राजधानी बनाया। ऐतिहासिक स्रोतों में इस स्थान को नाहड़ के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 22: राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिशचन्द्र की राजधानी थी –
A) मंडोर
B) मेड़ता
C) भीनमाल
D) जालौर
उत्तर: मंडोर
व्याख्या: जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार ब्राह्मण हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं – एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की।
प्रश्न 23: ओसियां के कलात्मक मन्दिरों का निर्माण कराया –
A) कच्छवाहों ने
B) गुर्जर-प्रतिहारों ने
C) राठौड़ों ने
D) चौहानों ने
उत्तर: गुर्जर-प्रतिहारों ने
व्याख्या: वत्सराज ने ओसियां के मंदिरों का निर्माण करवाया। ओसियां सूर्य और जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। ओसियां के मंदिर महामारू शैली में निर्मित हैं। हालांकि, ओसियां का हरिहर मंदिर पंचायतन शैली में बना हुआ है। ओसियां राजस्थान में प्रतिहारों का एक प्रमुख केंद्र था। ओसिंया (जोधपुर) के मंदिर प्रतिहार कालीन हैं। ओसियां को राजस्थान का भुवनेश्वर कहा जाता है।
प्रश्न 24: ग्वालियर शिलालेख में नागभट्ट प्रथम को किस उपाधि से सम्मानित किया गया है –
A) परामांकदेव
B) राजाधिराज
C) नारायण
D) राजशेखर
उत्तर: नारायण
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम के शासनकाल में सिन्ध की ओर से बिलोचों और अरबों ने आक्रमण किए। नागभट्ट ने इन आक्रमणकारियों को अपनी सीमाओं में प्रवेश नहीं करने दिया, जिससे उनकी ख्याति में वृद्धि हुई। ग्वालियर प्रशस्ति में उन्हें ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ की उपाधि से विभूषित किया गया है।
प्रश्न 25: निम्न में से वह शासक जिसने अरब आक्रमणकारियों को अपने राज्य में बढ़ने नहीं दिया और यह शासक अरबों का शत्रु कहा गया –
A) वत्सराज
B) नागभट्ट प्रथम
C) मिहिरभोज
D) महेन्द्रपाल
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम के शासनकाल में सिन्ध की ओर से बिलोचों और अरबों ने आक्रमण किए। नागभट्ट ने इन आक्रमणकारियों को अपनी सीमाओं में प्रवेश नहीं करने दिया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई। ग्वालियर प्रशस्ति में उन्हें ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
प्रश्न 26: छठी शताब्दी के आस-पास गुर्जरात्रा प्रदेश पर शासन था –
A) सोलंकी
B) कच्छवाह
C) प्रतिहार
D) चौहान
उत्तर: प्रतिहार
व्याख्या: राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित गुर्जरात्रा प्रदेश में प्रतिहार वंश की स्थापना हुई। प्रसिद्ध इतिहासकार रमेश चन्द्र मजूमदार के अनुसार गुर्जर प्रतिहारों ने छठी सदी से बारहवीं सदी तक अरब आक्रमणकारियों के लिए रोधक का कार्य किया और भारत के द्वारपाल (प्रतिहार) की भूमिका निभाई।
प्रश्न 27: जोधपुर से प्राप्त घटियाला शिलालेख से किस प्रतिहार राजा की जानकारी मिलती है –
A) कक्कुक
B) रज्जिक
C) नागभट्ट प्रथम
D) मिहिरभोज
उत्तर: कक्कुक
व्याख्या: कक्कुक ने 861 ई. में घटियाला (जोधपुर) में दो शिलालेख स्थापित करवाए, जिनमें राजस्थान में सर्वप्रथम सती प्रथा का उल्लेख मिलता है। इस अभिलेख के अनुसार राणुका की मृत्यु पर उनकी पत्नी सम्पल देवी सती हुई थीं।
प्रश्न 28: गुर्जरों को किस शासक ने प्राजित किया –
A) प्रभाकरवर्धन
B) राज्यवर्धन
C) हर्षवर्धन
D) अशोक मोर्य
उत्तर: प्रभाकरवर्धन
व्याख्या: हर्षवर्धन के पिता प्रभाकर वर्धन ने गुर्जरों को पराजित किया और इसके पश्चात हर्षवर्धन राजस्थान के अधिकांश भाग पर शासन करने वाले वर्धनवंश के एकमात्र शासक बने।
प्रश्न 29: प्रतिहार एवं पाल शासकों पर विजय की उपलक्ष में ध्रुव ने गंगा व जमुना के चिह्नों को सम्मिलित किया –
A) राष्ट्रकूट कुलचिह्न में
B) पाल कुलचिह्न में
C) चन्देल कुलचिह्न में
D) चोल कुलचिह्न में
उत्तर: राष्ट्रकूट कुलचिह्न में
व्याख्या: राष्ट्रकूट राजा ध्रुव एक महत्वाकांक्षी शासक थे। उन्होंने वत्सराज पर आक्रमण कर उन्हें पराजित किया। इसके बाद उन्होंने पाल शासक धर्मपाल को भी पराजित किया। यह युद्ध गंगा और यमुना के दोआब क्षेत्र में हुआ था, इसी कारण इस विजय के उपलक्ष्य में ध्रुव ने अपने कुलचिह्न (एम्बलम) में गंगा और यमुना के प्रतीकों को सम्मिलित किया।
प्रश्न 30: किस प्रतिहार शासक के शासनकाल में उद्योतन सूरि ने कुवलयमाला ग्रन्थ की रचना की –
A) वत्सराज
B) नागभट्ट प्रथम
C) महेन्द्रपाल
D) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर: वत्सराज
व्याख्या: वत्सराज ने ओसियां के मंदिरों का निर्माण करवाया। ओसियां सूर्य और जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। उनके शासनकाल में उद्योतन सूरी ने 778 ई. में जालौर में “कुवलयमाला” ग्रंथ की रचना की।
प्रश्न 31: किसके शासन काल में कन्नौज को लेकर त्रिपक्षीय संघर्ष(राष्ट्रकूट, पाल व प्रतिहार) प्रारम्भ हुआ –
A) मिहिरभोज
B) वत्सराज
C) नागभट्ट प्रथम
D) महेन्द्रपाल
उत्तर: वत्सराज
व्याख्या: कन्नौज (कान्यकुब्ज में आयुध वंश) पर अधिकार के लिए पूर्व में बंगाल से पाल वंश, दक्षिण से मान्यखेत के राष्ट्रकूट और उत्तर-पश्चिम से उज्जैन के प्रतिहारों के मध्य संघर्ष हुआ। भारतीय इतिहास में इसे ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ या ‘त्रिकोणात्मक संघर्ष’ के नाम से जाना जाता है। इस त्रिकोणात्मक संघर्ष की शुरुआत वत्सराज ने की थी।
प्रश्न 32: गुर्जर प्रतिहार वंश का प्रथम, योग्य व प्रतापी शासक था –
A) मिहिरभोज
B) नागभट्ट प्रथम
C) वत्सराज
D) हरिशचन्द्र
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम ने आठवीं शताब्दी में भीनमाल पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया। बाद में उन्होंने उज्जैन को भी अपने अधिकार में कर लिया और उज्जैन उनकी शक्ति का प्रमुख केंद्र बन गया। वे एक महान शासक थे और उनके दरबार को ‘नागावलोक का दरबार’ कहा जाता था।
प्रश्न 33: नागभट्ट द्वितीय ने धर्मपाल को हराकर कौनसी उपाधि धारण की –
A) आदिवराह
B) परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर
C) महाराजधिराज
D) नागेंद्र
उत्तर: परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर
व्याख्या: नागभट्ट द्वितीय वत्सराज के उत्तराधिकारी थे। उन्होंने 816 ई. में कन्नौज पर आक्रमण कर चक्रायुद्ध को पराजित किया और कन्नौज को प्रतिहार वंश की राजधानी बनाया। बकुला अभिलेख में उन्हें ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि से विभूषित किया गया है।
प्रश्न 34: अरब यात्री अलमसूदी ने किस प्रतिहार शासक के शासन-काल में भ्रमण किया –
A) नागभट्ट प्रथम
B) महीपाल
C) वत्सराज
D) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर: महीपाल
व्याख्या: महीपाल के शासनकाल में अरब यात्री ‘अलमसूदी’ ने भारत की यात्रा की। अल मसूदी ने उनके राज्य को अल गुर्जर और राजा को बौरा कहकर संबोधित किया है।
प्रश्न 35: निम्न में से किस विदेश यात्री ने गुर्जर-प्रतिहार राजवंश की सैन्य शक्ति एवं समृद्धि का उल्लेख किया –
A) अब्दुल रज्जाक
B) सुलेमान
C) अल बफाक
D) हेन्सयांग
उत्तर: सुलेमान
व्याख्या: अरब यात्री ‘सुलेमान’ ने मिहिरभोज के शासनकाल में भारत की यात्रा की और मिहिरभोज को भारत का सबसे शक्तिशाली शासक बताया, जिसने अरब आक्रमणकारियों को रोक दिया था।
प्रश्न 36: वह गुर्जर प्रतिहार शासक जिसने कन्नौज विजय के उपलक्ष में ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की थी –
A) वत्सराज
B) नागभट्ट प्रथम
C) नागभट्ट द्वितीय
D) मिहिरभोज
उत्तर: नागभट्ट द्वितीय
व्याख्या: नागभट्ट द्वितीय वत्सराज के उत्तराधिकारी थे। उन्होंने 816 ई. में कन्नौज पर आक्रमण कर चक्रायुद्ध को पराजित किया और कन्नौज को प्रतिहार वंश की राजधानी बनाया। बकुला अभिलेख में उन्हें ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि से विभूषित किया गया है।
प्रश्न 37: सूची – I से सूची – II को सुमेलित कीजिये और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुये। सही उत्तर चुनिये –
सूची -I (शासक)
सूची -II(राजवंश)
(A) विग्रहराज IV (i) प्रतिहार
(B) हरिशचन्द्र (ii) चौहान
(C) बप्पा रावल (iii) गहड़वाल
(D) जयचंद (iv) गुहिल
A) (i) (ii) (iii) (iv)
B) (ii) (i) (iv) (iii)
C) (iii) (ii) (i) (iv)
D) (iii) (iv) (ii) (i)
उत्तर: (ii) (i) (iv) (iii)
व्याख्या: शासक और राजवंश का सही मिलान इस प्रकार है:
विग्रहराज IV – चौहान
हरिशचन्द्र – प्रतिहार
बप्पा रावल – गुहिल
जयचंद – गहड़वाल
प्रश्न 38: प्रतिहार वंश की मण्डोर शाखा के किस शासक ने अपनी राजधानी मण्डोर से मेड़ता स्थानान्तरित की थी –
Sr. Teacher GrII Comp. Exam 2016 Gk (G-A)A) कक्कुक
B) रज्जिल
C) नागभट्ट प्रथम
D) बाॅउक
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता पर विजय प्राप्त कर उसे अपनी नई राजधानी बनाया। ऐतिहासिक स्रोतों में इस स्थान को नाहड़ के नाम से भी जाना जाता है। नागभट्ट प्रथम की रानी जज्जिका देवी से भोज और तात नामक दो पुत्रों की उत्पत्ति हुई।
प्रश्न 39: निम्न में से किन अभिलेखों में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है –
अ. नीलगुण्ड
ब. देवली
स. राधनपुर
द. कराड़
Sr. Teacher GrII Comp. Exam 2016 Gk (G-A)A) अ, द
B) अ, स, द
C) अ, ब, स
D) अ, ब, स, द
उत्तर: अ, ब, स, द
व्याख्या: नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली और करडाह शिलालेखों में प्रतिहार शासकों को गुर्जर के रूप में वर्णित किया गया है।
प्रश्न 40: निम्न में से किस विदेशी यात्री ने गुर्जर-प्रतिहार वंश की सैन्य शक्ति एवं समृद्धि का उल्लेख किया है –
Sr. Teacher GrII Comp. Exam 2016 Gk (G-B)A) मार्को पोलो
B) सुलेमान
C) अल बिरूनी
D) अब्दुल रज्जाक
उत्तर: सुलेमान
व्याख्या: अरब यात्री ‘सुलेमान’ ने मिहिरभोज के शासनकाल में भारत की यात्रा की और मिहिरभोज को भारत का सबसे शक्तिशाली शासक बताया, जिसने अरब आक्रमणकारियों को रोक दिया था।
प्रश्न 41: प्रतिहार शासक जिसने जालौर में अपनी राजधानी स्थापित की –
Sr Teacher Gr II Special Edu. Comp. Exam 2015 (G.K.)A) नागभट्ट 1
B) वत्सराज
C) महेन्द्रपाल 1
D) मिहिरभोज
उत्तर: नागभट्ट 1
व्याख्या: आठवीं शताब्दी में गुर्जर-प्रतिहार वंश के शासक नागभट्ट प्रथम ने भीनमाल क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर उसे अपनी राजधानी के रूप में विकसित किया। कालांतर में उन्होंने उज्जैन नगर को भी अपने नियंत्रण में ले लिया, जो उनकी शक्ति का प्रमुख केंद्र बन गया।
प्रश्न 42: निम्नलिखित में से कौन सा शासक गुर्जर-प्रतिहार राजवंश से संबंधित नहीं है –
RAS/RTS Comb. Comp. (Pre) Exam 2018A) नागभट्ट-2
B) महेन्द्रपाल-1
C) देवपाल
D) भरत्रभट्ट-1
उत्तर: देवपाल
व्याख्या: देवपाल का संबंध गुर्जर-प्रतिहार वंश से नहीं था, बल्कि वह पाल वंश का प्रसिद्ध शासक था।
प्रश्न 43: कन्नौज पर अधिकार हेतु चले त्रिपक्षीय युद्ध में राजपूताना के किस वंश के शासकों ने भाग लिया –
A) चौहान
B) गुर्जर प्रतिहार
C) परमार
D) गहलोत
उत्तर: गुर्जर प्रतिहार
व्याख्या: भारतीय इतिहास में कन्नौज पर नियंत्रण को लेकर तीन प्रमुख शक्तियों के बीच संघर्ष हुआ – पूर्व में बंगाल के पाल वंश, दक्षिण में मान्यखेत के राष्ट्रकूट वंश और उत्तर-पश्चिम में उज्जैन के गुर्जर-प्रतिहार वंश के मध्य। इस ऐतिहासिक संघर्ष को ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ के नाम से जाना जाता है, जिसकी शुरुआत प्रतिहार शासक वत्सराज ने की थी।
प्रश्न 44: किस गुर्जर प्रतिहार शासक ने अपनी राजधानी मेड़ता बनाई –
A) वत्सराज -1
B) भोजराज -1
C) नागभट्ट -1
D) देवपाल -1
उत्तर: नागभट्ट -1
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता क्षेत्र को विजित कर उसे अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया। ऐतिहासिक स्रोतों में इस स्थान को नाहड़ के नाम से भी जाना जाता है। रानी जज्जिका देवी से उन्हें भोज और तात नामक दो पुत्रों की प्राप्ति हुई।
प्रश्न 45: निम्न में से कौन सा शासक गोड़ (बंगाल) में भोज-प्रथम का समकालीन था –
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -A)A) रामभद्र
B) काकूका
C) देवपाल
D) त्रिलोचनपाल
उत्तर: देवपाल
व्याख्या: मिहिर भोज (लगभग 836-885 ई.), जिन्हें भोज प्रथम के नाम से भी जाना जाता है, गुर्जर-प्रतिहार वंश के एक प्रतापी शासक थे। देवपाल, जो धर्मपाल के पुत्र और पाल वंश के उत्तराधिकारी थे, लगभग 810 ई. में सिंहासन पर आसीन हुए और भोज प्रथम के समकालीन शासक थे।
प्रश्न 46: निम्नलिखित प्रतिहार शासकों में से किसने मण्डोर को बदलकर मेड़ता को राजधानी बनाया –
Junior Instructor(electrician)A) हरिशचन्द्र
B) नागभट्ट प्रथम
C) वत्सराज
D) देव राज
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता को जीतकर उसे अपनी नई राजधानी के रूप में स्थापित किया। ऐतिहासिक दस्तावेजों में इस स्थान को नाहड़ के नाम से उल्लेखित किया गया है। रानी जज्जिका देवी से उन्हें भोज और तात नामक दो पुत्र प्राप्त हुए।
प्रश्न 47: ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की –
A) नागभट्ट प्रथम ने
B) नागभट्ट द्वितीय ने
C) मिहिरभोज ने
D) वत्सराज ने
उत्तर: नागभट्ट द्वितीय ने
व्याख्या: नागभट्ट द्वितीय ने पाल शासक धर्मपाल को पराजित करने के उपलक्ष्य में ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की गौरवशाली उपाधि धारण की।
प्रश्न 48: प्रतिहार साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है –
A) नागभट्ट प्रथम
B) वत्सराज
C) मिहिरभोज
D) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम को गुर्जर प्रतिहार वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है, जिन्होंने क्रमशः मण्डौर से मेड़ता, फिर भीनमाल और अंततः उज्जैन को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया।
प्रश्न 49: ‘रणहस्तिन’ की उपाधि धारण की थी –
A) मिहिरभोज ने
B) वत्सराज ने
C) नागभट्ट प्रथम ने
D) महेन्द्रपाल प्रथम ने
उत्तर: वत्सराज ने
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम के उत्तराधिकारी वत्सराज एक प्रतापी शासक सिद्ध हुए। उन्होंने ‘रणहस्तिन’ की उपाधि धारण की। उनके शासनकाल में कुवलयमाला नामक ग्रंथ की रचना हुई और उन्होंने ओसियां में महावीर स्वामी का एक भव्य जैन मंदिर निर्मित करवाया।
प्रश्न 50: मण्डौर के प्रतिहार माने जाते हैं –
A) ब्राह्मण
B) वैश्य
C) शुद्र
D) क्षत्रिय
उत्तर: क्षत्रिय
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहारों की 26 उपशाखाओं में से मण्डौर के प्रतिहार सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण माने जाते हैं, जिन्हें क्षत्रिय वर्ण का माना जाता है।
प्रश्न 51: ग्वालियर प्रशस्ति में किस शासक को ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ कहा गया है –
A) वत्सराज
B) नागभट्ट प्रथम
C) मिहिरभोज प्रथम
D) रामभद्र
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम को जालौर, अवंति और कन्नौज के गुर्जर प्रतिहार वंश का संस्थापक माना जाता है। उनके दरबार को ‘नागावलोक का दरबार’ के नाम से जाना जाता था और ग्वालियर प्रशस्ति में उन्हें ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ की उपाधि से विभूषित किया गया है।
प्रश्न 52: गुर्जर-प्रतिहार, पाल एवं राष्ट्रकूट शासन केन्द्रीय राजतंत्र नहीं थे –
A) सही है
B) गलत है
C) पता नहीं
D) भ्रमित है
उत्तर: गलत है
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट सभी शासन प्रणालियाँ केन्द्रीय राजतंत्र के अंतर्गत आती थीं, इसलिए यह कथन गलत है।
प्रश्न 53: राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिश्चन्द्र की राजधानी थी –
A) मेड़ता
B) जालौर
C) भीनमाल
D) मण्डोर
उत्तर: मण्डोर
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहारों की 26 शाखाओं में मण्डौर शाखा सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण थी। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार हरिशचन्द्र नामक ब्राह्मण की दो पत्नियाँ थीं – एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की नींव रखी।
प्रश्न 54: गुर्जरों को किस शासक ने पराजित किया –
A) प्रभाकरवर्धन
B) राज्यवर्धन
C) हर्षवर्द्धन
D) शशांक
उत्तर: प्रभाकरवर्धन
व्याख्या: प्रभाकर वर्धन ने गुर्जरों को पराजित कर उन पर विजय प्राप्त की और पड़ोसी राज्यों में अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार किया।
प्रश्न 55: गुर्जर प्रतिहार वंश के किस शासक ने अपनी राजधानी मण्डोर से मेड़ता स्थानान्तरित की थी –
Librarian Grade III 2018A) कक्कुक
B) रज्जिल
C) नागभट्ट
D) बाॅउक
उत्तर: नागभट्ट
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता को विजित कर उसे अपनी नई राजधानी के रूप में स्थापित किया। ऐतिहासिक दस्तावेजों में इस स्थान को नाहड़ के नाम से संदर्भित किया गया है।
प्रश्न 56: सूची- I के साथ सूची- II का मिलान कीजिए और नीचे दिए गए कूट से उत्तर चुनिए:
सूची- I (राजपूत वंश)
सूची- II (स्थान)
A. चौहान 1. दक्षिण राजस्थान
B. प्रतिहार परिहार 2. काठियावाड़
C. चालुक्य / सोलंकी 3. मालवा
D. परमार / पवार 4. पूर्वी राजस्थान
A) A- 4, B- 1, C- 2, D- 3
B) A- 4, B- 3, C- 2, D- 1
C) A- 3, B- 1, C-2, D- 4
D) A- 4, B- 2, C- 1, D- 3
उत्तर: A- 4, B- 1, C- 2, D- 3
व्याख्या: राजपूत वंशों और उनके मुख्य क्षेत्रों का सही मिलान इस प्रकार है: चौहान – पूर्वी राजस्थान, प्रतिहार परिहार – दक्षिण राजस्थान, चालुक्य / सोलंकी – काठियावाड़, परमार / पवार – मालवा क्षेत्र।
प्रश्न 57: नागभट्ट-प्रथम निम्नलिखित में से किस राजवंश से संबंधित है –
A) परमार
B) गुर्जर-प्रतिहार
C) चौहान
D) चालुक्य
उत्तर: गुर्जर-प्रतिहार
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम गुर्जर-प्रतिहार वंश के एक प्रमुख शासक थे, जिन्होंने आठवीं शताब्दी में भीनमाल पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया और बाद में उज्जैन को अपने शासन का प्रमुख केंद्र स्थापित किया। उनके दरबार को ‘नागावलोक का दरबार’ के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न 58: मण्डौर के प्रतिहार माने जाते हैं –
A) ब्राह्मण
B) वैश्य
C) शुद्र
D) क्षत्रिय
उत्तर: क्षत्रिय
व्याख्या: मण्डौर के प्रतिहार शासकों को क्षत्रिय वर्ण का माना जाता है।
प्रश्न 59: किस राजा के वंशज गुर्जर प्रतिहार कहे जाने लगे –
A) चक्रायु
B) धर्मपाल
C) नागभट्ट द्वितीय
D) वासुदेव द्वितीय
उत्तर: नागभट्ट द्वितीय
व्याख्या: नागभट्ट द्वितीय वत्सराज के उत्तराधिकारी बने। 816 ई. में उन्होंने कन्नौज पर आक्रमण कर चक्रायुध को पराजित किया और कन्नौज को प्रतिहार वंश की नई राजधानी के रूप में स्थापित किया। हर्षनाथ प्रशस्ति के अनुसार, उनके दरबार में चौहान गुवक प्रथम को ‘वीर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
प्रश्न 60: निम्नलिखित में से प्रतिहार राजा नागभट्ट प्रथम के बारे में कौन-सा कथन सही है –
Police Constable Exam (13 May 2022 Shift-1)A) वे वत्सराज के पुत्र थे।
B) उन्होंने लगभग 50 वर्षों तक शासन किया।
C) उनकी मृत्यु के बाद महिपाल और भोज द्वितीय के बीच उत्तराधिकार बनने के लिए युद्ध हुआ।
D) उन्होंने सिंध के अरब शासकों को हराया जो राजस्थान, गुजरात, पंजाब आदि पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे।
उत्तर: उन्होंने सिंध के अरब शासकों को हराया जो राजस्थान, गुजरात, पंजाब आदि पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे।
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने आठवीं शताब्दी में भीनमाल पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया और बाद में उज्जैन को अपने प्रभाव क्षेत्र में ले लिया। उनके शासनकाल में सिंध की ओर से बलोच जाति और अरबों ने आक्रमण किए, लेकिन नागभट्ट ने उन्हें अपनी सीमाओं में प्रवेश नहीं करने दिया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई। ग्वालियर प्रशस्ति में उन्हें ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ की उपाधि से विभूषित किया गया है।
प्रश्न 61: राजा नागभट्ट द्वितीय का संबंध निम्नलिखित में से किस राजवंश से था –
Police Constable Exam (13 May 2022 Shift-2)A) प्रतिहार
B) चालुक्य
C) राष्ट्रकूट
D) पाल
उत्तर: प्रतिहार
व्याख्या: नागभट्ट द्वितीय वत्सराज के उत्तराधिकारी थे। 816 ई. में उन्होंने कन्नौज पर आक्रमण कर चक्रायुध को पराजित किया और कन्नौज को प्रतिहार वंश की राजधानी के रूप में स्थापित किया।
प्रश्न 62: 750-1000 ईस्वी के दौरान राजस्थान और अधिकांश उत्तरी भारत पर निम्नलिखित में से किसने शासन किया था –
Police Constable Exam (15 May 2022 Shift-1)A) चौहान
B) मुगल शासक
C) मराठा
D) प्रतिहार
उत्तर: प्रतिहार
व्याख्या: 750-1000 ईस्वी की अवधि के दौरान राजस्थान और उत्तरी भारत के अधिकांश भागों पर गुर्जर-प्रतिहार वंश के शासकों का प्रभुत्व था।
प्रश्न 63: मंडोर के प्रतिहार शासकों में निम्नलिखित में से कौन व्याकरण, तर्कशास्त्र, ज्योतिष, कला और काव्य रचना में कुशल थे और उन्हें, प्रत्यक्ष रूप से, एक से अधिक भाषाओं में प्रतिष्ठित कवि के रूप में स्वीकार किया गया था –
Police Constable Exam (15 May 2022 Shift-2)A) झोता
B) भीलादित्य
C) कक्का
D) बाउका
उत्तर: कक्का
व्याख्या: कक्का मंडोर के प्रतिहार शासकों में एक विद्वान शासक थे जो व्याकरण, तर्कशास्त्र, ज्योतिष, कला और काव्य रचना में निपुण थे और एक से अधिक भाषाओं में प्रतिष्ठित कवि के रूप में मान्यता प्राप्त थे।
प्रश्न 64: निम्नलिखित में से कौन शाही प्रतिहार सम्राट महेंद्रपाल प्रथम का गुरु था –
Police Constable Exam (15 May 2022 Shift-2)A) चंद्रप्रभ
B) धनपाल
C) राजशेखर
D) फिरदौसी
उत्तर: राजशेखर
व्याख्या: महेन्द्रपाल प्रथम के गुरु और दरबारी कवि राजशेखर थे, जिन्होंने कर्पूरमंजरी, काव्यमीमांसा, विद्धसालभंज्जिका, बालभारत, बालरामायण, हरविलास और भुवनकोश जैसे ग्रंथों की रचना की। अपने ग्रंथों में उन्होंने महेन्द्रपाल को रघुकुल चूड़ामणि, निर्भय नरेश और निर्भय नरेन्द्र जैसे विशेषणों से संबोधित किया।
प्रश्न 65: गुर्जर प्रतिहारों की राजधानी किस स्थान पर थी, जो जालौर में भीनमाल का एक पुराना नाम भी था –
Police Constable Exam (02 July 2022) (Re Exam)A) इन्द्रप्रस्थ
B) श्रीमाल
C) गंगानगर
D) बैराठ
उत्तर: श्रीमाल
व्याख्या: 550 से 1018 ई. तक लगभग 500 वर्षों के दौरान गुर्जरों ने उत्तरी भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गुर्जर-प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम ने कन्नौज को जीता और राजस्थान के अधिकांश भाग पर अपना आधिपत्य स्थापित किया। उनके राज्य की राजधानी श्रीमाल थी, जो जालौर जिले में स्थित भीनमाल का प्राचीन नाम है।
प्रश्न 66: निम्नलिखित में से किन अभिलेखों में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है – 1. नीलगुण्ड 2. देवली 3. राधनपुर 4. कराड़ कूट –
A) 1, 3, 4
B) 1, 2, 3, 4
C) 1, 4
D) 1, 2, 3
उत्तर: 1, 2, 3, 4
व्याख्या: नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली और करडाह शिलालेखों में प्रतिहार शासकों को गुर्जर के रूप में संबोधित किया गया है।
प्रश्न 67: किस प्रतिहार शासक ने ‘आदिवराह’ की उपाधि धारण की –
Sr. Computer Instructor 2022 Paper 1A) नागभट्ट I
B) नागभट्ट II
C) वत्सराज
D) मिहिरभोज
उत्तर: मिहिरभोज
व्याख्या: ग्वालियर अभिलेख में मिहिरभोज प्रथम (836-885 ई.) को ‘आदिवराह’ की उपाधि से विभूषित किया गया है, जबकि दौलतपुर अभिलेख में उन्हें ‘प्रभास’ कहा गया है। उनके शासनकाल में प्रचलित चांदी और तांबे के सिक्कों पर ‘श्रीमदादिवराह’ अंकित पाया जाता है।
प्रश्न 68: प्रतिहारों की कौनसी शाखा सर्वाधिक पुरातन मानी जाती है –
Head Master (Sanskrit Edu.) – 20211 (PAPER-I)A) जालौर
B) मण्डोर
C) मारवाड़
D) उज्जैन
उत्तर: मण्डोर
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहारों की 26 उपशाखाओं में मण्डौर शाखा सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार हरिशचन्द्र नामक ब्राह्मण की दो पत्नियाँ थीं, जिनमें से क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की।
प्रश्न 69: राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिश्चन्द्र की राजधानी कौन सी थी –
Forest Guard Exam 2022 Shift 4A) मण्डाना
B) भीनमाल
C) मेड़ता
D) मण्डोर
उत्तर: मण्डोर
व्याख्या: जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार हरिशचन्द्र नामक ब्राह्मण की दो पत्नियाँ थीं। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने मिलकर मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की और उसे अपनी राजधानी बनाया।
प्रश्न 70: प्रतिहार के संस्थापक हरिशचंद्र की कौन सी राजधानी थी –
School Lecturer 2022 Gk (G-B)A) जोधपुर
B) माउन्ट आबू
C) मण्डोर
D) मेड़ता
उत्तर: मण्डोर
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहारों की 26 शाखाओं में मण्डौर शाखा सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण थी। हरिशचन्द्र नामक ब्राह्मण की क्षत्राणी पत्नी भद्रा के चार पुत्रों ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की नींव रखी और उसे अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया।
प्रश्न 71: मण्डोर शाखा के निम्नलिखित प्रतिहार शासकों पर विचार कीजिए- (i) नागभट्ट I (ii) रज्जिल (iii) बाउका (iv) टाटा इन शासकों का सही कालानुक्रम है –
A) (i), (iii), (ii), (iv)
B) (iii), (iv), (i), (ii)
C) (i), (ii), (iv), (iii)
D) (ii), (i), (iv), (iii)
उत्तर: (ii), (i), (iv), (iii)
व्याख्या: हरिशचन्द्र की क्षत्राणी पत्नी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की। तीसरे पुत्र रज्जिल से मण्डौर की वंशावली प्रारम्भ होती है। नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता को जीतकर उसे अपनी राजधानी बनाया, जिसे ऐतिहासिक स्रोतों में नाहड़ के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 72: वह गुर्जर प्रतिहार शासक जिसने “रत्नहस्तिन” का विरुद धारण किया था –
School Lecturer (Sanskrit Edu.) 2022A) वत्सराज
B) नागभट्ट – I
C) नागभट्ट II
D) मिहिर भोज
उत्तर: वत्सराज
व्याख्या: वत्सराज ने कन्नौज के शासक इन्द्रायुध को परास्त कर कन्नौज पर अपना अधिकार स्थापित किया। इस सैन्य सफलता के कारण उन्हें प्रतिहार वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है और ‘रणहस्तिन्’ की उपाधि से विभूषित किया जाता है।
प्रश्न 73: गुर्जर प्रतिहार वंश के किस शासक ने अपने पराक्रम से गुर्जरों की प्रतिष्ठा को पुनःस्थापित किया –
3rd Grade Teacher 2022 Urdu L2 (राजस्थान सामान्य ज्ञान व शैक्षिक परिदृश्य)A) कक्कुक
B) नागभट्ट द्वितीय
C) नागभट्ट प्रथम
D) देवराज
उत्तर: नागभट्ट द्वितीय
व्याख्या: नागभट्ट द्वितीय वत्सराज के उत्तराधिकारी बने। 816 ई. में उन्होंने कन्नौज पर आक्रमण कर चक्रायुध को पराजित किया और कन्नौज को प्रतिहार वंश की राजधानी के रूप में स्थापित कर गुर्जरों की प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित किया।
प्रश्न 74: उस प्रतिहार शासक का नाम बताइये जिसने न केवल अरबों के आगे बढ़ने पर अंकुश लगाया बल्कि अनेक शासकों को उनके आधिपत्य से भी मुक्त किया –
CET 2022 (12th Level) 04 February 2023 Shift-1A) नागभट्ट द्वितीय
B) नागभट्ट प्रथम
C) देवराज
D) वत्सराज
उत्तर: नागभट्ट प्रथम
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने आठवीं शताब्दी में भीनमाल पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया और बाद में उज्जैन को अपने प्रभाव क्षेत्र में ले लिया। उनके शासनकाल में सिंध की ओर से बलोच जाति और अरबों ने आक्रमण किए, लेकिन नागभट्ट ने उन्हें अपनी सीमाओं में प्रवेश नहीं करने दिया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई और अनेक शासक उनके आधिपत्य से मुक्त हुए।
प्रश्न 75: प्रतिहार शासक _ के शासन काल में जैन ग्रन्थ हरिवंशपुराण एवं कुवलयमाला की रचना हुयी –
CET 2022 (12th Level) 04 February 2023 Shift-2A) वत्सराज
B) रामभद्र
C) मिहिर भोज
D) महिन्द्रपाल प्रथम
उत्तर: वत्सराज
व्याख्या: वत्सराज के शासनकाल में उदयोतन सूरी ने ‘कुवलयमाला’ और जैन आचार्य जिनसेन ने ‘हरिवंश पुराण’ नामक महत्वपूर्ण जैन ग्रंथों की रचना की।
प्रश्न 76: _ को पराजित कर प्रतिहारों ने भीनमाल के राज्य पर अधिकार प्राप्त किया।
CET 2022 (12th Level) 11 February 2023 Shift-2A) गुहिलोतों
B) भाटीयों
C) चौहानों
D) चावड़ाओं
उत्तर: चावड़ाओं
व्याख्या: नागभट्ट प्रथम ने आठवीं शताब्दी में चावड़ा शासकों को पराजित कर भीनमाल क्षेत्र पर अपना अधिकार स्थापित किया और उसे अपनी राजधानी के रूप में विकसित किया।
प्रश्न 77: मण्डोर – प्रतिहार वंश के किस शासक से वंशावली प्रारम्भ होती है –
Sr. Teacher Gr II Comp. Exam – 2022 (G.K. & Edu. Psychology) Group DA) कंदक
B) रज्जिल
C) हरिशचन्द्र
D) भोगभट्ट
उत्तर: रज्जिल
व्याख्या: हरिशचन्द्र की क्षत्राणी पत्नी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की। तीसरे पुत्र रज्जिल से ही मण्डौर की वंशावली का प्रारम्भ माना जाता है।
प्रश्न 78: उस अरबी यात्री का नाम बताइये जिसने मिहिर भोज के समय का वृत्तांत प्रस्तुत किया।
Sr. Teacher Gr II Comp. Exam – 2022 (Sanskrit Edu.) Group AA) ओबेदुल्लाह हुसैनी
B) सुलेमान
C) शाहआलम निरून
D) अल मसूदी हज्जाब
उत्तर: सुलेमान
व्याख्या: मिहिर भोज वैष्णव धर्म के अनुयायी थे। उनका प्रथम अभिलेख वराह अभिलेख है जिसकी तिथि 893 विक्रम संवत् (836 ई.) है। अरब यात्री ‘सुलेमान’ ने मिहिरभोज के शासनकाल में भारत की यात्रा की और उन्हें भारत का सबसे शक्तिशाली शासक बताया।
प्रश्न 79: प्रतिहारा की 26 शाखाओं में से, सबसे प्राचीन शाखा है :
Sr. Teacher Gr II Comp. Exam – 2022 (Sanskrit Edu.) Group BA) मण्डोर
B) उज्जैन
C) कन्नौज
D) ग्वालियर
उत्तर: मण्डोर
व्याख्या: गुर्जर-प्रतिहारों की 26 उपशाखाओं में मण्डौर शाखा सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण मानी जाती है। हरिशचन्द्र की क्षत्राणी पत्नी भद्रा के चार पुत्रों ने संयुक्त रूप से मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की, जिसकी वंशावली रज्जिल से प्रारम्भ होती है।
प्रश्न 80: गुर्जर प्रतिहार शासक मथन देव कहाँ शासन करता था –
Senior Physical Education Teacher Exam – 2022 (Paper-I GK And Others)A) मंडोर
B) राजोरगढ़
C) जालौर
D) मेड़ता
उत्तर: राजोरगढ़
व्याख्या: गुर्जर प्रतिहार शासक मथन देव राजोरगढ़ क्षेत्र का शासक था और उसने वहाँ से शासन किया।