भारत में यूरोपियन आगमन का पूरा इतिहास: मुगल विघटन, जल-स्थल मार्ग, पुर्तगाली (1498), डच, अंग्रेज (1600), कर्नाटक युद्ध, प्लासी (1757), बक्सर (1764)। विस्तृत जानकारी! 🗺️🚀
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परिचय: मुगल साम्राज्य का विघटन और यूरोपीय अवसर 🌍
18वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में मुगल साम्राज्य का शीघ्र विघटन हुआ, जिससे भारतीय शक्तियों में राजनीतिक शून्यता पैदा हुई। 😕 मराठे कुछ समय के लिए सबसे शक्तिशाली लगे, लेकिन उनकी शक्ति का ह्रास ने यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों को भारतीय राजनीति में सक्रिय होने का मौका दिया। 🏰
आरंभ में यूरोपीय कंपनियाँ स्थानीय शासकों के मामलों में हस्तक्षेप करने लगीं, फिर पारस्परिक द्वंद्वों में उलझीं। अंततः अंग्रेज उप-महाद्वीपीय राजनीति में विजयी हुए। 😎 यह आगमन न केवल व्यापार का था, बल्कि साम्राज्यवाद की नींव रखने वाला था! 🚀
यूरोप से भारत पहुँचने के मार्ग 🗺️
यूरोप से भारत दो मुख्य मार्गों से पहुँचा जाता था:
- स्थल मार्ग 🌄:
- बाल्कन प्रदेशों → टर्की → फारस → ईरान → अफगानिस्तान।
- फिर खैबर, कुर्रम, बोलन, गोमल दर्रों से भारत। 🐪
- 15वीं सदी में अरबों का प्रसार बढ़ा।
- जल मार्ग 🌊:
- भूमध्य सागर/कालासागर → लाल सागर → फारस की खाड़ी → अरब सागर → भारत। ⛵
- 1453 ई. में उस्मानिया तुर्कों ने कुस्तुनतुनिया पर कब्जा किया, जिससे स्थल मार्ग बंद हो गया। 😤
- यूरोपियों को नए जल मार्ग की जरूरत पड़ी!
भारत में यूरोपियनों का आगमन क्रम 📅
- पुर्तगाली: 1498 ई. (वास्को डी गामा) 🇵🇹
- डच: 1595 ई. 🇳🇱
- अंग्रेज: 1600 ई. 🇬🇧
- डेन: 1616 ई. 🇩🇰
- फ्रांसीसी: 1664 ई. 🇫🇷
फैक्ट्री स्थापना क्रम 🏭
- पुर्तगाल: 1503 ई. (कोचीन)
- डच: 1605 ई. (मछलीपट्टनम)
- अंग्रेज: 1611 ई. (मछलीपट्टनम)
- डेनमार्क: 1620 ई. (तंजौर)
- फ्रांसीसी: 1668 ई. (सूरत)
भारत में पुर्तगालियों का आगमन 🇵🇹
आधुनिक युग में भारत आने वाले पहले यूरोपीय पुर्तगाली थे। पोप अलेक्जेंडर ने उन्हें पूर्वी समुद्रों में व्यापार का एकाधिकार दिया। 📜
- वास्को डी गामा: 90 दिन की यात्रा के बाद अब्दुल मनीक (गुजराती पथ प्रदर्शक) की मदद से 1498 ई. में कालीकट पहुँचा। 🛳️
- यात्रा व्यय के बदले 60 गुना कमाई! 💰
- उद्देश्य:
- अरबों और वेनिस व्यापारियों का प्रभाव खत्म करना। ⚔️
- ईसाई धर्म प्रचार। ✝️
प्रमुख गवर्नर और विजय 🏆
- 1505 ई.: फ्रांसिस्को द अल्मीडा (प्रथम वायसराय) → नीले पानी की नीति (समुद्री नियंत्रण)।
- 1509 ई.: मिस्र-तुर्की-गुजरात सेना को दीव की लड़ाई में हराया। ⚓
- 1509 ई.: अल्फांसो द अल्बुकर्क (दूसरा वायसराय) → कोचीन मुख्यालय।
- 1510 ई.: बीजापुर से गोवा छीना। 🏰
- 1511 ई.: मलक्का।
- 1515 ई.: हरमुज।
- अन्य: दमन, दीव, सालसेट, बसीन, चोला, मुम्बई, सेंट थोमे। 🌍
- नीनो डी कुन्हा: कोचीन से गोवा स्थानांतरण → गोवा पुर्तगाल की औपचारिक राजधानी। 👑
मेड्रिक संधि (1633 ई.) 🤝
- ब्रिटेन और पुर्तगाल के बीच → व्यापारिक शत्रुता समाप्त।
पुर्तगाली प्रभाव 🇮🇳
- गोथिक स्थापत्य: गोवा, दमन, दीव में। 🏛️ (1961 तक शासन)
- भारत-जापान व्यापार शुरू। 🌏
- ईसाई मिशनरी: धर्म परिवर्तन प्रयास।
- 1540 ई.: गोवा हिंदू मंदिर नष्ट। 😠
- 1560 ई.: गोवा में धार्मिक न्यायालय। ⚖️
- प्रिंटिंग प्रेस: 1556 ई. (गोवा)। 🖨️
- पुस्तक: 1563 ई. ‘द इंडियन मेडिसिनल प्लांट्स’। 🌿
भारत में डचों का आगमन 🇳🇱
डच (हॉलैंड निवासी) का मुख्य उद्देश्य: दक्षिण-पूर्व एशिया मसाला बाजार में सीधा प्रवेश। 🌶️
- 1602 ई.: “यूनाईटेड ईस्ट इंडिया कंपनी ऑफ नीदरलैंड” स्थापना। 🏢
- प्रथम डच: 1596 ई. कारनोलिस डी हाउटमान।
प्रमुख कोठियाँ 🏭
- 1605 ई.: मछलीपट्टनम (नील निर्यात)।
- मुख्यालय: नागपट्टनम।
- व्यापार: मसाले, नील, कच्चा रेशम, शीशा, चावल, अफीम → बाद में भारतीय कपड़े (कोरोमंडल, बंगाल, गुजरात)। 👗
- किले:
- 1653 ई.: चिनसुरा में गुस्तावुस।
- कोच्चि में फोर्ट विलियम। 🏰
- पतन: 1759 ई. बेदारा युद्ध में अंग्रेजों (कर्नल फोर्ड) से हार। 😞
- फैक्ट्री प्रमुख: फेक्टर।
भारत में अंग्रेजों का आगमन 🇬🇧
- 1600 ई.: रानी एलिजाबेथ-I ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी चार्टर दिया। 👑
- प्रथम अंग्रेज: 1579 ई. थॉमस स्टीफेंस (पादरी, गोवा)।
प्रमुख घटनाएँ 📜
- 1608 ई.: कैप्टन हॉकिन्स जहाँगीर दरबार → सूरत बसने की अनुमति मांगी, लेकिन पुर्तगाली-सौदागर विरोध से असफल। 😕
- हॉकिन्स: फारसी जानता था, 3 साल आगरा रहा → 400 मनसब + जागीर।
- 1615 ई.: सर टॉमस रो जहाँगीर दरबार → पुस्तक: “पूर्वी द्वीपों की यात्रा”। 📖
- 1611 ई.: मछलीपट्टनम में पहली कोठी।
- 1717 ई.: डॉ. विलियम हैमिल्टन ने फर्रुखसियर को बीमारी से बचाया → फरमान: बंगाल में 3000 रुपये सालाना पर नि:शुल्क व्यापार। 💼
- बॉम्बे:
- 1669-77 ई.: गवर्नर गेराल्ड ऑंगियर (बॉम्बे का संस्थापक)।
- किलेबंदी, गोदी, न्यायालय, पुलिस, टकसाल (ताँबा-चाँदी सिक्के)। 🏙️
- बंगाल प्रथम गवर्नर: विलियम हेजेज।
- इंटरलोपर: एशिया में मुक्त व्यापार करने वाले अंग्रेज।
भारत में फ्रांसीसियों का आगमन 🇫🇷
सबसे अंत में प्रवेश।
- 1664 ई.: फ्रांस मंत्री कोलबर्ट की मदद से फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी (सरकारी सहायता पर)। 🏛️
- 1668 ई.: फ्रेंको कैरो द्वारा सूरत में पहली कोठी।
- 1669 ई.: मछलीपट्टनम।
- 1673 ई.: फ्रेंको मार्टिन + बेलागर डी लेस्पिन → पुडुचेरी गाँव → पांडिचेरी नींव (प्रथम गवर्नर: फ्रेंको मार्टिन)। 🌴
- डुप्ले: पहला व्यक्ति जिसने भारत में यूरोपीय उपनिवेश की नींव रखी। 😎
- विलियम नोरिस: औरंगजेब दरबार में अंग्रेज राजदूत।
भारत में डेन (डेनिश) का आगमन 🇩🇰
- 1616 ई.: डेन ईस्ट इंडिया कंपनी।
- 1620 ई.: त्रैंकोबार (तमिलनाडु)।
- 1667 ई.: सेरामपुर (बंगाल) → मुख्य केंद्र।
- 1845 ई.: कंपनी अंग्रेजों को बेची। 😢
आंग्ल-फ्रांसीसी संघर्ष: कर्नाटक युद्ध ⚔️
अंग्रेज-फ्रांसीसी युद्धों को कर्नाटक युद्ध कहा जाता है। व्यापार एकाधिकार और राजनीतिक नियंत्रण की महत्वाकांक्षा।
प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746-48 ई.) 🛡️
- यूरोप में ऑस्ट्रिया उत्तराधिकार युद्ध का विस्तार।
- 1746 ई.: डूप्ले ने मद्रास कब्जा → नवाब अनवरुद्दीन को लौटाने से इंकार।
- सेंट टोमे युद्ध (अडयार युद्ध): फ्रांसीसी ने नवाब सेना हराई (पहला भारतीय-यूरोपीय युद्ध)। 🎖️
- 1748 ई.: एक्स-ला-शापेल संधि → मद्रास अंग्रेजों को वापस।
द्वितीय कर्नाटक युद्ध (1749-55 ई.) 🤝
- भारतीयों के आपसी संघर्ष से लाभ।
- 1755 ई.: पांडिचेरी संधि → एक-दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप न करने का वादा।
तृतीय कर्नाटक युद्ध (1756-63 ई.) 🔥
- यूरोप में सप्तवर्षीय युद्ध से पांडिचेरी संधि टूटी।
- 1760 ई.: वांडिवाश युद्ध → सर आयर कूट ने फ्रांसीसी हराए।
- 1761 ई.: पांडिचेरी कब्जा + किलेबंदी नष्ट। 😞
- 1763 ई.: पेरिस संधि → युद्ध समाप्त।
ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल विजय 🏆
- 1717 ई.: मुर्शीदकुली खाँ → बंगाल स्वतंत्र।
- 1740 ई.: अलीवर्दी खाँ नवाब।
- 1756 ई.: सिराजुद्दौला नवाब।
ब्लैक होल दुर्घटना (20 जून 1756) 😱
- नवाब ने कासिम बाजार + फोर्ट विलियम कब्जा।
- 146 अंग्रेज कैदियों को छोटी कोठरी में बंद → 123 मरे।
- हॉलवेल: जीवित बचा → पुस्तक “Alive the Wonder”।
प्लासी का युद्ध (23 जून 1757) ⚔️
- क्लाइव ने मीर जाफर, जगत सेठ, राय दुर्लभ, अमीचंद से षड्यंत्र → मीर जाफर नवाब बनेगा।
- प्लासी मैदान: मीर जाफर + दुर्लभ ने भाग नहीं लिया → सिराजुद्दौला हारा + मारा गया।
परिणाम 💰
- मीर जाफर नवाब।
- कंपनी को: 1.77 करोड़ रुपये मुआवजा, बंगाल-बिहार-ओडिशा नि:शुल्क व्यापार, 24 परगना जमींदारी। 🏰
बक्सर का युद्ध (23 अक्टूबर 1764) 🔥
- मीर कासिम ने मुंगेर राजधानी बनाई + भारतीयों को नि:शुल्क व्यापार।
- गठबंधन: मीर कासिम + शुजाउद्दौला + शाह आलम II।
- हेक्टर मुनरो ने हराया। शाह आलम आत्मसमर्पण, मीर कासिम भागा (1777 मृत्यु)।
इलाहाबाद संधियाँ (1765) 🤝
- क्लाइव गवर्नर।
- शुजाउद्दौला से: इलाहाबाद + कड़ा + 50 लाख रुपये।
- शाह आलम II से (12 अगस्त): सुरक्षा + इलाहाबाद-कड़ा।
- शुजाउद्दौला से (16 अगस्त): दूसरी संधि।
- वी.ए. स्मिथ: “बक्सर ने प्लासी के अधूरे काम पूरे किए”।
नोट: बक्सर समय नवाब मीर जाफर।
टेबल: प्रमुख युद्ध 🛡️
| युद्ध | वर्ष | विजेता | महत्व |
|---|---|---|---|
| दीव | 1509 | पुर्तगाली | समुद्री श्रेष्ठता |
| बेदारा | 1759 | अंग्रेज | डच पतन |
| प्लासी | 1757 | अंग्रेज | बंगाल नियंत्रण |
| बक्सर | 1764 | अंग्रेज | साम्राज्य नींव |
| वांडिवाश | 1760 | अंग्रेज | फ्रांसीसी हार |
निष्कर्ष: यूरोपीय साम्राज्य की नींव 🌟
यूरोपियन आगमन ने भारत को व्यापार से साम्राज्यवाद की ओर धकेला। पुर्तगाली ने रास्ता दिखाया, डच-फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा की, लेकिन अंग्रेज (प्लासी + बक्सर) विजयी हुए। यह इतिहास की Turning Point थी! 🇮🇳🔥
FAQs ❓
- पहला यूरोपीय? पुर्तगाली (1498)।
- प्लासी में नवाब? सिराजुद्दौला।
- बक्सर कमांडर? हेक्टर मुनरो।
- गोवा कब्जा? 1510 (अल्बुकर्क)।
संबंधित खोजें: कर्नाटक युद्ध, ईस्ट इंडिया कंपनी, ब्रिटिश राज।
