ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार: आंग्ल-मैसूर, मराठा युद्ध, सहायक संधि, व्यपगत नीति | संपूर्ण इतिहास 📜🔥

By: LM GYAN

On: 9 November 2025

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ब्रिटिश साम्राज्य विस्तार 2025: आंग्ल-मैसूर युद्ध (1767-1799), मराठा युद्ध (1775-1818), सहायक संधि (वेलेजली), व्यपगत नीति (डलहौजी), प्रमुख संधियाँ, गवर्नर जनरल। विस्तृत टेबल्स + चार्ट्स! 🗡️🇬🇧


परिचय: ब्रिटिश विस्तार की रणनीति 🏰

बंगाल विजय (प्लासी 1757, बक्सर 1764) के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने दक्षिण और मध्य भारत पर कब्जा जमाया। 😎 मुख्य उपकरण: आंग्ल-मैसूर युद्ध (हैदर अली-टीपू), आंग्ल-मराठा युद्ध, सहायक संधि (वेलेजली), व्यपगत नीति (डलहौजी)। ये युद्ध व्यापार से साम्राज्यवाद की ओर ले गए! 🚀


आंग्ल-मैसूर युद्ध 🛡️ (हैदर अली + टीपू सुल्तान)

युद्धवर्षगवर्नर जनरलकारणपरिणामसंधि
प्रथम1767-69लॉर्ड वेरेल्स्टअंग्रेज महत्वाकांक्षा, मालाबार पर हैदर नियंत्रण, कर्नाटक नवाब शत्रुता, हैदर का प्रस्ताव अस्वीकारविजित प्रदेश + युद्धबंदी लौटाए, आक्रमण पर सहायता वचनमद्रास संधि 1769 🤝
द्वितीय1780-84वारेन हेस्टिंग्ससंधि उल्लंघन, माहे कब्जा, हैदर का त्रिगुट (मराठा+निजाम), फ्रांसीसी संबंधटीपू को व्यापारिक अधिकार मानना पड़ा, मित्रता + मदद आश्वासनमंगलौर संधि 1784 📜
तृतीय1790-92लॉर्ड कॉर्नवालिसमंगलौर अस्थायी, टीपू-फ्रांसीसी संपर्क, मराठा उकसानाटीपू: आधा राज्य + 3 करोड़ जुर्मानाश्रीरंगपट्टनम संधि 1792 💰
चतुर्थ1799लॉर्ड वेलेजलीटीपू-फ्रांसीसी, नेपोलियन खतरा, आक्रामक नीतिटीपू मृत्यु, राज्य विभाजन, दक्षिण भारत पर प्रभुत्व– (टीपू “सीधासाधा दैत्य”) 😈

नोट: मलावली + सदापीर लड़ाइयाँ चतुर्थ से संबंधित।


आंग्ल-मराठा युद्ध ⚔️

युद्धवर्षकारणप्रमुख घटनाएँपरिणामसंधि
प्रथम1775-82रघुनाथ राव vs पेशवासूरत संधि (1775: रघुनाथ पेशवा, सालसेट अंग्रेज), पूना संधि (1776: रघुनाथ छोड़ा), तेलगाँव/बड़गाँव हार, बड़गाँव संधि (1779)सालसेट अंग्रेज, माधवराव II पेशवासालबाई संधि 1782 (महादजी सिंधिया प्रयास) 🤝
द्वितीय1803-06फ्रांसीसी भय, वेलेजली हस्तक्षेप + सहायक संधिबेसिन संधि (1802: पेशवा निर्भर), होल्कर संघर्ष, लसवाड़ी युद्धहोल्कर पराजयराजपुर घाट संधि 1804 📜
तृतीय1817-18हेस्टिंग्स, पिंडारी दमन, बाजीराव II असंतुष्टगायकवाड़ हत्या, पूना/नागपुर/इंदौर हमला, किर्गी (5 नवंबर 1817), सीताबर्डी (27 नवंबर), महीदपुर (24 दिसंबर)बाजीराव आत्मसमर्पण, पेशवा पद समाप्त, सतारा राज्य (शिवाजी वंशज)विभिन्न संधियाँ (पूना 1817 आदि) 🏆

मराठों द्वारा सम्पन्न प्रमुख संधियाँ 📜

संधिवर्षसंधिकर्ता
संगोला1750बालाजी बाजीराव/निजाम
मुंगी शिवगाँव1728बाजीराव I/निजाम
राक्षस-भुवन1763माधवराव I/निजाम
दुरई-सराय1738बाजीराव I/निजाम
पुरंदर1665जयसिंह (मुगल)/शिवाजी
झलकी1752बालाजी बाजीराव/निजाम
वार्ना1731शाहू/शम्भाजी II
सूरत1775रघुनाथ राव/अंग्रेज
पुरंदर1776माधवराव नारायण/अंग्रेज
बसीन1802बाजीराव II/अंग्रेज
सालबाई1782माधवराव नारायण/अंग्रेज
दिल्ली1719बालाजी विश्वनाथ/मुगल
बड़ौदा1817गायकवाड़/अंग्रेज
बड़गाँव1779माधवराव नारायण/अंग्रेज
पूना1817बाजीराव II/अंग्रेज
नागपुर1816भौंसले/अंग्रेज
मंदसौर1818होल्कर/अंग्रेज
ग्वालियर1817दौलतराव सिंधिया/अंग्रेज
देवगाँव1803भौंसले/अंग्रेज
राजपुर घाट1805होल्कर/अंग्रेज

पुस्तकें: ग्रांड डफ – “A History of Marathas”; जदुनाथ सरकार – “Shivaji and his times” (1919) 📖


सहायक संधि: लॉर्ड वेलेजली (1798-1805) 🤝

  • उद्देश्य: साम्राज्यवादी, ब्रिटिश अनुमति बिना युद्ध/संबंध निषेध।
  • ब्रिटिश सेना रखी (खर्च: क्षेत्र या अनुदान) → बाह्य सुरक्षा।
  • प्रमुख राज्य:
  1. हैदराबाद (1798, प्रथम)
  2. मैसूर (1799)
  3. अवध (1801)
  4. पेशवा (1802)

व्यपगत नीति (Doctrine of Lapse): लॉर्ड डलहौजी (1848-56) 💥

  • सिद्धांत: उत्तराधिकारी न हो → गोद निषेध, ब्रिटिश मान्यता जरूरी। कुशासन पर हड़प।
  • शामिल राज्य:
  • सतारा (1848)
  • संभलपुर (1849)
  • जैतपुर (1849)
  • उदयपुर MP (1852)
  • झाँसी (1853)
  • नागपुर (1854)
  • तंजौर (1855)
  • अवध (1856, कुशासन)

अंग्रेजों + भारतीय राज्यों की प्रमुख संधियाँ 📜

संधिवर्षसंधिकर्ता
अलीनगर1757सिराजुद्दौला + कंपनी (क्लाइव+वॉटसन)
अमृतसर1809रणजीत सिंह + कंपनी (मिंटो)
इलाहाबाद1765क्लाइव + शाह आलम II
उदयपुर1818राणा + अंग्रेज
गंडमक1879लिटन + शेर अली
देवगाँव1803रघुजी भौंसले + अंग्रेज
पुरंदर1776मराठा + कंपनी
पूना1817बाजीराव II + अंग्रेज
बड़गाँव1779मराठा + कंपनी (कर्नल काकवर्न)
बनारस1773/1776शुजाउद्दौला/चैत सिंह + कंपनी
बसीन1802बाजीराव II + अंग्रेज
सालबाई1782शिंदे + कंपनी
सुर्जीअर्जनगाँव1803दौलत राव + अंग्रेज

गवर्नर जनरल + वायसराय: प्रमुख योगदान 👑

बंगाल गवर्नर

  • रॉबर्ट क्लाइव (1757-60, 1765-67): द्वैध शासन, इलाहाबाद संधि।

गवर्नर जनरल (1773 से)

  • वारेन हेस्टिंग्स (1772-85): द्वैध समाप्त, उच्चतम न्यायालय (1774), मदरसा + एशियाटिक सोसाइटी (1781), बंगाल गजट (1780)।
  • कॉर्नवालिस (1786-93): स्थायी बंदोबस्त, कॉर्नवालिस संहिता, सिविल सेवा जनक, पुलिस थाने।
  • जॉन शोर (1793-98): अहस्तक्षेप।
  • वेलेजली (1798-1805): सहायक संधि जनक, फोर्ट विलियम कॉलेज, बंगाल का शेर।
  • मिंटो I (1807-13): अमृतसर संधि।
  • हेस्टिंग्स (1813-23): सुगौली संधि, पिंडारी दमन।
  • एम्हर्स्ट (1823-28): यांडबू संधि (बर्मा)।
  • विलियम बैंटिक (1828-35): सती प्रथा (1829), ठगी, विधवा पुनर्विवाह, मेडिकल कॉलेज, शिक्षा माध्यम अंग्रेजी।
  • मेटकॉफ (1835-36): प्रेस मुक्तिदाता।
  • ऑकलैंड (1836-42): ग्रांड ट्रंक रोड।
  • एलनबरो (1842-44): सिंध विलय, दास प्रथा उन्मूलन।
  • डलहौजी (1848-56): रेल (1853), डाक टिकट (1854), तार (1853), वुड डिस्पैच (1854), व्यपगत नीति।
  • कैनिंग (1856-58): 1857 विद्रोह, अंतिम GG।

वायसराय (1858 से)

  • कैनिंग (1858-62): प्रथम वायसराय, IPC 1860, विक्टोरिया सम्राज्ञी।
  • जॉन लॉरेंस (1864-69): अकाल आयोग, टेलीग्राफ।
  • मेयो (1869-72): वित्तीय विकेंद्रीकरण, मेयो कॉलेज, जनगणना 1872, हत्या।
  • नॉर्थब्रुक (1872-76): नेटिव मैरिज एक्ट।
  • लिटन (1876-80): दिल्ली दरबार (1877), वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट, शस्त्र अधिनियम।
  • रिपन (1880-84): उद्धारक, जनगणना 1881, कारखाना अधिनियम, प्रेस स्वतंत्र, स्थानीय स्वशासन, हंटर आयोग।
  • डफरिन (1884-88): बर्मा विलय, INC स्थापना 1885।
  • लैंसडाउन (1888-94): डूरंड रेखा, एज ऑफ कंसेंट।
  • एल्गिन II (1894-99): “तलवार से विजय”।
  • कर्जन (1899-1905): बंगाल विभाजन (1905), पुरातत्व सर्वेक्षण, विक्टोरिया मेमोरियल।
  • मिंटो II (1905-10): मार्ले-मिंटो सुधार, मुस्लिम लीग।
  • हार्डिंग II (1910-16): दिल्ली राजधानी (1911), बम हमला।
  • चेम्सफोर्ड (1916-21): मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड, रौलेट एक्ट।
  • रीडिंग (1921-26): ICS परीक्षा भारत में।
  • इरविन (1926-31): शारदा एक्ट, साइमन कमीशन।
  • विलिंगटन (1933-36): 1935 अधिनियम।
  • लिनलिथगो (1936-44): WWII, अगस्त प्रस्ताव, भारत छोड़ो।
  • वेवेल (1944-47): शिमला सम्मेलन, कैबिनेट मिशन।
  • माउंटबेटन (1947-48): स्वतंत्रता, विभाजन।

नोट: अंतिम भारतीय वायसराय – सी. राजगोपालाचारी।


चार्ट: आंग्ल युद्ध समयरेखा 📊

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टेबल: सहायक संधि vs व्यपगत नीति

नीतिजनकउद्देश्यप्रभाव
सहायक संधिवेलेजलीब्रिटिश सेना + निर्भरताभारतीय राज्य कमजोर
व्यपगतडलहौजीगोद निषेध + कुशासन8 राज्य हड़प

निष्कर्ष: ब्रिटिश साम्राज्य की मजबूती 🌟

मैसूर + मराठा युद्धों ने दक्षिण-मध्य भारत जीता, संधियों ने निर्भरता बढ़ाई, नीतियों ने विस्तार किया। 1857 विद्रोह की नींव! 🇮🇳🔥

FAQs

  1. सहायक संधि प्रथम? हैदराबाद 1798।
  2. व्यपगत से झाँसी? 1853।
  3. पेशवा पद समाप्त? 1818।
  4. रिपन उपाधि? उद्धारक।

संबंधित: 1857 विद्रोह, ब्रिटिश सुधार। 🚀

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