पुनर्जागरण एवं सामाजिक सुधार : 7 क्रांतिकारी सुधार आंदोलनों ने कैसे जगाया भारत🔥🇮🇳

By: LM GYAN

On: 9 November 2025

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डाइव करें पुनर्जागरण 19वीं सदी के 7+ शक्तिशाली सामाजिक सुधार आंदोलनों में – ब्रह्म समाज से आर्य समाज तक! 🎯 सती प्रथा, जातिवाद, महिला शिक्षा पर विजय की पूरी डिटेल्स के साथ। #IndianRenaissance #SocialReforms


Table of Contents

🌟 परिचय: भारत का पुनर्जागरण – रूढ़ियों को तोड़कर नई सुबह की शुरुआत! 🚀

19वीं सदी का भारतीय पुनर्जागरण वो सुनहरा दौर था जब समाज की गहरी जड़ें हिलीं और प्रगति की नई लहर चली! 😍 पुरातन कुरीतियां जैसे जातिवाद, मूर्तिपूजा, अवतारवाद, बाल विवाह, बहुविवाह, सती प्रथा और धार्मिक अंधविश्वासों पर जोरदार हमला हुआ। महान नेता जैसे राजा राममोहन राय, दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकानन्द ने आधुनिक शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, विधवा विवाह, प्रेस की आजादी, पूंजीवाद और स्थायी बंदोबस्त को जोरदार समर्थन दिया।

एकेश्वरवाद के तर्कों से समाज को नई दिशा मिली। ब्रिटिश काल में ये आंदोलन भारतीयों को आत्मजागृति की ओर ले गए। 📜 आइए विस्तार से khám करें हर संगठन, कानून, आंदोलन की पूरी कहानी – बिना एक भी डिटेल छोड़े, शानदार headings, emojis, bullets और tables के साथ! 💥 ये आर्टिकल इतना डिटेल्ड है कि पढ़ते रह जाओगे! 📖


👑 ब्रह्म समाज: पुनर्जागरण का असली जनक और आधुनिक भारत की मजबूत नींव! ⚡

20 अगस्त 1828 को कलकत्ता में राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की – ये भारत में सामाजिक जागरण का पहला बड़ा कदम था! 🌟 राय को “आधुनिक भारत का पिता”, “अतीत और भविष्य के बीच का पुल” तथा “भारत में पुनर्जागरण का जनक” माना जाता है। वे “पत्रकारिता के अग्रदूत” और “भाषायी प्रेस के प्रर्वतक” थे।

बचपन में सीरामपुर मिशनरियों के संपर्क से प्रभावित हुए। मुगल सम्राट अकबर द्वितीय ने उन्हें ‘राजा’ की उपाधि दी। 👑 1829 में सती प्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध लगवाया (अधिनियम-17)। 1833 में ब्रिस्टल (इंग्लैंड) में देहांत हुआ, वहां उनका स्मारक आज भी खड़ा है। 🪦

राजा राममोहन राय के शानदार संगठन 🤝

  • आत्मीय सभा (1815): डच घड़ीसाज डेविड हेमर की सहायता से स्थापित।
  • वेदान्त कॉलेज (1825): ज्ञान का केंद्र।
  • ब्रिटिश यूनिटेरियन एसोसिएशन: अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन।

राय की क्रांतिकारी पुस्तकें 📚

  • तुहफात-उल-मुवाहिद्दीन (1809, फारसी): एकेश्वरवादियों को अनमोल तोहफा! 🎁
  • प्रीसेप्ट्स ऑफ जीसस (1820): ईसाई सिद्धांतों पर प्रकाश।
  • हिन्दू उत्तराधिकार के नियम: कानूनी सुधार। ⚖️

आवाज उठाने वाले समाचार पत्र 📰

  • मिरातुल अखबार (फारसी): पहला फारसी अखबार।
  • संवाद कौमुदी (बांग्ला): जनजागृति का हथियार।
  • प्रज्ञाचंद: बौद्धिक चर्चा।

राय के जोरदार विरोध और समर्थन 💪

  • विरोध में थे: अवतारवाद, जातिवाद, मूर्तिपूजा, बाल विवाह, बहुविवाह, सती प्रथा, धार्मिक अंधविश्वास। ❌
  • समर्थन में थे: आधुनिक शिक्षा, महिला शिक्षा, विधवा विवाह, प्रेस स्वतंत्रता, पूंजीवाद, स्थायी बंदोबस्त। ✅
  • एकेश्वरवाद के पक्ष में मजबूत तर्क दिए। 🙏

1843 में देवेन्द्रनाथ टैगोर ने ब्रह्म समाज का नेतृत्व संभाला। 1839 में तत्वबोधिनी सभा की स्थापना की – उपनिषदीय ज्ञान पर विशेष जोर, बाद में ब्रह्म समाज में विलय। टैगोर की किताब ‘ब्रह्म धर्म’। 📖 तत्वबोधिनी पत्रिका के संपादक: अक्षय कुमार दत्त

केशवचन्द्र सेन ने भारतीय ब्रह्म समाज बनाया, जबकि टैगोर वाला आदि ब्रह्म समाज कहलाया। सेन ने मैत्री संघ (संगत सभा) स्थापित की और इण्डियन मिरर अखबार निकाला। 1872 में उनके प्रयास से नेटिव मैरिज एक्ट पारित – विवाह की न्यूनतम आयु: लड़का 18 वर्ष, लड़की 14 वर्ष। 👰🤵 सेन के अनुयायियों ने आनन्द मोहन बोस के नेतृत्व में 1878 में साधारण ब्रह्म समाज गठित किया।

ब्रह्म समाज ने कर्म सिद्धांत और पुनर्जन्म पर कोई निश्चित राय नहीं दी। ❓

🌴 वेद समाज: दक्षिण भारत का अपना ब्रह्म समाज! 🏺

केशवचन्द्र सेन की प्रेरणा से श्री धरलू नायडू ने स्थापना की। प्रमुख नेता: विश्वनाथ मुदालियर। दक्षिण में सुधार की लहर!


⚔️ आर्य समाज: “वेदों की ओर लौटो” – स्वदेशी और शुद्धि की आग! 📣

1875 में बॉम्बे में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की नींव रखी। जन्म: 1824, गुजरात के मौरवी जिले में; असली नाम: मूलशंकर। पहला गुरु पूर्णानन्द (दयानन्द नाम दिया), दूसरा विरजानन्द (वेदों का गहन ज्ञान)। 👨‍🏫

ऋग्वेद को सबसे प्रामाणिक ग्रंथ माना। “वेदों की ओर लौटो” का नारा दिया। स्वदेशी शब्द का पहला प्रयोग! 🇮🇳 शुद्धि आंदोलन चलाया – धर्मांतरित मुसलमानों को वापस हिन्दू धर्म में लाया (इससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा)। 1877 में लाहौर, 1878 में दिल्ली शाखाएं।

दयानन्द की अमर रचनाएं 🔥

  • सत्यार्थ प्रकाश (1874): हिंदी में लिखी, उदयपुर में रचना, अजमेर में प्रकाशन – आर्य समाज की बाइबल!
  • अद्वैतमत का खण्डन (1877)
  • वेदभाष्य भूमिका (1876)
  • ऋग्वेद भाष्य (1877)
  • पंच मद्य यज्ञ विधि (1875)
  • वल्लभाचार्य मत खण्डन (1875) 📚

ब्रिटिश लेखक वेलेन्टाइन शिरोल ने आर्य समाज को “भारतीय अशांति का जनक” कहा। 😤


🕉️ रामकृष्ण मिशन: आध्यात्म और सेवा का अनोखा मेल! 🙏

1897 में कलकत्ता के निकट बैल्लुर में स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण परमहंस के शिष्य के रूप में स्थापना की। विवेकानन्द का बचपन नाम: नरेन्द्र नाथ दत्तखेतड़ी महाराजा अजीतसिंह ने ‘विवेकानन्द’ नाम दिया और वित्तीय मदद से 1893 शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन भेजा। 🌍

1836 में न्यूयॉर्क में वेदान्त सोसायटी स्थापित। पत्रिकाएं: प्रबुद्ध भारत (अंग्रेजी), उद्बोधन (बांग्ला)। प्रमुख शिष्या: आयरलैंड की मार्गेट एलिजाबेथ (भगिनी निवेदिता)। 👩‍🏫 सेवा, शिक्षा और आध्यात्म पर फोकस!


🔮 थियोसोफिकल सोसायटी: रहस्यमयी ज्ञान और BHU की जड़ें! 🌌

1875 में न्यूयॉर्क में मैडम ब्लावत्सकी और कर्नल अल्कॉट ने शुरू की। 1882 में मद्रास के पास अड्यार मुख्यालय। एनी बेसेन्ट 1893 में भारत आईं, 1907 में अध्यक्ष बनीं।

1898 में बनारस में हिन्दू कॉलेज स्थापित, जो 1916 में मदन मोहन मालवीय के प्रयास से बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) बना। 🎓 एनी आयरिश थीं, लेकिन पिछले जन्म भारत में मानती थीं – भारतीय पोशाक और खान-पान अपनाया। दत्तक पुत्र जे. कृष्णमूर्ति को ‘कृष्ण का अवतार’ घोषित किया।

समाचार पत्र: कॉमन वील, न्यू इंडिया। अखिल भारतीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। हिन्दू, पारसी, बौद्ध सिद्धांतों में विश्वास; उपनिषदीय ज्ञान, आत्मा की अमरता, पुनर्जन्म पर जोर। 🕊️


💥 यंग बंगाल आंदोलन: युवाओं की बगावत और राष्ट्रवादी कविता! ✍️

हेनरी विवियन डेरोजियो प्रवर्तक। फ्रांसीसी क्रांति से प्रेरित, स्वतंत्र विचार और वैज्ञानिक तर्कशक्ति पर बल। “आधुनिक भारत का पहला राष्ट्रवादी कवि”।

डेरोजियो की संस्थाएं 🤝

  • एकेडेमिक एसोसिएशन
  • सोसायटी फॉर द एक्वीजिशन ऑफ जनरल नॉलेज
  • एंग्लो-इण्डियन हिन्दू एसोसिएशन
  • बंगहित सभा
  • डिबेटिंग क्लब 🗣️

समाचार पत्र 📰

  • ईस्ट इंडिया
  • इंडिया गजट
  • कलकत्ता साहित्य गजट

🕌 अलीगढ़ आंदोलन: मुस्लिम शिक्षा और जागृति का पावरहाउस! 📖

सर सैय्यद अहमद खाँ प्रवर्तक। 1857 विद्रोह में ईस्ट इंडिया कंपनी की न्यायिक सेवा में थे। विद्रोह के बाद अंग्रेजों के मन में मुसलमानों प्रति अविश्वास कम करने का प्रयास।

प्रमुख संस्थाएं 🏫

  • मुहम्मडन लिटरेरी सोसायटी (1863, कलकत्ता)
  • साइन्टिफिक सोसायटी (1864)
  • मुस्लिम ऐंग्लो ओरिएंटल स्कूल (1875): 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) बना।

पत्रिकाएं 📜

  • तहजीब उल अखलाक (सभ्यता और नैतिकता)
  • राजभक्त मुसलमान

☪️ देवबन्द आंदोलन: इस्लामी शिक्षा का गढ़! 🛕

1867 में देवबन्द, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में स्थापना। संस्थापक: रशीद अहमद गंगोही, मुहम्मद कासिम ननौतवी। 1857 क्रांति के विद्रोही सैनिक शामिल। ‘दार-उल-उलूम’ के नाम से प्रसिद्ध। 📚


🗡️ वहाबी (वली उल्लाह) आंदोलन: हिंसक इस्लामी सुधार! ⚔️

ईरान में अब्दुल वहाब ने शुरू। भारत में सैय्यद अहमद बरेलवी ने लोकप्रिय बनाया, मुख्यालय पटना। हिंसक आंदोलन – ‘दार उल हर्ब’ को ‘दार उल इस्लाम’ में बदलने का लक्ष्य।


🌙 अहमदिया आंदोलन: विवादास्पद अवतार दावे! 👳

1889 में गुरुदासपुर (पंजाब) के कादियान में मिर्जा गुलाम अहमद ने शुरू। खुद को पैगंबर मुहम्मद और भगवान कृष्ण का अवतार घोषित। किताब: बहरीन-ए-अहमदिया


🌈 अन्य शानदार सुधार आंदोलन: विविधता में एकता! 💪

  • रेहनुमा-ए-माज्दा-ए-सभा (1851): पारसी धर्म सुधार। संस्थापक: नौरोजी फरदोन जी, दादा भाई नौरोजी, एस.एस. बंगाली
  • परमहंस मण्डली (1849): गोपाल हरि देशमुख (उपनाम लोकहितवादी)। मराठी पत्रिका ‘लोकहितवादी’।
  • सत्य शोधक समाज (1873): ज्योतिराव गोविंदराव फुले (ज्योतिबा फुले) – निम्न जातियों के उत्थान के लिए। किताबें: गुलाम गिरि, शिवाजी की जीवनी, सार्वजनिक सत्य धर्म। दलित बच्चों के लिए स्कूल खोले। 👦👧
  • शारदा सदन: पण्डिता रमाबाई
  • आत्मसम्मान आंदोलन (1920s): वी. रामास्वामी नायकर (पेरियार)
  • सिख धर्म सुधार: निरंकारी आंदोलन (बाबा दयाल दास), नामधारी आंदोलन (बाबा राम सिंह), सिंह सभा आंदोलन (1870, अमृतसर)
  • वायकोम सत्याग्रह: गांधीवादी शैली, ब्राह्मणवाद विरोध, मंदिर प्रवेश के लिए।

प्रार्थना समाज (1867): बॉम्बे का सुधार केंद्र! 🏙️

1867 में बॉम्बे में केशवचन्द्र सेन के प्रयास से स्थापना। संस्थापक: महादेव गोविन्द रानाडे, आत्माराम पाण्डुरंग, आर.जी. भण्डारकर, एन.जी. चन्द्रावरकर। महिला शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह, जातिवाद समर्थन।

महादेव गोविन्द रानाडे: महाराष्ट्र का सुकरात! 🤔

  • बॉम्बे हाईकोर्ट जज।
  • 1867: विधवा विवाह संघ
  • 1870: पूना सार्वजनिक सभा
  • 1884: दक्कन एजुकेशनल सोसायटी
  • गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक गुरु (गोखले गांधी के गुरु)।
  • 1887: इण्डियन नेशनल सोशल कॉन्फ्रेंस

👰 विधवा पुनर्विवाह: महिलाओं को दूसरा मौका! 🌅

ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के प्रयास से लॉर्ड कैनिंग काल में हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 (धारा-15) – विधवा विवाह को कानूनी दर्जा।

  • डी.के. कर्वे: 1899 पूना में विधवा आश्रम, विधवा पुनर्विवाह संघ सचिव।
  • विष्णु शास्त्री पंडित: 1850 विधवा विवाह समाज
  • करसोनदास मलजी: 1852 गुजराती पत्रिका ‘सत्यप्रकाश’
  • वीरशैलिंगम: 1878 राजा मुन्द्री सोशल रिफॉर्म – विधवा विवाह प्रोत्साहन।

👩‍🎓 महिला शिक्षा: सशक्त भारत की कुंजी! 🔑

  • ईसाई मिशनरी: 1819 कलकत्ता में तरुण स्त्री सभा
  • जे.डी. बेटन: 1849 कलकत्ता बालिका विद्यालय।
  • ईश्वरचन्द्र विद्यासागर: 35+ बालिका विद्यालयों से जुड़े।
  • डी.के. कर्वे: 1906 बॉम्बे में भारतीय महिला विश्वविद्यालय

🛑 बाल विवाह पर लगाम: बचपन की रक्षा! 🚸

  • 1872 सिविल मैरिज एक्ट (केशवचन्द्र सेन): लड़का 18, लड़की 14; बहुपत्नी प्रथा खत्म।
  • 1891 एज ऑफ कंसेंट एक्ट (बहरामजी मालाबारी, एस.एस. बंगाली): लड़की की विवाह आयु 12 वर्ष।
  • 1930 शारदा एक्ट (हरविलास शारदा): लड़का 18, लड़की 14।

❌ कुरीतियां उन्मूलन: सती से दास प्रथा तक! 🔥

  • सती प्रथा (1829): लॉर्ड विलियम बेंटिक, राजा राममोहन राय की भूमिका (नियम-17); पहले बंगाल में लागू।
  • ठगी प्रथा: बेंटिक, कर्नल स्लीमैन नियुक्त; 1837 तक समाप्त।
  • शिशु वध: राजपूतों में प्रचलित (कन्या हत्या); 1795 जॉनशोर, 1804 वेलेजली (नियम 3) – सामान्य हत्या माना।
  • नरबलि: खोंड जनजाति में; हार्डिंग प्रथम, कैंपबेल; 1844-45 तक खत्म।
  • दास प्रथा: 1843 लॉर्ड एलनबरो प्रतिबंध; 1833 अधिनियम में निर्देश।

📊 मेगा टेबल: प्रमुख संगठनों की पूरी लिस्ट! 🗒️

संगठनस्थापना वर्षस्थानसंस्थापक
इंडियन रिफॉर्म एसोसिएशन1870कलकत्ताकेशवचन्द्र सेन
इंडियन नेशनल सोशल कॉन्फ्रेंस1887महाराष्ट्रमहादेव गोविन्द रानाडे
पूना सेवा सदन1908बेहीरमजी मालाबारी, दयाराम गिडुमल
आर्य समाज1875बॉम्बेस्वामी दयानन्द सरस्वती
ब्रह्म समाज1828बंगालराजा राममोहन राय
आदि ब्रह्म समाज1866कलकत्तादेवेन्द्रनाथ टैगोर
ब्रह्म समाज ऑफ इंडिया1866कलकत्ताकेशवचन्द्र सेन
आत्मीय सभा1815बंगालराजा राममोहन राय
साधारण ब्रह्म समाज1878कलकत्ताशिवनाथ शास्त्री, आनन्द मोहन बोस
परमहंस सभा (मंडली)1849महाराष्ट्रदादोबा पांडुरंग, जाम्बेकर शास्त्री
प्रार्थना समाज1867महाराष्ट्रआत्माराम पांडुरंग, जाम्बेकर शास्त्री
वेदान्त सोसायटी1896न्यूयॉर्कस्वामी विवेकानन्द
रामकृष्ण मिशन1897कलकत्तास्वामी विवेकानन्द
तत्व बोधिनी सभा1839बंगालदेवेन्द्रनाथ टैगोर
थियोसोफिकल सोसायटी1875न्यूयॉर्ककर्नल आल्काट, मैडम ब्लावत्सकी
शारदा सदन1889महाराष्ट्ररमाबाई
यूनिटेरियन मिशन1821बंगालराजा राम मोहन राय
डेक्कन एजुकेशन सोसायटी1884पूनारानाडे, आगरकर
राजमुन्द्री सोशल रिफार्म एसोसिएशन1878आन्ध्रप्रदेशवीरसालिंगम पांतलु
सत्यशोधक समाज1873महाराष्ट्रज्योतिबा फुले
स्टूडेण्ट लिटेरी एंड साइन्टिफिक सोसायटी1848महाराष्ट्र
वेद समाज1864मद्रासके. श्री धरलू नायडू
अहरार आन्दोलन1910अली बन्धु, हकीम अजमल खाँ
मद्रास हिन्दू समिति1904मद्रासएनी बेसेन्ट
एकेडमिक एसोसिएशन1831बंगालहेनरी विवियन डेरोजियो
अहमदिया आन्दोलन1889कादियान (पंजाब)गुलाम अहमद
सर्वेण्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी1905महाराष्ट्रगोपाल कृष्ण गोखले
सोशल सर्विस लीग1911बॉम्बेएम.एम. जोशी
संगत सभा1860बंगालदेवेन्द्रनाथ टैगोर
साइंटिफिक सोसायटी1864अलीगढ़सैय्यद अहमद खाँ
यूनिवर्सल रिलिजियस सोसायटीगुजरातमेहताजी दुर्गा राम
अलीगढ़ एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज (AMU)1875अलीगढ़सर सैय्यद अहमद खाँ
विधवा विवाह संघ1861महाराष्ट्ररानाडे
विधवा आश्रम संघ1867पूनारानाडे, कर्वे
मुहम्मडन लिटेरी सोसायटी1863कलकत्ताअब्दुल लतीफ
यंग बंगाल आन्दोलन1831बंगालहेनरी विवियन डेरोजियो
विडो रीमैरिज एसोसिएशन1850महाराष्ट्रविष्णु शास्त्री पंडित
धर्म सभा1830बंगालराधाकान्त देव
भारत धर्म महामण्डल1887हरिद्वारपं. दीनदयाल शर्मा
देवबन्द आन्दोलन1867देवबन्द सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)मुहम्मद कासिम ननौत्वी, रसीद अहमद गंगोही
मद्रास हिन्दू सामाजिक सुधार समिति1892मद्रासवीरेसलिंगम पांतलु
रहनुमाई मजदयासन् सभा1851बॉम्बेनौरोजी फरदोनजी, दादा भाई नौरोजी, एस.एस. बंगाली
सत्य महिमा धर्म1860मुकुन्द दास
राधा स्वामी सम्प्रदाय1861आगराशिवदयाल खत्री (तुलसी राम)
स्वामी नारायण सम्प्रदायगुजरातस्वामी सहजानन्द
देव समाज1887लाहौरशिव नारायण अग्निहोत्री
सेवा समिति1914इलाहाबादहृदयनाथ कुंजरू
भील सेवा मण्डल1922अमृतलाल विट्टलदास ठक्कर
मानव धर्म सभा1844पश्चिमी भारतमंचाराम
नामधारी आन्दोलन1875पंजाबरामसिंह
पूना सार्वजनिक सभा1867पूनारानाडे
दीनबन्धु सार्वजनिक सभा1884महाराष्ट्रज्योतिबा फुले

⚖️ समाज सुधार कानून: कानूनी क्रांति की जीत! 🏆

कानूनवर्षगवर्नर जनरल/वायसराय
सम्मति आयु अधिनियम1891लॉर्ड लैंसडाउन
हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम1856लॉर्ड कैनिंग
सती प्रथा निषेध कानून1829विलियम बेंटिक
शारदा कानून1930लॉर्ड इरविन
बाल हत्या निरोधक कानून-41802लॉर्ड वैलेजली
कन्या वध निषेध कानून1795सर जान शोर
धार्मिक निर्योग्यता अधिनियम-211850लॉर्ड डलहौजी

महत्वपूर्ण धाराएं 📜

  • एज ऑफ कंसेंट एक्ट (1891): कन्या आयु 12 वर्ष से कम नहीं।
  • नेटिव मैरिज एक्ट (1872): लड़का 18, लड़की 14।
  • विधवा पुनर्विवाह: धारा-15।
  • सती प्रथा: नियम-17।
  • शिशु वध: एक्ट IV।
  • दास प्रथा: नियम-5।

📘 शिक्षा आयोग: ज्ञान की नई लहर! 🎓

आयोग/समितिगठन वर्षगवर्नर जनरल
सार्जेन्ट योजना1944लॉर्ड वेवेल
रैले आयोग1902लॉर्ड कर्जन
मैकाले स्मरण पत्र1835लॉर्ड विलियम बेंटिक
वर्धा योजना1937लॉर्ड लिनलिथगो
जेम्स टॉमसन प्लान1843लॉर्ड एलनबरो
राधाकृष्णन आयोग1948सी. राजगोपालाचारी
हार्टोंग समिति1929लॉर्ड इरविन
हन्टर आयोग1882लॉर्ड रिपन
वुड डिस्पैच1854लॉर्ड डलहौजी
सैडलर आयोग1917लॉर्ड चेम्सफोर्ड

🌟 निष्कर्ष: पुनर्जागरण की ये विरासत आज भी जीवंत है! 💥

ये क्रांतिकारी आंदोलन और सुधारक भारत को अंधकार से प्रकाश की ओर ले गए – जाति, लिंग, धर्म की दीवारें तोड़ीं, शिक्षा और समानता की नींव रखी। 🇮🇳 आज भी प्रेरणा: महिला सशक्तिकरण, शिक्षा क्रांति, कुरीतियां मिटाओ! क्या तुम इनसे सीखकर नई शुरुआत करोगे? शेयर करो अपनी राय! 🚀 #EpicReforms #IndiaAwakens

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