बाड़मेर जिले का संपूर्ण विवरण
बाड़मेर राजस्थान का एक प्रमुख पश्चिमी जिला है, जो अपने विशाल रेगिस्तान, लोक संस्कृति, और ऐतिहासिक किलों के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और यहाँ की लोक कला, हस्तशिल्प, और ऊँट उत्सव देशभर में प्रसिद्ध हैं।
Table of Contents
भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 25.7532° N, 71.4033° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 28,387 वर्ग किमी (राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला क्षेत्रफल के हिसाब से)
- सीमाएँ:
- उत्तर में जैसलमेर जिला
- दक्षिण में जालोर जिला
- पूर्व में पाली और जोधपुर जिला
- पश्चिम में पाकिस्तान (सिंध प्रांत)
- जलवायु:
- गर्मियों में तापमान 50°C तक चला जाता है।
- सर्दियों में तापमान 5°C तक गिर सकता है।
- भूभाग:
- यह जिला पूरी तरह से थार मरुस्थल का हिस्सा है, जहाँ रेत के टीले पाए जाते हैं।
प्रशासनिक संरचना
- बाड़मेर जिले में कुल 19 तहसीलों में से 12 रह गई हैं:
- बाड़मेर, बाड़मेर ग्रामीण, बाटाडू, गडरारोड़, रामसर, चौहटन, धनाऊ, धोरीमन्ना, गुड़ामलानी, नोखड़ा, सेडवा, शिव।
- 4 विधानसभा क्षेत्र बाड़मेर में रहेंगे।
- बालोतरा जिला बनने के बाद, बाड़मेर में 12 की जगह 8 उपखंड कार्यालय रह गए।
भौगोलिक स्थिति एवं सीमाएँ
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा: पाकिस्तान (228 किमी लंबी)।
- राज्य सीमा: गुजरात।
- जिला सीमाएँ: जैसलमेर, बालोतरा।
- प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग:
- NH-25: मुनाबाव → बाड़मेर → बालोतरा → जोधपुर।
- NH-68: जैसलमेर → गुजरात।
- NH-925: गागरिया → बाखासर।
- NH-70: मुनाबाव → तन्नौट।
- NH-925A: सता → गांधव।
आर्थिक एवं औद्योगिक महत्व
- कोयला परियोजनाएँ: बाड़मेर में स्थित।
- तेल क्षेत्र: मंगला, भाग्यम, ऐश्वर्या, विजया, रागेश्वरी।
- खनिज संसाधन:
- बेंटोनाइट: अकाली गाँव, हाथी की ढाणी, गिरल क्षेत्र।
- लिग्नाइट कोयला: कोसलू, जालिण, कपूरड़ी।
- गोंद उत्पादन: चौहटन क्षेत्र।
- बिजली संयंत्र:
- गिरल विद्युत संयंत्र (लिग्नाइट आधारित)।
- भादरेस पावर प्लांट (राजवेस्ट कंपनी द्वारा संचालित)।
ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर
- स्थापना: परमार राजा धरणीधर के पुत्र बागभट्ट बाहड़राव द्वारा।
- उपनाम:
- मालानी (प्राचीन नाम), श्रीमाल, राजस्थान का दुबई।
- थार नगरी, शिवकूप, किरात कूप।
- शुभंकर: मरू लोमड़ी।
प्रमुख पर्यटन स्थल:
- किराडू:
- “राजस्थान का खजुराहो” (10वीं-11वीं सदी के मंदिर)।
- गुर्जर-प्रतिहार शैली में निर्मित।
- जूना बाहड़मेर: प्राचीन नगर के अवशेष एवं किला।
- चौहटन:
- कपालेश्वर महादेव मंदिर, हापाकोट दुर्ग।
- विरात्रा माता मंदिर।
- देवका सूर्य मंदिर (12वीं-13वीं सदी)।
- कोटड़ा का किला (शिव तहसील)।
- किलोण दुर्ग (राव बाहड़ द्वारा निर्मित)।
लोक देवता एवं धार्मिक स्थल:
- रामदेव जी:
- जन्मस्थल: उण्डु काश्मीर (बाड़मेर)।
- प्रसिद्ध मेला: रूणेचा (पोकरण)।
- तेरहताली नृत्य इनके मेले का प्रमुख आकर्षण।
- आलमजी:
- धोरीमन्ना में “आलमजी का धोरा”।
- घोड़ों का तीर्थ स्थल।
कला एवं संस्कृति
- अजरक प्रिंट: दोनों तरफ प्रिंटिंग की कला (बाड़मेर प्रमुख केंद्र)।
- पत्थर मार होली: बाड़मेर की प्रसिद्ध परंपरा।
- आंगिया/आंगी नृत्य: लाखेटा गाँव में चैत्र बदी तीज को आयोजित।
- मुक्का कला: हस्तकला की प्रसिद्ध शैली।
प्रसिद्ध कलाकार:
- सद्दीक खाँ: “खड़ताल का जादूगर”।
- रूकमा देवी: “थार की लता” (मांगणियार गायिका)।
- रूमा देवी: कशीदाकारी की मशहूर कलाकार।
परिवहन एवं अवसंरचना
- हवाई अड्डा: उत्तरलाई (बाड़मेर)।
- रेलवे:
- देश का पहला “रेलवे शहीद स्मारक” (गडरारोड़, मुनाबाव)।
- उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन का पहला “रेल कोच रेस्टोरेंट” (बाड़मेर स्टेशन)।
- सूखा बंदरगाह: प्रस्तावित (बाखासर)।
पर्यावरण एवं वन्यजीव
- राष्ट्रीय मरू उद्यान: जैसलमेर-बाड़मेर में फैला (राजस्थान का सबसे बड़ा अभयारण्य)।
- धोरीमन्ना: आखेट निषिद्ध क्षेत्र।
जल संसाधन एवं सिंचाई
- इंदिरा गांधी नहर: अंतिम बिंदु – गडरारोड़ (बाड़मेर)।
- नर्मदा नहर परियोजना: गुड़ामलानी क्षेत्र को लाभ।
- सुजलम परियोजना: खारे पानी को मीठा बनाने की योजना।