ब्यावर जिला दर्शन (Beawar Jila Darshan)

By LM GYAN

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ब्यावर

ब्यावर जिला – संपूर्ण विवरण

ब्यावर जिला राजस्थान के मध्य-पश्चिमी भाग में स्थित है और मुख्य रूप से अपने सीमेंट उद्योग, ऐतिहासिक विरासत और व्यापारिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। यह पहले अजमेर जिले का हिस्सा था, लेकिन 2025 में इसे एक नया जिला बनाया गया।

भौगोलिक स्थिति

  • देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 26.07° N, 74.32° E
  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 5,800 वर्ग किमी
  • सीमाएँ:
    • उत्तर में अजमेर जिला
    • दक्षिण में पाली जिला
    • पूर्व में राजसमंद जिला
    • पश्चिम में नागौर जिला
  • जलवायु:
    • गर्मियों में तापमान 45°C तक पहुँच सकता है।
    • सर्दियों में न्यूनतम तापमान 4°C तक गिर सकता है।
  • भूभाग:
    • यहाँ मैदानी और पहाड़ी भूभाग का मिश्रण है।
    • मुख्य रूप से कृषि, उद्योग और व्यापारिक क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं।

भौगोलिक स्थिति एवं सीमाएँ

  • संभाग: अजमेर
  • स्थापनाकर्नल एरिक डिक्सन द्वारा 1850 के दशक में परकोटा बनाकर
  • राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-25, NH-58, NH-158, NH-45
  • प्रमुख नदियाँ:
    • लूनी (अब पाली से सम्बन्ध विच्छेद), गुड़िया, बाजाकुडी, सुकड़ी, खारी
    • नारायण सागर बांध: खारी नदी पर (1955 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा नींव रखी)

प्राकृतिक विशेषताएँ

1. पर्वत एवं दर्रे

  • मध्य अरावली की प्रमुख चोटियाँ:
    • गोरमजी (934 मीटर) – ब्यावर की सर्वोच्च
    • मेरियाजी (टॉडगढ़) (933 मीटर)
  • दर्रे: बर व शिवपुर घाट (अब ब्यावर में)

2. वन्यजीव एवं जलाशय

  • रावली टाडगढ़ अभयारण्य: अजमेर, पाली, राजसमंद में विस्तृत
    • टॉडगढ़: “राजस्थान का मिनी माउंट आबू”
  • बाटेलाव तालाब: वेटलैंड रिजर्व (पक्षी प्रेमियों के लिए)

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1. प्रमुख युद्ध

  • बदनोर का युद्ध (1457): राणा कुंभा vs मुहम्मद खिलजी
  • जैतारण का युद्ध (1544): राव मालदेव vs शेरशाह सूरी

2. प्राचीन स्थल

  • ओझियाना सभ्यता:
    • स्थान: बदनौर (खारी नदी तट)
    • काल: 2500-1500 ईसा पूर्व (ताम्रयुगीन आहड़ संस्कृति)

3. किले एवं दुर्ग

  • बदनोर दुर्ग: महाराणा कुंभा द्वारा निर्मित
  • जैतारण दुर्ग: ऐतिहासिक रणनीतिक महत्व

सांस्कृतिक विरासत

1. धार्मिक स्थल

  • मीराबाई की जन्मस्थली: कुड़की (जैतारण तहसील)
    • जन्म: 1498 ई. (वैशाख शुक्ल तृतीया)
    • विवाह: 1516 ई. में भोजराज (राणा सांगा के पुत्र) से
  • देवमाली: देवनारायण भगवान की पुण्यस्थली
  • कुशाल माता मंदिर: बदनौर में

2. सांस्कृतिक आयोजन

  • बादशाह मेला:
    • होली पर आयोजित
    • अग्रवाल समाज द्वारा “बादशाह की सवारी” निकाली जाती है

आर्थिक एवं औद्योगिक विकास

1. प्रमुख उद्योग

  • द कृष्णा मिल्स लिमिटेड (1889):
    • राजस्थान की पहली सूती वस्त्र मिल
  • श्री सीमेंट (1979):
    • उत्तरी भारत का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक
  • तिलपट्टी: प्रसिद्ध हस्तशिल्प

2. खनिज संपदा

  • वर्मीक्यूलाइट, क्यूप्राइट, लाइमस्टोन, अभ्रक

3. अवसंरचना

  • अवशीतन केंद्र: ब्यावर व विजयनगर में
  • राजस्थान का पहला मिशनरी स्कूल: ब्यावर में

विशेष उपलब्धियाँ एवं तथ्य

  1. मसूदा गाँव: राजस्थान का पहला पूर्ण साक्षर गाँव
  2. 1857 की क्रांति: ब्रिटिश छावनी थी, पर विद्रोह का केंद्र नहीं बना
  3. जैतारण के ब्यावर में शामिल होने से लूनी नदी का पाली से सम्बन्ध समाप्त

संक्षिप्त तालिका: प्रमुख तथ्य

श्रेणीविवरण
उच्चतम चोटीगोरमजी (934 मीटर)
प्राचीन सभ्यताओझियाना (ताम्रयुगीन)
प्रमुख उद्योगद कृष्णा मिल्स, श्री सीमेंट
सांस्कृतिक आयोजनबादशाह मेला (होली)
विशेष उपलब्धिमसूदा गाँव (प्रथम पूर्ण साक्षर)

निष्कर्ष

ब्यावर जिला अपनी ऐतिहासिक गौरवशाली विरासत (मीराबाई, प्राचीन युद्ध), प्राकृतिक सम्पदा (अरावली की चोटियाँ, टॉडगढ़), और औद्योगिक अग्रणीता (प्रथम सूती मिल व सीमेंट संयंत्र) के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की सांस्कृतिक विविधता (बादशाह मेला) और शैक्षणिक उपलब्धियाँ (मसूदा गाँव) इसे राजस्थान का एक विशिष्ट जिला बनाती हैं।

LM GYAN

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