भीलवाड़ा जिला दर्शन (Bhilwara Jila Darshan)

By: LM GYAN

On: 5 April 2025

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भीलवाड़ा

भीलवाड़ा जिले का संपूर्ण विवरण

भीलवाड़ा राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक जिला है, जिसे “कपड़ा नगरी” (Textile City) के नाम से जाना जाता है। यहाँ का कपड़ा उद्योग देशभर में प्रसिद्ध है और यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक धरोहरों और सांस्कृतिक विशेषताओं के लिए भी जाना जाता है।

प्रशासनिक संरचना

  • भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में 13 उपखंड हैं:
  • जिले में कुल 16 तहसीलें हैं
  • भीलवाड़ा जिला भीलवाड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
  • जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं:
  • भीलवाड़ा
  • शाहपुरा
  • जहाजपुर
  • मांडलगढ़
  • सहाड़ा
  • असिंद
  • बिजौलिया
  • राष्ट्रीय राजमार्ग:
  • NH-27, NH-48, NH-148D, NH-158, NH-758.
  • प्रमुख नदियाँ: बनास, खारी.
  • शुभंकर: मोर.

2. औद्योगिक एवं खनिज संसाधन

  • हिन्दुस्तान जिंक: गुलाबपुरा में स्थित।
  • खनन क्षेत्र:
  • रामपुरा-आगुछा: सीसा, जस्ता, चाँदी के भंडार।
  • धूलखेड़ा जीपिया: लोहे के भंडार।
  • वनस्पति घी:
  • 1964 में स्थापित राज्य का पहला कारखाना
  • भीलवाड़ा वनस्पति घी का मुख्य केंद्र है।
  • सहकारी कताई मिल: गुलाबपुरा (1972 में स्थापित)।

3. ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर

प्रमुख स्थल:
  • मांडलगढ़:
  • त्रिभुजाकार दुर्ग, तिलस्वां महादेव मंदिर।
  • जगन्नाथ कछवाह की 32 खंभों की छतरी.
  • नाहर नृत्य: होली के 13 दिन बाद आयोजित।
  • बिजौलिया:
  • किसान आंदोलन (1897): मेवाड़ के विरुद्ध ऐतिहासिक संघर्ष।
  • विष्णु मंदिर (भूमिज शैली): 1000 वर्ष पुराना।
  • गणेश जी का स्त्री रूप मंदिर (मंदाकिनी मंदिर).
  • मेनाल:
  • महानालेश्वर मंदिर (चौहान काल): लाल पत्थरों से निर्मित।
  • रूठी रानी का महल, नीलकंठेश्वर मंदिर।
  • आसींद:
  • सवाई भोज मंदिर: गुर्जरों का तीर्थ स्थल, भाद्रपद में विशाल मेला।
  • अमरगढ़ की छतरियाँ, हम्मीरगढ़ दुर्ग.
कला एवं संस्कृति:
  • फड़ चित्रकला: श्रीलाल जोशी (राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त)।
  • बहरूपिया कलाकार: जानकी लाल भाण्ड।
  • भोपा भैरूनाथ नाटक: रसधारा संस्थान द्वारा आयोजित।
  • ताँबे की मीनाकारी: स्थानीय हस्तशिल्प।

4. पर्यावरण एवं जल संसाधन

  • मेजा बाँध: कोठारी नदी पर निर्मित, ग्रीन माउंट पार्क के लिए प्रसिद्ध।
  • नदी संगम: बिंगोद में बनास + बेडच + मेनाल का त्रिवेणी संगम।
  • तालाब: धरमतलाई (धान्धालाई), राज्य में सर्वाधिक तालाब भीलवाड़ा में।
  • संरक्षण रिजर्व: बीड़ घास फुलिया खुर्द।

5. शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थान

  • माणिक्यलाल वर्मा टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट (1988): कपड़ा उद्योग में प्रशिक्षण केंद्र।
  • कृषि रेडियो स्टेशन: राज्य का पहला।

6. अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • कोरोना काल में “भीलवाड़ा मॉडल”: सामुदायिक स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु प्रसिद्ध।
  • महात्मा गाँधी NREGA: भीलवाड़ा पहला जिला जहाँ सभी मेट (कार्यदल) महिलाएँ हैं।
  • भव्य आर्ट गैलरी: वस्त्र कला प्रदर्शनी हेतु प्रसिद्ध।
  • मांडल ग्राम पंचायत: राजस्थान की पहली पंचायत जहाँ भूमिगत बिजली लाइनें बिछाई गईं।

निष्कर्ष

भीलवाड़ा जिला अपने ऐतिहासिक स्मारकों, खनिज संपदा, कृषि आंदोलनों, और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की फड़ चित्रकला, मेजा बाँध, और मांडलगढ़ के दुर्ग राजस्थान की समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं। औद्योगिक विकास (जिंक, वनस्पति घी) और नवाचारी पहलें (भूमिगत बिजली, NREGA) इसे एक गतिशील जिला बनाती हैं।

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