बूंदी जिले का संपूर्ण विवरण
बूंदी जिला अपनी ऐतिहासिक हवेलियों, किलों, बावड़ियों (सीढ़ीदार कुएँ), और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसे “बावड़ियों का शहर” भी कहा जाता है। यह जिला अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
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भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 25.4305° N, 75.6499° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 5,550 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में टोंक जिला
- दक्षिण में कोटा जिला
- पूर्व में सवाई माधोपुर जिला
- पश्चिम में भीलवाड़ा जिला
- जलवायु:
- गर्मियों में तापमान 45°C तक और सर्दियों में 5°C तक गिर सकता है।
- भूभाग:
- अरावली पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ क्षेत्र।
- घने जंगल, झरने और पहाड़ी क्षेत्र।
प्रशासनिक जानकारी
- राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-27, NH-52, NH-148D.
- प्रमुख नदियाँ: चंबल, मांगली, मेज, कुराल, घोड़ा पछाड़.
- उपनाम:
- राजस्थान की काशी, बावड़ियों का शहर, वृन्दावती, छोटी काशी.
- शुभंकर: सुर्खाब.
- भौगोलिक स्थिति: हाड़ौती पठार का हिस्सा, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में स्थित.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- हाड़ा वंश की स्थापना (1240 ई.): देवा हाड़ा द्वारा, जिन्हें हाड़ा चौहान साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है.
- प्रमुख शासक:
- राव सुर्जन हाड़ा: अकबर के साथ संधि (1569).
- राव रतनसिंह हाड़ा: जहांगीर द्वारा “रामराय” की उपाधि.
- राव बुद्धसिंह हाड़ा: अमर कुंवरी द्वारा मल्हार राव होल्कर को राखी भेजी.
- मराठों का प्रथम प्रवेश: बूंदी रियासत में.
- बूंदी प्रजामंडल: 1931 में कांतिलाल द्वारा स्थापित.
सांस्कृतिक एवं कलात्मक विरासत
- बूंदी चित्रशैली:
- “भित्ति चित्रों का स्वर्ग”, पशु-पक्षियों के चित्रण के लिए प्रसिद्ध.
- चित्रशाला: महाराव उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित रंगीन चित्रों की श्रृंखला.
- साहित्य:
- सूर्यमल्ल मिश्रण: “वंश भास्कर” ग्रंथ के रचयिता, राजस्थान का वेदव्यास.
- मेहता लज्जाराम: राजस्थान के पहले साहित्यिक पत्र “सर्वहित” के संपादक.
प्रमुख पर्यटन स्थल
- तारागढ़ दुर्ग (1354 ई.):
- बरसिंह हाड़ा द्वारा निर्मित, गर्भगुंजन तोप, चित्रशाला, अनिरूद्ध महल.
- रानी जी की बावड़ी (1699 ई.):
- राजस्थान की सबसे बड़ी बावड़ी, 2017 में डाक टिकट जारी.
- 84 खम्भों की छतरी (1683 ई.): अनिरूद्ध द्वारा पत्नी धाबाई की याद में.
- सुखमहल: जैतसागर झील में स्थित, विष्णु सिंह द्वारा निर्मित.
- रामगढ़ विषधारी अभयारण्य:
- “बाघों का जच्चा घर”, राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व.
औद्योगिक एवं आर्थिक महत्व
- खनिज संसाधन:
- बारोदिया: सिलिका रेत का सर्वाधिक उत्पादन.
- उद्योग:
- लाखेरी: राज्य का पहला सीमेंट कारखाना (1915).
- केशोरायपाटन: राज्य की पहली सहकारी शुगर मिल (1965).
- जींस पार्क: खेरूणा गाँव में स्थित.
- कृषि:
- फल-सब्जी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस.
प्रमुख घटनाएँ एवं तथ्य
- डाबी हत्याकांड (2 अप्रैल 1923): किसान सम्मेलन में पुलिस गोलीबारी, नानकजी भील एवं देवालाल गुर्जर शहीद.
- एकीकरण: 25 मार्च 1948 को राजस्थान संघ में शामिल.
- सिक्के: रामशाही एवं चेहरेशाही सिक्कों का प्रचलन.
धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थल
- बांसी दुगारी: तेजाजी महाराज का मंदिर, तीर्थ स्थल.
- भीमलत जल प्रपात: मांगली नदी पर स्थित.
- वरध बाँध: “हाड़ौती का गोवा” कहलाता है.
बूंदी जिला अपनी ऐतिहासिक गौरवगाथाओं, कलात्मक चित्रशैली, और प्राकृतिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के तारागढ़ दुर्ग, रानी जी की बावड़ी, और रामगढ़ अभयारण्य पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। हाड़ा शासकों की वीरता और सूर्यमल्ल मिश्रण जैसे विद्वानों की विरासत इसे राजस्थान का एक अनूठा जिला बनाती है।