दौसा जिले का संपूर्ण विवरण
दौसा जिला राजस्थान का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है। इसे “देव नगरी” भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ मेहंदीपुर बालाजी मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिर जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।
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भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 26.89° N, 76.33° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 3,432 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में अलवर जिला
- दक्षिण में सवाई माधोपुर जिला
- पूर्व में भरतपुर जिला
- पश्चिम में जयपुर जिला
- जलवायु:
- गर्मियों में तापमान 45°C तक और सर्दियों में 5°C तक गिर सकता है।
- भूभाग:
- अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार।
प्रशासनिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- स्थापना: 10 अप्रैल 1991 को राजस्थान का 29वां जिला बना
- ऐतिहासिक महत्व:
- 1137 ई. में दुल्हेराय ने ढूंढाड़ में कच्छवाह वंश की स्थापना की
- दौसा को ढूंढाड़ क्षेत्र की प्रथम राजधानी बनाया
- शुभंकर: खरगोश
- भौगोलिक स्थिति:
- पूर्वी मैदानी भाग में स्थित
- आकृति: धनुषाकार
प्रमुख आर्थिक संसाधन
- खनिज भंडार:
- बासडी बोरोदा: सोना व यूरेनियम के भंडार
- नीमला-राईसेला: लौह अयस्क उत्पादन
- उद्योग:
- राजस्थान में प्रथम रेलगाड़ी संचालन (अप्रैल 1874) बांदीकुई से आगरा फोर्ट तक
प्रमुख पर्यटन स्थल
- ऐतिहासिक स्थल:
- दौसा किला/माधोराजपुरा का किला:
- देवगिरी पहाड़ी पर स्थित
- रामचंद्र जी मंदिर, 4 मंजिला बावड़ी सहित कई स्मारक
- बसवा: महाराणा सांगा का मृत्यु स्थल
- राणा सांगा स्मारक (धूपतलाई, बसवा)
- धार्मिक स्थल:
- मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (NH-21 पर)
- हर्षद माता मंदिर (आभानेरी)
- बिजासनी माता मंदिर (खोहरा गाँव)
- ब्राह्मणी माता मंदिर (मण्डावरी गाँव)
- हजरत शेख शाह जमाल बाबा पीर की दरगाह (लालसोट)
- जल संरचनाएँ:
- चाँद बावड़ी (आभानेरी):
- प्रतिहार कालीन महामारू शैली
- “भूलभुलैया बावड़ी” के नाम से प्रसिद्ध
- भण्डारेज की बावड़ियाँ (5 मंजिला)
- काला खौह बांध (बाणगंगा नदी पर)
सांस्कृतिक विरासत
- लोक कला:
- हेला ख्याल (लालसोट)
- बंजारों की छत्तरियां (लालसोट)
- मेले:
- पीपलाज माता का मेला (दौसा)
- आभानेरी महोत्सव (सितंबर माह)
- बिजासनी माता मंदिर मेला (चैत्र पूर्णिमा)
प्रमुख व्यक्तित्व
- टीकाराम पालीवाल:
- जन्मस्थान: मण्डावर (दौसा)
- राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री (3 मार्च 1952)
- संत सुन्दरदास जी:
- स्मारक: गोटेलाव/गेटोलाव
प्राकृतिक संसाधन
- नदियाँ:
- बाणगंगा नदी (उपनाम: अर्जुन की गंगा)
- मोरेल नदी (मोरेल बांध स्थल)
- कृषि:
- आलूदा गाँव: खादी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध
पुरातात्विक स्थल
- आभानेरी:
- 8-9वीं सदी की कलात्मक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध
- चाँद बावड़ी स्थित
विशेष तथ्य
- परिवहन:
- NH-21 पर मेहंदीपुर बालाजी मंदिर स्थित
- जल संरचनाएँ:
- बुबानिया कुण्ड/बावड़ी (आलूदा)
- मांगरेज की बावड़ी
दौसा जिला अपनी ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक महत्व और प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का चाँद बावड़ी, दौसा किला और मेहंदीपुर बालाजी मंदिर पर्यटकों के मुख्य आकर्षण हैं। कच्छवाह वंश की प्रथम राजधानी होने का गौरव और राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री टीकाराम पालीवाल की जन्मस्थली होने का सम्मान इस जिले को विशिष्ट बनाता है। साथ ही, सोने व यूरेनियम के भंडार इसे आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।