डीडवाना-कुचामन जिला दर्शन (Didwana-Kuchaman Jila Darshan)

By LM GYAN

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डीडवाना-कुचामन जिला – संपूर्ण विवरण

डीडवाना-कुचामन जिला राजस्थान के मध्य-पूर्वी भाग में स्थित है। यह अपने नमक उत्पादन, ऐतिहासिक किलों, धार्मिक स्थलों और व्यापारिक केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है। यह पहले नागौर जिले का हिस्सा था, लेकिन 2025 में इसे एक नया जिला बनाया गया।

भौगोलिक स्थिति

  • देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 27.40° N, 74.58° E
  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 5,200 वर्ग किमी
  • सीमाएँ:
    • उत्तर में सीकर जिला
    • दक्षिण में अजमेर जिला
    • पूर्व में जयपुर जिला
    • पश्चिम में नागौर जिला
  • जलवायु:
    • गर्मियों में तापमान 45°C तक पहुँच सकता है।
    • सर्दियों में न्यूनतम तापमान 5°C तक गिर सकता है।
  • भूभाग:
    • यहाँ रेतीले मैदान, पहाड़ियाँ और नमक के झील क्षेत्र हैं।
    • कृषि और व्यापारिक गतिविधियाँ मुख्य रूप से प्रमुख हैं।

उपनाम

  • शेखावाटी का सिंहद्वार
  • शेखावाटी का तोरण द्वार

डीडवाना-कुचामन: भौगोलिक एवं प्रशासनिक परिचय

  • नामकरण: डीडूशाह शासक के नाम पर।
  • स्थिति:
    • पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश के अर्द्धशुष्क भाग में स्थित।
    • अरावली पर्वतमाला के पश्चिम में स्थित।
  • झीलें:
    • सर्वाधिक खारे पानी की झीलों वाला जिला।
    • प्रमुख झीलें:
      • डीडवाना झील (खाल्दा झील)
      • कुचामन झील
      • नावां झील

डीडवाना झील

  • खारे पानी की झील।
  • नमक में सोडियम सल्फेट अधिक होने के कारण खाने योग्य नहीं।
  • उपयोग:
    • कागज निर्माण, चमड़ा साफ करने में।
  • नमक उत्पादन:
    • ब्राइन विधि (वाष्पीकरण) द्वारा।
    • देवल-नमक बनाने वाली संस्था।
    • देशवाल जाति द्वारा नमक तैयार किया जाता है।
  • राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स:
    • 1960 में स्थापित, 1964 में कार्य शुरू।
    • नमक का निर्यात जापान को।

नावां झील

  • नावां कस्बे में स्थित खारे पानी की झील।
  • विशेषताएँ:
    • मॉडल साल्ट फार्म।
    • नमक परीक्षण प्रयोगशाला।

मेंथा नदी

  • प्रवाह क्षेत्र: डीडवाना-कुचामन।
  • उद्गम: मनोहरथाना की पहाड़ियाँ (शाहपुरा तहसील, जयपुर ग्रामीण)।
  • संगम: सांभर झील।
  • महत्व:
    • सांभर झील में सर्वाधिक लवणीयता मेंथा नदी द्वारा लाई जाती है।
    • लुणवां जैन तीर्थ (नावां) मेंथा नदी के किनारे स्थित।

जलापूर्ति

  • इंदिरा गांधी नहर परियोजना की पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट नहर की कानासर वितरिका से डीडवाना-कुचामन को जलापूर्ति।
  • लाभान्वित जिले: बीकानेर, नागौर, डीडवाना-कुचामन।
  • पुराना नाम: गजनेर लिफ्ट नहर।

उद्योग एवं खनिज

  • नमक उद्योग: प्रसिद्ध।
  • खनिज: सफेद संगमरमर (मार्बल)।
    • मकराना में कैलसाइट किस्म का मार्बल।
    • ताजमहल, विक्टोरिया महल मकराना मार्बल से निर्मित।
  • वस्टेड स्पिनिंग मिल्स: लाडनूं।

प्रसिद्ध स्थल एवं गाँव

  • बरुण गाँव: परबतसरी बकरियों हेतु प्रसिद्ध।
  • बाजवास गाँव: बकरों के लिए प्रसिद्ध।
  • एमरी स्टोन की चक्कियाँ: नावां।
  • प्रथम इलेक्ट्रीफाइड डेडीकेटेड परीक्षण ट्रैक: नावां।
  • गोंद के पापड़: कुचामन।
  • गोल्डन पेंटिंग: कुचामन की प्रसिद्ध।
  • फूल बावड़ी: छोटी खाटू।
  • बडू गाँव:
    • चमड़े की जुतियों हेतु प्रसिद्ध।
    • मिट्टी निर्मित खिलौनों के लिए प्रसिद्ध।

मेले एवं सांस्कृतिक आयोजन

  • वीर तेजाजी पशु मेला:
    • परबतसर (डीडवाना-कुचामन)।
    • 1734 ई. से पूर्व पनेर (अजमेर) में लगता था।
    • मारवाड़ के शासक अभयसिंह के समय परबतसर में शुरू।
    • श्रावण पूर्णिमा से भाद्रपद अमावस्या तक।
  • खुण्डियास मेला:
    • खुण्डियास (डीडवाना-कुचामन) व हासियावास (अजमेर) गाँव की सीमा पर।
    • राजस्थान का मिनी रामदेवरा कहा जाता है।
    • भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से एकादशी तक।
  • लक्ष्मी नारायण झूला का मेला: श्रावण माह में मौलासर।

ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल

  • कुराडा सभ्यता:
    • परबतसर (डीडवाना-कुचामन)।
    • 1934 ई. में खोज।
    • ताम्र युगीन सभ्यता।
  • रानाबाई का मंदिर:
    • हरवानां गाँव (डीडवाना-कुचामन)।
    • राजस्थान की दूसरी मीरा।
    • पिता: रामगोपाल, माता: गंगाबाई, गुरु: चतुरदास महाराज।
    • कृष्ण भक्ति में लीन, जीवित समाधि ली।
  • कर्माबाई:
    • कालवां गाँव, मकराना तहसील।
    • शेखावटी की मीरा कहलाती हैं।
    • भगवान श्रीकृष्ण को हठपूर्वक भोजन कराया।
  • कैवाय माता मंदिर:
    • किनसरिया गाँव, परबतसर।
    • कैवाय शिलालेख से सांभर के चौहान वंश की जानकारी।
    • दहिया राजपूतों की कुलदेवी।
    • चौहान शासक दुर्लभराज के सामंत चच्चदेव ने निर्माण करवाया।
    • सीढ़ियाँ: 1121।
    • जागीरी दुर्गों का सिरमौर कहा जाता है।

धार्मिक संप्रदाय

  • निरंजनी संप्रदाय:
    • संस्थापक: संत हरिदास जी (जन्म: कापड़ोद, डीडवाना-कुचामन)।
    • प्रधान पीठ: गाडावास गाँव।
    • सगुण व निर्गुण दोनों भक्ति परंपरा से जुड़े।
    • गुरु: हड्‌बुजी सांखला (पूर्व में डाकू, कलियुग का वाल्मीकि कहलाते हैं)।
    • ग्रंथ: हरिपुरुष की वाणी, मंत्र राजप्रकाश।

ऐतिहासिक युद्ध

  • गिंगोली का युद्ध (13 मार्च, 1807):
    • गिगोली गाँव, परबतसर तहसील।
    • मेवाड़ की राजकुमारी कृष्णा कुमारी को लेकर जयपुर (जगतसिंह द्वितीय) व जोधपुर (मानसिंह) के बीच युद्ध।
    • जयपुर की विजय।

स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े घटनाक्रम

  • डाबड़ा काण्ड (13 मार्च, 1947):
    • डाबडा गाँव (डीडवाना-कुचामन)।
    • मारवाड़ रियासत से संबंधित।
    • 700 पुष्करणा ब्राह्मण परिवारों को निकाला गया।
    • मथुरादास माथुर की अध्यक्षता में सम्मेलन, अंग्रेजों द्वारा गोलीबारी में रूघाराम, चुन्नीलाल, पन्नालाल आदि शहीद।
  • बालमुकुंद बिस्सा:
    • बिस्सास गाँव, पीलवा, परबतसर तहसील।
    • स्वतंत्रता सेनानी (मारवाड़-प्रजामंडल)।
    • 19 जून, 1942 को भूख हड़ताल के कारण जेल में शहीद।
    • राजस्थान का जतिनदास कहलाते हैं।
    • 1934 में जोधपुर में जवाहर खादी भंडार की स्थापना।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • कुचामनी टकसाल: मारवाड़ रियासत की टकसाल, कुचामनी सिक्के ढाले जाते थे।
  • हवेलियाँ: बैगानी हवेली, इनाणिया हवेली, गणपतराय हवेली (लाडनूं तहसील)।
  • कला एवं शिल्प:
    • मरोठ एवं कुचामन की गोल्डन पेंटिंग प्रसिद्ध।
    • मरोठ कपड़े की टुकड़ी के लिए भी प्रसिद्ध।
  • कृषि:
    • रतनजोत कृषि फार्म (लाडनूं) – बायोडीजल उत्पादन में उपयोग।
  • उद्योग:
    • साबू सोडियम लिमिटेड – गोविन्द्री ग्राम।

LM GYAN

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