जैसलमेर जिले का संपूर्ण विवरण
जैसलमेर, जिसे “सोनार किला” और “स्वर्ण नगरी” के नाम से जाना जाता है, राजस्थान का एक ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। यह अपनी रेत के टीलों, राजपूत वीरता, हवेलियों, लोक संस्कृति और रेगिस्तानी सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
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भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 26.9157° N, 70.9083° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 38,401 वर्ग किमी (राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला)
- सीमाएँ:
- उत्तर में बीकानेर
- दक्षिण में बाड़मेर और जोधपुर
- पूर्व में जोधपुर और बाड़मेर
- पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा
- जलवायु:
- अत्यधिक शुष्क जलवायु, गर्मियों में तापमान 50°C तक और सर्दियों में 0°C तक गिर सकता है।
- भूभाग:
- यह पूरा क्षेत्र थार मरुस्थल में आता है, जहाँ रेत के बड़े-बड़े टीले फैले हुए हैं।
सामान्य जानकारी
- राष्ट्रीय राजमार्ग: जैसलमेर जिले से एन.एच. 11, 68, 70, 125, 911, और 968 गुजरते हैं।
- मुख्य नदी: कांकनी।
- प्राचीन नाम: प्राचीन काल में जैसलमेर का भूभाग मांडधरा या वल्लमंडल के नाम से जाना जाता था।
- स्थापना: राव जैसल (यदुवंशी भाटी राजपूत) ने 1156 ई. में त्रिकूट पहाड़ी पर जैसलमेर की नींव रखी।
- विलय: 30 मार्च 1949 को जैसलमेर का वृहत् राजस्थान में विलय हुआ।
- शुभंकर: गोड़ावण।
- जनसंख्या घनत्व: जैसलमेर राज्य का न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाला जिला है।
- पशु घनत्व: राज्य में न्यूनतम पशु घनत्व वाला जिला।
ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व
- तन्नोट माता: सेना के जवानों की देवी के रूप में विख्यात। इन्हें थार की वैष्णोदेवी भी कहा जाता है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के समय पाकिस्तान द्वारा गिराए गए बम नहीं फटे।
- स्वांगिया माता का मंदिर: भाटी राजवंश की कुलदेवी। इन्हें आवड़ माता का अवतार माना जाता है।
- राष्ट्रीय मरु उद्यान: जैसलमेर के दक्षिण-पश्चिम में थार के मरुस्थल में स्थित। यहाँ गोड़ावण पक्षी पाया जाता है।
- लोद्रवा: भाटी राजाओं की प्राचीन राजधानी। यह स्थल राजकुमारी मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी के लिए प्रसिद्ध है।
- वुड फॉसिल पार्क: जैसलमेर से 10 किमी. दूर आकलगाँव में स्थित। यहाँ 18 करोड़ वर्ष पुराने पेड़-पौधों के जीवाश्म हैं।
- मरु मेला: जैसलमेर में प्रतिवर्ष माघ सुदी तेरस से पूर्णिमा तक आयोजित किया जाता है। यह मेला मरु संस्कृति का प्रतीक है।
- लोक कलाकार: जैसलमेर के मिरासी, मांगणियार, और लंगा जाति के कलाकारों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है।
प्रमुख स्थल एवं संरचनाएँ
- जैसलमेर दुर्ग / सोनारगढ़ दुर्ग: 1156 ई. में राव जैसल द्वारा निर्मित। यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट है। इस किले में बादल महल, सर्वोत्तम विलास महल, और जवाहर विलास महल जैसे प्रमुख महल हैं।
- पटवों की हवेली: गुमानचन्द पटवा और उनके पुत्रों द्वारा निर्मित। यह हवेली कलात्मक झरोखे और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
- नथमलजी की हवेली: हाथी और लालू (दो भाई) द्वारा निर्मित। यह हिन्दू, मुगल, और सिंधी शैली में बनी है।
- सालिमसिंह की हवेली: 18वीं शताब्दी में सालिमसिंह मेहता द्वारा निर्मित।
- पोखरण दुर्ग: 1550 ई. में राव मालदेव राठौड़ द्वारा निर्मित।
- रूणेचा / रामदेवरा मंदिर: बीकानेर के महाराजा गंगासिंह द्वारा निर्मित। यहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से एकादशी तक भव्य मेला भरता है।
- हिंगलाज माता मंदिर: लोद्रवा में स्थित।
- मूमल की मेढ़ी / राजकुमारी मूमल का महल: लोद्रवा में स्थित।
प्राकृतिक एवं वन्यजीव
- राष्ट्रीय मरु उद्यान: 4 अगस्त 1980 में स्थापित। यह राजस्थान का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। इसे 1980 में यूनेस्को की विश्व धरोहर और 1992 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला।
- गोड़ावण हैंचिग केन्द्र: राष्ट्रीय मरु उद्यान में स्थित।
- फतेहगढ़: यहाँ डायनासोर के विलुप्त होने के प्रमाण मिले हैं।
- कुलधरा ग्राम: यहाँ कैक्टस गार्डन का निर्माण किया गया है। यहाँ से व्हेल मछली और डायनासोर के अवशेष मिले हैं।
उद्योग एवं व्यापार
- तेल और गैस: जैसलमेर में घोटारू से प्राकृतिक गैस और हीलियम गैस के भण्डार मिले हैं। तनोट में प्रथम तेल के कुएँ की खोज की गई।
- पवन ऊर्जा: राजस्थान का प्रथम पवन ऊर्जा संयंत्र अमरसागर, जैसलमेर में स्थापित किया गया।
- अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड: जैसलमेर में दुनिया का सबसे बड़ा पवन सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है, जिसकी क्षमता 600 मेगावॉट है।
शिक्षा एवं अनुसंधान
- देश का प्रथम चारा बैंक: जैसलमेर में स्थापित।
- देश का पहला भू-वैज्ञानिक संग्रहालय: जैसलमेर में स्थित।
- राज्य का प्रथम विलेज रिसोर्ट सेंटर: पोकरण, जैसलमेर में स्थित।
- थारपारकर गौवंश का प्रजनन केन्द्र: चाँदन, जैसलमेर में स्थित।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- पोकरण परमाणु परीक्षण: 18 मई 1974 को स्माईल बुद्धा और 11 व 13 मई 1998 को ऑपरेशन शक्ति नाम से परमाणु परीक्षण किया गया।
- लोंगेवाला युद्ध स्मारक: भारतीय सेना द्वारा 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना पर विजय के उपलक्ष्य में निर्मित।
- भादरिया लाइब्रेरी: पोकरण में स्थित, यह एशिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी पुस्तकालय है।
- खड़ीन: जैसलमेर के पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा जल संग्रहण हेतु अपनाई गई तकनीक।
- बालक हैण्डबॉल अकादमी: जैसलमेर में स्थित।
- मूलराज द्वितीय का शासनकाल: जैसलमेर चित्रशैली का स्वर्णकाल माना जाता है।
- अनवर खां: 2019 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित।
- पेम्पे खां: सुरणाई के जादूगर के रूप में प्रसिद्ध।
- करणाराम भील: प्रसिद्ध नड़वादक, जो अपनी 6 फुट 8 इंच लम्बी मूँछों के लिए भी जाने जाते हैं।
जल संसाधन
- कावोद झील: खारे पानी की झील।
- गढ़ीसर जलाशय: 1340 ई. में रावल गड़सी सिंह द्वारा निर्मित।
- अमर सागर: महारावल अमरसिंह द्वारा निर्मित।
- गजरूप सागर तालाब: महाराजा गजसिंह और उनकी पत्नी रूप कँवर के नाम पर निर्मित।