जोधपुर जिले का संपूर्ण विवरण
जोधपुर, जिसे “सूर्य नगरी” और “ब्लू सिटी” के नाम से जाना जाता है, राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। यह अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, भव्य किलों, महलों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
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भौगोलिक स्थिति
- देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 26.2389° N, 73.0243° E
- कुल क्षेत्रफल: लगभग 22,850 वर्ग किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में बीकानेर
- पूर्व में नागौर और अजमेर
- दक्षिण में पाली और जालोर
- पश्चिम में बाड़मेर और जैसलमेर
- जलवायु: गर्मी बहुत अधिक (48°C तक) और सर्दी ठंडी (5°C तक) होती है।
- भूभाग: रेगिस्तानी क्षेत्र, अरावली पर्वत श्रृंखला और थार मरुस्थल का हिस्सा।
इतिहास
- जोधपुर की स्थापना 1459 ई. में राव जोधा (मारवाड़ के राठौड़ शासक) ने की थी।
- पहले इसे मारवाड़ राज्य के रूप में जाना जाता था।
- मेहरानगढ़ किले के निर्माण के साथ यह एक मजबूत रियासत बना।
- यह व्यापार के लिए महत्वपूर्ण केंद्र था, क्योंकि यहाँ से गुजरात और दिल्ली तक व्यापार मार्ग गुजरता था।
- ब्रिटिश शासन के दौरान जोधपुर एक महत्वपूर्ण राजपूताना राज्य था।
नदियाँ, झीलें और बाँध
मुख्य नदियाँ:
- लूणी नदी – जोधपुर की सबसे प्रमुख नदी, यह खारी (लवणीय) नदी है।
- जवाई नदी – जोधपुर के कुछ हिस्सों से होकर गुजरती है।
मुख्य झीलें:
- कायलाना झील:
- निर्माण: महाराजा प्रतापसिंह द्वारा।
- मीठे पानी की झील।
- बालसमंद झील:
- निर्माण: परिहार शासक बालकराव द्वारा।
- रानीसर तालाब:
- निर्माण: राव जोधा की रानी जस्मादे द्वारा 1459 ई. में।
- उम्मेद सागर:
- निर्माण: महाराजा प्रतापसिंह द्वारा 1872 में।
प्रमुख पर्यटन स्थल
1. मेहरानगढ़ किला (Mehrangarh Fort)
- यह भारत के सबसे बड़े और मजबूत किलों में से एक है।
- इसे 1459 ई. में राव जोधा ने बनवाया था।
- इसमें कई महल, म्यूजियम और सुंदर नक्काशीदार झरोखे हैं।
- यहाँ से जोधपुर का खूबसूरत नज़ारा दिखता है।
2. उम्मेद भवन पैलेस (Umaid Bhawan Palace)
- महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा 1943 में बनवाया गया था।
- अब इसका एक हिस्सा होटल, एक म्यूजियम और एक शाही निवास है।
- यह दुनिया के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है।
3. जसवंत थड़ा (Jaswant Thada)
- सफेद संगमरमर से बना यह स्मारक महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में बनाया गया था।
- इसे जोधपुर का “ताजमहल” भी कहा जाता है।
4. मंडोर गार्डन (Mandore Garden)
- यह जोधपुर के प्राचीन शासकों की राजधानी थी।
- यहाँ राव जोधा और मारवाड़ के अन्य शासकों की छतरियाँ हैं।
- खूबसूरत बगीचे और मंदिर भी हैं।
5. घंटाघर और सरदार मार्केट (Clock Tower & Sardar Market)
- यह जोधपुर का प्रमुख बाजार क्षेत्र है।
- यहाँ राजस्थानी पारंपरिक वस्त्र, हस्तशिल्प और मसाले मिलते हैं।
6. बिश्नोई गाँव (Bishnoi Village)
- यहाँ पर्यटक ग्रामीण संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण की परंपराओं को देख सकते हैं।
- बिश्नोई समुदाय प्रकृति और वन्यजीवों की रक्षा के लिए प्रसिद्ध है।
7. कायलाना झील और तखत सागर झील
- यह झीलें पिकनिक और बोटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
- यहाँ पर खूबसूरत सूर्यास्त का नज़ारा देखने को मिलता है।
सांस्कृतिक और आर्थिक स्थिति
- जोधपुर की संस्कृति राजस्थानी परंपराओं और वीरता की कहानियों से भरी हुई है।
- यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधियाँ – पर्यटन, हस्तशिल्प, मार्बल उद्योग, कपड़ा उद्योग और कृषि हैं।
- जोधपुर फर्नीचर उद्योग, बंधेज कपड़े, लाख की चूड़ियाँ और मिरची बाजार के लिए प्रसिद्ध है।
खान-पान और पहनावा
खान-पान:
- मावा कचौरी
- प्याज की कचौरी
- मिर्ची बड़ा
- मखानिया लस्सी
- गट्टे की सब्जी
- दाल-बाटी-चूरमा
पहनावा:
- पुरुष – धोती-कुर्ता, साफा (पगड़ी) और मोजड़ी
- महिलाएँ – रंगीन घाघरा-चोली, ओढ़नी और चूड़ियाँ
प्रमुख संस्थान
- जोधपुर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU)
- राजस्थान संगीत नाटक अकादमी
- केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT):
- स्थापना: 2008 में।
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS):
- स्थापना: 2012 में।
प्रमुख व्यक्तित्व
- राव जोधा – जोधपुर के संस्थापक
- महाराजा उम्मेद सिंह – उम्मेद भवन पैलेस के निर्माता
- गज सिंह द्वितीय – जोधपुर के वर्तमान महाराजा
- सोनल कौशल – भारत की पहली महिला वॉइस ओवर आर्टिस्ट
त्यौहार और नृत्य
त्यौहार:
- मारवाड़ महोत्सव
- नागौर पशु मेला
- राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल
- गंगौर और तीज
नृत्य:
- घूमर
- कालबेलिया
- तेरहताली
जनसंख्या और बोलियाँ
- जनसंख्या (2011 के अनुसार): लगभग 36 लाख
- बोलियाँ: मारवाड़ी, हिंदी, राजस्थानी और अंग्रेजी
जिले के उपनाम
- सूर्य नगरी – क्योंकि यहाँ सूरज की रोशनी सबसे पहले पड़ती है।
- ब्लू सिटी – क्योंकि यहाँ के पुराने मकान नीले रंग के हैं।
- मारवाड़ की राजधानी
राठौड़ वंश के प्रमुख शासक
- राव सीहा (1240-1273):
- मारवाड़ राठौड़ वंश के संस्थापक।
- बीठू गांव (पाली) में इनकी छतरी स्थित है।
- राव चूड़ा (1383-1423):
- मंडोर को राजधानी बनाया।
- मंडोर उन्हें गुर्जर प्रतिहार उगमसिंह द्वारा दहेज में मिला था।
- राव जोधा (1438-1489):
- जोधपुर शहर के संस्थापक।
- मेहरानगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया।
- राव मालदेव (1531-1562):
- मारवाड़ के सबसे प्रतापी राजा।
- इन्हें “पितृहंता राजा” कहा जाता है।
- उमादे (जैसलमेर की राजकुमारी) इनकी पत्नी थीं, जो “रूठी रानी” के नाम से प्रसिद्ध हुईं।
जोधपुर के प्रमुख शोध और विकास केंद्र
- काजरी (केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान):
- स्थापना: 1959 में।
- मरुस्थल वनीकरण और जल संरक्षण पर शोध।
- रिमोट सेंसिंग केंद्र:
- जोधपुर में स्थित।
- डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन):
- जोधपुर में स्थित।
जोधपुर के प्रमुख उद्यान और चिड़ियाघर
- उम्मेद उद्यान:
- स्थापना: 1935 में महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा।
- माचिया सफारी पार्क:
- स्थापना: 1935 में।
- इसमें गोडावण प्रजनन केंद्र और गिद्ध रेस्क्यू सेंटर स्थित है।
जोधपुर के बारे में रोचक तथ्य
- जोधपुर में राजस्थान का पहला आयुर्वेद विश्वविद्यालय स्थित है।
- जोधपुर में देश की पहली एडवोकेट अकादमी स्थित है।
- जोधपुर में राजस्थान का पहला फुटबॉल अकादमी स्थित है।
- जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ स्थित है।
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