कालीबंगा सभ्यता – एक परिचय

By LM GYAN

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कालीबंगा सभ्यता

🏺 कालीबंगा सभ्यता – एक परिचय

  • कालीबंगा, राजस्थान (हनुमानगढ़) में स्थित एक प्रमुख सिन्धु घाटी सभ्यता का स्थल है।
  • सिन्धु घाटी की तीन प्रमुख राजधानियाँ मानी जाती हैं:
    1. हड़प्पा (1921) – पाकिस्तान
    2. मोहनजोदड़ो (1922) – पाकिस्तान
    3. कालीबंगा – भारत (राजस्थान)
  • इतिहासकार दशरथ शर्मा ने कालीबंगा को सिन्धु घाटी की तीसरी राजधानी कहा।
  • यह स्थल घग्घर नदी (सरस्वती नदी का अवशेष) के किनारे बसा था।

🔍 खोज एवं उत्खनन

  • सर्वप्रथम जानकारी: एल. पी. टेसीटोरी (इटली) द्वारा (1887–99)
  • खोज: अमलानंद घोष (1951–52)
  • उत्खनन: ब्रजवासी लाल एवं बालकृष्ण थापर (1961–1969)
  • कालीबंगा संग्रहालय की स्थापना: 1985–86

🌊 भौगोलिक स्थिति और नदी

  • कालीबंगा – हनुमानगढ़ ज़िले में स्थित
  • किनारे: घग्घर नदी (सरस्वती के अवशेष)
  • ऋग्वेद में उल्लेखित तीन नदियाँ:
    1. सरस्वती (नदीतमा – श्रेष्ठ नदी)
    2. दृषद्वती
    3. अपाया

🏛 नगर नियोजन और संरचना

  • नगर दो भागों में विभाजित:
    • पश्चिमी भाग – दुर्गीकृत
    • पूर्वी भाग – अदुर्गीकृत
  • सड़कें समकोण पर काटती थीं – ग्रीड सिस्टम
  • पक्की और ढकी हुई नालियों की व्यवस्था
  • घरों के दरवाज़े मुख्य सड़क पर न खुलकर गली में खुलते थे (जैसे हड़प्पा में)
  • दोहरे परकोटे की सभ्यता – रक्षा प्राचीर से घिरा नगर
  • सड़कें: 5 से 7.2 मीटर चौड़ी; गलियाँ: 1.8 मीटर चौड़ी

🧱 प्रमुख पुरातात्विक अवशेष

  • 5 स्तर प्राप्त – 2 प्राक्-हड़प्पा, 3 हड़प्पा कालीन
  • जुते हुए खेत – एकमात्र स्थल जिससे यह साक्ष्य मिला
  • अग्निवैदिकाएँ (7) – यज्ञकुण्ड, बलिप्रथा के प्रमाण
  • युग्म समाधियाँ (दो लोगों की एक साथ कब्र)
  • अण्डाकार कब्रें – चिरायु कब्रें
  • शवदाह नहीं, शवों को गाड़ते थे, साथ में बर्तन, गहने
  • भूकंप के साक्ष्य
  • तंदूर जैसे सामूहिक चूल्हे
  • काली मृदपात्र, हरिण चित्र, पशु अलंकृत ईंटें
  • मिट्टी, ताँबे, काँसे की चूड़ियाँ
  • खिलौना गाड़ी, तीर, कुत्ता – पालतु पशु
  • अवतल चक्की, सालन, सिल-बट्टा
  • बेलनाकार मुहरें – मेसोपोटामिया से संबंध दर्शाती हैं
  • शल्य चिकित्सा – बालक की खोपड़ी में 6 छेद
  • स्वास्तिक चिह्न और सिक्के – व्याघ्र व कुमारी देवी चित्र

🌾 कृषि और उत्पादन

  • मुख्य फसलें: गेहूँ और जौ
  • दो फसलें एक साथ बोई जाती थीं – समकोण पंक्तियों में
  • कपास को “सिडन” कहा जाता था

✍️ संस्कृति, धर्म और विश्वास

  • मातृदेवी की मूर्तियाँ नहीं मिलीं – यह एक अपवाद है
  • बलिप्रथा के प्रमाण – जानवरों की हड्डियाँ अग्निकुण्डों में
  • पुनर्जन्म में विश्वास – शव के साथ सामग्री रखने से सिद्ध
  • कोई मंदिर नहीं मिले – मंदिर परंपरा का अभाव
  • लिपि – दायें से बाएं लिखी जाती थी; सर्पाकार/गोमूत्राकार शैली
    • लिपि को अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है

🏙️ आधुनिक प्रभाव

  • जयपुर नगर – कालीबंगा के नगर नियोजन से प्रेरित
  • कालीबंगा को “दीन हीन बस्ती” भी कहा गया – अधिकतर मकान कच्ची ईंटों से बने थे

LM GYAN

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