कोटा जिला दर्शन (Kota Jila Darshan)

By LM GYAN

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कोटा जिला दर्शन

कोटा जिले का संपूर्ण विवरण

कोटा, जिसे “शिक्षा नगरी” और “इंडस्ट्रियल हब” के रूप में जाना जाता है, राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित एक प्रमुख जिला है। यह कोचिंग संस्थानों, ऐतिहासिक धरोहरों, औद्योगिक विकास और चंबल नदी के लिए प्रसिद्ध है।

भौगोलिक स्थिति

  • देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 25.2138° N, 75.8648° E
  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 5,217 वर्ग किमी
  • सीमाएँ:
    • उत्तर में बूंदी
    • पूर्व में बारां
    • पश्चिम में भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़
    • दक्षिण में झालावाड़
  • जलवायु:
    • गर्मी में तापमान 48°C तक और सर्दियों में 5°C तक गिर सकता है।
  • भूभाग:
    • चंबल नदी के किनारे बसा यह क्षेत्र मैदानी और पठारी भूभाग का मिश्रण है।

सामान्य जानकारी

  • जनसंख्या: कोटा शहर राजस्थान का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। (प्रथम- जयपुर, द्वितीय- जोधपुर)।
  • साक्षरता: कोटा जिला राजस्थान में सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला है और सर्वाधिक महिला साक्षरता भी यहीं है।

जनसंख्या और बोलियाँ

  • जनसंख्या (2011 के अनुसार): लगभग 19 लाख
  • बोलियाँ: हाड़ौती, हिंदी और राजस्थानी

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • संस्थापक: माधोसिंह प्रथम कोटा राज्य के संस्थापक थे।
  • नामकरण: भील शासक कोटिया के नाम पर इस स्थान का नाम कोटाह (कोटा) रखा गया।
  • उम्मेदसिंह द्वितीय: इन्हें कोटा का शाहजहां कहा जाता है और इन्हें आधुनिक कोटा का निर्माता माना जाता है।

नदियाँ, झीलें और बाँध

मुख्य नदियाँ:

  • चंबल नदी – कोटा की जीवनरेखा, जो जल संसाधन और विद्युत उत्पादन का प्रमुख स्रोत है।
  • परवन नदी – चंबल की सहायक नदी।
  • काली सिंध नदी – कोटा जिले से होकर गुजरती है।

मुख्य झीलें:

  • अभेड़ा झील – खूबसूरत प्राकृतिक झील, जो पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।
  • कंसुआ झील – ऐतिहासिक झील, जो धार्मिक महत्व रखती है।

मुख्य बाँध:

  • गांधी सागर बाँध – चंबल नदी पर स्थित यह बाँध हाइड्रोपावर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
  • कोटा बैराज – यह राजस्थान के जल प्रबंधन और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

सामाजिक एवं राजनीतिक आंदोलन

  • कोटा प्रजामंडल: 1939 में स्थापित, इसके संस्थापक पंडित नयनूराम शर्मा थे। उन्हें हाड़ोती क्षेत्र में जनजागृति का जनक कहा जाता है।

प्रमुख स्थल एवं संरचनाएँ

  • अबली मीणी का महल: मुकुंद सिंह हाड़ा द्वारा निर्मित, इसे कोटा का ताजमहल या हाड़ोती का ताजमहल कहा जाता है।
  • जगमंदिर महल: किशोरसागर तालाब के बीच स्थित, इसका निर्माण 1739 ई. में महाराव दुर्जनशाल सिंह हाड़ा की रानी ब्रजकँवर ने करवाया था।
  • अभेड़ा महल: चम्बल नदी के किनारे स्थित।
  • छत्र विलास उद्यान: महाराजा छत्रसाल द्वारा निर्मित।
  • क्षार बाग: छत्र विलास उद्यान के पास स्थित, यहाँ कोटा नरेशों की कलात्मक छतरियाँ (श्मशान) हैं।
  • अहिंसा वाटिका: 1993 में निर्मित, यह वाटिका सर्वधर्म समभाव का संदेश प्रसारित करती है। इस पार्क में एकता सूर्यस्तम्भ स्थापित किया गया है।
  • चम्बल उद्यान: चम्बल नदी के किनारे रावतभाटा मार्ग पर 1972-1976 की अवधि में विकसित किया गया।
  • अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क: 1995 में स्थापित, यह पार्क जलीय जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
  • अभेड़ा तालाब: कोटा जिले में स्थित, यहाँ आलणिया सिंचाई परियोजना, सावन-भादो परियोजना, हरिश्चन्द्र परियोजना, तकली परियोजना संचालित हैं।

प्राकृतिक एवं वन्यजीव अभयारण्य

  • दर्रा अभयारण्य: हाल ही में इसे मुकुन्दरा हिल्स नेशनल पार्क के रूप में शामिल किया गया है। यहाँ तिपटिया नामक स्थान पर प्रागैतिहासिक काल के शैल चित्र प्राप्त हुए हैं।
  • राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य: यह अभयारण्य कोटा में सर्वाधिक तथा बूंदी, सवाईमाधोपुर, करौली एवं धौलपुर जिलों में विस्तृत है। इसे घड़ियालों का संसार कहा जाता है।
  • मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान: यह राष्ट्रीय उद्यान कोटा और झालावाड़ में फैला हुआ है।

शिक्षा एवं अनुसंधान

  • वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय: 1987 में स्थापित, इसका नाम परिवर्तित कर वर्धमान महावीर विश्वविद्यालय कर दिया गया है।
  • राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय: कोटा में स्थित।
  • बोरखेड़ा में सोयाबीन शोध संस्थान: कोटा में स्थापित।
  • राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट
  • एनटीपीसी (NTPC) कोटा
  • जेके लक्ष्मी सीमेंट फैक्ट्री
  • कोटा यूनिवर्सिटी
  • कोटा थर्मल पावर स्टेशन
  • रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र (पास में स्थित)

उद्योग एवं व्यापार

  • राजस्थान के कानपुर: कोटा को राजस्थान के कानपुर के नाम से जाना जाता है, यह राजस्थान का प्रमुख औद्योगिक स्थल है।
  • राज्य का पहला मिल्क पाउडर कारखाना: कोटा में स्थापित।
  • राज्य की धनिया मण्डी: रामगंज मण्डी (कोटा) में स्थित।
  • विश्व प्रसिद्ध कोटा स्टोन: रामगंज मण्डी (कोटा) प्रसिद्ध है।

सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थल

  • कंसुआ का शिव मंदिर: 8वीं शताब्दी में निर्मित, यहाँ आठवीं शताब्दी की कुटिल लिपि में शिवगण मौर्य का शिलालेख है।
  • चारचौमा का शिवालय: प्राचीन शिव मंदिर।
  • गेपरनाथ महादेव मंदिर: मुकुन्दरा हिल्स की पहाड़ियों में स्थित।
  • गरडिया महादेव मंदिर: चम्बल नदी के किनारे स्थित।
  • विभीषण मंदिर: कैथून-कोटा में स्थित, यह भारत का एक मात्र विभीषण मंदिर है।
  • भीम चौरी: गुप्तकालीन शिव मंदिर, दर्रा-मुकुन्दरा के मध्य स्थित।
  • बूढ़ादीत का सूर्य मंदिर: दींगोद तहसील में स्थित, यह पंचायतन शैली का प्राचीनतम सूर्य मंदिर है।
  • गोदावरी धाम: चम्बल नदी के किनारे स्थित, यहाँ भगवान हनुमानजी का मंदिर है।

प्रमुख व्यक्तित्व

  • ओम बिड़ला: राजस्थान मूल के लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले प्रथम व्यक्ति, इनका संबंध कोटा जिले से है।
  • नगेंद्र बाला: राज्य की प्रथम महिला जिला प्रमुख, इनका संबंध कोटा जिले से है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • दशहरा: कोटा का दशहरा देश में तीसरे स्थान पर है।
  • कोटा डोरिया: हस्तशिल्प-कला को G.I. टैग दिया गया है।
  • राज्य की प्रथम लोक अदालत: कोटा में आयोजित की गई।
  • राज्य का प्रथम टेलिमेडिसिन सेन्टर: कैथून (कोटा) में स्थापित।
  • भारत का पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन का राजस्थान में प्रथम टर्मिनल पॉइंट: कोटा में स्थित।
  • ब्लैक पॉटरी: कोटा जिले की प्रसिद्ध है।
  • राज्य का पहला मिल्क पाउडर कारखाना: कोटा में स्थापित।
  • राज्य की चम्बल नदी पर रिवर फ्रंट: 800 करोड़ की लागत से कोटा जिले में निर्माण किया जा रहा है।
  • नौकायन अकादमी: कोटा में स्थित।
  • बालिका फुटबॉल अकादमी: कोटा में स्थित।
  • राज्य का प्रथम टेलिमेडिसिन सेन्टर: कैथून (कोटा) में स्थापित।
  • भारत का पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन का राजस्थान में प्रथम टर्मिनल पॉइंट: कोटा में स्थित।
  • ब्लैक पॉटरी: कोटा जिले की प्रसिद्ध है।
  • राज्य का पहला मिल्क पाउडर कारखाना: कोटा में स्थापित।
  • राज्य की चम्बल नदी पर रिवर फ्रंट: 800 करोड़ की लागत से कोटा जिले में निर्माण किया जा रहा है।
  • नौकायन अकादमी: कोटा में स्थित।
  • बालिका फुटबॉल अकादमी: कोटा में स्थित।

LM GYAN

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