कोटपुतली-बहरोड़ जिला दर्शन (Kotputli-Behror Jila Darshan)

By: LM GYAN

On: 6 April 2025

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कोटपुतली-बहरोड़

कोटपुतली-बहरोड़ जिला – संपूर्ण विवरण

कोटपुतली-बहरोड़ जिला राजस्थान के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और यह औद्योगिक गतिविधियों, ऐतिहासिक स्थलों और राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए प्रसिद्ध है। यह पहले जयपुर और अलवर जिलों का हिस्सा था, लेकिन 2025 में इसे एक नया जिला बनाया गया।

भौगोलिक स्थिति

  • देशांतर एवं अक्षांशीय विस्तार: 27.60° N, 76.17° E
  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 4,500 वर्ग किमी
  • सीमाएँ:
    • उत्तर में हरियाणा राज्य
    • दक्षिण में जयपुर जिला
    • पूर्व में अलवर जिला
    • पश्चिम में सीकर जिला
  • जलवायु:
    • गर्मियों में तापमान 45°C तक पहुँच सकता है।
    • सर्दियों में न्यूनतम तापमान 4°C तक गिर सकता है।
  • भूभाग:
    • यहाँ मैदानी और पहाड़ी दोनों प्रकार के क्षेत्र हैं।
    • अरावली पर्वतमाला का प्रभाव यहाँ देखा जाता है।

भौगोलिक विशेषताएँ

1. पहाड़ियाँ एवं ऊँचाई

  • बैराठ की चोटी: उत्तरी अरावली की सबसे ऊँची चोटी (704 मीटर)।
  • प्रमुख पहाड़ियाँ:
    • बैराठ की पहाड़ियाँ
    • बीजक की पहाड़ियाँ
    • भीम डूंगरी
    • गणेश डूंगरी
    • महादेव डूंगरी

2. नदियाँ

(A) साबी नदी (साहिबी नदी)

  • लंबाई: 222 किमी.
  • उद्गम: सेवर की पहाड़ियाँ (जयपुर ग्रामीण)।
  • संगम: पटोदी ग्राम (हरियाणा) के पास नजफगढ़ झील में।
  • प्रवाह क्षेत्र:
    • जयपुर ग्रामीण
    • कोटपुतली-बहरोड़
    • खैरथल-तिजारा
  • महत्व:
    • जिले को दो भागों में विभाजित करती है।
    • जोधपुरा सभ्यता (ताम्रकाल से लोहयुग तक) इसी नदी के किनारे स्थित है।
    • “कोटपुतली-बहरोड़ का शोक” कहलाती है।

(B) बाणगंगा नदी

  • अन्य नाम: ताला नदी, अर्जुन की गंगा, रूण्डित नदी।
  • महत्व: स्थानीय जलापूर्ति में योगदान।

ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व

1. जोधपुरा सभ्यता

  • काल: ताम्रकाल (गणेश्वर सभ्यता के समकालीन) से लोहयुग (1000 ईसा पूर्व)।
  • महत्वपूर्ण खोज:
    • गैरिक मृदभांड (OCP) एवं चित्रित धूसर मृदभांड (PGW)।
    • हाथी दांत के अवशेष।

2. विराटनगर (बैराठ)

  • प्राचीन नाम: मत्स्य जनपद की राजधानी।
  • महत्व:
    • महाभारत कालीन विराट राज्य की राजधानी।
    • बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र।
    • मौर्यकालीन अवशेष:
      • सम्राट अशोक के दो लघु शिलालेख (1837 में बर्ट द्वारा खोजे गए):
        1. भानु अभिलेख (बीजक पहाड़ी से प्राप्त)।
        2. बैराठ अभिलेख

3. ऐतिहासिक शासन

  • 1300 ईसा पूर्व: मयूरध्वज का शासन।
  • बाद में: शालीवाहन वंश का शासन।
  • तंवर राजपूतों का प्रभाव: इस क्षेत्र को “तोरावटी” या “राठ” कहा जाता था।
  • कोटपुतली का प्राचीन नाम: कोटकासिम।

आर्थिक एवं औद्योगिक विकास

1. प्रमुख उद्योग

  • अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट:
    • क्षमता: 13 लाख टन (एशिया की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी)।
  • नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र:
    • जापानी पार्क (JETRO कंपनी द्वारा विकसित)।
    • दक्षिण कोरियाई पार्क
    • राज्य का तीसरा निर्यात संवर्द्धन पार्क (EPIZ)
    • प्रमुख कंपनियाँ: पारलेजी, हेवेल्स इलेक्ट्रॉनिक, हीरो मोटर्स।
  • भैसलाना: काला संगमरमर के लिए प्रसिद्ध।

2. कृषि एवं ऊर्जा

  • राज्य का सबसे बड़ा दुग्ध पैकिंग स्टेशन: कोटपुतली।
  • सौर ऊर्जा (KUSUM योजना):
    • राजस्थान प्रथम स्थान पर
    • किसानों को बंजर भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 60% सब्सिडी।

3. परिवहन एवं अवसंरचना

  • दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC): जिले से गुजरता है।
  • NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र):
    • कोटपुतली-बहरोड़, अलवर, खैरथल-तिजारा और डीग जिले NCR में शामिल।

सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व

1. प्रमुख मंदिर

  • जिलाणी माता मंदिर (बहरोड़):
    • प्रसिद्ध बावड़ी के निकट स्थित।
    • वर्ष में दो बार मेला आयोजित।
  • विनय विलास महल:
    • निर्माण: महाराजा बख्तावर सिंह (1793)।
    • शैली: भारत-इस्लामी (इंडो-इस्लामिक) वास्तुकला।

2. पशु मेला एवं पशुधन

  • बहरोड़ पशु मेला: मुर्रा नस्ल की भैंसों के लिए प्रसिद्ध।
  • जखराना बकरी: दूध एवं मांस उत्पादन के लिए प्रसिद्ध।

3. वन्यजीव अभयारण्य

  • बुचारा राजकीय तेंदुआ अभयारण्य (पावटा):
    • राजस्थान बजट 2023 में अधिसूचित।

राजनीतिक एवं प्रशासनिक इतिहास

  • 1857 की क्रांति: जयपुर महाराजा रामसिंह-II को अंग्रेजों का सहयोग करने के लिए कोटपुतली परगना प्रदान किया गया।
  • मत्स्य संघ: कोटपुतली-बहरोड़ का कुछ भाग मत्स्य संघ (1948) में शामिल था।

संक्षिप्त तालिका: कोटपुतली-बहरोड़ के प्रमुख तथ्य

विषयविवरण
उच्चतम चोटीबैराठ की पहाड़ी (704 मीटर)
प्रमुख नदीसाबी नदी (222 किमी)
ऐतिहासिक स्थलविराटनगर (महाभारत कालीन), जोधपुरा सभ्यता
प्रमुख उद्योगनीमराणा औद्योगिक क्षेत्र, अल्ट्राटेक सीमेंट
धार्मिक स्थलजिलाणी माता मंदिर, विनय विलास महल
वन्यजीव अभयारण्यबुचारा तेंदुआ अभयारण्य

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