लक्षद्वीप: 6 enchanting facts जो इसे भारत का coral paradise और serene beauty का magical प्रतीक बनाते हैं

By LM GYAN

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लक्षद्वीप, भारत का सबसे छोटा केन्द्र-शासित प्रदेश, अरब सागर में केरल तट से 280-480 किमी दूर स्थित एक मूँगा द्वीप-समूह है। यह 36 द्वीपों का समूह है, जिनमें से केवल 10 पर मानव बस्तियाँ हैं। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, प्रदूषण-मुक्त वातावरण, और समृद्ध समुद्री जैव-विविधता के लिए प्रसिद्ध, लक्षद्वीप पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। इसकी राजधानी कवरत्ती है। यह लेख लक्षद्वीप के भूगोल, इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था, और पर्यटन का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत करता है।


बुनियादी जानकारी

  • निर्देशांक: 8°-12°13′ उत्तरी अक्षांश, 71°-74° पूर्वी देशान्तर
  • राष्ट्र: भारत
  • क्षेत्र: अरब सागर
  • गठन: 1 नवंबर 1956
  • राजधानी: कवरत्ती
  • सबसे बड़ा नगर: अन्दरोत
  • जिले: 1 (लक्षद्वीप)
  • शासन:
  • प्रशासक: प्रफुल खोदा पटेल
  • लोक सभा सांसद: मोहम्मद फैज़ल (NCP)
  • उच्च न्यायालय: केरल उच्च न्यायालय
  • क्षेत्रफल:
  • कुल: 32 किमी²
  • क्षेत्र पद: सबसे छोटा केन्द्र-शासित प्रदेश
  • जनसंख्या (2011):
  • कुल: 64,429
  • पुरुष: 33,106
  • महिला: 31,323
  • घनत्व: 2,013 प्रति किमी²
  • भाषाएँ:
  • आधिकारिक: मलयालम, अंग्रेजी
  • क्षेत्रीय: माहल (मिनिकॉय)
  • जलवायु:
  • प्रकार: उष्णकटिबंधीय
  • तापमान: 28°C (शीत) से 32°C (ग्रीष्म)
  • वर्षा: अधिकतम 241.8 मिमी
  • समय मंडल: भारतीय मानक समय (UTC+05:30)
  • ISO 3166 कोड: IN-LD
  • वाहन पंजीकरण: LD
  • मानव विकास सूचकांक: उच्च (विशिष्ट आँकड़े अनुपलब्ध)
  • साक्षरता (2011): 92.18% (केन्द्र-शासित प्रदेशों में सर्वाधिक)
  • लिंगानुपात: 946♀/1000♂
  • राजकीय प्रतीक:
  • पशु: सूरी टेम
  • पक्षी: सूरी टेम
  • वृक्ष: ब्रेड फ्रूट
  • वेबसाइट: www.lakshadweep.gov.in

भौगोलिक अवलोकन

लक्षद्वीप भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप-समूह है, जो प्रवाल भित्तियों (एटोल) से बना है।

  • स्थान:
  • केरल तट से 280-480 किमी पश्चिम
  • अरब सागर में
  • द्वीप:
  • कुल: 36 (12 प्रवाल द्वीप, 3 प्रवाल भित्तियाँ, जलमग्न बालू तट)
  • बस्ती वाले: 10 (अन्दरोत, कदमत, मिनिकॉय, कवरत्ती, अगत्ती, अमिनि, कल्पेनी, किल्टन, चेटलाट, बित्रा)
  • प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ:
  • प्रवाल भित्तियाँ: मूँगा एटोल, समुद्री जैव-विविधता
  • लैगून: पारदर्शी नीला पानी
  • वृक्ष: नारियल और पाम
  • जलवायु:
  • उष्णकटिबंधीय, आर्द्र
  • मानसून: मई-सितंबर
  • प्राकृतिक संसाधन:
  • समुद्री: मछलियाँ, मूँगा
  • वनस्पति: नारियल, केला, पपीता
  • विशेष:
  • प्रदूषण-मुक्त: स्वच्छ हवा और पानी
  • जैविक उत्पाद: नारियल

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

लक्षद्वीप का इतिहास प्राचीन और औपनिवेशिक काल से जुड़ा है।

  • प्राचीन काल:
  • 6ठी-7वीं सदी: बौद्ध प्रभाव (पुरातात्विक खोज)
  • 8वीं सदी: इस्लाम का आगमन (अरब सूफी अबैदुल्ला, हिजरी 41)
  • मूल निवासी: केरल से समानता
  • मध्यकाल:
  • 16वीं सदी: चिरक्कल राजा का प्रभाव
  • 17वीं सदी: कन्नानूर के मोपला समुदाय (अली राजा)
  • 1787: टीपू सुल्तान का कब्जा
  • औपनिवेशिक काल:
  • 19वीं सदी: ईस्ट इंडिया कंपनी
  • 20वीं सदी: पूर्ण ब्रिटिश नियंत्रण
  • आधुनिक काल:
  • 1956: केन्द्र-शासित प्रदेश
  • 1973: नाम परिवर्तन (लक्का दीव, मिनीकाय, अमीनदीवी से लक्षद्वीप)
  • विशेष:
  • पुरातात्विक मकबरे: 8वीं सदी
  • स्वतंत्रता: कोई प्रमुख आंदोलन नहीं

जनसांख्यिकी और भाषाएँ

लक्षद्वीप की जनसंख्या 64,429 (2011) है, जो भारत के सबसे कम आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है।

  • धर्म (2011):
  • मुस्लिम: 96.58%
  • हिंदू: 2.77%
  • अन्य: ईसाई, जैन
  • भाषाएँ:
  • मलयालम: अधिकांश द्वीप
  • माहल: मिनिकॉय (मालदीव की धिवेही से समान)
  • अंग्रेजी: प्रशासनिक
  • साक्षरता: 92.18% (उच्च)
  • लिंगानुपात: 946♀/1000♂
  • प्रमुख समुदाय:
  • मलयाली मूल: केरल से समानता
  • मिनिकॉय: मालदीव प्रभाव
  • विशेष:
  • सजातीय समुदाय: न्यूनतम बाहरी मिश्रण
  • उच्च साक्षरता: शिक्षा पर जोर

संस्कृति

लक्षद्वीप की संस्कृति केरल और मालदीव से प्रभावित है।

  • कला और शिल्प:
  • नारियल रेशा: रस्सी, चटाई, दरी
  • समुद्री शंख: सजावटी वस्तुएँ
  • संगीत और नृत्य:
  • लोक नृत्य: परिचम काली, कोलकाली
  • संगीत: माहल प्रभाव (मिनिकॉय)
  • त्योहार:
  • प्रमुख: ईद-उल-फितर, ईद-उल-अज़हा
  • स्थानीय: मिनिकॉय उत्सव
  • भोजन:
  • प्रमुख व्यंजन: नारियल-आधारित करी, मछली, चावल
  • विशेष: समुद्री भोजन
  • पहनावा:
  • पुरुष: लुंगी, कुर्ता
  • महिलाएँ: साड़ी, हिजाब (मुस्लिम प्रभाव)
  • विशेष:
  • इस्लामिक संस्कृति: सजातीय प्रभाव
  • मिनिकॉय: मालदीव से विशिष्टता

अर्थव्यवस्था

लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था नारियल उत्पादन, मछली पालन, और पर्यटन पर आधारित है।

  • कृषि:
  • प्रमुख फसल: नारियल (580 लाख/वर्ष)
  • विशेष: जैविक नारियल, 72% तेल सामग्री
  • खेती क्षेत्र: 2,598 हेक्टेयर
  • मछली पालन:
  • उत्पादन: 11,751 टन (2006)
  • भारत में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति मछली उपलब्धता
  • हस्तशिल्प:
  • नारियल रेशा: रस्सी, चटाई, मैट
  • सरकारी इकाइयाँ: 7 फैक्ट्रियाँ, 4 बंटाई इकाइयाँ
  • पर्यटन:
  • पर्यटक: 23,303 (2006, 2,622 विदेशी)
  • आकर्षण: स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग
  • विशेष:
  • आयात: अनाज, सब्जियाँ, पेट्रोलियम (कोच्चि से)
  • सीमित संसाधन: वर्षा जल पर निर्भरता

यातायात

  • वायु मार्ग:
  • हवाई अड्डा: अगत्ती (लक्षद्वीप का एकमात्र)
  • उड़ानें: कोच्चि (दैनिक, रविवार除外)
  • हेलिकॉप्टर: आपातकालीन सेवा
  • जल मार्ग:
  • जहाज: कोच्चि, बेपोर से (18-20 घंटे)
  • यात्री जहाज: एम.वी. टीपू सुल्तान, एम.वी. भारत सीमा
  • मालवाहक: एम.वी. उबेदुल्ला, एम.वी. लक्षदीव
  • तेलवाहक: एम.वी. सुहेली
  • स्थानीय परिवहन:
  • फेरी: द्वीपों के बीच
  • मोटर नौकाएँ: छोटी दूरी
  • विशेष:
  • मानसून: जल सेवा बंद
  • हेलिकॉप्टर एम्बुलेंस: चिकित्सा आपातकाल

पर्यटन स्थल

लक्षद्वीप अपनी प्रवाल भित्तियों, नीले लैगून, और जलक्रीड़ाओं के लिए पर्यटकों का स्वर्ग है।

  • प्रमुख द्वीप:
  • बंगारम: विदेशी पर्यटकों के लिए खुला, स्नॉर्कलिंग
  • कवरत्ती: राजधानी, मस्जिद, एक्वेरियम
  • अगत्ती: हवाई अड्डा, लैगून
  • कदमत: समुद्री जैव-विविधता
  • मिनिकॉय: मालदीव संस्कृति, लाइटहाउस
  • कल्पेनी: प्रवाल भित्तियाँ
  • गतिविधियाँ:
  • स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग, कयाकिंग
  • मछली अवलोकन: पारदर्शी पानी
  • विशेष:
  • सीमित प्रवेश: देशी (6 द्वीप), विदेशी (2 द्वीप)
  • पर्यावरण संरक्षण: सख्त नियम

प्रशासन

  • राजधानी: कवरत्ती
  • जिला: 1
  • प्रशासन:
  • केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत सरकार के अधीन
  • प्रशासक: सर्वोच्च अधिकारी
  • विधानमंडल: अनुपस्थित
  • विशेष:
  • केरल उच्च न्यायालय: क्षेत्रीय अधिकार
  • लोक सभा: 1 सीट

शिक्षा

  • साक्षरता: 92.18% (2011)
  • प्रमुख संस्थान:
  • सरकारी स्कूल: सभी प्रमुख द्वीपों पर
  • उच्च शिक्षा: कोच्चि पर निर्भर
  • विशेष:
  • उच्च साक्षरता: सामुदायिक जोर
  • सीमित सुविधाएँ: मुख्यभूमि पर निर्भरता

समस्याएँ और संभावनाएँ

  • चुनौतियाँ:
  • पानी की कमी: वर्षा जल पर निर्भरता
  • आयात: खाद्य और सामग्री की कमी
  • कनेक्टिविटी: सीमित परिवहन
  • संभावनाएँ:
  • पर्यटन: वैश्विक आकर्षण
  • नारियल और मछली: निर्यात संभावना
  • प्रवाल संरक्षण: वैज्ञानिक अनुसंधान

निष्कर्ष

लक्षद्वीप, अपनी मूँगा भित्तियों, नीले लैगून, और प्रदूषण-मुक्त वातावरण के साथ, भारत का एक अनमोल रत्न है। बंगारम, कवरत्ती, और अगत्ती जैसे द्वीप पर्यटकों को समुद्री सौंदर्य और जलक्रीड़ाओं का अनुभव प्रदान करते हैं। नारियल उत्पादन और मछली पालन इसकी आर्थिक रीढ़ हैं। हालांकि संसाधनों की कमी और कनेक्टिविटी चुनौतियाँ हैं, पर्यटन और जैव-विविधता संरक्षण की संभावनाएँ इसे भारत का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती हैं।


LM GYAN

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